रखैल क्यों... भौजाई....पक्की रखैल बना के छोड़ेगी गीता गुड्डी को ।
यह तो घर के भी काम करेगी और पर कभी काम करेगी और रात में तो भैया सैंया है ही ।
तभी तो सास का आशीर्वाद फलीभूत होगा... पांच साल में चार बच्चों का...
रखैल क्यों... भौजाई....पक्की रखैल बना के छोड़ेगी गीता गुड्डी को ।
यह तो घर के भी काम करेगी और पर कभी काम करेगी और रात में तो भैया सैंया है ही ।
और साथ में मेडिकल भी निकालेगी... gynae specialist ... घर पर प्रैक्टिकल के साथ....अरे पहले भैया का और जीजा का तो मजा ले ले तो नंदोई तो बाद में आएंगे ।
प्लाट दिमाग में अभी से डाल दिया है नंदोई का तो काम बनता ही है।
और फिर हमारी गुड्डी कौन सा मना कर रही है किसी को
इसी काम के लिए तो आई है ।।
गुड्डी का पिछवाड़ा भी बजेगा लेकिन कमल जीजू के आने के बाद....घर के पिछवाड़े गुड्डी का पिछवाड़ा ।।
हाँ कहीं कैलेंडर में मार्क कर लेंगे .... आज का दिन, तारीख और समय....UN donon ladkon ki to subah ban gai
सबके सामने मामा... लेकिन कुछ खास लोगों के बीच पापा...जो लड़का होगा वह मामा बोलेगा या पापा ????
अब वो दोनों भी समय बांध लेंगे इधर के गुड मॉर्निंग...Ekdam acchi hood morning huyi
सही कहा...Aap to bhabhiyo or baki logon ki baate btati ho , wo story me chaar chand laga deta hai, alag hi maja hi esi baaton ka jese bhabhi new nanad ya devrani ko advice de
गीता की बदमाशी नहीं शरारत...घर बाहर
free website to upload photos
गीता हंस के बोली,
" अरे नयकी भौजी तोहार लजाल शरमायल क दिन गयल ,चला अरे कोई देखेगा तो तोहार देवर ननदोई ही लगेगा। और ई जुबना छुपाने के लिए थोड़े,... दिखाने ललचाने के लिए ही है। ज्यादा नहीं बस पीछे होते के ठीक बाहर ही है ,.. "
कुछ मना के कुछ जबरदस्ती गुड्डी बस उसी लांग शर्ट में ,... घर के बाहर पिछवाड़े ,
free website to upload photos
वैसे भी वहां खुला नहीं था , एक किचेन गार्डेन था , फेंसिंग थी और उसपर हेज , उसी के ठीक बाहर सोसायटी का गार्बेज बिन , एक छोटा सा विकेट गेट था।
गुड्डी उसी गेट पर खड़ी रही और गीता गार्बेज बैग फेंक कर आ गयी।
लेकिन गीता और बिना शरारत के छोड़ दे ,
वहीँ फेन्स के किनारे अंदर की ओर उसने गुड्डी को खींच के और खुद उकडू मुकड़ू घुटने मोड़ के,साड़ी जाँघों से ऊपर
और गुड्डी को भी उसी तरह ,
"अरे बैठ न ,आ रही न तुझको भी न ,... यहां कौन देखने वाला है , हमको तो बड़ी मूतवास लग रही है जोर से ,... " गीता ने गुड्डी को भी जबरन बैठा दिया।
free website to upload photos
"इहाँ खुल्ले में ,... ?" गुड्डी अचरज में पूछ रही थी।
लेकिन गीता और बिना शरारत के छोड़ दे ,
और गुड्डी को भी उसी तरह ,
" अरे खुले में करने करवाने का मजा ही और है , अरे ससुराल में कौन लाज ,... बैठा करा , हमको तो बहुत जोर से आ रही है "
आ तो गुड्डी को भी रही थी , रात में आधी बोतल से ज्यादा व्हिस्की गटक गयी थी और सुबह से भी उसको टाइम नहीं मिला था , फिर भइया भाभी के कमरे का तो बाथरूम उसने देखा था ,दूसरा कमरा शायद लॉक था ,..वो दोनों लोग सो रहे थे, उन्हें वो जगाना नहीं चाहती थी बहुत जोर से आ रही थी और बड़ी देर से, किचेन में जब वो झाड़ू लगा रही थी, किसी तरह जांघ को दबाये, भींचे, कुछ समझ में नहीं आ रहा था किससे पूछे,... अब बस लग रहा था हो जाएगी,... और अब गीता उसके बगल में बैठी, सामने थोड़ी झाडी तो थी ही,...
