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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

Jiashishji

दिल का अच्छा
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ताम्बे का ताला,.... मेरी सुहागरात ,...

जेठानी की पिलानिंग








लेकिन वो सवाल अभी भी बचा था , जेठानी की मम्मी नाती की मुंह क्यों नहीं देख पा रही हैं , बच्चे वाला सवाल ,... और उसका जवाब थोड़ा ही सोचने पर मिल गया, जेठानी की मम्मी



उत्तर था ताम्बे का ताला, और जेठानी की मम्मी ने ही इसका जिक्र किया था , और ये साफ़ जब हाईस्कूल से ही जेठानी रोज बिना नागा कभी गन्ने के खेत में तो कभी अरहरिया में टाँगे फ़ैलाने लगी होंगी तो उनकी मम्मी ने ही किसी लेडी डाक्टर के पास ले जाकर उनकी गुलाबो के अंदर ताम्बे का ताला ( कॉपर टी ) लगवा दिया होंगी, चुदाये जितना चुदवाना, जिससे चुदवाये,... इस उमर में नहीं चुदवायेगी तो कब चुदवायेगी।




और शादी के समय भी वो ताला बंद ही रहा होगा , कौन गोली वोली का झगड़ा पाले , फिर जेठानी ऐसी चोदासी , कंडोम तो कभी नहीं,... जब तक चमड़ी से चमड़ी न रगड़े,...

और फिर उसी का इस्तेमाल किया जेठ जी के ऊपर,...

"मैं क्या करूँ अगर बच्चे नहीं होते , मैं कोई गोली वोली तो खाती नहीं , और जब कहिये तब टांग फैलाने को तैयार रहती हूँ , आप ही कहते हैं आज थक गया हूँ अभी माँ जग रही है , अरे माँ जग रही है तो क्या , अपनी उम्र ने नहीं चुदवाया होगा ,कहाँ से आप और देवर आये ,... और मौका मिले तो वो आज भी बांस पे चढ़ने को तैयार रहती हैं,... तो उन से क्या चोरी छिपाना ,"




और जब सास ने ताना देना शुरू हुआ किया होगा, तो फिर जेठानी ने तय कर लिया होगा , अब तो ताला बंद ही रहेगा , वैसे भी दस साल तक तो आराम से,... और उसके बाद जो वो फर्जी वाडे वाले जेठ जी की रिपोर्ट इम्पोटेंट नॉट क्योरेबल ,... उसके बाद तो पूछना ही क्या,...


हाँ अगर संदीप की छुटकी बहिनिया उनकी देवरानी बन के आ जाती




तो और सब प्रापर्टी दोनों बहने आपने नाम कर के ( ये तो दूर कहीं अपनी नौकरी पे रहते और जेठ जी की हिम्मत नहीं पड़ती बोलने की ) तो पहले तो सास को नौकरानी बनाती और संदीप से उनके सामने ही ही ,...


आप बच्चा बच्चा कहती हैं न , मेरी देवरानी देखिये जन रही है , ... और मैं,... आप के बेटे के तो तो अब क्या मुंह खुलवाइयेगा , तो मैं अगर किसी और के साथ,...

और उन दोनों के घर में रहते ही संदीप से ,... उसके पहले ताला खुल जाता ,...




पीरियड के दस बारह दिन बाद भैया आते और चार पांच दिन रह के बहिनिया को गाभिन कर के चले जाते , ... उन्होंने खुद कबूला थी की राखी के दिन संदीप से जेठ जी के ही पलंग पर , जेठ जी को दूध में नींद की दो गोली डाल के सुला दिया था और उन्ही सोते जेठ जी के बगल में उनकी पत्नी का भरतपुर उनके साले ने लूटा था , एक बार नहीं तीन बार,...


अब मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ रहा था,... उनके छिनारपने से मुझे कोई शिकायत नहीं थी , अपने फुफेरे भाई से चुदवाये उसकी भी नहीं ,

लेकिन कितनी गहरी साजिश , फर्जी डाक्यूमेंट बनाने से लेकर,... और सबसे बड़ी बात तो इनकी जिदंगी में जो ये ये संदीप की बहन की लाके जहर घोलने वाली थीं,




सच में ये बहुत ही सीधे हैं , कुछ ज्यादा ही सीधे,... और जेठानी ने इन्हे अच्छी तरह समझा था, इनकी एक एक कमजोरी,

और प्लानिंग पूरी थी , कैसे उन्हें अंदाज नहीं लगेगा,...

सुहागरात के दिन जेठानी उन्हें समझा के भेजतीं बत्ती जल्दी बुझा देना नयी लड़की बहुत शर्माएगी, ...




और यहाँ तक की वो अगर बत्ती बुझाने में देरी करते तो बाहर से उस कमरे का फ्यूज निकालने का भी प्लान था , और संदीप का माल भी एकदम चतुर चालाक , खूब चीखती चिल्लाती यहाँ तक की नीचे के कमरे में सास और सब को सुनाई पड़ता , सुबह बड़ी मुश्किल से सहारा लेकर चलती,...


सच में भयानक चतुर चालाक थी वो, पहली रात की प्लानिंग तो उसने खुद पूरी कर रखी थी, वो बोली,


" दी अरे आप की ही छोटी बहन हूँ, आप चिंता मत करिये, नगमा दीदी ने मुझे समझा दिया है और एक क्रीम भी दी है , क्या तो नाम है , हाँ टाइट अगेन,... बस जिस दिन छेंका रोका होगया, नीचे के मुंह का पूरा उपवास, अरे नहीं भैया को भूखा नहीं रखूंगी,... मेरे होंठ हैं न आपने जैसे सिखाया था अब चूसने में मैं एकदम एक्सपर्ट हो गयी हूँ ,...




आखिर छुट्टी वाले पांच दिन तो वैसे ही भैया का काम चलता था ,... और नहीं हो तो पीछे वाला छेद, लेकिन पंद्रह बीस दिन एकदम शटर डाउन, नीचे का और नगमा दी ने बोला है दिन में , एक बार और रात में एक बार क्रीम लगाने को और तीन चार बार एक कसरत बताई है , चूत को टाइट करने वाली,... आपके देवर ने तो आप खुद ही कह रही थीं, चोदने को कौन कहे , प्रेम गली का दर्शन तक नहीं किया है ,... तो बस आप लाइट वाला ,... और हाँ एक चीज और सोची है मैंने, एक सेफ्टी पिन या अंगूठी ही कोई नोक वाली, बस उसी से जांघ पे कहीं छेद कर दूंगी,... बस आठ दस खून टपक जाएगा , जितना ज्यादा उतना अच्छा,.... उस समय तो दिखेगा नहीं , सुबह के पहले जब लाइट आएगी तो,... "



और जेठानी ने और सोने में सुहागा जोड़ा ,... बस एक काम करना,...

मैं ताला बाहर से बंद कर दूंगी और सुबह मैं ही आके एक दो ननदों के साथ खोलूंगी,... बस तुम उस खून लगे चादर को बदलना मत, और ननदों के सामने मैं देवर को चिढ़ाऊंगी, देखो कैसा खून खच्चर कर दिया है मेरी देवरानी को , इतनी कम उमर वाली देवरानी इसी लिए लायी थी,...




दूसरे महीने तक वैसे भी पेट का तो पता चलता नहीं ,... और चौथी में जब मायके से आते तो उनके साथ बिदा , मायके का रिवाज है,... हफ्ते भर के अंदर कोई पूजा होती है उससे गर्भाधान में ,... बस सास जी के मना करने का सवाल ही नहीं होता,... और हफ्ते दस दिन बाद वहीँ से खबर आ जाती की बहू माँ बनने वाली है , ये देवर को चिढ़ातीं की पहले दिन ही छक्का मार दिया ,... और ये अपनी नौकरी पे ,... और बच्चा मायके में ही होता सात महीने में की आठ में कौन जानता , हाँ ये कह दिया जाता की ददिहाल पे मूल ही तो पौने आठ महीने तक ददिहाल का कोई बच्चे को नहीं देख सकता,



ये सब प्लानिंग लाल डायरी में लिखी थी,...

लेकिन सबसे खतरनाक बात थी की, उनकी पिलानिंग फेल होने के बाद भी उनकी जहरीली पिलानिंग जारी रही,मैं शादी के बाद घर में आगयी तब भी जेठानी और उनकी छिनार बहिनिया ने हार नहीं मानी,


और उस का एक एक सूत्र उस लाल डायरी में था ,

संदीप की बहिनिया की सुहाग रात तो नहीं मनी लेकिन मेरी सुहागरात के बारे में भी उनकी जबरदस्त पिलानिंग थी,.. उसको फेल कराने की और मुझे बदनाम कराने की,... मुझे वो सब घटनाएं याद आ रही थीं , लेकिन उस का मतलब समझ में नहीं आया था। लेकिन मेरी मम्मी, बिदाई के समय ही उन्होंने समझा दिया था ,... जेठानी के हाथ की कोई चीज़ कम से कम रात को सुहाग रात के समय मत खाना , पीना। लेकिन जेठानी भी कम लोमड़ी नहीं थी। उसने दूध का गिलास , गुड्डी के हाथ भिजवाया , इस इंस्ट्रक्शन के साथ वो मुझे अपने सामने पिला दे.

