malikarman
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Awesome updateगन्ने का रस
S -321
बस , दुनाली चल गयी , और न उन दोनों से सिर्फ उन आते हुए टेनिस बॉल्स साइज टॉप फाडू बूब्स की शेप और साइज देख ली , बल्कि गुड्डी के गले में टंगे , हाथ में लगे आर्म्स टैग से उसका कोचिंग का सोशल मीडिया नंबर भी देख लिया ,
S 321
नाम का कुछ भ्रम हो तो मैंने दूर कर दिया , आखिर मेरी ननद के पोटेंशियल यारों को हेल्प करना, मेरा फर्ज बनता था।
"संगीता , तेरी इस क्लास के बाद अगली क्लास में गैप है न। "
" हाँ ये वाली तो पौने दो के आसपास ख़तम होगी और अगली ढाई बजे , ... लंच मैं उसी बीच थर्ड फ्लोर वाली कैंटीन में ले लूंगी। "
नाम भी मालूम , और कहाँ मिल सकती है , ये भी ,.. और जिस तरह से उन लड़कों के हाथ में मोबाइल फोन आया , और गुड्डी का मोबाईल फोन खनका ,
इसका मतलब संदेसा आ गया।
गुड्डी ने बजाय मोबाइल में में हामी भरने के उन की ओर मुस्करा के हामी भर दी। आगे का संवाद , स्टाल वाले ने हम दोनों को ग्लास पकड़ा के काट दिया।
वास्तव में बड़ा था और ऊपर तक भरा भी ,..
" हे सीधे मुंह से लगाओ , वरना कहीं छलक गया तो ,... " मैंने उसे वार्न किया और हम दोनों गटक गटक ,...
तब तक लड़कों का एक और झुण्ड उस स्टाल पर , आस पास के गाँव के लगते थे , नए नए पैसे वाले ,... एक दो शायद कोचिंग के भी थे बाकी सब माल ताड़ने वाले
और सब की निगाह रस पीती मेरी ननद पर ,
" अरे यार गन्ने का रस पीने, पिलाने का असली मजा तो गन्ने के खेत में है " एक लड़का बोला।
" सच में यार ये शहर वालियों को क्या पता , गन्ने के खेत का मजा ,.. " उसका चमचा बोला।
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मेरा मोबाइल चमका , उनका फोन। मिशन पार्टली पूरा होगया था , वो सालियों को स्कूल छोड़ के आ गए थे , आफिस में थे.
तबतक मेरी चमकी ,
" संगीता अरे यार तुझे तो पहले , ... ये बैग ,... फिर क्लास में न ,... पांच मिनट तो उसमें भी "
" हाँ सही याद दिलाया आपने ,... " वो बोली और झट से ग्लास एक घूँट में ख़तम करते , बैग लेकर कोचिंग के लिफ्ट की ओर झपटी।
मैं पैसे देकर अपनी कार की ओर ,
लिफ्ट में घुसते हुए हम दोनों ने हाई फाइव किया। बैग में उसके डिस्को के , पार्टी के कपडे थे , शूज भी ,... वो अपने क्लास रूम वाले फ्लोर में अपने लॉकर में रख देती , जैसे बाकी लड़के लड़कियों ने ,... किसी दिन क्लास से ही ,.. सीधे पार्टी में
और गाड़ी स्टार्ट के करने के पहले मैंने मिसेज मोइत्रा को मेसेज किया , ' बस दस मिनट में पहुँच रही हूँ । "
और मोबाईल खोल के इनका टेक्स्ट पढ़ने लगी , इन्होने अपना यात्रा वृतांत डेढ़ सौ शब्दों में , संक्षेप में लिखा था।