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Thanks so much, Planning to Jethani ki thi main to khali laal diary ke panne palat rahi hunGajab planning hai komal.ji
Thanks so much, Planning to Jethani ki thi main to khali laal diary ke panne palat rahi hunGajab planning hai komal.ji
अभी बहुत कुछ बाकी है , कैसे जेठ जी को उसने बांध रखा था,... सब खुलेगा , और फिर हाल चाल लिया जाएगा तस्सलीबक्श ढंग से,.
लाल डायरी और उसके राज़, जिठानी जी की रेल पक्की
अब आई उठनी कोमल के नीचे
लाजवाब तड़का
Just jabardst
bas aap log himmat badhatae hain , aur saath dete hainItna kuch kaise soch leti hai aap
Kya baat kahi aapne dil garden garden ho gaya , ekdm sacchPlanning to jabardast thi jethani ji ki..... pr kya kre ... uparwala bhi gand bta ke nhi marta na...
Kitni chalbaji .kitni shatirana soch hai . Katai jahar bhara pada hai . Is chinaar ke andar .सासू जी की
बस एक बार गाँव वाली सारी जमीन, बाग़, घर हम लोगों के नाम आ जाये, मैं वो अकाउंट में इनके नाम से सेंध लगाने का जुगाड़ करती हूँ , और तू जब दुबारा आएगी और गहनों पे भी हम लोगों का कब्जा हो जाएगा तो , बस , पैसा , जमीन , गहने सब हम लोगों के हाथ तो सास की अकड़ अपने आप ढीली हो जायेगी , फिर उस बुढ़िया को उस की औकात हम दोनों मिल के बताएंगे।
और उसके बाद सासू जी की शामत, जेठानी ने फोन पर ये बात भी उस संदीप के माल को बतायी और कहा की हम दोनों मिल के सास को महीने दो महीने में बाहर ,
लेकिन उस चतुर चालाक लोमड़ी ने तुरंत टोक दिया,
" नहीं दी, एकदम नहीं , आखिर हम दोनों की आदरणीय सासू माँ है , ... और फिर घर का काम कौन करेगा, झाड़ू पोंछा, बर्तन नाश्ता खाना और फिर फुर्सत मिलेगी उन्हें तो थोड़ा हम दोनों का भी हाथ पैर दबा देंगी, वरना हम दोनों के हाथ भी चलेंगे और पैर भी। देखिये वसीयत की शर्त तो यही थी न की उन्हें घर से न निकाला जाए... तो घर में रहेंगी वो और ये थोड़ी लिखा था की कोई काम वाम नहीं करेंगी, खाली बैठ के हुकुम चलाएंगी। "
जेठानी मान गयीं चेली गुरुआनी से आगे निकल गयी थी।
सासू के लिए बहुत डिटेल्ड प्लानिंग थी , और ये भी कुछ नहीं तो उन्हें गाँव के घर में वहां नाऊ कहांरो से पैर मिजवाएंगी या जो चाहिए मिजवायें, गाँव के खेत बगीचे सब काम देखें,...
लेकिन जेठानी अभी भी गुरुआनी थी वो सिर्फ फंतासी में नहीं रहती थीं, अपनी सहेली , उस शैतान की भतीजी नगमा के साथ उसने भी शतरंजी चाले और खास तौर से चार चाल आगे की सोचती थीं, अपने भैया की रखैल, संदीप के माल को उन्होंने उकसाया,
" तू कह रही थी न की बहुत मजबूत खूंटे को उखाड़ने के लिए जमीन पोली करनी पड़ती है , ... तो उनकी जमीन जायदाद, बैंक अकाउंट , गहने ये सब तो हम लोग पहले खंगाल के खाली कर देंगे, और उन्हें हवा भी नहीं लगेगी। लेकिन ये सोच की उन्हें सपोर्ट कौन कर सकता है , पहले उससे उनके तार काटने पड़ेंगे न ,और तेरे जेठ /जीजा तो पहले ही मेरे इशारे पर हैं तो उनकी चिंता छोड़ ... "
वास्तव में वो भाईचोद भी कम नहीं थी , उसने झट से जवाब दिया,..
