सपने सुहाने लडकपन के...भाग १६६
तैयारी - गीता -तेल मालिश
और साथ में गीता की छेड़खानी , गारियाँ,
"स्साले , इत्ता मस्त माल ,अब तक काहें को छोड़ रखा था , अरे जैसे टिकोरे आये उसी समय चाप देना चाहिए था। पैदाइशी चुदवासी है , अब बोलो गाभिन कब करोगे, छोटे छोटे जुबना से दूध पीना चुसूर चुसूर ,.. नौ महीने बाद। "
वो क्या बोलते ,उनके मुंह में तो बखीर भरी थी।
जवाब भी गीता ने ही दिया ,
" चलो कुछ दिन पेट फुलाने के पहले मौज उड़ा लो ,बहुत दिन से तड़प रहे हो ,... एक दिन वो महीना हो जाए तो हो जाए , लेकिन अगर कही अगली बार पांच दिन वाली छुट्टी ली उसने न , तो समझ लो अपने टोला के पांच दस लौंडो को चढ़ा के गाभिन करवा दूंगी , उसकी चूँची से नौ दस महीने में दूध छल छल तो निकलेगा ही , हाँ तोहरे बीज से गाभिन होई तो ज्यादा निक बा ना ,... "
और अब मालिश का बचा हुआ भाग गीता ने शुरू किया उनके सीने से , बड़े ही उत्तेजक ढंग से अपने जोबन से मालिश कर के , फिर एक कोई मलहम सा उनके दोनों निप्स पर ,
और उसके बाद वो मोटा खूंटा अलसाया सा खड़ा था ,उसका नंबर लगा
पहले गीता की लम्बी चोटी , फिर तने उभार
और होंठ ,
और फिर एक तिला का तेल जिसमें असली सांडे का तेल तो पड़ा ही था उसके अलावा भी बहुत कुछ ,
खूंटे के बेस से लेकर ऊपर तक दो अंजुरी तेल गीता की हथेली ने सिर्फ चूपड़ा बल्कि हलके हलके मल कर पूरी तरह सूखा दिया। अब तक शेर जग गया था , सुपाड़ा तो उनका हरदम खुला ही रहता था ,उसे दबा के ,उसके छेद में भी चार बूँद तेल,
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एक बात कई एक दो मित्रों ने कही भी, समझाइश भी दी लेकिन मैं सब बातें खुलासा लिखती हूँ लेकिन इनके बारे में कुछ बातों में संकोच कर जाती हूँ , खास तौर से जहाँ तारीफ़ करनी हो,
बुराई में, चिढ़ाने में तो नमक मिर्च लगा के,... आखिर मेरी सास के बेटे हैं ( ससुर के हैं या नहीं या असली ससुर कौन है , मेरी सास की समधन ज्यादा अच्छी तरह बताती हैं ) तो मेरे ससुराल वाले ही हुए और ससुराल वालों, वालियों की सास, ननद जेठानी सब की बुराई करना तो बहू का परम कर्तव्य है,... अब कैसे कहूं लेकिन चलिए
मैं मानती हूँ साइज मैटर्स लेकिन मैं मैं ये भी मानती हूँ साइज इज नॉट द ओनली थिंग व्हाट मैटर्स,
सर्वे का जमाना है और टेबल बनाना कैटगरी ये सब,... तो परफारमेंस के मामले में मैं चार कैटगरी,... असल में कमल जीजू वाले पार्ट्स के बाद से कुछ ज्यादा खैर, तो मेरी लिए पहली कैटगरी और सबसे इम्पोर्टेन्ट है फोरप्ले,... अरे लड़की का भी मन करना चाहिए, जब वह एकदम पिघल के खुद अपने से बार बार कहे ( और किसी डेट ड्रग के चक्कर में नहीं पूरे होशो हवास में , और हाँ अगर हर कैटगरी के २५ प्वाइंट रखूँ तो ससुराल के नाते एक प्वांइट तो काटना पडेगा वरना, ये तो देख के बात करके किसी लड़की को बस प्रॉब्लम इनके सीधे होने की थी, और अब तो अपनी सास और मंजू - गीता के चक्कर में इनकी जीभ, पक्के चटोरे,... तो २५ में से २४ कम से कम,
दूसरी चीज है लम्बी रेस का घोडा होना, और ये सेक्स सर्वे की बात नहीं कितनी सहेलियों भाभियों से मैंने सुना है उनके फर्जी हाँ हूँ ओह्ह नहीं , बोलना पड़ता है,... और ये बताया तो मंजू बाई ऐसी पुरानी खेलाडन को इन्होने थेथर कर दिया , तीन बार झाड़ने के बाद जाके कहीं , तो उसमें भी २४,...
