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Guddi bhi maje le rahi hai rasgullo keगुड्डी और रसगुल्ले
थोड़ी देर में ही बाइक की तेज आवाज सुनाई पड़ी, फिर चुम्मी की और गुड्डी रानी घर के अंदर,... कोचिंग का दूसरा दिन था, लेकिन लग रहा था मम्मे कस के मसले गए हैं जिस तरह टॉप तुड़ा मुड़ा लग रहा था,... और सुबह की डार्क लिपस्टिक भी अच्छी तरह स्मजड,... गाल पर पर्पल लिप्स, निधि की लिपस्टिक का रंग,... टॉप एकदम देह से चिपका, नेवेल से चार इंच ऊपर ख़तम हो गया था, और उभार साफ़ साफ़ झलक रहे थे,...
मैंने उसे दोनों रसगुल्लों के बारे में पहले बता रखा था और आज चलने के पहले मेसेज भी कर दिया था की आज भैया नहीं रहेंगे उसके और उसके भैया की दोनों स्सालियाँ आ रही हैं , फुल नाइट का खेल और लीड उसे ही लेनी है।
उसकी स्माइली आयी और मेसेज भी भाभी आने दीजिये स्सालियों को, आज भैया नहीं तो मेरे हवाले।
दोनों रसगुल्ले गुड्डी देखते रह गए, देह से एकदम चिपकी ड्र्रेस, पोकिंग निप्स, साफ़ साफ़ दिखते उभार,...
वो दोनों गुड्डी से नमस्ते करतीं, नाम बतातीं, हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ातीं,
गुड्डी ने बड़ी को गपूच लिया, और गुड्डी के ३२ सी बड़ी के २८ को कस के दबा रहे थे और साथ में क्या स्साला लौंडा किस करेगा, गुड्डी ने बड़ी के होंठों को,... नहीं चूमा नहीं, चूस लिया, बड़ी देर तक चूसती रही और कचकचा के अपने दांतों से बड़ी के होंठों को काट लिया,... कोई भी देखने वाला यही समझता यार से कटवा के आ रही है।
छुटकी मुस्करा रही थी अपनी जीजू की बहन को देख के, ( अभी उसे ये नहीं मालूम था की ये उसके जीजू के बचपन का माल भी है और अब,... ) गुड्डी ने बड़ी को बिना छोड़े मुस्कराती छुटकी को देख के साफ साफ़ पूछ लिया,...
"बोल स्साली चुदी की नहीं अपने जीजू से "
अपनी बड़ी बड़ी घबराई आँखों से मेरी ननद को देखते वो हलके से बोली,...
" नहीं अभी नहीं "
और अब बड़ी को छोड़ छुटकी को गुड्डी ने उसी तरह दबोच लिया और मुझसे बोली, ...
" स्साली भैया की सालियाँ है तो मस्त लेकिन,... "
और फिर अगला सवाल गुड्डी ने बड़ी की ओर देख के दाग दिया,
" अबे स्साली तू भी नहीं चुदी ? तो स्साली होने का फायदा क्या, क्या तेरे जीजू का खड़ा ही नहीं होता ? "
अपने जीजू की बुराई दोनों रसगुल्लों में से कोई नहीं सुन सकता था छुटकी झट से बोल उठी,...
" नहीं नहीं , ऐसा कुछ नहीं, होता है खड़ा और जबरदस्त होता है हमी लोग थोड़े ज्यादा ही ना ना कर रहे थे,... "
अब उसे दबोचे हुए गुड्डी टॉप के एक दो बचे हुए बटन खोल रही थी और हलके हलके छुटकी के जोबन ऊपर से सहलाते बोली,... " तो हाथ में लिया था क्या "
" हाँ हम दोनों ने पकड़ा भी था , सहलाया भी था खूब कड़ा था , खड़ा था, बड़ा था " अब दोनों जुड़वा बहने एक साथ बोल रही थीं, ...
गुड्डी ने रूप बदला खूब घूर के बड़ी को देखा,... और गरजी,...
" क्या पकड़ा था, क्या सहलाया था बोल साफ़ साफ़, कैसी स्साली हो, अपने जिज्जू की,... अरे नाम लेने में घबड़ा रही हो तो घोंट कैसे पाओगी,... मैं बोल दे रही हूँ ,... अगर नाम भी नहीं ले पार रही है न तो कभी नहीं मिलेगा तू भी तरसती रहना, और तेरे जीजू भी तरसते रहेंगे सोचेंगे कैसी सालिया मिली हैं। "
छुटकी जो अभी भी गुड्डी की बाहों में थीं, हंस के बोली,... नहीं नहीं, मेरे जीजू एकदम नहीं तरसेंगे बस अगली बार,... जीजू का, वो ,... मेरा मतलब ,... फिर थूक घोंटते हुए बोली,... जीजू का,... "
और मैंने उसे आँख तरेर कर देखा, जैसे कह रही हूँ , मेरी छोटी बहन हो के मेरा नाम मत डुबो,...
और छुटकी बोली, ... जीजू का लंड,...
" क्या स्साली , अबे कैसी स्साली है, जोर से बोल न साफ़ साफ़ " और टॉप के ऊपर से कस के छुटकी के निप मरोड़ दिए,...
" जीजू का लंड " अब ख़ुशी से जोर से मुस्कराते हुए छुटकी बोली।
पहले छन्दा फिर मंजू ने ये सब बोलना उसे अच्छी तरह सिखा दिया था बस झिझक,.. और आज रात वही झिझक ख़तम होनी थी जिससे जब मेरे सैंया और गुड्डी के भैया दोनों की टाँगे फैलाएं तो दोनों खुल के मजे लें भी दे भी.