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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग १४६

और,... गुड्डी आ गयी
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग १४८

और,... गुड्डी आ गयी



वो कुछ बोलते या उनकी भौजाई कुछ बोलतीं ,

उनकी मायकेवाली ,जिसके लिए पूरे शहर में ग़दर मचा था , जिल्ला टॉप माल।

तूफ़ान की तरह दरवाजा खोल के घर में दाखिल हुयी और सीधे मेरे गले ,...


इंटर पास करने वाली, जब अपनी कच्ची अमिया अपने हाईस्कूल के स्कूल के ब्लाउज में घुसाने की कोशिश करेगी तो वही होगा जो हो रहा था।

टॉप फाड़ के मेरी ननदी के जुबना बाहर छलक रहे थे , उनका गोलापन कटाव कड़ाई शेप साइज सब कुछ ,

आज तो उसके मोहल्ले के लौंडो की चांदी हो गयी होगी।

और हाईस्कूल में भी उसके टिकोरे कम जानमारु नहीं थे।




उसी साल तो वो मेरी शादी में बारात में आयी थी और आज तक लौंडे ,जवान सब उन टिकोरों की याद कर के मुट्ठ मारते हैं।

उन्ही टिकोरों को देख के तो मेरे 'ये ' ललचा गए थे अपनी छुटकी बहिनिया पर।

और उसके मोहल्ले के लौंडों ने उसे जिल्ला टॉप माल अनाउंस कर दिया था।

पर अब तो और जबरदंग हो गए थे मेरे ननदी के जुबना






कहते हैं बगावत और जोबन ,जितना दबाओ उतना बढ़ते हैं ,



यही हो रहा था गुड्डी के साथ ,उसकी उस हाईस्कूल वाली स्कूल यूनिफार्म में।


और आते ही उसने मुझे भींच लिया ,कुछ ही देर में मेरे ३४ सी और उसके ३२ सी के बीच दंगल चालू हो गया।

कसर मसर ,रगड़ा रगड़ी



और मेरे हाथ क्यों पीछे रहते , फिर उस की हाई स्कूल की स्कर्ट मुश्किल से गुड्डी की गोरी चिकनी जाँघों को कवर कर पा रहे थे।

मेरे हाथ सीधे स्कर्ट के अंदर ,कुछ देर तक तो अपनी ननद के बबल बॉटम का मजा लेती रही ,फिर थोड़ा सरक के सीधे आगे चुनमुनिया पे।

आज उसने जोउसके प्यारे प्यारे भइया ले आये थे वही थांग पहन रखी थी ,आगे से दो इंच और पीछे से एक पतला धागा सा , बस गांड की दरार में फंसा अटका सा।

चुनमुनिया एक दम चिक्क्न ,लगता था आज सुबह सुबह रिमूवर से साफ़ कर के आयी थी ,एकदम मक्खन ,



हम दोनों तो वहीँ चालू हो जाते ,पर मेरी और उसकी निगाह एक साथ ,उसकी बड़ी भाभी और मेरी जेठानी पर पड़ी और मैंने उसे हुलकाया।



फिर गुड्डी ने वो किया , जो न कभी वो सोच सकती ,न मैं

और न मेरी जेठानी।

सीधे लिप्पी।

गुड्डी के होंठ जेठानी के होंठों पर ,और उसने कस के अपनी एथलेटिक बाँहों में जेठानी को दबोच लिया।

गुड्डी के होंठों ने जेठानी को होंठों को न सिर्फ भींच लिया बल्कि कचकचा के , ...




पता नहीं मेरी जेठानी के होंठों से वो अपने भइया कम यार ज्यादा के होंठों का रस चेक कर रही थी ,

या मेरी जेठानी के शहद से मीठे होंठों का स्वाद ले रही थी ,पर दो तीन मिनट तक लगातार ,



और गुड्डी की उँगलियाँ अपनी बड़ी भाभी की ब्लाउज की कटिंग , एकदम बैकलेस ,पूरी पीठ दिखती , बहुत हो लो कट और सबसे बड़ी बात साइड से भी

बस बूब्स के सामने का हिस्सा थोड़ा सा कवर ,



" जबरदस्त ब्लाउज सिलवाया है भाभी आप ने ,एकदम लगता है जैसा आपने कहा था वैसे ही उस टेलर ने कटिंग की है। "

हलके से मेरी जेठानी के उभार दबाती वो शोख बोली।



२४ घंटे पहले यही जेठानी उसके पर काटने की उसे धमकी दे रही थीं।

पर मेरी जेठानी भी अपने बड़े बड़े जोबन के गुड्डी के नए आये किशोर उभारों पर खुल के रगड़ रही थीं।

कल रात की कुश्ती के बाद ही मुझे पता चल गया था की मेरी जेठानी को कन्या रस में भी बहुत रस आता है और कच्ची जवानी में जब वो अपने गाँव के लौंडो ,मरदों केसाथ गन्ने के खेतों में कबड्डी खेल रही थीं , गुलबिया , उन की भौजाइयों और गाँव की और खेली खायी प्रौढ़ाओं ने उस कच्ची रसमलाई का खूब रस भोगा होगा।

फिर आज उस हाईस्कूल वाली टॉप स्कर्ट में गुड्डी इतनी मस्त लॉलीपॉप लग रही थी की किसी के भी मुंह में पानी आ जाता ,जेठानी तो खैर बचपन की छिनार।

अपने को छुड़ाते गुड्डी ने एक बार फिर जेठानी को ऊपर से नीचे तक देखा ,फिर बिचारी का चेहरा उदास हो गया।

जेठानी से बोली ,

" बड़ी भाभी ,आई एम फीलिंग सो सैड। आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद आपके ये देवर ,मुझे शाम को ले उड़ेंगे। प्रॉमिस ,मैं अगर रहती न आज यहां तो ये आप का रंग रूप ये जोबन ,ये ब्लाउज की कटिंग ,ये झलकौवा साडी , सच में पक्का , आपके मायके के सारे यारों की कसम ,आपकी सारी छिनार बहनों की कसम , आज श्योर आपको कालीनगंज ( इनके शहर की रेड लाइट एरिया ) में खड़ी कर देती , सच में बाजार लूट लेतीं। मजे का मजा ,पैसे का पैसा। एकदम ,... "


मैं क्यों पीछे रहती उसकी बात काट के मैंने उसकी बात पूरी की ,
" गुड्डी तो तू क्या कह रही है मेरी जेठानी रंडी लग रही हैं ,.. "



मुस्करा के गुड्डी ने मेरी ओर देखा और जैसे मैंने पता नहीं क्या बोल दिया है ,ऐसे मुझे देखते हुए बोली ,...

