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जीजू साली संग होली ( जारी )
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और अब बजाय उँगलियों के एक बार फिर उस लथपथ बुर पर मेरे होठ वैक्यूम क्लीनर से भी मैं तेज चूस रही थी। फिर मैंने कनखियों से देखा नीरज वहां नहीं थे, पर जीजू एकदम पास में।
और अबकी जो ज्योति झड़ी तो झड़ती रही झड़ती रही , झड़ती रही ।
बोलने की ताकत भी नहीं बची थी, मुश्किल से बोल पायी
“ हार मानती हूँ मैं…”
![lez-69-25955541.webp](https://i.ibb.co/34wXzH9/lez-69-25955541.webp)
विजयी मुस्कान से मैंने पास बैठे जीजू की ओर देखा और उन्होंने रिजल्ट अनाउंस कर दिया
“अब जो पहले झड़ा उसकी गाण्ड मारी जायेगी…”
जीजू का खूंटा भी एकदम तन्नाया।
![cock-kamal-thick-download.jpg](https://i.ibb.co/NrWJ5CF/cock-kamal-thick-download.jpg)
लेकिन पीछे से तब तक नीरज जीजू आवाज आई
“और जो बाद में झड़ा, उसकी बुर चोदी जायेगी…”
जब तक मैं समझूूँ, कुछ बोलूं ज्योति हट चुकी थी मेरे ऊपर से और नीरज जीजू का खूंटा मेरे अंदर , एक झटके में “उफ़ … ओह्ह् … नहीं …” मैं जोर से चीखी।
![fucking-love.gif](https://i.ibb.co/PCkBsBp/fucking-love.gif)
जवाब में नीरज जीजू ने मुझे आलमोस्ट दुहरा कर दिया। मेरी टाँगे उठीं हुयी , उनके कंधे के ऊपर , और अबकी जो निकालकर उन्होंने पूरी ताकत से पेला,
मेरी चीख पहले से भी दूनी तेजी से निकल गई
“ओह्ह् … उह्ह् … नहीं नहीं लगता है जीजू छोड़ो न उईईई…”
स्साली ज्योती, थकी लथपथ थेथर थी लेकिन , फिर भी बोली
“नीरज जीजू, मेरी सहेली जब नहीं बोलती है , तो इसका मतलब होता है हाँ हाँ और कस कर ठेलो , फाड़ डालो मेरी चूत
![topless-2.jpg](https://i.ibb.co/Lkhrr0S/topless-2.jpg)
और नीरज ने वही किया।
जब उसके मोटे सुपाड़े का धक्का मेरी बच्चेदानी पे लगा, तो बस, मेरी जान नहीं निकली और सब कुछ हो गया.
![fucking-ruff-G.gif](https://i.ibb.co/crmxvcT/fucking-ruff-G.gif)
“उईईई… ओह्ह् … " अबकी मेरी चीख जरूर घर के बाहर तक गई होगी, और जब मैंने सांस ली तो सबसे पहले ज्योती को गरियाया,
“ बहुत हंस रही है न स्साली, अभी जब दोनों जीजू तेरी गाण्ड फांड़ेंगे न, तो मैं भी ऐसे मजे ले लेकर हँसूँगी …”
पर ज्योती चुप रहने वाली थोड़े थी, बोली
“अरे यार फटने वाली चीज तो फटेगी ही , लेकिन अभी जरा अपनी बचाओ…”
![Girl-8840c66e5cf7f595cabe86ee1d76b0cf.jpg](https://i.ibb.co/JB6gygP/Girl-8840c66e5cf7f595cabe86ee1d76b0cf.jpg)
लेकिन अब मैं बचने बचाने की नहीं सोच रही थी, दर्द तो बहुत हो रहा था , हर धक्के के साथ बस जान निकल जा रही थी लेकिन मजा भी आ रहा था। नीरज का बहुत ही मोटा था। एकदम दरेरते, रगड़ते, रगड़ते घुसता था और स्साले जीजू में ताकत भी बहुत थी, दोनों जुबना को पकड़कर जब वो पेलते थे, तो जान भी निकल जाती थी, मजा भी आता था।
और तभी मेरी निगाह जीजू पर पड़ी, एकदम मेरे सर के पास, और उनका मोटा फनफनाया भूखा सुपाड़ा मेरे पास , बस मेरे रसीले गुलाबी टीनेजर होंठ अपने आप खुल गए, जीजू समझदार थे न उन्होंने कुछ बोला, न मैंने। सिर्फ उन्होंने मेरे रसीले सेक्सी होंठों के बीच अपना सुपाड़ा, सिर्फ सुपाड़ा डाल दिया , और मैं चूसने चुभलाने लगी।
![bj-lick-55.jpg](https://i.ibb.co/d6ry82P/bj-lick-55.jpg)
मेरे दोनों होंठों के बीच मोटे मोटे , मेरे जीजू का , मेरे ऊपर वाले होंठों के बीच
और नीचे वाले भीगे होंठों के बीच नीरज जीजू।
![Fucking-close-up-260596-08.jpg](https://i.ibb.co/1J0YWKn/Fucking-close-up-260596-08.jpg)
कुछ देर के लिए नीरज जीजू ने ठेलना रोक दिया , वैसे भी उनका लण्ड जड़ तक मेरी चूत में धंसा था। और मैं मजे से जीजू के लण्ड को चूसने का मजा ले रही थी, और धीरे धीरे आधे से ज्यादा लण्ड मैंने घोंट लिया।
