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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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जोरू का गुलाम भाग १७२

खून खच्चर -आधी रात को



ये चोद रहे थे ,पूरी ताकत से अपनी कुँवारी किशोरी बहना को

और एक बार फिर से उस की चीखें सिसकियों में बदल गयी

गुड्डी ने अपने भैय्या को अपनी कोमल बांहो में भींच लिया , जोर से अपनी ओर खिंच लिया ,




वो काँप रही थी , देह उसकी फिर ढीली पड़ रही थी ,


दूर कहीं से बारह का घंटा बजा ,

टन टन टन टन ,

और उन्होंने एक बार फिर लंड बाहर तक निकाल के जोरदार ठोकर सीधे उसकी बच्चेदानी पर ,... और अब वो भी उसके साथ ,..

उन्होंने भी अपनी बहन को जोर से भींच लिया ,उनका मूसल सीधे उनकी बहन की बच्चेदानी पर ,




वो भी झड़ रह थे , वीर्य की पहली फुहार उस कुँवारी की चूत में ,


टन टन टन टन ,

मैं ये सोच रही थी आज इस ननद रानी को मैंने अगर पिल्स न खिलाई होती तो ये शर्तिया गाभिन हो जाती।

कुछ देर रुक कर फिर थक्केदार गाढ़ी मलाई उनकी ममेरी बहन की चूत में


टन टन टन टन,

बारह का घंटा बजना बंद हो गया था लेकिन उनका झड़ना नहीं रुका था ,और वो भी जैसे उन्हें निचोड़ रही हो.



आठ दस मिनट तक दोनों भैया बहिनी एक दूसरे की बाँहों में बंधे,

पलंग पर चूड़ी के टुकड़े बिखरे पड़े थे , दोनों हाथों में उसने दो दो दर्जन चूड़ियां पहनी थी , एक दर्जन भी नहीं बची होंगी।

……………………………………………..

धीमे धीमे पल भर के लिए उसके ऊपर से वो हटे ,

और उनकी बहना की जाँघों के बीच गाढ़ी सफ़ेद थक्केदार मलाई अभी भी बह रही थी, किशोर जाँघे भी वीर्य से लथपथ थीं और उस के बीच




लाल लाल धब्बे ,सिर्फ उसकी जाँघों पर ही नहीं , बल्कि सफ़ेद चददर पर भी लाल दाग

दो चार बूंदे नहीं बल्कि , जाँघों के नीचे की चादर लाल , सफ़ेद धब्बो से पूरी तरह डूबी हुयी ,





पर उन्होंने एक बार फिर गुड्डी की अपनी बाँहों में भींच लिया और उसे चूमने लगे ,


हाँ उनका ' वो ' अभी भी ,... झड़ने के बाद भी वैसे का वैसा तना ,

गुड्डी थकी हारी ,देह उसकी जैसे दर्द से टूट रही हो , पर जब उन्होंने उसे अपनी बाँहों में भींचा

वो भी उनकी बाहों में आ गयी।




उनकी ममेरी बहन ,उनकी बाहों में खो गयी और मुझे भी नींद की झपकी आ रही थी,... दो रातों से लगातार जगी थी , परसों जेठानी और जेठानी के देवर के साथ, कल ननद और भैया के साथ,... और ये भी अभी झड़े थे,... इनके माल की भी दर्द से हालत खराब थी तो अभी दस मिनट तो कुछ होने का नहीं था,...

आज कितनी भी नींद आये मुझे रतजगा करना ही था ,

कितने दिन से मैं इसी का तो इन्तजार कर रही थी इन्हे इनकी 'सीधी साधी बहन ' के ऊपर चढाने की,...

उसकी कच्ची कोरी,... कोई सहेली पूछेगी हे तेरी गुल्लक किसने फोड़ी तो कुछ शर्माते कुछ हँसते वो यही बोलेगी ,

"अरे उसी ने जिसे दो साल पहले फोड़ देना चाहिए था था , जब मैं दसवीं में थीं , लेकिन देर आयद,... दुरुस्त आयद,..."

तो मैं किचन में गयी और झटपट गरम गर्म काफी का बड़ा सा मग, ... नींद भगाने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं था,...

सीन ज्यादा नहीं आगे बढ़ा था , वैसे भी कई कैमरे वीडियो रिकार्डिंग कर रहे थे और जब ये आफिस चले जाएंगे तो आराम से हर एंगेल से,


भैया बहुत दर्द हो रहा है,...

वो छिनार बोल रही थी, लेकिन सच में उससे उठा नहीं जा रहा था , एकदम दर्द में चूर,... लेकिन मैं चाहती थी की वो उठे,...

मुझे कुछ देखना था, रिकार्ड भी करना था स्टिल पिक्स ४ x में ज़ूम कर के, ...

बड़ी मुश्किल से उसके भैया ने अपनी जस्ट चुदी कुँवारी टीनेज बहन को सहारा देके हलके हलके, जरा सा हिलते ही उसकी चीख निकल जाती,

अभी तो ननद रानी की चीखें निकलनी शुरू हुयी हैं, अभी तो बहुत मोटे मोटे ,... मैं सोच सोच के मुस्करायी,... और फिर एकदम से उठा के पलंग के सिरहाने की ओर अपनी गोद में, पर इतने में ही वो जोर से से चीखी,....

