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Esi saali har Jija ko mile to kismat khul jaye, har mahine sasural me ana jana lagta rahegaसैंडविच
क्या क्या नहीं हुआ उस रात मेरी सैंडविच भी बनी
लेकिन पिछवाड़े के पहले जीजू ने भरतपुर पर भी नंबर लगाया, आखिर उनकी शादी का वादा था, वो भी कोहबर का, उनकी बीबी और मेरी बहन के सामने,...
जब मैं गुड्डी की फोटो दिखा के उन्हें ललचा रही थी, उनकी हालत खराब हो रही थी तो वो बोले,
स्साली तेरी ननद का नंबर तो बाद में आएगा, पहली उसकी भाभी की तो हचक के ले लूँ , और वहीँ, मेरे ऊपर
पल भर में मेरी टाँगे दुहरी हो गयीं थीं ,जाँघे फैली थीं।
उईईई , उफ्फ्फ , नहींइ उईईईईईई , .... मैं चीख रही थी , चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी।
बस मेरी जान नहीं गयी बस बाकी सांसत हो गयी।
उईईईईई ,नहीईईईई ,ओह्ह्ह्ह , उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ,
मैं चीख रही थी कराह रही थी। मैंने मुश्किल से आँख खोल के देखा , मोटा बीयर कैन ,कमल जीजू का अभी इक तिहाई ही घुसा था। कोई और समय होता तो शायद मैं उन्हें छेड़ती ,उकसाती , चिढाती ,
पर अभी तो जान पर बनी पड़ रही थी दर्द से हालत खराब ,
जीजू की सिर्फ तलवार ही नहीं जबरदस्त नहीं थी , वो तलवारबाज भी जबरदस्त थे ,
उन्होंने पैंतरा बदला , बिना लन्ड ब्नाहर निकाले , ... उनके होंठ , हाथ उंगलिया सब मैदान में आ गए ,
चुम्मी , गाल चूमना ,चूसना काटना , चूंची मर्दन ,उंगलियो से क्लीट को सहलाना छेड़ना ,
थोड़ी ही देर में मैं पिघल रही थी ,
ये नहीं था दर्द नहीं हो रहा था ,जाँघे अभी भी फटी पड़ रही थीं , लेकिन मजे के आगे ,
दर्द और मजे का जोरदार मिश्रण ,... लेकिन जीजू ने और ठेलना अभी बंद कर रखा था।
पर कुछ देर बाद , उन्होंने अपनी ,उनकी क्या सारे मर्दों की फेवरिट पोज ,... मुझे कुतिया बना के निहुरा दिया , दोनों टांगों को अच्छी तरह फैला दिया ,
और ,
और ,....
उईईईईई , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ,
मेरी बड़ी बड़ी रतनारी आँखों में आंसू नाच रहे थे ,मैंने जोर से नाख़ून अपनी मुठ्ठी में गड़ा लिए , दांत मेरे भींचे होंठो को काट कर चीख रोकने की कोशिश कर रहे थे पर ,
पर
उईईईईई , नहीईईई , ओह्ह्ह्ह्ह , आह्ह्ह्ह्ह
दर्द के मारे मेरी चीख्ने रुक नहीं पा रही थीं न जीजू के धक्के रुक रहे थे।इधर मेरी हालत खराब थी ,
उधर साली रीनू और , कमल जीजू को चढ़ा रही थी ,उकसा रही थी ,
" अरे जीजू फाड़ दो इस साली छिनार बुरचोदो की , चार दिन तक टांग फैला के चले। अरे ये चूत तो कुँवारी अनचुदी मिलनी थी आपको , ज़रा भी दया मत दिखाइए , पूरा पेल दो एक बार में ,... "
मुझे रीनू पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी , और कमल जीजू भी न एकदम ,बस रीनू की बात मान के ,मेरे दोनों उभार कस के कुचलते मसलते , रगड़ते ,हर धक्का जानलेवा। रगड़ता ,दरेरता घिसटता फाड़ता , जब कमल जीजू का मोटा मूसल घुसता तो बस ,
आलमोस्ट पूरा , करीब ८ इंच उन्होंने लन्ड ठूंस दिया।
कम से कम १०-१२ मिनट तो कुतिया बना के उन्होंने चोद ही दिया होगा मुझे , पर,
थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरी फेवरिट पोजिशन में थे , वोमेन आन टॉप ,
मैं ऊपर वो नीचे ,
जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी। मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में मेरी गुलबिया , बालिश्त भर का मूसल पूरा घोंट गयी ,
अजय जीजू का मोटा लन्ड भी मेरे होंठ सहला रहां था , खुद अपने होंठ खोल मैंने उसे भी घोंट लिया ,
और लगी जैसे कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसती चुभलाती है , लगी चूसने चुभलाने
एक जीजू के लन्ड पे बैठी मैं चुद रही हूँ और दूसरे का लन्ड मेरे मुंह के अदंर ,और ये सोचते ही मैंने चूसने और चोदने दोनों की रफ़्तार बढ़ा दी।
लेकिन इनका औजार भी खाली नहीं थी ,इनकी साली थी न , रीनू ने इनके औजार को बाहर निकाल लिया था और कस कस के मुठिया रही थी ,कभी झुक के मुंह में ले के चूस लेती ,चाट लेती।
मैं इनकी और रीनू की हरकत देख रही थी और उधर कमल और अजय जीजू ने ,...