" आप भी न भाभी ,... लगने की क्या बात है। इन्ही के मोबाइल से तो दिया के पास , और उस दिया की बच्ची ने मुझे फारवर्ड कर दिया , और मैंने ,... अब जाने दीजिये ,...लेकिन जो चीज़ ये मुफ्त क्लियरेंस सेल की तरह बाँट रही है उसी का थोड़ा दाम लगा दें तो इस कठिन आर्थिक स्थिति में,... "
 
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komaalrani

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जेठानी की फिल्ल्म विल्लम






अपने को छुड़ाते गुड्डी ने एक बार फिर जेठानी को ऊपर से नीचे तक देखा ,फिर बिचारी का चेहरा उदास हो गया।
जेठानी से बोली ,

" बड़ी भाभी ,आई एम फीलिंग सो सैड। आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद आपके ये देवर ,मुझे शाम को ले उड़ेंगे। प्रॉमिस ,मैं अगर रहती न आज यहां तो ये आप का रंग रूप ये जोबन ,ये ब्लाउज की कटिंग ,ये झलकौवा साडी , सच में पक्का , आपके मायके के सारे यारों की कसम ,आपकी सारी छिनार बहनों की कसम , आज श्योर आपको कालीनगंज ( इनके शहर की रेड लाइट एरिया ) में खड़ी कर देती , सच में बाजार लूट लेतीं। मजे का मजा ,पैसे का पैसा। एकदम ,... "



मैं क्यों पीछे रहती उसकी बात काट के मैंने उसकी बात पूरी की ,
" गुड्डी तो तू क्या कह रही है मेरी जेठानी रंडी लग रही हैं ,.. "



मुस्करा के गुड्डी ने मेरी ओर देखा और जैसे मैंने पता नहीं क्या बोल दिया है ,ऐसे मुझे देखते हुए बोली ,...



" आप भी न भाभी ,... लगने की क्या बात है। इन्ही के मोबाइल से तो दिया के पास , और उस दिया की बच्ची ने मुझे फारवर्ड कर दिया , और मैंने ,... अब जाने दीजिये ,...लेकिन जो चीज़ ये मुफ्त क्लियरेंस सेल की तरह बाँट रही है उसी का थोड़ा दाम लगा दें तो इस कठिन आर्थिक स्थिति में,... "

गुड्डी की मैक्रो इकोनॉमिक्स बहुत मजबूत थी और उँगलियाँ भी उतनी ही शरारती , वो जेठानी के खुली गोलाइयों के बीच टहल रही थीं, जेठानी के ब्लाउज के ऊपरी हुक से खेल रही थीं ,और एक झटके में उसने ऊपर का हुक खो दिया ,

जेठानी की ३६ डी डी की गोलाइयाँ आलमोस्ट छलक के बाहर ,



और गुड्डी फिर चालू ,


" अरे इस जोबन का तो ये दाम लगेगा , मजे का मजा ,पैसे का पैसा। अब आज रात आपके देवर तो मेरे साथ , और आपके वो भी नहीं ,चींटे काटेंगे इससे अच्छा , रात भर में ८-१० तो आप निबटा ही देंगीं। मार्केट डाउन है तब भी २०० ,४०० तो लोग दे ही देंगे। और आप भी क्या याद करेंगी ,कितनी प्यारी ननद है आपकी ,... कल रात में आपके एम् एमएस देखने के बाद मैने पूरी स्टडी की , ये मत समझिये की ये मजे वाली चीज है इसलिए लक्जरी आइटम , २८ % जी एस टी ,... एकदम नहीं , ...इसे आवश्यक आवश्यकता माना गया है इसलिए जी एस टी फ्री , बहुत कम चीजे जी एस टी फ्री है ,और उनमे हैं ये। दूसरी बात जो आपको वो पेमेंट करेगा न ,उसमें भी उसे टी डी एस काटने की जरूरत नहीं है। "



वो भी गुड्डी की बातें मजे से सुन रहे थे।

गुड्डी की उँगलियाँ अब जेठानी के गोल कंचे ऐसे बड़े बड़े निप्स पे पहुँच गयी थी।

मेज पर लैपटॉप तो उन्होंने बंद कर दिया था पर कई पेन ड्राइव और डीवीडी पड़ी थीं ,सामने टीवी भी पूरा बंद नहीं हुआ था।

जोर से निपल पिंच करती गुड्डी उनसे बोली ,

" पर एक बात जरूर ध्यान रखियेगा , जो भी कस्टमर आएगा न उसका आधार कार्ड जरूर चेक कर लीजियेगा। "



" तू भी न आज कल तो होम डिलीवरी का जमाना है ,जेठानी मेरी होम डिलीवरी नहीं कर सकतीं क्या , वहां जाना ,... " मैंने भी मजे लेने शुरू कर दिए।