और उसने वो दूध का ग्लास मेरे हाथ में पकड़ा दिया , सामने खड़ी की मैं पूरा पी लूँ तभी वो जायेगी




लेकिन मैंने उसे चिढ़ाते हुए पूछा ,... "हे तूने दूध भी देना शुरू कर दिया ,... माना बारात में मेरे भाइयों ने नहीं छोड़ा होगा , लेकिन नौ महीने लगेंगे बियाने में उसके बाद ही दूध,... "



वो चिढ गयी , खुद उगल दिया,... आपकी जेठानी ने भेजा है और मुझसे कहा है अपने सामने पिला देना , रात में उनपर बहुत मेहनत पड़ेगी ,... वो थोड़ी देर में अपने देवर के साथ आएँगी ,


और ननद का रिश्ता मैं क्यों छोड़ देती,...

"अरे यार फिर सिर्फ दूध ही क्यों बाकी काम धाम भी अपने सामने देख लेना , रुक जा यहीं पे बहुत काम देगा ,... सब सीख लेगी, चौथी में मेरे गांव से भैया लोग आयंगे बस जिससे कहेगी उससे जोड़ी लगवा दूंगी बल्कि सबसे बदल बदल के स्वाद ले लेना। "

मैंने और चिढ़ाया , कमरे में हम दोनों ही थे।

वो चुप , फिर मैं उसे समझाते बोली, अच्छा यही रख दे , मैं पी लुंगी , अब इत्ती बड़ी ग्लास ,.. तू जा पक्का तेरे यारों की कसम,... और मुंह फुला के बाहर चली गयी। मैंने दूध का ग्लास कहीं इधर उधर रख दिया की कहीं हाथ वाथ लग के गिर न जाए , मुझे ज़रा भी अंदाज नहीं था ,

वो मीरा को भेजे गए जहर के प्याले की तरह था ,...


वो तो लाल डायरी से पता चला ,

दो गोली नींद की उसमें घुली थी , और नींद की गोलियों का नाम भी लिखा था ,... मैंने गूगल किया तो चौंक पड़ी बहुत ही स्ट्रांग , पंद्रह मिनट के अंदर कोई भी सो जाएगा ,... और आठ से बारह घंटे ढोल भी पीटो तो नहीं उठेगा,... और यहाँ तो एक के बदले दो उस दूध में पड़ी थीं,... लेकिन ये भी था की बिना डॉक्टर के पुर्जे के नहीं मिल सकतीं औरवो भी बड़ी रिस्ट्रिक्टिव , .... मैं समझ गयी वही डाक्टर जावेद और लाल डायरी में लिखा भी था , नगमा ले आयी थी , वही डाक्टर जावेद जिससे वो रोज चटवाती थी ,... दो पत्ते, मेरे पहले दस दिन के लिए , उसके बाद तो उनकी छुट्टी ख़तम हो जाती ,...

और ऊपर से दो गोली,... न सिर्फ रात में १०-१२ घंटे सोती बल्कि दिन में निदासी रहती ,...


और अब मेरी समझ आया की जब गुड्डी दूध का गिलास मुझे पकड़ा के गयी उसके पौन घंटे बाद जेठानी अपने देवर के साथ आयीं,... और साथ में दो चार ननदें भी, ...

उन्हें पूरा विश्वास था की मैं अब तक अंटागफील सो रही होउंगी, लेकिन मैं तो चौकस,... पहले तो उन्होंने इधर देखा , लेकिन ग्लास नहीं दिखा तो वो समझी होंगीं की चलो दस पांच मिनट बाद मैं निद्रा देवी के पास पहुँच जाउंगी,... लेकिन मैं तो जम्हाई तक नहीं ले रही थीं , ..

और सेफ्टी के तौर पर उन्होंने अपने देवर को भी समझा रखा था, की दुल्हन को मैंने एक ग्लास दूध भेजा था , अगर उसने न पीया हो तो तुम अपने हाथ से पिला देना,... उन्होंने दूध देख लिया लेकिन कहा कुछ नहीं,... वो तो सिर्फ एक बात में इंटरेस्टेड थे,
नहीं नहीं वो नहीं ,...

बात करने में ,... मुझे कम्फर्टबेल बनाने में ,.. और बोलने से ज्यादा सुनने में, एक घंटे हम दोनों बात ही करते रहे , सबसे ज्यादा मम्मी , फिर मेरी कजिन सिस्टर्स , भाभियाँ सहेलियां ,... हाँ ललचाते हुए बार बार ' वहीँ ' देखते, मेरी चोली के अंदर वाले , लेकिन खोलने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी



,खैर एक डेढ़ घंटे बाद जब बत्ती बुझी तो चोली भी खुली, और उनके मन की भी हुयी ,...
लेकिन मैं समझ गयी थी ये जिंदगी भर मुझे देख के ललचाएगा,... तो ललचाये ,... उसी के लिए तो आयी थी सब कुछ जो होता है

तो , सुबह जब जेठानी आयीं तो टूटी चूड़ियां , मेरी बिंदी इनके माथे पर , मेरे पैर का महावर इनके माथे पर,...

मैं तो बाथरूम में थीं ,... हाँ इन्होने मम्मी से सब पूछ रखा था मुझे क्या अच्छा लगता है , तो सुबह बहुत हलके दूध वाली बेड टी भी मिली, ..जेठानी के आने के पहले ही

.


और तब मुझे उस दूध का ध्यान आया तो वो बोले की मैंने तो उसे नाली में गिरा दिया,... ये फ्रेश,...


और सिर्फ रात में ही नहीं दिन में भी दर्जनों तो बातें थीं मेरे बारे में उस लाल डायरी में ,

किचेन में तेल गिरा दिया था उन्होंने और बल्ब बदल दिया था ,.. फ्यूज बल्ब लगा के जिससे फिसल के मैं गिर जाऊं,...

खाने में थाली लगाने वो खुद आतीं और मुझे किसी बहाने हटा के इनकी थाली में सब्जी दाल दोनों में खूब नमक , जिससे खाने की मेज पर ये चिल्लाएं , .. पर ये तो मुझे देखने में मगन रहते,... और गुड्डी से मेरे कपड़ों के बारे में पता करके,... हम लोगो के हनीमून का प्लान बिगाड़ा और और उन का चलता तो पूरे दो साल मैं यहीं रहती ,...

लेकिन एक बात जो लाल डायरी में थी मेरे बारे में उसे पढ़ के मेरे बस आंसू निकल आये,... मेरे आने के दो दिन के अंदर ही किचेन मेरे हवाले , बेड टी से लेकर रात के खाने तक सब मेरे जिम्मे,.. सास शायद गाँव गयी थीं, दो दिन के लिए, और जेठानी ने रोज की तरह , लेकिन उस दिन ख़ास हुकुम था ,... कल एक पूजा होती है , जिसमें मुंह अँधेरे सूरज निकलने के पहले सब बन जाना चाहिए, साढ़े पांच बजे के पहले,... और आज कल चार बजे से पावर कट रहता है छह बजे तक,... मोमबत्ती और दियासलाई दोनों किचेन में ध्यान से रख देना,... किचेन में वो कहाँ रहता है ये मत पूछना,... रोज तो सुबह नौ बजे तक उठती हो , महरानी की तरह , एक दिन जल्दी उठ जाओगी तो क्या ,... और हाँ नहा जरूर लेना फ्रेश कपडे भी , ये नहीं की वही सब .. पहने , पूजा का खाना बनना है नयी बहू ही बनाती है,...

और रात को भी उन्होंने जब मैं किचेन समेट रही थी , दस बार मोमबत्ती माचिस और चार बजे का नाम लिया ,

खैर मैंने अलार्म लगा लिया था , सोने तो ये खैर देते नहीं , मेरी सासू जी का बेटा मेरे कपड़ों और नींद दोनों का दुश्मन था,... पौने चार बजे ही उठ के मैं नहा धो के फ्रेश कपडे पहन के , सवा चार बजे मैं किचेन में पहुंची, लाइट तो चार बजे ही चली गयी थी ,... बस किसी तरह मोमबत्ती और दियासलाई ढूंढ के , चूल्हे के पास ही रखा था मैंने ,... और माचिस जलाने ही वाली थी की एक हलकी सी महक नाक में आयी ,... मेरी कुछ समझ में नहीं आया , .... लेकिन फिर वो थोड़ी सी तेज ,... मैं डरी और जल्दी से इनको आवाज लगाई ,... इनकी नींद,.. लेकिन मेरी आवाज तो इन्हे दूर से ही सुनाई पड़ जाती थी और गहरी नींद में हो तो भी , बस पल भर में वो मेरे पास ,... और मुझसे पहले वो चिल्लाये गैस,... और झट झट किचेन की सारी खिड़कियां खोल दी, माचिस मेरे हाथ से छीन के दूर फेंक दी ,...

और उनकी चिल्लाहट सुन के जेठानी जी आ गयीं और पीछे पीछे जेठ जी भी,... और डांट मुझे ही पड़ी,

" इत्ती जल्दी रहती है रात में, दस बार बोला है गैस ऊपर नीचे दोनों ओर से बंद करो,... लेकिन इतनी जल्दी रहती है ऊपर जाने की , अरे नयी शादी मेरी भी हुयी थी, ऐसी आग तो नहीं लगी रहती थी,... मायके में कैसे रहती थी , कैसे खुजली मिटाती थी , आठ दस यार तो कम से पाले होंगे,.... कहाँ से आ गयीं , एक बात की तमीज नहीं,... "

मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो जेठ जी मुझसे तो नहीं इन पर,... " कम से कम बड़े छोटे की तमीज तो होनी चाहिए, बड़ो की बात का जवाब नहीं देते ये तो , पहले तो गलती करें,... "

और उस होते होते रह गए हादसे का पूरा हाल लाल डायरी में था , जेठानी का हस्तलिखित, ... उन्होंने ही जेठ जी से कहलवा के सास को दो दिन के लिए गाँव भिजवाया था और,... जैसे ही मेरे कमरे की ऊपर बत्ती जली,... किचेन में आ के पहले तो उन्होंने सारी खिड़कियां अच्छी तरह से चिपका के बंद कीं, फिर गैस फुल पे खोल के किचेन का दरवाजा भी चिपका के बंद कर दिया , जिससे मेरे आने के आधे घंटे के अंदर किचेन में गैस अच्छी तरह भर जाए और मैं जैसे मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस जलाऊं ,...धड़ाम,...
इतनी बातें थीं , पूरे डिटेल्स के साथ,... मैं पढ़तीं कभी आँखों में आंसू नाचते कभी बिस्तर पर सोई जेठानी को देखती और गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ता ,...

