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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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भाग २४१ - मस्ती पार्क में अपडेट

पोस्ट हो गया है, पृष्ठ १४८४

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vakharia

Supreme
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जोरू का गुलाम, भाग २४० - घर आया मेरा परदेशी पृष्ठ 1461 अपडेट पोस्टेड,

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हमेशा की तरह, अति-उतकुष्ट अपडेट..!!

कहानी स्पर्धा में आपकी कृति का इंतज़ार रहेगा, यदि सम्मिलित होने का प्रयोजन हो तो..!!
 

Black horse

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मैं,वो और हम

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लेकिन एक बात मैंने सुन ली वो काम की थी, अगले बीस पच्चीस दिन वो कहीं नहीं जाएंगे, बस यहीं,...

और मैंने उन्हें कस के दबोच लिया। कहते हैं महिलायें अपनी भावनाएं कई ढंग से व्यक्त करती हैं, लेकिन मैं सिर्फ एक तरीका जानती हूँ इस लड़के के साथ, कस के दबोच के, गाल काट के चूम के और जिस जोबना का यह पहले दिन से दीवाना है उसे खुल के उसके सीने पे रगड़ के,... लेकिन इस सब का जो असर हुआ वही हुआ,



वो बदमाश फनफनाने लगा, खूंटा एकदम खड़ा, ... मैंने और कस के दबोच लिया, मुट्ठी में नहीं अपनी जाँघों के बीच और चिढ़ाया,...



" क्यों बहिनिया की याद आ रही है बड़ा जोर से खूंटा खड़ा किया है, लेकिन वो छिनार तो दस दिन के लिए गयी. "

उन्होंने अब सीधे मेरी चुनमुनिया पे रगड़ के बता दिया की किसके लिए खड़ा किया और प्रेमगली भी मेरी इस रगड़ारगड़ी में गीली हो रही थी. वो भले ही चुप थे लेकिन मैं नहीं चुप रहने वाली, मैंने फिर छेड़ा,

" अरे अब कुछ दिन बाद महतारी आएँगी तोहार, बहिन की कसी चूत क मजा बहुत ले ले लिए अब कुछ दिन अपनी महतारी के भोंसडे का मजा लेना "

बहिन की गाली तक तो ठीक था लेकिन महतारी की गारी सुन के वो एकदम फनफना जाते थे, और वही हुआ,... सीधे पलट के, ... मेरी टाँगे उनके कंधे पर और क्या धक्का मारा आधा खूंटा अंदर,

मेरी चूल चूल ढीली हो गयी, ऐसे जोर के दरेरते रगड़ते धक्के लग रहे थे और मजा भी बहुत आ रहा था,... कुछ देर बाद जब मैं बोलने वाली हालत में आयी,... तो नीचे से धक्के का जवाब धक्के से देती फिर से चिढ़ाया,

" क्यों अपनी महतारी का भोंसड़ा याद आ रहा है, बोल चोदना है न अपनी महतारी को, "

" नहीं कत्तई नहीं " वो साफ़ मुकर गए,... फिर एक बार उन्होंने मेरी दोनों टाँगे अपने कंधे पर सेट की,... खूंटा ऑलमोस्ट बाहर निकाला और क्या धक्का मारा, मेरी बच्चेदानी हिल गयी , सुपाड़ा ऐसे जोर से लगा,... और मेरे गाल काट के बोले वो,



" तेरी सास की लूंगा ऐसे ही,... "

मारे ख़ुशी के मैंने उन्हें कस के भींच लिया, गाल काट लिए, कंधे में नाख़ून गड़ा दिए और एक से एक गारी अपनी सास को दी,

" मेरी सास का खसम, अपनी सास की गाँड़ अपने मरद से मरवाऊँ, अपने खसम के खूंटे पे अपनी सास को बैठाऊँ,... मायके के यार भूल जाएंगी "


