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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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और ये स्वाद में इजाफा कर देगा...एकदम और मेरी ननद ऐसी तीखी मिरच खाने के बाद मीठे रसगुल्लों का इंतजाम भी है,... साजन के लिए,
और अपना मुन्ना तो सबको प्यारा होता है...Ekdm aakhir unhi ke Munea ka Munna tha![]()
और अपने मुन्ने का मुन्ना हो तो डबल प्यारा होगाऔर अपना मुन्ना तो सबको प्यारा होता है...
एकदम प्यार किया तो डरना क्यान किसी गर्हित को छोड़ा जाना चाहिए और ना हीं वर्जित...
एकदम और वो पांच दिन वाली छुट्टी के बीस का हिसाब पूरा करने के लिए कभी कभी ५ बार भीचौतीस दिन में ३४x४=१३६ आसन ..
एकदम और आपके इस कमेंट से कहानी ६००वें पेज में प्रवेश कर गयी,हांका के बाद का दांव-पेंच... वो भी आपके शैली में...
हमारी उत्कंठा को बढ़ा देता है....
डॉक्टर कई उपाय बताएंगी कि कैसे टाईट रखा जाए...Ekdam, are Bina Doctor ke koyi Story poori hoti hai kya bada important role hai unka bas ek post ke baad pata chal jaayega
लेकिन कई दृश्य ऐसे थे जो दिल को गुदगुदा देते थे... खास कर नवविवाहितों के लिए...Thanks sooooooooo much. bas ek request please MOHE RANG DE pe bhi ye comment share karen to bahoot accha ho.
MOHE RANG DE meri priya rachanaon men hai haalnki uske hisaab se readers shayad kam hai. vo dhimi aanch vaali kahani hai which requires a mature deiscerning taste. and it is my fortune and fortune of story that you decided to read that story, thanks again.
क्या दोहे के साथ चित्र का तालमेल बिठाया है...