" वो भी हो सकता है ,... अभी तो अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों की सेल थी ,... पर आपकी जेठानी को अच्छी फोटुएं , एक वेबसाइट और पेमेंट गेटवे ,... मैंने इनसे लाख कहा की भाभी एक फेसबुक अकाउंट बना लो पर नहीं ,इसमें भी आपकी जेठानी के संस्कार ,... और अब तो मैं आज जा ही रही हूँ , वरना इनकी एक साईट ,... और दिया तो एकदम एक्सपर्ट है इन चीजों में। आज कल तो मसाज पार्लर ,स्पॉ भी ,जिसमें अंग विशेष के मसाज पर ज्यादा जोर रहता है ,... लेकिन अब तोमैं आज शाम को आप लोगों के साथ चल रही हूँ ,इसलिए मुश्किल है कुछ कर पाना। "

गुड्डी ने ठंडी साँस ले कर बोला।

लेकिन गनीमत थी की गुड्डी की निगाह टेबल पर लैपटॉप ,पेन ड्राइव और सामने ५१ इंच के टीवी पर पड़ी और वो उछल गयी ,
" अरे आप लोग पिक्चर विक्चर देख रहे थे क्या ,मैं भी देखूंगी। "

गुड्डी मचले और उसके भैया न माने , वो तुरंत बोल उठे

" हाँ अभी लगाता हूँ एकदम शुरू से। " और पेन ड्राईव उन्होंने उठा लिया।

जेठानी का चेहरा एकदम से ,...



और अब मैंने इंटरविन किया ,जेठानी के बचाव में मैं आगयी।

" एकदम नहीं ,बेचारी मेरी जेठानी ने इत्ते अच्छे से नाश्ते की हमारी ननद के लिए तैयारी की है , पहले पेट पूजा , फिर काम दूजा। और गुड्डी को मेंहदी लगनी है ,जेठानी ने मेंहदी भी पीस के रखी है। पिक्चर तो कभी भी देख लेंगे। "

मैंने पिक्चर शुरू होने के पहले ही सेंसर बोर्ड को को आदर पूर्वक स्मरण कर उसे रोक दिया।

और अब वो ,मेरे आज्ञाकारी पति ,जोरू के गुलाम ,मेरी बात मान गए। गुड्डी से बोले ,

" तेरी भाभी सही कहती हैं , तेरे आई पैड में डाउनलोड कर देता हूँ , थोड़ी लम्बी है १. 88 जी बी की। और फोन में भी ,कहीं भी कभी देख लेना। पहले नाश्ता कर ले ,सुबह से हम लोग भी ,... "
जेठानी की जान में जान आयी और वो गुड्डी की मनुहार करने लगी ,

" हाँ चल न , मूंग का हलवा बनाया है और भी ,... और भी ,... कुछ चीजों की तैयारी कर के रखी है , बस मैंने सोचा तू आएगी न तो पूछ लेंगे की तुम्हे क्या पसंद है ,फिर गरमागरम ,... " और खुद गुड्डी का हाथ पकड़ के किचेन की ओर और पीछे पीछे मैं।



मूंग के हलवे की महक किचेन के बाहर से ही आ रही थी , एकदम मस्त।
 

komaalrani

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हलवा



अब वो ,मेरे आज्ञाकारी पति ,जोरू के गुलाम ,मेरी बात मान गए। गुड्डी से बोले ,
" तेरी भाभी सही कहती हैं , तेरे आई पैड में डाउनलोड कर देता हूँ , थोड़ी लम्बी है १. 88 जी बी की। और फोन में भी ,कहीं भी कभी देख लेना। पहले नाश्ता कर ले ,सुबह से हम लोग भी ,... "

जेठानी की जान में जान आयी और वो गुड्डी की मनुहार करने लगी ,

" हाँ चल न , मूंग का हलवा बनाया है और भी ,... और भी ,... कुछ चीजों की तैयारी कर के रखी है , बस मैंने सोचा तू आएगी न तो पूछ लेंगे की तुम्हे क्या पसंद है ,फिर गरमागरम ,... "





और खुद गुड्डी का हाथ पकड़ के किचेन की ओर और पीछे पीछे मैं।

मूंग के हलवे की महक किचेन के बाहर से ही आ रही थी , एकदम मस्त। देसी घी से सराबोर ,ऊपर तक घी तैर रहा था। ढेर सारे ड्राई फ्रूट

लेकिन , फिर गुड्डी ने वो कर दिया जो इस किचेन में एकदम नो नो था।

खाना बनाने के बरतन में हाथ डालना ,सीधे उससे खाना ,यहाँ तक की चम्मच से भी नहीं ,

खाना तो सारा जूठा ही हो जाता था , वो बर्तन भी ,... पूरी सुद्धी करनी पड़ती थी उस बरतन की।

गुड्डी ने सीधे अपनी ऊँगली कड़ाही में डाल दी ,और ऊँगली में लगा हलवा मुंह में डाल के बोली ,

सच में ,मजा आ गया ,एकदम मस्त ,और अपने मुंह से जूठी ऊँगली निकाल के ,उसमें लगा थोड़ा बचा खुचा जूठा हलवा ,

सीधे जेठानी के मुंह में।
" भौजी आप भी तो चखो न ,इतना अच्छा। "



बिचारी जेठानी तिलमिला के रह गयीं ,गुड्डी के मुंह से निकली ऊँगली ,...
लेकिन कुछ बोलती उसके पहले गुड्डी की अगली हरकत ने ,... और बात ने।


गुड्डी ने फिर अपने और जेठानी के मुंह से निकली ऊँगली एक बार उस हलवे वाली कड़ाही में और अबकी एक और ऊँगली के साथ चम्मच की तरह मोड़ के थोड़ा और निकाला

और फिर सीधे मुंह में गप्प।

किसी तरह जेठानी ने बोला ,
" अच्छा है न ,.. "

" बहोत ,... " गुड्डी बोली और फिर अपने मुंह से निकली लिसड़ी ऊँगली सीधे जेठानी के मुंह में ,