और मैंने लाल डायरी और दोनों पुर्जों को सहेजा और ,....

में गुस्से को रोक नहीं पायी,... जेठानी अपने देवर के बगल में निसुति सो रही थीं , ... मैंने डायरी और दोनों परचे सम्हाल के रखे और जेठानी को पलंग से नीचे घसीट लिया ,

अब बताती हूँ इस छिनार को, मेरे मरद के साथ ऐसी गहरी प्लानिंग, मेरे साथ ये चालें


Apne yaar ki bahen ke saath sadi tak to theek tha . Magar marne ki planing kuch jyada hi ho gai . Ab to is ki kartoot poore pariwar ke samne aana bahut hi jaruri hai .
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
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Congratulations dear lovely Komal sis for getting Nine lakh 9,00,000 views on your "Komal trademark story" JKG ,well deserved one. Just by the way we r both achieving 9 lakh viewer's mark almost at the same time.What a pleasant incidence!

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Luckyloda

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Bhut hi shandaar update.....kya romanchkari jethani mili hai komal ko😜😜😜



Komal k to bhag hi jaag gye aise jethani pakar....




Uspar bhi usne sara ka sara lal dairy m likh rakha hai.... 🤣🤣🤣🤣🤣



Jethani aur uske adhure sapne😛😛😛😛😛
 

Luckyloda

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और मैं आ गयी -



" अरे मुझे उस की एक एक नस पता है , बस एक बार बोल दो , लोग क्या कहेंगे, लोग क्या सोचेंगे , ... अच्छे घर के लड़कों को ये अच्छा लगता है ,... घर की इज्जत,... और थोड़ी बहुत तारीफ़ बस। हाँ एक बात और है ,

उनकी होने वाली देवरानी ने कान पार के पूछा , बताइये न दीदी।






" अरे किसी लड़की से उसकी बात करने की ही हिम्मत नहीं पड़ती बेचारे की तो उसने अभी तक पेटीकोट की महक सूंघी नहीं है , बस एक बार सुंघा देगी ढंग से तो अपने पेटीकोट के नाड़े से लटका के रखना , जहाँ कहेगी जैसे कहेगी,... "



उनकी बात काट के वो छिनार , अपने भैया की रखेल बोली ,

" अरे उसकी चिंता मत करिये , पहली रात को ही उसका कुंवारापन भी उतार दूंगी , और सिर्फ सुँघाऊँगी नहीं चटाउँगी भी चुसाउंगी भी पेटीकोट के अंदर वाला , बस एक बार आ आऊं , फिर देखिये हम दोनों बहने मिल के कितना गरदा उड़ाएंगी उस आंधी में आप के सास देवर ननद सब उड़ जाएंगी , बस अपनी छोटी बहन को आने तो दीजिये ,... "




" अरे तुझे तो मैं कल ले आऊं , ... " गहरी सांस लेकर जेठानी बोलीं, " इनको भी न उसी समय टूर पर जाना था , पंद्रह दिन का है , बस लौट के आयंगे तो अगले दिन मैं इनके साथ आउंगी और रोका, छेंका सब कर दूंगी , एक बार ये हो जाए न तो उसके बाद तो सास मेरी लाख कोशिश के उनकी ऐसी की तैसी होनी तय है , बस तू आ जा। "


......................................................

लेकिन वो आ नहीं पायी , मैं आ गयी और उनकी सारी पिलानिंग,...



और उसकी ८० % क्रेडिट मेरी मम्मी को १५ % इनकी मम्मी को भी जाती है,...

किसी जानने वाले ने इनके बारे में मम्मी को बताया था तभी से ये लट्टू थीं ,... और उन्होंने तय भी कर लिया था , मुझे भी बता दिया ,..


और मेरी सासू एक दिन आ गयीं , जेठानी को उन्होंने पहले तो कुछ बताया नहीं फिर रास्ते में ये सिर्फ कहा की अरे किसी बहुत जानने वाले ने बार बार कहा , है उनके तो बस एक बार मिल लें , ... फिर मैं ही बोल दूंगी , की बाद में बताएँगे ,... जेठानी अलफ़ लेकिन गाड़ी से कूद तो सकती नहीं थीं ,... और वहां जेठ जी भी , टूर पर उस दिन वो हमारे शहर ही में थे तो मम्मी ने उन्हें भी ,...


बस मुझे देखते ही मेरी सास लहालोट ,



लेकिन समझती मैं भी थी , मुझसे ज्यादा उन्हें अपनी समधन पसंद आ गयीं , और समधन की डबल मीनिंग वाली रसीली बातें,...



और मम्मी ने तुरुप का पत्ता चल दिया,... मेरी सास के फोन पे इनको फोन पे लगा दिया , वीडयो काल और फोन पे मुझे न सिर्फ दिखाया बल्कि बात भी करा दी , बड़ी मुश्किल से वो बोल पाए,

कैसी हैं आप,...

और मैंने बस मुस्करा दिया। और उनकी सास ने अपने होने वाले दामाद से साफ़ साफ़ पूछ लिया ,

"कैसी लगी मेरी बेटी "


बड़ी मुश्किल से उनके बोल फूटे,... " अच्छी हैं "

" अरे पसंद है साफ़ साफ़ साफ़ बोल न " मम्मी ने प्यार दुलार से हड़काया।




" हाँ " लजाते हुए वो बोले पर आँख उनकी मेरे चेहरे पर गड़ी थी , और अब उनकी सास ने फोन अपनी ओर किया और हंस के चिढ़ाते हुए पूछा

" और सास कैसी लगी , पसंद है की नहीं। "

मारे शर्म के उन्होंने आँखे बंद कर ली और मुस्करा के बस फोन काट दिया।

देखिये लड़के को तो लड़की पसंद आ गयी , भैया आप बताइये ,... उन्होंने जेठ जी से पूछा,...

जेठ जी ने बात अपनी माँ पे डाल दी और मेरी सास ने बिना बोले , अपने गले का हार निकाल के मेरे गले में डाल दिया





और मेरी बगल में आ के बैठ गयीं , ... और मेरी ठुड्डी उठा के बोलीं,... अब ये मेरी बेटी है , ... और अपने हाथ से समधन को लड्डू खिला दिया



जेठानी कुछ न सोच भी पायीं न कर पायीं , और उनकी सलाह देने वाली टीम से बात करने का भी मौका नहीं था , तब भी उन्होंने एक आखिरी दांव चला

" एक बार ज़रा कुंडली भी दिखा लें , मेरी सास ये सब बहुत मानती हैं "

लेकिन उन्हें मम्मी की स्ट्रैटेजिक सोच नहीं मालूम थीं , बड़े बड़े कारपोरेट प्लेयर पानी मांगते थे। वो खुद जेठानी के बगल में आ के बैठ गयीं , ...

" मेरी बड़ी बेटी एकदम सही कहती है ,... मैं ने इसी लिए दो दो पंडितों से एक बनारस के और एक झुमरी तलैया के दोनों की कुंडली बिचारवा ली

ऑलमोस्ट सारे गुन मिलते हैं , मेरे दामाद के कुंडली में कोई दोष होने का सवाल नहीं , समधन ने मुहूरत देख के जना था , ... पर अच्छी बात ये है की इसकी कुंडली से मेल खा गयी. कुंडली बिचारवाने के के बाद ही मैंने आगे बात चलाई ,... और मैं भी बहुत मानती हूँ ये सब , एक कुंडली दोनों की आप भी रख लीजिये और दोनों पंडितों ने एक ही लग्न पत्रिका भी निकाल दी है

बस पंद्रह दिन बाद,... ऐसा मुहूर्त साढ़े सात साल बाद आया है , "


जेठानी ने फिर एक और कोशिश की , ... लेकिन इतनी जल्दी क्या है , फिर देवर जी की तो अभी नौकरी लगी है इतनी जल्दी छुट्टी कहाँ मिलेगी। "




" एकदम सही कह रही हो बेटी ये तो मैं भूल ही गयी ,... "

जेठानी से मम्मी बोलीं और अबकी अपने फोन से ही अपने दामाद को फोन लगाया , फिर वीडियो काल ,... और मम्मी का वही अंदाज


"पहचाना , ... सुन लो , यहाँ सब लोग हैं तुम्हारी भाभी, माँ भैया ,... तेरी शादी पंद्रह दिन बाद पड़ी है , तो छुट्टी लेके और कम से कम पन्दरह दिन की ,... आ जाना ,... हाँ दो बातें और ससुराल में तेरी बहुत रगड़ाई होगी , सिर्फ साली सलहज ही नहीं उनसे बढ़ के सास भी ,... और दूसरे ये नंबर मेरे नाम से सेव कर लो ,... "





" ठीक है " वो बोले।

" साफ़ साफ़ बोलो , उसे फिर से देखने का मन कर रहा है , चल एक बार देख ले , पन्दरह दिन बाद भेज दूंगी तेरे साथ दिन रात मन भर देखना। "

