स्वीट डिश
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" हे रंडी रानी, अभी तुझे स्वीट डिश बनानी है, टेबल सेट करनी है " रीनू ने गुड्डी के चूतड़ों पे प्यार से एक हाथ कस के मारते हुए बोला,
और गुड्डी के पिछवाड़े से एक कतरा भाई की मलाई का निकल पड़ा, वो मीठी निगाह से अपने भाई की ओर देखते, बोली, " मीठी भाभी, चल मैं तो रंडी हूँ, लेकिन वो रंडी का भाई क्या हुआ ?"
" भंडुआ, बहन का दल्ला और क्या " हँसते हुए रीनू बोली,
" हे भंडुए चल जरा अपनी बहन की हेल्प कर, वो पांच छ दसहरी आम निकाल के उनकी लम्बी लम्बी स्लाइस काट ले, " गुड्डी ने अपने भैया को स्वीट डिश बनाने के काम पे लगा दिया और बाकी काम में वो खुद,
" थोड़ा मैरीनेट तो करा दे भैया ज्यादा टैंगी हो जाएगा, भैया मेरे "
गुड्डी ने अपनी चम्पाकली की दोनों फांको को फैला के अपने भाई को लुहकाया और कौन भाई छोड़ देता तो बस एक साथ दो तीन लम्बी लम्बी आम की फांके गुड्डी रानी की चूत में,
" चल फ़ास्ट मैरीनेट करा देता हूँ "
हँसते हुए उसके भाई ने बोला और गुड्डी की सीधे क्लिट चूसने लगा और साथ में उँगलियों से दोनों फांको को रगड़ने लगा, और चासनी निकलने लगी, आम की फांके चूत रस में भीग उठीं।
भाई बहन की ये टीम, भाई के जिम्मे अभी भुना गोश्त बनाना बाकी था। अपनी चूत में आम की फांके घुसाए गुड्डी अपने भैया के के लिए सब मसाले, 2-3, तेज पत्ता, 4 लौंग, लंबी ,¼ इंच दालचीनी छड़ी, 2-3 हरी मिर्च, आधी तोड़ी हुई, हरी मिर्च, 4 मध्यम प्याज, कटा हुआ, प्याज. 1 बड़ा चम्मच नरम धनिया का तना, मोटा कटा हुआ, धनिया के दाने,1 ½ बड़ा चम्मच धनिया पाउडर,1 छोटा चम्मच देगी लाल मिर्च पाउडर, दे, गी लाल मिर्च पाउडर½ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, हल्दी पाउडर, 1 चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट
जिस काम में दस पंद्रह मिनट लगता, भाई बहन ने मिल के ५ मिनट में निबटा दिया और फिर जब तक उसका भाई गोश्त भुनने में लगा था गुड्डी स्वीट डिश के बाकी काम में
चल भैया तुझे स्वीट डिश टेस्ट कराती हूँ, गुड्डी उछल के भाई के बगल में ,
क्या मस्त स्वीट डिश थी, भाई स्पेशल,
गुड्डी ने अपनी कसी चूत में आम की लम्बी फांके, खोंस रखी थी और उसके ऊपर क्रीम, ढेर सारी लथेड़ दी थी। और उसके भाई चूस चाट रहे थे। आम की सारी फांके भाई के मुंह में और क्रीम चेहरे पे
रीनू अपने जीजू की मस्ती देख रही थी और गुड्डी की हेल्प में स्वीट डिश सेट कर रही थी, वाइन के प्याले में क्रीम , मैंगो की लम्बी लम्बी फांके, ग्रेप्स के टुकड़े और सबसे ऊपर गारिंश के लिए एक चेरी।
जब तक गुड्डी और रीनू ने मिल के टेबल सेट की, भुना गोश्त और रोगन जोश भी तैयार था। बैगन की कलौंजी रीनू ने पहले ही तैयार कर दी थी।
लेकिन गुड्डी की हालत खराब थी, वो चल नहीं पा रही थी, कभी दीवाल का सहारा लेती तो कभी टेबल का, सुबह से चार बार उसके पिछवाड़े मोटा बांस जा चका था और किचेन में तो और रगड़ के ली गयी, फिर चार मोटे बैगन भी, एकदम जड़ तक, जोर जोर की चिल्ख उठ रही थी.
और थोड़ी देर में सभी लोग लंच के लिए टेबल पे, टंकी सब की खाली हो गयी थी, दो दो राउंड मलाई निकल गयी थी, दिन अभी बाकी था।
हांडी चिकेन,
भुना गोश्त,
रोगनजोश, बैगन की कलौंजी, बिरयानी
और गुड्डी की पेसल स्वीट डिश
लंच के समय भी मस्ती चलती रही।
बचपन में जो बहना अपने भैया की गोद में खेली थी
आज वही छोटी बहना भैया ने अपने लंड से पेली थी
बचपन में जो भैया बहना के लिए लॉलीपॉप है लाता
आज वही भैया उस बहना को अपना लंड है चुसवाता
रूठी बहना देखके विचलित हो जाताथा जिसका मन
आज उसकी बहना की चूत में डाल रहा है अपना लन
जिस प्यारी बहना से आजतक उसने राखी है बंधवाई
उसी नटखट बहन की पूरी रात ही हुई है आज चुदाई
बचपन में नहीं थकती थी वोजिसको कहते कहते भैया
उसके लंड पर कूद रही है मन से मान के उसको सैया
डॉक्टर की छोटी सी सुई से जो लड़की थी डर जाती
भैया का मोटा लंड लेने से अब वो कभी नहीं घबराती
जिस भैया ने खाई कसम करेगा योवन की रखवाली
आज उसी भैया को बहना ने अपनी गांड भी है दे डाली
भैया की छुई चीज को लेने से जो करती थी अनाकानी
आज उसी भैया के लंड से निकला वो पीगई पूरा पानी