Black horse
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शादी और होली, आपकी कलम लाजवाबमंडप के गाने और कोहबर के मजे
मंडप में मैंने और ज्योति ने उनकी बहनों का नाम ले ले के एक से एक गालियां सुनाई,... और साथ में छौंका ज्योति की भाभी, मौसी और बूआ लगा रही थीं ,...
जैसे ही जीजू मंडप में आये मैंने ढोलक अपनी ओर खींच ली और चालू हो गयी,...
सर पे बन्ने के सेहरा सोहे, ... अरे सेहरा सोहे ,... लोग कहें मलिया का जना,
पैर बन्ने के जूता सोहे लोग कहें , अरे जूता सोहे लोग कहें मोचिया का जना ,...
अरे धोबी की गली होके आया रे बन्ना, अरे लोग कहें , अरे लोग कहें गदहे का जना,...
पीछे से ज्योति की मौसी ने जोर से आवाज लगाई ,...
तो दूल्हे की माँ क्या गदहे से चोदवाई हैं,...
मैं जीजा की ओर से बोली, ..
"अरे मौसी बेचारे हमारे जिज्जा को क्या पता अपनी समधन से पूछिए न,... ये बेचारे तो चुपचाप केहाँ केहाँ करते पैदा हो गए, अब इनकी माँ पे कौन कौन चढ़ा, राखी के दिन इनके मामा चढ़े, गली के गदहे चढ़े, इन बिचारे को क्या मालूम अपनी समधन से पता करिये "
और मैंने और ज्योति ने अगला गाना शुरू कर दिया,...
उड़ आवे दुपट्टा बनारस से ,उड़ आवे,...
जीजू अपनी बहिनी को, जीजू अपनी गुड्डो को आँख मार के बुलावे, सैन दे के बुलावें,
चला गुड्डो अरहरिया में,... चला हो बहिनी अरहरिया में ,
अरे चुम्मा ले के बुलावें जोबना दाब के बुलावें,...
लेकिन जीजू का एक दोस्त बहुत बदमाश,... सब लड़कियों पे लाइन मार रहा था, जोर से बोला, मिर्च कम है बहुत फीकी,...
बस मैं और नउनिया क बहू ,... असली वाली , पीछे से बुआ ने ललकारा, सुना दे इनकी माँ बहनों का असली हाल नाम ले ले के
पहले तो मैं हिचकी लेकिन जब जीजू की ओर देखा तो वो भी उकसा रहे थे, बस नउनिया की बहुत मेरी नयकी भौजी
और मैं,... और एक बार शुरू होगये तो बारात में आयी जीजू की बहनों का नाम ले ले कर
चल मेरे घोड़े चने के खेत में, चने के खेत में,...
चने के खेत में बोया था गन्ना, अरे बोया था गन्ना
जीजू की बहिनी को , अरे रीमा रानी को, पीले दुपट्टे वाली को,
ले गया बभना चने के खेत में , अरे चने के खेत में
दबावे दुनो जोबना चने के खेत में , अरे चने के खेत में
चने के खेत में पड़ी थी राई, अरे पडी थी राई
जीजू की बहिनी को , अरे नीला रानी को, व्हाइट टॉप वाली की
हो रही चुदाई चने के खेत में , अरे चने के खेत में
चने के खेत में पड़ा था रोड़ा,
जीजू की बहनी की गुड्डो छिनार को ले गया घोडा ,
चने के खेत में
चने के खेत में जीजू की बहिनी गुड्डो रानी घोंट रही लौंड़ा, चने के खेत में
हमारी ओर की लड़कियों ने खूब जोर से हो हो किया, ... और मैंने ढोलक अब बूआ जी को पास कर दिया , की ज़रा जीजू की अम्मा बुआ चाची लेकिन वही जीजू का बदमाश दोस्त , .. ज्योति की एक ममेरी बहन के पीछे पड़ा था ( बल्कि सेट भी कर लिया और ढोलक बजा भी दी ) मेरे पीछे,...
" सिर्फ एक गाने का स्टॉक था , ... गले में खराश आ गयी क्या "
और जीजू की बहनें भी कम थीं क्या
, वो टाइट टॉप और जींस वाली नीला,.. मुझे सुना के बोली,...
' अरे गले में खराश है तो कोई बात नहीं इत्ते मेरे भैया हैं,... शर्तिया इलाज,... व्हाइट क्रीम, बस मुंह में लो , गले में लो और खराश एकदम गायब,.... "
बाकी लड़कियां भी मैदान में आ गयीं,... लड़की वाले हार गए,...
अब मम्मी ने मुझे हड़काया, ( ज्योति हम लोगों की फेमिली फ्रेंड थी तो मम्मी भी उसकी दीदी की शादी में गयी थीं ) ,
" हे नाक मत कटवा, सुना दे , अभी तक खाली अपनी ननदों फायदा करवा रही है ज़रा दूल्हे की माँ , बुआ मौसी,... "
रोज तो सुनती थी , सब भाभियाँ मेरा नाम ले ले के , रस्म हो न हो , ननद है तो गारी सुनेगी,...
