नए किरदार... नए पात्र... नई मस्ती....aur ab is yatra ki gati thodi tej hogi, kuch kirdaar jo ab tak door the phir se manch pe aaynge kuch naye judenge
A roller coaster ride.....
नए किरदार... नए पात्र... नई मस्ती....aur ab is yatra ki gati thodi tej hogi, kuch kirdaar jo ab tak door the phir se manch pe aaynge kuch naye judenge
eagerly awaiting...Next episode will deal with Gita and then story will move towards preparing for MILAN of Bhai-Behan
निहुरने की जबरदस्त प्रैक्टिस करा रही है गीता...जोरू का गुलाम भाग १६१
गीता की ट्रेनिंग
free website to upload photos
गुड्डी झाड़ू लगा रही थी की गीता ने उसकी लांग शार्ट और ऊपर कर दिया , कमर से भी ऊपर ,.. और चिढ़ाते बोली
" राजा तनी चूतड़ और ऊपर करो , जैसे तोहरे मायके के लौंडन ऊपर करत हैं, तोहार भाई चूतड़ उठाते हैं, आगे निहुर के गाँड़ मरवाने के लिए, बस वैसे,...हाँ ठीक,... नंबरी गांडू हैं सब नयकी भौजाई के भैया कुल" "
और जैसे ही गुड्डी ने अपने किशोर नितम्बो की उठाया ,
free website to upload photos
चटाक , एक हाथ हलके से गीता लगाती बोली ,
" अरे नयकी भौजी , चूतड़ तो तोहार बहुत मस्त है , चिक्कन नमकीन लौंडन मात हैं तोहरे चिक्क्न चूतड़ के आगे "
गीता ने काम ख़तम कर दिया डस्टिंग का, बस वो गुड्डी से झाड़ू लगवा रही थी,... और उसके प्यारे प्यारे गोल मटोल चूतड़ों को निहार रही थी, सोच रही थी बड़ा मजा आएगा इस स्साली की कोरी कोरी गाँड़ मारने में, फटेगी तो बहुत चिल्लायेगी,... लेकिन अब तो सब करम उसके होने ही हैं, अब एक बार आ गयी है गीता की मुट्ठी में तो,...
निहुरे निहुरे गुड्डी की कमर झुकी झुकी ,
लेकिन उसने भी झाड़ू ख़तम कर दिया पर उसके उठने के पहले ही गीता ने फिर प्यार से एक हाथ कस के जड़ा और चिढ़ाया
" अरे भौजी ससुरार में हो , अब निहुरने की प्रैक्टिस कर लो ,रात भर सैंया निहुरा के चांपेंगे , ...और दिन में देवर , ननदोई ,.. "
free website to upload photos
गुड्डी भी अब एकदम गीता के रंग में रंगती जा रही थी। पक्की भौजाई की तरह उसने गीता के गाल पे जोर से पिंच किया बोली ,
" अरे ननद तो एक है ,... और ननदोई ,.. " फिर गुड्डी खुद ही गुनगुना के जवाब देने लगी ,
" मेरे तो एक पिया है, ननदी के दस दस ,... क्यों ननद रानी है न "
free website to upload photos
गीता ने बहुत बुरा सा मुंह बनाया ,बोली ,
"अरे भौजी ,दस से का होगा तोहरी ननद का , पन्दरह बीस से कम नहीं "
" अरे मायके में हो सब बचपन के यार होंगे इंहा कौन कमी हमारी ननद को यारों की। "
मेरे साथ साथ गुड्डी भी अब जवाब देने में तेज हो गयी थी ,उसने भी गीता को चिढ़ाया।
" और का भौजी , ...कुछ दिन अपने सैंया के साथ मौज उड़ा लो फिर हमारे सैंया का भी मजा ले लेना , सब तोहार ननदोई लगेंगे और नन्दोई का तो सलहज पर हक होता है। "
इतनी ही देर में गीता गुड्डी पक्की ननद भौजाई हो गयी थीं।
गीता गुड्डी को फिर से किचेन में ले गयी ,नाश्ते की तैयारी करनी थी।
फिर एक एक सामान कहाँ क्या रखा है , बिस्किट , कार्न फ्लेक्स ,अंडे , ब्रेड, चाय ,काफी ,.. एक एक समान ,...