और साइज के मामले में मैंने जो कहानी के शुरू में लिखा था, बस जस का तस दुहरा दे रही हूँ,... ये नहीं की शुरू में आप से कुछ और कहा बाद में चेंज कर दिया,... तो बस पहले भाग से,
" जितना मेरी शादीशुदा सहेलियों और भाभियों ने किस्से सुनाये थे , उसके हिसाब से नार्मल ही था। और ' वो ' भी जो मैंने पढ़ा औसत से थोड़ ज्यादा ही होगा।
हम लोग थोड़े दिन के लिए हनीमून पर भी गए लेकिन , हनीमून ठीक ठीक बल्कि अच्छा था , घूमे भी ,मजा भी किया लेकिन कुछ दिन में ही , कुछ पिनप्रिक्स ,
नहीं नहीं ये पिन साइज प्रिक नहीं जैसा मैंने पहले कहा था न ऐवरेज से २० ही रहा होगा जो मैंने भाभियों , सहेलियों से सुना था उसके अलावा कई सेक्स सर्वे पढ़े थे , उसके हिसाब से। हाँ कमल जीजू ऐसा नहीं था , लेकिन उनका तो एब्नार्मल ही कुछ ,…
तो चलिए साइज के मामले में कमल जीजू से २० नहीं तो १८ भी नहीं था , उनका तो लम्बाई में बित्ते भर का सच में पर एक मामले में ये कमल जीजू से २० नहीं २२-२३ हो गए थे और वो था उस मोटू की मोटाई, गीता के पहलौठी के दूध का कमाल,... और मंजू के जड़ी बूटियों की मालिश का,... और आज गुड्डी रानी की असली दुर्गत इसी मोटाई के चक्कर में होने वाली थी,... अच्छी तरह फटने वाली ननदिया की उस बीयर कैन ऐसे मोटे खूंटे से तो इसमें भी २५ में मोटाई का फैक्टर जोड़ के उन्हें कम से कम से कम २२ तो मिलना ही है
और फैक्टर है पुरुष कितना केयरिंग ही जो मेरे लिए सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है और इसमें किसी को भी इनका आधा मिलना भी मुश्किल है,... हलकी सी खरोंच भी मुझे लग जाए तो दर्द के मारे इनकी हालत खराब हो जाती है, और इसमें कोई मना भी करे तो मैं २५ में २६ दूँगी , जबकि किसी और को शायद इसका आधा भी न दूँ,... चलिए २५ में २५ तो कुल जोड़ के ,... १०० में ९५ तो कोई भी मैं बाजी लगा सकती हूँ इनसे कम से कम २० नंबर पीछे रहेगा,...
