Jiashishji
दिल का अच्छा
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Apne yaar ki bahen ke saath sadi tak to theek tha . Magar marne ki planing kuch jyada hi ho gai . Ab to is ki kartoot poore pariwar ke samne aana bahut hi jaruri hai .ताम्बे का ताला,.... मेरी सुहागरात ,...
जेठानी की पिलानिंग
लेकिन वो सवाल अभी भी बचा था , जेठानी की मम्मी नाती की मुंह क्यों नहीं देख पा रही हैं , बच्चे वाला सवाल ,... और उसका जवाब थोड़ा ही सोचने पर मिल गया, जेठानी की मम्मी
उत्तर था ताम्बे का ताला, और जेठानी की मम्मी ने ही इसका जिक्र किया था , और ये साफ़ जब हाईस्कूल से ही जेठानी रोज बिना नागा कभी गन्ने के खेत में तो कभी अरहरिया में टाँगे फ़ैलाने लगी होंगी तो उनकी मम्मी ने ही किसी लेडी डाक्टर के पास ले जाकर उनकी गुलाबो के अंदर ताम्बे का ताला ( कॉपर टी ) लगवा दिया होंगी, चुदाये जितना चुदवाना, जिससे चुदवाये,... इस उमर में नहीं चुदवायेगी तो कब चुदवायेगी।
और शादी के समय भी वो ताला बंद ही रहा होगा , कौन गोली वोली का झगड़ा पाले , फिर जेठानी ऐसी चोदासी , कंडोम तो कभी नहीं,... जब तक चमड़ी से चमड़ी न रगड़े,...
और फिर उसी का इस्तेमाल किया जेठ जी के ऊपर,...
"मैं क्या करूँ अगर बच्चे नहीं होते , मैं कोई गोली वोली तो खाती नहीं , और जब कहिये तब टांग फैलाने को तैयार रहती हूँ , आप ही कहते हैं आज थक गया हूँ अभी माँ जग रही है , अरे माँ जग रही है तो क्या , अपनी उम्र ने नहीं चुदवाया होगा ,कहाँ से आप और देवर आये ,... और मौका मिले तो वो आज भी बांस पे चढ़ने को तैयार रहती हैं,... तो उन से क्या चोरी छिपाना ,"
और जब सास ने ताना देना शुरू हुआ किया होगा, तो फिर जेठानी ने तय कर लिया होगा , अब तो ताला बंद ही रहेगा , वैसे भी दस साल तक तो आराम से,... और उसके बाद जो वो फर्जी वाडे वाले जेठ जी की रिपोर्ट इम्पोटेंट नॉट क्योरेबल ,... उसके बाद तो पूछना ही क्या,...
हाँ अगर संदीप की छुटकी बहिनिया उनकी देवरानी बन के आ जाती
तो और सब प्रापर्टी दोनों बहने आपने नाम कर के ( ये तो दूर कहीं अपनी नौकरी पे रहते और जेठ जी की हिम्मत नहीं पड़ती बोलने की ) तो पहले तो सास को नौकरानी बनाती और संदीप से उनके सामने ही ही ,...
आप बच्चा बच्चा कहती हैं न , मेरी देवरानी देखिये जन रही है , ... और मैं,... आप के बेटे के तो तो अब क्या मुंह खुलवाइयेगा , तो मैं अगर किसी और के साथ,...
और उन दोनों के घर में रहते ही संदीप से ,... उसके पहले ताला खुल जाता ,...
पीरियड के दस बारह दिन बाद भैया आते और चार पांच दिन रह के बहिनिया को गाभिन कर के चले जाते , ... उन्होंने खुद कबूला थी की राखी के दिन संदीप से जेठ जी के ही पलंग पर , जेठ जी को दूध में नींद की दो गोली डाल के सुला दिया था और उन्ही सोते जेठ जी के बगल में उनकी पत्नी का भरतपुर उनके साले ने लूटा था , एक बार नहीं तीन बार,...