और मोबाइल फोन मेरी ओर घुमा दिया ,... अबकी हम दोनों मुस्करा रहे थे और अबकी फोन मम्मी ने काटा।



मम्मी ने अपने हाथ से पहला लड्डू जेठानी को ही खिलाया , और उसके बाद अपनी समधन के पास लड्डू लेकर गयीं और बोलीं , खूब बड़ा सा मुंह खोलिये एक बार में पूरा डालूंगी। "
शानदार तरीके से कोमल , कोमल की मम्मी और कोमल के सास ने पत्ते खोले हैं 👌👌👌और एक ही बार के पत्ते में जेठानी को चारों खाने कर दिया है



उसको तो कुछ सोचने समझने का मौका ही नही दिया
 

Luckyloda

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समधन के लड्डू



" एकदम सही कह रही हो बेटी ये तो मैं भूल ही गयी ,... " जेठानी से मम्मी बोलीं और अबकी अपने फोन से ही अपने दामाद को फोन लगाया , फिर वीडियो काल ,... और मम्मी का वही अंदाज


"पहचाना , ... सुन लो , यहाँ सब लोग हैं तुम्हारी भाभी, माँ भैया ,... तेरी शादी पंद्रह दिन बाद पड़ी है , तो छुट्टी लेके और कम से कम पन्दरह दिन की ,... आ जाना ,... हाँ दो बातें और ससुराल में तेरी बहुत रगड़ाई होगी , सिर्फ साली सलहज ही नहीं उनसे बढ़ के सास भी ,... और दूसरे ये नंबर मेरे नाम से सेव कर लो ,... "


" ठीक है " वो बोले।

" साफ़ साफ़ बोलो , उसे फिर से देखने का मन कर रहा है , चल एक बार देख ले , पन्दरह दिन बाद भेज दूंगी तेरे साथ दिन रात मन भर देखना। "

और मोबाइल फोन मेरी ओर घुमा दिया ,... अबकी हम दोनों मुस्करा रहे थे




और अबकी फोन मम्मी ने काटा।

मम्मी ने अपने हाथ से पहला लड्डू जेठानी को ही खिलाया , और उसके बाद अपनी समधन के पास लड्डू लेकर गयीं और बोलीं , खूब बड़ा सा मुंह खोलिये एक बार में पूरा डालूंगी। "


मेरी सास को भी ऐसे ही मजाक पसंद थे , हँसते हुए बोलीं ,...

" और मैं भी पूरा ही घोंटूंगी, आधे तीहै में क्या मजा , और फिर समधियाने आयी हूँ,... लम्बा मोटा क्या देखना "




लेकिन इनकी माँ के मुंह में मम्मी ने सच में बड़ा सा पूरा लड्डू डाल दिया था



और समधन का टेस्ट समझ के उन्हें चिढ़ाने का पूरा मौक़ा था , बेचारी मेरी सास तो बोल नहीं सकतीं थी , उनके मुंह में पूरा लड्डू भरा था,... मम्मी ने उन्हें और उकसाया,


" फिर तो आपने सही समधियाना ढूंढा है, यहाँ सब मोटे लम्बे ही मिलेंगे, एकदम आप की पसंद के,... और मैंने सुना है की आपका मायका गदहों वाली गली में है, तो बचपन से ही गदहों का देख पकड़ के ,.... लेकिन आपके लिए नेग में मैंने सब गदहा छाप ही ढूंढ ढांढ के रखा है , आपके बचपन के मज़े लौट आएंगे,... पहले पकड़ के नाप के देख लीजियेगा,... "



मम्मी की जासूसी सेना गज़ब की थी , शादी की बात चलाने के पहले ही उन्होंने इनके बारे में , इनकी माँ के बारे में और इनके उस शहर में रहने वाले रिश्तेदारों के बारे में,... , मेरी ननदें , ... सब कुछ



लड्डू वास्तव में बहुत बड़ा था पर मेरी सास के चेहरे पर आती मुस्कान से साफ़ था की उन्हें लड्डू के स्वाद के साथ समधन की छेड़छाड़ भी बहुत मीठी लग रही है, मैं मुस्कराते हुए थोड़ी सी आँखे नीचे किये सब बातें सुन रही थीं,...

और मम्मी ने दूसरा तीर भी चला दिया,...


" देखिये शादी में घुड़चढ़ी तो हर जगह होती है , दूल्हा घोड़ी पे चढ़ता है ,... लेकिन हमारे यहाँ उसके साथ एक और रस्म होती है,... दूल्हे की माँ की घोडा चढ़ी, ... शादी के पहले बाद , जब आप को मन करे, ... लेकिन क्या करें रसम है तो है, और आप को कुछ करना थोड़ी है,...

इसकी ( मेरी ओर इशारा करके बोलीं ) चाचियां , मौसियां , बुआ सब मिल के पकड़ के आपको निहुरा के लहंगा पलट देंगी,... टांगें फैला देंगी,... बस उसके बाद तो जो कुछ करेगा घोडा करेगा,... ज्यादा नहीं बस आधा घंटा,... घबड़ाइये मत , सब औरतें लड़कियां ही रहेंगी,.... खूब मजे से आराम आराम से ,... और मैं,...आखिर मेरी इकलौती समधन हैं आप , और कोई बेटा बेटी तो मेरी है नहीं, ... तो आप का ख्याल मैं नहीं तो और कौन करेगा,... इसलिए घोड़े का पकड़ के सटाउंगी मैं ही , ये काम रस्म में समधन ही करती है,... फिर कहीं गलती से लम्बे की बजाय गोल छेद में घुस गया तो आपको ज्यादा तकलीफ होगी ".




और तब तक मेरी सास के मुंह में लड्डू ख़तम हो गया था लेकिन तब भी वो कोई जवाब नहीं दे पायीं की क्योंकि समधन की बात सुन सुन के उन पे हंसी का दौर चल गया था। और रुकने के बाद जो जवाब उन्होंने दिया,मेरे लिए हंसी रोकनी मुश्किल हो रही थी।


" देखिये रसम तो रसम होती है , और लड़के की शादी में तो लड़की के घर में लड़की वालों की ही रस्म चलेगी न,... तो मुझे कोई एतराज नहीं है , ... और फिर आप का आजमाया हुआ घोड़ा , आपकी देवरानी जेठानी ननदों और बहनों का,... तो ज्यादा सही रहेगा, और मुझे तो कोई दिक्क्त नहीं मैं तो निहुरी रहूंगी , सटायेंगी आप, लगाएगा घोडा ,... लेकिन वो क्या कहते हैं न अनाड़ी,..."




" चुदवैया, चूत की बर्बादी,... अरे किससे शरमा रही हैं आप,... पूरी बात बोलिये ने, ... यहाँ तो तो सभी उस मैदान में खेल चुके हैं ,... " मम्मी ने बात पूरा करते हुए इनकी माँ को और उकसाया,... फिर मेरी ओर देख के बोलीं ,... क्या इससे शरमा रही हैं? "


मम्मी की यही बात मुझे परेशान करती थी, छेड़छाड़ में वो मुझे भी नहीं छोड़ती थी, बल्कि कहीं शादी के गाने हो रहे हों तो मेरी भाभियों को उकसा के मेरे पीछे, ...

अरे ननद ऐसी ही बैठी जरा अच्छे वाले गाने सुनाओ,.. और फिर मेरा नाम ले ले के वो लोग और कहीं ' शराफत वाली गारियाँ ' हो रही हों तो और ज्यादा पीछे पड़ के ,... अरे मिर्च कितनी हलकी है , छिनार स्साली वाली से काम नहीं चलता था उनका जबतक बुर, चुदाई लंड ये सब गारी में न आएं तो उसे गारी वो मानती ही नहीं थीं और कभी बुआ आ जाएं तो बुआ से ज्यादा मेरी शामत , क्योंकि ननद का नाम लेते नहीं , चाहे बड़ी हो या छोटी,... तो फिर सब गारी में मेरा नाम , और जैसे मुझे सुना सुना के ,


मेरी ओर देख के, कोमल की बुआ बहुत चुदवासी,... कोमल की बुआ चढ़ गयीं खजूर, उनकी दिख गयी बुर, ...




लेकिन मेरी सास मेरी बचत को आगयीं और मेरी ओर खूब दुलार से देख के बोलीं , ...

" अरे इससे क्या शरमाना,... ये तो मेरी बेटी है , बस अभी आप के पास मेरी अमानत है पंद्रह दिन बाद, सोलहवें दिन अपने घर आ जायेगी, ... और ,... "

एक बार फिर मेरी मम्मी ने इनकी माँ की बात बीच में काट दी , किसी की रगड़ाई का मौका वो नहीं छोड़ती थीं, भले ही उनकी एकलौती बेटी ही क्यों न हो ,... और मुझे चिढ़ाते हुए हंस के बोलीं,...

" एकदम सही कहा आपने,... और सोलहवें दिन , बल्कि रात,... ये भी हम लोगों की बिरादरी में आ जाएगी,... "

और फिर मेरी ठुड्डी पकड़ के बोलीं ,

"और फोन का जमाना है सुबह है तेरी ननदें जब तक हाल चाल पूछेंगी न , उसके पहले ही मैं तुमसे और अपने दामाद दोनों से रात का हाल पूछ लूंगी,... सोच लो , जबरदस्त क्लास लूंगी अगर तू हम सबके गोल में नहीं आ गयी , तेरी सास प्रॉमिस कर के जा रहीं है। "

मैं मारे शर्म के , लेकिन गनीमत थी की अगला तीर मम्मी ने अपनी समधन पर छोड़ दिया,...