भैया बहुत लग रहा है , आराम से सम्हाल , ... दो आँसू उसके गोरे गोरे गाल पर ढलक पड़े,... और उन्होंने सम्हाल के के सहारा देके उसे अपनी गोद में अपनी गॉड में अपनी ताज़ी ताज़ी चुदी बहन को बिठा लिया,

और मैं जोर से चीख उठी , अभी गुड्डी जैसे चीखी थी उससे भी ज्यादा तेज,... दर्द से नहीं ख़ुशी से ,



सफेद नयी चादर पर जो बेला चांदनी के सफ़ेद सफेद फूल बिछे थे कुचले मसले जैसे मेरी ननद मसली हुयी लग रही थी ,

लेकिन वो सफ़ेद फूल अब एकदम जवाकुसुम की तरह अरुणिम लग रहे थे , कम से कम दो चार बित्ते तक लाल लाल धब्बा सब सफ़ेद धवल फूल लाल हो गए थे ,... मैंने कैमरे को ज़ूम कर के ढेर सारे स्टिल

और पता नहीं उनके या गुड्डी के पैर से लग के वो खून में सने फूल सरक गए,... और उसके बाद तो देख के एकदम सफ़ेद नयी चादर,




हचक के फटी थी गुड्डी रानी की,...




चादर अच्छी तरह खून से सनी, दो चार बूँद नहीं कम से कम एक डेढ़ फिट तक खूब गाढ़ा और उसके बाहर के इलाके में भी फटी चूत के खून के छींटे,...


ये चादर तो मुझे अच्छी तरह सम्हाल के रखनी है, लेकिन पहला काम था उसके भी पिक्स और कैमरे को ज़ूम कर के,....



वो अपने भैया के गोद में बैठी थी,... और उसके भैया ने हलके से अपनी बहन की टाँगे सीधी की और मैंने देख लिया, बिल जो अभी फटी थी

एकदम खून से लथपथ सिर्फ चूत के मुहाने पे रक्त के धब्बे नहीं थे बल्कि चूत से चिपक के जांघ के अंदरूनी हिस्से में भी खून अच्छी तरह लगा था , और लाल के बीच बीच सफ़ेद सफ़ेद बहिनी के चूत से निकलते अभी भी बहते वीर्य के धब्बे,...




कैमरे को ज़ूम कर के चूत के ऑलमोस्ट अंदर तक, दर्जनों पिक्स मैंने खींच ली,
इतनी ख़ुशी हो रही थी बता नहीं सकती

उस 'सीधी साधी ननद ' की हचक के फटी थी, वो भी मेरे आँखों के सामने , और क्या खून खच्चर हुआ और सब की सब रिकार्ड, फिर फाड़ने वाला ननद का भाई,....

और तब तक उनका मूसल भी दिखा अभी भी थोड़ा थोड़ा तना , और मूसल के मुंह पे खून लग गया था




अब एक बार खून लग गया फिर तो खुद ही


फटी चूत की खून से लथपथ ननद की चूत मैंने एक फोल्डर में समेट ली , बहुत इस्तेमाल होने थे इन पिक्स के , एक तो कल सुबह ननद रानी के जो चार चार फेसबुक पेज हैं सब पे उनकी स्टेटस अपडेट होनी थी इस खून में लथपथ चूत के साथ बिन कहे ही ये पिक सब कह देती , फिर दिया को भी,... उसकी क्लास मेट्स का जो व्हाट्सएप ग्रुप है और हो सकेगा तो उसके फोन में भी उसकी डीपी में भी यही चेंज कर के डाल दूंगी।

और इन सब से निबट कर के मेरी निगाह एक बार फिर से गुड्डी रानी की ओर ,

गुड्डी रानी की हालत खराब थी , गोरी के गोरे गाल , छोटे छोटे टेनिस बाल साइज के जुबना ,सब पर दांत के नाखून के निशान,
 
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komaalrani

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रात अभी बाकी है, बात अभी बाकी है

( बहन की सुहागरात -भैया के साथ )





फटी चूत की खून से लथपथ ननद की चूत मैंने एक फोल्डर में समेट ली , बहुत इस्तेमाल होने थे इन पिक्स के , एक तो कल सुबह ननद रानी के जो चार चार फेसबुक पेज हैं सब पे उनकी स्टेटस अपडेट होनी थी इस खून में लथपथ चूत के साथ बिन कहे ही ये पिक सब कह देती , फिर दिया को भी,... उसकी क्लास मेट्स का जो व्हाट्सएप ग्रुप है और हो सकेगा तो उसके फोन में भी उसकी डीपी में भी यही चेंज कर के डाल दूंगी।

और इन सब से निबट कर के मेरी निगाह एक बार फिर से गुड्डी रानी की ओर ,

गुड्डी रानी की हालत खराब थी , गोरी के गोरे गाल , छोटे छोटे टेनिस बाल साइज के जुबना ,सब पर दांत के नाखून के निशान,

लेकिन वो उसकी ये हालत करने वाले की गोद में प्यार से बैठी थी , उसके छोटे छोटे चूतड़ अपने भैया की जाँघों पर , उनका एक हाथ उसके जोबना पर ,



और अभी भी गुड्डी ज़रा सा अपनी पोजीशन बदलती तो उसकी चीख निकल जाती। उस किशोरी की जाँघों के बीच सफ़ेद लाल थक्के अभी भी थे।

गुड्डी के एक हाथ में दूध का बड़ा सा ग्लास ,... वही जो मैंने उन दोनों के लिए बनाया था दो बड़े दसहरी आमों के पल्प के साथ औटा कर ,



मैं रोकते रोकते भी फ़्लैश बैक में चली गयी ,

भाभी आप मेरे भइया के सामने नाम भी मत लीजियेगा ,



और जब मैं आम खा रही थी तो कितनी नसीहतें इसी ननदिया ने दी थी ,

ये क्या कर रही है भाभी ,..


