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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

Rajizexy

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without your support these threads can't survive , such a regular support, positive comments and encouragement , u r just great
Dear lovely Komal sis tum Raji ko jyada hi sir per chadha rahi ho,Raji ko zamin se hi judi rehne do,kahi tumari batton se Raji abhiman me na a jaye dear.♥️♥️♥️🙏🙏🙏
 

Rajizexy

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छुटकी - होली दीदी की ससुराल में,...

एक लाख व्यूज, नमन आभार

🙏🙏:thank_you::thank_you:🙏🙏



https://xforum.live/threads/छुटकी-होली-दीदी-की-ससुराल-में.77508/
Congrats dear lovely Komal sis 💞, for getting well deserved 1 lakh views,soon ur writing will fetch u seven figures on all ur threads with ur vision and well wishes of ur fans like me.♥️♥️♥️♥️u sis nd ur vision. Congrats 🎉🎉🎉
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Drag Queen Singing GIF by Paramount+
 
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komaalrani

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Congrats dear lovely Komal sis 💞, for getting well deserved 1 lakh views,soon ur writing will fetch u seven figures on all ur threads with ur vision and well wishes of ur fans like me.♥️♥️♥️♥️u sis nd ur vision. Congrats 🎉🎉🎉
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Thanks so much its your love and affection which translates into success of my stories
 
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komaalrani

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"जवान होती हुयी लड़की के तरकश में कितने तीर होते हैं, और उन्हें कब कैसे चलाना चाहिए।"

Waaah
Thanks, so much,... it takes a discerning reader to appreciate such dialogues
 
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komaalrani

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उत्तेजित कलम रचना
होली का मौका ही ऐसा होता है फिर जीजू साली की होली

और सालियाँ भी हाईस्कूल वालियां

तो उत्तेजना तो स्वाभाविक है

बहुत बहुत आभार कमेंट्स के लिए साथ देने के लिए



wet-hot-girls-enjoying-holi-5.jpg
 
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komaalrani

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“अरे जीज्जु, अपनी माूँ का भोंसड़ा समझा है क्या, जो एक धक्के में…”


ज्योती क्यों चुप रहती, बोली

“अरे यार बचपन से अपनी माूँ के भोंसड़े में ही तो प्रैक्टिस की है उन्होंने तो इसीलिए
तो…”

Masssstttttt
Thanks so much
 

komaalrani

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Last updates posted yesterday are on last page,

so please before posting, waiting,... read the page 264 and do share your comments
 
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komaalrani

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सोलहवां सावन -अपडेट पोस्टेड
 
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Incestlala

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आज रंग है,... रंग है, रंग है , ...



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रंग तो एक बहाना था, मीजने रगड़ने का, और भिजवाने में बहुत मजा मुझे भी आ रहा था। मीजी मसली मेरी छोटी छोटी चूँचियाँ जा रही थी, लेकिन गीली मेरी सहेली हो रही थी पैंटी के अंदर।



लेकिन ज्योति जयचंद , वो जीजू के पीछे पड़ी थी

“जीजू अरे अभी ये जगह बची है वो जगह बची है । "

holi-girl-wallpaper-1.jpg


यहाँ तक की बंधे हाथों के अंदर काँखो में भी।

Armpit-19718215.jpg


लेकिन उसके पहले मेरे गाल, मेरी पीठ, और जहाँ मैं डरती थी, जीजू ने मुझे दिखाकर बैंगनी रंग अपने हाथों में लगाया, दिखया और मेरी पैंटी के अंदर पीछे से, कसकर मेरे दोनों चूतड़ पकड़कर मसलते बोले

“स्साली आज तेरी गाण्ड बचेगी नहीं।"


nude-back-holiwow-bhabhi-256x384.jpg


ऊपर से ज्योति मेरे पीछे पड़ी, जीजू को उकसाती बोली,

"जीजू ये स्साली तो आयी ही है मरवाने , अब आपके ऊपर है क्या क्या मारते हैं "

pitars-holi-celebrations-hyderabad18.jpg


और जैसे मैं जीजू के साथ कर रही थी, जीजू ने अपनी एक ऊँगली मेरी चूतड़ की दरार के बीच में रगड़ना शुरू कर दिया

