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मिसेज डी मेलो को मैं पहले ही बता चुकी थी , उनकी ब्रा के शॉपिंग के बारे में भी और चार बजे मम्मी की काल के बारे में भी।
अब वह आलमोस्ट मेरे गैंग में थीं।
और ये सीमारेखा पार करना उनके लिए बड़ा मुश्किल था , लेकिन मेरी और मॉम यही तो चाहते थे की वो हर सीमा पार कर जाएँ।
उन्होंने मिसेज डी मेलो को अपने केबिन में बुलाया और बैठने को बोला ,
और पहली बार उन्होंने मिसेज डी मेलो के बड़े बड़े ,एकदम सख्त ,रसीले गुदाज उभारों को वैसे देखा ,
जैसे कोई मर्द हरदम देखता है , ड्रूलिंग ,ललचाते हुए , और कुछ देर तक उनकी नजरें उसे सहलाती रहीं।
वो भी बहुत खुश थीं और उन्होंने टाइट टॉप में उभरे , अपने उभारों को थोड़ा और खुल के उभार के पूछा ,
" सर आपने मुझे बुलाया ,कोई ख़ास काम। "
वो जानती थीं की उनके साथ इन्शिएटिव उन्हें ही लेना पड़ेगा।
" नहीं हाँ असल में , एक्चुअली थोड़ा पर्सनल काम था , मेरी समझ में नहीं आ रहा है ,… "
वो थूक निगलते ,घबड़ाते बोले।
" तो मुझसे बोलिए न आखिर मैं आपकी पर्सनल सेक्रेटरी हूँ। " मुस्करा के वो बोलीं और थोड़ा टेबल पे झुकीं तो क्लीवेज साफ साफ़ दिखने लगा।
अब उनकी हालत और खराब लेकिन दूकान का पता तो पता ही करना था।
" प्लीज डोंट काल मी सर एस्पेशलि जब हम दोनों केबिन में हो , यू डोंट माइंड आई जस्ट वांट टू कॉम्प्लीमेंट यू , … यू वियर परफेक्ट फिटिंग ड्रेसेज। सो नाइस। "
" थैंक्स सर। "
खुश होके वो बोलीं।
" यू नो , मुझे कुछ शॉपिंग करनी थी , वो वो , असल में , अंडर गारमेंट्स की , "
मुश्किल से वो बोलपाये।
" नो प्राबलम सर , लेकिन मैम की साइज तो वो अभी इत्ती यंग है , और , मेरी तो , वो जो + साइज कहते हैं वो है , उनकी शॉप्स भी बहुत कम है तो आप को। "
और उन्होंने जान बूझ के बात अधूरी छोड़ दी /
" असल में नहीं मैडम के लिए नहीं , वो तो अपनी शॉपिंग खुद करती हैं , बस आप गिफ्ट समझ लीजिये , वो , प्लस साइज वाली ,
और आप इत्ती परफेक्ट ड्रेसेज पहनती हैं तो मैंने सोचा की , आई होप आपने बुरा नहीं माना। "
" नहीं सर ,इसमें बुरा मानने की क्या बात ,, मैं जानती हूँ एक शाप बेस्ट शाप है यहाँ की लेकिन आप थोड़ा जल्दी पहुंच जाइए पांच बजे के पहले तो ठीक रहेगा ,वैसे भी छ बजे बॉबी टेलर्स में भी आपका अप्वाइंटमेंट है , और आज आॅफ़िस में भी कुछ ख़ास काम नहीं है। एक सेल्सगर्ल रीमा मेरी फ्रेंड है मैं उसे बोल दूंगी , वोआपको पर्सनली अटेंड करेगी ,और मैं अड्रेस आपको टेक्स्ट कर देती हूँ। और नंबर भी। "
और अबकी जब वो जाने के लिए खड़ी हुयी , तो वो भी खड़े हुए और बहुत धन्यवाद दिया।
आफ कोर्स चार बजे उन्होंने मम्मी को फोन लगाया और बात की शुरुआत की , मम्मी प्लीज मुझे मादरचोद बना दीजिये न।