फिर हम दोनों मिल के बस, धककम धुक्का, रगड़ा रगड़ी,

सच में सिर्फ तीन दिन इनके बिना थी, लेकिन लग रहा था तीस साल निकल गए, और ये बदमाश लड़का देखने में इतना सीधा, लेकिन बिस्तर पे ऐसा बदमाश, नम्बरी चोदू, और अब मुझे तड़पना भी सीख गया था, जो थोड़ी बहुत कसर थी भी तो तीन दिन में मेरी कमीनी बहन, इनकी साली रीनू ने सिखा पढ़ा के पक्का कर दिया था,

जब मेरा मन कर रहा था, ये धमधूसर, तूफानी पेलाई करे, उस स्साले अपनी महतारी के भतार ने निकाल लिया और खूंटे के जगह पहले तो पांच मिनट उसके होंठों से, क्या जबरदस्त चुसम चुसाई की, जीभ डाल के अंदर तक, कभी मेरी जादू की बटन को चूसता

और मैं चूतड़ पटकती, अपनी सास को, गिन गिन के इसकी मायके वालियों को गरियाती,

" स्साले ये मोटा खूंटा किसके लिए खड़ा किया है, मेरी सास के लिए, अरे उसे तो मैं गली के गदहों से चुदवाउ, पेल ने "

और वो बदमाश मेरी फुदकती, फड़फड़ाती, फांको पे अपने मोटे लाल लाल सुपाड़े से रगड़ता, बस अंदर न घुसेड़ता और जब मैंने फिर से हड़काया,

" मेरी सास के भतार, मेरी ननद के यार, अभी तो मेरी सास आयी भी नहीं है किसको चोदेगा, बहन भी तेरी चली गयी है जो इतना तड़पा रहा है

" तेरी सास की बहु को " हँसते हुए वो बोला और क्या करारा धक्का मारा, और फिर जो पेलना ठेलना धुरु किया, जबतक बच्चेदानी तक मूसल नहीं घुसा पेलगाडी चलती ही रही

लेकिन वो स्साला अगर मेरी सास का पूत था तो मैं भी अपनी सास की बहू थी, और थोड़ी देर में ही पटक के उन्हें, मैं ऊपर चढ़ बैठी, मैं ऊपर वो नीचे, मेरी भी फेवरिट पोज और उनकी भी, और उनके दोनों हाथ मोड़ के उनके सर के नीचे, और अब धक्के रोक के कुछ बातें मैं पहले साफ़ कराने पे जुट गयी,

" स्साले, मेरी सास के भतार, अगर अब कहीं ऐसे अगले पंद्रह बीस दिन तक बाहर गया, बिना मुझे लिए, बोल जाएगा, "

"नहीं, नहीं, एकदम नहीं, " जोर जोर से ना में सर हिलाते हुए उन्होंने कबूला।



और झुक के उस लालची को मैंने चूम लिया और कस के दोनों जोबन का धक्का उसकी छाती पे लगा के बोली,

" अभी तो तेरी बहिनिया भी नहीं है, दस दिन के लिए बाहर है और तेरी माँ अभी आयी नहीं है, तो रोज बिना नागा तेरी लूंगी मैं, निचोड़ के रख दूंगी और इन तीनो दिनों का उधार अलग " और फिर क्या कोई मरद गौने की रात नयी नवेली कच्ची कली को पेलेगा, जिस तरह के धक्के मैंने लगाए और ये बात सही भी थी, उनकी बहन इतने दिनों से लाइन मार रही थी, लेकिन स्साले की नथ तो मैंने ही उतारी, और किसी के बस का भी नहीं था , ऊपर से लिखवा के लायी थी।



और जैसे वो मूड में आये, मेरी कमर पकड़ के नीचे से धक्के मारने लगे, मैंने उन्हें रोक दिया और खुद भी रुक गयी,

" चल स्साले, पहले मेरी सास को दस गाली दे, वो आने वाली हैं हफ्ते दस दिन में, तो सिर्फ चोदेगा ही या गाँड़ भी मारेगा अपनी माँ की "

एक दो पल के लिए झिझके लेकिन जो मैं सुनना चाहती थी, सुन के ही मानी मैं

लेकिन थोड़ी देर बाद ही मैं निहुरी थी और वो पेल रहे थे।

कितनी देर तक चला, पता नहीं,

मैं कितनी बार झड़ी पता नहीं ,



लेकिन बस ये याद है की बहुत देर बाद जब मैं झड़ी तो साथ में ये भी मेरे अंदर और हम दोनों एक दूसरे को भींच के बहुत देर चुप चाप,



लेकिन फिर मेरी वही सौतन, छिनार



इनके आफिस का फोन,... सवा घंटे बाद वीडियो कांफ्रेंस थी, दीर्घलिंगम साहेब से उनके सेक्रेटरी का फोन आया था,...