देखिये फिर बचे आपके देवर,... वैसे तो वो नौकरी पर रहेंगे , दूर दूर,... लेकिन मैंने तय कर लिया है पहले दिन से उन्हें पढ़ाऊंगी,... की अमरीका में काहें नहीं नौकरी ढूँढ़ते, कुछ बना के अपने जान पहचान वाली लड़कियों के किस्से सुना के कान भरूंगी , और एक बार अमेरिका चले गए वो तो साल दो साल तो आते नहीं,... लेकिन पहले बूढ़ा उन्ही से गुहार लगाएंगी
( अमेरिका वाली बात एकदम सही थी,... कई ऑफर थे उनके पास , जिस कम्पनी में अभी काम करते थे वो भी वहीँ की थी , लेकिन उनका मातृ प्रेम , घर प्रेम , और इस देश की धरती सोना उगले वाला,... लेकिन अगर वो जम के समझाती तो शायद मान भी जाते )
तो बस गुहार लगाने वाली मशीन , सास का मोबाईल पहला हमला वहीँ करना पड़ेगा ,... कभी सिम उलटा लगा दिया तो कभी बैटरी, तो कभी कुछ और एक और बात उनका मायका , वहां का तार बी काटना पड़ेगा।
जेठानी ने भी अपना इनपुट दिया।
और जो फाइनल ऐक्शन प्लान था वो गजब का था।
नयी देवरानी पहले तो सास की विश्वास पात्र बनती और गर्भ धारण की घोषणा के बाद ससुराल लौटती तो सास भी लहा लोट, बस सास के कमरे ही रह के सब राज़ और जेठानी की बुराई कर के कोई भी शक नहीं होने देती।
फिर एक दिन शक्ल बना के बोलती , मुझे लगता है जो पडोसने आतीं हैं उनमे से कोई टोना करती है , होने वाले बच्चे पर नज़र लगाती हैं ,
सास वैसे ही शक्की टोने टोटके को मानने वाली ,
फिर एक कोई ओझा , संदीप के मायके वाला , समधिन भेजतीं और वो कुछ कील कांटा गाड़ के कुछ खाने की दवा सास बहू दोनों को देता , जिससे कोई बिघ्न बाधा न पड़े,... और बोल देता की ये अगले तीन महीने तक कोई बाहर वाला घर में न आये , न पडोसी रिश्तेदार, ये समय बहुत कठिन है।
बस मोबाइल गड़बड़ , बात जेठानी देवरानी अपने मोबाइल पर बेटों से करवातीं उनके मायके से भी , लेकिन मायके और पड़ोसियों का आना जाना बंद।
और उसी समय डाक्टर जावेद की एंट्री होती , नगमा का चमचा , पेट गिरवाने का विशेषज्ञ, और दवाई की डोज जो ओझा ने सास की दिया था उसी में होती , जो दिमाग को थोड़ा ढीला करती , और सेक्स की भावना को उभारती , समझ धीरे धीरे कम होती जाती।
और उस के बाद तो घर का सारा काम धाम, नौकरानी बनाने का प्लान तो पहले ही तय हो गया था, और उसमें भी फाइनर टच आने वाली देवरानी का था,...
दी , सास हमारी अच्छी अच्छी साडी पहन के पोंछा लगाएंगी , घर का काम करेंगी , अच्छा थोड़े ही लगेगा,... मैं सोच रही थी , घर से माँ जो अपनी पुरानी उतरन, बाद में पोंछा ही तो बनता है , वो मैं दो चार मांग के ले आउंगी ,...
लेकिन जेठानी ने बात काट दी ,... और पैबंद लगा दिया,...
अरे जो नाउन कहाईन हों , उनकी उतरन , मेरे मायके में भी एक कहाईन हैं , तेरी होने वाली सासू मा की उम्र की , उसकी उतरन मैं ले आउंगी, बदले में सासू जी की साड़ी, अब उनकी पुरानी हम लोग तो पहिनेंगे नहीं।
" और ब्लाउज भी , वैसे तो आप कह रही थीं , की उसका जोबन ३८ नंबर का है तब भी टनाटन है , तो मैं सोच रही थी बिना ब्लाउज के ही जबरदस्त लगेंगी, ....
" आइडिया तो तेरा जबरदस्त है , ब्रा , चड्ढी तो वैसे भी काम करने वाली नहीं पहनतीं , और ब्लाउज देना भी तो बस एक दो हुक छोड़ के सब क़तर क़तर,...
और पहनने के बाद सब खतरनाक आइडिया खाने और सेक्स लाइफ को ले कर था, और ये सुझाव पूरी तरह से संदीप के माल का था, आखिर वंश का चिराग लेकर मायके से आ रही थी , सुपर फास्ट एक्सप्रेस डिलीवरी,....
दी, एक लिस्ट बना के रखियेगा , बुढ़िया को खाने में क्या क्या पसंद नहीं है, बस उससे वही बनवाएंगे , और वही अपने सामने खिलायंगे,.. और जरा भी खाना खराब हुआ न तो बस अपना जूठी कटोरी में उसका मुंह लगा के,... '
शायद जेठानी ने ये बात ठीक से सुनी नहीं होगी , उनका मन तो लिस्ट बनाने में लगा था और उन्होंने बता दिया ,
अरे बहुत चीजें नापसंद है , बैगन , इत्ता अच्छा भुरता और कलौंजी ,
मुझे तो बहुत पसंद है , लेकिन यहाँ आने के बाद तो एक दिन भी मैंने कहा भी लेकिन साफ मना , ... और कच्चे केले की सब्जी,... जो जो हम लोगों के यहाँ बनता है सब उसे नापसंद है ,...