एंड ऑफ कोर्स मिसेज डी मेलो ने एक्सटेन्सन पे एक एक बात सुनी , सास -दामाद की।
पांच बजे वह शाप पर पहुँच गए।
मैं भी थोड़ी देर में वहीँ थी।
रीमा उनका वहां वेट कर रही थी , दुबली पतली तन्वंगी ,सिवाय उभारों के। जो एकदम जबरदस्त थे। कटाव भी ,उभार भी।
पहली चीज उसने जो पूछी वो उसी में सकपका गए ,
" साइज "
अब वो क्या बताएं , लेकिन रीमा भी आखिर मिसेज डी मेलो की सहेली थी , तुरंत उसने हालत संभाल ली और पूछा ,
" अंदाज से कुछ , "
घबड़ाते हुए वो बोले ," बस ऐसे समझ लीजिये ,की , अब ,,,, "
मुस्कराते वो बोली , " अरे परेशान होने की बात नहीं , अब देखिये ये प्लस साइज की एक्सक्ल्यूसिव बूटीक है। तो मेरी साइज से बड़ी ही होगी न। "
अब उनके बोल फूटे , " हाँ एकदम।
रीमा के हाथ में एक सफेद लेसी ब्रा थी ,
उसने फिर पूछा , चलिए अंदाज से ये बता दीजिये मान लीजिये , अगर उनकी साइज आप के बराबर हो , …
खुश होके वो बोले , " हाँ यही समझ लीजिये ,"
बस बिना रुके रीमा ने जो ब्रा उसके हाथ में उनके सीने पे करके नापना शुरू कर दिया , कप साइज ठीक है न उसने पूछा भी।
लेकिन उन्हें ब्लश करने से फुरसत मिले तब न।
उसने कुछ जोड़ घटा के बताया , एक नंबर और बड़ी चलेगी ,कप साइज डी होगी। वैसे देखने में तो दो नंबर ज्यादा लगती है लेकिन ड्रेस के अंदर , एक नंबर बड़ी होने से चल जाएगा। और फिर उसने एक उनके मेजरिंग ब्रा निकाली और अबकी ठीक से डिटेल नापा।
वो खूब ब्लश कर रहे थे , लेकिन रीमा पे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
और एक बात ये भी थी की उन्हें लगा शायद इस समय बूटीक में कम भीड़ होगी , लेकिन उन्हें अंदाज नहीं था की आफटरनून में ही ज्यादातर औरतें शॉपिंग केलिए निकलती हैं।
ज्यादातर ३५ + वाली थी लेकिन कुछ कमसिन भी।
देख हर तरह की उनकी तरफ थीं। वो अकेले मर्द थे शाप में।
उनकी निगाह जमींन में गड़ी थी।
और उसी समय मैं पहुँच गयी ,कुछ देर तक मैं दूर से उन्हें देखती रही। रीमा ने फिर मोर्चा सम्हाल लिया था और उनसे ब्लाउज और चोली की स्टाइल पूछ रही थी। अब वो कुछ नार्मल महसूस कर रहे थे। रीमा ने उन्हें स्टैपल्स ब्रा , पैडेड बारे , हाफ कप , शियर , सब निकाल के दिखाई।
और उसी समय मैं पहुँच गयी।
उनकी जान में जान आई लेकिन थोड़ी देर में मेरी और रीमा की पक्की दोस्ती हो गयी।
उनकी जान में जान आई लेकिन थोड़ी देर में मेरी और रीमा की पक्की दोस्ती हो गयी।
कुल ७ ब्रा और ५ पैंटीज सेलेक्ट हुयी ,
उन्होंने क्या मैंने और रीमा ने मिल के कर दी ,लेकिन अभी एक बात बाकी थी , मैंने उनसे कहा की ट्रायल रूम में जा के चेक करलें।
रीमा ने भी उनकी हिम्मत बढ़ाई ,
" देखिये अगर एकदम आप ऐसी साइज के लिए ले रहे हैं न , तो कपडे उतार के पहन के चेक करना जरूरी है ,सभी लोग करते हैं।
थोड़ी देर के लिए दूकान में भीड़ कम थी , एक ट्रायल रूम जो थोड़ा कोने में था रीमा उनको उधर ले गयी और साथ में ब्रा के पैकेट।
