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जोरू का गुलाम भाग २०५ -
गुड्डी और मिसेज मोइत्रा के रसगुल्ले
19,62,197
वो दोनों गुड्डी से नमस्ते करतीं, नाम बतातीं, हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ातीं, गुड्डी ने बड़ी को गपूच लिया, और गुड्डी के ३२ सी बड़ी के २८ को कस के दबा रहे थे और साथ में क्या स्साला लौंडा किस करेगा, गुड्डी ने बड़ी के होंठों को,... नहीं चूमा नहीं, चूस लिया, बड़ी देर तक चूसती रही और कचकचा के अपने दांतों से बड़ी के होंठों को काट लिया,... कोई भी देखने वाला यही समझता यार से कटवा के आ रही है।
छुटकी मुस्करा रही थी अपनी जीजू की बहन को देख के, ( अभी उसे ये नहीं मालूम था की ये उसके जीजू के बचपन का माल भी है और अब,... ) गुड्डी ने बड़ी को बिना छोड़े मुस्कराती छुटकी को देख के साफ साफ़ पूछ लिया,...
"बोल स्साली चुदी की नहीं अपने जीजू से "
अपनी बड़ी बड़ी घबराई आँखों से मेरी ननद को देखते वो हलके से बोली,...
" नहीं अभी नहीं "
और अब बड़ी को छोड़ छुटकी को गुड्डी ने उसी तरह दबोच लिया और मुझसे बोली, ... " स्साली भैया की सालियाँ है तो मस्त लेकिन,... " और फिर अगला सवाल गुड्डी ने बड़ी की ओर देख के दाग दिया,
" अबे स्साली तू भी नहीं चुदी ? तो स्साली होने का फायदा क्या, क्या तेरे जीजू का खड़ा ही नहीं होता ? "
अपने जीजू की बुराई दोनों रसगुल्लों में से कोई नहीं सुन सकता था छुटकी झट से बोल उठी,...
" नहीं नहीं , ऐसा कुछ नहीं, होता है खड़ा और जबरदस्त होता है हमी लोग थोड़े ज्यादा ही ना ना कर रहे थे,... "
अब उसे दबोचे हुए गुड्डी टॉप के एक दो बचे हुए बटन खोल रही थी और हलके हलके छुटकी के जोबन ऊपर से सहलाते बोली,... " तो हाथ में लिया था क्या "
" हाँ हम दोनों ने पकड़ा भी था , सहलाया भी था खूब कड़ा था , खड़ा था, बड़ा था " अब दोनों जुड़वा बहने एक साथ बोल रही थीं, ...
गुड्डी ने रूप बदला खूब घूर के बड़ी को देखा,... और गरजी,...
" क्या पकड़ा था, क्या सहलाया था बोल साफ़ साफ़, कैसी स्साली हो, अपने जिज्जू की,... अरे नाम लेने में घबड़ा रही हो तो घोंट कैसे पाओगी,... मैं बोल दे रही हूँ ,... अगर नाम भी नहीं ले पार रही है न तो कभी नहीं मिलेगा तू भी तरसती रहना, और तेरे जीजू भी तरसते रहेंगे सोचेंगे कैसी सालिया मिली हैं। "
छुटकी जो अभी भी गुड्डी की बाहों में थीं, हंस के बोली,...
"नहीं नहीं, मेरे जीजू एकदम नहीं तरसेंगे बस अगली बार,... जीजू का, वो ,... मेरा मतलब ,... फिर थूक घोंटते हुए बोली,... जीजू का,... "
और मैंने उसे आँख तरेर कर देखा, जैसे कह रही हूँ , मेरी छोटी बहन हो के मेरा नाम मत डुबो,...
और छुटकी बोली, ... जीजू का लंड,...
" क्या स्साली , अबे कैसी स्साली है, जोर से बोल न साफ़ साफ़ " और टॉप के ऊपर से कस के छुटकी के निप मरोड़ दिए,...
" जीजू का लंड "
अब ख़ुशी से जोर से मुस्कराते हुए छुटकी बोली। पहले छन्दा फिर मंजू ने ये सब बोलना उसे अच्छी तरह सिखा दिया था बस झिझक,.. और आज रात वही झिझक ख़तम होनी थी जिससे जब मेरे सैंया और गुड्डी के भैया दोनों की टाँगे फैलाएं तो दोनों खुल के मजे लें भी दे भी.
