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जीजू संग होली
![dgh.jpg](https://i.ibb.co/ZcrxHRd/dgh.jpg)
" अरे जीजू फाड़ लेना तो न उसकी पीछे वाले भी , स्साली है ,होली है ,... और आयी ही है ये मेरी सहेली डलवाने। "
ज्योती ,जीजा की चमची ,दलबदलू।
![Girl-anuja-KHIDKI1616569504k2443y3403.jpg](https://i.ibb.co/GQHB2pW/Girl-anuja-KHIDKI1616569504k2443y3403.jpg)
मैंने भी जीजा को पटाना शुरू कर दिया ,
" जीजू , वो स्साली कौन जो जीजू से होली में न डलवाये। लेकिन मेरी बात मानिये , आप ने इस ज्योती की आगे की फाड़ी थी न बस , आज इसके पिछवाड़े की भी फाड़ दीजिये , इसका पिछवाड़ा , मेरा अगवाड़ा दोनों का मजा। "
दो किशोर सालियों की गरम गरम बातें , और सबसे बढ़कर पिछवाड़े की मेरी ऊँगली ,पीठ पर मेरे जुबना का प्रेशर , ... जीजू का तम्बू तनने लगा था।
शेर जगने लगा था।
मेरा दांया हाथ तो जीजू के पिछवाड़े , .. पर उस शेर को पुचकारना मेरे बाएं हाथ का खेल था।
और अब कालिख पेण्ट और रंग का मिश्रण , मेरे बाएं हाथ से सीधे जीजू के चर्मदण्ड पर।
मेरा बायां हाथ जीजू के पजामे के अंदर , पहले तो बस जैसे गलती से छु गया हो ,
फिर रंग लगी उँगलियों ने हलके से सहलाया ,
![holding-cut-cock-2.jpg](https://i.ibb.co/gM0MB0V/holding-cut-cock-2.jpg)
और शेर एकदम तनतना उठा।
जीजू के अगर 'वहां ' रंग न लगा तो जीजू से होली खेलने का मतलब क्या ,
पहले तो मेरी रंगी पुती उँगलियों ने , वहां रंग पोता फिर हलके हलके मुठियाने लगीं।
खूब मोटा ,कड़ा ,
संदीप से बीस नहीं तो उन्नीस भी नहीं था।
और एक झटके में ,
![Guddi-holding-cock-tumblr-oq3c2m-Wdo-B1vf1m9do1-500.gif](https://i.ibb.co/RgXCFLP/Guddi-holding-cock-tumblr-oq3c2m-Wdo-B1vf1m9do1-500.gif)
जीजू ने जोर की सिसकी ली ,
मैंने सुपाड़ा खोल दिया था और मेरा अंगूठा अब उसे सहलाने पुचकारने में लगा था।
दाएं हाथ की तर्जनी भी अब जीजू के पिछवाड़े सेंध लगाने की कोशिश कर थी
और जीजू के सीने पर ज्योति , जैसे मेरी भाभियाँ सुबह मेरी कच्ची अमियों को रगड़ मसल रही थीं , बस उसी तरह
रंग ,पेण्ट लगाती।
और फिर ब्रा के अंदर से अपने जुबना जीजू के सीने पर रगड़ती मसलती।
![tits-teen-2.jpg](https://i.ibb.co/ScfVgN7/tits-teen-2.jpg)
मुझे लग रहा था की कहीं जीजू का पजामा में उनका खूंटा छेद न कर दे बस मैंने नाडा खोल दिया।
आज सुबह घर की होली में कितनी भौजाइयों के पेटीकोट का नाडा मैं खोल चुकी थी।
और सर्रर्ररर ,... वो नीचे
जीजू सिर्फ एक वी टाइप छोटी सी चड्ढी में ,और उसके अंदर आगे ,पीछे,..... मेरे बाएं दाएं हाथ रगड़ते मसलते।
![male-bulge.jpg](https://i.ibb.co/6ZTbGsS/male-bulge.jpg)
उनके सीने पर ज्योती छोटी सी ब्रा में ढंकी ,अपने जोबना को रगड़ती और पीछे पीठ पर मेरे उभार ,
लेकिन ज्योती कमीनी छिनार , उसके हाथ मैंने अपनी पीठ पर रेंगते मह्सूस किये
( मेरे दोनों हाथ तो जीजू की चड्ढी के अंदर बिजी थे ) और जब तक मैंने समझूँ ज्योती ने मेरी ३२ सी ब्रा के हुक खोल दिए
और मेरे एकदम खुले उभार जीजू की पीठ पर , ब्रा सरक कर नीचे फर्श पर।
![Guddi-nips-eeb367aae65dcdf1f0eeca64b8dd34e7.jpg](https://i.ibb.co/w0qy2nc/Guddi-nips-eeb367aae65dcdf1f0eeca64b8dd34e7.jpg)
जीजू की तो हालत खराब थी ही मुझे भी मजा आ रहा था , अपने जोबन सीधे उनकी पीठ पर रगड़ रगड़ कर उन्हें तंग करने में।
हाथ तो उनके बंधे थे ,वो कुछ तो कर नहीं सकते था।
पर मैंने ध्यान नहीं दिया की जीजू ,ज्योती के कान में कुछ फुसफुसा रहे हैं ,
कुछ देर तक तो ज्योति ना ना करती रही ,फिर उस के हाथों ने जीजू की पीठ की ओर
जीजू के बंधे हाथ खुल गए।
और मेरी शामत शुरू।
