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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग १५२

आखिरी चाल
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग १५०

आखिरी चाल



और दिया और गुड्डी ने उन्हें पकड़कर लैपटॉप के सामने पलंग पर बैठा दिया।

हम लोगों को जल्दी निकलना था इसलिए गुड्डी तैयार होने को चली गयी ,ऊपर हमारे कमरे में, जहाँ उसके भैया तैयार हो रहे थे सिर्फ बची मैं, जेठानी और दिया।
और दिया के फोन पर मेसेज आ गया , बल्कि जेठानी का फोन जो दिया के पास था,उसपर.

और स्काइप ऑन हो गया मैं सोच रही थी दिया को रोक दूँ ,

ये कुछ ज्यादा ही हो रहा था ,



पर ,

आज जो सुबह हुआ , मैंने इनको भी नहीं बताया , और फिर अभी थोड़ी देर पहले ,...

इस औरत का कोई इलाज नहीं। सांप के बिल का जैसे एक रास्ता बंद करो औरदूसरा निकल आये , इस नागिन के कितने बिल हैं ,कितनी तरीके से ये बच निकलती है , और फन काढकर ,

तीन चार घंटे भी नहीं हुए होंगे ,...

और मैंने उस मोबाइल को ,... किसी से बात करने का टाइम ही नहीं था ,... मैंने कुचल कर तोड़ दिया ,टुकड़े टुकड़े कर दिए।

किसी को नहीं बताया , हाँ दिया ने मेरे गुस्से को पहली बार इस रूप में देखा और मुझे मोबाइल के ऊपर पैर रखकर कुचलते हुए , तो उसे भी पूरा नहीं , बस थोड़ा बहुत

वही मेरी जेठानी की छुटकी बहिनिया ,... जहर की पुड़िया ,नहीं नहीं वो नहीं जिसे उसके भैया ने, संदीप ने गाभिन कर दिया था,... वो तो उनकी फुफेरी बहन थी , गाभिन होने के बाद जिसे वो अपनी देवरानी बनाना चाहती थीं, की दोनों बहने मिले के सास के सीने पे दाल कूटें,... ये दूसरी जो उन्हें हिम्मत बंधाती थी , कोई चचेरी मौसेरी, साइबर में एक्सपर्ट, वो छोटी मिर्ची ,

मेरे दिया की सब चालों की काट अकेले ,...

चलिए अब बात आगयी है तो बता देती हूँ ,

सुबह जब जेठानी नहाने गयी थीं तो उनका मोबाइल , मैं चेक कर रही थी , उनकी सब कॉल्स मैंने चेक कर ली ,कुछ भी नहीं था।

पर एक सॉफ्ट वेयर था जो मैंने लगा के , उसमें तीन दिन तक के डिलीटेड मेसेज और हिडेन फ़ोल्डर्स भी , सेंड वाले भी

क्या क्या नहीं था ,,
कल शाम को जब हम लोग मॉल से लौटे ,थे और हम लोगों को लग रहा था अब जेठानी को रोगन जोश खिला के

उसी समय के मेसेज , कल रात के ,



जेठानी - अब लगता है गुड्डी को ये लोग ले जाने में कामयाब हो जाएंगे ,



वो बहिनिया - तो जाने दीजिये न , जायेगी इसका मतलब थोड़े ही लौट के नहीं आएगी आने दीजिये अपनी सासु माँ को , बस आपने जो भी रिकार्डिंग भेजी थी वो सब ,एक साथ दिखा दीजियेगा , .. जैसे जायेगी वैसे ही आएगी।

जेठानी - मैं सोच रही थी की अभी मुझसे तो होगा नहीं , तुम किसी तरह सासु जी के पास ,...

वो बहिनिया -नहीं नहीं , एक तो मेरे भेजने से वो सोचेंगी न , फिर जब सब एक साथ दिखाइयेगा न तो उन्हें पता चलेगा की उस चुहिया की वहां क्या कोचिंग होनी वाली है , और साथ में उसके पैरेंट्स को भी ,... बस जब वो समझ जाएंगी की उनके इज्जत का क्या ,... तो बस चार पांच दिन के अंदर ,और अपने भइया को भुला के आपके भइया के साथ ,

जेठानी हँसते हुए - सही कह रही है तू। एक बार जा के वापस आएगी तो उसकी डाक्टरी भी कराउंगी , स्साली। संदीपवा के साथ इतने नखड़े दिखा रही थी , संदीपवा ने खाली एक चुम्मा मांग लिया था और ज़रा सा टॉप के अंदर हाथ डाल के दबा दिया था तो क्या उछली थी , मैंने समझाया भी अरे अरे यार तेरी भाभी का भइया है ,तू मेरी ननद है मजाक का रिश्ता है पर वो न , ...

