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" दीदी आप भी जबरदस्त हो , पक्का लेकिन आपके देवर, ... " हंसती हुयी वो छुटकी बोली।
" अरे अब तक जैसे काम चलाते थे चलाएंगे, नहीं तो जिस छेद से निकले हैं वो उसी में धक्कम धुक्का करेंगे,...और फिर वो तो खाली पढ़ने लिखने में लगा रहता है उसको तो ये भी नहीं मालूम होगा की छेद कहाँ होगा , तुझी को पकड़ के सटाना पडेगा " जेठानी ने उसी तरह जवाब दिया।
" वो काम तो मैं अँधेरे में भी कर लूंगी, वो मेरे ऊपर छोड़ दीजिये सास ननद को आप चोदना, आप के देवर को मैं चोद दूंगी। " हँसते हुए वो 'होने वाली देवरानी' संदीप का माल बोली।
"थोड़ा चीखना चिल्लाना भी बेचारे को यही भरम रहे की बंद सील मिल रही है। " जेठानी ने और ज्ञान दिया
" अरे आपके कमरे तक सुनाई पडेगा , होने वाली सासू माँ भी सुन लेंगी , ... आपकी सिखाई हुयी हूँ , आपकी छोटी बहन " छोटी बोली। और फोन रख दिया।
तो पहली बात थी की शादी जिस से होने वाली थी वो पहले से ' लोडेड' और दूसरे वो जैसी भी थी शादी के बाद उनको मिलती भी नहीं , मायके के यारों से ही ,...
और एक बात और थी जो मुश्किल से समझ में आयी , लेकिन डायरी में साफ़ हो गया ,
ससुर जी ने कुछ ऐसी विल कर रखी थी की सारी पैतृक प्रॉपर्टी , जिसमें गाँव का घर जमीं , शहर का घर सब कुछ दोनों बहुओ के नाम , ... लेकिन जब तक दोनों की रजामंद न हो , एक तिनका भी इधर से उधर नहीं हो सकता था। ससुर जी ने ये शायद सोचा होगा की घर में झगड़ा बहुएं करवाती हैं, तो अगर दोनों एकमत रहें शायद इसी बहाने , और एक पेंच उन्होंने और लगा दिया था की , बहुओं को अपने पतियों की कंसेंट या नो ओबजक्शन भी लेना होगा , सास जी जबतक रहेंगी , जीवन भर उन्हें घर में रहने का हक होगा और भरण पोषण भी करना होगा।
तो जेठानी जी ने हफ्ते भर के अंदर कंसेंट जेठ जी से ले लिया था। और प्लान उनका यही था की देवरानी भी उनके कंट्रोल वाली आ गयी तो उसे भी सीखा पढ़ा के , पहले तो देवर से कंसेंट फिर सारी प्रापर्टी दोनों के नाम चढ़ जाती ,
लेकिन मामला इत्ता सिंपल भी नहीं था,... और प्रापर्टी भी कम नहीं थी , और ये सब बातें भी मुझे जेठानी और जिसे वो देवरानी बना के लाना चाहती थीं उन की बातों से उजागर हुयी जो जेठानी ने जस की तस दिन घडी के साथ लाल डायरी में अपने हाथों से लिख रखी थी ताकि सनद रहे और खुद उनके खिलाफ काम आये।
शहर में तो सिर्फ एक बड़ा सा मकान था , लेकिन गाँव में खूब बड़ा सा दो खंड का घर ,
सामने दो दो कूँवे , बगीचा , और कई आम के बाग़, खेत,...
लेकिन सब कुछ बटाई पर , हाँ बुआई और कटाई के समय सास जी जाती थीं और कभी कभी जेठ जी भी साथ साथ, सब नाऊ कहार काम करने वाले पुराने ज़माने के, ... और बटाईदार भी ससुर जी के जमाने से, ... तो होनेवाली देवरानी जो प्री लोडेड थी, और घर के वंश का चिराग दहेज़ में साथ लाने वाली थी उसने आइडिया दिया,...