गुड्डी एक एक सामान देख ,समझ रही थी और गीता किचेन सिंक से गार्बेज बैग निकाल रही थी।
" हे चल भौजी , तानी इहो काम निपटा दें , ...वैसे तो मैं या हमार माई आएँगी रोज ,लेकिन अगर कउनो दिन नहीं आयीं तो ,... तुहुं देख ला , कुल काम समझ ला , अब ई तोहार ससुराल है , कुल काम काज ,.. अरे ससुराल में बहुरिया खाली चुदवाने थोड़ी आती है, घर का कुल ...." गीता बोली।।
गुड्डी एक पल के लिए हिचकिचाई , वो सिर्फ अपने भैय्या की लम्बी सी शर्ट पहनी थी , नीचे कुछ भी नहीं ,... और वो शर्ट भी मुश्किल से उसके मोटे मोटे चूतड़ों को ढँक पा रही थी।ऊपर से जरा सा वो झुकती तो शर्ट कमर से ऊपर और अगवाड़ा पिछवा सब एकदम साफ़ साफ़ दिखता था,...
free website to upload photos
और गीता ने कस के उसके चूतड़ पे एक हाथ दिया , आगे की ओर धकेला , हंस के बोली,
" अरे नयकी भौजी तोहार लजाल शरमायल क दिन गयल ,चला अरे कोई देखेगा तो तोहार देवर ननदोई ही लगेगा। और ई जुबना छुपाने के लिए थोड़े,... दिखाने ललचाने के लिए ही है। ज्यादा नहीं बस पीछे होते के ठीक बाहर ही है ,.. "
कुछ मना के कुछ जबरदस्ती गुड्डी बस उसी लांग शर्ट में ,... घर के बाहर पिछवाड़े
खुले में करवा के गीता ... गुड्डी की सारी झिझक शरम निकलवा देगी...घर बाहर
free website to upload photos
गीता हंस के बोली,
" अरे नयकी भौजी तोहार लजाल शरमायल क दिन गयल ,चला अरे कोई देखेगा तो तोहार देवर ननदोई ही लगेगा। और ई जुबना छुपाने के लिए थोड़े,... दिखाने ललचाने के लिए ही है। ज्यादा नहीं बस पीछे होते के ठीक बाहर ही है ,.. "
कुछ मना के कुछ जबरदस्ती गुड्डी बस उसी लांग शर्ट में ,... घर के बाहर पिछवाड़े ,
free website to upload photos
वैसे भी वहां खुला नहीं था , एक किचेन गार्डेन था , फेंसिंग थी और उसपर हेज , उसी के ठीक बाहर सोसायटी का गार्बेज बिन , एक छोटा सा विकेट गेट था।
गुड्डी उसी गेट पर खड़ी रही और गीता गार्बेज बैग फेंक कर आ गयी।
लेकिन गीता और बिना शरारत के छोड़ दे ,
वहीँ फेन्स के किनारे अंदर की ओर उसने गुड्डी को खींच के और खुद उकडू मुकड़ू घुटने मोड़ के,साड़ी जाँघों से ऊपर
और गुड्डी को भी उसी तरह ,
"अरे बैठ न ,आ रही न तुझको भी न ,... यहां कौन देखने वाला है , हमको तो बड़ी मूतवास लग रही है जोर से ,... " गीता ने गुड्डी को भी जबरन बैठा दिया।
free website to upload photos
"इहाँ खुल्ले में ,... ?" गुड्डी अचरज में पूछ रही थी।
लेकिन गीता और बिना शरारत के छोड़ दे ,
और गुड्डी को भी उसी तरह ,
" अरे खुले में करने करवाने का मजा ही और है , अरे ससुराल में कौन लाज ,... बैठा करा , हमको तो बहुत जोर से आ रही है "
आ तो गुड्डी को भी रही थी , रात में आधी बोतल से ज्यादा व्हिस्की गटक गयी थी और सुबह से भी उसको टाइम नहीं मिला था , फिर भइया भाभी के कमरे का तो बाथरूम उसने देखा था ,दूसरा कमरा शायद लॉक था ,..वो दोनों लोग सो रहे थे, उन्हें वो जगाना नहीं चाहती थी बहुत जोर से आ रही थी और बड़ी देर से, किचेन में जब वो झाड़ू लगा रही थी, किसी तरह जांघ को दबाये, भींचे, कुछ समझ में नहीं आ रहा था किससे पूछे,... अब बस लग रहा था हो जाएगी,... और अब गीता उसके बगल में बैठी, सामने थोड़ी झाडी तो थी ही,...
