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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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गुड्डी के कपडे



तो अब इनका मादरचोद बनना पक्का।





गुड्डी का सूटकेस खोल कर मैं चेक कर रही थी। मैंने उससे बोला था की अपनी हाईस्कूल की यूनिफार्म, दो -चार रख ले। उसने दो नहीं चार ही रखी थी।

दो मतलब था मेरा ,उस ड्रेस में उसके टेनिस बाल साइज बूब्स खूब छलक के बाहर आते और दूसरे जब वो मेरी छुटकी ननदिया की कच्ची अमिया देख के ललचाये थे पहली बार तो वो तो हाईस्कूल में ही तो थी।

लेकिन मेरे मन में एक शरारत सूझी ,गुड्डी के सूटकेस में रखी सारी ब्रा पैंटी मैंने निकाल के बाहर कर दी।



कच्ची जवानी वाली उमर की ननद, बाला जोबन ,

अरे दिखाने उभारने की उम्र है उसकी या छिपाने की।

यही नहीं , हाईस्कूल के टॉप में उन गदराये उभारों को घुसने में अब थोड़ी मुश्किल तो होती ही ,इसलिए मैंने सारे टॉप्स के ऊपर के दो दो बटन तोड़ दिए ,सिर्फ एक बटन के सहारे

थोड़ा दिखाओ , बल्कि ज्यादा दिखाओ

थोड़ा छिपाओ।



और गुड्डी का सूटकेस लेके मैं नीचे। एक बार फिर जेठानी के कमरे में ,बस अब हम लोगों को निकलना था। शाम होने वाली थी।दिया गुड्डी और जेठानी ,जेठानी के कमरे में थीं और ये बाहर। मैंने इनको गुड्डी का भी सूटकेस पकड़ा दिया , और चिढ़ाया भी ,

" हे बहुत जल्दी में हो। बहिनी पर चढ़ने की बहुत जल्दी हो रही है क्या ?"

गाडी में उन्होंने बाकी सामान पहले ही रख दिया था , मुस्कराते झिझकते गुड्डी का सूटकेस लेकर वो जल्दी से बाहर निकल गए।

जेठानी के कमरे में घुसते ही मुझे याद आया , कुछ समान मेरा जेठानी के कमरे में भी था।

अलमारी से दोनों डिलडो ,८ इंच,जिससे मैंने जेठानी की गांड फाड़ी थी और दस इंच वाला जिससे सुबह सुबह जेठानी की गांड हचक हचक के मारी गयी थी ,मैंने निकाले और मुस्करा के जेठानी को दिखाया ,

"क्यों दीदी याद है इनकी , ... "



वो झिझकी और शर्माने लगी।

" हे भाभी ,घोंटते समय तो बहुत मस्ती से चीख चीख कर गांड में ले रही थीं और अब ,... " दिया ने चिढ़ाया और मेरे हाथ से दोनों डिलडो ले लिए।

" हे तू ही रख ले , क्या पता कब जेठानी जी का मन कर जाए " मैंने दिया को डिलडो दे दिया।





" हे तू ही रख ले , क्या पता कब जेठानी जी का मन कर जाए " मैंने दिया को डिलडो दे दिया।" एकदम भाभी , आगे से कोई मर्द चढ़ेगा तो पीछे से उनकी ननद , इस दस इंची वाली से , अरे इत्ती मस्त गांड हो और मारी न जाए ,बिचारी भौजी इतनी मुश्किल से अपने गाँव से अपनी गांड कोरी बचा के ले आयी थीं। "



" और क्या तभी तो इनके देवर ने कल रात हचक हचक के मारी इनकी ,मेरे मोबाइल में पूरा वीडियो है। " गुड्डी छेड़ते बोली।



पर अब जेठानी भी मजाक के मूड में थी ,वो गुड्डी के पीछे पड़ गयीं।

" अरे मेरी वही देवर आज तेरी लेंगे , कल सुबह फोन से पूछूँगी तेरी सोनचिरैया की हाल ,जब चारा खा लेगी तो उसकी फोटो खींच के व्हाट्सएप करना। "





पर गुड्डी भी अब उसकी हिम्मत खुल गयी थी ,मजे से जवाब देते बोली ,

" अरे हमार भौजी, ,चिरैया है तो चारा तो खायेगी ही । बिचारी कब तक उपवास रखेगी " गुड्डी ने जेठानी के गाल पर चिकोटी काटते चिढ़ाया।

तभी मुझे याद आया मम्मी ने दो बार दुहराया था ,चलने से पहले अपनी सास भोंसड़ी वाली से बात कर लेना और याद दिला देना मेरे दामाद का मोटा मूसल उसकी ओखली में धमाधम चलेगा।

और मैंने सासु माँ को फोन लगाया , मुझे भी इंश्योर करना था की वो अगले शुक्रवार को ये घर छोड़ दें , तभी तो इन जेठानी का परमानेंट इंतजाम हो पायेगा।

गुड्डी की तयारी तो आपने पूरी करवा दी...
लेकिन गुड्डी की रात की तैयारी....