" और जो आप सोलहवें दिन अपनी बेटी को बिदा करा के अपने घर ले जाने की बात कह रही हैं,... एक बार में कान या और जो जो भी खोलना हो खोल के सुन लीजिये ,... अगर वो समधन के साथ घोड़ा चढ़ी वाली रसम नहीं हुयी न बिदाई के पहले,... तो कोई बिदाई नहीं होगी और मैं अपने दामाद को भी रोक लूंगी। "





" अरे वो तो मैं पहले ही मान चुकी हूँ ,... रस्म रिवाज तो पूरा करना ही चाहिए , और इसे तो अब मैं ले ही जाउंगी ,... ज्यादा बोलियेगा तो अभी ले जाउंगी , शादी के दो चार दिन पहले वापस कर दूंगी ,... हाँ लेकिन हमारे यहाँ शादी में दूल्हे की माँ, चाची बुआ ये सब नहीं जातीं , रात में रतजगे की रस्म होती है लेकिन उसके एकाध दिन पहले या जब आप का घोडा तैयार हो, मैं आ जाउंगी , एकाध दिन रहूंगी अपनी समधन के पास , रस्म रिवाज सब ,... खूब समधियाने का मज़ा लूंगी , अब आप ऐसी समधन मिल गयी है , इत्ती प्यारी बेटी मिल गयी है ,...मैं तो ये मौक़ा छोड़ने से रही " "

लेकिन उसके बाद मेरी सास ने फिर लड्डू की ओर हाथ बढ़ाया।और जो काम वो काफी देर से करना चाहती थीं , बात पूछना चाहती थी , उसका मौका उन्हें मिल गया,और अब मेरी सास ने मुझे लड्डू खिलाते हुए हंस के कहा,

" हे मेरा बेटा कैसा लगा , .. चल मेरे कान में बता दे "

पर मम्मी ने बात काट दी , हंस के बोलीं ,

" एकदम गलत बात अब वो मेरा बेटा है , बेटी आपकी , बेटा मेरा ,"


" मंजूर, लेकिन आपका बेटा लजाता बहुत है , मेरी बेटी से भी ज्यादा "

मेरी सास ने लाड़ दिखाते हुए प्यार से मेरा गाल सहलाया और अपनी समधन को छेड़ा"



लेकिन मम्मी जब मुझे नहीं छोड़ती थीं तो दामाद को तो छोड़ने का सवाल ही नहीं था,...


" उसकी चिंता आप छोड़ दीजिये,... मेरे बेटे की जिम्मेदारी मेरी,... कोहबर में ही उसकी इतनी रगड़ाई होगी न , सारी उसकी माँ बहनों का का नाम ले लेकर उससे पहाड़ा पढ़वाऊंगी, ... इतनी उसकी साली सलहजें है और उनसे भी बढ़ के सास,... उस की सारी लाज शर्म उस की बुआ महतारी के अगवाड़े पिछवाड़े उसी से घुसेड़वाउंगी,... सब लाज़ दूर हो जायेगी,... " वो हंस के बोलीं।




बात वो अपनी समधन से कर रही थीं,... लेकिन हाथ उनका मोबाइल पे चल रहा था टेक्स्ट करने में आज कल के लड़के लड़कियों से भी वो दो हाथ आगे थीं,.. और वो अपने दामाद को टेक्स्ट पर टेक्स्ट कर रही थीं , एक उन्होंने मुझे दिखाया , जिस में मम्मी ने इन्हे मेसेज किया था,...

मिठाई खानी हो तो थोड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है , छुट्टी की एप्लिकेशन दी की नहीं,

और अगले ही पल उनका जवाब आ गया था,

" बस अभी एप्लिकेशन मेल कर दी है, बात भी कर लूंगा , ... पंद्रह दिन की , चार दिन पहले से,... "

मेरे मन में एक ही बात गूँजी, ...

लालची, यानी शादी के बाद दस दिन पूरे,... देखने में इत्ते सीधे लगते हैं ,...




और मम्मी बात तो मेरी जेठानी से कर रही थीं , लेकिन मेसज मुझे पढ़ा रही थीं,.... मैंने मम्मी की ओर से मम्मी के फोन पे दो चार अंगूठे के निशान और जबरदस्त स्माइली भी भेज दी,... और उनकी ओर से भी हाथ जोड़ने का निशान और स्माइल वाली स्माइली आ गयी ,...

मैं समझ गयी मम्मी ने इन्हे अच्छी तरह शीशे में उतार लिया है।

और फिर मम्मी ने मुझसे फोन लेकर , दो चार जगह और फोन , ...बस वही टेक्स्ट ,... मुझे कुछ कुछ अंदाज लग गया था ,... शायद इनके इण्डिया कॉरपोरेट आफिस में कोई सीनियर, बॉम्बे में ,... उन्होने ही दस बारह दिन पहले ही मम्मी को रिश्ता बताया था , फोटो भी भेजी थी, क्वालिफिकेशन भी,...

और कुछ शादी से ही रिलेटेड, ...
यह सबसे पहला काम किया कि दामाद को ही सास ने अपने बस में कर लिया और उससे भी अच्छी बात है कि दामाद की मां को भी अपने समधियाने ने के सब्जबाग दिखाकर बिल्कुल कब्जे में कर लिया है।।।😜😜😜😜
 

Luckyloda

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और मैं बन गयी देवरानी



लेकिन मम्मी से ज्यादा कोई खुश था तो वो थीं , मेरी सास वो भी झट से खड़ी हो गयीं, और बोलीं, ...

" ये तो बहुत ही ख़ुशी की बात है , इस ख़ुशी में कुछ मीठा हो जाए,... "

और झट्ट से एक बड़ा सा गुलाबजामुन, निकाल कर मेरी सास ने अपनी समधन के मुंह में गप्प से डाल दिया,... एक बार में पूरा,... और कुछ शीरा ठुड्डी पर गिरा, और कुछ सरकते हुए ब्लाउज की गहराई में ,...




समधन ने समधन से खीर वाले मज़ाक का बदला ले लिया था,... बाकी शीरा अपनी समधन के गाल पर पोत दिया,

" आप तो वैसी ही इतनी मीठी हैं , थोड़ी और मीठी हो जाइये "



और खाने के बाद पंडित जी इन्तजार ही कर रहे थे,... मेरी सास और खुश अपनी बड़ी बहू से बोलीं,... चलो समधन ने ये भी अच्छा किया हम लोग वहां जा के कहाँ पंडित जो को बुलाते,... तो अपनी भी साइत , रस्म रिवाज की अभी तय कर लेते हैं , ... '


और इनकी छुट्टी चार दिन पहले की थी,... तो शादी के दिन से तीन दिन पहले तिलक,... और पहले पंडित जी ने लड़के वालों के लिए उड़द छूने से, सिलपोहना , हल्दी तेल , मटमंगरा सब की साइत निकाल दी , फिर हम लोगों के यहाँ की भी,...

शादी का मुहूर्त जल्दी का था रात में आठ बजे के आस पास का , तो मम्मी और खुश , ...

चलो कोहबर में दो तीन घंटे का टाइम मिलेगा, कम से कम ,... दामाद की रगड़ाई करने का,



लेकिन मेरी सास की ज़िद थी, बिदाई जल्द से जल्द ,... समधन को चिढ़ाते बोलीं,

" अब तो आपका बेटा है, चाहे उसकी रगड़ाई करिये या,... उससे रगड़वाइये,... लेकिन मेरी बेटी को सुबह होने से पहले विदा कर दीजियेगा। "

तो वो भी सूरज निकलने के पहले का तय हो गया।

जेठानी ने पहले ही एक सवाल खड़ा किया लेकिन आजकल तो द्वार पूजा ही नौ बजे के पहले कहाँ होता है, बारात आते आते ही देर हो जाती है , आठ बजे तो शादी बैठ ही नहीं सकती, अपने पंडित से भी एक बार




लेकिन मेरी सास ने ही उनकी पतंग की डोर काट दी,...

बात तो सही कह रही हो,... लेकिन इसका रास्ता है न सिम्पल , तीन घंटे ही तो लगता है , बरात की निकासी जराजल्दी कर देंगे , सबेरे सबेरे,... दिन का खाना कहीं रस्ते में,

" अरे रस्ते में क्यों , १० बजे भी आप लोग चलिएगा तो १ बजे तक पहुँच जाइयेगा,... खाना यहीं ,.... वैसे भी अब सबेरे की बिदाई होगी तो भात तो हो नहीं पायेगा , तो कम से कम दो बार का खाना तो हम लोगों के यहाँ बनता है ,... " मम्मी बोलीं।





" बस, और शाम को ,.. गोधूलि का द्वारपूजा सबसे अच्छा रहता है " उनकी समधन बोलीं , दोनों की जुगल बंदी चल रही थी।


लेकिन क्या पता हमारे पंडित जी को,... न सूट करे , उनसे भी तो पूछ लीजिए एक बार , बल्कि मैं कहती हूँ ,.. इतनी जल्दी क्या है , घर पहुंच के आराम से फैसला कर के बता देंगे ,... जेठानी ने आखिरी दांव खेला।




मेरी सास भी , बड़ी बहू की बात उन्होंने काटी नहीं , बोलीं,

: बात तो तुम्हारी सही है , बिना अपने पंडित से पूछे,... अभी बात कर लेती हूँ,.... और इनके पंडित जी से बात करा देती हूँ , जैसा दोनों लोग तय करें,... "

और उन्होंने पंडित जी को नंबर लगा के शुभ सूचना दी और हम लोगों के पंडित जी को फोन पकड़ा दिया . जब तक वो लोग भद्रा और घड़ी के बारे में बातें कर रहे थे , मेरी सास ने जेठानी से हलके से कहा

" अरे अब तारीख टालने में बड़ी मुश्किल है , तेरे देवर ने तो देख छुट्टी भी सैंक्शन करा ली , कहाँ मिलती है इतनी छुट्टी , ... फिर आफिस में सबको बोला होगा , अब कहाँ कैंसल होगी , फिर दुबारा छुट्टी,... "


तब तक दोनों पंडितों ने बात कर ली और मेरी सास ने फोन स्पीकर फोन पर लगा दिया। इनके पंडित जी बोल रहे ,
"सब घडी एकदम शुभ है , मैंने भी बिचार लिया लड़के की कुंडली तो मेरे पास है ही , और उन तीन चार दिन मैं खाली भी हूँ। "

अब सब पक्का हो गया,... इनकी मम्मी ने अपने मायके भी फोन घुमा दिया,... इनकी बूआ के यहाँ भी , और मेरे साथ की सेल्फी और समधन के साथ की भी , गाँव भी बात कर ली नाउन कहाईन एक हफ्ते पहले आ जाएंगी, ..