free website to upload photos
पर लाज शर्म , वो अभी भी रोके भींचे बैठी और गीता बगल में तेज धार के के साथ,... और गीता ने बैठे बैठे गुड्डी के पी होल पे छेड़ दिया ,ऊँगली से जोर जोर से रगड़ रगड़ के सुरसुरी कर
गुड्डी की भी अपने आप ,...पहले तो बूँद बूँद फिर इतनी देर का प्रेशर,... गुड्डी ने आँखे बंद कर ली थीं की जैसे वो नहीं देखेगी तो कोई नहीं देखेगा
और फिर ननद भौजाई दोनों साथ साथ ,..निहुरे बैठ के खुले में सुबह सबेरे
गीता बस यही सोच रही थी ,.. अगर उसे मना न किया गया होता की अभी दो चार दिन जब तक यह चिड़िया अच्छी तरह ,... और सही बात है अभी कहीं बिचक गयी तो ,.. वरना जब एह चिरई से बुर चुसवा रही थी तो उसी समय घल घल घल ,सुनहला शरबत ,... पीयेगी तो ये है ही ,बस दो चार दिन की बात है , ... यही हाते में ,..
फिर उसकी माई भी बोल गयी थी ,..
free website to upload photos
मुझे आने देना ,... अकेले अकेले मत कुल मजा लेना , मिल के पिलायेंगे नयकी चिरैया को ,.. हाथ गोड़ छान के ,.. अरे जबरदस्ती का मजै कुछ और है ,....
ननद कौन जो बदमाशी न करे, वो भी भौजाई का ससुराल में पहला दिन हो तो और,...
गीता ने मारे शरारत के गुड्डी को पीछे से पकड़ के थोड़ा सा घुमा दिया, बस अब सामने की झाडी की ओट हट गयी ,... और सामने सीधे कालोनी की सड़क दस हाथ पे दो स्कूल जाने वाले लड़के,... रुक गए,... गुड्डी की तो आँखे बंद थी पर चिकोटी काट के गीता ने आँखे खुलवा दी,
" अरे सामने देखा, ससुरारी में कैसे सरमाना कुल लौंडे देवर नन्दोई तो लगीहें,... खोला आँख "
और गुड्डी ने आँख खोली तो झाडी की ओट नहीं थी और थोड़ी ही देर पे दो लड़के टुकुर टुकुर,... शरम से लाल, लेकिन बीच में कैसे फिर गीता की सँड़सी ऐसी पकड़,...
गुड्डी किसी तरह ख़तम कर के,
तब तक गीता उसे चिढ़ाते भागी, लेकिन घर के अंदर नहीं होते के दूसरे कोने में , और गुड्डी ने दौड़ा के उसे पकड़ लिया गीता ने उसे अँकवार में भर लिया प्यार दुलार से और और गुड्डी की आँखों में आँख मिला के देखा ,
लजाते शरमाते गुड्डी की दिया ऐसे बड़ी बड़ी आँखे झुक गयी ,
गुड्डी की ठुड्डी पकड़ के उठा के ,वहीं खुले में , गीता ने उसे कचकचा के चूम लिया ,
"अरे काहें लजात हउ , रात भर सैंया के साथ टंगिया उठा के,... गपागप घोंटबू , चूतड़ उठा उठा के मजा लेबू , कल भिनसारे आइके तोहरी बिलिया में गचाक से उँगरी डार के देखूंगी , ... रबड़ी मलाई छल छल छलकती रहेगी। "
free website to upload photos
और गुड्डी की गीली भीगी सहेली को अपनी गदोरी से गीता ने रगड़ दिया और एक बार फिर कचकचा के चूम लिया।
free website to upload photos
और गुड्डी की भीगी गीली बिल से गीले अपने हाथ को गुड्डी के होंठों पे रगड़ दिया, मन में सोचते आज अपना स्वाद चख, जल्द ही मेरा और सब का चखोगी रोज बिना नागा,...
