ayush01111
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Sa
Sach bolu in one word absolute perfect description of war roomमिस्टर षणमुगम, पेंशन फंड,.... और हवा पलटी
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था और मीनल, अनुराधा दोनों की निगाहें मेरे चेहरे पर, फोन पर नाम साफ़ था, लेकिन मेरे मन में था की पता नहीं सांप का जो मंतर मैंने इतनी मेहनत से फूंका था, चला की नहीं।
फोन पर मिस्टर षणमुगम खुद थे और उनकी आवाज की चहक और खनक से पता चल गया की मंतर चल गया, उन्होंने सिर्फ एक लाइन बोली,
" डोंट वरी, आई नो यू र इन अ सूप। देयर वेयर सम प्रेशर्स, बट वी ओवरकेम, एंड वी आर विद यू, ....जस्ट होल्ड देम फॉर ट्वेंटी मिन्ट्स,.... एंड यस यू मस्ट नो सम मैजिक, थैंक्स सो मच, वो गॉट द ग्रीन लाइट, एंड प्रॉसेस विल बी कम्पलीट इन फोर फाइव डेज। आई में बी गोइंग देयर नेक्स्ट वीक,...."
मैं थैंक यू बोलता उसके पहले उन्होंने फोन काट दिया।
और हवा, माहौल, मूड सब बदल गया।
मेरे रिलैक्स्ड चेहरे को देख के अनु, मीनल सब के चेहरे पर चमक आ गयी और यहाँ तक की अनीस भी खुश हो गया और उसने हम सब की ओर बीयर के कैन उछाल दिए,
" एल आई सी, .....इन ट्वेंटी मिनिट्स " कह के मैंने थम्प्स अप दिया,
' होल्ड ट्रेडिंग फॉर फाइव मिनट्स, मीनल माइक में बोली और ऊँगली से पांच का इशारा किया और मेरी ओर मुड़ी, और कस के मुझे हग कर लिया,
और क्या हग किया, जबरदस्त।
किसी भी लड़की को सबसे पहले यही मालूम होता है की उसके बूब्स लड़के पर क्या असर डाल रहे हैं और मीनल की तो एक्स रे आयी थीं, १०० किमी दूर किस के प्रेशर कूकर में कौन सी दाल पक रही है वो देख सकती थी, किस इन्वेस्टर के जेब में कितना पैसा है तो मेरे ऊपर उसके जबरदस्त कड़क बूब्स का असर तो वैसे भी मेरे तम्बू में बम्बू से पता चल जा रहा था और मीनल अब जान बुझ के अपने बड़े बड़े कड़े कड़े बूब्स मेरे सीने से रगड़ रही थी, और वैसा जबरदस्त डीप फ्रेंच किस तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था और हाथ उसका सीधे मेरे खूंटे पे, कस कस के रगड़रही थी और पहले मुझसे बोली.
" स्साले, अभी इस बीयर दल की गांड न मारनी होती न तो अभी यहीं तुझे बिना चोदे न छोड़ती, लेकिन आज तो बम्बई से बिन चुदवाये नहीं जाएगा, इत्ता मजा आ रहा है, अब स्साले आएंगे गड्ढे में,.... "
और अनु की हालत उससे भी ज्यादा खराब, सामने स्क्रीन को देख के वो ऐसी अराउजड हो रही थी, अपनी जाँघे आपस में रगड़ रही थी , हाथ बार जींस की बटन पे जा के रुक जा रहे थे, आँखे मस्त हो रही थीं थी,
" अरे झड़ स्साली, किस गांडू से लजा रही है, इस चिकने से ,.... ये स्साला तो खुद हमारी हाल में है, एकदम तन्नाया है खोल दे बुलबुल "मीनल मस्ती से अनु को उकसाते बोली, खुद मीनल एकदम गर्मायी
और अनुराधा का हाथ उसकी जींस के अंदर, और क्या जबरदस्त ज्वालामुखी फूटा, भयंकर आर्गाज्म
और मुझसे छुड़ा के मीनल की भी हालत तो अनुराधा से भी ख़राब , दो मिनट तक कांपती रही, बस स्क्रीन को देखती, और झड़ना शुरू
फिर शिब्बू को देख के बोली,
" अबे तुझसे तो इन से कोई मतलब नहीं,.... तू लगा रह "
और अब मुझे दो बातें समझ में आ गयीं
एक तो शिब्बू, उसे लड़कियों से कोई मतलब नहीं था।
नहीं नहीं, लड़कियों के साथ लड़कों से भी मतलब नहीं था। खड़ा होता था, उसका भी, तनता भी और झड़ता भी लेकिन बस दो बातों से
एक तो मैथ्स के लम्बे लम्बे इक्वेशन से और दूसरे सबसे जटिल अलॉगर्थिम से, २१ साल की उम्र में उसने प्रिंसटन से प्योर मैथ्स में पी एच दी थी
वो बीयर भी नहीं पीता था लेकिन काफी अपने हाथ से ग्राइंड करके और बीन्स देख के उसकी हिस्ट्री बता दे, तो शिब्बू हमारे राइवल की कुंडली बनाने में लग गया वो किस लेवल तक जाएंगे और अनीस उन्हें हैक करने,
और अनु और मीनल सामने बोर्ड को देख के इसलिए गरमा रही थीं की अब उन्हें एक नोन इवेंट मालूम थीं जो राइवल को क्या उनके सपोर्ट्स को भी नहीं मालूम था और अब वो अच्छी तरह से मैनिपुलेट कर सकती थीं.
