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जोरू का गुलाम भाग १९९
एक नयी सुबह मेरी ननद

१७,६६,७४१
बारिश तो रुक गयी थी पर बादलों ने अभी भी उषा का रास्ता रोक रखा था , पेड़ों की पत्तियों से बूंदे टपक रही थीं, बस उसी से हम दोनों ने एक दूसरे की देह का कीचड़ साफ किया,
लेकिन गीता का मन अभी भरा नहीं था, उसने गुड्डी को बाहों में बाँध लिया और खड़े खड़े दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, ... गीता के हाथों के दबाव ने गुड्डी को बता दिया, वोस सरकती हुयी, गीता के देह की सीढ़ी उतरती,... होठों से जोबन तक,... कुछ देर तक गीता के उरोजों का रस लेने के बाद गहरी नाभि और फिर दोनों जंघाओं के बीच रस कूप,... बस गीता यही तो इन्तजार कर रही थी, उसकी जाँघों की पकड़ किसी लोहार की सँड़सी से कम नहीं थी,... और गीता ने गुड्डी के सर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर दबोच लिया, ... गुड्डी के होंठ अपने आप खुल गए
और फिर गीता के निचले होंठों से सुनहली शराब और अबकी गुड्डी खुद ही,... और इस बार पहली बार से भी ज्यादा देर तक, खड़े खड़े,... दोनों में से किसी को फरक नहीं पड़ रहा था, और यही काम की पराकष्ठा है जब देह का सुख ही सब कुछ तय करे,...
जब गुड्डी उठी तो गीता ने बड़े दुलार से उसके गीले होंठों को चूम के कहा,
" अब थोड़ा सो जाओ, आज काम हम अकेले निपटा देंगे, और कल से रोज मुंह अंधियारे, ... आके सबसे पहले यही काम,
गुड्डी ने ख़ुशी से हामी में सर हिलाया, पर ननद की बात भाभी सीधे से मान ले तो वो भाभी नहीं, मैंने जोड़ा
" अरे एक टाइम से का होगा , दोनों जून "
मैं और गुड्डी बिस्तर पर जैसे ही एक दूसरे की बाँहों में लेटे, मस्ती और थकान, पल भर में नींद आ गयी।

मेरी नींद खुली तो बस आठ बजने वाली थी। मेरी पलंग खाली थी , मेरी गौरेया गायब।
सिर्फ हलकी सी सुनहली धूप फर्श पर पसरी हुयी थी , खिड़की खुली और बाहर पेड़ों पर से चिड़ियों की चहचाहट जैसे ढेर सारी लड़कियां अपनी सहेलियों को , ब्वॉयफ्रेंड्स को ट्वीट कर रही हों ,
---
मैंने एक नाइटी बस अपने ऊपर डाल ली , फ्रेश हुयी और किचेन में ,
किचेन एकदम साफ़ , सब चीजे रेडी , चाय की भी नाश्ते की , .... गीता सब काम करके गयी थी। ,... वही तो थी जिसने मेरे बाद गुड्डी पर नंबर लगाया था , और बाहर बगिया में बारिश के बीच गुड्डी को दो बार अपनी ' सुनहली शराब' पिलाई थी और बोला भी था, कल से रोज सुबह, पहला काम यही,... रोज गुड्डी ही तो जाती थी गीता के लिए दरवाजा खोलने और फिर किचेन में हाथ बटाने
चाय चढ़ाकर मैं अपनी ननद की खोज में लग गयी , वो अपने कमरे में लैपटॉप खोल कर , ... उसकी कोचिंग का पेज , निगाहें वहीँ चिपकी।
और सिर्फ एक रैप ओढ़ कर बैठी ,

मैंने उसका रैप खींच लिया और बोली
" हे चाय चलेगी , ... "
" दौड़ेगी ,... भाभी " और उसने मेरा गुड मॉर्निंग किस दे दिया।
" सुबह वाली कैसी थी ,...बेड टी " मैंने उसे चिढ़ाया।

वो खिलते गुलाब की तरह ब्लश कर उठी और हलके से बोली ,
" धत्त ,... "
"अरे यार थोड़ा सा तो पिलाया था , ... मुश्किल से क्वार्टर कप "
अब वो खिलःखिलायी , एकदम सुबह की धूप की तरह।
" भौजी , सच में आप बहुत कंजूस हो और ,... बेईमान भी . यहाँ भी कंजूसी कर गयी , सिर्फ ,... "

