आपकी ये एक्स्ट्रा इस बारिश के मौसम में शीतल बयार को दिल के हर कोने को छू लेती है...आज रपट जाएँ तो हमे ना उठइयो
और अबकी गुड्डी ने जो पूरी ताकत से जो खींचा मैं उसके साथ सड़क पर , ...
और एक बार भीग गयी तो भीग गयी।
मैं भी जैसे गुड्डी के साथ टीन हो गयी थी , तन से भी मन से भी।
बारिश का पहला झोंका , पहली फुहार जो मेरे चेहरे पर पड़ी , मन पहले भीगा , तन बाद में। पहले मैं सर पर हाथ रख कर बालों को बचाने की कोशिस की पर जब मेरी निगाह उस टीनेजर पर पड़ी ,
एकदम बिंदास , बारिश की बूंदो का मजा लेती , ऊँगली के इशारे से मुझे अपने पास बुलाती ,...
सड़क के दोनों ओर रेस्टोरेंट्स और बार के बाहर लोग खड़े , बारिश बंद होने का इन्तजार करते ,... उस बिंदास किशोरी को भीगते देख रहे थे।
और मैं कभी लोगों को उसे देखते , तो कभी उस भीगी भागी लड़की को , क्या चलती का नाम गाड़ी में भीगी हुयी मधुबाला लगी रही होंगी ,
और उस चक्कर में , ... साढ़े तीन इंच की स्टिलेटो ,... जोर से फिसली मैं , ... हाथ पैर नहीं टूटते तो मोच तो जबरदस्त आ ही जाती ,
पर थी न मेरी ननद , मेरी सहेली मेरी छोटी बहन ,... गुड्डी ने हाथ पकड़ कर न मुझे बचा लिया बल्कि एकदम आपने पास ,
और वो दुष्ट जोर जोर से खिलखला रही थी , मुझे जोर जोर से चिढ़ा रही थी ,
अरे अरररे अरे , ना ना ना ,
आज रपट जाएँ तो हमे ना उठइयो , हमें ना बचइयो ,
हमें जो उठइयो तो,हमें जो उठइयो तो
खुद भी रपट जाइयो ,
खुद भी फिसल जाइयो ,
मेरे समझ में नहीं आ रहा था की साढ़े तीन इंच की स्टिलेटो हील तो उस नालायक ने भी पहन रखी थी तो वो कैसे इतनी मस्ती से , ...
और खिलखलाती हुयी उस छोरी ने अपने हाथ उठा के जवाब दे दिया , उस की सैंडल उस के हाथ में थी , और मेरे पैरों की ओर वो इशारा कर रही थी।
और मेरी हाई हिल्स मेरे हाथ में , वो भागी और पीछे पीछे मैं ,... सड़क पर कोई ट्रैफिक तो वैसे भी नहीं होती और इस समय पैदल वाले भी सड़क के दोनों ओर सिमटे
हम और,... लैम्प की रौशनी से छेड़खानी करती , पानी पर फिसलती मछलियों की तरह , बारिश की बूंदे
और उन के नाच पर ताल देतीं पेड़ों पर , दुकानों पर छतों पर पड़ रही बूंदों की आवाजें ,
हम दोनों भी उन बूंदों की ही तरह हो गए।
लेकिन वो शोख लड़की बहुत ही शरीर थी , बदमाश नम्बरी ,
सड़क हो बारिश हो और पाट होल न हों ,
बस छोटे से गड्ढे में जगह जगह पानी भरा था , जैसे ही मैं पास पहुंची , उसने अपने पैरो से , शरारत से मुझे देखते हुए पानी उछाल दिया ,
और गुड्डी की शरारतें ...
एकदम आपने रंगीन और आशिकाना मौसम तैयार कर दिया है....