तभी तो बाजी लग गयी और जीती मैं ही ,उन्होंने गुड्डी को अपनी भाभी के सामने अपने हाथ से , और फिर ,...





गुड्डी बड़े इसरार के साथ अपने भइया को पिला रही थी और उन्होंने गुड्डी का दूसरा हाथ अपने तन्नाए खूंटे पर रख दिया ,

उन्होंने तो अपनी ममेरी बहना का हाथ सिर्फ अपने खूंटे पर रखा था , पर वो हलके हलके सहलाने लगी , उसी दुष्ट को जिसने अभी थोड़ी देर पहले उसकी फाड़ कर रख दी थी।



दूध में दो आमों के पल्प के साथ बादाम पाक , केसर और चुटकी भी स्वर्ण भस्म भी पड़ी थी।

जो दूध गुड्डी उन्हें पिला रही थी , वो उनके होंठों से उनकी बहना के होंठों से ,गुड्डी के अंदर भी जा रहा था।

थोड़ा सा आम का पल्प निकाल कर उन्होंने गुड्डी की कच्ची अमिया पर भी लपेट दी।



" भैय्या आप बहुत गंदे हो , मुझे भी ,.. चलिए आप ही से साफ़ करवाउंगी ,"



बड़े ही शोख अदा से वो छोरी बोली , और जब तक वो कुछ समझते , गुड्डी ने ग्लास वापस टेबल पर रख दिया और अपनी कच्ची अमिया सीधे उनके होंठों पर रगड़ने लगी ,और जब वो अपने होंठों में उसके निप्स पकड़ने की कोशिश करते तो वो अपने टिकोरे हटा लेती।

दो चार बार उन्हें तड़पाने के बाद , गुड्डी ने अपने भैय्या के मुंह में अपनी कच्ची अमिया खुद ठेल दी।

ये तो उनकी बहन को भी मालूम था और उसने खुद मुझसे कबूला था की जब वो हाईस्कूल में आयी थी तबसे उसके भैय्या उसके कच्चे टिकोरों को देख कर ललचाते थे , और उसे भी बहुत अच्छा लगता था ,...

थोड़ी देर चूसते चुभलाते रहे वो , फिर उनका दूसरा हाथ अपनी बहन के दूसरे जोबन पर , एक चूसा जा रहा था , दूसरा रगड़ा मीजा जा रहा था



गुड्डी अब अच्छी तरह अपने भैय्या की गोद में आ गयी थी। उसका एक हाथ कस के भइया के पीठ पर और दूसरा भैया के मोटे बौराये तन्नाए लंड पर ,...

गुड्डी के छोटे छोटे कोमल हाथ में तो वो पूरी तरह नहीं आ रहा था पर जितना आ रहा था , उतना ही पकड़ के वो मुठियाने की कोशिश कर रही थी ,



सच में मेरी छुटकी ननदिया में सेक्सुएलिटी कूट कूट कर भरी थी।
और उसके भइया ने उसे धकेल कर पलंग पर ,...

पर अभी भी उनके होंठों के बीच से अपनी किशोरी बहना के चुचुक बाहर नहीं निकले थे ,उसके ऊपर लेटे लेटे उस टीनेजर के एक जोबन को वो चूस रहे थे दूसरे को मसल रहे थे , ....

" तू कह रही थी न मैंने तुझे गन्दा कर दिया ,अभी बताता हूँ ,.. "


वो उस शोख को चिढ़ाते हुए बोले , और ग्लास से बचा खुचा पल्प निकाल कर उसकी चूत पर लिथेड़ दिया।





" भैय्या , गंदे गंदे , गंदे गंदे "... वो शरारत से चीखी ,

पर ये तो एक बहाना था उनके लिए उसकी नयी फटी चूत को चखने का , उनके होंठ उस टीनेजर की चूत पर लगे दूध में डूबे पल्प को साफ़ कर रहे थे




और अब दोनों हाथ दोनों कच्ची अमिया का मजा ले रहे थे।

चूत चटोरे तो वो पैदायशी थे, और आज बचपन का माल मिला था , वो भी कुँवारी कच्ची कसी कसी ताज़ी फ़टी चूत ,
वो भी अपनी बहन की कसी चूत ,
मेरी निगाह भी टीवी पर गड़ी थी , उनकी जीभ उनकी ममेरी बहन की गुलबिया के चारों ओर , बस जीभ की नोक ,

और वही काफी थी उसे तड़पाने के लिए ,

पर वो अपनी ममेरी बहन को इत्ती आसानी से नहीं छोड़ने वाले थे ,और अब उनकी जीभ लपड़ लपड़ उस टीनेजर की ताजा चुदी चूत पर थोड़ी देर में गुड्डी रानी की हालत ख़राब ,



कुछ देर में चीख चीख कर , रो रो कर उसकी बुरी हालत हो रही थी , अब सिसक सिसक कर , मस्ती में उसकी बुरी हालात हो रही थी ,

और उसकी ये हालत देख कर मुझे भी खूब मस्ती चढ़ रही थी ,

आखिर उसके बुर की बुरी हालत करने वाले उसके प्यारे भैय्या ही तो थे।
लेकिन उस बिचारी को क्या मालूम था की अभी तो बस शुरुआत हुयी है ,
 

komaalrani

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फिर चढ़े भैया, बहिनिया पर

( दूसरा राउंड )