" तो चल , अब पिला देती हूँ। .. तुम भी हो , मैं भी हूँ , और मैंने घर के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। "मैंने छेड़ा
" नहीं भाभी , अभी नहीं , इसे देख रही हैं , मेरा दुश्मन ,... " उसने लैपटॉप की ओर इशारा किया और समझाया
सुबह उसकी कोचिंग से सात बजे ही मेसेज आ गया था।
एक आन लाइन टेस्ट है सवा आठ बजे , फिजिक्स के न्यूमेरिकल पर। डेढ़ घंटे चलेगा। १०० सवाल नब्बे मिनट में। एक सवाल का जब वो जवाब दे देगी तभी अगला सवाल स्क्रीन पर आएगा। स्पीड और एक्यूरेसी दोनों ,... आज जनरल फिजक्स और हीट के न्यूमेरिकल आएंगे। उसको अपना टारगेट भी खुद सेट करना है , उसने ८० सवाल का टारगेट सेट किया है। सुबह से वो जनरल फिजिक्स और हीट के न्यूमेरिकल के फार्मूले दुहरा रही थी।
" चल अभी पन्दरह मिनट है , मैं चाय ले आती हूँ , तुम थोड़ी फ्रेश भी हो जाओगी। "
और मैं किचेन की ओर चल दी।
चाय बनाते समय मैं सोच रही थी , सही है। आज उसका स्पेशल क्लास भी है फिजिक्स न्यूमेरिकल का, ए २ वाले नर्ड्स के साथ । मिसेज मल्होत्रा ने बताया भी था की उन लोगों के असेसमेंट में इस की यह एरिया थोड़ी वीक है , इसलिए वो लोग परसनालाइज्ड अटेंशन पे करेंगे।
चाय पीते समय भी उस की निगाह लैपटॉप पर थी , वो सारे फार्मूले रीपीट कर रही थी। जब उसका आन लाइन टेस्ट शुरू हो गया तो मैं फिर किचेन में
ब्रेकफास्ट की तैयारी ,... लंच मेरा तो मीटिंग में था और गुड्डी को कोचिंग में ही लंच करना था।
आमलेट के लिए में अंडे फेंट रही थी , साथ में कार्नफ्लेक्स , चिल्ले और फ्रेश ऑरेंज जूस।