" अरे आप भी तो चखिए वरना कहेंगी की मैं अकेले अकेले स्वाद ले रही हूँ ,वैसे भाभी आप को कौन सा हलवा पंसद है ,मुझे तो मूंग का और आपको ,.. "



जेठानी क्या बोलतीं , मुंह में तो गुड्डी की ऊँगली थी ,गुड्डी के मुंह से निकली।


लेकिन उसी के साथ गुड्डी ने वो बदमाशी की,... पता नहीं गलती से या जानबूझ के,... लेकिन जिस तरह मुझे आँख मार के वो मुस्करायी, पक्का था जान बूझ के,

जो ढेर सारा हलवा कुछ अपने मुंह से निकला, कुछ ऊँगली में लगा, घी से तराबोर,... जेठानी के ब्लाउज के अंदर जैसे गलती से टपक गया,

गरम गरम छूते हाथ जले,... वैसा और एक टेबल स्पून भर तो रहा ही होगा,... बेचारी छनछना रही थीं लेकिन मुंह में गुड्डी की ऊँगली घुसी थी,...



और उसके पहले ही उनके निपल पुल करते हुए गुड्डी ने अपनी पर काटने वाली बड़ी भाभी के बड़े जोबन को ब्लाउज की कैद से आलमोस्ट आजाद कर दिया था,सिर्फ सबसे नीचे वाले बटन के सहारे बस टिका था किसी तरह,... लेकिन उसका असर ये हुआ ये हुआ की गरम गरम हलुवा, घी के साथ गरम गरम उभारों पर पिघलता सरकता, ...

जैसे पल भर के बाद गुड्डी की नजर उधर पड़ी हो, जोर से चीखी वो,

" सॉरी भाभी, जला तो नहीं,.. चलिए फैला देतीं हूँ , कुछ तो गरमी कम हो जायेगी,... और सारा का सारा उनके उभारों पर,... और तभी उसकी निगाह दोनों उभारों पर सुबह सुबह जो चांटा मार प्रतियोगिता हुयी थी ( मैच ड्रॉ रहा था,... एक पर मैं हाथ आजमा रही थी थी दूसरे पे उनके देवर ). उसके लाल लाल निशान ,


" अरे भौजी ये तो एकदम नए नए हैं कित्ते अच्छे लग रहे हैं,... "जेठानी ने बात बदलने की कोशिश की पर गुड्डी ने बात काट दी,



और गुड्डी ने ही बोला

मैंने सूना है की आपको बेसन का हलवा बहुत पसंद है ,है न। आपकी कच्ची जवानी में आपकी उस गुलबिया भौजी कम नाउन ने ,अपने घर बुला के जबरदस्ती , आप को सीधे ,... चखाया था , है न ,पचा पचाया वाला, मुंह से खाया और,... ... "




जेठानी ने बात बदलने की पूरी कोशिश की ,

"और पकौड़ी की पूरी तैयारी कर के मैंने रखा है ,बेसन घोल के ,बस तुम बता दो ,प्याज ,पनीर ,ब्रेड किस चीज की पकौड़ी बनाऊं तुम्हारे लिए ,मौसम भी पकड़ी वाला हो रहा है , है न। "

जेठानी ने ट्रैक बदलने की कोशिश की तो मैंने बात वापस ट्रैक पर लाने की ,

" अरे मैंने भी आज सुबह सुबह , तेरी बड़ी भाभी को ,... "



पर गुड्डी का ध्यान मेरी बात पर नहीं था ,एक ओर थाली में रखे बैंगनों पर था , और वह बहुत ध्यान से उनमे से छांट रही थी।
 
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komaalrani

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बैगन



पर गुड्डी का ध्यान मेरी बात पर नहीं था ,एक ओर थाली में रखे बैंगनों पर था , और वह बहुत ध्यान से उनमे से छांट रही थी।

और जब वो एक खूब लम्बा ,मोटा बैंगन ले कर मुड़ी तो मैं समझ गयी ,परसों ही तो इसी किचेन में , मैंने उसे समझाया था।



मेरी जेठानी हम दोनों के बीच खड़ी थीं। झट मैंने जेठानी के हाथ पकड़ कर उनकी पीठ के पीछे कस के मरोड़ दिए। उनकी दोनों कलाइयां मेरी जकड़ में थी।
और गुड्डी ने आराम से धीमे धीमे अपनी बड़ी भाभी की झलकौवा साडी उठा दी।




मैंने उसकी बड़ी भाभी की दोनों टांगों के बीच में अपनी टांग डाल कर फैला दिया , पूरी तरह।

अब न वो टांग सिकोड़ सकती थीं ,न अपने हाथ का इस्तेमाल गुड्डी को रोकने के लिए कर सकती थीं।


गुड्डी बहुत धीरे धीरे आराम से उनकी साड़ी उठा रही थी और जब भरतपुर खुल गया तो साडी का छल्ला बनाकर गुड्डी ने उनकी कमर में लपेट दिया।और सटाक से बैगन मेरी जेठानी की बुर में पेल दिया ,

उईईईईईई तेजी से चीख जेठानी की निकली।




लेकिन उस लड़की में बहुत दम था , पूरे कलाई के जोर से

जैसे चूड़ी घुमा घुमा के किसी बोतल का ढक्कन बंद करते हैं ,बस उसी तरह से।




बेचारी जेठानी तड़प रही थीं ,सिसक रही थीं। लेकिन ,

गुड्डी बड़ी बेदर्दी से बैगन उनकी चूत में हचक हचक के पेल रही थी , और थोड़ी देर में वो मोटा बैगन ४ इंच से ज्यादा उनकी बुर ने लील लिया था।



खड़े खड़े घोंटना , वो भी ऐसे किचन में ,

ऊपर से गुड्डी के बोल ,
" अरे भाभी ,छिनरपना मत कर , सामू से लेकर उ संदीपवा तक आपकी पूरी बुर कुंडली मेरे फोन में है ,सुनाऊँ ,

और कल रात जो जेठानी ने सुनाया था वो सब गुड्डी की मोबाईल से ,...

