Luckyloda
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Sach nikalwane ki kya tarkeeb apanayi hai.... chutad par thappad.....
Maan gye aapko
Maan gye aapko
Kya jabardast chudayi chal rahi h bhojayi ki.....राखी के दिन भैया के संग
फिर भी उन्होंने दो चांटे जड़ दिए गांड पे अपनी भौजी के।
हलके हलके कमल खिल उठे।
" तोहार बियाह तब हो गया था जब उससे ,उसके घर में चुदवा रही थी? "
" हाँ ,बियाह के बाद पहली बार जब मैं मायके गयी थी तभी। " वो बोल उठीं।
" सात आठ बार में तो पांच छह बार तो संदीपवा के घर पे और बाकी दो तीन बार ?"
जोर से बालों की लगाम खींचते हुए उन्होंने उगलवाया।
" यहीं ,इसी घर में , एक बार ऊ आया था राखी पे ,राखी बंधवाने
तो राखी बंधवाने के बाद जिद करने लगा मिठाई की तो मुझे देना पड़ा और फिर उसके बाद रात को , यही इसी बिस्तर पे "
राखी के दिन,... राखी बंधी हुयी कलाई से,... मैंने जेठानी जी को उकसाया, और वो उकस गयीं,.. मुस्करा के मुझे समझाते हुए बोलीं ...
" अरे राखी बंधे हाथों से जब भाई चोली बंध खोलता है , बहन के दोनों जोबन मसलता रगड़ता है , दोनों कलाई बहन की राखी बंधी अपनी कलाई से पकड़ के जोर जोर से धक्के लगा के चोदता है , ... वही तो असली भाई बहन की राखी का मज़ा है ,
और उसके हाथ तो बिना मेरे चोली के अंदर गए ,... बहुत बेसबरा है
" जेठ जी कहाँ थे? " मुझसे नहीं रहा गया पूछ बैठी।
" अरे तुमको तो मालुम हैं उन्हें कितनी गहरी नींद आती है। " मुस्करा के वो बोलीं।
लेकिन मैं ,मम्मी की ट्रेन की हुयी ,मैंने पकड़ लिया।
" अरे दीदी ,नींद की गोली कितनी डाली थी अपने मरद के दूध में एक की दो,सच सच बताओ ?"
"अरे तुझे तो सब मालूम पड़ जाता है , ... एक से रिस्क था इसलिए दो ,संदीप के जाने के बाद ही ऊठे वो। "
जेठानी ने कबूला।
इनका तो गुस्सा सातवें आसमान पर , इनकी भौजी इनके भैया के , अपने मर्द के साथ लेटी, उसी बिस्तर पर अपने भाई से चुदवा रही थीं,... इनके भाई के बगल में , सिंदूर अपने मर्द का , मंगल सूत्र मरद का और चोद रहा था , बचपन का यार, भौजी क भाई , संदीपवा,...
लेकिन मैं खुश थी , ये रिकार्डिंग, सासू जी के लिए जेठ जी के लिए काम की थी और उस संदीपवा की औरत के लिए भी,...
पर यह सोचकर मेरा भी गुस्सा सातवें आसमान में खुद तो ऐसा चरित्तर और गुड्डी के रास्ते में सारी बिघन बाधा यहीं डाल रहीं है। "
लेकिन मैं जानती थी की अगर जेठानी जी उस रात का हाल खुलासा बयान कर देंगी तो सासू जी के ऊपर उनकी कोई भी पकड़ काम नहीं करेगी , ये सुन के उनकी बहू सासू जी के बेटे बगल में लेटकर , उसे नींद की गोली देकर सुलाकर अपने भाई के आगे टांग फैला रही है , रात रात भर चुदवा रही है और ये बात मैं जेठानी जी के मुंह से कहलवाना चाहती थी,... तो मैंने पूछ लिया
" दीदी , दो गोली नींद की तो , फिर तो रात भर की छुट्टी और ऐसे मौके पर तो संदीपवा ने आपको एक बार में थोड़े ही छोड़ा ही होगा, हाईस्कूल से आपके ऊपर चढ़ाई कर रहा था,... "
वो जोर से मुस्करायीं ,
" अरे संदीपवा को क्या बोलूं ,... मेरा भी बहुत मन कर रहा था, दो तीन महीने हो गए थे मायके गए , उससे चोदाये,... सही कह रही हो जब भी आता एकदम अपनी औरत की तरह चोदता मुझे , शादी तो मेरी भी हो गयी थी उसकी भी ,... लेकिन जो मज़ा भैया बहिनी की चुदाई में वो किसी और रिश्ते में नहीं,... एक बार में तो उसने कभी भी नहीं छोड़ा,... और उस दिन तो मैंने सुबह बाल धोया था , महीना ख़तम हुआ था तो गरमाई भी बहुत थी,
तीसरी बार तो मैंने खुद , चूस चूस के खड़ा किया उसका ,
और संदीपवा के ऊपर चढ़ के उसका लंड खुद घोंटा , ऊपर चढ़ के चोदा,...
आठ दस मिनट के बाद फिर वो ऊपर आ गया,... अरे धूप निकल आयी थी , सास की पूजा की घंटी की आवाज आ रही थी,... संदीप एक पल के लिए ,... तो मैंने हड़का लिया , साले सास से क्या डरना , अगर बिना पानी झाड़े गए तो तेरी गाँड़ मार लूंगी , फिर तो ऐसी तूफानी ,... वो तो आठ बजे उसे जाना था,...'
सब का सब रिकार्ड हुआ , दिन तारीख , संदीपवा का नाम,...
