Black horse
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Good Oneगुड्डी
सच में उनकी गांड अब फट गयी थी।
और उनकी चीख ,उनका बिलखना ,बिसूरना रुक नहीं रहा था।
अब तक चुप गुड्डी ख़ुशी से खिलखिलाते मुझसे बोली।
" हाँ भाभी अब मजा आया ,अब लग रहा है आप अपनी जेठानी की गांड मार रही हो। यही तो इनको चाहिए था , बस इसी का इन्तजार था इन्हे। " और मेरे जेठानी से बोलीं
" अरे भौजी काहें इतना चिल्ला बिसूर रही हो , अरे फटने वाली चीज थी फट गयी। अरे अपने मायके में आपके किसी भाई वाई ने गन्ने के खेत में , अरहर के खेत में आगे वाली भी तो फाड़ी होगी , फिर भी तो आप खूब दर्द हुआ होगा और उसके बाद से ,अरे आप मेरी मीठी वाली भाभी को कल से थैंकू थैंकू बोलियेगा ,जब खुद ही मचक मचक के गांड मराइयेगा। अरे दूसरों की छोड़िये , मैं आउंगी न कल स्कूल जाने के पहले ,बस एक बार मैं भी मारूंगी आपकी। अब दूकान खुल ही गयी है तो ,... "
" एकदम अरे यार तू तो छोटी ननद है तेरा तो हक़ है . और तुझे तो तेरी ये बड़ी भाभी इतना प्यार करती हैं , तुझे हर पल अपने पास रखना चाहती हैं तुझे कोचिंग में हम लोगों के साथ नहीं भेजना चाहतीं हैं इसलिए तो ,... "
गुड्डी की बात बीच में काटती मैं बोली और साथ में एक बार फिर मैंने डिल्डो को पीछे खींच लिया।
जैसे ही वो गांड का छल्ला पार करते वापस आया , बहुत जोर से वो चीखीं। पर मैंने आलमोस्ट डिलडो सुपाडे तक बाहर निकाल के फिर दूनी तेजी से अंदर ठेला , एक बार फिर गांड के छल्ले को रगड़ते ,दरेरते ,फाड़ते घिसटते , डिलडो गांड के अंदर।
चार पांच बार लगातार , गांड के छल्ले को ,गांड के सबसे सकरे पार्ट को मैं रगड़ रही थी।
वो चीख चिल्ला रही थीं और गुड्डी फोन पे सुन रही थी ,स्पीकर फोन ऑन था ,इसलिए चीखों के बीच गुड्डी के कँनेट
जो ताज़ी चोट पर लाल मिर्च से कम नहीं थे ,
मेरी जेठानी कान खोल के सुन रही थीं।
और कर भी क्या सकतीं थी , इत्ते दिन उनकी बातें हमने सुनी थी ,आज उनका सुनने का दिन था।
" अरे भाभी आप को तो खुश होना चाहिए , एक साथ दो दो , एक अगवाड़े एक पिछवाड़े , जब आप मायके जाइयेगा तो आप के यारों की चांदी ,... "
गुड्डी नमक मिर्च मिला के छिड़क रही थी।
लेकिन थी तो अभी बच्ची ही न ,अभी आज तो उसके इंटर का रिजल्ट आया था ,मैंने गुड्डी की बात में रफू किया ,
" तू भी न गुड्डी यार , अरे दो क्यों , तीन , तेरी बड़ी भाभी मुंह से भी तो घोंटेंगीं ,चूसेगीं। अभी तेरे भैय्या का इत्ते मस्त ढंग से चूस रही थीं चल अभी तुझे फोटों व्हाट्सएप करती हूँ। और फिर मायके जाने तक क्यों इन्तजार करेंगीं , अरे तू तो कल हमारे साथ चल रही हैं न , तू यहाँ की जिल्ला टॉप मॉल , बिचारे सारे शहर के लौंडे तेरा नाम ले ले के मुट्ठ मारते थे , बस उन अपने सारे यारों की लिस्ट जेठानी जी को और उन सबको जेठानी जी का मोबाइल नंबर ,... बिचारी ने अपने मायके में किसी को नहीं मना किया तो तेरे मायके में क्यों मना करेंगीं। "