ब्रेकफास्ट की तैयारी के साथ मैं सोच रही थी , ये कोचिंग वाले , छोटी सी बच्ची पर ,... और गुड्डी ही ही क्यों सारे बच्चे हम सब लोगों की उम्मीदों का भारी बोझ लेकर ,...
सुबह सुबह डेढ़ घंटे की आन लाइन क्विज
मिसेज मल्होत्रा ने मुझे डिटेल में बताया था , उन्होंने गुड्डी ने आने के बाद जो क्वेशन्स किये थे आन लाइन कोचिंग के लिए , उसके और , बोर्ड के रिजल्ट्स की एनलिसिस कर के
उनलोगों ने गुड्डी के तीन वीक प्वाइंट , और एक स्ट्रांग प्वाइंट सेलेक्ट किया था।
सबसे वीक प्वाइंट उसका फिजिक्स न्यूमेरिकल था और स्ट्रांग प्वाइंट आर्गेनिक। कोचिंग वालों की स्ट्रेटजी ये थी की अगर स्ट्रांग प्वाइंट और तगड़ा होगा तो , ओवरआल स्कोर में हेल्प होगी. उसी तरह से वीक एरिया को आयिडनेटीफाई करके स्ट्रांग बनाने से भी ,...
गुड्डी ने यहाँ आने के पहले ही बताया था की फिजिक्स के लिए उसने रेसनिक हैलिडे , दो बार कवर टू कवर ख़तम की थी , और इरडोव से प्राबलम्स भी ,
लेकिन मिसेज मल्होत्रा का मानना था की उसकी प्राबलम कॉन्सेप्ट्स से ज्यादा स्पीड में है। और इंट्रेस टेस्ट में स्पीड और एक्यूरेसी मैटर करती है , इसलिए वो इसकी स्पीड के साथ इसका असेसमेंट की किस सवाल को इसे करना है और किसे छोड़ना है , इस को भी इम्प्रूव करेंगे , गुड्डी के अंदर थोड़ा सा ओवर कान्फिडन्स है , इसके चलते ,.. जो सवाल वो पक्का श्योर नहीं है वो भी ट्राई करती है। और निगेटिव मार्किंग होने के कारण उसका बहुत तगड़ा उसे नुक्सान उठाना पड़ सकता है इसलिए इस आस्पेक्ट को भी वो कवर करेंगे.
कोचिंग के लिए हर स्टूडेंट्स के साथ ये करना इम्पॉसिबिल है ,इसलिए वो ५० स्टूडेंट्स सेल्केट करते हैं , जिनकी पोजीशन फाइनल इक्जाम में अच्छी आने की उम्मीद हो और उनका नाम वो न्यूजपेपर में , बिलबोर्ड्स पर एडवरटाइजमेंट के लिए लगा सकें , इन ५० की वो परसनाइलज्ड कोचिंग करते हैं। इसमें से ३० लकड़ी तो ए १ सेक्शन के होते हैं , जो उनका सबसे अच्छा सेक्शन है , पढ़ाई के मामले में। परफेक्ट नर्ड्स। और बाकी बीस में कुछ ए २ सेक्शन के हैं , कुछ ऑन लाइन वाले और गुड्डी।
हर तीन महीने के बाद वो री असेसमेंट करते हैं वीक प्वाइंट्स का और कोचंग को उसी तरह फिर से फोकस करते हैं।
मिसेज मल्होत्रा ने ये बात सही कही थी की ये स्टूडेंट्स कोर्स तो इंटर में ही कवर कर के आते हैं , बस असली चीज है कॉन्सेप्ट्स क्लियर करना और उसे इम्प्लीमेंटेशन , क्लास के लेक्चर इसी पर जोर देते हैं . और इन ५० स्टूडेंट्स को वो और ज्यादा अटेंशन देकर टॉप पोजीशन के लिए रेडी कराते है।
मेरे दिमाग में एक सवाल बार बार घूम रहा था और मैंने मिसेज मल्होत्रा से साफ़ साफ़ पूछ लिया
एक नयी सुबह मेरी ननद

१७,६६,७४१
बारिश तो रुक गयी थी पर बादलों ने अभी भी उषा का रास्ता रोक रखा था , पेड़ों की पत्तियों से बूंदे टपक रही थीं, बस उसी से हम दोनों ने एक दूसरे की देह का कीचड़ साफ किया,
लेकिन गीता का मन अभी भरा नहीं था, उसने गुड्डी को बाहों में बाँध लिया और खड़े खड़े दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, ... गीता के हाथों के दबाव ने गुड्डी को बता दिया, वोस सरकती हुयी, गीता के देह की सीढ़ी उतरती,... होठों से जोबन तक,... कुछ देर तक गीता के उरोजों का रस लेने के बाद गहरी नाभि और फिर दोनों जंघाओं के बीच रस कूप,... बस गीता यही तो इन्तजार कर रही थी, उसकी जाँघों की पकड़ किसी लोहार की सँड़सी से कम नहीं थी,... और गीता ने गुड्डी के सर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर दबोच लिया, ... गुड्डी के होंठ अपने आप खुल गए
और फिर गीता के निचले होंठों से सुनहली शराब और अबकी गुड्डी खुद ही,... और इस बार पहली बार से भी ज्यादा देर तक, खड़े खड़े,... दोनों में से किसी को फरक नहीं पड़ रहा था, और यही काम की पराकष्ठा है जब देह का सुख ही सब कुछ तय करे,...
जब गुड्डी उठी तो गीता ने बड़े दुलार से उसके गीले होंठों को चूम के कहा,
" अब थोड़ा सो जाओ, आज काम हम अकेले निपटा देंगे, और कल से रोज मुंह अंधियारे, ... आके सबसे पहले यही काम,
गुड्डी ने ख़ुशी से हामी में सर हिलाया, पर ननद की बात भाभी सीधे से मान ले तो वो भाभी नहीं, मैंने जोड़ा
" अरे एक टाइम से का होगा , दोनों जून "
मैं और गुड्डी बिस्तर पर जैसे ही एक दूसरे की बाँहों में लेटे, मस्ती और थकान, पल भर में नींद आ गयी।