नाश्ता और चाय दोनों की दिलचस्प तैयारी....मस्ती -गीता और गुड्डी की
free website to upload photos
गुड्डी और सरमा गयी , भाग के घर के अंदर ,... पीछे पीछे गीता हंसती खिलखिलाती दौड़ती ,
दोनों ननद भौजाई किचेन में , और गीता ने गुड्डी को दबोच लिया और अबकी गुड्डी की शर्ट एकदम कंधे तक , गुड्डी के दोनों किशोर जोबन ,
एक गीता की मुट्ठी में ,दूसरा गीता के मुंह में
चुसुर चुसुर गीता चूस रही थी ,कचकचा के दबा रही मीज रही थी। कच्ची अमिया को कुतुर के टिकोरों का स्वाद ले रही थी।
free website to upload photos
गीता ज़बरदस्त लड़की ख़ोर ,मुझसे और इनसे ज्यादा वो गुड्डी के आने का इन्तजार कर रही थी , और मुझे मालूम था मेरे और इनसे भी ज्यादा वो गुड्डी का भोग लगाएगी , उसकी रगड़ाई करेगी और उसे सिखा पढ़ा कर एकदम ,...
गुड्डी जाल में फंसे कबूतर की तरह फड़फड़ा रही थी ,जिस तरह उसके दोनों सफ़ेद कबूतरों की रगड़ाई हो रही थी ,
मुश्किल से किसी तरह उसने बहाना बनाया ,
" साढ़े आठ बजे ,भाभी ने बोला था बेड टी को ,.. "
free website to upload photos
गीता के होंठों ने गुड्डी के किशोर निप्स को छोड़ा और गुड्डी के गाल पर चुम्मा लेते बोली ,
" अरे चिरई , अभी तो पौने आठ भी नहीं बजे हैं ,लेकिन चलो हम तुम चाय पी लेते हैं ,आज जरा ननद के हाथ की चाय पी लो "
और गीता ने चाय चढ़ा दी और उसे रोज के काम समझाने बताने लगी। किचेन का काम, घर के काम,
गुड्डी जब कप लेने बढ़ी तो गीता ने इशारे से रोक दिया ,बोली हमी दोनों तो है न ,एक गिलसिया में पी लेंगे ,
free website to upload photos
अरे ननद भौजाई तो कुल काम मिल बाँट के , और एक ग्लास में उसने चाय निकाली ,दो घूंट पीया , और गुड्डी की ओर बढ़ा दिया।
गुड्डी ने भी हँसते हुए उसके हाथ से चाय का ग्लास लिया और गीता की दिखाते हुए जहाँ , गीता ने होंठ लगाया था , वहीँ गुड्डी ने भी होंठ लगा के सुड़ुक सुड़ुक
दोनों एक दूसरे को देख के मुस्करा रही थीं , गुड्डी ने गीता को चाय बढ़ाते हुए बोला ,
" ननद रानी , चाय बहुत मीठी हो गयी तनी और चीनी मिला दो। "
गीता ने फिर वहीँ होंठ लगाए जहां गुड्डी ने लगाया था और सुड़ुक सुड़ुक ,..