वो बहिनिया - अरे दीदी , वो गयी और आयी। हाँ अबकी खुद संदीप के सामने अपनी शलवार अपने हाथ से खोलेगी और खुद टांग भी उठाएगी , अपने भइया से तो चिपक चिपक के , एक एक बात और वो फोटो सब तो ,

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था , जेठानी ने कौन सी फोटो खींच ली फिर उनकी मोबाइल में तो कुछ नहीं मिला।
पर राज उस जहर की पुड़िया ने खुद ही खोल दिया ,

दीदी मैंने आपको लिंक भेजा था न आपने कहीं लिख लिया होगा ,चलिए दुबारा नोट कर लीजिये। और तुरंत डिलीट कर दीजियेगा।

जेठानी ने डिलीट कर दिया पर मैंने नोट कर लिया और अपने मोबाइल पे खोल लिया।

जहर था , बल्कि बॉम्ब ,सच में गुड्डी के साथ मेरी, मम्मी की , दिया की सारी प्लानिंग फेल हो जाती।

पहली फोटो मेरी ही थी , गुड्डी की पैंटी लहराते हुए ,

फिर किचेन में मैं और गुड्डी रम मिला कर कोल्ड ड्रिंक में रमोला बनाते
 

komaalrani

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गहरी चाल












मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था , जेठानी ने कौन सी फोटो खींच ली फिर उनकी मोबाइल में तो कुछ नहीं मिला।

पर राज उस जहर की पुड़िया ने खुद ही खोल दिया ,

"दीदी मैंने आपको लिंक भेजा था न आपने कहीं लिख लिया होगा ,चलिए दुबारा नोट कर लीजिये। और तुरंत डिलीट कर दीजियेगा।"

जेठानी ने डिलीट कर दिया पर पर कर्टसी उस सॉफ्टवेयर के तीन दिन की डिलीटेड फाइलें भी उसमें सेव्ड थीं, तो मैंने नोट कर लिया और अपने मोबाइल पे खोल लिया।

जहर था , बल्कि बॉम्ब ,सच में गुड्डी के साथ मेरी, मम्मी की , दिया की सारी प्लानिंग फेल हो जाती।

पहली फोटो मेरी ही थी , गुड्डी की पैंटी लहराते हुए ,




यानी उस जहर की पुड़िया ने ये सोच लिया था की जेठानी का मोबाइल कम्प्रोमाइज हो सकता है तो सब कुछ उड़ के , किसी गूगल ड्राइव पे जो किसी क्लाउड सर्वर पे थी वहां

फिर किचेन में मैं और गुड्डी रम मिला कर कोल्ड ड्रिंक में रमोला बनाते






गुड्डी स्मोककरती हुयी ,



गुड्डी इनकी गोद में बैठी ,और ये उसे किस करते हुए , इनके हाथ सीधे उसके उभार पे , ( और कत्तई भाई की तरह नहीं )




मैं गुड्डी को किस करती ,उसकी किशोर खुल जाँघों को सहलाती ,





दर्जन भर से ऊपर ,... और एक कोई भी पिक्चर काफी थी अकेले ,न वीडियो न आडियो सिर्फ स्टिल्स



और मैंने अपने दिमाग को बहुत दौड़ाया , कब की पिक्चर होंगी ,

और घूम फिर के बात वहीँ आती थी ,जिस दिन गुड्डी पहली बार आयी ,और उसके हाथ से इन्हे आम खिला के मैंने बाजी जीती थी।

अब मुझे याद आया , गुड्डी के हाथ से , फिर इनके हाथ से गुड्डी के आम खाते देख के , जेठानी का चेहरा राख हो गया था , और वो पैर पटक कर किचेन में चली गयी थीं। फिर अपने बेडरुम में और मैं गुड्डी को लेकर अपनी जीत सेलिब्रेट करने ऊपर चली गयी थी ,
ज्यादातर उसी दिन शाम की थीं।


