जेठानी का परमानेंट इंतजाम करना बहुत जरूरी था ,और उनकी वो बहन उसकी तो मैं चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए ,ले के रहूंगी। उस स्साली की आगे से भी पीछे से भी।
और वो स्साली गुड्डी से भी छोटी थी , अभी हाईस्कूल पास किया था , पर ,.. ऐसी प्लानिंग जेठानी ने उससे बोला की एक बार ये देवरानी मेरे नीचे आ जाए न तो देखना इस गुड्डी की शादी सनदीपवा के कउनो रिश्तेदार से , गाँव में कउनो मोटा खूंटा वाला भरौटी का , ... बहुत डाक्टर बनना चाहती है ,कंडा थापेगी। कुल गांव वाले चढेंगे उस के ऊपर।
पर वो छिनार , बात काट के बोली ,
" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में , बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लग चले भी जायँगे फिर ,... "
मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।
उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...
मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर
चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,
" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।