“अरे सब मारेंगे इसकी, इत्ती सेक्सी साली मेरी, और होली में कुछ भी कोरी छोड़ देना, बहुत नाइंसाफ़ी है …”

बोलते हुए जीजू ने कचकचा के मेरे गाल काट लिए और उनकी उँगलियाँ पैंटी में आगे की ओर मेरी सहेली को रंगने लगीं।



जीजू को मैंने सिर्फ छोटी सी चड्ढी में छोड़ा था लेकिन हाथ डालकर उनके मूसलचचंद को खूब रगड़ा था, कम से कम 6 7 कोट रंग पेण्ट

सबसे बाद में जीजू ने मेरे चिकने गालों को लाल किया , कुछ चूम चाट कर , कुछ चूस काट कर , तो कुछ रंग लगाकर, और उसके भी बाद में निप्स पर एक ऊँगली से बाकायदा पेण्ट किया , खूब गाढ़ा पक्का लाल रंग , चूँचियाँ हरी हरी , निप्स लाल लाल ।

choli-ke-andar.jpg

और दुष्ट ज्योति ने सरसरा के मेरी पैंटी भी अपने दोनों हाथों से सरका के कहा

“ हूँ सब हो गया है , लगता तो है लेकिन एक जगह बची है जरा चेक करती हूँ ”


कुछ भी नहीं बचा था, जीजू ने चेहरे से भी ज्यादा रंग नीचे लगाया था मेरी चुनमुनिया पे, और चूतड़ पे।

सब रंग, पेंट्स खतम हो गए थे।



ज्योति अंदर गई और पेण्ट रंग लाने और मुझे मौका मिल गया जीजू को फुसलाकर अपनी ओर करने का।



उमरिया मेरी भले बारी थी लेकिन इस कच्ची जवानी में भी मैं लौंडे फ़साने के सारे गुर सीख गई थी,

और जीजू तो वैसे कोहबर से ही मेरी कच्ची अमिया के दीवाने थे। हाथ मेरे बिंधे थे पर कच्चे टिकोरे तो खुले थे। दीवार के सहारे मैंने जीजू को दबा दिया और अपने टेनिस बाल साइज की कड़ी कड़ी चूँचियाँ उनके सीने पे रगड़ते हुए , बिना कुछ बोले मैंने अपने होंठों से ह ल्के से जीजू के ईयर लोब्स को दबा दिया , और जीभ की टिप से जीजू के कान में हल्के से घुमाते हुए मैंने उन्हें उकसाया,

" जीजू, जहाँ दो का मजा मिल रहा है वहां सिर्फ एक,.. ”

Holi-f31d34466854dfc28b381fd1fca76b38.jpg

वो समझकर नासमझ बन रहे थे।
मैं फिर बोली

“अरे स्साली दो और मजा आप सिर्फ एक से ले रहे हैं …”

और अब वो मुश्कुरा रहे थे। अपने खूंटे को मेरी गुलाबो पे रगड़ते बोले,..." मुझे तो यही चाहिए "


मैं हंस के बोली
“अरे जिज्जू किस स्साली की हिम्मत मेरे इस हैंडसम जीजू को मना करे…”

holi-f90a0284b697c3168c664f8323c4227b.jpg


उनसे भी जोर से मैंने अपने निचले होंठों को उनके खूंटे पे रगड़ते बोला। और उसी तेजी से मेरे रंगे पुते जोबन जीजू की छाती पे रगड़ रहे थे।

और मैंने जीजू को ज्योति के खिलाफ और चढ़ाया

“अरे जरा मेरी सहेली के कबूतरों को भी तो आजाद करिये न? दो से चार अच्छे, ये स्साली तो आपकी हर बात मानने को तैयार है तो आप मेरी थोड़ी सी बात…”
Superb दीदी
 
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Incestlala

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धक्के पर धक्का ,


जीजू की पिचकारी , साली की होली



और रंगों के साथ गालियां भी नहीं रुक रही थीं थी मेरी, आखिरकार साली थी तो गाली, और वो भी सिर्फ जीजू की माँ को

“मादरचोद, भोंसड़ी के, अपनी माँ के खसम , तेरी माँ को चमरौटी , भरौटी के सारे लौंडों से चुदवाउ , तनी धीरे धक्का मारो न…”