क्योंकि अगले दिन गुड्डी आयी तो मैं ऊपर थी ,इनके साथ ,.. और फिर मैं और गुड्डी नीचे उतरी सिर्फ किचेन में , ये दिया और छन्दा के साथ ऊपर

और गुड्डी इनके साथ पिज्जा खाने चली गयी थी। नेक्स्ट डे गुड्डी आयी ही नहीं थी ,मैं और जेठानी ही मॉल गए थे उसे रास्ते में पिक किया था।



यानी जैसे ही उन्होंने देखा की मैंने गुड्डी के हाथ से इन्हे आम खिला के बाजी जीती , उन्होंने प्लान बी बना लिया।



और जो मुझे लगा की उस दिन वो पता नहीं किससे इतनी मोबाइल पे बात कर रही थीं , ... जब मैं और ये गुड्डी के साथ शाम को मस्ती कर रहे थे ,तो ये एक के बाद एक फोटुएं ,



और फिर मैंने देखा आडियो फाइल्स भी थीं ,.... ज्यादातर मेरी।




वो भी उसी शाम की ,

अब मुझे याद आया जेठानी जी अपना फोन टेबल पर छोड़ कर चली गयी थीं , गुड्डी थी तब भी और रात में खाने के बाद भी ,

और मैंने इन्होने खूब खुल के गुड्डी के बारे में बातें की थी।

तब क्या पता था ,..
मैं इनको छेड़ रही थी , ..

" ले चलूंगी तेरी बहना को , रोज लूटना उसके जुबना। तेरी रखैल बना के रखूंगी। "




और ये भी मुस्करा के , .मैं इनको चिढ़ाते हुए घर पहुँचने की प्लानिंग बता रही थी, और होना भी यही था,... मेरी आवाज में

"हम दोनों मिल के भोगेंगे उसको ,..रात में तुम उस गुड़िया पर चढ़ाई करना


दिन भर मैं भोग लगाउंगी उसका। "




हम लोगों को क्या पता था टेबल पर रखा जेठानी का मोबाइल इतना खतरनाक हथियार सिद्ध होगा ,मैं तो यही सोच रही थी की उनका सीरयल आ रहा है वो भूल गयीं हैं। पर ये भूल बहुत सोची समझी थी , और मैं अपना प्लान पूरा होने की ख़ुशी में ,..

पर वो फोटुएं और ये बातें ,


टेक्स्ट मेसेज में जेठानी की सारी बातें जो प्लान उन्होंने अपनी बहन के साथ बनाया था , सब खुल गयी.



हम लोगों के जाने के बाद ,जब सासु माँ आ जाती तो उनके सामने ये जहर का पिटारा खुलता , इनकी मेरी गुड्डी की फोटुएं ,बातें , और वो भी जेठ जी के सामने , अगर सास कुछ मेरा पक्ष लेने की कोशिश भी करते तो जेठ जी उनके साथ और वो यहाँ तक कह देते की गुड्डी के घर वालों की भी इन फोटुओं और रिकार्डिंग केबारे में वो बता देंगे ,कुछ ऊंच नीच हों ,उसके पहले गुड्डी को वापस बुला लेना होगा।

और हम लोगों को आधे दिन का अल्टीमेटम ,.. और नहीं तो जेठजी खुद आये गुड्डी को वापस लाने , लेकिन पेंच आगे थी ,.. जेठ जी के साथ जेठानी का पुराना यार संदीपवा भी होता।



और जो बात उनकी छुटकी उस जहर की पुड़िया ने कही थी ,...

दी वो तेरी ननद गुड्डी रानी खुद अपनी शलवार का नाडा अपने हाथ से खोलेंगी। नहीं तो ये फोटुएं और भी जगह तो बात सकती हैं , बस एक बार जा के वापस आने दीजिये ,... फिर तो उसकी ,...