मेरी जेठानी का चेहरा झाँवा हो रहा था।





चलते समय मैंने सास का पैर छूने की कोशिश की तो उन्होंने तुरंत पकड़ के गले लगा लिया और मुझे तो क्या बोलतीं,... मम्मी को आने के बाद पहली बार हड़काया,

" किसके साथ मिल के ये बेटी जनी हैं ये तो पता नहीं , इसके मामा, फूफा , पता नहीं,... लेकिन इतनी सुंदर चाँद सी बेटी इतनी गुनी पर इतनी बुद्धू, बेटियां कहीं पैर छूती हैं,... "


और मुझे कस के भींचती हुयी हलके से बोलती हुयी अपनी समधन को चिढ़ाते बोलीं,...

" वो तो अब इनका बेटा हुआ, ... फायदे में मैं ही रही , अब चल तू आ जा तो हम तुम मिल के इनके बेटे का कान खीचेंगे "

पर जेठानी ने बाकायदा पैर छुआया। दोनों पैर आँचल पकड़ के ,...


बस एक पल के लिए उनका चेहरा खुश हुआ जब बिदाई में मम्मी ने उन्हें बनारसी साड़ी और कुंदन का सुन्दर सा सेट,



जेठ जी को हीरे की अंगूठी,... और सूट।

पर मेरी सास ने कुछ भी लेने से मना कर दिया , बेटी का घर कह के,... हाँ समधन के हाथ का बनाया पान उन्होंने जरूर खाया,... और ऐसे उनसे भेंटी जैसे बरसों बिछुड़ी सहेलियां हों ,... हाँ सब के जाते ही मम्मी ने अपना जजमेंट तुरंत मुझे सुना दिया, बाकी सब तो ठीक है , लेकिन वो तेरी जेठानी बड़ी कनटाइन है।

पर अगले पल ही उन्होंने ट्रैक बदला, और तो तेरा वाला तो तेरे ऊपर एकदम लट्टू है।


' मुझसे ज्यादा आप के ऊपर. " हंस के उन्हें चिढ़ाते मैं बोली,...




और क्या अदा से चक्कर काटते हुए हलके से उन्होंने पल्लू गिराया की ऊंचाई गहराई सब झलक गयी. और खिलखिलाते हुए बोलीं,...

" वो तो है , और मैं हूँ ही ऐसी ".

फिर उनकी फ़ोटो अपने मोबाइल से जो उनसे बात करते हुए चुपके से उन्होंने खींच ली थी , मुझे दिखाते बोलीं,...

" देख एकदम लड्डू लग रहा है न मन करता है झट्ट से गप्प कर लूँ "




" तो कर लीजिये ना मैं कौन मना कर रही हूँ " मैं बोली
मैंने कहा था न मम्मी , मम्मी से ज्यादा मेरी सहेली हैं और वो भी बदमाश वाली।

" तू क्या सोचती है तुझसे पूछूँगी ,... गप्प करने से पहले। " और अपने दामाद को उन्होंने फोन घुमा दिया।







लाल डायरी के पन्ने पलटते हुए अचानक मेरी दिमाग में उस दिन की सब घटनाएं एक एक कर के घूम रही थीं ,... और अब मैं समझ रही थी , सब मेरी सास और मम्मी का किया धरा,... पक्का मेरी सास को, 'जो देवरानी नहीं आ सकी' ... उसके गाभिन होने के बारे में तो नहीं पता रहा होगा , नहीं लाल डायरी के बारे, में न जेठानी के इरादों के बारे में,... पर इस उमर में औरतों की छठी इन्द्रिय बहुत जागृत हो जाती है और उनकी तो एड़ी में आँख होती है , तो घर में तो वो बोल नहीं सकती थीं , जेठ जी तो एकदम दबे , ये नौकरी पे ,...

और जेठानी एकदम चढ़ी,...

लेकिन कहीं कुछ उन्होंने सूंघा होगा , लड़की वालों ने एक बार उनसे बात नहीं किया, और फोटो तो सब लोग भेजते हैं,... और जेठानी की छोटी बहन, अभी एक यही चढ़ी रहती है ,... तो बस जैसे ही उन्होंने मौका देखा,



तो इसलिए चट मंगनी पट ब्याह , फिर ये भी मम्मी की बातों ओर मोहनी मंत्र के आगे,... उन्होंने छुट्टी भी लेली , पंडित की भी बात होगयी,... और एक बात और

मेरी सास को अपनी समधन में एक सहेली , जिससे वो खुल के दिल की बात कहें ,... और समधियाने आने की बात ,... तो उन्हें एक तरह का एस्केप स्क्वायर मिल गया , जेठ जी की तो हिम्मत नहीं थी , लेकिन सब के सामने अपनी माँ के खिलाफ भी नहीं ,... इसलिए,...

बस मैं आगयी। और वो जहर की पुड़िया , जिसके किस्सों और प्लानिंग से लाल डायरी भरी थी नहीं आ पायी , पर जेठ जी का क्या चक्कर था , उसका कोई ज़रा सा भी अंदाज लाल डायरी में नहीं था।


तो सौ बात की एक बात , पंद्रह दिन में मैं आ गयी और उस समय मुझे जेठानी जी, उनकी गाभिन बहिनिया के बारे में अंदाजा नहीं थीं , ( जब तक ये लाल डायरी नहीं पढ़ी कुछ भी अंदाजा नहीं था ) मुझे तो सिर्फ ये दीखते थे , पास रहे न रहें,... उनकी लजाती घबड़ाती ललचाती आँखे ,






लेकिन मुझे ये बात नहीं समझ में आ रही थी जेठानी जी ने जेठ जी कैसे इतने दबा के रखा था , ... उस लाल डायरी में कुछ नहीं मिला पार आलमारी में दो कागज़ मिले उनसे अंदाज लग गया , एक तो ऊपर ही था और दूसरा काफी छिपा के उनके अंडर गारमेंट्स के नीचे,
जेठ का क्या चुतिया बनाया हुआ है ।



जेठानी ने तो फुल मजे लेने का विचार बनाया हुआ है।
 

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ताम्बे का ताला,.... मेरी सुहागरात ,...

जेठानी की पिलानिंग








लेकिन वो सवाल अभी भी बचा था , जेठानी की मम्मी नाती की मुंह क्यों नहीं देख पा रही हैं , बच्चे वाला सवाल ,... और उसका जवाब थोड़ा ही सोचने पर मिल गया, जेठानी की मम्मी



उत्तर था ताम्बे का ताला, और जेठानी की मम्मी ने ही इसका जिक्र किया था , और ये साफ़ जब हाईस्कूल से ही जेठानी रोज बिना नागा कभी गन्ने के खेत में तो कभी अरहरिया में टाँगे फ़ैलाने लगी होंगी तो उनकी मम्मी ने ही किसी लेडी डाक्टर के पास ले जाकर उनकी गुलाबो के अंदर ताम्बे का ताला ( कॉपर टी ) लगवा दिया होंगी, चुदाये जितना चुदवाना, जिससे चुदवाये,... इस उमर में नहीं चुदवायेगी तो कब चुदवायेगी।




और शादी के समय भी वो ताला बंद ही रहा होगा , कौन गोली वोली का झगड़ा पाले , फिर जेठानी ऐसी चोदासी , कंडोम तो कभी नहीं,... जब तक चमड़ी से चमड़ी न रगड़े,...

और फिर उसी का इस्तेमाल किया जेठ जी के ऊपर,...

"मैं क्या करूँ अगर बच्चे नहीं होते , मैं कोई गोली वोली तो खाती नहीं , और जब कहिये तब टांग फैलाने को तैयार रहती हूँ , आप ही कहते हैं आज थक गया हूँ अभी माँ जग रही है , अरे माँ जग रही है तो क्या , अपनी उम्र ने नहीं चुदवाया होगा ,कहाँ से आप और देवर आये ,... और मौका मिले तो वो आज भी बांस पे चढ़ने को तैयार रहती हैं,... तो उन से क्या चोरी छिपाना ,"




और जब सास ने ताना देना शुरू हुआ किया होगा, तो फिर जेठानी ने तय कर लिया होगा , अब तो ताला बंद ही रहेगा , वैसे भी दस साल तक तो आराम से,... और उसके बाद जो वो फर्जी वाडे वाले जेठ जी की रिपोर्ट इम्पोटेंट नॉट क्योरेबल ,... उसके बाद तो पूछना ही क्या,...