free website to upload photos
पर लाज शर्म , वो अभी भी रोके भींचे बैठी और गीता बगल में तेज धार के के साथ,... और गीता ने बैठे बैठे गुड्डी के पी होल पे छेड़ दिया ,ऊँगली से जोर जोर से रगड़ रगड़ के सुरसुरी कर
गुड्डी की भी अपने आप ,...पहले तो बूँद बूँद फिर इतनी देर का प्रेशर,... गुड्डी ने आँखे बंद कर ली थीं की जैसे वो नहीं देखेगी तो कोई नहीं देखेगा
और फिर ननद भौजाई दोनों साथ साथ ,..निहुरे बैठ के खुले में सुबह सबेरे
गीता बस यही सोच रही थी ,.. अगर उसे मना न किया गया होता की अभी दो चार दिन जब तक यह चिड़िया अच्छी तरह ,... और सही बात है अभी कहीं बिचक गयी तो ,.. वरना जब एह चिरई से बुर चुसवा रही थी तो उसी समय घल घल घल ,सुनहला शरबत ,... पीयेगी तो ये है ही ,बस दो चार दिन की बात है , ... यही हाते में ,..
फिर उसकी माई भी बोल गयी थी ,..
free website to upload photos
मुझे आने देना ,... अकेले अकेले मत कुल मजा लेना , मिल के पिलायेंगे नयकी चिरैया को ,.. हाथ गोड़ छान के ,.. अरे जबरदस्ती का मजै कुछ और है ,....
ननद कौन जो बदमाशी न करे, वो भी भौजाई का ससुराल में पहला दिन हो तो और,...
गीता ने मारे शरारत के गुड्डी को पीछे से पकड़ के थोड़ा सा घुमा दिया, बस अब सामने की झाडी की ओट हट गयी ,... और सामने सीधे कालोनी की सड़क दस हाथ पे दो स्कूल जाने वाले लड़के,... रुक गए,... गुड्डी की तो आँखे बंद थी पर चिकोटी काट के गीता ने आँखे खुलवा दी,
" अरे सामने देखा, ससुरारी में कैसे सरमाना कुल लौंडे देवर नन्दोई तो लगीहें,... खोला आँख "
और गुड्डी ने आँख खोली तो झाडी की ओट नहीं थी और थोड़ी ही देर पे दो लड़के टुकुर टुकुर,... शरम से लाल, लेकिन बीच में कैसे फिर गीता की सँड़सी ऐसी पकड़,...
गुड्डी किसी तरह ख़तम कर के,
तब तक गीता उसे चिढ़ाते भागी, लेकिन घर के अंदर नहीं होते के दूसरे कोने में , और गुड्डी ने दौड़ा के उसे पकड़ लिया गीता ने उसे अँकवार में भर लिया प्यार दुलार से और और गुड्डी की आँखों में आँख मिला के देखा ,
लजाते शरमाते गुड्डी की दिया ऐसे बड़ी बड़ी आँखे झुक गयी ,
गुड्डी की ठुड्डी पकड़ के उठा के ,वहीं खुले में , गीता ने उसे कचकचा के चूम लिया ,
"अरे काहें लजात हउ , रात भर सैंया के साथ टंगिया उठा के,... गपागप घोंटबू , चूतड़ उठा उठा के मजा लेबू , कल भिनसारे आइके तोहरी बिलिया में गचाक से उँगरी डार के देखूंगी , ... रबड़ी मलाई छल छल छलकती रहेगी। "
free website to upload photos
और गुड्डी की गीली भीगी सहेली को अपनी गदोरी से गीता ने रगड़ दिया और एक बार फिर कचकचा के चूम लिया।
free website to upload photos
और गुड्डी की भीगी गीली बिल से गीले अपने हाथ को गुड्डी के होंठों पे रगड़ दिया, मन में सोचते आज अपना स्वाद चख, जल्द ही मेरा और सब का चखोगी रोज बिना नागा,...