टॉप के नीचे तो ढक्क्न था ही नहीं, बटन सब गुड्डी ने खोल दी थीं और अब स्कर्ट उठा के सीधे जाँघों के बीच चिपकी पैंटी पर गुड्डी ने हमला किया,... और जबतक छुटकी सम्हले पकड़ के नीचे खींच दी, सरसरर सीधे फर्श पे,...
" अबे स्साली, ये चुनमुनिया अब बंद करने की उमर नहीं खोलने की उमर है , थोड़ा इसको हवा पानी लगने दे जल्द ही तेरे जीजू और मेरे भैया इसे फाड़ के चिथड़े कर देंगे,... "
और अब गुड्डी ने बड़ी की ओर रुख किया,...
" स्साली भोसड़ी की, तू ने नहीं बोला, तुझे नहीं घोंटना है क्या अपने जीजू का , बोल स्साली क्या घोंटेंगी कहाँ घोटेगी,... "
और बड़की ने भी हिम्मत कर के बोल दिया, ... जीजू का लंड,... अपनी चूत में
और उस ख़ुशी में गुड्डी ने उसकी भी पैंटी खींच के फर्श पर , और तब तक गुड्डी की निगाह आधी भरी कोक की बॉटल पर पड़ी। और गुड्डी की आँखे चमक गयी,... चल स्सालियों, कॉक नहीं तो कोक ही सही,... तुम दोनों मिल के रमोला बनाओ,... अब ये मत कहना की ये भी नहीं आता।
छन्दा ने उन्हें पिलाया था और बड़ी ने भले ही धोखे से लेकिन छुटकी को तो मालूम ही था, ...
और जरा सा देर होते ही गुड्डी चढ़ बैठी, तेरी माँ ने खाली चुदवाना सिखाया था क्या,... वो भी ठीक से नहीं वरना बिन चुदवाये तुम दोनों जीजू को छोड़ती नहीं,... रमोला बनाना भी नहीं। अच्छा चल काम पे लग जा,
और गुड्डी ने दोनों को काम पे लगा दिया, थोड़ी देर में बड़की बैकार्डी की एक बॉटल अंदर कमरे से ले आयी और छुटकी चार ग्लास, आइस क्रश्ड और लाइम वेज ले आयी, गुड्डी ने उन दोनों से ही बनवाया,.. और थोड़ी देर में हम चारो रमोला सिप कर रहे थे और गुड्डी फिर से चालू हो गयी लेकिन अब वो मेरे पीछे पड़ी थी,
गुड्डी और मिसेज मोइत्रा के रसगुल्ले
19,62,197
वो दोनों गुड्डी से नमस्ते करतीं, नाम बतातीं, हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ातीं, गुड्डी ने बड़ी को गपूच लिया, और गुड्डी के ३२ सी बड़ी के २८ को कस के दबा रहे थे और साथ में क्या स्साला लौंडा किस करेगा, गुड्डी ने बड़ी के होंठों को,... नहीं चूमा नहीं, चूस लिया, बड़ी देर तक चूसती रही और कचकचा के अपने दांतों से बड़ी के होंठों को काट लिया,... कोई भी देखने वाला यही समझता यार से कटवा के आ रही है।
छुटकी मुस्करा रही थी अपनी जीजू की बहन को देख के, ( अभी उसे ये नहीं मालूम था की ये उसके जीजू के बचपन का माल भी है और अब,... ) गुड्डी ने बड़ी को बिना छोड़े मुस्कराती छुटकी को देख के साफ साफ़ पूछ लिया,...
"बोल स्साली चुदी की नहीं अपने जीजू से "
अपनी बड़ी बड़ी घबराई आँखों से मेरी ननद को देखते वो हलके से बोली,...
" नहीं अभी नहीं "
और अब बड़ी को छोड़ छुटकी को गुड्डी ने उसी तरह दबोच लिया और मुझसे बोली, ... " स्साली भैया की सालियाँ है तो मस्त लेकिन,... " और फिर अगला सवाल गुड्डी ने बड़ी की ओर देख के दाग दिया,
" अबे स्साली तू भी नहीं चुदी ? तो स्साली होने का फायदा क्या, क्या तेरे जीजू का खड़ा ही नहीं होता ? "
अपने जीजू की बुराई दोनों रसगुल्लों में से कोई नहीं सुन सकता था छुटकी झट से बोल उठी,...
" नहीं नहीं , ऐसा कुछ नहीं, होता है खड़ा और जबरदस्त होता है हमी लोग थोड़े ज्यादा ही ना ना कर रहे थे,... "
अब उसे दबोचे हुए गुड्डी टॉप के एक दो बचे हुए बटन खोल रही थी और हलके हलके छुटकी के जोबन ऊपर से सहलाते बोली,... " तो हाथ में लिया था क्या "
" हाँ हम दोनों ने पकड़ा भी था , सहलाया भी था खूब कड़ा था , खड़ा था, बड़ा था " अब दोनों जुड़वा बहने एक साथ बोल रही थीं, ...