हाँ अगर संदीप की छुटकी बहिनिया उनकी देवरानी बन के आ जाती




तो और सब प्रापर्टी दोनों बहने आपने नाम कर के ( ये तो दूर कहीं अपनी नौकरी पे रहते और जेठ जी की हिम्मत नहीं पड़ती बोलने की ) तो पहले तो सास को नौकरानी बनाती और संदीप से उनके सामने ही ही ,...


आप बच्चा बच्चा कहती हैं न , मेरी देवरानी देखिये जन रही है , ... और मैं,... आप के बेटे के तो तो अब क्या मुंह खुलवाइयेगा , तो मैं अगर किसी और के साथ,...

और उन दोनों के घर में रहते ही संदीप से ,... उसके पहले ताला खुल जाता ,...




पीरियड के दस बारह दिन बाद भैया आते और चार पांच दिन रह के बहिनिया को गाभिन कर के चले जाते , ... उन्होंने खुद कबूला थी की राखी के दिन संदीप से जेठ जी के ही पलंग पर , जेठ जी को दूध में नींद की दो गोली डाल के सुला दिया था और उन्ही सोते जेठ जी के बगल में उनकी पत्नी का भरतपुर उनके साले ने लूटा था , एक बार नहीं तीन बार,...


अब मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ रहा था,... उनके छिनारपने से मुझे कोई शिकायत नहीं थी , अपने फुफेरे भाई से चुदवाये उसकी भी नहीं ,

लेकिन कितनी गहरी साजिश , फर्जी डाक्यूमेंट बनाने से लेकर,... और सबसे बड़ी बात तो इनकी जिदंगी में जो ये ये संदीप की बहन की लाके जहर घोलने वाली थीं,




सच में ये बहुत ही सीधे हैं , कुछ ज्यादा ही सीधे,... और जेठानी ने इन्हे अच्छी तरह समझा था, इनकी एक एक कमजोरी,

और प्लानिंग पूरी थी , कैसे उन्हें अंदाज नहीं लगेगा,...

सुहागरात के दिन जेठानी उन्हें समझा के भेजतीं बत्ती जल्दी बुझा देना नयी लड़की बहुत शर्माएगी, ...




और यहाँ तक की वो अगर बत्ती बुझाने में देरी करते तो बाहर से उस कमरे का फ्यूज निकालने का भी प्लान था , और संदीप का माल भी एकदम चतुर चालाक , खूब चीखती चिल्लाती यहाँ तक की नीचे के कमरे में सास और सब को सुनाई पड़ता , सुबह बड़ी मुश्किल से सहारा लेकर चलती,...


सच में भयानक चतुर चालाक थी वो, पहली रात की प्लानिंग तो उसने खुद पूरी कर रखी थी, वो बोली,


" दी अरे आप की ही छोटी बहन हूँ, आप चिंता मत करिये, नगमा दीदी ने मुझे समझा दिया है और एक क्रीम भी दी है , क्या तो नाम है , हाँ टाइट अगेन,... बस जिस दिन छेंका रोका होगया, नीचे के मुंह का पूरा उपवास, अरे नहीं भैया को भूखा नहीं रखूंगी,... मेरे होंठ हैं न आपने जैसे सिखाया था अब चूसने में मैं एकदम एक्सपर्ट हो गयी हूँ ,...




आखिर छुट्टी वाले पांच दिन तो वैसे ही भैया का काम चलता था ,... और नहीं हो तो पीछे वाला छेद, लेकिन पंद्रह बीस दिन एकदम शटर डाउन, नीचे का और नगमा दी ने बोला है दिन में , एक बार और रात में एक बार क्रीम लगाने को और तीन चार बार एक कसरत बताई है , चूत को टाइट करने वाली,... आपके देवर ने तो आप खुद ही कह रही थीं, चोदने को कौन कहे , प्रेम गली का दर्शन तक नहीं किया है ,... तो बस आप लाइट वाला ,... और हाँ एक चीज और सोची है मैंने, एक सेफ्टी पिन या अंगूठी ही कोई नोक वाली, बस उसी से जांघ पे कहीं छेद कर दूंगी,... बस आठ दस खून टपक जाएगा , जितना ज्यादा उतना अच्छा,.... उस समय तो दिखेगा नहीं , सुबह के पहले जब लाइट आएगी तो,... "



और जेठानी ने और सोने में सुहागा जोड़ा ,... बस एक काम करना,...

मैं ताला बाहर से बंद कर दूंगी और सुबह मैं ही आके एक दो ननदों के साथ खोलूंगी,... बस तुम उस खून लगे चादर को बदलना मत, और ननदों के सामने मैं देवर को चिढ़ाऊंगी, देखो कैसा खून खच्चर कर दिया है मेरी देवरानी को , इतनी कम उमर वाली देवरानी इसी लिए लायी थी,...




दूसरे महीने तक वैसे भी पेट का तो पता चलता नहीं ,... और चौथी में जब मायके से आते तो उनके साथ बिदा , मायके का रिवाज है,... हफ्ते भर के अंदर कोई पूजा होती है उससे गर्भाधान में ,... बस सास जी के मना करने का सवाल ही नहीं होता,... और हफ्ते दस दिन बाद वहीँ से खबर आ जाती की बहू माँ बनने वाली है , ये देवर को चिढ़ातीं की पहले दिन ही छक्का मार दिया ,... और ये अपनी नौकरी पे ,... और बच्चा मायके में ही होता सात महीने में की आठ में कौन जानता , हाँ ये कह दिया जाता की ददिहाल पे मूल ही तो पौने आठ महीने तक ददिहाल का कोई बच्चे को नहीं देख सकता,



ये सब प्लानिंग लाल डायरी में लिखी थी,...

लेकिन सबसे खतरनाक बात थी की, उनकी पिलानिंग फेल होने के बाद भी उनकी जहरीली पिलानिंग जारी रही,मैं शादी के बाद घर में आगयी तब भी जेठानी और उनकी छिनार बहिनिया ने हार नहीं मानी,


और उस का एक एक सूत्र उस लाल डायरी में था ,

संदीप की बहिनिया की सुहाग रात तो नहीं मनी लेकिन मेरी सुहागरात के बारे में भी उनकी जबरदस्त पिलानिंग थी,.. उसको फेल कराने की और मुझे बदनाम कराने की,... मुझे वो सब घटनाएं याद आ रही थीं , लेकिन उस का मतलब समझ में नहीं आया था। लेकिन मेरी मम्मी, बिदाई के समय ही उन्होंने समझा दिया था ,... जेठानी के हाथ की कोई चीज़ कम से कम रात को सुहाग रात के समय मत खाना , पीना। लेकिन जेठानी भी कम लोमड़ी नहीं थी। उसने दूध का गिलास , गुड्डी के हाथ भिजवाया , इस इंस्ट्रक्शन के साथ वो मुझे अपने सामने पिला दे.

और उसने वो दूध का ग्लास मेरे हाथ में पकड़ा दिया , सामने खड़ी की मैं पूरा पी लूँ तभी वो जायेगी




लेकिन मैंने उसे चिढ़ाते हुए पूछा ,... "हे तूने दूध भी देना शुरू कर दिया ,... माना बारात में मेरे भाइयों ने नहीं छोड़ा होगा , लेकिन नौ महीने लगेंगे बियाने में उसके बाद ही दूध,... "



वो चिढ गयी , खुद उगल दिया,... आपकी जेठानी ने भेजा है और मुझसे कहा है अपने सामने पिला देना , रात में उनपर बहुत मेहनत पड़ेगी ,... वो थोड़ी देर में अपने देवर के साथ आएँगी ,


और ननद का रिश्ता मैं क्यों छोड़ देती,...

"अरे यार फिर सिर्फ दूध ही क्यों बाकी काम धाम भी अपने सामने देख लेना , रुक जा यहीं पे बहुत काम देगा ,... सब सीख लेगी, चौथी में मेरे गांव से भैया लोग आयंगे बस जिससे कहेगी उससे जोड़ी लगवा दूंगी बल्कि सबसे बदल बदल के स्वाद ले लेना। "

मैंने और चिढ़ाया , कमरे में हम दोनों ही थे।

वो चुप , फिर मैं उसे समझाते बोली, अच्छा यही रख दे , मैं पी लुंगी , अब इत्ती बड़ी ग्लास ,.. तू जा पक्का तेरे यारों की कसम,... और मुंह फुला के बाहर चली गयी। मैंने दूध का ग्लास कहीं इधर उधर रख दिया की कहीं हाथ वाथ लग के गिर न जाए , मुझे ज़रा भी अंदाज नहीं था ,

वो मीरा को भेजे गए जहर के प्याले की तरह था ,...


वो तो लाल डायरी से पता चला ,

दो गोली नींद की उसमें घुली थी , और नींद की गोलियों का नाम भी लिखा था ,... मैंने गूगल किया तो चौंक पड़ी बहुत ही स्ट्रांग , पंद्रह मिनट के अंदर कोई भी सो जाएगा ,... और आठ से बारह घंटे ढोल भी पीटो तो नहीं उठेगा,... और यहाँ तो एक के बदले दो उस दूध में पड़ी थीं,... लेकिन ये भी था की बिना डॉक्टर के पुर्जे के नहीं मिल सकतीं औरवो भी बड़ी रिस्ट्रिक्टिव , .... मैं समझ गयी वही डाक्टर जावेद और लाल डायरी में लिखा भी था , नगमा ले आयी थी , वही डाक्टर जावेद जिससे वो रोज चटवाती थी ,... दो पत्ते, मेरे पहले दस दिन के लिए , उसके बाद तो उनकी छुट्टी ख़तम हो जाती ,...