वो बहुत टाइम लगा रहे थे , रीमा ने मुस्करा के बोला ,
सारे मर्दों की यही हालत है हुक खोलने को कहो तो मिनट भर भी नहीं लगेगा और बंद करना हो तो ढूंढते रहेंगे।
हम दोनों खिलखिला के हंसने लगे।
और जब २०-२५ मिनट के बाद वो बाहर निकले तो उनकी हालत ख़राब।
बाहर दो चार अधेड़ उम्र की औरते वेट कर रही थीं , और सब एकदम चकित , … ब्रा बूटीक के ट्रायल रूम से किसी आदमी का निकलना ,
और ऊपर से मैंने नमक छिड़का , ठीक है न सब की सब , एकदम सही फिटिंग हैं न।
शरमाते घबड़ाते उन्होंने हाँ में सर हिलाया , और रीमा को थैंक्स दिया।
मुझे जल्दी थी , मिसेज खन्ना के यहाँ एक किटी थी और उसमें क्लब का न्यू इयर का पूरा प्रोग्राम भी डिस्कस होना था। और उन्हें बाबीज टेलर्स के यहां जाने का भी टाइम हो रहा था।
मुझे मिसेज खन्ना के यहाँ ड्राप कर के वो बाबीज टेलर्स के यहाँ चल दिए , ब्रा के साथ फिटिंग देने।
हाँ मैंने उन्हें बोल दिया था की खाना बना लेंगे , और मेरा वेट करेंगे मुझे थोड़ा देर हो जाएगी और मम्मी को फोन कर लेंगे।
" वाओ ,यही तो मैं ढूंढ रही थी ,बट व्हेयर। " ख़ुशी मेरे चेहरे पर छलक रही थी।
और थोड़ी देर में हम तीनो बेसमेंट में थे , मैं आगे आगे ,वो और रीमा ,शाप असिस्टेंट पीछे पीछे।
एक से एक ,कुछ डिस्प्ले विंडो में ,कुछ मानेकवीन्स पर और बाकी हैंगर पे ,
मैंने मुड़ कर देखा, उनकी निगाहें तो बस उन सेक्सी ब्रा से एकदम चिपकी , जो थोड़ा बहुत उनका मूड उखडा था एकदम गायब।
और क्यों न हो जो उनकी मनपसन्द साइटस में दिखता था या बिस्तर में छुपी पॉर्न साहित्य में वो सब सचमुच का ,
शियर ब्रा - जिसमें सच में सब कुछ दिखता था।
क्वार्टर कप ब्रा , बस सिर्फ नीचे से सपोर्ट ,
और सबसे बढ़कर निपल्स आउट , पीक अ बू ब्रा ,
मेरे साथ शाप असिस्टेंट भी उन्हें ही देख रही थी।
ट्रायल रूम के नाम पर एक छोटा सा कोना था बस एक परदे से ढंका हुआ ,
और रीमा मेरा सवाल शायद पूछने से पहले ही समझ गयी ,बोली आप कहीं भी ट्रायल कर सकती हो ,पूरी प्राइवेसी। मैं भी ऊपर जा रही हूँ , १५ -२० मिनट में आउंगी। असल में ये कलेक्शन ,हम लोग सोच रहे थे कैसे पापुलराइज करें ,
और मेरे दिमाग में लेडीज क्लब चक्कर काट रहा था। मुझे तुरंत कुछ सूझा और मैंने बोल दिया ,
" नो इशूज ,मेरे ऊपर छोड़ दो , आई नो हाउ टू ,... "
" ग्रेट ,फिर मिलते हैं ब्रेक के बाद ,ऊपर भी आज कोई नहीं है। आप लोग तब तक सेलेक्ट कर लें। "
उसके जाते ही मैंने उनसे पूछा ले लूँ , थोड़ी ज्यादा वाइल्ड तो नहीं होजायेगी।
" नहीं एकदम नहीं मैं तो कहता हूँ सब ले लो "
खुश होके मैंने उन्हें बाहों में भर के चूम लिया। खुद बढ़ के उन्होंने एक मैनेक्विन से एक शियर ब्रा उतार के मुझे दे दी ,
" बहुत मस्त लगेगी तेरे ऊपर ".