अब मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ रहा था,... उनके छिनारपने से मुझे कोई शिकायत नहीं थी , अपने फुफेरे भाई से चुदवाये उसकी भी नहीं ,
लेकिन कितनी गहरी साजिश , फर्जी डाक्यूमेंट बनाने से लेकर,... और सबसे बड़ी बात तो इनकी जिदंगी में जो ये ये संदीप की बहन की लाके जहर घोलने वाली थीं,
सच में ये बहुत ही सीधे हैं , कुछ ज्यादा ही सीधे,... और जेठानी ने इन्हे अच्छी तरह समझा था, इनकी एक एक कमजोरी,
और प्लानिंग पूरी थी , कैसे उन्हें अंदाज नहीं लगेगा,...
सुहागरात के दिन जेठानी उन्हें समझा के भेजतीं बत्ती जल्दी बुझा देना नयी लड़की बहुत शर्माएगी, ...
और यहाँ तक की वो अगर बत्ती बुझाने में देरी करते तो बाहर से उस कमरे का फ्यूज निकालने का भी प्लान था , और संदीप का माल भी एकदम चतुर चालाक , खूब चीखती चिल्लाती यहाँ तक की नीचे के कमरे में सास और सब को सुनाई पड़ता , सुबह बड़ी मुश्किल से सहारा लेकर चलती,...
सच में भयानक चतुर चालाक थी वो, पहली रात की प्लानिंग तो उसने खुद पूरी कर रखी थी, वो बोली,
" दी अरे आप की ही छोटी बहन हूँ, आप चिंता मत करिये, नगमा दीदी ने मुझे समझा दिया है और एक क्रीम भी दी है , क्या तो नाम है , हाँ टाइट अगेन,... बस जिस दिन छेंका रोका होगया, नीचे के मुंह का पूरा उपवास, अरे नहीं भैया को भूखा नहीं रखूंगी,... मेरे होंठ हैं न आपने जैसे सिखाया था अब चूसने में मैं एकदम एक्सपर्ट हो गयी हूँ ,...
आखिर छुट्टी वाले पांच दिन तो वैसे ही भैया का काम चलता था ,... और नहीं हो तो पीछे वाला छेद, लेकिन पंद्रह बीस दिन एकदम शटर डाउन, नीचे का और नगमा दी ने बोला है दिन में , एक बार और रात में एक बार क्रीम लगाने को और तीन चार बार एक कसरत बताई है , चूत को टाइट करने वाली,... आपके देवर ने तो आप खुद ही कह रही थीं, चोदने को कौन कहे , प्रेम गली का दर्शन तक नहीं किया है ,... तो बस आप लाइट वाला ,... और हाँ एक चीज और सोची है मैंने, एक सेफ्टी पिन या अंगूठी ही कोई नोक वाली, बस उसी से जांघ पे कहीं छेद कर दूंगी,... बस आठ दस खून टपक जाएगा , जितना ज्यादा उतना अच्छा,.... उस समय तो दिखेगा नहीं , सुबह के पहले जब लाइट आएगी तो,... "
और जेठानी ने और सोने में सुहागा जोड़ा ,... बस एक काम करना,...
मैं ताला बाहर से बंद कर दूंगी और सुबह मैं ही आके एक दो ननदों के साथ खोलूंगी,... बस तुम उस खून लगे चादर को बदलना मत, और ननदों के सामने मैं देवर को चिढ़ाऊंगी, देखो कैसा खून खच्चर कर दिया है मेरी देवरानी को , इतनी कम उमर वाली देवरानी इसी लिए लायी थी,...
दूसरे महीने तक वैसे भी पेट का तो पता चलता नहीं ,... और चौथी में जब मायके से आते तो उनके साथ बिदा , मायके का रिवाज है,... हफ्ते भर के अंदर कोई पूजा होती है उससे गर्भाधान में ,... बस सास जी के मना करने का सवाल ही नहीं होता,... और हफ्ते दस दिन बाद वहीँ से खबर आ जाती की बहू माँ बनने वाली है , ये देवर को चिढ़ातीं की पहले दिन ही छक्का मार दिया ,... और ये अपनी नौकरी पे ,... और बच्चा मायके में ही होता सात महीने में की आठ में कौन जानता , हाँ ये कह दिया जाता की ददिहाल पे मूल ही तो पौने आठ महीने तक ददिहाल का कोई बच्चे को नहीं देख सकता,
ये सब प्लानिंग लाल डायरी में लिखी थी,...
