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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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Sure sis, राज़ी तुमारे जैसी बड़ी लेखक के updates पढ़ कर धन्य हो जायेगी.tumari story read karke to Raji ki loneliness दूर् हो जाती हैThanks, welcome to the thread, har post par aapki raai ka intezzar rahegaa
You make meSure sis, राज़ी तुमारे जैसी बड़ी लेखक के updates पढ़ कर धन्य हो जायेगी.tumari story read karke to Raji ki loneliness दूर् हो जाती है.Love u ❤sis
best wishes, very happy to be with you
Kya likhu ek dam nishabd kar diya apki lekhni ne.bas ek word niklta hai
Atti uttam![]()
ThanksMast update
Bohot hi kamuk update
Awesome, sister tumari knowledge aise mamlon me Gazab hai.जोरू का गुलाम भाग ११६
रात भर
और जैसे ही जेठानी बिस्तर पे लेटीं ,उनके देवर देवरानी ने जेठानी की पहले तो आँखे ब्लाइंड फोल्ड की ,
फिर हाथ बांधे और फिर
सरसर सरसर , ब्लाउज पेटीकोट पलंग के नीचे।
" क्या कर रहे हो , "
वो चीखीं पर देवर के होंठों ने उनके होठ बंद कर दिए और समझाया ,
"एक स्पेशल डिश , सिर्फ भौजी के लिए लेकिन हम दोनों भी साथ देंगे। खाने में भी खिलाने में भी। "
मुस्कराकर उनके देवर बोले।
कहने की बात नहीं जेठानी की तरह अब मैं भी वस्त्र विहीन थी ,आलमोस्ट , सिर्फ एक छोटी सी थांग।
और बगल के बेड साइड टेबल पर तब तक दो बड़े बाउल , फ्रूट क्रीम , व्हिप्पड क्रीम और उसमे चेरी ,ग्रेप्स , मैंगो स्लाइसेज और भी बहुत कुछ ,
( ये डिश भी मम्मी ने ही उन्हें सिखाई थी और उसका इस्तेमाल करना भी ) साथ में एक वाइन की बॉटल और एक प्लेट में लांग स्लाइसेज अल्फांसो के , बड़ी साइज के डार्क रेड ग्रेप्स , चेरी ,स्ट्राबेरी ,और आइस क्यूब्स
शुरआत उन्होंने की एक व्हिप्ड क्रीम में लिपटी स्ट्रबेरी के साथ , अपने होंठों में लेकर सीधे अपनी भौजी के होंठों पर थोड़ी देर उन्होंने क्रीम अपनी भौजी के होंठों पर लिथड़ी और फिर चेरी इनके मुंह से उनके मुंह में , और साथ में इनकी जीभ भी ,
भौजाई भी कम गरम नहीं थी और पूरी खेली खायी , थोड़ी ही देर में टंग फाइट चालू हो गयी भौजी और देवर के बीच ,
देवरानी क्यों पीछे रहती।
जेठानी की ब्रा अगले ही पल पलंग के नीचे और उनके बड़े बड़े मम्मे उछलकर बाहर ,
लेकिन मानना होगा जेठानी को ,उन्होंने खूब मेंटेन कर के रखा था , अच्छी खासी बड़ी बड़ी साइज , ३६ डी डी ,लेकिन एकदम कड़े बिना ब्रा के भी खड़े।
अगर कहीं इनकी भौजी के गदराये जोबन की फोटो कोई ब्रा में भी फेसबुक पे पोस्ट कर देता तो शहर में ग़दर मच जाता।
हाथ तो जेठानी जी के मैंने बाँध ही दिए थे ,पलंग के हेड बोर्ड से , बस ,
ढेर सारी फ्रूट क्रीम उठा के ,उनके दोनों जोबनो पे और क्लिक क्लिक ,
हाँ बस निपल बाहर थे , फिर अपनी जेठानी के उभारों के नीचे से मैंने लिक करना शुरू किया और थोड़ी देर में मेरी जीभ उनके निप्स फ्लिक कर रही थी।
जिस तरह से वो कसमसा रही थी साफ़ पता चल रहा था उन पे असर ,
और फिर एक आइस क्यूब मेरे होंठों के बीच ,
सीधे उनके कड़े खड़े निप्स पे।
वो सिसक रही थी लेकिन ठीक से सिसक भी नहीं पा रही थीं। जैसे कोई किसी लड़की के मुंह में मोटा लंड पेले बस उसी तरह उन्होंने अपनी जीभ पेल रखी थी और जेठानी जी चूस भी उसी तरह से रही थीं।
Sooo romantic.Very nice sis.आइस ट्रीटमेंट
होंठ के अंदर का आइस क्यूब सीधे आधे से ज्यादा बुर में ,
उईईईईई उईईईईई , बहुत तेज से चीखीं वो ,
इसी चीख को तो सुनने के लिए मेरे कान तरस रहे था। मैंने होंठ से अपनी प्यारी छिनार जेठानी की बुर सील कर दी , बस।
वो चूतड़ पटक रही थीं ,कमर उछाल रही थीं ,चीख रही थीं ,पर आइस क्यूब अभी भी उनकी बुर में अटका ,...