" बाकी पब्लिक का फायदा हो जाएगा " उन्हें आँख मारते मैं बोलीं ,
" होने दे न ओनर्स प्राइड नेबर्स एनवी ,जलती है दुनिया जलती रहे ,माल तो मेरा है। "
वो भी अब मूड में आ गए।
और थोड़ी देर में शापिंग बॉक्स भर गया ,आधे दर्जन से ऊपर ,शियर आलमोस्ट ट्रांसपेरेंट विद मैचिंग आलमोस्ट शियर टॉप , एकदम सब कुछ दिखता है।
क्वार्टर कप ब्रा , निपल कट ब्रा जिसमें से निपल बाहर निकले रहते हैं और टॉप से रब होते रहते हैं। कुछ तो एकदम वाइल्ड ,
उनका बस चलता तो वहीँ मेरी टॉप उतार के मुझे पहना देते , और टॉप उतार भी दी उन्होंने लेकिन उनके लाख कहने पर भी ट्रायल के लिए मैं परदे के पीछे चली गयी ,
जगह इतनी छोटी भी नहीं थी और सबसे बड़ी बात ,एक आदमकद शीशा तीन ओर लगा था।
टॉप तो उनके पास ही रह गया था बस मैंने अपनी ब्रा उतार के वो निपल कट वाली सबसे पहले ट्राई की।
वाव एकदम परफेक्ट फिट ,मेरे बूब्स को हग करती हुयी ,हलके से प्रेस करती हुयी और नतीजा ये था की निपल्स एकदम इरेक्ट और उसमें बने छेद से बाहर।
इन्होंने स्किन कलर की सेलेक्ट की थी एकदम मेरे कलर से मैंचिग , और शियर भी थी।
शीशे में देखकर मुझसे रहा नहीं गया ,मैंने अपने निपल्स अंगूठे और तर्जनी के बीच रोल किये और फिर एक ऊँगली में थोड़ा सैलाइवा लगा के हलके हलके फ्लिक किया ,
एकदम टनाटन ,
मुझे एक शरारत सूझी।
मेरे निपल्स देख कर उनका क्या हाल होता था मुझसे ज्यादा कौन जानता था ,
अपने को परदे में लपेट के मैंने उन्हें अंदर आने का इशारा किया ,
वो बस लपकते हुए अंदर आये और , ... बस बेहोश नहीं हुए।
वो बस लपकते हुए अंदर आये और , ... बस बेहोश नहीं हुए।
मैंने जबरदस्त आँख मारी और ब्रा से बाहर झांकते अपने कड़क मांसल गुलाबी गुलाबी निपल उनकी ओर उचका दिए।
बस वही हुआ जो होना था।
सीधे उनके होंठों के बीच ,
वो चूसते रहे ,चुभलाते रहे और बीच बीच में उनके लालची दांत भी ,कभी हलके से ,... जीभ तो लगातार कभी सहलाती कभी फ्लिक करती।
बस दो मिनट में ही मैं पिघल रही थी ,
लेकिन मैं क्यों छोडती मौक़ा , उनका हाल चाल चाल जानने के लिए उनकी जीन्स के ऊपर जो मैंने हाथ रखा तो , ... एकदम पत्थर।
बस हलके हलके मैंने हथेली से जीन्स के ऊपर से दबाना मसलना रगड़ना शुरू किया और कुछ ही देर में उनकी हालत मुझसे भी ज्यादा खराब हो गयी।
मेरा एक निपल उनकी उँगलियों के बीच और दूसरा उनके मुंह के बीच , ...
एक हाथ खाली था। बस वो मेरी स्कर्ट के अंदर और थांग के ऊपर से ही चुनमुनिया को मसलने लगा।
मैं सिसक रही थी ,सिहर रही थी।
उनकी ऊँगली थांग को हटा के सीधे प्रेम गली के अंदर ,
अंगूठा क्लिंट पे।
मैं बस पागल नहीं हुयी और मैंने वही किया जो एक आदर्श पत्नी को करना चाहिए।
उनकी ज़िप मैंने खोल दी , मुस्टंडा बाहर ,
और फिर अंदर ,मेरे मुंह के।
मैं घुटने के बल बैठ गयी और सीधे लन्ड मेरे मुंह में ,...