लेकिन सबसे खतरनाक बात थी की, उनकी पिलानिंग फेल होने के बाद भी उनकी जहरीली पिलानिंग जारी रही,मैं शादी के बाद घर में आगयी तब भी जेठानी और उनकी छिनार बहिनिया ने हार नहीं मानी,
और उस का एक एक सूत्र उस लाल डायरी में था ,
संदीप की बहिनिया की सुहाग रात तो नहीं मनी लेकिन मेरी सुहागरात के बारे में भी उनकी जबरदस्त पिलानिंग थी,.. उसको फेल कराने की और मुझे बदनाम कराने की,... मुझे वो सब घटनाएं याद आ रही थीं , लेकिन उस का मतलब समझ में नहीं आया था। लेकिन मेरी मम्मी, बिदाई के समय ही उन्होंने समझा दिया था ,... जेठानी के हाथ की कोई चीज़ कम से कम रात को सुहाग रात के समय मत खाना , पीना। लेकिन जेठानी भी कम लोमड़ी नहीं थी। उसने दूध का गिलास , गुड्डी के हाथ भिजवाया , इस इंस्ट्रक्शन के साथ वो मुझे अपने सामने पिला दे.
और उसने वो दूध का ग्लास मेरे हाथ में पकड़ा दिया , सामने खड़ी की मैं पूरा पी लूँ तभी वो जायेगी
लेकिन मैंने उसे चिढ़ाते हुए पूछा ,... "हे तूने दूध भी देना शुरू कर दिया ,... माना बारात में मेरे भाइयों ने नहीं छोड़ा होगा , लेकिन नौ महीने लगेंगे बियाने में उसके बाद ही दूध,... "
वो चिढ गयी , खुद उगल दिया,... आपकी जेठानी ने भेजा है और मुझसे कहा है अपने सामने पिला देना , रात में उनपर बहुत मेहनत पड़ेगी ,... वो थोड़ी देर में अपने देवर के साथ आएँगी ,
और ननद का रिश्ता मैं क्यों छोड़ देती,...
"अरे यार फिर सिर्फ दूध ही क्यों बाकी काम धाम भी अपने सामने देख लेना , रुक जा यहीं पे बहुत काम देगा ,... सब सीख लेगी, चौथी में मेरे गांव से भैया लोग आयंगे बस जिससे कहेगी उससे जोड़ी लगवा दूंगी बल्कि सबसे बदल बदल के स्वाद ले लेना। "
मैंने और चिढ़ाया , कमरे में हम दोनों ही थे।
वो चुप , फिर मैं उसे समझाते बोली, अच्छा यही रख दे , मैं पी लुंगी , अब इत्ती बड़ी ग्लास ,.. तू जा पक्का तेरे यारों की कसम,... और मुंह फुला के बाहर चली गयी। मैंने दूध का ग्लास कहीं इधर उधर रख दिया की कहीं हाथ वाथ लग के गिर न जाए , मुझे ज़रा भी अंदाज नहीं था ,
वो मीरा को भेजे गए जहर के प्याले की तरह था ,...
वो तो लाल डायरी से पता चला ,
दो गोली नींद की उसमें घुली थी , और नींद की गोलियों का नाम भी लिखा था ,... मैंने गूगल किया तो चौंक पड़ी बहुत ही स्ट्रांग , पंद्रह मिनट के अंदर कोई भी सो जाएगा ,... और आठ से बारह घंटे ढोल भी पीटो तो नहीं उठेगा,... और यहाँ तो एक के बदले दो उस दूध में पड़ी थीं,... लेकिन ये भी था की बिना डॉक्टर के पुर्जे के नहीं मिल सकतीं औरवो भी बड़ी रिस्ट्रिक्टिव , .... मैं समझ गयी वही डाक्टर जावेद और लाल डायरी में लिखा भी था , नगमा ले आयी थी , वही डाक्टर जावेद जिससे वो रोज चटवाती थी ,... दो पत्ते, मेरे पहले दस दिन के लिए , उसके बाद तो उनकी छुट्टी ख़तम हो जाती ,...
और ऊपर से दो गोली,... न सिर्फ रात में १०-१२ घंटे सोती बल्कि दिन में निदासी रहती ,...