एक बात बस मेरे समझ में आयी उस लिंक जहाँ उसने फोटो और ये सब मैटीरियल रखा था , वो डिलीट कर दूँ , और वो मैंने कर दिया। और बस ये उम्मीद रखी की रात में जो रिकार्डिंग हम लोगों ने कर ली , उससे इस जहरीली नागिन का जहर हमने निकाल दिया है।


इसलिए गुड्डी ने जो मोटा बैगन पेला उनकी बुर में ,... तो मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगा ,

इस बेचारी लड़की को बदनाम करने वाली थीं ये , अपने बचपन के खसम से उसकी शलवार उतरवाने वाली थी

मुझे लग रहा था की इतनी रगड़ाई के बाद अब जेठानी के होश उड़ गए होंगे , और खासतौर से जो दिया ने खाने की टेबल पर ,

लेकिन उस समय एक और बॉम्ब विस्फोट हुआ ,

मेरा फोन कहीं रह गया था , जेठानी की अलमारी में बज रहा था , मैंने अपने खिलोने जहां रखे थे ,और वहीँ से किसी कोने से एक मोबाइल गिरा।

वो मोबाइल मैंने पहले कभी भी जेठानी जी के पास नहीं देखा था और सुबह के हादसे के बाद मैं छाछ भी ,



और निकला उसमें एक खतरनाक बॉम्ब ,
 
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komaalrani

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कारपोरेट सीक्रेट्स





लेकिन उस समय एक और बॉम्ब विस्फोट हुआ ,

मेरा फोन कहीं रह गया था , जेठानी की अलमारी में बज रहा था , मैंने अपने खिलोने जहां रखे थे ,और वहीँ से किसी कोने से एक मोबाइल गिरा।

वो मोबाइल मैंने पहले कभी भी जेठानी जी के पास नहीं देखा था और सुबह के हादसे के बाद मैं छाछ भी ,फूंक फूंक के पी रही थी




और निकला उसमें एक खतरनाक बॉम्ब ,
और ये पुरानी नहीं कल रात की बात थी ,जब हम लोग सोच रहे थे की वो धुत हैं ,

और अब मैं समझ गयी ये फोन उनके पर्स में रहा होगा , पर्स अक्सर उनका खुला था। अब मैं समझी की वो जान बूझ के ,
और जब मैंने उसे खोला तो वो रिकार्डिंग , जो वैसे तो कुछ नहीं ,पर गलत हाथों में



अब आज हम लोगों को चलना था तो कल से ही फिर उनके आफिस के फोन से ,.. और कुछ परचेज का फोन था ,

कुछ ऐसी बातें की अगर बाहर वाले को पता चल जाय तो ,

और वो सब ऐसे मामले थे जिसमें मिस्टर खन्ना खुद इन्वॉल्व थे , और सबसे बड़ी बात कुछ बड़े सेंसिटिव डाटा इन्होने उससे एक्सचेंज किये थे , एक गूगल ड्राइव के जरिये ,.. कमीशन ,इन्फ्लेटेड इनवायस , गोल्ड प्लेटिंग ,..ऐसी ऐसी बातें थी ,

और अगर आउट आफ कांटेक्स्ट किसी को पता चल जाए ,..



और फिर मैंने टेक्स्ट चेक किया , उस ज्ञानी लड़की ने जेठानी को ये बताया की मुझे लगता है की ये बहुत काम की बातें है ,आप इसे बहुत सम्हाल कर रखिये ,और इन लोगों के जाने के बाद मुझे भेज दीजियेगा। अभी मैं बाहर हूँ , और सबसे बड़ी बात ये गूगल ड्राइव वाली है ,मैं कल सुबह नेट पर ,और मेरी एक सहेली के भैय्या सेबी में हैं उनसे बात कर के ,... कुछ नहीं हुआ तो इस कंपनी का जो हेडक्वार्टर होगा वहीँ , असली मजा आएगा अब

और जेठानी भी बोलीं उससे ,बहुत घमंड था न इन्हे अपने मर्द की नौकरी का ,पैसे का ,.. एक बार अगर नौकरी छूट गयी न तो इससे पानी न भरवाया तो कहना ,वो और उसकी गुड्डी दोनों जूती के नीचे।




मेरे तो काटो तो खून नहीं।



सच में , वही होना था अगर ये काल ,

सबसे पहले तो मिसेज खन्ना इतना नाराज होतीं ,फिर कारपोरेट आफिस में मिस्टर खन्ना के भी काफी 'चाहने वाले ' थे उन की तो ,

नौकरी अगर किसी तरह हाथ जोड़ के बचती भी तो , किसी काला पानी टाइप पोस्टिंग ,...

