- 22,505
- 58,871
- 259
अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
कृपया पढ़ें, आनंद लें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
कृपया पढ़ें, आनंद लें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
Thanks so much,
Itna madak
Itna rasbhara
Itna kamuk...
Aur abhi bhi baki he...
Ufffffffffffffffffffffff komal ji..
Mja aa gya❤
Komal is always right.Very well said Komal sis.
Let me complete the phrase
Rasri aavat jaat se sil par hot nisan.
Karat kart abhyas se jadmat hot sujan
On social media platform, diverse views poured in and those monsters are keeping a tab even on minor deviation of the forum rules.Yes, about both,
but about workarounds, does not work with classics and secondly some green-eyed monster will point it out to marauding mods, who being trigger happy and having seen too many westerns shoot from their hips. It has happened with this story too as i had stopped posting in this thread for more than two months, as some poltergeist, (name had something to do with rock) stooped to abysmal lengths and when some of my friends started paying him in the same coins, mods steeped in and threw baby with the bathwater. comments criticizing those unsavory posts too were deleted. I came back with laden feet posted a long post supporting my friends and saluting them, risking their persona who came out to support me and started posting.
secondly, sometimes one is threatened that story will be shoved in some private dungeon from where even cries cannot be heard, till you reform, so sensing that and to save my beloved story i made some changes in this story too and in a way that it did not interrupt narration. so I am leaving a few stories. confined to memory.
So it is not unofficial but demi-official...Ekdam jaise kahate hain na Demi-Offical, ( D.O.)![]()
Adbhut update ,ab fb aur what's app par bhi nanad ka status payegi bhabhi.Pata nahi Guddi ko achha lagega ya bura, bhagwan jane ya Komal mam jane.जोरू का गुलाम भाग १६८
खून खच्चर -आधी रात को
ये चोद रहे थे ,पूरी ताकत से अपनी कुँवारी किशोरी बहना को
और एक बार फिर से उस की चीखें सिसकियों में बदल गयी
गुड्डी ने अपने भैय्या को अपनी कोमल बांहो में भींच लिया , जोर से अपनी ओर खिंच लिया ,
वो काँप रही थी , देह उसकी फिर ढीली पड़ रही थी ,
दूर कहीं से बारह का घंटा बजा ,
टन टन टन टन ,
और उन्होंने एक बार फिर लंड बाहर तक निकाल के जोरदार ठोकर सीधे उसकी बच्चेदानी पर ,... और अब वो भी उसके साथ ,..
उन्होंने भी अपनी बहन को जोर से भींच लिया ,उनका मूसल सीधे उनकी बहन की बच्चेदानी पर ,
वो भी झड़ रह थे , वीर्य की पहली फुहार उस कुँवारी की चूत में ,
टन टन टन टन ,
मैं ये सोच रही थी आज इस ननद रानी को मैंने अगर पिल्स न खिलाई होती तो ये शर्तिया गाभिन हो जाती।
कुछ देर रुक कर फिर थक्केदार गाढ़ी मलाई उनकी ममेरी बहन की चूत में
टन टन टन टन,
बारह का घंटा बजना बंद हो गया था लेकिन उनका झड़ना नहीं रुका था ,और वो भी जैसे उन्हें निचोड़ रही हो.
आठ दस मिनट तक दोनों भैया बहिनी एक दूसरे की बाँहों में बंधे,
पलंग पर चूड़ी के टुकड़े बिखरे पड़े थे , दोनों हाथों में उसने दो दो दर्जन चूड़ियां पहनी थी , एक दर्जन भी नहीं बची होंगी।
……………………………………………..
धीमे धीमे पल भर के लिए उसके ऊपर से वो हटे ,
और उनकी बहना की जाँघों के बीच गाढ़ी सफ़ेद थक्केदार मलाई अभी भी बह रही थी, किशोर जाँघे भी वीर्य से लथपथ थीं और उस के बीच
लाल लाल धब्बे ,सिर्फ उसकी जाँघों पर ही नहीं , बल्कि सफ़ेद चददर पर भी लाल दाग
दो चार बूंदे नहीं बल्कि , जाँघों के नीचे की चादर लाल , सफ़ेद धब्बो से पूरी तरह डूबी हुयी ,
पर उन्होंने एक बार फिर गुड्डी की अपनी बाँहों में भींच लिया और उसे चूमने लगे ,
हाँ उनका ' वो ' अभी भी ,... झड़ने के बाद भी वैसे का वैसा तना ,
गुड्डी थकी हारी ,देह उसकी जैसे दर्द से टूट रही हो , पर जब उन्होंने उसे अपनी बाँहों में भींचा
वो भी उनकी बाहों में आ गयी।
उनकी ममेरी बहन ,उनकी बाहों में खो गयी और मुझे भी नींद की झपकी आ रही थी,... दो रातों से लगातार जगी थी , परसों जेठानी और जेठानी के देवर के साथ, कल ननद और भैया के साथ,... और ये भी अभी झड़े थे,... इनके माल की भी दर्द से हालत खराब थी तो अभी दस मिनट तो कुछ होने का नहीं था,...
आज कितनी भी नींद आये मुझे रतजगा करना ही था ,
कितने दिन से मैं इसी का तो इन्तजार कर रही थी इन्हे इनकी 'सीधी साधी बहन ' के ऊपर चढाने की,...