मैं चालू हो गयी,
गंगा जी तुम्हरा भला करें , गंगा जी ,
गंगा जी तुम्हरा भला करें , गंगा जी ,... अरे
दूल्हे की बहिनी क बुरिया , नीला छिनरो क बुरिया , जींस टॉप वाली क बुरिया
पतिलिया ऐसी , बटुलवा ऐसी पतिलिया ऐसी , बटुलवा ऐसी
जेहमें नौ मन चावल पका करे , बुर भकभक भकभक हुआ करे ,...
दूल्हे क अम्मा क बुरिया,.. दूल्हे क बुआ क बुरिया,
तलबवा ऐसी , पोखरवा ऐसी, तलबवा ऐसी , पोखरवा ऐसी
जिसमें नौ सौ गुंडा नहावा करें , दूल्हे क अम्मा मजा लूटा करें ,
गंगा जी तुम्हरा भला करें , गंगा जी ,
गंगा जी तुम्हरा भला करें , गंगा जी ,... अरे
लेकिन कोहबर में घुसते समय जीजू ने खूब फायदा उठाया, हम सब लड़कियां साली सलहज कोहबर छेंक के खड़े थे
खूब हचमच मचा था , जरा सा कोहबर में घुसने का रास्ता दोनों और लड़कियां औरतें, जीजू धक्का देकर,.. मैं दरवाजे के एक कोने पे रोके हुए बस उसी जगह,.. और मैं जान बुझ के और उन से चिपक के,... बस उन का हाथ जहाँ मैं सोच रही थी सीधे वहीँ, मेरी चोली के ऊपर,
पल भर ऊपर ऊपर से और मैंने जो उन्हें देख के मुस्कराया उनकी ओर और सटी, तो बस हाथ चोली के अंदर सीधे उभार पर , और अब वो खूब खुल के मसल रहे थे रगड़ रहे थे, दबा रहे थे मैंने भी अपने उभारों को एकदम उनकी छाती पे चिपका के,...
लेकिन मैं भी साली थी तो मेरा भी हाथ , जीजू के पैंट के ऊपर से उनके खूंटे पर, थोड़ी देर में ही वो फड़फड़ाने लगा, बस मैंने हलके हलके हथेली से उसको सहलाया भी कस के दबाया भी, उँगलियों से उसकी पूरी लम्बाई पर, और फिर ऊँगली और अंगूठे से पकड़ के हलके हलके,...
पूरे चार पांच मिनट तक जीजू मेरी चूँची चोली के अंदर मसलते रहे और मैं उनका खूंटा,...
ज्योति का तो हाल बताया तो था शादी के हफते भर के अंदर जीजू ने उसकी भी फाड़ दी ,
चौथी लेकर लड़के जाते हैं लेकिन वो भी गयी , बस उसकी दीदी ने उसे रोक लिया और अगले दिन दिन दहाड़े , ज्योति की जीजू ने फुरसत से ले ली,...
और इसमें ज्योति की दी की भी मिलीभगत थी , फिर तो कोई दिन नागा नहीं जाता दो बार तीन बार , दिन में छोटी बहन की ली जाती थी रात में बड़ी बहन ,
ज्योति ने लौट के मुझे पूरा हाल खुलासा सुनाया स्कूल में , सुनाती वो थी गीली मेरी होती थी, उस समय तक समुआ वाला शुरू हो गया था लेकिन उसने मेरी ली नहीं थी तब तक ,
ज्योति के जीजू ने कोई आसन बचा नहीं होगा , ज्योति जीजू की ये तारीफ़ ये तारीफ,... एक दिन उसकी बहन बाथरूम गयीं तो उन्ही के कमरे में जीजू ने ज्योति की खड़े खड़े ले ली,
ज्योति की दी की और ज्योति की दीदी के सामने ही ही जीजू ने मुझे संदेश भिजवाया, जब वो ससुराल आएंगे तो मेरी जम के लेंगे, मैं धो के साफ़ करके तैयार रखूं , ...
और होली में वो आ गए थे फिर ज्योति घर पे अकेली , ...
कल रात कुछ प्राबलम हो गयी थी तो ज्योति के पेरेंट्स को जाना पड़ा , .. और जीजू का गाँव बहुत दूर नहीं था तो बाइक पर उन्हें दोपहर में आना था , ... ज्योति के पेरेंट्स भी रात में लेट लौट आते इसलिए ज्योति रुक गयी , फिर पहली होली दामाद को कैसे मना करते
मैं सोच रही थी की जीजू की रगड़ाई कैसे करेंगे ,मैंने और ज्योति ने मिल के ढेर सारे प्लान बनाये थे। फिर आज आँगन में हुयी होली में बहुत गुन ढंग मैंने सीख लीये थे
दरवाजा खुला था मैं अंदर घुस गयी।