तबतक गुड्डी को कुछ याद आया और गीता से पूछ बैठी ,
"चाय के बाद नाश्ते की तैयारी भी करनी थी,.. "
सिंक में ग्लास रखते हुए गीता ने बोली ,
" अरे घबड़ा जिन ,हम सब सिखा पढ़ा देंगे हमरे भैया को का का पसंद है ,... "
फ्रिज खोल के पहले तो गीता ने उसे आम दिखाए , और बोला इनको निकाल के बाहर रख दो।
गुड्डी ने एक बड़ी प्लेट में दो दसहरी बाहर निकाल दिए।
गीता एक बार फिर , पीछे से गुड्डी के उसने शर्ट के ऊपर से ही उसके कबूतरों को दबोचते बोली ,
" तोहरे भैया को तुम्हारे ये कच्चे टिकोरे बहुत पसंद है , ... " और फिर खोल के एक टिकोरा मुंह में चुभते चुसलाते बोली ,
free website to upload photos
" कुछ दिन में ही कुतर कुतर के ,काट काट के , चूस चूस के इसको चुसवा आम बना देंगे तोहार साजन। "
और कचकचा के निप्स काट लिए।
" हे भैया की बहिनी , उनसे पहले तो तूँहूँ कुतुर कुतुर कर के , ....छोड़ा तनी नाश्ता बताओ न " गुड्डी खिलखिलाते बोली, उसे गीता का साथ बहुत पसंद आ रहा था।
गाढ़ी मलाई से तो नौ महीने में हीं ... कंफर्म... दस महीने क्यों....काम की ट्रेनिंग
free website to upload photos
" तोहरे भैया को तुम्हारे ये कच्चे टिकोरे बहुत पसंद है , ... " और फिर खोल के एक टिकोरा मुंह में चुभते चुसलाते बोली ,
" कुछ दिन में ही कुतर कुतर के ,काट काट के , चूस चूस के इसको चुसवा आम बना देंगे तोहार साजन। "
और कचकचा के निप्स काट लिए।
free website to upload photos
" हे भैया की बहिनी , उनसे पहले तो तूँहूँ कुतुर कुतुर कर के , छोड़ा तनी नाश्ता बताओ न "
गीता ने छोड़ दिया लेकिन गाल चूम के बोली
" अरे भौजी ननद का भी हिस्सा होता है भौजी के जोबना में ,.. अच्छा वो मिक्सी देख रही हो न , बस। .. ताजा फ्रूट जूस उ डिब्बे वाला नहीं ,.. भौजी और भैया दोनों सबसे पहले जूस , आखिर रात भर उनके गन्ने का जूस तो तुम निकाल के घोंट लोगी तो गाडी में फिर से डीजल भरना पडेगा न। "
और ये समझाते हुए ऊपर की शेल्फ से मुसली का एक बड़ा डिब्बा गीता ने निकाल दिया ,
" ठन्डे दूध से ,और ब्रेड ,उहो ब्राउन वाली " वो बोली।
" और सबसे अंत में आमलेट चार अंडे का , दखो मरद बेचारा रात भर मेहनत करेगा तोहरे साथ , फिर दिन भर आफिस में ,.. एहलिये नाश्ता आराम से और खूब ,.. आमलेट बनाना आता है की नहीं। "
free website to upload photos
गीता ने समझाया भी ,पूछा भी।
" बस थोड़ा बहुत। " गुड्डी ने न न में सर हिलाया।
" सिखा दूंगी सब लेकिन फ़ीस लगेगी भौजी ,समझ ला ,.. " आंख नचाते मुस्कराते गीता बोली।
अब गुड्डी भी उसी के रंग में रंग गयी थी ,गीता के गाल पे चुम्मी लेती बोली ,
" अरे ननद रानी ,तोहरे भइया को दूंगी , तो चल तुमको भी दे दूंगी , अब सिखा दो न मेरी मीठी मीठी ननदी। "
गीता ने बहुत विस्तार के साथ ,... लेकिन काम सब गुड्डी ही कर रही थी।
कुछ देर में साढ़े आठ बजने वाले थे। गीता के जाने का टाइम हो गया था। गुड्डी दरवाजा बंद कर रही थी की एक बार फिर गीता ने उसे दबोच लिया और जोबन दबाते हुए गाल चूम कर बोली ,
" सुन ला भौजी , ठीक नौ महीने बाद हमको बुआ बना देना ,दिन तारीख मैं नोट कर ले रही हूँ आज की ,.. "
free website to upload photos
गुड्डी ने जोर से ब्लश किया और हलके से बोली धत्त।
"अच्छा चल नौ न सही दस महीने में लेकिन उससे ज्यादा एक दिन भी नहीं ,इसी अंगना में सोहर होगा , और मैं भतीजे का कंगन लूंगी ,जड़ाऊ दोनों हाथ में समझ लो ,.. "
और दरवाजा बंद करते हुए गीता निकल गयी ,पर उसने अपना इरादा भी साफ़ साफ़ बता दिया था और गुड्डी के दिमाग में भी ,..
पर गुड्डी ने झटक कर वो बात निकाली ,..
