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जोरू का गुलाम भाग २०४
रसगुल्ले - बेटियां मिसेज मोइत्रा
19,27002
बिन देखे जैसे मन ही मन उन्होंने हामी भर दी और मिसेज मोइत्रा को कस के,...
किचेन में से देख रही मंजू मुस्करा रही थी,
तभी उनके फोन में से व्हाट्सऐप में कोई मेसज घनघनाया, मैं कॉलर ट्यून से समझ गयी मिसेज डी मेलो उनकी सेक्रेटरी का है और कुछ बहुत अर्जेण्टिया होगा,..
एक्सक्यूज मी कह कर वो अलग होंगए, उनका चेहरा एकदम आफिस वाले मोड में आ गया, मिसेज मोइत्रा तो सीनियर थीं इन सब बातों से परिचित थीं
ओके काल ले लो , ...
और अब मैं भी आदी हो गयी थी सौतन फोन के नखड़ों
उन्होंने मिसेज डी मेलो का मेसेज देख के जब अपना दूसरा फोन खोला तो मैं समझा गयी आज की रात गयी,...
मेसेज मेल न जाने क्या क्या , दो मिनट उनको लगा, फिर जिस तरह से उन्होंने मुझे देखा , उनका चेहरा लटक गया था मैं समझ गयी और मुस्करा के बोली,...
"कोई बात नहीं कब निकलना है,..."
बस अभी कम्पनी की कार रास्ते में है बस पांच मिनट में पहुंच रही होगी,... वो बोले
मैं समझ गयी अब ज्यादा तो वो बोल नहीं सकते , इनकी इंटरनेशल वाली कांफ्रेस,... टाइम का चक्कर, जब यहाँ रात तो तो वहां दिन और उसका न इस आफिस से कोई मतलब था न मुम्बई के कारपोरेट आफिस से सीधे सिनसिनाटी,... और अक्सर कोई जेनेवा से तो कोई मेड्रिड से भी रहता। यहाँ के आफिस में तो मिसेज डी मेलो के अलावा कोई नहीं.जिसे इन मीटिंग्स के बारे में पता चलता , मीटिंग की टाइम के बारे में कभी कभी अगर इनका फोन नहीं मिलता तो उनके जरिये इन्फो आती थी,...
मीटिंग आफिस में ये अपने आफिस से ही करते थे,...
उन्होंने एक मेसज किया और मैंने खोल के देखा
वही उनकी इटंरनेशल वाली मीटिंग थी और सुबह तक चलेगी,... हाँ सुबह अपनी सालियों को छोड़ने आ जाएंगे, सात आठ बजे तक घर,...
तबतक कम्पनी की कार का ड्राइवर हार्न बजा रहा था,...
मेरे दिमाग में फ्लैश चमका, ... उनके सामने ही मैंने उन्हें हड़काते हुए बोला
" जाइये जाइये आफिस में तो ,... और आप आफिस जा रहे हैं तो मैं भी अपनी दोनों छोटी बहनों के साथ,... "
मिसेज मोइत्रा तो अब एकदम उनकी ओर ,... और मेरे ऊपर चढ़ गयीं,...
" तू भी न बेचारे को,... अरे ज्यादा जिम्मेदारी मिली है तो टाइम बेटाइम आफिस तो,... आज दिन भर तेरी बहनों को रखाया उसका कुछ नहीं,... ये सब तो लगा रहता है "
मैं मन ही मन मुस्करा रही थी,... अगर उन्हें ज़रा भी अंदाज लग जाए की सात तालों में जिन जुड़वा बेटियों को उन्होंने इत्ते दिन छुपा के रखा है, इस बेचारे ने कैसे कस के दोनों के चूजे रगड़े, अपना खोल के पकड़वाया, चुसवाया, उनकी चुनमुनिया रगड़ी,... इसी घर में,...
वो चले गए थे .
मैंने मुस्करा के मिसेज मोइत्रा से कहा
" आप भी न बेटी की जगह दामाद का साथ ज्यादा देती हैं,... तो मैं भी अब अपनी दोनों बहनों को ले कर जा रही हूँ,... और हाँ आपने बोला था की मेरी छोटी बहने हैं तो मुझे पूछना नहीं चाहिए, इस लिए पूछ नहीं रही हूँ बता रही हूँ,... "
तबतक मंजू किचेन से निकल के बाहर आगयी थी और बड़े हक़ से किसी सहेली की तरह अपना हाथ मिसेज मोइत्रा के कंधे पर रख दिया, और एकदम चिपक के खड़ी हो गयी , और अपनी एक ऊँगली से मिसेज मोइत्रा का आँचल हलके से झटक दिया और वो सरक कर मिसेज मोइत्रा के उन्नत उरोजों से नीचे, वो जोबन जो क्लब में फर्स्ट आये थे , अब खूब टाइट लो कट ब्लाउज से खुल झलक रहे थे,...