मेरी नींद खुली तो बस आठ बजने वाली थी। मेरी पलंग खाली थी , मेरी गौरेया गायब।
सिर्फ हलकी सी सुनहली धूप फर्श पर पसरी हुयी थी , खिड़की खुली और बाहर पेड़ों पर से चिड़ियों की चहचाहट जैसे ढेर सारी लड़कियां अपनी सहेलियों को , ब्वॉयफ्रेंड्स को ट्वीट कर रही हों ,
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मैंने एक नाइटी बस अपने ऊपर डाल ली , फ्रेश हुयी और किचेन में ,
किचेन एकदम साफ़ , सब चीजे रेडी , चाय की भी नाश्ते की , .... गीता सब काम करके गयी थी। ,... वही तो थी जिसने मेरे बाद गुड्डी पर नंबर लगाया था , और बाहर बगिया में बारिश के बीच गुड्डी को दो बार अपनी ' सुनहली शराब' पिलाई थी और बोला भी था, कल से रोज सुबह, पहला काम यही,... रोज गुड्डी ही तो जाती थी गीता के लिए दरवाजा खोलने और फिर किचेन में हाथ बटाने
चाय चढ़ाकर मैं अपनी ननद की खोज में लग गयी , वो अपने कमरे में लैपटॉप खोल कर , ... उसकी कोचिंग का पेज , निगाहें वहीँ चिपकी।
और सिर्फ एक रैप ओढ़ कर बैठी ,

मैंने उसका रैप खींच लिया और बोली
" हे चाय चलेगी , ... "
" दौड़ेगी ,... भाभी " और उसने मेरा गुड मॉर्निंग किस दे दिया।
" सुबह वाली कैसी थी ,...बेड टी " मैंने उसे चिढ़ाया।

वो खिलते गुलाब की तरह ब्लश कर उठी और हलके से बोली ,
" धत्त ,... "
"अरे यार थोड़ा सा तो पिलाया था , ... मुश्किल से क्वार्टर कप "
अब वो खिलःखिलायी , एकदम सुबह की धूप की तरह।
" भौजी , सच में आप बहुत कंजूस हो और ,... बेईमान भी . यहाँ भी कंजूसी कर गयी , सिर्फ ,... "

" तो चल , अब पिला देती हूँ। .. तुम भी हो , मैं भी हूँ , और मैंने घर के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। "मैंने छेड़ा
" नहीं भाभी , अभी नहीं , इसे देख रही हैं , मेरा दुश्मन ,... " उसने लैपटॉप की ओर इशारा किया और समझाया
सुबह उसकी कोचिंग से सात बजे ही मेसेज आ गया था।
एक आन लाइन टेस्ट है सवा आठ बजे , फिजिक्स के न्यूमेरिकल पर। डेढ़ घंटे चलेगा। १०० सवाल नब्बे मिनट में। एक सवाल का जब वो जवाब दे देगी तभी अगला सवाल स्क्रीन पर आएगा। स्पीड और एक्यूरेसी दोनों ,... आज जनरल फिजक्स और हीट के न्यूमेरिकल आएंगे। उसको अपना टारगेट भी खुद सेट करना है , उसने ८० सवाल का टारगेट सेट किया है। सुबह से वो जनरल फिजिक्स और हीट के न्यूमेरिकल के फार्मूले दुहरा रही थी।
" चल अभी पन्दरह मिनट है , मैं चाय ले आती हूँ , तुम थोड़ी फ्रेश भी हो जाओगी। "
और मैं किचेन की ओर चल दी।
चाय बनाते समय मैं सोच रही थी , सही है। आज उसका स्पेशल क्लास भी है फिजिक्स न्यूमेरिकल का, ए २ वाले नर्ड्स के साथ । मिसेज मल्होत्रा ने बताया भी था की उन लोगों के असेसमेंट में इस की यह एरिया थोड़ी वीक है , इसलिए वो लोग परसनालाइज्ड अटेंशन पे करेंगे।
चाय पीते समय भी उस की निगाह लैपटॉप पर थी , वो सारे फार्मूले रीपीट कर रही थी। जब उसका आन लाइन टेस्ट शुरू हो गया तो मैं फिर किचेन में
ब्रेकफास्ट की तैयारी ,... लंच मेरा तो मीटिंग में था और गुड्डी को कोचिंग में ही लंच करना था।
आमलेट के लिए में अंडे फेंट रही थी , साथ में कार्नफ्लेक्स , चिल्ले और फ्रेश ऑरेंज जूस।