और बजाय धक्के धीरे करने के, अगला धक्का एकदम तूफानी सीधे बच्चेदानी पर साथ में उनकी उँगलियाँ मेरे क्लिट पे, और अब उनसे नहीं रहा गया, तो वो भी मेरी चूची मसलते बोल पड़े

“स्साली, अरे अपनी माूँ की याद आ रही तो मेरी माँ का नाम ले रही है । अरे बहुत मन कर रहा है तुझे अपनी माँ चुदवाने का तो उस छिनार रंडी को भी चोद दूंगा । अरे सास को तो चोदना बनता है , जिस भोसड़े से दूध वालों से चोदवाकर दूध जैसी गोरी गोरी बिटिया पैदा की, उस भोंसड़े में तो…”


जीजू की गाली का असर, क्लिट पर उनकी ऊँगली का असर, जुबना पर उनके होंठो का असर, बच्चेदानी पर लगे मूसल के धक्के का असर, मेरी देह कांपने लगी, मेरी चूत अपने आप सिकुड़ फ़ैल रही थी। और मैंने झड़ना शुरू कर दिया ।

तूफान में पत्ते की तरह मेरी देह काँप रही थी, सुबह से कितनी बार किनारे पर जा जा जाकर रुक गयी थी,... लेकिन अब पूरी देह मन मष्तिस्क सब मथा जा रहा था, इत्ता अच्छा लग रहा था, कभी मन करता जीजू रुक जाएँ बस एक पल के लिए तो कभी मन करता नहीं ऐसे ही रगड़ रगड़ के चोदते रहें,... लेकिन जीजू ने छोड़ा नहीं




हाँ पल भर के लिए उनके धक्के रुक गए थे, पर लण्ड जड़ तक, सीधे मेरी बच्चेदानी तक ठूंसा हुआ , और लण्ड का बेस वो हलके हलके मेरी क्लिट पर रगड़ रहे थे । वो मेरा झड़ना बंद होने का इन्तजार कर रहे थे और उसके बाद तो वो तूफानी चुदाई शुरू हुयी की, हर धक्के पर मेरी चूल चूल हिल रही थी, नंबरी चोदू थे जीजू।



मैं भी रंग और गाली भूलकर जबरदस्त धक्कों का मजा ले रही थी, धक्कों का जवाब दे रही थी। जीजू न मेरी चूची छू रहे थे न क्लिट , सिर्फ धक्के पर धक्का। मैं आँखे बंद करके जीजू की चुदाई का मजा ले रही थी। और अबकी जो मैं झड़ी तो जीजू ने चुदाई रोकी भी नहीं ।



मुझे लग था जैसे समय रुक गया है , बस मैं हौं और जीजू का मस्त मोटा तगड़ा लण्ड, और मैं चुद रही हूँ चुद रही हूँ । मैं सिसक रही थी तड़प रही थी, मेरी जाँघे फटी जा रही थी, और हल्के ह ल्के मैं भी नीचे से, कभी कभी जीजू के तगड़े धक्कों का जवाब रुक रुक के दे रही थी। पांच मिनट , दस मिनट पता नहीं कब तक , कितनी देर तक जीजू चोदते रहे , मैं चुदती रही, , मेरी आँखे बंद थी।



हाँ अबकी जो मैं झड़ी तो जीजू भी साथ साथ।

मैं अपनी चूत में उनकी गाढ़ी मलाई म सूस कर ही थी। गिरते हुए बहते हुए , चूत मैंने कसकर भींच लिया था, मैं भी जीजू के लण्ड को निचोड़ रही थी।

बड़ी देर तक म दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाँहों में लथपथ, आँखे मेरी बंद । लग रहा था जीजू एक बार झड़ने के बाद दुबारा फिर मलाई की बार बार फुहार मेरे अंदर छूट रही थी , जीजू की पिचकारी का रंग ख़तम ही नहीं हो रहा था। उसके कुछ थक्के मेरी जाँघों पर भी, बह कर ।




जब जीजू ने अपना निकाला तो बस अभी भी उनकी पिचकारी,... मन कर रहा था , क्या मन कर रहा था ये भी नहीं समझ में आ रहा था।
Superb update दीदी
 
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