कुछ देर में चीख चीख कर , रो रो कर उसकी बुरी हालत हो रही थी ,अब सिसक सिसक कर , मस्ती में उसकी बुरी हालात हो रही थी ,और उसकी ये हालत देख कर मुझे भी खूब मस्ती चढ़ रही थी ,

आखिर उसके बुर की बुरी हालत करने वाले उसके प्यारे भैय्या ही तो थे।

लेकिन उस बिचारी को क्या मालूम था की अभी तो बस शुरुआत हुयी है ,

थोड़ी देर में उन्होंने अंगूठे से अपनी बहिनिया की बिलिया को थोड़ा फैलाया और फिर हचाक , क्या कोई लंड पेलेगा ,जिस तरह से उन्होंने अपनी जीभ अपनी ममेरी बहन की चूत में ठेली , फिर चारो ओर हलके हलके और थोड़ी देर में सटासट सटासट




मस्ती में मेरी ननद की हालत खराब थी ,उसकी आँखे बंद हो रही थीं , दोनों हाथों से उसने बेडशीट जोर से दबोच रखी , जीभ के हर धक्के के साथ ननद की सिसकी निकल रही थी। और फिर उन्होंने गीयर चेंज कर दिया साथ साथ गुड्डी की कुँवारी चूत के गुलाबी पपोटों को लेकर वो जोर जोर से चूसने लगे ,जीभ अंदर दंगा मचा रही थी।

कुछ ही देर में उनकी ममेरी बहन पलंग पर बित्ता बित्ता भर चूतड़ पटक रही थी लग रहा था अब झड़ी तब झड़ी ,

पर तड़पाने में उनका सानी नहीं था ,
और वो भी तो अपने कच्चे टिकोरे दिखा दिखा के ,ललचा ललचा के उन्हें तड़पा रही थी ,

उन्होंने अपनी ममेरी बहन की सोनचिरैया से अपनी जीभ निकाल ली ,चाटना भी बंद कर दिया और बस ,...
थोड़ी देर में

वो आलमोस्ट नार्मल ,...

और अब जो वो शुरू हुए तो सीधे तीसरे गियर में और अबकी उन्होंने अपने होंठों के बीच अपनी ममेरी बहन के निचले गुलाबी रसीले होंठों को कस के दबोच लिया था और जोर जोर से चूस रहे थे , कुछ देर में जीभ उनकी उस किशोरी की कुँवारी चूत की फांको के बीच,



गुड्डी की एक बार फिर बड़ी बड़ी दियली ऐसे आँखे बंद हो चुकी थीं , चेहरे पर एक अजब सी मस्ती छायी थी , कुछ ही देर में वो फिर सिसकने लगी,उसकी रेशमी जाँघे अपने आप फ़ैल रही थी , दोनों हाथों से उसने अपने बचपन के यार के सर को कस कर दबा रखा था , अपनी ओर भींच रखा था ,

कुछ ही देर में गुड्डी की सिसकियाँ बढ़ने लगी ,वो खुद अपने चूतड़ उचका उचका कर ,...

पर अबकी वो रुक नहीं रहे थे ,चूत की चुसाई , और जीभ से चूत के अंदर बाहर ,.. अंदर बाहर

एक बार फिर गुड्डी झड़ने के कगार पर पहुँच रही थी ,मुझे लगा वो अब गयी ,तब गयी , और ऊपर से उन्होंने जीभ बाहर निकाल के ,

हलके से जीभ की टिप से उसकी क्लिट को सहला दिया



जैसे ४४० वोल्ट का झटका लगा हो ,
उनकी बहन ने झड़ना शुरू कर दिया था ,


पर वो , इतनी आसानी से थोड़े ही आज अपनी बहन को झड़ने देने वाले थे ,वो भी बहुत तड़पे थे। जोर से उन्होंने उसके ताजे आये निप्स को कस के मरोड़ दिया , दर्द से वो बिलबिला गयी।



वो जोर से चीखी , और मेरे चेहरे पे मुस्कान फ़ैल गयी


वो समझ गए थे इसकी असलियत , दर्द और मजे दोनों में ही इसे मजा मिलता है।

लेकिन उन्होंने उसके निपल को मरोड़ना नहीं छोड़ा ,और गुड्डी की आँखों में आंसू तैर गए।


उन्होंने अपनी ममेरी बहन की बुर पर से होंठ हटा लिया और बस थोड़ी देर में ही मस्ती ख़तम हो गयी।

दो चार मिनट रुकने के बाद वो फिर चालू हो गए , लेकिन अबकी थोड़े स्लो मोशन में,पहले उन्होंने जाँघों से शुरुआत की छोटे छोटे चुम्मो से, फिर भगोष्ठों के बाहरी भाग के किनारे किनारे जीभ की नोक से रगड़ा , और भगोष्ठों के बीच,



गुड्डी एक बार फिर सुलग रही थी ,

उन्होंने उस छोरी के सिर्फ एक लव लिप्स को अपने होंठों में लेकर हलके हलके चूसना शुरू किया , फिर, दोनों निचले होंठ उनके होंठों के बीच ,वो उस यंत्र वाली की टीनेजर चूत बस हलके हलके चूस रहे थे , चूत खूब गीली हो रही थी। गुड्डी ने एकबार फिर अपनी मुट्ठी भींच ली थी ,उसकी आँखे बंद हो गयी थी ,साँसे लम्बी लमबी चल रही थी ,पर वो उसी तरह धीमे धीमे चूस रहे थे , और अब उनकी जीभ एक बार दोनों फांको के बीच तेजी से फ्लिक करने लगी ,