कमल जीजू ने नीचे से लेटे अपनी दोनों तगड़ी टाँगे कस के मेरी पीठ के ऊपर कर के बाँध ली थी और उन के हाथ भी ,कमल जीजू के होंठों ने अब मेरे होंठों को भी अपने अंदर कर के कस के भींच लिया था ,अब मैं न चीख सकती थी ,न टस से मस हो सकती थी ,
और पीछे से अजय जीजू का मोटा गरम लन्ड मेरी गांड के दरार के बीच ,हलके हलके रगड़ रहा था।पिछवाड़े से कुँवारी तो मैं भी थी , और ये बात कमल जीजू और अजय जीजू भी जानते थे।मैं सिसक रही थी , रिगिल कर रही थी लेकिन ,
मेरी आज तक सैंडविच नहीं बनी थी लेकिन ब्ल्यू फिल्मों में देखा तो कई बार था ,
इसलिए मुझे मालुम तो पड़ ही गया था पर ,कुछ देर में ही अजय ने अपना लन्ड मेरी गांड में ठूंस दिया।
दर्द से गांड फटी पड़ रही थी।पर कुछ ही देर में रिदम बन गयी ,जब अजय मेरी गांड मारते तो कमल जीजू का लन्ड ,चुपचाप रहता लेकिन कुछ देर में ही कमल जीजू नीचे से ही धक्के मार मार के चोदना शुरू कर करते तो अजय रुक जाते
पर मेरे जीजू इतने सीधे नहीं ,थोड़े ही देर में दोनों ही ओर से डबल पेस अटैक चालू हो गया ,
गांड और बुर दोनों के चीथड़े उड़ रहे थे ,
और ऊपर से मेरी कमीनी बहन रीनू ,जले कटे पर लाल मिर्च का मलहम लगाने का मौका वो नहीं छोड़ती थी।
इनका लन्ड चूसते चाटते बीच बीच में वो भी कमेंट मार ही देती ,
"अब आ रहा है असली मजा किसी को छोटी साली होने का ,दो दो जीजा का मजा एक साथ।"
ये और जीजू करीब एक साथ ही झड़े ,
ये अपनी साली रीनू के मुंह में
और कमल जीजू मेरी बुर में।अजय जीजू मेरे पिछवाड़े
रीनू सारी मलाई गटक कर गयी लेकिन जो कुछ रीनू के होंठों और जीभ पे लगा था , वो उनकी साली ने उनके होंठों पे लिथड़ दिया.
.....
उस रात की बातें याद करते करते कब नींद लगी पता नहीं,
और जगाया उसी ने जिस ने कल रात भर जगाया था, बरसते पानी में , खुली छत पर,...
चाय की प्याली के साथ,...
ये सायबर कैफे से थोड़ी देर पहले ही लौटे थे, रिपोर्ट बन गयी थी और उन्होंने मेल भी कर दिया था.
बाहर शाम कब की ढल चुकी थी,
और मैं नीचे आज एक टाइट कुर्ती के साथ लेगिंग्स डाल कर, जिस घर में बिना घूँघट के इस कमरे के बाहर निकलने की मैं सोच भी नहीं सकती थी और ये भी बस टी और शार्ट में,