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Thanks aap aise readers ke support aur comments se kahani aage badh rhai haiKya mahaol banaya hain wah wah
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Planning jitni acchi hoti hai execution bhi vaise hi badhiya hota hai, thanks againKomal ki planning ka koi jawab nahi.
Yeh bahut achha kaam kiya apne. Much neededजोरू का गुलाम भाग और पृष्ठ
क्रम संख्या भाग नाम पृष्ठ 1 भाग १ जोरू का गुलाम 1 2 भाग दो
कच्चे टिकोरे और आम रस 2 3 भाग ३ अब मेरी बारी 3 4 भाग ४ वोमेन आन टॉप 3 5 भाग ५ बाजी एक बार फिर से , ... 5 6 भाग ६ बदले बदले मेरे सरकार नजर आते हैं 6 7 भाग ७ सांझ हुयी घर आये 7 8 भाग ८ बदले बदले मेरे सरकार नजर आते हैं 8 9 भाग ९ अँधेरे बंद कमरे -मन के 9 10 भाग १० मिसेज खन्ना 10 11 भाग ११ मैंगो जूस 11 12 भाग १२ बर्थडे या री -बर्थ , 13 13 भाग १३ आम रस -काम रस 14 14 भाग १४ रात बाकी , बात बाकी 15 15 भाग १५ श्रृंगार 19 16 भाग १६ , नया सबेरा , नया अंदाज़ 20/22 17 भाग १७ मेरी ननद ,उनका 'माल' 23 18 भाग १८ मम्मी और बर्थडे ब्वाय , 23 19 भाग १९ गुड्डी 24 20 भाग २० पिछवाड़े की हालचाल 25 21 भाग २१ मिस्ट्रेस पेट्रीसिया 26 21 भाग २२ सिडक्ट्रेस 27 23 भाग २३ अगली सुबह 28 24 भाग २४ मिसेज खन्ना 29 25 भाग २५ बचपन की चाहत , मस्त माल 31 26 भाग २६ ऊपर मैं ,नीचे तुम 32 27 भाग २७ मिसेज खन्ना 33 28 भाग २८ शाम 33 29 भाग २९ मिसेज डी मेलो 34 30 भाग ३० किटी और नए साल की पार्टी 35 31 भाग ३१ रात 36 32 भाग ३२ फिर अवार्ड्स , 38 33 भाग ३३ और मॉम आ गई 38 34 भाग ३४ सास सेवा - आर्मपिट्स 39 35 भाग ३५ उनका झंडा 39 36 भाग ३६ गिफ्ट पैकेट्स 40 37 भाग ३७ कर्ण छेदन संस्कार 41 38 भाग ३८ पार्लर 42 39 भाग ३९ रात अभी बाकी है 43 40 भाग ४० गोरी गोरी काँखे 44 41 भाग ४१ रात भर तड़पाऊंगी रज्जा 44 42 भाग ४२ मंजू बाई 45 43 भाग ४३ मम्मी 47 44 भाग ४४ गीता 48 45 भाग ४५ बहन का खजाना 49 46 भाग ४६ मंजू बाई 49 47 भाग ४७ मंजू और गीता 51 48 भाग ४८ घर वापसी 55 49 भाग ४९ मम्मी (समधन –समधन) 56 50 भाग ५० मिसेज मोइत्रा उर्फ़ बंगाल का जादू 57 51 भाग ५१ मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां , 60 52 भाग ५२ कबूतरियां और जाल 61 53 भाग ५३ खुशखबरी इनकी सास की समधन 63 54 भाग ५४ पग घुंघुर बाँध 68 55 भाग ५५ जबरदस्त सेल 69 56 भाग ५६ मंजू ( 2 lakh views on page 77) 71 57 भाग ५७ ट्रेनिंग और प्लानिंग
(मंजू , गीता और -- मेरी सास )79 58 भाग ५८ भाई -बहन संवाद 81 59 भाग ५९ ट्रेनिंग और इम्तहान, एम् आई एल ऍफ़ 82 60 भाग ६० मस्तराम-- गुड्डी रानी 83 61 भाग ६१ मॉम का आखिरी दिन 84 62 भाग ६२ फोन : और फ्लैश बैक ( interruption on page 86-87 to 85 63 भाग ६३ मंडप के मज़े- गारी रस धारा 88 64 भाग ६४ चीनू दी , हास्पिटल में 89 65 भाग ६५ कारपोरेट मामले 90 66 भाग ६६ फ्लैश बैक : बदलाव के पहले प्री -जे के जी डेज़ 90 67 भाग ६७ फ्लैश बैक से वापस 92 68 भाग ६८ अजय जीजू 95 69 भाग ६९ ट्रुथ आर डेयर 96 70 भाग ७० वाइल्ड डेयर 98 71 भाग ७१ डार्क डार्क रेड कार्ड्स 103 72 भाग ७२ थोड़ा सा फ्लैशबैक 104 73 भाग ७३ इंटरवल 106 74 भाग ७४ एडिटेड,...सेंसर्ड ,... कट कट कट 106 75 भाग ७५ मायके की ओर 106
Kamal jiju or komal ji jodi aag lagane wali hi.कमल जीजू ,
कहते हैं न गांड मारने वाले को एकदम बेरहम होना चाहिए ,
दर्द ,चीख और चिल्लाहट का असर हुआ तो गांड मारना मुश्किल है।
और कमल जीजू ने तो स्कूल में ही लौंडो की गांड़ की सील तोड़ के उन्हें पक्का उमर भर के लिए गांडू बना दिया था।
जीजू ठेलते रहे ,
मैं चीखती रही।
और कुछ देर में वो खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला पार हो गया।
लेकिन कमल जीजू कहाँ ,...