" ढीली कर बुर आपन , मुझसे दो साल छोटी थी जब गपागप गपागप लौंडा घोंट रही थी और अब ,ढीली कर वरना इसको निकाल के तेल और मिर्चा पोत के पेलुँगी ,चार दिन तक ये ननद आपको याद रहेगी। "



झट से उसकी बड़ी भाभी ने खुद ही अपनी जाँघे और फैला दी।

गुड्डी ने एक बार फिर पूरी ताकत से , और अबकी ऑलमोस्ट पूरा बैगन अंदर




गुड्डी फिर बैगन अंदर बाहर करने लगी , और मैंने जेठानी जी के हाथ पर पकड़ थोड़ी ढीली करते हुए उन्हें छेड़ा ,

" अरे दीदी ये सोचिये आपकी ये छुटकी ननदिया कितनी सीधी है ,आप का ख्याल रखती है ,सोचिये ये अगर बैगन की पकौड़ी की जगह लौकी के कोफ्ते पसंद करती तो ,... "



“" अरे तो क्या हुआ ,घोंट लेती वो भी , ... " हँसते हुए गुड्डी ने जेठानी की बुर चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी , फिर जेठानी को समझाया।

" अरे भाभी ,कल रात आपने जिस देवर के साथ रात भर कबड्डी खेली तो वो तो आज रात मेरे साथ ,... शाम को हम लोग निकल ही देंगे , और आपके वो आज तो आयंगे नहीं , ... फिर सारी रात सन्नाटा ,... इसलिए ,... आप तो वैसे भी संस्कारी शुद्ध शाकाहारी ,इसीलिए मैंने सोचा की बैगन से ही ,... "

खिलखिलाते हुए वो बोली।



" तुम क्या सोचती हो ,तेरी तरह मेरी जेठानी भी ,... " मैंने अपनी ननद को छेड़ा।

" अरे नहीं भाभी , इनके गाँव के लौंडे ,.... इनकी तो झांटे भी नहीं ठीक से आयी थीं की , घचघच् घचघच् , देने में से किसी को भी नहीं मना करतीं कोई मांग के तो देखे। " गुड्डी फिर जेठानी जी के पीछे ,



और एक बार में आलमोस्ट पूरा बैगन निकाल के जेठानी की बुर में पूरा ठूंस दिया और समझाया ,

" अरे भौजी यह के अपनी बुरिया में बस आधा पौन घंटा डाल के , जोर जोर से भींचिये , एकदम आपके बुर रस में जब भीग जाय ,अच्छे से मॅरिनेट हो जाय फिर उसकी बैंगनी ,... बस ज़रा भी सरक के बाहर न आने पाए ई समझ लीजिये वरना मैं तो चली जाउंगी पर आपका नाम कल सबेरे तक , ... "



समझदार को इशारा काफी था,

गुड्डी ने साडी ढीली कर दी और एक बार फिर साडी नीचे तक ,

" और नाश्ता ,... " जेठानी तो थोड़ा मंद समझती थीं।

" अरे इसके मॅरिनेट होने के बाद ही तो आप बैंगनी बना पाएंगी ,उतनी देर इन्तजार कर लूंगी और तबतक ,... "



" और तब तक ये तुम्हे बुकवा लगा के चिकना कर देंगी ,पेडिक्योर , मैनीक्योर ,मेहन्दी ,.... पौन घंटा तो झट से ,उसके बाद नाश्ता ,... बैगनी का " मैंने तबतक वाली बात पूरी की।
 
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Incestlala

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बैगन



पर गुड्डी का ध्यान मेरी बात पर नहीं था ,एक ओर थाली में रखे बैंगनों पर था , और वह बहुत ध्यान से उनमे से छांट रही थी।

और जब वो एक खूब लम्बा ,मोटा बैंगन ले कर मुड़ी तो मैं समझ गयी ,परसों ही तो इसी किचेन में , मैंने उसे समझाया था।



मेरी जेठानी हम दोनों के बीच खड़ी थीं। झट मैंने जेठानी के हाथ पकड़ कर उनकी पीठ के पीछे कस के मरोड़ दिए। उनकी दोनों कलाइयां मेरी जकड़ में थी।
और गुड्डी ने आराम से धीमे धीमे अपनी बड़ी भाभी की झलकौवा साडी उठा दी।

मैंने उसकी बड़ी भाभी की दोनों टांगों के बीच में अपनी टांग डाल कर फैला दिया , पूरी तरह।

अब न वो टांग सिकोड़ सकती थीं ,न अपने हाथ का इस्तेमाल गुड्डी को रोकने के लिए कर सकती थीं।


गुड्डी बहुत धीरे धीरे आराम से उनकी साड़ी उठा रही थी और जब भरतपुर खुल गया तो साडी का छल्ला बनाकर गुड्डी ने उनकी कमर में लपेट दिया।और सटाक से बैगन मेरी जेठानी की बुर में पेल दिया ,

उईईईईईई तेजी से चीख जेठानी की निकली।


लेकिन उस लड़की में बहुत दम था , पूरे कलाई के जोर से

जैसे चूड़ी घुमा घुमा के किसी बोतल का ढक्कन बंद करते हैं ,बस उसी तरह से।



बेचारी जेठानी तड़प रही थीं ,सिसक रही थीं। लेकिन ,

गुड्डी बड़ी बेदर्दी से बैगन उनकी चूत में हचक हचक के पेल रही थी , और थोड़ी देर में वो मोटा बैगन ४ इंच से ज्यादा उनकी बुर ने लील लिया था।

खड़े खड़े घोंटना , वो भी ऐसे किचन में ,

ऊपर से गुड्डी के बोल ,
" अरे भाभी ,छिनरपना मत कर , सामू से लेकर उ संदीपवा तक आपकी पूरी बुर कुंडली मेरे फोन में है ,सुनाऊँ ,

और कल रात जो जेठानी ने सुनाया था वो सब गुड्डी की मोबाईल से ,...