" अगर आप कह रही हैं दी, आप के देवर दी, इत्ते सीधे हैं तो उन्हें तो मैं दो दिन में पेटीकोट के नाड़े में बाँध दूँगी , आप के इशारे पे चल के। और जैसे जैसे आप ने सिखाया है चौथे दिन , चौथी के पहले कागज साइन करा लूंगी,... बस वो अपने बड़े भैया से जरूर पूछेंगे,.. "
बात काटती हुयी हँस के जेठानी बोलीं, " अरे उन की चिंता न कर, बस तू आ जा , तेरे जीजा तो,... उनकी तो ऐसी एक चाभी मेरे पास है , उनके सामने तेरी उस कंटाइन सास को मैं नंगे भी भी नचा दूँ तो वो कुछ नहीं बोल सकते,... वो मैं जैसे कहूँगी वैसे ही तेरे वाले से कहेंगे,... "
होने वाली खुश होके बोली,
"दी आप हैं तो चिंता क्या है, पर मैंने कल रात में संदीप भैया से बात की थी , तो उन्होंने एक बात पते की बोली, ... कागज़ आ जाने से पूरा नहीं होगा, पहले गाँव वाला सब कुछ दाखिल खारिज या पता नहीं क्या बोलते हैं , हम दोनों के नाम से वसीयत के हिसाब से करवाना पड़ेगा , और हो सकता है कुछ रजिस्ट्री आफिस का भी काम हो , उसके पहले लेखपाल से सब जमीन की खतौनी का नंबर , ... और भी पता नहीं क्या,...
मैंने कहा भईया आप जानो , तो वो बोला,... आप तो जानती हैं भैया खुद तहसील आफिस में ऊँची पोस्ट पे हैं और ऊपर से उनका असर ,...
तो वो बोले की उस तहसील का नायब तहसीलदार भी मेरा जानने वाला है और एक सब रजिस्ट्रार भी , एक दो दिन में जा के सब पता कर लूंगा , सब डिटेल,... हो सकता है लेखपाल को कुछ खिलाना विलाना पड़े ,
जेठानी ने दूर होने के चक्कर में अपनी होने वाली देवरानी को गले तो नहीं लगाया लेकिन फोन पर बलैया ले ली,... और बोलीं
"ये अच्छा आइडिया दिया तूने ,... संदीप को काम लगाते हैं वो तहसील में है भी ,... लेकिन ये बता की सिर्फ जमींन खेत बतियाया या चोदा भी,..."
होने वाली देवरानी देर तक खिलखिलाती रही फिर बोली ,
"दी ,आप तो जानती हैं उसको , चूत का भुखड़,... चुदाई पहले , ... और जब से उस का मुन्ना पेट में आया है कोई रात नहीं जब तीन बार से कम कभी नहीं,... ""
" लेकिन बच्चा , पेट दबता तो नहीं ,... "
जेठानी ने चिंता जाहिर की उन्हें अपने वंश के चिराग की चिंता बहुत ज्यादा थी ,आखिर इसी नाम पे तो सास को पटाया था ,...
" अरे नहीं दी , बच्चे की चिंता मुझसे ज्यादा बच्चे का बाप करता है,... पीछे से निहुरा के , दोनों चूतड़ उठा के,...
या तो मैं ऊपर आ जाती हूँ ,... आखिर आप के देवर को भी चोदना है , वो बेचारा नौसखिया,... तो मेरी अच्छी प्रैक्टिस भी हो रही है ,... " हँसते हुए होने वाली देवरानी बोली।
" और जब हम दोनों के नाम हो जायेगी तो उस के बाद,... कुछ सोच के जेठानी बोलीं,... धीरे धीरे सब बटाईदारों को बदलना पडेगा , सब के सब सास के वफादार हैं और ये काम मैं तेरे जेठ से कराउंगी ,... हम तुम चलेंगे साथ ,... गाँव वालो को भी मालूम हो जाए की निजाम बदल रहा है। ...
" एकदम दी , ... और न हो तो आज कल फ़ार्म हाउस का बड़ा फैशन है , और वो गाँव सड़क और शहर दोनों से बहुत दूर भी नहीं है ,... तो फ़ार्म हाउस बनवा देंगे,... शादी ब्याह के सीजन में , कभी कभी पार्टी में ,... अरे साल में महीना डेढ़ महीना भी उठ गया,... और जब खाली होगा तो हम दोनों , संदीप भैया को भी बुला लेंगे,... " छोटी बोली।
" तू सही कह रही है , संदीप का दिमाग बहुत तेज चलता है इन सब बातों में और तहसील में उसकी इज्जत भी बहुत है ,... " जेठानी ने हामी भरी , तो होनेवाली देवरानी ने अगला सवाल ये पूछ दिया ,..
" और दी , वो गाँव से तो फसल वसल का काफी पैसा निकलता होगा , वो किसके खाते में आता है ?"
और जेठानी बिफर पड़ीं,...