ब्रेकफास्ट की तैयारी के साथ मैं सोच रही थी , ये कोचिंग वाले , छोटी सी बच्ची पर ,... और गुड्डी ही ही क्यों सारे बच्चे हम सब लोगों की उम्मीदों का भारी बोझ लेकर ,...
सुबह सुबह डेढ़ घंटे की आन लाइन क्विज
मिसेज मल्होत्रा ने मुझे डिटेल में बताया था , उन्होंने गुड्डी ने आने के बाद जो क्वेशन्स किये थे आन लाइन कोचिंग के लिए , उसके और , बोर्ड के रिजल्ट्स की एनलिसिस कर के
उनलोगों ने गुड्डी के तीन वीक प्वाइंट , और एक स्ट्रांग प्वाइंट सेलेक्ट किया था।
सबसे वीक प्वाइंट उसका फिजिक्स न्यूमेरिकल था और स्ट्रांग प्वाइंट आर्गेनिक। कोचिंग वालों की स्ट्रेटजी ये थी की अगर स्ट्रांग प्वाइंट और तगड़ा होगा तो , ओवरआल स्कोर में हेल्प होगी. उसी तरह से वीक एरिया को आयिडनेटीफाई करके स्ट्रांग बनाने से भी ,...
गुड्डी ने यहाँ आने के पहले ही बताया था की फिजिक्स के लिए उसने रेसनिक हैलिडे , दो बार कवर टू कवर ख़तम की थी , और इरडोव से प्राबलम्स भी ,
लेकिन मिसेज मल्होत्रा का मानना था की उसकी प्राबलम कॉन्सेप्ट्स से ज्यादा स्पीड में है। और इंट्रेस टेस्ट में स्पीड और एक्यूरेसी मैटर करती है , इसलिए वो इसकी स्पीड के साथ इसका असेसमेंट की किस सवाल को इसे करना है और किसे छोड़ना है , इस को भी इम्प्रूव करेंगे , गुड्डी के अंदर थोड़ा सा ओवर कान्फिडन्स है , इसके चलते ,.. जो सवाल वो पक्का श्योर नहीं है वो भी ट्राई करती है। और निगेटिव मार्किंग होने के कारण उसका बहुत तगड़ा उसे नुक्सान उठाना पड़ सकता है इसलिए इस आस्पेक्ट को भी वो कवर करेंगे.
कोचिंग के लिए हर स्टूडेंट्स के साथ ये करना इम्पॉसिबिल है ,इसलिए वो ५० स्टूडेंट्स सेल्केट करते हैं , जिनकी पोजीशन फाइनल इक्जाम में अच्छी आने की उम्मीद हो और उनका नाम वो न्यूजपेपर में , बिलबोर्ड्स पर एडवरटाइजमेंट के लिए लगा सकें , इन ५० की वो परसनाइलज्ड कोचिंग करते हैं। इसमें से ३० लकड़ी तो ए १ सेक्शन के होते हैं , जो उनका सबसे अच्छा सेक्शन है , पढ़ाई के मामले में। परफेक्ट नर्ड्स। और बाकी बीस में कुछ ए २ सेक्शन के हैं , कुछ ऑन लाइन वाले और गुड्डी।
हर तीन महीने के बाद वो री असेसमेंट करते हैं वीक प्वाइंट्स का और कोचंग को उसी तरह फिर से फोकस करते हैं।
मिसेज मल्होत्रा ने ये बात सही कही थी की ये स्टूडेंट्स कोर्स तो इंटर में ही कवर कर के आते हैं , बस असली चीज है कॉन्सेप्ट्स क्लियर करना और उसे इम्प्लीमेंटेशन , क्लास के लेक्चर इसी पर जोर देते हैं . और इन ५० स्टूडेंट्स को वो और ज्यादा अटेंशन देकर टॉप पोजीशन के लिए रेडी कराते है।
मेरे दिमाग में एक सवाल बार बार घूम रहा था और मैंने मिसेज मल्होत्रा से साफ़ साफ़ पूछ लिया
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