![dgh.jpg](https://i.ibb.co/ZcrxHRd/dgh.jpg)
" अरे जीजू फाड़ लेना तो न उसकी पीछे वाले भी , स्साली है ,होली है ,... और आयी ही है ये मेरी सहेली डलवाने। "
ज्योती ,जीजा की चमची ,दलबदलू।
![Girl-anuja-KHIDKI1616569504k2443y3403.jpg](https://i.ibb.co/GQHB2pW/Girl-anuja-KHIDKI1616569504k2443y3403.jpg)
मैंने भी जीजा को पटाना शुरू कर दिया ,
" जीजू , वो स्साली कौन जो जीजू से होली में न डलवाये। लेकिन मेरी बात मानिये , आप ने इस ज्योती की आगे की फाड़ी थी न बस , आज इसके पिछवाड़े की भी फाड़ दीजिये , इसका पिछवाड़ा , मेरा अगवाड़ा दोनों का मजा। "
दो किशोर सालियों की गरम गरम बातें , और सबसे बढ़कर पिछवाड़े की मेरी ऊँगली ,पीठ पर मेरे जुबना का प्रेशर , ... जीजू का तम्बू तनने लगा था।
शेर जगने लगा था।
मेरा दांया हाथ तो जीजू के पिछवाड़े , .. पर उस शेर को पुचकारना मेरे बाएं हाथ का खेल था।
और अब कालिख पेण्ट और रंग का मिश्रण , मेरे बाएं हाथ से सीधे जीजू के चर्मदण्ड पर।
मेरा बायां हाथ जीजू के पजामे के अंदर , पहले तो बस जैसे गलती से छु गया हो ,
फिर रंग लगी उँगलियों ने हलके से सहलाया ,
![holding-cut-cock-2.jpg](https://i.ibb.co/gM0MB0V/holding-cut-cock-2.jpg)
और शेर एकदम तनतना उठा।
जीजू के अगर 'वहां ' रंग न लगा तो जीजू से होली खेलने का मतलब क्या ,
पहले तो मेरी रंगी पुती उँगलियों ने , वहां रंग पोता फिर हलके हलके मुठियाने लगीं।
खूब मोटा ,कड़ा ,
संदीप से बीस नहीं तो उन्नीस भी नहीं था।
और एक झटके में ,
![Guddi-holding-cock-tumblr-oq3c2m-Wdo-B1vf1m9do1-500.gif](https://i.ibb.co/RgXCFLP/Guddi-holding-cock-tumblr-oq3c2m-Wdo-B1vf1m9do1-500.gif)
जीजू ने जोर की सिसकी ली ,
मैंने सुपाड़ा खोल दिया था और मेरा अंगूठा अब उसे सहलाने पुचकारने में लगा था।
दाएं हाथ की तर्जनी भी अब जीजू के पिछवाड़े सेंध लगाने की कोशिश कर थी
और जीजू के सीने पर ज्योति , जैसे मेरी भाभियाँ सुबह मेरी कच्ची अमियों को रगड़ मसल रही थीं , बस उसी तरह
रंग ,पेण्ट लगाती।
और फिर ब्रा के अंदर से अपने जुबना जीजू के सीने पर रगड़ती मसलती।
![tits-teen-2.jpg](https://i.ibb.co/ScfVgN7/tits-teen-2.jpg)
मुझे लग रहा था की कहीं जीजू का पजामा में उनका खूंटा छेद न कर दे बस मैंने नाडा खोल दिया।
आज सुबह घर की होली में कितनी भौजाइयों के पेटीकोट का नाडा मैं खोल चुकी थी।
और सर्रर्ररर ,... वो नीचे
जीजू सिर्फ एक वी टाइप छोटी सी चड्ढी में ,और उसके अंदर आगे ,पीछे,..... मेरे बाएं दाएं हाथ रगड़ते मसलते।
![male-bulge.jpg](https://i.ibb.co/6ZTbGsS/male-bulge.jpg)
उनके सीने पर ज्योती छोटी सी ब्रा में ढंकी ,अपने जोबना को रगड़ती और पीछे पीठ पर मेरे उभार ,
लेकिन ज्योती कमीनी छिनार , उसके हाथ मैंने अपनी पीठ पर रेंगते मह्सूस किये
( मेरे दोनों हाथ तो जीजू की चड्ढी के अंदर बिजी थे ) और जब तक मैंने समझूँ ज्योती ने मेरी ३२ सी ब्रा के हुक खोल दिए
और मेरे एकदम खुले उभार जीजू की पीठ पर , ब्रा सरक कर नीचे फर्श पर।
![Guddi-nips-eeb367aae65dcdf1f0eeca64b8dd34e7.jpg](https://i.ibb.co/w0qy2nc/Guddi-nips-eeb367aae65dcdf1f0eeca64b8dd34e7.jpg)
जीजू की तो हालत खराब थी ही मुझे भी मजा आ रहा था , अपने जोबन सीधे उनकी पीठ पर रगड़ रगड़ कर उन्हें तंग करने में।
हाथ तो उनके बंधे थे ,वो कुछ तो कर नहीं सकते था।
पर मैंने ध्यान नहीं दिया की जीजू ,ज्योती के कान में कुछ फुसफुसा रहे हैं ,
कुछ देर तक तो ज्योति ना ना करती रही ,फिर उस के हाथों ने जीजू की पीठ की ओर
जीजू के बंधे हाथ खुल गए।
और मेरी शामत शुरू।
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