मुझे उन्हें ब्लो जॉब करना बहुत अच्छा लगता था और उन्हें करवाना।
लेकिन पहली बार ,एक पब्लिक प्लेस में ऐसे दिन दहाड़े ,...
न मुझे परवाह थी न उन्हें।
ट्रायल रूम में दरवाजा तक नहीं था ,सिर्फ एक पर्दा , और हम दोनों ,...
लेकिन इश्क क्या जो सर चढ़ के न बोले।
कुछ देर तक मैं सिर्फ उनका मोटा सुपाड़ा चूसती चुभलाती रही ,
बीच बीच में जीभ की नोक ,उनके फूले मोटे मांसल सुपाड़े के छेद में ,पी होल में ,
वो गिनगिना रहे थे ,सिसक रहे थे।
और अब तंग करने की बारी मेरी थी ,मेरे कोमल कोमल हाथ भी मजा लेना जानते थे ,पहले हलके हलके फिर जोर जोर से मैंने मुठियाना शुरू किया।
उस ट्रायल रूम में मैं उनका चूस रही थी ,मुठिया रही थी और कभी कभी ,
मेरे लंबे नाख़ून उनके बॉल्स को भी सहला देते।
पर थोड़ी देर में कमान उन्होंने हाथ में ले ली और धक्के पे धक्का ,
क्या कोई चूत चोदेगा जिस तरह वो मुंह चोद रहे था।
सटासट सटासट ,गपागप गपागप ,
मेरा मखमली मुंह उनका मोटा लन्ड घोंट रहा था ,वो पेल रहे थे।
एकदम गले तक ,मैं गों गों कर रही थी लेकिन न मैंने चूसना छोड़ा और न उन्होंने ठेलना ,
हम दोनों ये भूल चुके थे की कहाँ है ,
हलकी सी पैरों की आहट सुनाई भी दी , लेकिन वो उस हालात में थे की ,..
और न मैं चाहती थी की वो रुकें ,
सफ़ेद गाढ़ी थक्केदार मलाई की धार , एक बार ,रुक कर फिर से।
और मेरे मुंह से बहते उस शियर ब्रा पर भी ,निपल पर भी।
तबतक बाहर से शाप अस्सीस्टेन्ट की आवाज सुनाई पड़ी और उन्होंने खूँटा जीन्स के अंदर बंद कर लिया।
मैंने अपने को जल्दी जल्दी ठीक किया और उनके साथ बाहर निकली।
हम लोगों ने जो सेलेक्ट किया था उसको स्कैन करके उसने बिल बना लिया था और उनके कार्ड पे चार्ज कर लिया था।
" ट्रायल कैसा रहा , " मुस्कारते हुए उसने पूछा।
बहुत अच्छा , कुर्सी पर पड़ा टॉप पहनते हुए मैंने पूछा और तभी मेरी निगाह वहां पड़ी , जहां वो देख रही थी।
ऊप्स ,मेरा एक निपल उनकी गाढ़ी थक्केदार मलाई से ढंका हुआ था।
लेकिन मैंने जल्दी से टॉप पहन लिया।
इस वाली का दाम ,...उन्होंने उस एक्सपोज्ड निपल वाले ब्रा के बारे में पूछा तो असिस्टेंट ने हंसते हुए कहा ,
इट इज आन द हाउस।
हम तीनो जब तक शाप के ऊपरी फ्लोर पे आये , मेरा मोबाइल अलार्म तेजी से बजने लगा।
वाह कोमल जी आपकी लेखनी का जवाब नही। आफ समय से आपकी कहानियां पढ़ रहा हूँ पर आज पहली बार आपके थ्रेड पर लिख रहा हूँ।
अब आपकी तारीफ करना तो जैसे सूरज को आइना दिखाना है। बेहतरीन लेखनी।
धन्यवाद आपका।