गुड्डी की सील टूटने का वर्णन एकदम उग्र और एकदम हटके होना चाहिए.....
 

motaalund

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प्रोग्राम और ट्रेन






तभी मुझे याद आया मम्मी ने दो बार दुहराया था ,चलने से पहले अपनी सास भोंसड़ी वाली से बात कर लेना और याद दिला देना मेरे दामाद का मोटा मूसल उसकी ओखली में धमाधम,...

आदर से प्रणाम करने के बाद मैंने दुःख भी व्यक्त किया की मैं उनसे नहीं मिल पा रही हूँ , उनके आने के पहले जा रही हूँ ,इनकी नौकरी का चक्कर। पर मम्मी से हुयी बात का असर उन पर अभी भी था ,चहकते हुए बोलीं ,

" चलो कोई बात नहीं तेरी मम्मी से बात हो गयी है , वो आएँगी अपने समधियाने अगले बिफय को , तीरथ के बाद जो पूजा रखी है उसमें बुलाया है मैंने उन्हें। अगले दिन सुबह उन्ही के साथ आउंगी तेरे यहां ,शुक्रवार को। अभी तो गाडी पता नहीं कहाँ खड़ी है ,बियाबान में। आगे कोई एक्सीडेंट हो गया है इसलिए घूम का रही है। पहले तो था की कल सुबह नौ दस बजे तक पहुँच जाएंगी पर अभी तेरे जेठ नीचे से पता कर के आए हैं कल शाम हो जायेगी ,आठ नौ बजेगा रात को। "



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जेठानी इशारे से पूछ रही थीं मेरी सास और उनके पति कब तक आयंगे मैंने भी इशारे से बताया कल रात आठ नौ बजे के पहले नहीं।

दिया जेठानी के मोबाइल पर चालू हो गयी। उसकी उंगलिया थिरक रही थी , वो कुछ टेक्स्ट कर रही थी।

तब तक ये भी आ गए , और सासु माँ ने भी उनको ऐन मौके पर याद किया ,

बस फोन मैंने इनको पकड़ा दिया।
और फोन पकड़ते ही उन्होंने मेरे मन की बात अपनी माँ से कह दी ,

" शुक्रवार को आप आनेवाली हैं न ,जरूर आइयेगा , ये नहीं की कोई आखिरी मिनट पर कोई बहाना वहाना ,.. "


उनकी बात काटते हुए वो बोलीं ,

"पक्का आउंगी , अरे तेरी सास एक दिन पहले ही आ रही हैं ,उन्ही के साथ। शुक्रवार को दिन में खाना तुम्ही लोगों के साथ खाउंगी। "
वो कुछ बोल पाते उसके पहले उनके दिल की बात मेरी सास ने खुद सुना दी,

" और हाँ मुझे सब पता चल गया है ,तेरी सास ने एक एक बात ,... बड़ी अच्छी हैं तेरी सास। तूने बहुत सेवा की है न अपने सास की ,मुझे सब पता चल गया है। तो बस सोच ले उसकी दूनी सेवा करवाउंगी तुझसे ,जैसे अपनी सास की की थी न , वैसी ही , अबकी मेरी बहू की सास की करनी होगी तुझे। "




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मैं कान पारे सुन रही थी उनके बस का तो था नहीं जवाब देना ,मैंने ही बोला ,

" एकदम बस आप अगले शुक्रवार को आ जाइये उसके बाद आगे की चिंता अपनी समधन और बहु पर छोड़ दीजिये। करेंगे कैसे नहीं , उनसे भी ज्यादा करेंगे , दिन रात दोनों टाइम। बस शक्रवार को पक्का। "



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जेठानी और दिया दोनों के चेहरे पर सुकून आ गया की अब जेठानी के प्रोग्राम में कोई चेंज नहीं होने वाला।

पर जेठानी खुद इंश्योर करना चाहती थी तो फोन उन्होंने मांग लिया।

" कब तक आएँगी ,... आप " उन्होंने पूछा।



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मैंने जेठानी को स्पीकर फोन ऑन करके फोन दिया था।और सासु माँ ने वही बोलजो मैं सुन चुकी थी
और दिया और जेठानी साफ़ साफ़ सुनना चाहती थीं।