" ढीली कर बुर आपन , मुझसे दो साल छोटी थी जब गपागप गपागप लौंडा घोंट रही थी और अब ,ढीली कर वरना इसको निकाल के तेल और मिर्चा पोत के पेलुँगी ,चार दिन तक ये ननद आपको याद रहेगी। "

झट से उसकी बड़ी भाभी ने खुद ही अपनी जाँघे और फैला दी।

गुड्डी ने एक बार फिर पूरी ताकत से , और अबकी ऑलमोस्ट पूरा बैगन अंदर



गुड्डी फिर बैगन अंदर बाहर करने लगी , और मैंने जेठानी जी के हाथ पर पकड़ थोड़ी ढीली करते हुए उन्हें छेड़ा ,

" अरे दीदी ये सोचिये आपकी ये छुटकी ननदिया कितनी सीधी है ,आप का ख्याल रखती है ,सोचिये ये अगर बैगन की पकौड़ी की जगह लौकी के कोफ्ते पसंद करती तो ,... "

“" अरे तो क्या हुआ ,घोंट लेती वो भी , ... " हँसते हुए गुड्डी ने जेठानी की बुर चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी , फिर जेठानी को समझाया।

" अरे भाभी ,कल रात आपने जिस देवर के साथ रात भर कबड्डी खेली तो वो तो आज रात मेरे साथ ,... शाम को हम लोग निकल ही देंगे , और आपके वो आज तो आयंगे नहीं , ... फिर सारी रात सन्नाटा ,... इसलिए ,... आप तो वैसे भी संस्कारी शुद्ध शाकाहारी ,इसीलिए मैंने सोचा की बैगन से ही ,... "

खिलखिलाते हुए वो बोली।



" तुम क्या सोचती हो ,तेरी तरह मेरी जेठानी भी ,... " मैंने अपनी ननद को छेड़ा।

" अरे नहीं भाभी , इनके गाँव के लौंडे ,.... इनकी तो झांटे भी नहीं ठीक से आयी थीं की , घचघच् घचघच् , देने में से किसी को भी नहीं मना करतीं कोई मांग के तो देखे। " गुड्डी फिर जेठानी जी के पीछे ,

और एक बार में आलमोस्ट पूरा बैगन निकाल के जेठानी की बुर में पूरा ठूंस दिया और समझाया ,

" अरे भौजी यह के अपनी बुरिया में बस आधा पौन घंटा डाल के , जोर जोर से भींचिये , एकदम आपके बुर रस में जब भीग जाय ,अच्छे से मॅरिनेट हो जाय फिर उसकी बैंगनी ,... बस ज़रा भी सरक के बाहर न आने पाए ई समझ लीजिये वरना मैं तो चली जाउंगी पर आपका नाम कल सबेरे तक , ... "

समझदार को इशारा काफी था,

गुड्डी ने साडी ढीली कर दी और एक बार फिर साडी नीचे तक ,

" और नाश्ता ,... " जेठानी तो थोड़ा मंद समझती थीं।

" अरे इसके मॅरिनेट होने के बाद ही तो आप बैंगनी बना पाएंगी ,उतनी देर इन्तजार कर लूंगी और तबतक ,... "



" और तब तक ये तुम्हे बुकवा लगा के चिकना कर देंगी ,पेडिक्योर , मैनीक्योर ,मेहन्दी ,.... पौन घंटा तो झट से ,उसके बाद नाश्ता ,... बैगनी का " मैंने तबतक वाली बात पूरी की।
Superb superb update
 
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komaalrani

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HusnKiMallika

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बैगन



पर गुड्डी का ध्यान मेरी बात पर नहीं था ,एक ओर थाली में रखे बैंगनों पर था , और वह बहुत ध्यान से उनमे से छांट रही थी।

और जब वो एक खूब लम्बा ,मोटा बैंगन ले कर मुड़ी तो मैं समझ गयी ,परसों ही तो इसी किचेन में , मैंने उसे समझाया था।



मेरी जेठानी हम दोनों के बीच खड़ी थीं। झट मैंने जेठानी के हाथ पकड़ कर उनकी पीठ के पीछे कस के मरोड़ दिए। उनकी दोनों कलाइयां मेरी जकड़ में थी।
और गुड्डी ने आराम से धीमे धीमे अपनी बड़ी भाभी की झलकौवा साडी उठा दी।




मैंने उसकी बड़ी भाभी की दोनों टांगों के बीच में अपनी टांग डाल कर फैला दिया , पूरी तरह।

अब न वो टांग सिकोड़ सकती थीं ,न अपने हाथ का इस्तेमाल गुड्डी को रोकने के लिए कर सकती थीं।


गुड्डी बहुत धीरे धीरे आराम से उनकी साड़ी उठा रही थी और जब भरतपुर खुल गया तो साडी का छल्ला बनाकर गुड्डी ने उनकी कमर में लपेट दिया।और सटाक से बैगन मेरी जेठानी की बुर में पेल दिया ,

उईईईईईई तेजी से चीख जेठानी की निकली।




लेकिन उस लड़की में बहुत दम था , पूरे कलाई के जोर से

जैसे चूड़ी घुमा घुमा के किसी बोतल का ढक्कन बंद करते हैं ,बस उसी तरह से।




बेचारी जेठानी तड़प रही थीं ,सिसक रही थीं। लेकिन ,

गुड्डी बड़ी बेदर्दी से बैगन उनकी चूत में हचक हचक के पेल रही थी , और थोड़ी देर में वो मोटा बैगन ४ इंच से ज्यादा उनकी बुर ने लील लिया था।



खड़े खड़े घोंटना , वो भी ऐसे किचन में ,

ऊपर से गुड्डी के बोल ,
" अरे भाभी ,छिनरपना मत कर , सामू से लेकर उ संदीपवा तक आपकी पूरी बुर कुंडली मेरे फोन में है ,सुनाऊँ ,

और कल रात जो जेठानी ने सुनाया था वो सब गुड्डी की मोबाईल से ,...