" नागिन है नागिन , खजाने पर कुंडली मार के बैठी है , कहने को ससुर जी ने हमको तुम को ,... लेकिन प्रापर्टी मिलने के दस साल के अंदर कुछ भी नहीं बेच सकते ,... "
" और दी , वो गाँव से तो फसल वसल का काफी पैसा निकलता होगा , वो किसके खाते में आता है ?"
और जेठानी बिफर पड़ीं,...
" नागिन है नागिन , खजाने पर कुंडली मार के बैठी है , कहने को ससुर जी ने हमको तुम को ,... लेकिन प्रापर्टी मिलने के दस साल के अंदर कुछ भी नहीं बेच सकते ,... "
बात ये थी की ससुर का एक अकाउंट था , जिसमें सब आता था , उन की ऊपर की भी कमाई ,... बाद में उन्होंने सास का भी नाम उसमें करवा के ज्वाइंट करवा लिया, और ससुर के मरने के बाद अब सास का सिंगल अकाउंट हो गया था , और उसमें डेबिट फ्रीज भी लगा था यानी पैसा सिर्फ अंदर जा सकता था,... हाँ कुछ दिन पहले जेठ के नाम भी ज्वाइंट अकाउंट हो गया था पर फिर भी पैसा निकल नहीं सकता था।
और दोनों ने मिल के उस में भी सेंध लगाने का जुगाड़ कर लिया,... दोनों बेटे मिल के माँ को समझायेंगे,...
आज कल सेविंग में कुछ सूद तो मिलता नहीं , उससे ज्यादा महंगाई ,... शेयर वेयर नहीं , म्युचुअल फंड और कुछ नहीं तो एफ डी , कम से कम कुल पैसे की दस परसेंट की,... बस उसी के नाम से डेबिट फ्रीज हट जायेगी, फिर जेठ जी का नाम तो ज्वाइंट अकाउंट में है ही, अकाउंट की चेकबुक , ए टीम कार्ड भी मिल जाएगा , फिर धीरे धीरे कर के दोनों सेंध लगा देंगी , पहले थोड़ा थोड़ा फिर जेठानी के पास जेठ जी के नेट बैंकिंग का पासवर्ड लेकर ,... थोड़ा थोड़ा दोनों बहनों के , संदीप के अकाउंट में ट्रांसफर,...
" एकदम दी , ... जैसे खूब गड़े खूंटे को भी उखाड़ने के पहले कई दिन पानी डाल की मिटटी को पोला करते हैं उसी तरह उस बुढ़िया को भी , जमीन, पैसा , गाँव में उसके आदमी,... " होनेवाली देवरानी ने होने वाली जेठानी की हाँ में हां मिलाया,.. .
पर जेठानी जी बहुत अच्छे मूड में थीं,... हंस के चिढ़ाते बोली ,
" अरे बुढ़िया मत कह अपनी सास को,... अभी भी जोबन इतने कड़क हैं न ३८ की साइज होगी , लेकिन बिना ब्रा , के भी एकदम तने रहते हैं ,... और चार चार मर्दों को तो वो एक रात में पार निकाल दें अभी भी , बिना झड़े , बिना थके। "
" अरे तो समधियाने बुला के , देंगे न उनको मजा, लड़ेंगी हम लोगों के हरवाहों चरवाहों से कुश्ती,... " हंसती हुयी वो बोली और फोन रख दिया , की भैया बुला रहे हैं , संदीप को चुदवास लगी थी।
और अगले दिन की बात और खतरनाक थी , ... लॉकर और गहनों के बारे में
और उन दोनों के बीच की बात पढ़कर मेरी रूह कांप गयी , छोटी नागिन जो बस आते आते रह गयी बड़ी वाली से कम जहरीली नहीं थी , अगले दिन फोन पर पहला सवाल यही किया और क्या जवाब मिला उसे,...