और साथ ही उन्होंने , उनके सीधे साधे देवर ने कचकचा के अपनी भौजाई के जुबना पे दांत कचकचा के गड़ा दिए।
एक बार दो बार तीन बार , उसी जगह पर ,
उईईईईई उईईईईई उनकी चीखे रुक नहीं रही थीं।
और अब लाख छुपातीं ये दांत के निशान उनके उभारों पर हफ्ते भर तो दिखते।
एक उभार तो अभी भी खाली था , उसपे मेरे हाथ ने कब्जा किया , अंगूठे और तर्जनी के बीच एक आइस क्यूब दबा के , हलके हलके उनके बूब्स पे फिर सीधे निप्स पे
एक आइस क्यूब बूब्स पे और दूसरा निप्स पे ,
पर जिस तरह जेठानी के निप्स कड़े और टनटना रहे थे ,चूँचियाँ पथराई हुयी थीं ,
बुर की पुत्तियाँ फुदक रही थीं ,
ये साफ़ था इस दर्द में उन्हें बहुत मजा मिल रहा था ,
" स्साली छिनार ,रंडी की जनी ,ये भी मेरी बाकी ससुरालवालियों की तरह है जिन्हे दर्द में मजा मिलता है ,अभी तो शुरुआत है " मैं बुदबुदा रही थी।
पर मैं उन्हें मजा भी देना चाहती थी ,मजे से सज़ा।
आइसक्यूब अब वापस मेरे मुंह पे ,मेरे होंठों के बीच और उस आइस क्यूब से बस मैंने जेठानी जी के क्लीट को छू बाहर दिया
उईईईईई ,जैसे उन्हें ४४० वोल्ट का करेंट लगा हो ,जिस तरह से वो सिसक रही थीं ,
और अब एंगल मैंने चेंज किया ,आइस क्यूब मेरे मुंह में और क्लीट मेरे होंठों के बीच , कुछ देर तक अपनी बर्फ सी ठंडी जीभ से क्लिट फ्लिक कर के बस होंठों के बीच दबा के मैंने कस कस के चूसना शुरू किया।
एक दो मिनट में ही मेरी जीभ नयी नयी बछेड़ियों की पानी निकाल देती थी।
कुछ देर में ही इनकी भाभी झड़ने के कगार पर ,
साथ साथ में इनके दांत अपनी भौजाई की चूँचियों को पिन कुशन बना रहे थे , कोई जगह उन बड़े गदराये उभारों पर बची नहीं थी जहां इनके दांत न लगे हों।
अबकी जब वो झड़ने के कगार पर आ गयी तो भी मैं नहीं रुकी , हाँ जैसे ही झड़ना शुरू हुआ ,
पूरी ताकत से मेरे मुंह का आइस क्यूब उनकी क्लिट पे और एक बार फिर वही ४४० वोल्ट का करेंट ,
उईईईईईई ,अह्ह्ह्हह्हह ,नाहीईईईई
बिचारी तड़प रही थीं ,चूतड़ पटक रही थी ,पर घडी देख के पूरे ४० सेकेण्ड मैं आइस क्यूब उनके क्लिट पे प्रेस कर के ,
और एक मिनट का गैप फिर वही फ्लिक , चूसना और अबकी साथ में दो ऊँगली मेरी जेठानी की बुर में ,
एकदम गीली ,सटाक से दो उँगलियाँ अंदर गयी और फिर घचक घचक , पूरे जड़ तक
उनका जी प्वाइंट भी मैंने ढूंढ लिए , फिर तो क्लीट और जी प्वाइंट पर साथ साथ हमला ,
अबकी दो मिनट में ही वो झड़ने के कगार पर आ गयी।
लेकिन फिर एक बार आइस क्यूब ट्रीटमेंट ,...
अब वो भी सब कुछ छोड़ के ये खेल देख रहे थे।
चौथी बार में आइस क्यूब लगाने पर भी जेठानी एक ही गुहार कर रही थीं
झाड़ दे ,मुझे झाड़ दे प्लीज , झाड़ दे मुझे ,
और मैंने उन्हें बिना झाड़े छोड़ दिया।
मैं क्या कोई भी लौंडियाँ छोड़ देती।
सामने कुतुबमीनार ,
लम्बा मोटा टनटनाया , कड़ा खड़ा बौराया , पूरे बालिश्त भर का मेरे सैंया का लंड ,
जिसके बारे में सोच सोच के मेरी सारी ससुरालवालियों की गीली हो रही थी।
जो बहुत जल्द भाभीचोद ,बहनचोद और मादरचोद होने वाला था।