साढ़े आठ बज रहे थे बेड टी का टाइम।
अरे वाह... दोनों मिल के गुड्डी को बेड टी....बेड टी
free website to upload photos
मेरी आँख खुल गयी थी पर ये कुनमुना रहे थे , सोये भी तो हम लोग साढ़े चार बजे के बाद ही थे। और उसके पहले वाली रात को इन्होने अपनी संस्कारी भौजाई की कुटाई की थी , रात भर ,अगवाड़े पिछवाड़े सब। और आज रात इनकी बहन का नंबर था। और कुछ दिन बाद मेरी सास का
मुझे इनके खूंटे पर सच में बहुत प्यार आ रहा था , मैंने उनकी ओर मुड़ कर उन्हें बाहों में भर लिया और खूंटे को मुट्ठी में ,
free website to upload photos
एकदम टनटनाया ,तैयार सुबह सुबह,....
दबाते मुस्कराते मैंने चिढ़ाया
" क्यों बहिनिया की याद आ रही है क्या , अब तो ग्रीन सिंग्नल मिल गया है ,फटेगी स्साली की आज रात। लेकिन अभी तो आफिस जाना होगा न मुन्ने को ,.. "
उन्होंने पटर पटर आँखे खोल दी और मुस्कराने लगे ,
और उसी समय वो किशोरी सुबह की धूप की तरह मुस्कराती हुयी चहकती कमरे में दाखिल हुयी हाथ में चाय की ट्रे , बिस्किट्स ,
और सीधे पहले उनसे आँखे चार हुईं उसकी और फिर उनके खड़े खूंटे पे जाके टिक गयी ,
थोड़ी लजायी ,झिझकी लेकिन बाद में चोरी से फिर एक बार निगाह वहीँ ,...
गुड मॉर्निंग , भइया ,भाभी , हंस के वो बोली और चाय की ट्रे बेड के बगल में रख दिया।
free website to upload photos
और मैंने और उनके भइया ने मिल के उसे बिस्तर पर खींच लिया , हम दोनों के बीच में।
मैं उसे चिढ़ाते गुदगुदी लगाने लगी ,
" हे ननद रानी ऐसे गुड मॉर्निंग थोड़े चलेगी भाभी से , ... ऐसे होती है गुड मॉर्निंग ,.. "
और उसे दबोच कर बाँहों में मेरे होंठों ने उसके होंठों से गुड मॉर्निंग कर लिया।
free website to upload photos
सच में बहुत मीठी है ये , ... ये फ़िदा हो गए इसकी जवानी आते ही तो कुछ गलत नहीं
मेरी आँखे उन्हें चढ़ा रही थीं ,उकसा रही थीं , पर वो भी न ,.. सीधे साधे ,.. शरमाते हिचकिचाते ,मैं समझ गयी उनके बस का नहीं है ,मैंने गुड्डी को ही चढ़ाया
" हे भैय्या से भी गुड मॉर्निंग कर ले , ... "उसके कान में मैं फुसफुसाई,.. "
एकदम भाभी ,वो शोख छोरी मुस्करायी और मुड़ के उन्हें अपनी लम्बी छरहरी बांहों में भर लिया और कस के होंठ चिपका दिए ,फिर अपनी मछली सी मचलती बड़ी बड़ी आँखों से उन्हें चिढ़ाती उकसाती बोली , गुड मॉर्निंग भइया ,
और अब वो रुकते तो गड़बड़ होती ,
उन्होंने भी एक कस के चुम्मी ले ली।
free website to upload photos
सुबह की धूप कमरे में छा गयी।
" भैया बेड टी" अब लजाने शरमाने का नंबर उस छुई मुई का था।
free website to upload photos
सिर्फ दो कप , उनकी निगाहों ने सवाल कर दिया , और जवाब मैंने दिया ,
अपने कप को गुड्डी के मीठे मीठे होंठों से लगा के ,
" हे जरा चीनी तो घोल ननद रानी , ... "
मुस्कराती गुड्डी ने एक चुस्की ले ली और उसके हाथ से चाय का कप ले कर मैंने उनकी ओर बढ़ा दिया ,
उन्होंने गुड्डी को दिखाते हुए वहीँ होंठ लगाया जहां कुछ देर पहले गुड्डी ने लगाया था , उनका कप मेरे होंठों के बीच था ,
और दो का तीन हम तीन ने कर लिया।