मंजू की आँखों में उन उभारों देख के वासना साफ़ झलक रही थी, और वो सीधे मिसेज मोइत्रा की रसीली आँखों में देख रही थी,...
कुछ लेडीज क्लब में पी हुयी ऑरेंज वोदका का असर, भांग के लड्डू का असर, कुछ अभी उनके दामाद का खड़ा खूंटा जो उन्होंने महसूस किया था इत्ते दिनों बाद अपनी चुनमुनिया पे उसका जादू,... वो बस पिघलने के कगार पर थीं, लेकिन बस बोलने के लिए बोलीं,
" लेकिन मैं रात में अकेले,... "
और उनकी बात काटती हुयी मंजू उनसे बोलीं,...
" मैं रहूंगी न रात भर आपके साथ, .. "
बहुत हलके से मिसेज मोइत्रा के ख़ुशी से छलकते चेहरे से आवाज फुसफुसाती हुयी निकली,... सच्ची,...
और जैसे जवाब में अब खुल के मंजू की हथेली ने मिसेज मोइत्रा के उभार ब्लाउज के ऊपर से कब्जा कर लिए और मुझसे बोली,...
" आप ले जाओ न दोनों बेबी लोगों को, वहीँ से कल स्कूल भी,... "
और अब मंजू के हाथ खुल के मिसेज मोइत्रा के उभार दबा रहे थे और उनसे वो बोली,...
" आप चलिए कमरे में सुबह से ये साड़ी पहने, फिर मीटिंग में थक गई होंगी, हम दोनों रहेंगे ना ,... और अब बेबी लोगों को भी थोड़ा,.... और कोमल मैडम तो उनकी बड़ी बहन हैं ,... "
मंजू मिसेज मोइत्रा को लेकर बैडरूम में और मैं धडधडाती हुयी एक बार फिर ऊपर दोनों रसगुल्लों के कमरे में
रसगुल्ले - बेटियां मिसेज मोइत्रा
19,27002
बिन देखे जैसे मन ही मन उन्होंने हामी भर दी और मिसेज मोइत्रा को कस के,...
किचेन में से देख रही मंजू मुस्करा रही थी,
तभी उनके फोन में से व्हाट्सऐप में कोई मेसज घनघनाया, मैं कॉलर ट्यून से समझ गयी मिसेज डी मेलो उनकी सेक्रेटरी का है और कुछ बहुत अर्जेण्टिया होगा,..
एक्सक्यूज मी कह कर वो अलग होंगए, उनका चेहरा एकदम आफिस वाले मोड में आ गया, मिसेज मोइत्रा तो सीनियर थीं इन सब बातों से परिचित थीं
ओके काल ले लो , ...
और अब मैं भी आदी हो गयी थी सौतन फोन के नखड़ों
उन्होंने मिसेज डी मेलो का मेसेज देख के जब अपना दूसरा फोन खोला तो मैं समझा गयी आज की रात गयी,...
मेसेज मेल न जाने क्या क्या , दो मिनट उनको लगा, फिर जिस तरह से उन्होंने मुझे देखा , उनका चेहरा लटक गया था मैं समझ गयी और मुस्करा के बोली,...
"कोई बात नहीं कब निकलना है,..."
बस अभी कम्पनी की कार रास्ते में है बस पांच मिनट में पहुंच रही होगी,... वो बोले
मैं समझ गयी अब ज्यादा तो वो बोल नहीं सकते , इनकी इंटरनेशल वाली कांफ्रेस,... टाइम का चक्कर, जब यहाँ रात तो तो वहां दिन और उसका न इस आफिस से कोई मतलब था न मुम्बई के कारपोरेट आफिस से सीधे सिनसिनाटी,... और अक्सर कोई जेनेवा से तो कोई मेड्रिड से भी रहता। यहाँ के आफिस में तो मिसेज डी मेलो के अलावा कोई नहीं.जिसे इन मीटिंग्स के बारे में पता चलता , मीटिंग की टाइम के बारे में कभी कभी अगर इनका फोन नहीं मिलता तो उनके जरिये इन्फो आती थी,...