लेकिन यही इनकी परेशानी भी थी वो केयरिंग वाली बात इसलिए जो मदन आसव ,डबल जोड़ा पलंगतोड़ पान बखीर में तम्माम चीजें उसके पीछे मैं दो चीजें ही सोची थी, एक तो इनकी काम भावना इतनी प्रबल जाय की वो स्साली चीख़ती चिल्लाती रहे, कुछ लड़कियों को जितना दर्द नहीं होता उससे ज्यादा चिल्लाती हैं बस जस्ट छिनरपन , तो उसका उनके ऊपर प्रभाव न पड़े दूसरा असर ये होता की रात भर नान स्टाप चुदाई हो , स्मर का ज्वर इतनी तेज चढ़े इनके सर पे
उनकी बखीर में ,मम्मी ने कही सीधे पहाड़ से मंगाई थी ,शुद्ध शिलाजीत , अश्वगंधा,दो चम्मच कौंच पाक और केसर ,
और मदन मादक आसव , जो गीता ने अपने हाथ से उन्हें पिलाया था
जटामांसी,आंवला, इलायची, सोंठ, पिप्पली, मरिच, जायफल, जावित्री, तेजपत्र, लवंग, सफ़ेद जीरा, काला जीरा, मुलेठी, वचा, कूठ, हरिद्रा, देवदारु, हिज्जल, सुहागा, भारंगी, नागकेसर, काकडासृंगी, तालीश, मुनक्का, चित्रक, दंती, बला, अतिबला, धनिया, दालचीनी, गजपिप्प्ली, शटी, सुगंधबाला, मोथा, गंध-प्रसारिणी, विदारी, शतावरी, अर्क, कौंच, गोखरू, विदारा, भांग, सेमल मुसली, गो-घृत, मधु के अलावा , इसमें मंजू बाई का कुछ पेसल मसाला भी मिला था।
मंजू बाई का पेसल मसाला सिर्फ मंजू बाई को ही मालूम था और बहुत खास मौकों पे जैसे कोकाकोला वाले अपने X फार्मूले के बारे में किसी को नहीं बताते एकदम उसी तरह और उस का असर मंजू बाई के ही शब्दों में
" यह सिर्फ न ताकत बढ़ाता था , एक बकरे को भी सांड बनाने की ताकत रखता था बल्कि , कर्टसी मंजू बाई के उन पेसल मसाले के , ये एकदम एट्टीट्यूड भी बदल देता था। आधे पौन घंटे में इसका असर होता था और अगले चार पांच घंटे तक ,आदमी सिर्फ एक लंड की तरह सोचता था। सामने अगर कोई चूत हो तो बस चाहे वो चीखे चिल्लाए , चाहे फट के हाथ में आ जाए ,चाहे चिथड़े चीथड़े हो जाए , वो बिना पेले नहीं छोड़ेगा। और जब तक झड़ेगा नहीं अपना मूसल तूफान मेल की तरह पेलता रहेगा। "
और जो पहले ही सांड़ हो,... आप सोच सकते हैं की आज गुड्डी रानी की क्या हालत होने वाली है
इसमें से हर जड़ी कामोत्तेजक नहीं थी पर यह थकान को भगाने ( लगातार १२ घंटे तक पिस्टन अंदर बाहर होना था ), चिंता कम करने ( और यही मेरी सबसे बड़ी चिंता थी, चिंता छोड़ चिंतामणि,... वो स्साली झूठ मूठ की चीखती और ये बजाय झिल्ली फाड़ने के, 'क्या हुआ;, कहने लगते ) और दीर्घ कालिक वीर्यवर्धक ( ननद रानी को अपने अपने भैया से गाभिन भी तो होना था , आज रात नहीं लेकिन जल्दी ही ) .
तो जैसे जटामांसी -ये औषधीय जड़ी बूटी लुप्तप्राय: है और अंग्रेजी में इसे मस्क रुट कहते हैं। सुश्रुत-संहिता में व्रणितोपसनीय जटामांसी का उल्लेख मिलता है. यह अत्यंत वीर्यवर्धक और थकान को दूर करता है।
नागकेसर या नागचम्पा के फलों में दो या तीन बीज निकलते हैं और उनसे लेकिन असली चीज है सही अनुपात , सही ढंग से तैयार किया जाए।
लेकिन कुछ एकदम कम्मोतेजक भी थी, ... शुद्ध शिलाजीत जिसके बारे में मजमे वालों ने सबको बता रखा है।
पूरे होने के दिन आए गोरी...
दुल्हन के साथ दूल्हे की तैयारी...
कोई-कोई हीं इन बारीकियों पर ध्यान देता है...
और क्या जबरदस्त तैयारी हो रही है..