जादू की तरह असर हुआ मेरी ननदिया पर ,

ओह्ह्ह ुह्ह्ह्ह हाँ हाँ भइया ,.. ओह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ नहीं नहीं हाँ ओह्ह भैय्या क्या कर रहे हो ,... भइय्याँआ ओह्ह्ह्हह्हहह

वो एक बार फिर चूतड़ पटक रही थी , और उन्होंने जीभ को उसकी चूत से हटा कर सीधे उसकी क्लिट पर लगा दिया,

बस बित्ते भर चूतड़ पटका उसने , क्या चीखी मस्ती से वो ,


अबकी जो उन्होंने होंठ हटाया तो बस सीधे से अपना मोटा मूसल एक झटके में अंदर ढकेल दिया।



उनकी ममेरी बहन की टाँगे उनके कंधे पर थीं ,जाँघे खूब फैली और उसके बीच में उस टीनेजर के भइया का मोटा खूंटा अंदर घुसा ,

दोनों गोरी गोरी चूड़ियों से भरी नरम कलाइयां उनकी बहन की उनके हाथ में कस के जकड़ी , और अब गुड्डी की चूत पूरी तरह इनकी गाढ़ी थक्केदार मलाई से भरी हुयी थी , जबरदस्त चूत चुसाई से भी वो गीली हो गयी थी ,इसलिए लंड सटासट अंदर जा रहा था ,लेकिन अभी थोड़ी देर पहले ही तो फटी थी उसकी ,और उमर भी उस टीनेजर की बारी ,

कभी वो सिसकती तो कभी चीखती , लेकिन तभी जाने या अनजाने ,उनका लंड ,शायद जहां उसकी झिल्ली फटी थी बस वहां से जोर से रगड़ते हुए
और जोर से चीखी वो ,


उय्य्यी उईईईईई ओह्ह्ह्ह जान गयी ईईईईईई नहीं उईईईईई


मेरी चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , अबकी उन्होंने जान बूझ कर उसी जगह पर एक बार फिर से और ताकत से रगड़ते हुए,

भैय्या , नहीं भईय्या उफ्फ्फ निकाल लो , उईईईईईई लगता है , ओह्ह्ह्हह्

जैसे कान फट जाय वैसी चीख ,एक के बाद एक ,...

पर वो रगड़ रगड़ कर ,और दो चार धक्को के बाद जिस ताकत से उन्होने पूरा मूसल निकाल के ठेला ,

सीधे बच्चेदानी पर , और अबकी गुड्डी की चीख,



ऐसे धक्के पर तो मेरी सास की भी चीख निकल जाती , और हर तीसरा चौथा धक्का सीधे उस किशोरी की बच्चेदानी पर ,

नतीजा वही हुआ जो होना था ,कुछ देर तक तो वो दर्द से तड़पती रही पर चीखें उसकी सिसकियों में बदल गयीं ,देह उसकी ढीली पड़ गयी ,साँसे लम्बी हो गयी

और अब जो मेरी ननद ने झड़ना शुरू किया तो उसके भइया रुके नहीं ,उसी तरह धक्के पर धक्के

वो बार बार काँप रही थी ,रुक रुक कर झड़ रही थी ,उसकी बोली नहीं निकल रही थी ,एकदम थेथर ,
 
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पायल की झंकार



और अब जो मेरी ननद ने झड़ना शुरू किया तो उसके भइया रुके नहीं ,उसी तरह धक्के पर धक्के
वो बार बार काँप रही थी ,रुक रुक कर झड़ रही थी ,उसकी बोली नहीं निकल रही थी ,एकदम थेथर ,

पर वो आज तो जैसे ,.. बस उन्होंने थोड़ा सा पोज चेंज किया , गुड्डी को उन्होंने दुहरा कर दिया , उस कोमल किशोरी के घुटने उसके पेट से लगे , और उनके दोनों हाथ उस गोरी के चूतड़ पर ,एक बार फिर धक्के पर धक्के



वो न उसके उरोजों को छू रहे थे न कोई चुम्मा चाटी , सिर्फ धक्के पर धक्के


लेकिन अब धक्के वो रुक के लगा रहे थे , एक बार लंड जड़ तक घुसा कर फिर धीमे धीमे पूरा निकाल कर फिर एक झटके में पूरी ताकत से एकदम जड़ तक पेल देते
,

हर धक्के के साथ जो झटका लगता तो गुड्डी के पैरों की हजार घुंघरुओं वाली पाजेब गुनगुना उठती। उस कुँवारी के पैरों में बिछिया झनक उठती। उस टीनेजर, कुँवारी बहिना के पैर अपने भैया के कंधे पर चढ़े और उसके भैया अपनी कच्ची उमर वाली कमसिन बहिनिया पर चढ़े





हर धक्का सीधे बच्चेदानी से लग रहा था और जड़ तक घुसेड़ने के बाद ,अपने खूंटे के बेस से उस किशोरी की क्लीट वो कस कस के रगड़ देते ,

अब नीचे उनकी बहन भी अपने चूतड़ हलके से ही ,लेकिन , उठा देती ,


और मेरी ननद की कमर की चांदी की करधनिया भी जैसे वो चूतड़ उठाती ,झनझना उठती।



गुड्डी थी दर्द से चूर थी लेकिन कोशिश कर रही थी अपने भैय्या का साथ देने का , इस धुंआधार चुदाई का असर भी दस बारह मिनट में आ गया जब वो एक बार फिर झड़ने लगी ,

लेकिन फिर वो नहीं रुके

वो चोदते रहे ,

वो झड़ती रही

वो चोदते रहे ,अपनी बहन को ,...