"दी, सास कहीं दो चार दिन बाद गहने वहने तो नहीं उतरवा के अपने कब्जे में... "
" अरे बड़ी कंटाइन है , दुष्ट ,बहुओं को तो,... क्या बताऊँ ,... मेरे तो सारे उतरवा के और खुद , अरे बहु लाकर में हैं तेरे पास है , और जब चाहे निकाल लेना , बैंक कौन दूर,... बस एक दो अंगूठी , एक हल्का सा हार और दो चार चीजें , बाकी सब लॉकर में,..." जेठानी ने अपना दुःख बताया।
" दी, आपका लॉकर तो अलग होगा न फिर क्या , मैं भी उसी में रख दूंगी,... " संदीप की रखैल बोली।
" अरे नहीं , फिर क्या परेशानी थी,... मैं नयी नयी, समझाया मुझे अरे बहू लाकर का किराया बहुत लगता है और तुम तो इस घर की,... बस यही समझा के , ... मुझे लगा लॉकर में इनका भी ज्वाइंट होगा , पर पता चला नहीं खाली सास के नाम और उनके जाए बगैर खुल नहीं सकता और साथ में जाओ , फिर चाभी भी वो अपने पास ,... खुद खोलती हैं खुद बंद करती हैं. जो गया वो बाहर नहीं निकलता ,... और उस बुढ़िया के भी बहुत पता नहीं कब छमकछल्लो बन के , ससुर जी की मोटी कमाई थी , ऊपर की बस , ये मोटे मोटे गहने गढ़वाती थी,... कंगन , बाजूबंद, सात लड़ी का हार, डायमंड का सेट, बड़े बड़े झुमके,... "
और जेठानी ने गहरी सांस ली , ... होने वाली देवरानी भी चुप थी फिर खुश हो के बोली,
" अरे दी , बस आने दीजिये मुझे स्साली की ऐसी गाँड़ मारूंगी न , मिरचे के अचार वाला तेल लगा के, ... और उसे पता भी नहीं चलेगा , बस आप का साथ रहेगा , हाथ रहेगा अपनी छोटी बहन के ऊपर,... "
और कुछ रुक के प्लान उसने क्लियर कर दिया,...
शादी के बाद तो वो अच्छी बहू की तरह रहेगी , पहले चार दिन , देवर की भी ,... बस यही ध्यान रहेगा की किसी को कुछ पता न चले ,
चौथी के दिन ही संदीप उसे बिदा करा के मायके ले जाएगा ,... ये बात शादी के पहले ही तय हो जायेगी की उनके यहाँ की रस्म है, चौथी में लड़की का भाई वापस बिदा करा के लाएगा गाँव में पूजा होती है फिर महीने दो बाद दिन घडी सायित घड़ी तय कर के दुल्हिन बिदा होगी , ससुराल से किसी के आने की जरूरत नहीं है , लड़की का भाई ही छोड़ देगा ,बस महीने भर में ही उसके मायके से खुश खबरी आ जायेगी, की सास दादी बनने वाली हैं ,... और जब वो बिदा हो के आएगी तो ये तो नौकरी पे होंगे ,... और वो खुद अपनी सास से बोलेगी , की
ससुराल तो सास से होती है , मरद तो कमाने जाता ही है।
और सास खूब खुस रहेंगी छोटी बहु पे, बहू मायके से ढेर सारे गहने भी लाएगी , सब खालिस शुद्ध नकली , सोने का पानी चढ़ा हुआ,... और वो सास से खुद ही बोलेगी की आप के साथ चल के आपके लॉकर में रख दूँ,
अरे वो ताला अपने हाथ से खोलती , अपने हाथ से बंद करती हैं , चाभी छूने भी नहीं देतीं जेठानी ने चेताया।
तो खोलें न ,... बस मुझे पांच मिनट चाहिए होगा , ... देवरानी बोली।
प्लान ये था की थोड़ी देर बाद , वो नाटक करती की बहुत तेज दर्द हो रहा है पेट में लगता है लेडी डाक्टर को तुरंत दिखाना पडेगा, ... आप जा के ड्राइवर को ढूंढ के बोल दीजिये की गाड़ी लगा दे ,... आप लौट के आके लॉकर बंद कर दीजियेगा मैं यहीं बैठ जाती हूँ ,... और घप्प से वहीँ पेट पकड़ के बैठ जाती, जैसे दर्द से मरी जा रही हैं,...