और अब मेरी समझ आया की जब गुड्डी दूध का गिलास मुझे पकड़ा के गयी उसके पौन घंटे बाद जेठानी अपने देवर के साथ आयीं,... और साथ में दो चार ननदें भी, ...
उन्हें पूरा विश्वास था की मैं अब तक अंटागफील सो रही होउंगी, लेकिन मैं तो चौकस,... पहले तो उन्होंने इधर देखा , लेकिन ग्लास नहीं दिखा तो वो समझी होंगीं की चलो दस पांच मिनट बाद मैं निद्रा देवी के पास पहुँच जाउंगी,... लेकिन मैं तो जम्हाई तक नहीं ले रही थीं , ..
और सेफ्टी के तौर पर उन्होंने अपने देवर को भी समझा रखा था, की दुल्हन को मैंने एक ग्लास दूध भेजा था , अगर उसने न पीया हो तो तुम अपने हाथ से पिला देना,... उन्होंने दूध देख लिया लेकिन कहा कुछ नहीं,... वो तो सिर्फ एक बात में इंटरेस्टेड थे,
नहीं नहीं वो नहीं ,...
बात करने में ,... मुझे कम्फर्टबेल बनाने में ,.. और बोलने से ज्यादा सुनने में, एक घंटे हम दोनों बात ही करते रहे , सबसे ज्यादा मम्मी , फिर मेरी कजिन सिस्टर्स , भाभियाँ सहेलियां ,... हाँ ललचाते हुए बार बार ' वहीँ ' देखते, मेरी चोली के अंदर वाले , लेकिन खोलने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी
,खैर एक डेढ़ घंटे बाद जब बत्ती बुझी तो चोली भी खुली, और उनके मन की भी हुयी ,...
लेकिन मैं समझ गयी थी ये जिंदगी भर मुझे देख के ललचाएगा,... तो ललचाये ,... उसी के लिए तो आयी थी सब कुछ जो होता है
तो , सुबह जब जेठानी आयीं तो टूटी चूड़ियां , मेरी बिंदी इनके माथे पर , मेरे पैर का महावर इनके माथे पर,...
मैं तो बाथरूम में थीं ,... हाँ इन्होने मम्मी से सब पूछ रखा था मुझे क्या अच्छा लगता है , तो सुबह बहुत हलके दूध वाली बेड टी भी मिली, ..जेठानी के आने के पहले ही
.
और तब मुझे उस दूध का ध्यान आया तो वो बोले की मैंने तो उसे नाली में गिरा दिया,... ये फ्रेश,...
और सिर्फ रात में ही नहीं दिन में भी दर्जनों तो बातें थीं मेरे बारे में उस लाल डायरी में ,
किचेन में तेल गिरा दिया था उन्होंने और बल्ब बदल दिया था ,.. फ्यूज बल्ब लगा के जिससे फिसल के मैं गिर जाऊं,...
खाने में थाली लगाने वो खुद आतीं और मुझे किसी बहाने हटा के इनकी थाली में सब्जी दाल दोनों में खूब नमक , जिससे खाने की मेज पर ये चिल्लाएं , .. पर ये तो मुझे देखने में मगन रहते,... और गुड्डी से मेरे कपड़ों के बारे में पता करके,... हम लोगो के हनीमून का प्लान बिगाड़ा और और उन का चलता तो पूरे दो साल मैं यहीं रहती ,...
लेकिन एक बात जो लाल डायरी में थी मेरे बारे में उसे पढ़ के मेरे बस आंसू निकल आये,... मेरे आने के दो दिन के अंदर ही किचेन मेरे हवाले , बेड टी से लेकर रात के खाने तक सब मेरे जिम्मे,.. सास शायद गाँव गयी थीं, दो दिन के लिए, और जेठानी ने रोज की तरह , लेकिन उस दिन ख़ास हुकुम था ,... कल एक पूजा होती है , जिसमें मुंह अँधेरे सूरज निकलने के पहले सब बन जाना चाहिए, साढ़े पांच बजे के पहले,... और आज कल चार बजे से पावर कट रहता है छह बजे तक,... मोमबत्ती और दियासलाई दोनों किचेन में ध्यान से रख देना,... किचेन में वो कहाँ रहता है ये मत पूछना,... रोज तो सुबह नौ बजे तक उठती हो , महरानी की तरह , एक दिन जल्दी उठ जाओगी तो क्या ,... और हाँ नहा जरूर लेना फ्रेश कपडे भी , ये नहीं की वही सब .. पहने , पूजा का खाना बनना है नयी बहू ही बनाती है,...