गुड्डी ने रूप बदला खूब घूर के बड़ी को देखा,... और गरजी,...
" क्या पकड़ा था, क्या सहलाया था बोल साफ़ साफ़, कैसी स्साली हो, अपने जिज्जू की,... अरे नाम लेने में घबड़ा रही हो तो घोंट कैसे पाओगी,... मैं बोल दे रही हूँ ,... अगर नाम भी नहीं ले पार रही है न तो कभी नहीं मिलेगा तू भी तरसती रहना, और तेरे जीजू भी तरसते रहेंगे सोचेंगे कैसी सालिया मिली हैं। "
छुटकी जो अभी भी गुड्डी की बाहों में थीं, हंस के बोली,...
"नहीं नहीं, मेरे जीजू एकदम नहीं तरसेंगे बस अगली बार,... जीजू का, वो ,... मेरा मतलब ,... फिर थूक घोंटते हुए बोली,... जीजू का,... "
और मैंने उसे आँख तरेर कर देखा, जैसे कह रही हूँ , मेरी छोटी बहन हो के मेरा नाम मत डुबो,...
और छुटकी बोली, ... जीजू का लंड,...
" क्या स्साली , अबे कैसी स्साली है, जोर से बोल न साफ़ साफ़ " और टॉप के ऊपर से कस के छुटकी के निप मरोड़ दिए,...
" जीजू का लंड "
अब ख़ुशी से जोर से मुस्कराते हुए छुटकी बोली। पहले छन्दा फिर मंजू ने ये सब बोलना उसे अच्छी तरह सिखा दिया था बस झिझक,.. और आज रात वही झिझक ख़तम होनी थी जिससे जब मेरे सैंया और गुड्डी के भैया दोनों की टाँगे फैलाएं तो दोनों खुल के मजे लें भी दे भी.
टॉप के नीचे तो ढक्क्न था ही नहीं, बटन सब गुड्डी ने खोल दी थीं और अब स्कर्ट उठा के सीधे जाँघों के बीच चिपकी पैंटी पर गुड्डी ने हमला किया,... और जबतक छुटकी सम्हले पकड़ के नीचे खींच दी, सरसरर सीधे फर्श पे,...
" अबे स्साली, ये चुनमुनिया अब बंद करने की उमर नहीं खोलने की उमर है , थोड़ा इसको हवा पानी लगने दे जल्द ही तेरे जीजू और मेरे भैया इसे फाड़ के चिथड़े कर देंगे,... "
और अब गुड्डी ने बड़ी की ओर रुख किया,...
" स्साली भोसड़ी की, तू ने नहीं बोला, तुझे नहीं घोंटना है क्या अपने जीजू का , बोल स्साली क्या घोंटेंगी कहाँ घोटेगी,... "
और बड़की ने भी हिम्मत कर के बोल दिया, ... जीजू का लंड,... अपनी चूत में
और उस ख़ुशी में गुड्डी ने उसकी भी पैंटी खींच के फर्श पर , और तब तक गुड्डी की निगाह आधी भरी कोक की बॉटल पर पड़ी। और गुड्डी की आँखे चमक गयी,... चल स्सालियों, कॉक नहीं तो कोक ही सही,... तुम दोनों मिल के रमोला बनाओ,... अब ये मत कहना की ये भी नहीं आता।
छन्दा ने उन्हें पिलाया था और बड़ी ने भले ही धोखे से लेकिन छुटकी को तो मालूम ही था, ...
और जरा सा देर होते ही गुड्डी चढ़ बैठी, तेरी माँ ने खाली चुदवाना सिखाया था क्या,... वो भी ठीक से नहीं वरना बिन चुदवाये तुम दोनों जीजू को छोड़ती नहीं,... रमोला बनाना भी नहीं। अच्छा चल काम पे लग जा,
और गुड्डी ने दोनों को काम पे लगा दिया, थोड़ी देर में बड़की बैकार्डी की एक बॉटल अंदर कमरे से ले आयी और छुटकी चार ग्लास, आइस क्रश्ड और लाइम वेज ले आयी, गुड्डी ने उन दोनों से ही बनवाया,.. और थोड़ी देर में हम चारो रमोला सिप कर रहे थे और गुड्डी फिर से चालू हो गयी लेकिन अब वो मेरे पीछे पड़ी थी,
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