मीटिंग आफिस में ये अपने आफिस से ही करते थे,...
उन्होंने एक मेसज किया और मैंने खोल के देखा
वही उनकी इटंरनेशल वाली मीटिंग थी और सुबह तक चलेगी,... हाँ सुबह अपनी सालियों को छोड़ने आ जाएंगे, सात आठ बजे तक घर,...
तबतक कम्पनी की कार का ड्राइवर हार्न बजा रहा था,...
मेरे दिमाग में फ्लैश चमका, ... उनके सामने ही मैंने उन्हें हड़काते हुए बोला
" जाइये जाइये आफिस में तो ,... और आप आफिस जा रहे हैं तो मैं भी अपनी दोनों छोटी बहनों के साथ,... "
मिसेज मोइत्रा तो अब एकदम उनकी ओर ,... और मेरे ऊपर चढ़ गयीं,...
" तू भी न बेचारे को,... अरे ज्यादा जिम्मेदारी मिली है तो टाइम बेटाइम आफिस तो,... आज दिन भर तेरी बहनों को रखाया उसका कुछ नहीं,... ये सब तो लगा रहता है "
मैं मन ही मन मुस्करा रही थी,... अगर उन्हें ज़रा भी अंदाज लग जाए की सात तालों में जिन जुड़वा बेटियों को उन्होंने इत्ते दिन छुपा के रखा है, इस बेचारे ने कैसे कस के दोनों के चूजे रगड़े, अपना खोल के पकड़वाया, चुसवाया, उनकी चुनमुनिया रगड़ी,... इसी घर में,...
वो चले गए थे .
मैंने मुस्करा के मिसेज मोइत्रा से कहा
" आप भी न बेटी की जगह दामाद का साथ ज्यादा देती हैं,... तो मैं भी अब अपनी दोनों बहनों को ले कर जा रही हूँ,... और हाँ आपने बोला था की मेरी छोटी बहने हैं तो मुझे पूछना नहीं चाहिए, इस लिए पूछ नहीं रही हूँ बता रही हूँ,... "
तबतक मंजू किचेन से निकल के बाहर आगयी थी और बड़े हक़ से किसी सहेली की तरह अपना हाथ मिसेज मोइत्रा के कंधे पर रख दिया, और एकदम चिपक के खड़ी हो गयी , और अपनी एक ऊँगली से मिसेज मोइत्रा का आँचल हलके से झटक दिया और वो सरक कर मिसेज मोइत्रा के उन्नत उरोजों से नीचे, वो जोबन जो क्लब में फर्स्ट आये थे , अब खूब टाइट लो कट ब्लाउज से खुल झलक रहे थे,...
मंजू की आँखों में उन उभारों देख के वासना साफ़ झलक रही थी, और वो सीधे मिसेज मोइत्रा की रसीली आँखों में देख रही थी,...
कुछ लेडीज क्लब में पी हुयी ऑरेंज वोदका का असर, भांग के लड्डू का असर, कुछ अभी उनके दामाद का खड़ा खूंटा जो उन्होंने महसूस किया था इत्ते दिनों बाद अपनी चुनमुनिया पे उसका जादू,... वो बस पिघलने के कगार पर थीं, लेकिन बस बोलने के लिए बोलीं,
" लेकिन मैं रात में अकेले,... "
और उनकी बात काटती हुयी मंजू उनसे बोलीं,...
" मैं रहूंगी न रात भर आपके साथ, .. "
बहुत हलके से मिसेज मोइत्रा के ख़ुशी से छलकते चेहरे से आवाज फुसफुसाती हुयी निकली,... सच्ची,...
और जैसे जवाब में अब खुल के मंजू की हथेली ने मिसेज मोइत्रा के उभार ब्लाउज के ऊपर से कब्जा कर लिए और मुझसे बोली,...
" आप ले जाओ न दोनों बेबी लोगों को, वहीँ से कल स्कूल भी,... "
और अब मंजू के हाथ खुल के मिसेज मोइत्रा के उभार दबा रहे थे और उनसे वो बोली,...
" आप चलिए कमरे में सुबह से ये साड़ी पहने, फिर मीटिंग में थक गई होंगी, हम दोनों रहेंगे ना ,... और अब बेबी लोगों को भी थोड़ा,.... और कोमल मैडम तो उनकी बड़ी बहन हैं ,... "
मंजू मिसेज मोइत्रा को लेकर बैडरूम में और मैं धडधडाती हुयी एक बार फिर ऊपर दोनों रसगुल्लों के कमरे में
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