मेरा व्हाट्स ऐप पर कोई मेसेज आया , मैंने इग्नोर किया मेरी निगाह अपनी ननद से चिपकी थी।

अब उस का झड़ना बंद हो गया था , वो लस्त पस्त बिस्तर पर थकी पड़ी थी, वो भी जैसे पल भर के लिए ठहर गए थे ,लेकिन मूसल पूरी तरह अंदर था ,.




मैं मेसेज देखा।

सिर्फ दो शब्द ,

" चुद गयी ?


टिपिकल दिया।




मैंने सामने टी वी से एक स्क्रीन शॉट लेकर जवाब में व्हाट्सऐप कर दिया,

फिर मेसेज आया ,

," राउंड नंबर ?"

" दो " मैंने जवाब दिया और उलटे पूछा,

" और तुम ?"



फिर जवाब आया

" अरे भाभी आपकी पक्की ननद हूँ ,खाने में उपवास हो जाए नीचे वाले मुंह को मैं भूखा नहीं रखती। भैय्या ने अभी छोड़ा , चलिए अब मेरी सहेली भी मेरी तरह ,अपने भइया से,... "

और फिर मेसेज से दिया सीधे वीडियो काल पर आ गयी। मैंने प्रॉमिस किया कल सुबह सुबह उसकी सहेली की फटने की वीडियो रिकार्डिंग उसे व्हाट्सएप कर दूंगी।

फिर दिया ने जेठानी की हाल चाल बतायी।

दिया के गुर्गे ,शाम के ७ बजे के आसपास चले गए थे ,फिर नहा धो कर सीधे पल्ले की साडी पहनकर ,जेठानी मेरी एक बार फिर से संस्कारी बहू बन गयी थीं।




दिया आठ बजे के करीब चली आयी थी ,लेकिन जेठानी का ही फोन उसके पास आया था , दस बजे के करीब। सासु जी और जेठ जी साढ़े नौ बजे के करीब आ गए थे। सासु जी ने खुद जेठानी को पहुंचने के बाद मेरे यहां आने का प्रोग्राम ,मेरी जेठानी को बता दिया।

जेठ जी ने हालांकि बोला भी की उसी पीरियड में उन्हें हफ्ते भर के लिए बम्बई ट्रेनिंग में जाना है , तो जेठानी जी ने ही उन्हें चुप करा दिया ,

' तो क्या हुआ ,दो चार दिन मैं अकेले नहीं रह सकती क्या। 'और अपनी सास से भी बोलीं, " अरे माता जी आप आराम से जाइए और जब तक मर्जी हो रहिएगा, वो भी तो आपका ही घर है , इस बार वो लोग आपसे मिल भी नहीं पाए,... मैं सब सम्हाल लूंगी, फुरसत से आइयेगा। मुझे कोई परेशानी नहीं होगी। "





मैं समझ गयी , एक बार जेठानी के हड़काने के बाद जेठ जी की हिम्मत नहीं थी दुबारा टांग अड़ाएं।

यानी अब सासू जी का यहाँ आना पक्का ,और जेठानी जी का चंपा बाई के कोठे पर चढ़ना पक्का।


दस मिनट तक दिया से गप्पें होती रहीं ,जब वो सोने चली गयी ,वीडियो काल बंद हुयी पर मेरी निगाह टीवी की ओर, एक पल का भी भैया बहिनी का सीन मैंने मिस नहीं किया

गुड्डी खूब जोर में थी ,पायल करधनी बिछुए सब की आवाजें गूँज रही थीं।

सिसकियाँ और चीखें दोनों साथ साथ ,




वो भी बिना रुके धक्के पर धक्का ,

और अबकी गुड्डी झड़ी तो साथ साथ वो भी , देर तक ,... और उसी के ऊपर ढेर हो गए।





मेरी निगाह घडी पर पड़ी , पौने दो हो रहे थे।

मान गयी मैं इन्हे पहला राउंड पूरे एक घंटे का था और अबकी तो एक घंटे से भी ज्यादा क्या हचक हचक के चोदा अपनी बहिनिया को ,

लेकिन अब बेचारी उठने लायक नहीं थी टाँगे छितरी , मलाई जाँघों तक बह रही थी




और उसका भाई भी उसके अंदर धंसा , आधे घंटे तक उसके अंदर ही फिर जैसे बाहर निकाला तो गुड्डी ने खुद उसे रोक लिया, फिर कुछ देर वो ऐसे ही,


मैं किचेन में काफी का मग रख के आयी , मम्मी से बात भी हुयी और दो ढाई बजे तीसरा राउंड

क्या सीन था , वो पलंग तोड़ पान का जोड़ा , उनकी ममेरी बहन के हाथ में ,उन्हें दिखा के ललचा रही थी , फिर गप से उस किशोरी ने अपने मुंह में ,
 
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🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥💋💋💋💋💋💋👅👅👅👅👅👅👅👅
Itna madak
Itna rasbhara
Itna kamuk...