मैं उनकी ओर देख कर मुस्करा रही थी ,वो भी समझ कर मीठी मीठी,
जैसे आज हम लोग चाय बाँट कर ,...वैसे ही इस भोली भाली ननदिया को भी हम बाँट लेंगे।
" क्यों भाभी , बेड टी कैसे लगी , ... " चाय सुड़कती हुयी हम लोगों के प्लानिंग से अनजान उस किशोरी ने पूछा ,
और मेरे मन में कुछ और कौंध गया , मैंने फिर उनकी ओर देखा और गुड्डी के पान ऐसे चिकने गाल को सहलाते उसे और उसके भैय्या दोनों को सुनाया ,
"चलो यार एक दो दिन और फिर मैं तुम्हे ही रोज बेड टी पिलाऊंगी , एकदम स्पेशल ,परसनल वाली , मेरा अपना टच होगा ,बोल पीयेगी न नखड़े तो नहीं बनाएगी। "
free website to upload photos
वो मेरी बात सुनके समझ भी रहे थे जोर जोर से मुस्करा भी रहे थे। लेकिन मेरी भोली ननद उसे क्या मालूम मैं किस 'बेड टी ' की बात कर रही थी। उसने तुरंत सकार दिया , मुझे पकड़ के बहुत दुलार से बोली ,
" एकदम भौजी , अरे हमार मीठी मीठी भौजी पिलाये तो कौन ननद मना करेगी , ये ननद तो कतई नहीं। "
अब उसके होंठों का नंबर था , उन्हें दिखाते हुए मैंने उनकी बहिनिया के होंठों को चूम लिया , हलके से नहीं कचकचा के।
और होंठ छोड़े तो हलके से प्यारी सी एक चपत अपनी टीनेजर ,जस्ट इंटर पास ननद के गाल पे मारती बोली ,
" सुन लो , अगर अब तूने मना किया न , तो तेरे भइया के सामने बोल रही हूँ , जबरदस्ती पिलाऊंगी रोज बिना नागा अपनी बेड टी। " और उनकी ओर आँख मार दी।
free website to upload photos
मैं और मम्मी तो उन्हें 'बेड टी' पिलाती थीं ही , और उनके मायके में भी रोज तो नहीं लेकिन एक दो दिन तो मैंने वहां भी ,... गुड्डी जिस दिन पहली बार आयी थी ,उस दिन ननद के आने की ख़ुशी में तो मैंने उन्हें दिन दहाड़े ही ,...
पर वो हुआ जो मैंने सपने भी भी नहीं सोचा था , वो बोल पड़े ,
" अरे मना क्यों करेगी , ... तुम तो पिलाओगी ही मैं भी अपनी चिरैया को बेड टी पिलाऊंगा " और उनके हाथ भी गुड्डी के कंधे पर,
मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हुआ ,
मैं तो उन्हें ,.. पर वो भी ,.. हाँ चाहती तो मैं भी थी की वो हम लोगो के खेल तमाशे में शामिल हो , पर मैंने तय कर लिया , मुँह के अंदर डाल के नहीं ,... ये चिरैया चोंच खोल के घल घल वो सुनहला शरबत , जिस पर हर ननद का हक़ होता है ,...
और मेरी ननद भी न , जैसे जाल में फंसे कबूतर को अंदाज नहीं होता की वो जाल में है , वो एकदम नारमली ,उसी तरह वो भी हँसते हुए बोली ,
"तो आप लोग बारी बारी से ,.. एक दिन भैया एक दिन भाभी ,.."
हम दोनों ने एक साथ मना किया और एक साथ बोले ,
' अरे नहीं बावरी , बारी बारी से क्यों ,... रोज हम दोनों सुबह सुबह , दो कप बेड टी नहीं पी सकती क्या तू ,.. ?"
free website to upload photos
ननद भाभी का रिश्ता हीं कुछ ऐसा है....Kya masti kar rahi hai nanad bhabhi se, adbhut.
![]()
कोमल छाप संवाद....Gazab samvad,nanad bhabhi ke beech.
Super duper updates, typical Komal trade mark
![]()
बचपन की आस.... तभी तो इशारे-इशारे में 'ऑल लाइन क्लियर' ...मुंह बोली बहन ने ममेरी बहन को अपनी भाभी की बना लिया और रखेल बनने पर राजी भी कर लिया ।