और जैसे सास बाहर जातीं , बस पांच मिनट के अंदर , सास के जेठानी के , देवरानी के सबके गहने उस चालाक बालिका के जादुई झोले में,
और फिर वो ताला बंद कर देती और सास जब लौटतीं तो बोलती की आप भी एक बार ताला हिला के देख लीजिये।
बस सास संतुष्ट। और सास के सामने गाडी में झोले को खाली दिखा के बोल देती , देख रही थी की कुछ रह तो नहीं गया।
असल खेल झोले का था। जैसे जादूगरों के पास होता हैं एकदम वैसा दो खोल वाला , अंदर कबूतर , सात रंग का रुमाल , ख़रगोश सब कुछ , बाहर खाली,... एक छोटा सा ज़िप जो टार्च ले कर देखने पर भी न दिखे , बस उसी को खोल के सारे गहने अंदर , और ज़िप बंद , झोला खाली।
मान गयी तुझे यार मेरी देवरानी बनने लायक तो बस तू ही है , जेठानी खुश नहीं महा खुश।
और पावर प्वाइंट की समरी वाली स्लाइड की तरह समेटा ,जेठानी ने ,
"बस एक बार गाँव वाली सारी जमीन, बाग़, घर हम लोगों के नाम आ जाये, मैं वो अकाउंट में इनके नाम से सेंध लगाने का जुगाड़ करती हूँ , और तू जब दुबारा आएगी और गहनों पे भी हम लोगों का कब्जा हो जाएगा तो , बस , पैसा , जमीन , गहने सब हम लोगों के हाथ तो सास की अकड़ अपने आप ढीली हो जायेगी , फिर उस बुढ़िया को उस की औकात हम दोनों मिल के बताएंगे।"
बस एक बार गाँव वाली सारी जमीन, बाग़, घर हम लोगों के नाम आ जाये, मैं वो अकाउंट में इनके नाम से सेंध लगाने का जुगाड़ करती हूँ , और तू जब दुबारा आएगी और गहनों पे भी हम लोगों का कब्जा हो जाएगा तो , बस , पैसा , जमीन , गहने सब हम लोगों के हाथ तो सास की अकड़ अपने आप ढीली हो जायेगी , फिर उस बुढ़िया को उस की औकात हम दोनों मिल के बताएंगे।
और उसके बाद सासू जी की शामत, जेठानी ने फोन पर ये बात भी उस संदीप के माल को बतायी और कहा की हम दोनों मिल के सास को महीने दो महीने में बाहर ,
लेकिन उस चतुर चालाक लोमड़ी ने तुरंत टोक दिया,
" नहीं दी, एकदम नहीं , आखिर हम दोनों की आदरणीय सासू माँ है , ... और फिर घर का काम कौन करेगा, झाड़ू पोंछा, बर्तन नाश्ता खाना और फिर फुर्सत मिलेगी उन्हें तो थोड़ा हम दोनों का भी हाथ पैर दबा देंगी, वरना हम दोनों के हाथ भी चलेंगे और पैर भी। देखिये वसीयत की शर्त तो यही थी न की उन्हें घर से न निकाला जाए... तो घर में रहेंगी वो और ये थोड़ी लिखा था की कोई काम वाम नहीं करेंगी, खाली बैठ के हुकुम चलाएंगी। "
जेठानी मान गयीं चेली गुरुआनी से आगे निकल गयी थी।
सासू के लिए बहुत डिटेल्ड प्लानिंग थी , और ये भी कुछ नहीं तो उन्हें गाँव के घर में वहां नाऊ कहांरो से पैर मिजवाएंगी या जो चाहिए मिजवायें, गाँव के खेत बगीचे सब काम देखें,...
लेकिन जेठानी अभी भी गुरुआनी थी वो सिर्फ फंतासी में नहीं रहती थीं, अपनी सहेली , उस शैतान की भतीजी नगमा के साथ उसने भी शतरंजी चाले और खास तौर से चार चाल आगे की सोचती थीं, अपने भैया की रखैल, संदीप के माल को उन्होंने उकसाया,
" तू कह रही थी न की बहुत मजबूत खूंटे को उखाड़ने के लिए जमीन पोली करनी पड़ती है , ... तो उनकी जमीन जायदाद, बैंक अकाउंट , गहने ये सब तो हम लोग पहले खंगाल के खाली कर देंगे, और उन्हें हवा भी नहीं लगेगी। लेकिन ये सोच की उन्हें सपोर्ट कौन कर सकता है , पहले उससे उनके तार काटने पड़ेंगे न ,और तेरे जेठ /जीजा तो पहले ही मेरे इशारे पर हैं तो उनकी चिंता छोड़ ... "
वास्तव में वो भाईचोद भी कम नहीं थी , उसने झट से जवाब दिया,..
