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Chuswa hi li nanad rani seटच मी टच मी टच मी
उसके बगल में बैठ गयी और मेरी ऊँगली उसके ३२ सी के बेस पर , बहुत हलके से जस्ट केयरसिंग टच , सिल्कन छुअन
दोनों उरोजों के बेस पर हलके हलके ,
वो सिहर रही थी , हलके हलके सिसक रही थी , सोच रही थी मेरी उँगलियाँ सीधे नए आये जोबन के ऊपर ,
जोबन पथरा रहे थे , निप्स कड़क थे। पर मैं भी ,...बजाय उँगलियों उन नव शिखरों पर चढ़ने के बजाय सीधे दक्षिण की ओर ,
उस गोरे चिकने पेट पर सहलाते , सरकते सीधे उस गहरी नाभि , मेरी आँखे उस हलकी सी परछाई सी इन्वर्टेड ट्राइंगल , केसर क्यारी पर ,
और एक ऊँगली उस ट्राइंगल के चारों ओर ,...
अब मेरा पूरी हथेली , उस करवेशस नितम्ब के किनारे किनारे जाँघों की ऊपरी हिस्से पर ,
और वो किशोरी अब उँह उन्ह कर रही थी , कसमसा रही थी , हलके हलके अपने नितम्ब उठा रही थी ,
और मैंने अपनी उँगलियाँ हटा लीं ,
उसे कैसा लग रहा था उसकी सिसकियों से साफ़ था। पर मुझे उसे तड़पाने में मजा आ रहा था , दो मिनट का ब्रेक और ,...
और अबकी मैने स्टूल पर से फ़ेदर उठा लिया ,
जस्ट उस फ़ेदर की टिप जाँघों के ऊपरी भाग पर
और अगला टच उसके बूब्स पर , सॉफ्ट सिल्कन टच केरेस , और पूरे बूब्स पर हवा के झोंके की तरह गुदगुदाता , सहलाता , अबकी मैंने टच ब्रेक नहीं किया
बूब्स , फिर निप्स , और फिर दोनों बूब्स के बीच ,
नीचे , और नीचे , और ,... बस उसी केसर क्यारी के ट्राइंगल को सहलाता छूता वो फेदर रुका ,
और एक बार फिर ऊपर की ओर दोनों उभारों की ओर , गुड्डी जोर जोर से कसमसा रही थी तड़प रही थी ,
फेदर की जगह मेरे हाथों ने ले ली दोनों जुबना को सहलाने मींजने रगड़ने की , लेकिन बहुत हलके हलके
,
मस्ती अब गुड्डी की दोनों जाँघों के बीच पंहुच चुकी थी वो जाँघे कस कस के रगड़ रही थी ,
तभी मैंने गियर बदला , सीधे पहले से चौथे गियर में ,
मेरे लम्बे डार्क रेड पेंटेड नेल्स , उस टीनेजर के उभार के ऊपरी हिस्से में गड़ गए ,
पूरी ताकत से , वो भाग उभारों का जो गुड्डी के हर ड्रेस में खुला ही रहता और मेरे ये निशान भी , वो चीखी पर मैंने उसके होंठ बंद कर दिए , और नाख़ून सीधे होंठ पर ,
" नो स्क्रीम्स ,... इट इज अ साइलेंट नाइट ,... " मैं उसके कान में फुसफुसाई।
और अब दोनों हाथ के नाख़ून एक साथ ,.... तेज खरोंचे , ....
उसकी आवाज मैंने भींच दी थी , अपने होंठों से , ... ऊपर के नहीं नीचे के ,... उन खरोंचों से खून निकला तो नहीं था लेकिन छलछला आया था ,
हाथ उसके बंधे , आँखों पर पट्टी , ... वो ज्यादा कुछ कर नहीं सकती थी सिवाय उसके जो उसे करना चाहिए था
जो हर ननद को करना चाहिए , अगर भाभी की रसमलाई उसके होंठों पर ,
मैंने थोड़ा ऊपर , …और जीभ निकाल कर दोनों गुलाबी फोल्ड्स को
चाटने के लिए उसने सर उठा दिया , जितना मैं चटवाने , चूसवाने के लिए बेताब थी , उससे ज्यादा वो रंडी की , ... चाटने चूसने के लिए तड़प रही थी , ऐसा ही तो माल मैं चाहती थी , जिसे औरत मरद दोनों भोगें , छक छक कर।
मैंने अपनी जाँघे हलकी सी और ऊपर कर लीं , और इस नयी बछेड़ी ने , अपनी गर्दन और उचका ली , फिर जीभ निकाल कर मेरी गुलाबी फांके हलके से चाट ली।
अब मैं सिहर गयी , मुझसे नहीं रहा गया , रोज रोज ऐसी रसीली टीनेजर कहाँ मिलती है बुर चटवाने को ,
मेरी दोनों फांके उस के रसीले प्यासे भीगे भीगे होंठों पर ,
सच्च में छिनार बहुत तेज सीखती थी , जीभ की टिप वो मेरी रसभरी की फांकों पर बस हलके हलके छुलाती रही ,
मुझे तड़पाती रही ,
चूस चूस मेरी ननद रानी , चूस ले कस के , ओह ओह्ह , अब मैं सिसक रही थी ,