इनसे कह भी नहीं सकती थी लेकिन मैंने सबसे पहले इनका फोन चेक किया और वो गूगल ड्राइव ,

गनीमत थी वो डाटा डिलीट था , और डिलीट का टाइम , जेठानी के फोन के पहले का था ,यानी जिसे उन्होंने डाटा भेजा था ,उसने देख कर डिलीट कर दिया।

ये सब बातें ऐसा नहीं मिस्टर खन्ना या कंपनी के टॉप लोगों को नहीं मालूम थीं लेकिन डाटा की सीक्रेसी ब्रीच होना ,..



मैंने राहत की सांस ली ,लेकिन बात इनकी ,भले ही सिर्फ इनकी आवाज ,पर इनके खिलाफ तो बहुत था ,




कोई उनके खिलाफ कुछ करे, ... इतनी गन्दी साज़िश ,...इनकी सारी रेपुटेशन, जॉब , इतने दिनों की मेहनत ,...

कुछ समझ में नही आ रहा था ,गुस्से के मारे ,

बाल बाल बचे ये

दिया उसी समय आयी थी और मैंने पूरा तो नहीं लेकिन कुछ बता दिया और वो कुछ वो समझ गयी।

जेठानी का परमानेंट इंतजाम करना बहुत जरूरी था ,और उनकी वो बहन उसकी तो मैं चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए ,ले के रहूंगी। उस स्साली की आगे से भी पीछे से भी
 
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komaalrani

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जेठानी का परमानेंट इंतजाम करना बहुत जरूरी था ,और उनकी वो बहन उसकी तो मैं चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए ,ले के रहूंगी। उस स्साली की आगे से भी पीछे से भी।


और वो स्साली गुड्डी से भी छोटी थी , अभी हाईस्कूल पास किया था , पर ,.. ऐसी प्लानिंग जेठानी ने उससे बोला की एक बार ये देवरानी मेरे नीचे आ जाए न तो देखना इस गुड्डी की शादी सनदीपवा के कउनो रिश्तेदार से , गाँव में कउनो मोटा खूंटा वाला भरौटी का , ... बहुत डाक्टर बनना चाहती है ,कंडा थापेगी। कुल गांव वाले चढेंगे उस के ऊपर।



पर वो छिनार , बात काट के बोली ,



" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में , बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लग चले भी जायँगे फिर ,... "



मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।



उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...



मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर

चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,



" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।
 
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Black horse

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जेठानी का परमानेंट इंतजाम करना बहुत जरूरी था ,और उनकी वो बहन उसकी तो मैं चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए ,ले के रहूंगी। उस स्साली की आगे से भी पीछे से भी।

……+++……………………

और वो स्साली गुड्डी से भी छोटी थी , अभी हाईस्कूल पास किया था , पर ,.. ऐसी प्लानिंग जेठानी ने उससे बोला की एक बार ये देवरानी मेरे नीचे आ जाए न तो देखना इस गुड्डी की शादी सनदीपवा के कउनो रिश्तेदार से , गाँव में कउनो मोटा खूंटा वाला भरौटी का , ... बहुत डाक्टर बनना चाहती है ,कंडा थापेगी। कुल गांव वाले चढेंगे उस के ऊपर।



पर वो छिनार , बात काट के बोली ,



" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में , बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लग चले भी जायँगे फिर ,... "



मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।



उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...



मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर

चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,



" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।
कोमल की कलम कहाँ से कहाँ चली जाए, खुद कोमल को पता नहीं पर लक्ष्य कभी नही भूलती.
ऐसे ही कोमल की कलम चलती रहे
 

komaalrani

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कोमल की कलम कहाँ से कहाँ चली जाए, खुद कोमल को पता नहीं पर लक्ष्य कभी नही भूलती.
ऐसे ही कोमल की कलम चलती रहे
Thanks sooooooooooo much,
 

motaalund

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Dear tum mere comments like to karte rehte ho Komal didi ki story per lekin Raji ki story to ek bar bhi padh kar comment nahi kia us par tum ne,aisa kyon.
आपके थ्रेड पर कमेंट किया है मैंने...
 

motaalund

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Gone through your previous updates...
Each piece of writing is a delight for us.
I personally appreciate and express my gratitude for your effort in serving these wonderful stories.
Fully agree with you.
 
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