ये चाय तो बिना चीनी के भी मिठास से भर गई....बेड टी
free website to upload photos
मेरी आँख खुल गयी थी पर ये कुनमुना रहे थे , सोये भी तो हम लोग साढ़े चार बजे के बाद ही थे। और उसके पहले वाली रात को इन्होने अपनी संस्कारी भौजाई की कुटाई की थी , रात भर ,अगवाड़े पिछवाड़े सब। और आज रात इनकी बहन का नंबर था। और कुछ दिन बाद मेरी सास का
मुझे इनके खूंटे पर सच में बहुत प्यार आ रहा था , मैंने उनकी ओर मुड़ कर उन्हें बाहों में भर लिया और खूंटे को मुट्ठी में ,
free website to upload photos
एकदम टनटनाया ,तैयार सुबह सुबह,....
दबाते मुस्कराते मैंने चिढ़ाया
" क्यों बहिनिया की याद आ रही है क्या , अब तो ग्रीन सिंग्नल मिल गया है ,फटेगी स्साली की आज रात। लेकिन अभी तो आफिस जाना होगा न मुन्ने को ,.. "
उन्होंने पटर पटर आँखे खोल दी और मुस्कराने लगे ,
और उसी समय वो किशोरी सुबह की धूप की तरह मुस्कराती हुयी चहकती कमरे में दाखिल हुयी हाथ में चाय की ट्रे , बिस्किट्स ,
और सीधे पहले उनसे आँखे चार हुईं उसकी और फिर उनके खड़े खूंटे पे जाके टिक गयी ,
थोड़ी लजायी ,झिझकी लेकिन बाद में चोरी से फिर एक बार निगाह वहीँ ,...
गुड मॉर्निंग , भइया ,भाभी , हंस के वो बोली और चाय की ट्रे बेड के बगल में रख दिया।
free website to upload photos
और मैंने और उनके भइया ने मिल के उसे बिस्तर पर खींच लिया , हम दोनों के बीच में।
मैं उसे चिढ़ाते गुदगुदी लगाने लगी ,
" हे ननद रानी ऐसे गुड मॉर्निंग थोड़े चलेगी भाभी से , ... ऐसे होती है गुड मॉर्निंग ,.. "
और उसे दबोच कर बाँहों में मेरे होंठों ने उसके होंठों से गुड मॉर्निंग कर लिया।
free website to upload photos
सच में बहुत मीठी है ये , ... ये फ़िदा हो गए इसकी जवानी आते ही तो कुछ गलत नहीं
मेरी आँखे उन्हें चढ़ा रही थीं ,उकसा रही थीं , पर वो भी न ,.. सीधे साधे ,.. शरमाते हिचकिचाते ,मैं समझ गयी उनके बस का नहीं है ,मैंने गुड्डी को ही चढ़ाया
" हे भैय्या से भी गुड मॉर्निंग कर ले , ... "उसके कान में मैं फुसफुसाई,.. "
एकदम भाभी ,वो शोख छोरी मुस्करायी और मुड़ के उन्हें अपनी लम्बी छरहरी बांहों में भर लिया और कस के होंठ चिपका दिए ,फिर अपनी मछली सी मचलती बड़ी बड़ी आँखों से उन्हें चिढ़ाती उकसाती बोली , गुड मॉर्निंग भइया ,
और अब वो रुकते तो गड़बड़ होती ,
उन्होंने भी एक कस के चुम्मी ले ली।
free website to upload photos
सुबह की धूप कमरे में छा गयी।
" भैया बेड टी" अब लजाने शरमाने का नंबर उस छुई मुई का था।
free website to upload photos
सिर्फ दो कप , उनकी निगाहों ने सवाल कर दिया , और जवाब मैंने दिया ,
अपने कप को गुड्डी के मीठे मीठे होंठों से लगा के ,
" हे जरा चीनी तो घोल ननद रानी , ... "
मुस्कराती गुड्डी ने एक चुस्की ले ली और उसके हाथ से चाय का कप ले कर मैंने उनकी ओर बढ़ा दिया ,