![Holi-2016-Sexy-Adult-Photos.jpg](https://i.ibb.co/D8YGZyx/Holi-2016-Sexy-Adult-Photos.jpg)
और अब बजाय उँगलियों के एक बार फिर उस लथपथ बुर पर मेरे होठ वैक्यूम क्लीनर से भी मैं तेज चूस रही थी। फिर मैंने कनखियों से देखा नीरज वहां नहीं थे, पर जीजू एकदम पास में।
और अबकी जो ज्योति झड़ी तो झड़ती रही झड़ती रही , झड़ती रही ।
बोलने की ताकत भी नहीं बची थी, मुश्किल से बोल पायी
“ हार मानती हूँ मैं…”
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विजयी मुस्कान से मैंने पास बैठे जीजू की ओर देखा और उन्होंने रिजल्ट अनाउंस कर दिया
“अब जो पहले झड़ा उसकी गाण्ड मारी जायेगी…”
जीजू का खूंटा भी एकदम तन्नाया।
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लेकिन पीछे से तब तक नीरज जीजू आवाज आई
“और जो बाद में झड़ा, उसकी बुर चोदी जायेगी…”
जब तक मैं समझूूँ, कुछ बोलूं ज्योति हट चुकी थी मेरे ऊपर से और नीरज जीजू का खूंटा मेरे अंदर , एक झटके में “उफ़ … ओह्ह् … नहीं …” मैं जोर से चीखी।
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जवाब में नीरज जीजू ने मुझे आलमोस्ट दुहरा कर दिया। मेरी टाँगे उठीं हुयी , उनके कंधे के ऊपर , और अबकी जो निकालकर उन्होंने पूरी ताकत से पेला,
मेरी चीख पहले से भी दूनी तेजी से निकल गई
“ओह्ह् … उह्ह् … नहीं नहीं लगता है जीजू छोड़ो न उईईई…”
स्साली ज्योती, थकी लथपथ थेथर थी लेकिन , फिर भी बोली
“नीरज जीजू, मेरी सहेली जब नहीं बोलती है , तो इसका मतलब होता है हाँ हाँ और कस कर ठेलो , फाड़ डालो मेरी चूत
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और नीरज ने वही किया।
जब उसके मोटे सुपाड़े का धक्का मेरी बच्चेदानी पे लगा, तो बस, मेरी जान नहीं निकली और सब कुछ हो गया.
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“उईईई… ओह्ह् … " अबकी मेरी चीख जरूर घर के बाहर तक गई होगी, और जब मैंने सांस ली तो सबसे पहले ज्योती को गरियाया,
“ बहुत हंस रही है न स्साली, अभी जब दोनों जीजू तेरी गाण्ड फांड़ेंगे न, तो मैं भी ऐसे मजे ले लेकर हँसूँगी …”
पर ज्योती चुप रहने वाली थोड़े थी, बोली
“अरे यार फटने वाली चीज तो फटेगी ही , लेकिन अभी जरा अपनी बचाओ…”
![Girl-8840c66e5cf7f595cabe86ee1d76b0cf.jpg](https://i.ibb.co/JB6gygP/Girl-8840c66e5cf7f595cabe86ee1d76b0cf.jpg)
लेकिन अब मैं बचने बचाने की नहीं सोच रही थी, दर्द तो बहुत हो रहा था , हर धक्के के साथ बस जान निकल जा रही थी लेकिन मजा भी आ रहा था। नीरज का बहुत ही मोटा था। एकदम दरेरते, रगड़ते, रगड़ते घुसता था और स्साले जीजू में ताकत भी बहुत थी, दोनों जुबना को पकड़कर जब वो पेलते थे, तो जान भी निकल जाती थी, मजा भी आता था।
और तभी मेरी निगाह जीजू पर पड़ी, एकदम मेरे सर के पास, और उनका मोटा फनफनाया भूखा सुपाड़ा मेरे पास , बस मेरे रसीले गुलाबी टीनेजर होंठ अपने आप खुल गए, जीजू समझदार थे न उन्होंने कुछ बोला, न मैंने। सिर्फ उन्होंने मेरे रसीले सेक्सी होंठों के बीच अपना सुपाड़ा, सिर्फ सुपाड़ा डाल दिया , और मैं चूसने चुभलाने लगी।
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मेरे दोनों होंठों के बीच मोटे मोटे , मेरे जीजू का , मेरे ऊपर वाले होंठों के बीच
और नीचे वाले भीगे होंठों के बीच नीरज जीजू।
![Fucking-close-up-260596-08.jpg](https://i.ibb.co/1J0YWKn/Fucking-close-up-260596-08.jpg)
कुछ देर के लिए नीरज जीजू ने ठेलना रोक दिया , वैसे भी उनका लण्ड जड़ तक मेरी चूत में धंसा था। और मैं मजे से जीजू के लण्ड को चूसने का मजा ले रही थी, और धीरे धीरे आधे से ज्यादा लण्ड मैंने घोंट लिया।
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