देखिये फिर बचे आपके देवर,... वैसे तो वो नौकरी पर रहेंगे , दूर दूर,... लेकिन मैंने तय कर लिया है पहले दिन से उन्हें पढ़ाऊंगी,... की अमरीका में काहें नहीं नौकरी ढूँढ़ते, कुछ बना के अपने जान पहचान वाली लड़कियों के किस्से सुना के कान भरूंगी , और एक बार अमेरिका चले गए वो तो साल दो साल तो आते नहीं,... लेकिन पहले बूढ़ा उन्ही से गुहार लगाएंगी
( अमेरिका वाली बात एकदम सही थी,... कई ऑफर थे उनके पास , जिस कम्पनी में अभी काम करते थे वो भी वहीँ की थी , लेकिन उनका मातृ प्रेम , घर प्रेम , और इस देश की धरती सोना उगले वाला,... लेकिन अगर वो जम के समझाती तो शायद मान भी जाते )
तो बस गुहार लगाने वाली मशीन , सास का मोबाईल पहला हमला वहीँ करना पड़ेगा ,... कभी सिम उलटा लगा दिया तो कभी बैटरी, तो कभी कुछ और एक और बात उनका मायका , वहां का तार बी काटना पड़ेगा।
जेठानी ने भी अपना इनपुट दिया।
और जो फाइनल ऐक्शन प्लान था वो गजब का था।
नयी देवरानी पहले तो सास की विश्वास पात्र बनती और गर्भ धारण की घोषणा के बाद ससुराल लौटती तो सास भी लहा लोट, बस सास के कमरे ही रह के सब राज़ और जेठानी की बुराई कर के कोई भी शक नहीं होने देती।
फिर एक दिन शक्ल बना के बोलती , मुझे लगता है जो पडोसने आतीं हैं उनमे से कोई टोना करती है , होने वाले बच्चे पर नज़र लगाती हैं ,
सास वैसे ही शक्की टोने टोटके को मानने वाली ,
फिर एक कोई ओझा , संदीप के मायके वाला , समधिन भेजतीं और वो कुछ कील कांटा गाड़ के कुछ खाने की दवा सास बहू दोनों को देता , जिससे कोई बिघ्न बाधा न पड़े,... और बोल देता की ये अगले तीन महीने तक कोई बाहर वाला घर में न आये , न पडोसी रिश्तेदार, ये समय बहुत कठिन है।
बस मोबाइल गड़बड़ , बात जेठानी देवरानी अपने मोबाइल पर बेटों से करवातीं उनके मायके से भी , लेकिन मायके और पड़ोसियों का आना जाना बंद।
और उसी समय डाक्टर जावेद की एंट्री होती , नगमा का चमचा , पेट गिरवाने का विशेषज्ञ, और दवाई की डोज जो ओझा ने सास की दिया था उसी में होती , जो दिमाग को थोड़ा ढीला करती , और सेक्स की भावना को उभारती , समझ धीरे धीरे कम होती जाती।
और उस के बाद तो घर का सारा काम धाम, नौकरानी बनाने का प्लान तो पहले ही तय हो गया था, और उसमें भी फाइनर टच आने वाली देवरानी का था,...
दी , सास हमारी अच्छी अच्छी साडी पहन के पोंछा लगाएंगी , घर का काम करेंगी , अच्छा थोड़े ही लगेगा,... मैं सोच रही थी , घर से माँ जो अपनी पुरानी उतरन, बाद में पोंछा ही तो बनता है , वो मैं दो चार मांग के ले आउंगी ,...
लेकिन जेठानी ने बात काट दी ,... और पैबंद लगा दिया,...
अरे जो नाउन कहाईन हों , उनकी उतरन , मेरे मायके में भी एक कहाईन हैं , तेरी होने वाली सासू मा की उम्र की , उसकी उतरन मैं ले आउंगी, बदले में सासू जी की साड़ी, अब उनकी पुरानी हम लोग तो पहिनेंगे नहीं।
" और ब्लाउज भी , वैसे तो आप कह रही थीं , की उसका जोबन ३८ नंबर का है तब भी टनाटन है , तो मैं सोच रही थी बिना ब्लाउज के ही जबरदस्त लगेंगी, ....
" आइडिया तो तेरा जबरदस्त है , ब्रा , चड्ढी तो वैसे भी काम करने वाली नहीं पहनतीं , और ब्लाउज देना भी तो बस एक दो हुक छोड़ के सब क़तर क़तर,...
और पहनने के बाद सब खतरनाक आइडिया खाने और सेक्स लाइफ को ले कर था, और ये सुझाव पूरी तरह से संदीप के माल का था, आखिर वंश का चिराग लेकर मायके से आ रही थी , सुपर फास्ट एक्सप्रेस डिलीवरी,....