और मैं तो मल्टी टास्किंग वाली , गुड्डी को बाएं हाथ से व्हाट्सएप किया और दाएं हाथ से जेठानी की कमर पकड़ के एक बार फिर पूरी तेजी से डिलडो अंदर धकेला। छल्ला पार होने के बाद इतनी मुश्किल नहीं थी , करीब दो तिहाई डिल्डो ,६ इंच से ऊपर गांड में धंसा था , उसकी भी फोटो अपनी सेक्सी ननद को व्हाट्सएप और मैं गांड मारने में लग गयी।
एक हाथ जेठानी की चूँची पर और दूसरा कमर पे।
व्हाट्सऐप मिल गया था लगता है गुड्डी को ,हँसते हुए बोली।
" बड़ी भाभी ,बड़ी जबरदस्त ताकत है आपकी घोंटने की , लेकिन ये बाकी का दो इंच क्या अपनी छिनार माँ बहनों के लिए बचा रखा है क्या। अरे उनके लिए , मेरी गली के बाहर जो गदहे खड़े रहते हैं न उनकी एडवांस बुकिंग करा दूंगी सुबह ही ,यहाँ से जाने से पहले। और आप तो उनका घोंटेंगी ही। "
मैंने एक बार और धक्का मारा अब डिलडो पूरी जड़ तक , आठ इंच पूरा जेठानी की गांड में घुसा धंसा।
और गुड्डी ने मुझसे बात कर के गुड नाइट बोल दिया ,
" भाभी आप का आईडया एकदम सही है , अरे अपने यारों से इतने दिन तक अपनी चुनमुनिया आपके यार के लिए बचा के रखी है लेकिन वो सब के सब मेरे फेसबुक पे तो हैं ही ,पूरे १ २ ८ अभी सबको अपनी प्यारी प्यारी भाभी का मोबाइल भेजती हूँ ,बस देखिये कल से लाइन लगी रहेगी मेरी प्यारी बड़ी भाभी के लिए। लेकिन अभी चलती हूँ , सुबह उठना है आपके यहां और फिर स्कूल में पार्टी मस्ती और फिर आप लोगों के साथ , पैकिंग भी बची है ,गुड नाइट। "
गुड्डी उड़न छू हो गयी और मैंने अब सब बात छोड़ के ,हचक हचक के
अब एक बार डिलडो अंदर घुस ही गया तो प्यार से धीरे धीरे मैं बाहर निकालती और हचक के पेल देती।
जेठानी की गांड को धीमे धीमे डिलडो की आदत हो रही थी लेकिन हर धक्के के साथ उन की जोर की चीख निकल ही जाती।
दस मिनट तक लगातार , बार बार लगातार ,
तब तक मुझे कुछ याद आया और दो चांटे चटाक चटाक पूरी तेजी से ,
" इतना गांड पटक रही थी चुदवाने के लिए ,मेरे सैंया का लंड घोंटने के लिए अब चोदती क्यों नहीं। "
जेठानी के खुले बालों को मैं ने लपेट कर ,जैसे कोई घोड़ी की लगाम अपने हाथ में पकडे , उस तरह जोर से खींच के हड़काया।
डिलडो पूरा गांड में धंसा ,मेरी कमर भी कुछ थक रही थी और अब जेठानी और उनके देवर की चुदाई का नंबर था।
जेठानी मेरे और अपने देवर के बीच सैंडविच बनी ,हलके हलके उन्होंने अपनी कमर उठाई और मुश्किल से मेरे सैयां के लंड पे ,
नीचे से उनके देवर भी साथ दे रहे थे , अब मेरा रोल पैसिव था।
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