बिना रुके , ... उन्होंने अपने सुपाडे को बाहर खींचा , और एक बार फिर उस कसे छल्ले से उनका मुट्ठी की साइज का सुपाडा आधा बाहर हुआ था की फिर दुहरी तेजी से ,
और अबकी उनका एक हाथ चूँची पे ,जोर जोर से वो उसे रगड़ मसल रहे थे , निचोड़ रहे थे , निपल पुल कर रहे थे
घिसटता ,रगड़ता , दरेरता ; कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा एक बार फिर मेरी गांड के छल्ले के पार हो गया।
पांच छह बार इसी तरह गांड के कसे छल्ले के अंदर बाहर और अब मुझे दर्द का मजा मिलने लगा था ,एक नया मज़ा ,और फिर अचानक कमल जीजू ने फिर से ,पूरी ताकत से अपना मोटा मूसल मेरी कसी कसी गांड में ठेलना शुरू कर दिया।
मैं एक बार फिर से चीख रही थी ,चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,पर
कमल जीजू कौन रुकने वाले थे ,
वो ठेलते रहे ,पेलते रहे ,धकेलते रहे।
मुझे पता नहीं कितना टाइम लगा लेकिन , जैसे जब लंड का सुपाड़ा बच्चेदानी पर लगता है बस वही फीलिंग हुयी ,
और रीनू की आवाज ने मेरा ध्यान रीनू और उनकी ओर खींचा ,
जीजा साली ने मिलकर व्हिस्की की बोतल आधी से ज्यादा ख़तम कर दी थी।
रीनू हंस रही थी हलके हलके ताली बजा रही थी , और मुझे देखते बोली ,
" क्यों साली ,छिनार ,घोंट गयी न अपने कमल जीजू का पूरा लंड गांड में ,
कमल जीजू भी हलके हलके मुस्करा रहे थे ,
उनका पूरा लंड मेरी गांड में ,
और पल दो पल ठहर के अब उनकी उंगलिया , अब उनके होंठ मैदान में आ गए।कभी वो मेरे गाल चूमते तो कभी कचकचा के काट लेते,और कभी झुक के उनके होंठ मेरे निपल चूसने लगते तो कभी चूंचोयो पर उनके दांत अपना निशान बना देते।उनकी उँगलियों का जादू तो ,एक हाथ लगातार मेरे एक उभार को दबा रहा था मसल रहा था , कुचल रहा था जैसे कोई जूसर में रस निकाले
और दूसरा हाथ सीधे मेरी बुर पे , रगड़ता मसलता और गचाक से मेरी बुर में उन्होंने दो ऊँगली पेल दीअंगूठा क्लीट पे कभी दबाता कभी रगड़ता मसलता ,
कुछ ही देर में मैं अपनी गांड में धंसी मोटे खूंटे का दर्द भूल गयी और मजे से ,
बाहर बारिश में जिस तरह पेड़ काँप रहे थे ,उससे भी तेजी से मेरी देह काँप रही थी ,लग रहा था मैं अब गयी , तब गयी ,
और कमल जीजू ने एक बार फिर से मेरी गांड में अपने मोटे लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए।
और मैं झड़ने लगी।
लेकिन बिना रुके उनके धक्के ,
२० मिनट में मैं दो बार झड़ी ,और उसके साथ ही जीजू ने ,
अब वो मेरे उभारों होंठों योनि , सब को छोड़ ,सिर्फ मेरी गांड मार रहे थे।हर धक्के में सुपाड़ा गांड के छल्ले के बाहर जाता और फिर रगड़ता दरेरता ,
दर्द से मेरी हालत खराब थी ,
लेकिन अब इस दर्द में ही मजा मिलने लगा था ,एक एकदम अलग तरह का मजा ,
जो जिसने गांड मरवाई होगी/ मरवाया होगा , उसी को मालूम होगा।
और अब मैं भी अपनी गांड सिकोड़ के जीजू के लंड का मजा ले रही थी ,
कभी खुद अपने चूतड़ पीछे कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।
दर्द से चीख भी रही थी तो मजे से सिसक भी रही थी।
और अबकी जो मैं झड़ी तो सिर्फ गांड मरवाने से और साथ में कमल जीजू भी मेरी गांड के अंदर
कटोरी भर तो मलाई छोड़ी ही होगी उन्होंने।
कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर वो झुक के मेरे कान में बोले ," सुन , सब गांड निचोड़ कर के अंदर रोक लेना ,एक बूँद भी बाहर मत आने देना ,गांड का मस्त टॉनिक है ये। "