दी, एक लिस्ट बना के रखियेगा , बुढ़िया को खाने में क्या क्या पसंद नहीं है, बस उससे वही बनवाएंगे , और वही अपने सामने खिलायंगे,.. और जरा भी खाना खराब हुआ न तो बस अपना जूठी कटोरी में उसका मुंह लगा के,... '
शायद जेठानी ने ये बात ठीक से सुनी नहीं होगी , उनका मन तो लिस्ट बनाने में लगा था और उन्होंने बता दिया ,
अरे बहुत चीजें नापसंद है , बैगन , इत्ता अच्छा भुरता और कलौंजी ,
मुझे तो बहुत पसंद है , लेकिन यहाँ आने के बाद तो एक दिन भी मैंने कहा भी लेकिन साफ मना , ... और कच्चे केले की सब्जी,... जो जो हम लोगों के यहाँ बनता है सब उसे नापसंद है ,...
अब देवरानी से ये दुःख नहीं देखा गया , बोली , बस दी आने दीजिये मुझे , उस की बुर का भर्ता न बनाया,... बैगन की कच्चे केले की सब्जी तो मुझे भी बहुत अच्छी लगती है, ... नहीं बना पायेगी तो बैगन और केला उसके भोंसडे में डालूंगी मैं,... अगवाड़े भी पिछवाड़े भी,...
पर जेठानी तो जेठानी थीं , हमेशा दो हाथ आगे,... उन्होंने प्रस्ताव मना कर दिया , ...
"अरे वो ससुरी अपने हाथ से डालेगी , बहुत दिन से खायी नहीं होगी उसकी भोंसड़ी,... अरे जावेद की दवा का असर तो होगा ही , और एक तो लगाने वाली भी है सीधे बुर पे , बस किसी तरह पटक के लगा दो , भले कुँवारी हो खुद लंड घोंटने के लिए पागल हो जायेगी , और इस ने तो पता नहीं कहाँ कहाँ का लंड घोंटा होगा,... "
छोटी छोटी ही थी , हामी भरने में तेज बोली ,
अरे दीदी आपका साथ रहेगा न , एकदम सही सोचा आपने , अपने हाथ से घोंटेंगी तो और मजा आएगा , और मैं तीन कैमरेवाले मोबाइल से सटासट फोटुएं खींचूंगी , और पहली कॉपी तो मायके उसके भेजने की बनती ही है ,...
और वैसे एक और आइडिया ,... आखिर सासू मा है , पता नहीं कहाँ कहाँ से चुदवा चुदवा के हम लोगो के लिए दो लौंडे जने हैं तो जिस भोंसडे से हम दोनों के पति देव निकले हैं उसकी सेवा भी तो हम लोगों को करनी है , आखिर बहुएं सास के पैर दबाती हैं तो पैरों के बीच वाला इस उम्र में कौन दबाएगा,...
हँसते हुए जेठानी ने हड़काया , चल स्साली ज्यादा भूमिका मत बना पिलान बता,...
" अरे तिमाहे क बाद मायके में पूजा होती है , पहलौठी का पोता है सास को भी नेग मिलता है ,... तो बस मैं सोच रही हूँ इस बहाने , उन्हें उनके समधियाने ले चलू , माँ से पहले ही कह दूंगी , दो चार वो भी कह देंगी , बस एक बार समधियाने पहुँच गयी तो , उनकी समधन लोग बढ़िया बढ़िया इंतजाम करेंगी , कितने तो रण्डुये हैं , फिर भरौटी अहिरौटी , हमरे हरवाहजोतेंगे खेत उनका , कौन दिन नागा नहीं जाएगा , सात आठ मर्द हर तरह के एक उतरेगा दूसरे चढ़ेगा,...बल्कि गैंग बैंग होगा सासू जी का आखिर समधियाने गयीं हैं तो सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए
" और हम दोनों संदीप के साथ ,.. " जेठानी बोलीं
" एकदम " होने वाली देवरानी ने हामी भरी।
और गुड्डी की बात जेठानी की होने वाली छोटी देवरानी ने ही उठायी,... बोली,
" आपकी ननद के बारे में क्या इरादा है , संदीप भैया बहुत रिझाये हैं उस पर, कह रहे थे जवानी एकदम फूटी पड़ रही है जोबन सम्हाले नहीं सम्हलते उससे, हैं तो अभी छोटे छोटे एकदम मुट्ठी में पूरे आ जाएँ लेकिन हैं कड़क। पर अकड़ती बहुत है।
और जेठानी ने अपने प्लान का अंदाजा दे दिया,
" अरे एक बार तो आ तो जा, फिर हम दोनों मिल के उसकी सारी अकड़ ढीली कर देंगे, और हम दोनों के सामने ही खुद संदीप के लिए अपना नाड़ा खोलेगी। लेकिन सच में माल तो गजब है , एकदम वो कहते हैं जिला टॉप माल.