अब देवरानी से ये दुःख नहीं देखा गया , बोली , बस दी आने दीजिये मुझे , उस की बुर का भर्ता न बनाया,... बैगन की कच्चे केले की सब्जी तो मुझे भी बहुत अच्छी लगती है, ... नहीं बना पायेगी तो बैगन और केला उसके भोंसडे में डालूंगी मैं,... अगवाड़े भी पिछवाड़े भी,...
पर जेठानी तो जेठानी थीं , हमेशा दो हाथ आगे,... उन्होंने प्रस्ताव मना कर दिया , ...
"अरे वो ससुरी अपने हाथ से डालेगी , बहुत दिन से खायी नहीं होगी उसकी भोंसड़ी,... अरे जावेद की दवा का असर तो होगा ही , और एक तो लगाने वाली भी है सीधे बुर पे , बस किसी तरह पटक के लगा दो , भले कुँवारी हो खुद लंड घोंटने के लिए पागल हो जायेगी , और इस ने तो पता नहीं कहाँ कहाँ का लंड घोंटा होगा,... "
छोटी छोटी ही थी , हामी भरने में तेज बोली ,
अरे दीदी आपका साथ रहेगा न , एकदम सही सोचा आपने , अपने हाथ से घोंटेंगी तो और मजा आएगा , और मैं तीन कैमरेवाले मोबाइल से सटासट फोटुएं खींचूंगी , और पहली कॉपी तो मायके उसके भेजने की बनती ही है ,...
और वैसे एक और आइडिया ,... आखिर सासू मा है , पता नहीं कहाँ कहाँ से चुदवा चुदवा के हम लोगो के लिए दो लौंडे जने हैं तो जिस भोंसडे से हम दोनों के पति देव निकले हैं उसकी सेवा भी तो हम लोगों को करनी है , आखिर बहुएं सास के पैर दबाती हैं तो पैरों के बीच वाला इस उम्र में कौन दबाएगा,...
हँसते हुए जेठानी ने हड़काया , चल स्साली ज्यादा भूमिका मत बना पिलान बता,...
" अरे तिमाहे क बाद मायके में पूजा होती है , पहलौठी का पोता है सास को भी नेग मिलता है ,... तो बस मैं सोच रही हूँ इस बहाने , उन्हें उनके समधियाने ले चलू , माँ से पहले ही कह दूंगी , दो चार वो भी कह देंगी , बस एक बार समधियाने पहुँच गयी तो , उनकी समधन लोग बढ़िया बढ़िया इंतजाम करेंगी , कितने तो रण्डुये हैं , फिर भरौटी अहिरौटी , हमरे हरवाहजोतेंगे खेत उनका , कौन दिन नागा नहीं जाएगा , सात आठ मर्द हर तरह के एक उतरेगा दूसरे चढ़ेगा,...बल्कि गैंग बैंग होगा सासू जी का आखिर समधियाने गयीं हैं तो सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए
" और हम दोनों संदीप के साथ ,.. " जेठानी बोलीं
" एकदम " होने वाली देवरानी ने हामी भरी।
और तीर पर अगला निशाना गुड्डी थी।
Bina dhang se gand mare maja nahi aaye ga . Is ko to gali ki kutiya banana bhi kam hai.गुड्डी
और तीर पर अगला निशाना गुड्डी थी।
और गुड्डी की बात जेठानी की होने वाली छोटी देवरानी ने ही उठायी,... बोली,
" आपकी ननद के बारे में क्या इरादा है , संदीप भैया बहुत रिझाये हैं उस पर, कह रहे थे जवानी एकदम फूटी पड़ रही है जोबन सम्हाले नहीं सम्हलते उससे, हैं तो अभी छोटे छोटे एकदम मुट्ठी में पूरे आ जाएँ लेकिन हैं कड़क। पर अकड़ती बहुत है।
और जेठानी ने अपने प्लान का अंदाजा दे दिया,
" अरे एक बार तो आ तो जा, फिर हम दोनों मिल के उसकी सारी अकड़ ढीली कर देंगे, और हम दोनों के सामने ही खुद संदीप के लिए अपना नाड़ा खोलेगी। लेकिन सच में माल तो गजब है , एकदम वो कहते हैं जिला टॉप माल.
एक बार वो तेरा यार चढ़ जाए बस उस के ऊपर , और तू आगयी तो ये तो चुटकी का खेल है ,... "
" एकदम, " उधर से जवाब आया , " और एक बार उसे चोद चोद के जब संदीप भैया का मन भर गया न तो ,... फिर हम दोनों के मायके सारे सारे मरद, दिन रात सडका बहता रहेगा, मूसल चलेगा, .... "
" एकदम " जेठानी ने भी कहा और हँसते हुए जोड़ा,...