और मैंने यही किया।और उसके बाद उनके सहारे से मैं सीधी हुयी और फिर उन्होंने और रीनू ने मुझे पकड़ कर वहीँ बैठा दिया जहां ये रीनू के साथ बैठे थे।
कमल जीजू ने रीनू के हाथ से व्हिस्की की बोतल लेकर सीधे बोतल से गटका और बोतल मेरी ओर बढ़ा दी और
मैंने भी सीधे बोतल से नीट। दो चार घूँट में ही ताजगी आ गयी।
वो पूरी रात गांड मरौव्वल के नाम थी ,
हम दोनों, मैं और कमल जीजू तो थोड़े थके बैठे थे ,सुस्ताते लेकिन एकदम संतुष्ट।
पर बिचारे उनकी हालत खराब थी ,
कमल जीजू से मेरी गांड मरवाई देखकर झंडा उनका एकदम खड़ा ,
और फिर बीच बीच में उनकी मस्त सेक्सी साली , कभी उनका बौराया लंड दबा देती ,मसल देती तो कभी हलके से मुठिया देती।मेरी ओर आँख मार के मुझे चिढ़ाती वो बोली ,
" तेरे जीजू का लंड कसी कसी गांड मारे ,और मेरे जीजू का लंड प्यासा रहे , "और नीचे बैठ कर उनकी साली ने गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने।
रीनू ,थी तो मेरी ही छिनार बहना लंड चूसने में एक नंबरी. आज उनको पहली बार साली का असली मजा मिल रहा था। कुछ देर तक तो उनकी साली अपनी लम्बी जीभ से उनके सुपाड़े को ,पी होल को छेड़ती रही ,फिर गप्प से एक झटके में उन के लीची ऐसे सुपाड़े को उनकी साली ने घोंट लिया ,क्या कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसेगी चुभलायेगी ,
और वो भी मुझे चिढ़ा के ,दिखा दिखा के,
मैंने भी उसे दिखा के थम्स अप किया कमल जीजू के थोड़े सोये थोड़े जागे लौंड़े को पकड़ के उसे दिखाया ,
" लगी रह ,लगी रह मेरे पास है मेरे जीजू का। "
कुछ ही देर में उनका पूरा लौंडा उनकी साली ने घोट लिया था , और क्या मस्त साली चूस रही थी।
उनकी हालत खराब थी।
लेकिन झड़ने में उनको भी बहुत टाइम लगता था।
पर उनकी साली ने उन्हें झाड़ कर ही छोड़ा और पूरी मलाई अपने मुंह में , इनकी ओर मुंह खोल के इनकी मलाई अपने मुंह में दिखाई और अगले पल गप्प।
Thanks so much, feather. silk scarf, ice cubes look tantalizingly sexy. And combined with blindfold and handcuff takes passions to new heights. Thanks for appreciation.Feather ka bahot acha instemal kiya hain,bahot achi ragdai ho rahi hain guddi rani ki.
स्साली को मैं ले आयी थी मजा देने के लिए , उसको मजा आएगा ये इन्सिडेंटल था.
Yeh line padh ke maja gaya Aisa hi hona chahiye.
Inmne se ek story khatam ho to banaras ke baare men sochunAur aise hi mere jkg padhte hua mere dimag main khayal aaya aap tantra story ko jkg ka spin off ke sath bhi start kar sakte ho jaise jab aap guddi ko apne ghar le ja rahe ho wahi se start kar ke tantra ka safar tak.ek virgin sweet sixteen ka yeh yeh safar sambhog se samadhi Tak behatarin hoga,guddi toh hamari favourite character hain guddo se jyada,aur guddi fir apne agale training ke liye gaav to jane wali hi hain waha aage ka safar.
Mujhe naanisaafi sach men ekdm nahi pasand hai aur khastaur se Nanadon se ,... Insaaf ka tarzoo to hona hi chahiyeNainsafi kahan hone dogi tum didi,insaf to hoga hi sooner or later