शेयर मार्केट में जहाँ जरा सी टिप लोगों की किस्मत बदल सकती थी, वहां हमें इतनी बड़ी टिप मिल गयी थी, जो अगले आधे घंटे के बाद सब ट्रेडिंग में उलट फेर कर देती। एक छोटे खिलाड़ी के लिए बड़ी खबर होती, और मीनल ऐसी जबरदस्त स्टॉक मार्केट की मछली के लिए तो उथल पुथल करने के लिए काफी थी , फिर जैसे ही एक बड़ा इन्वेस्टर हमारी ओर आता, एकदम से मार्केट का कॉन्फिडेंस मूड सब चेंज होता,
पहली बार मैं देख रहा था बिजेनस का एक्ससाइटमेंट, अराउजल, किसी हालत में सेक्सुअल अराउजल से कम नहीं होता, बल्कि देखने के साथ महसूस भी कर रहा था, न सिर्फ अनुराधा और मीनल की देह में बल्कि अपनी देह में, मेरा भी एकदम तन्नाया हुआ, खड़ा, पागल बौराया था। अभी दो मिनट पहले तक लग लग रहा था की बाजी हम लोगों के हाथ से निकल गयी पर अब एक मौका था, हारी बाजी पलटने का, और जबरदस्त मौका, सोच सोच के ही, पूरी देह में एक जोर का नशा था, बस मौका मिले और, पेल दे
दोनों लड़कियां अभी भी आर्गाज्म के असर में थी,
सामने स्क्रीन पे शेयर्स को देखते हुए और ये इन्फो जो और किसी के पास नहीं थी, हम सब अराउजड थे,
जैसे किसी साँड़ के सामने कोई कोमल कच्ची बछिया आ जाए और साँड़ अपना फुट भर का निकाल के, फुफकारते हुए, चढ़ने के लिए बेताब हो जाए, जैसे गाँव का कोई कड़ियल खूब खेला खाया मर्द, जिससे पूरे गाँव की कोई ब्याही, अनब्याही न बची हो, और वो स्कूल में पढ़ने वाली किसी कच्ची अमिया के पीछे पड़ा हो, वो खुद चल के उसके पास गन्ने के खेत में आ रही हो और वो बार बार लंगोट में बंद अपने अजगर को पुचकार रहा हो, समझा रहा हो, मिलते ही ठेल दूंगा, चिंचियाती रहेगी स्साली, जिन्नगी भर याद करेगी, पहली चुदाई,
एकदम वही हालत अभी थी हम तीनो की,
अनुराधा तो झड़ने के बाद भी एकदम गर्मायी थी, कस कस के टेबल को दबोच रही, और मेरी हालत भी कम तन्नाई नहीं थी
लेकिन अब हम सब जैसे एक देह हो गए थे, जिसका दिमाग मीनल हो, और दस गुनी स्पीड से अपना काम कर रहे थे,
अनुराधा सब टीमों को तैयार कर रही थी, बिना ये नयी इन्फो बताये,
मैं नेटवर्क का काम कर रहा था, दिल्ली, न्यूयार्क, सिनसिनाटी, बात, मेसेज और साथ में मिडिया और बिजनेस एनलिटिक्स का और जो पता चला , हमारे ऊपर अटैक करने वाले छुटभैयों के बारे में, कौन से सिर्फ शेल कम्पनी हैं, किसकी कहा कमजोरी है, सब कुछ