" ढीली कर बुर आपन , मुझसे दो साल छोटी थी जब गपागप गपागप लौंडा घोंट रही थी और अब ,ढीली कर वरना इसको निकाल के तेल और मिर्चा पोत के पेलुँगी ,चार दिन तक ये ननद आपको याद रहेगी। "



झट से उसकी बड़ी भाभी ने खुद ही अपनी जाँघे और फैला दी।

गुड्डी ने एक बार फिर पूरी ताकत से , और अबकी ऑलमोस्ट पूरा बैगन अंदर




गुड्डी फिर बैगन अंदर बाहर करने लगी , और मैंने जेठानी जी के हाथ पर पकड़ थोड़ी ढीली करते हुए उन्हें छेड़ा ,

" अरे दीदी ये सोचिये आपकी ये छुटकी ननदिया कितनी सीधी है ,आप का ख्याल रखती है ,सोचिये ये अगर बैगन की पकौड़ी की जगह लौकी के कोफ्ते पसंद करती तो ,... "



“" अरे तो क्या हुआ ,घोंट लेती वो भी , ... " हँसते हुए गुड्डी ने जेठानी की बुर चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी , फिर जेठानी को समझाया।

" अरे भाभी ,कल रात आपने जिस देवर के साथ रात भर कबड्डी खेली तो वो तो आज रात मेरे साथ ,... शाम को हम लोग निकल ही देंगे , और आपके वो आज तो आयंगे नहीं , ... फिर सारी रात सन्नाटा ,... इसलिए ,... आप तो वैसे भी संस्कारी शुद्ध शाकाहारी ,इसीलिए मैंने सोचा की बैगन से ही ,... "

खिलखिलाते हुए वो बोली।



" तुम क्या सोचती हो ,तेरी तरह मेरी जेठानी भी ,... " मैंने अपनी ननद को छेड़ा।

" अरे नहीं भाभी , इनके गाँव के लौंडे ,.... इनकी तो झांटे भी नहीं ठीक से आयी थीं की , घचघच् घचघच् , देने में से किसी को भी नहीं मना करतीं कोई मांग के तो देखे। " गुड्डी फिर जेठानी जी के पीछे ,



और एक बार में आलमोस्ट पूरा बैगन निकाल के जेठानी की बुर में पूरा ठूंस दिया और समझाया ,

" अरे भौजी यह के अपनी बुरिया में बस आधा पौन घंटा डाल के , जोर जोर से भींचिये , एकदम आपके बुर रस में जब भीग जाय ,अच्छे से मॅरिनेट हो जाय फिर उसकी बैंगनी ,... बस ज़रा भी सरक के बाहर न आने पाए ई समझ लीजिये वरना मैं तो चली जाउंगी पर आपका नाम कल सबेरे तक , ... "



समझदार को इशारा काफी था,

गुड्डी ने साडी ढीली कर दी और एक बार फिर साडी नीचे तक ,

" और नाश्ता ,... " जेठानी तो थोड़ा मंद समझती थीं।

" अरे इसके मॅरिनेट होने के बाद ही तो आप बैंगनी बना पाएंगी ,उतनी देर इन्तजार कर लूंगी और तबतक ,... "



" और तब तक ये तुम्हे बुकवा लगा के चिकना कर देंगी ,पेडिक्योर , मैनीक्योर ,मेहन्दी ,.... पौन घंटा तो झट से ,उसके बाद नाश्ता ,... बैगनी का " मैंने तबतक वाली बात पूरी की।
Ufff kya kamuk kahaani hain !! 🔥🔥🔥🔥🔥❤️❤️❤️🔥🔥🔥💥💥🔥🔥❤️❤️
 

komaalrani

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Ufff kya kamuk kahaani hain !! 🔥🔥🔥🔥🔥❤️❤️❤️🔥🔥🔥💥💥🔥🔥❤️❤️
may not be an appropriate place to sell your wares as this thread attracts very few eye balls.
 

motaalund

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जोरू का गुलाम भाग १४६

और,... गुड्डी आ गयी



वो कुछ बोलते या उनकी भौजाई कुछ बोलतीं ,

उनकी मायकेवाली ,जिसके लिए पूरे शहर में ग़दर मचा था , जिल्ला टॉप माल।

तूफ़ान की तरह दरवाजा खोल के घर में दाखिल हुयी और सीधे मेरे गले ,...


इंटर पास करने वाली, जब अपनी कच्ची अमिया अपने हाईस्कूल के स्कूल के ब्लाउज में घुसाने की कोशिश करेगी तो वही होगा जो हो रहा था।

टॉप फाड़ के मेरी ननदी के जुबना बाहर छलक रहे थे , उनका गोलापन कटाव कड़ाई शेप साइज सब कुछ ,

आज तो उसके मोहल्ले के लौंडो की चांदी हो गयी होगी।

और हाईस्कूल में भी उसके टिकोरे कम जानमारु नहीं थे।




उसी साल तो वो मेरी शादी में बारात में आयी थी और आज तक लौंडे ,जवान सब उन टिकोरों की याद कर के मुट्ठ मारते हैं।

उन्ही टिकोरों को देख के तो मेरे 'ये ' ललचा गए थे अपनी छुटकी बहिनिया पर।

और उसके मोहल्ले के लौंडों ने उसे जिल्ला टॉप माल अनाउंस कर दिया था।

पर अब तो और जबरदंग हो गए थे मेरे ननदी के जुबना






कहते हैं बगावत और जोबन ,जितना दबाओ उतना बढ़ते हैं ,



यही हो रहा था गुड्डी के साथ ,उसकी उस हाईस्कूल वाली स्कूल यूनिफार्म में।


और आते ही उसने मुझे भींच लिया ,कुछ ही देर में मेरे ३४ सी और उसके ३२ सी के बीच दंगल चालू हो गया।