उसकी कच्ची कोरी,... कोई सहेली पूछेगी हे तेरी गुल्लक किसने फोड़ी तो कुछ शर्माते कुछ हँसते वो यही बोलेगी ,
"अरे उसी ने जिसे दो साल पहले फोड़ देना चाहिए था था , जब मैं दसवीं में थीं , लेकिन देर आयद,... दुरुस्त आयद,..."
तो मैं किचन में गयी और झटपट गरम गर्म काफी का बड़ा सा मग, ... नींद भगाने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं था,...
सीन ज्यादा नहीं आगे बढ़ा था , वैसे भी कई कैमरे वीडियो रिकार्डिंग कर रहे थे और जब ये आफिस चले जाएंगे तो आराम से हर एंगेल से,
भैया बहुत दर्द हो रहा है,...
वो छिनार बोल रही थी, लेकिन सच में उससे उठा नहीं जा रहा था , एकदम दर्द में चूर,... लेकिन मैं चाहती थी की वो उठे,...
मुझे कुछ देखना था, रिकार्ड भी करना था स्टिल पिक्स ४ x में ज़ूम कर के, ...
बड़ी मुश्किल से उसके भैया ने अपनी जस्ट चुदी कुँवारी टीनेज बहन को सहारा देके हलके हलके, जरा सा हिलते ही उसकी चीख निकल जाती,
अभी तो ननद रानी की चीखें निकलनी शुरू हुयी हैं, अभी तो बहुत मोटे मोटे ,... मैं सोच सोच के मुस्करायी,... और फिर एकदम से उठा के पलंग के सिरहाने की ओर अपनी गोद में, पर इतने में ही वो जोर से से चीखी,....
भैया बहुत लग रहा है , आराम से सम्हाल , ... दो आँसू उसके गोरे गोरे गाल पर ढलक पड़े,... और उन्होंने सम्हाल के के सहारा देके उसे अपनी गोद में अपनी गॉड में अपनी ताज़ी ताज़ी चुदी बहन को बिठा लिया,
और मैं जोर से चीख उठी , अभी गुड्डी जैसे चीखी थी उससे भी ज्यादा तेज,... दर्द से नहीं ख़ुशी से ,
सफेद नयी चादर पर जो बेला चांदनी के सफ़ेद सफेद फूल बिछे थे कुचले मसले जैसे मेरी ननद मसली हुयी लग रही थी ,
लेकिन वो सफ़ेद फूल अब एकदम जवाकुसुम की तरह अरुणिम लग रहे थे , कम से कम दो चार बित्ते तक लाल लाल धब्बा सब सफ़ेद धवल फूल लाल हो गए थे ,... मैंने कैमरे को ज़ूम कर के ढेर सारे स्टिल
और पता नहीं उनके या गुड्डी के पैर से लग के वो खून में सने फूल सरक गए,... और उसके बाद तो देख के एकदम सफ़ेद नयी चादर,
हचक के फटी थी गुड्डी रानी की,...
चादर अच्छी तरह खून से सनी, दो चार बूँद नहीं कम से कम एक डेढ़ फिट तक खूब गाढ़ा और उसके बाहर के इलाके में भी फटी चूत के खून के छींटे,...
ये चादर तो मुझे अच्छी तरह सम्हाल के रखनी है, लेकिन पहला काम था उसके भी पिक्स और कैमरे को ज़ूम कर के,....
वो अपने भैया के गोद में बैठी थी,... और उसके भैया ने हलके से अपनी बहन की टाँगे सीधी की और मैंने देख लिया, बिल जो अभी फटी थी
एकदम खून से लथपथ सिर्फ चूत के मुहाने पे रक्त के धब्बे नहीं थे बल्कि चूत से चिपक के जांघ के अंदरूनी हिस्से में भी खून अच्छी तरह लगा था , और लाल के बीच बीच सफ़ेद सफ़ेद बहिनी के चूत से निकलते अभी भी बहते वीर्य के धब्बे,...
कैमरे को ज़ूम कर के चूत के ऑलमोस्ट अंदर तक, दर्जनों पिक्स मैंने खींच ली,
इतनी ख़ुशी हो रही थी बता नहीं सकती
उस 'सीधी साधी ननद ' की हचक के फटी थी, वो भी मेरे आँखों के सामने , और क्या खून खच्चर हुआ और सब की सब रिकार्ड, फिर फाड़ने वाला ननद का भाई,....
और तब तक उनका मूसल भी दिखा अभी भी थोड़ा थोड़ा तना , और मूसल के मुंह पे खून लग गया था
अब एक बार खून लग गया फिर तो खुद ही
फटी चूत की खून से लथपथ ननद की चूत मैंने एक फोल्डर में समेट ली , बहुत इस्तेमाल होने थे इन पिक्स के , एक तो कल सुबह ननद रानी के जो चार चार फेसबुक पेज हैं सब पे उनकी स्टेटस अपडेट होनी थी इस खून में लथपथ चूत के साथ बिन कहे ही ये पिक सब कह देती , फिर दिया को भी,... उसकी क्लास मेट्स का जो व्हाट्सएप ग्रुप है और हो सकेगा तो उसके फोन में भी उसकी डीपी में भी यही चेंज कर के डाल दूंगी।
और इन सब से निबट कर के मेरी निगाह एक बार फिर से गुड्डी रानी की ओर ,
गुड्डी रानी की हालत खराब थी , गोरी के गोरे गाल , छोटे छोटे टेनिस बाल साइज के जुबना ,सब पर दांत के नाखून के निशान,