और मैं तो आग बबूला हो ही रही थी ,वो तो , ... जोर से उन्होने अपनी भौजी के चूतड़ छू रहे लम्बे बाल पकड़ के खींचे और दूसरे हाथ से उनके मालपुए ऐसे गाल दबा के ,
झट से चिरैया की तरह भौजाई ने मुंह खोल दिया।
और पट्ट से अपने एक हाथ की दो ऊँगली सीधे उन्होंने भौजाई के मुंह में , बल्कि हलक तक ठूंस दिया।
वो गों गों करती रही ,चूतड़ पटकती रही पर उनकी उंगलिया हलक से नहीं निकली।
जेठानी के मुंह से लार निकल रही थी , मैं समझ रही थी बिचारी की क्या हालत हो रही होगी।
पर मेरे दिमाग में भी वैसे ही ख्याल आ रहे थे ,... इसका मुंह चौड़ा कराने को सैंडल , और वो भी ननदों की ,... कल
कल आने दो गुड्डी की , मेरी प्यारी छिनार ननद के पर काटने की बात कर रही थी न ये ,
गुड्डी से बोलूंगी अपनी कीचड़से लिथड़ी सैंडल सीधे जेठानी के मुंह में ठेल दे , पहने पहने।
उधर वो पूरी ताकत से अपनी दो उँगलियाँ अपनी भौजी के हलक में ठेले , न उन्हें अपनी भौजाई की गों गों की परवाह थी न टपकती लार की ,
अगर वो दो चार मिनट और इसी तरह उनके गले में ठूंस के रखते न तो ,
इतने प्यार से खाया रोगनजोश और कोरमा बजाय नीचे वाले के छेद के , उनके मुंह से ही ,
पर उन्होंने वो दोनों उँगलियाँ मेरी जेठानी के नीचे वाले छेद में ठेल दीं
उईईईईई ,... जेठानी चीख उठीं पर ,
अब तो चीख पुकार मचनी ही थी।
lekin poora kaamyab huyi. udhar chootad par thppad padte idhar redio jethani on ho jata tha .Sach nikalwane ki kya tarkeeb apanayi hai.... chutad par thappad.....
Maan gye aapko
Thanks jald hi aayega agala partKya jabardast chudayi chal rahi h bhojayi ki.....
Sach Ka samna bhi sath ke sath ho rha hai.....wait for another hot update
Komal bhabhi
Ekdam yahi to,.... Khud to apne bhiaya ke saath mard ke bistar pe hi aur Guddi ko rokne ke liye pachaas tikdamSahi ilaj kar rahi hain komal jethani ka.Khud ka charitra Aisa lekin guddi ki yatra main badha dalane main lagi hui thi.
Bahot acha sabak sikha rahe ho,ab to bas guddi ke jaane main koi badha nahi dalega.
Maan Gaye Jabrdst Idea hai aapkaGuddi se iski gand marwana stripon lagake
VO to theek hai lekin khud to apne bhaai ke aage taang phailati hai par meri Nanad ko Guddo ke taang phalaine men bighn badhaa daaalti hai maje lo aur lene do to theek, lekin khud to sabke saath aur nanaad bechaari Inter paas kar ke bhi bina Intercourse ke ,... ye naainsaafi hai aur nainsaafi na mujhe pasnd hai na inheAre jab Saadi ke pahle ho chuka hai to Sadi ke baad kya farak padta hai lene do maje bhaujaai ko
Superb update दीदीमेरे सैंया की भौजी
"स्साली की गांड भी बहुत सेंसिटिव है " मैंने समझ लिया और
अपने अंगूठे से उनके क्लिट को जोर जोर से दबाने लगी , मसलने लगी ,
एक बार फिर मेरे सैंया की भौजी , झड़ने के कगार पर ,अब गयीं तब गयीं
अबकी मैंने चांटे का सहारा लिया ,
सीधी उनकी रस से भी ,गीली लथपथ बुर पे ,पहले तो हलके हलके दो ,और फिर एक कस के जन्नाटे दार उनकी बुर पे पूरी ताकत से।
वो बिलबिला गयीं ,उनकी आँखों में आंसू छलक आये।
दो मिनट घड़ी देखकर मैंने उन्हें दर्द से बिलबिलाने दिया ,
फिर हलके हलके मलहम ,अपनी जीभ से उँगलियों सेऔर इस बार नो होल्ड्स बार्ड था ,ऊँगली जीभ सब कुछ ,
बहुत तड़पा लिया इन्हे अबकी झाड़ दूंगी मैंने सोच लिया ,
उनकी बुर एक दम पनिया गयी थी।
मेरी जीभ सट सट उनकी लथपथ गीली बुर में जा रही थी , ओंठ उनके भगोष्ठ चूस रहे थे और उंगलिया कभी क्लिट तो कभी पिछवाड़े ,
लेकिन एक बार फिर ,
अबकी जब वो झड़ने के कगार पर पहुंची तो उनके देवर निकल आये ,
उन्होंने मुझे थम्स अप का सिग्नल दिया , यानी रेकर्डिंग एकदम परफेक्ट।
मेरी जेठानी की कहानी उन्ही की जुबानी
लेकिन अपनी भाभी की गीली रसीली बुर देखकर उनका खूंटा एकदम तन्नाया ,
इशारे से मैंने उन्हें पास बुलाया ,और सीधे लीची से मोटे सुपाड़े को लेकर मुंह में चुभलाने लगी।
कभी जीभ से पेशाब के छेद में सुरसुरी करती तो कभी बस चूसती चुभलाती।