उन्होंने गुड्डी को दिखाते हुए वहीँ होंठ लगाया जहां कुछ देर पहले गुड्डी ने लगाया था , उनका कप मेरे होंठों के बीच था ,
और दो का तीन हम तीन ने कर लिया।
मैं उनकी ओर देख कर मुस्करा रही थी ,वो भी समझ कर मीठी मीठी,
जैसे आज हम लोग चाय बाँट कर ,...वैसे ही इस भोली भाली ननदिया को भी हम बाँट लेंगे।
" क्यों भाभी , बेड टी कैसे लगी , ... " चाय सुड़कती हुयी हम लोगों के प्लानिंग से अनजान उस किशोरी ने पूछा ,
और मेरे मन में कुछ और कौंध गया , मैंने फिर उनकी ओर देखा और गुड्डी के पान ऐसे चिकने गाल को सहलाते उसे और उसके भैय्या दोनों को सुनाया ,
"चलो यार एक दो दिन और फिर मैं तुम्हे ही रोज बेड टी पिलाऊंगी , एकदम स्पेशल ,परसनल वाली , मेरा अपना टच होगा ,बोल पीयेगी न नखड़े तो नहीं बनाएगी। "
free website to upload photos
वो मेरी बात सुनके समझ भी रहे थे जोर जोर से मुस्करा भी रहे थे। लेकिन मेरी भोली ननद उसे क्या मालूम मैं किस 'बेड टी ' की बात कर रही थी। उसने तुरंत सकार दिया , मुझे पकड़ के बहुत दुलार से बोली ,
" एकदम भौजी , अरे हमार मीठी मीठी भौजी पिलाये तो कौन ननद मना करेगी , ये ननद तो कतई नहीं। "
अब उसके होंठों का नंबर था , उन्हें दिखाते हुए मैंने उनकी बहिनिया के होंठों को चूम लिया , हलके से नहीं कचकचा के।
और होंठ छोड़े तो हलके से प्यारी सी एक चपत अपनी टीनेजर ,जस्ट इंटर पास ननद के गाल पे मारती बोली ,
" सुन लो , अगर अब तूने मना किया न , तो तेरे भइया के सामने बोल रही हूँ , जबरदस्ती पिलाऊंगी रोज बिना नागा अपनी बेड टी। " और उनकी ओर आँख मार दी।
free website to upload photos
मैं और मम्मी तो उन्हें 'बेड टी' पिलाती थीं ही , और उनके मायके में भी रोज तो नहीं लेकिन एक दो दिन तो मैंने वहां भी ,... गुड्डी जिस दिन पहली बार आयी थी ,उस दिन ननद के आने की ख़ुशी में तो मैंने उन्हें दिन दहाड़े ही ,...
पर वो हुआ जो मैंने सपने भी भी नहीं सोचा था , वो बोल पड़े ,
" अरे मना क्यों करेगी , ... तुम तो पिलाओगी ही मैं भी अपनी चिरैया को बेड टी पिलाऊंगा " और उनके हाथ भी गुड्डी के कंधे पर,
मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हुआ ,
मैं तो उन्हें ,.. पर वो भी ,.. हाँ चाहती तो मैं भी थी की वो हम लोगो के खेल तमाशे में शामिल हो , पर मैंने तय कर लिया , मुँह के अंदर डाल के नहीं ,... ये चिरैया चोंच खोल के घल घल वो सुनहला शरबत , जिस पर हर ननद का हक़ होता है ,...
और मेरी ननद भी न , जैसे जाल में फंसे कबूतर को अंदाज नहीं होता की वो जाल में है , वो एकदम नारमली ,उसी तरह वो भी हँसते हुए बोली ,
"तो आप लोग बारी बारी से ,.. एक दिन भैया एक दिन भाभी ,.."
हम दोनों ने एक साथ मना किया और एक साथ बोले ,
' अरे नहीं बावरी , बारी बारी से क्यों ,... रोज हम दोनों सुबह सुबह , दो कप बेड टी नहीं पी सकती क्या तू ,.. ?"
free website to upload photos