" अरे यी रेल वाले ,गाड़ी गिराते ज्यादा हैं चलाते कम हैं। अरे जल्दी से जल्दी पहुंचेगी तो कल ९ बजे के बाद ही रात में पहुंचेगी। "मेरी और जेठानी की सासू माँ ठंडी सांस ले के बोलीं।

दिया ने कुछ लड़को की फोटो अपने मोबाइल से मेरी जेठानी को दिखाई और अंगूठे ऊँगली का गोल घेरा बना के ,उसमे एक ऊँगली अंदर बाहर करते ,चुदाई का इंटरनेशल सिंबल दिखाया ,और जेठानी भी अब पूरे जोश में थीं ,वो क्यों पीछे रहती , कमर के धक्के पर धक्के दिखा के उन्होंने ननद के छेड़ने का जबरदस्त जवाब दिया।


पर अभी असली बात बाकी थी और वो सासु जी ने खुद ही बता दिया।

" और हाँ अगले हफ्ते बृहस्पति को पूजा होगी , तीरथ से लौटने की हमार समधन भी आएँगी। तो अगले दिन हम भिनसारे निकल जाएंगे उनके साथ ,तोहरे देवर के यहाँ। बहुत दिन हुआ उससे और दुल्हिन से मिले। और ई जिन कहना की बड़के को ट्रेनिंग पर जाना है , अरे नौकरी है तो जाइबे करेगा न। तो कुछ अकेले रहना पडेगा तुमको लेकिन,... "



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जेठानी जी ने तुरंत सास जी बात में हामी भर दी।

" नहीं नहीं कोई बात नहीं है , आप जाइये न मैं रह लुंगी और फिर हफ्ते भर बाद तो ये आ ही जायेंगे। " उन्होंने तुरंत बोल दिया।

और अब उनका चंपा बाई के कोठे पर चढ़ना पक्का हो गया.


" अच्छा अब गाडी चल दी है ,कल रात में नौ दस बजे तक आउंगी ,खाना बना के रखना "

बोल के सासु जी ने पता नहीं फोन काट दिया या ट्रेन चलने से कवरेज एरिया के बाहर पहुँच गयीं।

सासु जी की आवाज तो फोन से आनी बंद हो गयीं ,लेकिन जेठानी जी की दोनों ननदें ,दिया और गुड्डी चालू हो गयीं , वो भी सुर में।

………………………………………..






" हमरी भौजी तो हईं नईहर के छिनार ,चाहि इन्हे दस दस भतार

चार जो मुसहर बातें चार जो गो राजपूत।

मुसहर हउये बड़ मजबूत, हो बड़ मजबूत।




अरे जब ले भौजी कुँवार रहुली नइहर क पक्की छिनार रहुली "
पहले तो आपकी सास जेठानी को छोड़कर जाने को तैयार न थीं....

लेकिन अब अकेले (नहीं-नहीं कोठे पे) रहने को तैयार है.....
 

motaalund

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I am not able to resolve this issue and it takes hours to reach the thread, if i am not able to find a solution, it may be hard for me to post, but i will keep on trying. i have tried all the forums . I use laptop and i dont use vpn, its sad but may be the story is jinxed. How i wish to take this story to its logical conclusion and my first foray into forbidden realm of Incest,...sad:verysad::verysad:

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Just google it, i have informed everybody and hope it is resolved soon.
May try as suggested in previous post.
 

motaalund

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Bhut hi shandaar update bhabhi.....



Kis jimmada4i se dono Maa beti ne apna apna Kaam k hissa bata hai......


1 bahanchod banayegi


Aur dusra madarchod

अरे साजन भी बेताब हैं बनने के लिए...
बहनचोद जबसे से गुड्डी पर जवानी छाई है तबसे..... इच्छा थी....

खाली आगे बढ़ने रास्ता नहीं सूझ रहा था....
वो दोनों माँ-बेटी ने रास्ता क्लियर कर दिया....
 

Luckyloda

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गुड्डी की तयारी तो आपने पूरी करवा दी...
लेकिन गुड्डी की रात की तैयारी....

गुड्डी की सील टूटने का वर्णन एकदम उग्र और एकदम हटके होना चाहिए.....
Ho jayegi ye bhi. komaalrani par vishwas rakho..



Khub khun kharab aur shor sharaba karwayegi bhabhi jaan
 

anvesharonny

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गुड्डी की तयारी तो आपने पूरी करवा दी...
लेकिन गुड्डी की रात की तैयारी....

गुड्डी की सील टूटने का वर्णन एकदम उग्र और एकदम हटके होना चाहिए.....
Wo to hoga hi,pehale guddi ki training bhi karwani hogi na.
 
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