" चमरौटी, भरौटी, अहिरौटी, पठान टोला, सब के लौंडों की दावत होगी, रोज। जितना उसके शहर की चवन्नी छाप रंडियां हफ्ते भर में चलती होंगी , उतना तो वो रोज घोंटेंगी, फिर अकड़ का पता चलेगा। "
" अरे दी,... आज कल मोबाइल में ऐसे ऐसे कैमरे आ गए हैं न, एक से एक फोटुएं आने दीजिये मुझे,... और पूरा का पूरा अल्बम बनायेगे हम दोनों उसका , उसके बाद तो उसी के फोन से,.. लोग कहते हैं न बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा। " उनकी होने वाली देवरानी और दो हाथ आगे थी।
और उस लाल डायरी में गुड्डी के बारे में तमाम बातें थीं ,
जेठानी ने कई बार कोशिश की थी उसे सांचे में उतारने की अपने मायके वालों के लिए पर वो खेल अधूरा रहा जाता था , वो उसे हर बार मजाक में ले लेती थी। और थोड़ी बहुत अकड़ तो थी ही जो जेठानी को फूटी आँख नहीं सुहाती थीं , हाँ मेरे शुरआती दिनों में उसका खूब इस्तेमाल भी किया उन्होंने मेरे खिलाफ , उसके कंधे पर रख कर बन्दूक नहीं तोप चलाती थीं वो।
गुस्सा रोके नहीं रुक रहा था , अपने भैया से गाभिन अपनी बहिनिया को धोखे से इनको टिकाने से लेकर प्रापर्टी तक और बार बार इनके बारे में सिर्फ एक बात अपनी होने वाली देवरानी से कहती थीं,
" अरे मुझे उस की एक एक नस पता है , बस एक बार बोल दो , लोग क्या कहेंगे, लोग क्या सोचेंगे , ... अच्छे घर के लड़कों को ये अच्छा लगता है ,... घर की इज्जत,... और थोड़ी बहुत तारीफ़ बस। हाँ एक बात और है ,
उनकी होने वाली देवरानी ने कान पार के पूछा , बताइये न दीदी।
" अरे किसी लड़की से उसकी बात करने की ही हिम्मत नहीं पड़ती बेचारे की तो उसने अभी तक पेटीकोट की महक सूंघी नहीं है , बस एक बार सुंघा देगी ढंग से तो अपने पेटीकोट के नाड़े से लटका के रखना , जहाँ कहेगी जैसे कहेगी,... "
उनकी बात काट के वो छिनार , अपने भैया की रखेल बोली ,
" अरे उसकी चिंता मत करिये , पहली रात को ही उसका कुंवारापन भी उतार दूंगी , और सिर्फ सुँघाऊँगी नहीं चटाउँगी भी चुसाउंगी भी पेटीकोट के अंदर वाला , बस एक बार आ आऊं , फिर देखिये हम दोनों बहने मिल के कितना गरदा उड़ाएंगी उस आंधी में आप के सास देवर ननद सब उड़ जाएंगी , बस अपनी छोटी बहन को आने तो दीजिये ,... "
" अरे तुझे तो मैं कल ले आऊं , ... " गहरी सांस लेकर जेठानी बोलीं,
" इनको भी न उसी समय टूर पर जाना था , पंद्रह दिन का है , बस लौट के आयंगे तो अगले दिन मैं इनके साथ आउंगी और रोका, छेंका सब कर दूंगी , एक बार ये हो जाए न तो उसके बाद तो सास मेरी लाख कोशिश करें उनकी ऐसी की तैसी होनी तय है , बस तू आ जा। "
लेकिन वो आ नहीं पायी , मैं आ गयी और उनकी सारी पिलानिंग,...
एकदम मिर्चे के अचार वाला पुराना तेल , जिसमें मिर्च का सत्त अच्छी तरह आ गया हो , अभी तो यही सोचा है मैंने,.... सच में है बड़ी शातिर ,... मैं तो यही सोच सोच के सिहर जाती हूँ की जो नहीं आ पायी , वो आ जाती तो क्या होतादिल को बाग़ बाग़ करने वाला अपडेट
किसी पंडित से शुभ मुहरत निकलवाइये ताकि नारियल ले कर आपसे गुरुमंत्र ले सकूँ अभी आपसे बहुत कुछ सिखाना है इससे पहले एक अनुरोध है
जेठनिय को बहुत ही प्रेम पूर्वक सुखा सुखा बिना कडवा तेल के. ... .. .. .... . कैसा रहेगा
अभी मै सोच रहा हूँ