और ऊपर से दो गोली,... न सिर्फ रात में १०-१२ घंटे सोती बल्कि दिन में निदासी रहती ,...


और अब मेरी समझ आया की जब गुड्डी दूध का गिलास मुझे पकड़ा के गयी उसके पौन घंटे बाद जेठानी अपने देवर के साथ आयीं,... और साथ में दो चार ननदें भी, ...

उन्हें पूरा विश्वास था की मैं अब तक अंटागफील सो रही होउंगी, लेकिन मैं तो चौकस,... पहले तो उन्होंने इधर देखा , लेकिन ग्लास नहीं दिखा तो वो समझी होंगीं की चलो दस पांच मिनट बाद मैं निद्रा देवी के पास पहुँच जाउंगी,... लेकिन मैं तो जम्हाई तक नहीं ले रही थीं , ..

और सेफ्टी के तौर पर उन्होंने अपने देवर को भी समझा रखा था, की दुल्हन को मैंने एक ग्लास दूध भेजा था , अगर उसने न पीया हो तो तुम अपने हाथ से पिला देना,... उन्होंने दूध देख लिया लेकिन कहा कुछ नहीं,... वो तो सिर्फ एक बात में इंटरेस्टेड थे,
नहीं नहीं वो नहीं ,...

बात करने में ,... मुझे कम्फर्टबेल बनाने में ,.. और बोलने से ज्यादा सुनने में, एक घंटे हम दोनों बात ही करते रहे , सबसे ज्यादा मम्मी , फिर मेरी कजिन सिस्टर्स , भाभियाँ सहेलियां ,... हाँ ललचाते हुए बार बार ' वहीँ ' देखते, मेरी चोली के अंदर वाले , लेकिन खोलने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी



,खैर एक डेढ़ घंटे बाद जब बत्ती बुझी तो चोली भी खुली, और उनके मन की भी हुयी ,...
लेकिन मैं समझ गयी थी ये जिंदगी भर मुझे देख के ललचाएगा,... तो ललचाये ,... उसी के लिए तो आयी थी सब कुछ जो होता है

तो , सुबह जब जेठानी आयीं तो टूटी चूड़ियां , मेरी बिंदी इनके माथे पर , मेरे पैर का महावर इनके माथे पर,...

मैं तो बाथरूम में थीं ,... हाँ इन्होने मम्मी से सब पूछ रखा था मुझे क्या अच्छा लगता है , तो सुबह बहुत हलके दूध वाली बेड टी भी मिली, ..जेठानी के आने के पहले ही

.


और तब मुझे उस दूध का ध्यान आया तो वो बोले की मैंने तो उसे नाली में गिरा दिया,... ये फ्रेश,...


और सिर्फ रात में ही नहीं दिन में भी दर्जनों तो बातें थीं मेरे बारे में उस लाल डायरी में ,

किचेन में तेल गिरा दिया था उन्होंने और बल्ब बदल दिया था ,.. फ्यूज बल्ब लगा के जिससे फिसल के मैं गिर जाऊं,...


खाने में थाली लगाने वो खुद आतीं और मुझे किसी बहाने हटा के इनकी थाली में सब्जी दाल दोनों में खूब नमक , जिससे खाने की मेज पर ये चिल्लाएं , .. पर ये तो मुझे देखने में मगन रहते,... और गुड्डी से मेरे कपड़ों के बारे में पता करके,... हम लोगो के हनीमून का प्लान बिगाड़ा और और उन का चलता तो पूरे दो साल मैं यहीं रहती ,...

लेकिन एक बात जो लाल डायरी में थी मेरे बारे में उसे पढ़ के मेरे बस आंसू निकल आये,... मेरे आने के दो दिन के अंदर ही किचेन मेरे हवाले , बेड टी से लेकर रात के खाने तक सब मेरे जिम्मे,.. सास शायद गाँव गयी थीं, दो दिन के लिए, और जेठानी ने रोज की तरह , लेकिन उस दिन ख़ास हुकुम था ,... कल एक पूजा होती है , जिसमें मुंह अँधेरे सूरज निकलने के पहले सब बन जाना चाहिए, साढ़े पांच बजे के पहले,... और आज कल चार बजे से पावर कट रहता है छह बजे तक,... मोमबत्ती और दियासलाई दोनों किचेन में ध्यान से रख देना,... किचेन में वो कहाँ रहता है ये मत पूछना,... रोज तो सुबह नौ बजे तक उठती हो , महरानी की तरह , एक दिन जल्दी उठ जाओगी तो क्या ,... और हाँ नहा जरूर लेना फ्रेश कपडे भी , ये नहीं की वही सब .. पहने , पूजा का खाना बनना है नयी बहू ही बनाती है,...

और रात को भी उन्होंने जब मैं किचेन समेट रही थी , दस बार मोमबत्ती माचिस और चार बजे का नाम लिया ,

खैर मैंने अलार्म लगा लिया था , सोने तो ये खैर देते नहीं , मेरी सासू जी का बेटा मेरे कपड़ों और नींद दोनों का दुश्मन था,... पौने चार बजे ही उठ के मैं नहा धो के फ्रेश कपडे पहन के , सवा चार बजे मैं किचेन में पहुंची, लाइट तो चार बजे ही चली गयी थी ,... बस किसी तरह मोमबत्ती और दियासलाई ढूंढ के , चूल्हे के पास ही रखा था मैंने ,... और माचिस जलाने ही वाली थी की एक हलकी सी महक नाक में आयी ,... मेरी कुछ समझ में नहीं आया , .... लेकिन फिर वो थोड़ी सी तेज ,... मैं डरी और जल्दी से इनको आवाज लगाई ,... इनकी नींद,.. लेकिन मेरी आवाज तो इन्हे दूर से ही सुनाई पड़ जाती थी और गहरी नींद में हो तो भी , बस पल भर में वो मेरे पास ,... और मुझसे पहले वो चिल्लाये गैस,... और झट झट किचेन की सारी खिड़कियां खोल दी, माचिस मेरे हाथ से छीन के दूर फेंक दी ,...

और उनकी चिल्लाहट सुन के जेठानी जी आ गयीं और पीछे पीछे जेठ जी भी,... और डांट मुझे ही पड़ी,

" इत्ती जल्दी रहती है रात में, दस बार बोला है गैस ऊपर नीचे दोनों ओर से बंद करो,... लेकिन इतनी जल्दी रहती है ऊपर जाने की , अरे नयी शादी मेरी भी हुयी थी, ऐसी आग तो नहीं लगी रहती थी,... मायके में कैसे रहती थी , कैसे खुजली मिटाती थी , आठ दस यार तो कम से पाले होंगे,.... कहाँ से आ गयीं , एक बात की तमीज नहीं,... "

मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो जेठ जी मुझसे तो नहीं इन पर,... " कम से कम बड़े छोटे की तमीज तो होनी चाहिए, बड़ो की बात का जवाब नहीं देते ये तो , पहले तो गलती करें,... "

और उस होते होते रह गए हादसे का पूरा हाल लाल डायरी में था , जेठानी का हस्तलिखित, ... उन्होंने ही जेठ जी से कहलवा के सास को दो दिन के लिए गाँव भिजवाया था और,... जैसे ही मेरे कमरे की ऊपर बत्ती जली,... किचेन में आ के पहले तो उन्होंने सारी खिड़कियां अच्छी तरह से चिपका के बंद कीं, फिर गैस फुल पे खोल के किचेन का दरवाजा भी चिपका के बंद कर दिया , जिससे मेरे आने के आधे घंटे के अंदर किचेन में गैस अच्छी तरह भर जाए और मैं जैसे मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस जलाऊं ,...धड़ाम,...
इतनी बातें थीं , पूरे डिटेल्स के साथ,... मैं पढ़तीं कभी आँखों में आंसू नाचते कभी बिस्तर पर सोई जेठानी को देखती और गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ता ,...

और मैंने लाल डायरी और दोनों पुर्जों को सहेजा और ,....

में गुस्से को रोक नहीं पायी,... जेठानी अपने देवर के बगल में निसुति सो रही थीं , ... मैंने डायरी और दोनों परचे सम्हाल के रखे और जेठानी को पलंग से नीचे घसीट लिया ,

अब बताती हूँ इस छिनार को, मेरे मरद के साथ ऐसी गहरी प्लानिंग, मेरे साथ ये चालें


हाय राम ! क्या कर दिए इस कोमल ने


क्या क्या प्लानिंग कर रखी थी जेठानी ने सब खराब कर दिया इस कोमल ने
 

komaalrani

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Congratulations dear lovely Komal sis for getting Nine lakh 9,00,000 views on your "Komal trademark story" JKG ,well deserved one. Just by the way we r both achieving 9 lakh viewer's mark almost at the same time.What a pleasant incidence!

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Thanks so much,.... no comparison, Your story is marching ahead with the speed of a bullet train and i am sure will reach all running stories behind very soon,.... , but you are the BEST,
 
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Rajizexy

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Thanks so much,.... no comparison, Your story is marching ahead with the speed of a bullet train and i am sure will reach all running stories behind very soon,.... , but you are the BEST,
U r welcome sis.Didi aisa mat kahiye aap, tum dekhna me tumari story me catalyst dal dungi aur fir ye akash me udne lagegi.Keep patience,nd feel the pulse of readers
 

komaalrani

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Just perfect Picture.
 
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