एक बार वो तेरा यार चढ़ जाए बस उस के ऊपर , और तू आगयी तो ये तो चुटकी का खेल है ,... "
" एकदम, " उधर से जवाब आया , " और एक बार उसे चोद चोद के जब संदीप भैया का मन भर गया न तो ,... फिर हम दोनों के मायके सारे सारे मरद, दिन रात सडका बहता रहेगा, मूसल चलेगा, .... "
" एकदम " जेठानी ने भी कहा और हँसते हुए जोड़ा,...
" चमरौटी, भरौटी, अहिरौटी, पठान टोला, सब के लौंडों की दावत होगी, रोज। जितना उसके शहर की चवन्नी छाप रंडियां हफ्ते भर में चलती होंगी , उतना तो वो रोज घोंटेंगी, फिर अकड़ का पता चलेगा। "
" अरे दी,... आज कल मोबाइल में ऐसे ऐसे कैमरे आ गए हैं न, एक से एक फोटुएं आने दीजिये मुझे,... और पूरा का पूरा अल्बम बनायेगे हम दोनों उसका , उसके बाद तो उसी के फोन से,.. लोग कहते हैं न बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा। " उनकी होने वाली देवरानी और दो हाथ आगे थी।
और उस लाल डायरी में गुड्डी के बारे में तमाम बातें थीं ,
जेठानी ने कई बार कोशिश की थी उसे सांचे में उतारने की अपने मायके वालों के लिए पर वो खेल अधूरा रहा जाता था , वो उसे हर बार मजाक में ले लेती थी। और थोड़ी बहुत अकड़ तो थी ही जो जेठानी को फूटी आँख नहीं सुहाती थीं , हाँ मेरे शुरआती दिनों में उसका खूब इस्तेमाल भी किया उन्होंने मेरे खिलाफ , उसके कंधे पर रख कर बन्दूक नहीं तोप चलाती थीं वो।
गुस्सा रोके नहीं रुक रहा था , अपने भैया से गाभिन अपनी बहिनिया को धोखे से इनको टिकाने से लेकर प्रापर्टी तक और बार बार इनके बारे में सिर्फ एक बात अपनी होने वाली देवरानी से कहती थीं,
" अरे मुझे उस की एक एक नस पता है , बस एक बार बोल दो , लोग क्या कहेंगे, लोग क्या सोचेंगे , ... अच्छे घर के लड़कों को ये अच्छा लगता है ,... घर की इज्जत,... और थोड़ी बहुत तारीफ़ बस। हाँ एक बात और है ,
उनकी होने वाली देवरानी ने कान पार के पूछा , बताइये न दीदी।
" अरे किसी लड़की से उसकी बात करने की ही हिम्मत नहीं पड़ती बेचारे की तो उसने अभी तक पेटीकोट की महक सूंघी नहीं है , बस एक बार सुंघा देगी ढंग से तो अपने पेटीकोट के नाड़े से लटका के रखना , जहाँ कहेगी जैसे कहेगी,... "
उनकी बात काट के वो छिनार , अपने भैया की रखेल बोली ,
" अरे उसकी चिंता मत करिये , पहली रात को ही उसका कुंवारापन भी उतार दूंगी , और सिर्फ सुँघाऊँगी नहीं चटाउँगी भी चुसाउंगी भी पेटीकोट के अंदर वाला , बस एक बार आ आऊं , फिर देखिये हम दोनों बहने मिल के कितना गरदा उड़ाएंगी उस आंधी में आप के सास देवर ननद सब उड़ जाएंगी , बस अपनी छोटी बहन को आने तो दीजिये ,... "
" अरे तुझे तो मैं कल ले आऊं , ... " गहरी सांस लेकर जेठानी बोलीं,
" इनको भी न उसी समय टूर पर जाना था , पंद्रह दिन का है , बस लौट के आयंगे तो अगले दिन मैं इनके साथ आउंगी और रोका, छेंका सब कर दूंगी , एक बार ये हो जाए न तो उसके बाद तो सास मेरी लाख कोशिश करें उनकी ऐसी की तैसी होनी तय है , बस तू आ जा। "
लेकिन वो आ नहीं पायी , मैं आ गयी और उनकी सारी पिलानिंग,...
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