Aur abhi bhi baki he...
Ufffffffffffffffffffffff komal ji..
Mja aa gya💋
Thanks so much,

You are the first to like these posts and first to make comments,

yes,...raat abhi baaki ,.... aur subah to aur jordaar honi hai

Thank U GIF by Alex Trimpe
 

motaalund

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Yes, about both,

but about workarounds, does not work with classics and secondly some green-eyed monster will point it out to marauding mods, who being trigger happy and having seen too many westerns shoot from their hips. It has happened with this story too as i had stopped posting in this thread for more than two months, as some poltergeist, (name had something to do with rock) stooped to abysmal lengths and when some of my friends started paying him in the same coins, mods steeped in and threw baby with the bathwater. comments criticizing those unsavory posts too were deleted. I came back with laden feet posted a long post supporting my friends and saluting them, risking their persona who came out to support me and started posting.

secondly, sometimes one is threatened that story will be shoved in some private dungeon from where even cries cannot be heard, till you reform, so sensing that and to save my beloved story i made some changes in this story too and in a way that it did not interrupt narration. so I am leaving a few stories. confined to memory.
On social media platform, diverse views poured in and those monsters are keeping a tab even on minor deviation of the forum rules.
Some people likes, some dislikes and some abhor to an extent that is compared to stalking or you can say spamming.
But I think barring one or two almost all followers of stories are dedicated, committed and liking your way of presentation and narration of the story.
I am one of those who was self compelled to register on site to offer a balanced view on these stories.

I appreciate your gesture and want to say thank you that you offer changes in the story so that no one feels bored even those who have read the story earlier.
 

Rajizexy

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जोरू का गुलाम भाग १६८

खून खच्चर -आधी रात को



ये चोद रहे थे ,पूरी ताकत से अपनी कुँवारी किशोरी बहना को

और एक बार फिर से उस की चीखें सिसकियों में बदल गयी

गुड्डी ने अपने भैय्या को अपनी कोमल बांहो में भींच लिया , जोर से अपनी ओर खिंच लिया ,




वो काँप रही थी , देह उसकी फिर ढीली पड़ रही थी ,


दूर कहीं से बारह का घंटा बजा ,

टन टन टन टन ,

और उन्होंने एक बार फिर लंड बाहर तक निकाल के जोरदार ठोकर सीधे उसकी बच्चेदानी पर ,... और अब वो भी उसके साथ ,..

उन्होंने भी अपनी बहन को जोर से भींच लिया ,उनका मूसल सीधे उनकी बहन की बच्चेदानी पर ,




वो भी झड़ रह थे , वीर्य की पहली फुहार उस कुँवारी की चूत में ,


टन टन टन टन ,

मैं ये सोच रही थी आज इस ननद रानी को मैंने अगर पिल्स न खिलाई होती तो ये शर्तिया गाभिन हो जाती।

कुछ देर रुक कर फिर थक्केदार गाढ़ी मलाई उनकी ममेरी बहन की चूत में


टन टन टन टन,

बारह का घंटा बजना बंद हो गया था लेकिन उनका झड़ना नहीं रुका था ,और वो भी जैसे उन्हें निचोड़ रही हो.



आठ दस मिनट तक दोनों भैया बहिनी एक दूसरे की बाँहों में बंधे,

पलंग पर चूड़ी के टुकड़े बिखरे पड़े थे , दोनों हाथों में उसने दो दो दर्जन चूड़ियां पहनी थी , एक दर्जन भी नहीं बची होंगी।

……………………………………………..

धीमे धीमे पल भर के लिए उसके ऊपर से वो हटे ,

और उनकी बहना की जाँघों के बीच गाढ़ी सफ़ेद थक्केदार मलाई अभी भी बह रही थी, किशोर जाँघे भी वीर्य से लथपथ थीं और उस के बीच




लाल लाल धब्बे ,सिर्फ उसकी जाँघों पर ही नहीं , बल्कि सफ़ेद चददर पर भी लाल दाग

दो चार बूंदे नहीं बल्कि , जाँघों के नीचे की चादर लाल , सफ़ेद धब्बो से पूरी तरह डूबी हुयी ,





पर उन्होंने एक बार फिर गुड्डी की अपनी बाँहों में भींच लिया और उसे चूमने लगे ,


हाँ उनका ' वो ' अभी भी ,... झड़ने के बाद भी वैसे का वैसा तना ,

गुड्डी थकी हारी ,देह उसकी जैसे दर्द से टूट रही हो , पर जब उन्होंने उसे अपनी बाँहों में भींचा

वो भी उनकी बाहों में आ गयी।




उनकी ममेरी बहन ,उनकी बाहों में खो गयी और मुझे भी नींद की झपकी आ रही थी,... दो रातों से लगातार जगी थी , परसों जेठानी और जेठानी के देवर के साथ, कल ननद और भैया के साथ,... और ये भी अभी झड़े थे,... इनके माल की भी दर्द से हालत खराब थी तो अभी दस मिनट तो कुछ होने का नहीं था,...

आज कितनी भी नींद आये मुझे रतजगा करना ही था ,

कितने दिन से मैं इसी का तो इन्तजार कर रही थी इन्हे इनकी 'सीधी साधी बहन ' के ऊपर चढाने की,...

उसकी कच्ची कोरी,... कोई सहेली पूछेगी हे तेरी गुल्लक किसने फोड़ी तो कुछ शर्माते कुछ हँसते वो यही बोलेगी ,

"अरे उसी ने जिसे दो साल पहले फोड़ देना चाहिए था था , जब मैं दसवीं में थीं , लेकिन देर आयद,... दुरुस्त आयद,..."