बस झटपट हम दोनों ने मिल के किचेन में कुछ बनाया वहीँ खाया, लेकिन किचेन में भी न बदमाशी कम हुयी न मेरा उनको छेड़ना, मैं गुड्डी का नाम ले के छेड़ रही थी,

,
" हे कित्ती बार मारी थी मेरी ननद की गोल फुलवारी, बहुत मजा आया था न। अरे दस दिन बाद आएगी तो फिर से मार लेना, और अब तो उसकी जब पांच दिन वाली छुट्टी होगी तो भी पिछवाड़े की एंट्री तो फ्री ही रहेगी "

एक दो बार के बाद वो जोश में आ गए,

" चल वो नहीं है तो उसकी भाभी तो है, तो जरा उसके पिछवाड़े का भी स्वाद ले लूँ , अरे तू अपना काम करती रहना, मैं अपना काम करता रहूँगा, " और वहीँ स्लैब पे झुका के अपना खूंटा मेरे पिछवाड़े सटा दिया और किचेन में लुब्रिकेंट की तो कमी नहीं होती, घी, तेल, मक्खन, सब मौजूद,

लेकिन मेरा पिछवाड़ा बचना था, बेचारे जब तक सरसों के तेल का डब्बा खोलते, मिसेज डी मेलो, उनकी सेक्रेटरी का फोन आ गया, एक और मीटिंग, यहाँ के डिपार्टमेंट हेड्स का, और वो आधे घंटे में शुरू हो जायेगी, वि सी ( वीडियो कांफ्रेंस ) का अजेंडा आ गया है उसे डिस्कस करना है, वो मिसेज डी मेलो ने उन्हें व्हाट्सअप कर दिया है। कंपनी की गाडी आ रही है , बस पन्दरह मिनट में पहुँच जायेगी।


और ये ऑफिस में,



हाँ शाम को ये जब आये तो हम दोनों बहुत दिन बाद घूमने गए , एक पार्क था बहुत बड़ा सा, शहर के बाहर,...



और कम्पनी की कार से नहीं, इन्होने किसी की बाइक मांगी, बहुत दिन बाद हम दोनों बाइक पे मैं पीछे चिपक के बैठी, ... और मैं भी मस्ती के मूड में, कुछ इन्हे छेड़ने के लिए कुछ मजे के लिए गुड्डी का स्कर्ट और टॉप पहन लिया था, साडी पहन के बाइक पे चिपक के बैठने का मजा नहीं आता।



और उस पार्क में उन्होंने बहुत कुछ बताया,
Komal kahani sunana ek kala hai, kahani har koi sunata hai, par itne Dil se, jo padhne vale ke bhi Dil me sama jaye, ye kala sirf tumhare pass hai.

Mast discription
 

motaalund

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Komalji. Vese to guddi nandiya ka chhinarpan padhne me bahot maza aaya. Reenu ke master ban ne ke vo kisse jyada mast lage. Par JKMG ke ashli makshad unhe joru ka gulam banae rakhna. Vo kisse jyada erotic lagte hai.

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लेकिन बीच-बीच में बाकी किस्से भी...
 

motaalund

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Wah is bar lagta he kuchh nai taiyari hai. Mammy ki bhi lagta hai bahot pahechan hai. Jese komaliya ko daktarni to kabhi message Malhotra koi na koi nikal hi jati hai. To mammy ne bhi koi tutliya pali hogi.

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मम्मी की पहचान और कॉन्टेक्ट्स बहुत दूर-दूर तक है...
 
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