और रात को भी उन्होंने जब मैं किचेन समेट रही थी , दस बार मोमबत्ती माचिस और चार बजे का नाम लिया ,
खैर मैंने अलार्म लगा लिया था , सोने तो ये खैर देते नहीं , मेरी सासू जी का बेटा मेरे कपड़ों और नींद दोनों का दुश्मन था,... पौने चार बजे ही उठ के मैं नहा धो के फ्रेश कपडे पहन के , सवा चार बजे मैं किचेन में पहुंची, लाइट तो चार बजे ही चली गयी थी ,... बस किसी तरह मोमबत्ती और दियासलाई ढूंढ के , चूल्हे के पास ही रखा था मैंने ,... और माचिस जलाने ही वाली थी की एक हलकी सी महक नाक में आयी ,... मेरी कुछ समझ में नहीं आया , .... लेकिन फिर वो थोड़ी सी तेज ,... मैं डरी और जल्दी से इनको आवाज लगाई ,... इनकी नींद,.. लेकिन मेरी आवाज तो इन्हे दूर से ही सुनाई पड़ जाती थी और गहरी नींद में हो तो भी , बस पल भर में वो मेरे पास ,... और मुझसे पहले वो चिल्लाये गैस,... और झट झट किचेन की सारी खिड़कियां खोल दी, माचिस मेरे हाथ से छीन के दूर फेंक दी ,...
और उनकी चिल्लाहट सुन के जेठानी जी आ गयीं और पीछे पीछे जेठ जी भी,... और डांट मुझे ही पड़ी,
" इत्ती जल्दी रहती है रात में, दस बार बोला है गैस ऊपर नीचे दोनों ओर से बंद करो,... लेकिन इतनी जल्दी रहती है ऊपर जाने की , अरे नयी शादी मेरी भी हुयी थी, ऐसी आग तो नहीं लगी रहती थी,... मायके में कैसे रहती थी , कैसे खुजली मिटाती थी , आठ दस यार तो कम से पाले होंगे,.... कहाँ से आ गयीं , एक बात की तमीज नहीं,... "
मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो जेठ जी मुझसे तो नहीं इन पर,... " कम से कम बड़े छोटे की तमीज तो होनी चाहिए, बड़ो की बात का जवाब नहीं देते ये तो , पहले तो गलती करें,... "
और उस होते होते रह गए हादसे का पूरा हाल लाल डायरी में था , जेठानी का हस्तलिखित, ... उन्होंने ही जेठ जी से कहलवा के सास को दो दिन के लिए गाँव भिजवाया था और,... जैसे ही मेरे कमरे की ऊपर बत्ती जली,... किचेन में आ के पहले तो उन्होंने सारी खिड़कियां अच्छी तरह से चिपका के बंद कीं, फिर गैस फुल पे खोल के किचेन का दरवाजा भी चिपका के बंद कर दिया , जिससे मेरे आने के आधे घंटे के अंदर किचेन में गैस अच्छी तरह भर जाए और मैं जैसे मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस जलाऊं ,...धड़ाम,...
इतनी बातें थीं , पूरे डिटेल्स के साथ,... मैं पढ़तीं कभी आँखों में आंसू नाचते कभी बिस्तर पर सोई जेठानी को देखती और गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ता ,...
और मैंने लाल डायरी और दोनों पुर्जों को सहेजा और ,....
में गुस्से को रोक नहीं पायी,... जेठानी अपने देवर के बगल में निसुति सो रही थीं , ... मैंने डायरी और दोनों परचे सम्हाल के रखे और जेठानी को पलंग से नीचे घसीट लिया ,
अब बताती हूँ इस छिनार को, मेरे मरद के साथ ऐसी गहरी प्लानिंग, मेरे साथ ये चालें
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