कसर मसर ,रगड़ा रगड़ी



और मेरे हाथ क्यों पीछे रहते , फिर उस की हाई स्कूल की स्कर्ट मुश्किल से गुड्डी की गोरी चिकनी जाँघों को कवर कर पा रहे थे।

मेरे हाथ सीधे स्कर्ट के अंदर ,कुछ देर तक तो अपनी ननद के बबल बॉटम का मजा लेती रही ,फिर थोड़ा सरक के सीधे आगे चुनमुनिया पे।

आज उसने जोउसके प्यारे प्यारे भइया ले आये थे वही थांग पहन रखी थी ,आगे से दो इंच और पीछे से एक पतला धागा सा , बस गांड की दरार में फंसा अटका सा।

चुनमुनिया एक दम चिक्क्न ,लगता था आज सुबह सुबह रिमूवर से साफ़ कर के आयी थी ,एकदम मक्खन ,



हम दोनों तो वहीँ चालू हो जाते ,पर मेरी और उसकी निगाह एक साथ ,उसकी बड़ी भाभी और मेरी जेठानी पर पड़ी और मैंने उसे हुलकाया।



फिर गुड्डी ने वो किया , जो न कभी वो सोच सकती ,न मैं

और न मेरी जेठानी।

सीधे लिप्पी।

गुड्डी के होंठ जेठानी के होंठों पर ,और उसने कस के अपनी एथलेटिक बाँहों में जेठानी को दबोच लिया।

गुड्डी के होंठों ने जेठानी को होंठों को न सिर्फ भींच लिया बल्कि कचकचा के , ...




पता नहीं मेरी जेठानी के होंठों से वो अपने भइया कम यार ज्यादा के होंठों का रस चेक कर रही थी ,

या मेरी जेठानी के शहद से मीठे होंठों का स्वाद ले रही थी ,पर दो तीन मिनट तक लगातार ,



और गुड्डी की उँगलियाँ अपनी बड़ी भाभी की ब्लाउज की कटिंग , एकदम बैकलेस ,पूरी पीठ दिखती , बहुत हो लो कट और सबसे बड़ी बात साइड से भी

बस बूब्स के सामने का हिस्सा थोड़ा सा कवर ,



" जबरदस्त ब्लाउज सिलवाया है भाभी आप ने ,एकदम लगता है जैसा आपने कहा था वैसे ही उस टेलर ने कटिंग की है। "

हलके से मेरी जेठानी के उभार दबाती वो शोख बोली।



२४ घंटे पहले यही जेठानी उसके पर काटने की उसे धमकी दे रही थीं।

पर मेरी जेठानी भी अपने बड़े बड़े जोबन के गुड्डी के नए आये किशोर उभारों पर खुल के रगड़ रही थीं।

कल रात की कुश्ती के बाद ही मुझे पता चल गया था की मेरी जेठानी को कन्या रस में भी बहुत रस आता है और कच्ची जवानी में जब वो अपने गाँव के लौंडो ,मरदों केसाथ गन्ने के खेतों में कबड्डी खेल रही थीं , गुलबिया , उन की भौजाइयों और गाँव की और खेली खायी प्रौढ़ाओं ने उस कच्ची रसमलाई का खूब रस भोगा होगा।

फिर आज उस हाईस्कूल वाली टॉप स्कर्ट में गुड्डी इतनी मस्त लॉलीपॉप लग रही थी की किसी के भी मुंह में पानी आ जाता ,जेठानी तो खैर बचपन की छिनार।

अपने को छुड़ाते गुड्डी ने एक बार फिर जेठानी को ऊपर से नीचे तक देखा ,फिर बिचारी का चेहरा उदास हो गया।

जेठानी से बोली ,

" बड़ी भाभी ,आई एम फीलिंग सो सैड। आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद आपके ये देवर ,मुझे शाम को ले उड़ेंगे। प्रॉमिस ,मैं अगर रहती न आज यहां तो ये आप का रंग रूप ये जोबन ,ये ब्लाउज की कटिंग ,ये झलकौवा साडी , सच में पक्का , आपके मायके के सारे यारों की कसम ,आपकी सारी छिनार बहनों की कसम , आज श्योर आपको कालीनगंज ( इनके शहर की रेड लाइट एरिया ) में खड़ी कर देती , सच में बाजार लूट लेतीं। मजे का मजा ,पैसे का पैसा। एकदम ,... "


मैं क्यों पीछे रहती उसकी बात काट के मैंने उसकी बात पूरी की ,
" गुड्डी तो तू क्या कह रही है मेरी जेठानी रंडी लग रही हैं ,.. "



मुस्करा के गुड्डी ने मेरी ओर देखा और जैसे मैंने पता नहीं क्या बोल दिया है ,ऐसे मुझे देखते हुए बोली ,...

" आप भी न भाभी ,... लगने की क्या बात है। इन्ही के मोबाइल से तो दिया के पास , और उस दिया की बच्ची ने मुझे फारवर्ड कर दिया , और मैंने ,... अब जाने दीजिये ,...लेकिन जो चीज़ ये मुफ्त क्लियरेंस सेल की तरह बाँट रही है उसी का थोड़ा दाम लगा दें तो इस कठिन आर्थिक स्थिति में,... "
ये कच्ची कली तो जबरदस्त बदला ले रही है.....
इसे कहते हैं भीगा-भीगा के मारना...
इतने दिनों का कसर लगता है एक बार में हीं निकाल लेगी...
और मजे के अलावा कमाई का साधन... वो तो नेकी और पूछ पूछ...
 
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