तो मैं किचन में गयी और झटपट गरम गर्म काफी का बड़ा सा मग, ... नींद भगाने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं था,...

सीन ज्यादा नहीं आगे बढ़ा था , वैसे भी कई कैमरे वीडियो रिकार्डिंग कर रहे थे और जब ये आफिस चले जाएंगे तो आराम से हर एंगेल से,


भैया बहुत दर्द हो रहा है,...

वो छिनार बोल रही थी, लेकिन सच में उससे उठा नहीं जा रहा था , एकदम दर्द में चूर,... लेकिन मैं चाहती थी की वो उठे,...

मुझे कुछ देखना था, रिकार्ड भी करना था स्टिल पिक्स ४ x में ज़ूम कर के, ...

बड़ी मुश्किल से उसके भैया ने अपनी जस्ट चुदी कुँवारी टीनेज बहन को सहारा देके हलके हलके, जरा सा हिलते ही उसकी चीख निकल जाती,

अभी तो ननद रानी की चीखें निकलनी शुरू हुयी हैं, अभी तो बहुत मोटे मोटे ,... मैं सोच सोच के मुस्करायी,... और फिर एकदम से उठा के पलंग के सिरहाने की ओर अपनी गोद में, पर इतने में ही वो जोर से से चीखी,....

भैया बहुत लग रहा है , आराम से सम्हाल , ... दो आँसू उसके गोरे गोरे गाल पर ढलक पड़े,... और उन्होंने सम्हाल के के सहारा देके उसे अपनी गोद में अपनी गॉड में अपनी ताज़ी ताज़ी चुदी बहन को बिठा लिया,

और मैं जोर से चीख उठी , अभी गुड्डी जैसे चीखी थी उससे भी ज्यादा तेज,... दर्द से नहीं ख़ुशी से ,



सफेद नयी चादर पर जो बेला चांदनी के सफ़ेद सफेद फूल बिछे थे कुचले मसले जैसे मेरी ननद मसली हुयी लग रही थी ,

लेकिन वो सफ़ेद फूल अब एकदम जवाकुसुम की तरह अरुणिम लग रहे थे , कम से कम दो चार बित्ते तक लाल लाल धब्बा सब सफ़ेद धवल फूल लाल हो गए थे ,... मैंने कैमरे को ज़ूम कर के ढेर सारे स्टिल

और पता नहीं उनके या गुड्डी के पैर से लग के वो खून में सने फूल सरक गए,... और उसके बाद तो देख के एकदम सफ़ेद नयी चादर,




हचक के फटी थी गुड्डी रानी की,...




चादर अच्छी तरह खून से सनी, दो चार बूँद नहीं कम से कम एक डेढ़ फिट तक खूब गाढ़ा और उसके बाहर के इलाके में भी फटी चूत के खून के छींटे,...


ये चादर तो मुझे अच्छी तरह सम्हाल के रखनी है, लेकिन पहला काम था उसके भी पिक्स और कैमरे को ज़ूम कर के,....



वो अपने भैया के गोद में बैठी थी,... और उसके भैया ने हलके से अपनी बहन की टाँगे सीधी की और मैंने देख लिया, बिल जो अभी फटी थी

एकदम खून से लथपथ सिर्फ चूत के मुहाने पे रक्त के धब्बे नहीं थे बल्कि चूत से चिपक के जांघ के अंदरूनी हिस्से में भी खून अच्छी तरह लगा था , और लाल के बीच बीच सफ़ेद सफ़ेद बहिनी के चूत से निकलते अभी भी बहते वीर्य के धब्बे,...




कैमरे को ज़ूम कर के चूत के ऑलमोस्ट अंदर तक, दर्जनों पिक्स मैंने खींच ली,
इतनी ख़ुशी हो रही थी बता नहीं सकती

उस 'सीधी साधी ननद ' की हचक के फटी थी, वो भी मेरे आँखों के सामने , और क्या खून खच्चर हुआ और सब की सब रिकार्ड, फिर फाड़ने वाला ननद का भाई,....

और तब तक उनका मूसल भी दिखा अभी भी थोड़ा थोड़ा तना , और मूसल के मुंह पे खून लग गया था




अब एक बार खून लग गया फिर तो खुद ही


फटी चूत की खून से लथपथ ननद की चूत मैंने एक फोल्डर में समेट ली , बहुत इस्तेमाल होने थे इन पिक्स के , एक तो कल सुबह ननद रानी के जो चार चार फेसबुक पेज हैं सब पे उनकी स्टेटस अपडेट होनी थी इस खून में लथपथ चूत के साथ बिन कहे ही ये पिक सब कह देती , फिर दिया को भी,... उसकी क्लास मेट्स का जो व्हाट्सएप ग्रुप है और हो सकेगा तो उसके फोन में भी उसकी डीपी में भी यही चेंज कर के डाल दूंगी।

और इन सब से निबट कर के मेरी निगाह एक बार फिर से गुड्डी रानी की ओर ,

गुड्डी रानी की हालत खराब थी , गोरी के गोरे गाल , छोटे छोटे टेनिस बाल साइज के जुबना ,सब पर दांत के नाखून के निशान,
Adbhut update ,ab fb aur what's app par bhi nanad ka status payegi bhabhi.Pata nahi Guddi ko achha lagega ya bura, bhagwan jane ya Komal mam jane.
✅✅✅👌👌👌💯💯💯
 
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