बहुत ही गरमागरम और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गयागाँव का चौराहा ज्यादा दुर नही था इसलिये रुपा व राजु भी अब जल्दी जल्दी चलकर चौराहे पर आ गये जहाँ एकदम सन्नाटा पसरा था, चौराहा ही क्या पुरे गाँव मे ही एकदम सन्नाटा पसरा था। बस रुक रक कर कभी कभी कुत्तो के भौकने की आवाज आ रही थी नही तो सब कुछ एकदम शाँत था। चौराहे के बीच मे आकर दोनो अब खङे हो गये जिससे..
"खङा क्यो हो गया ..? चल कपङे उतार हमे य्.ये कपङे यही छोङकर जाने है..!" रुपा ने अब पहले तो थोङा धीमी सी आवाज मे राजु की ओर देखते हुवे कहा, फिर घुमकर राजु की ओर पीठ करके खङी हो गयी और अपनी शलवार के नाङा खोलने लग गयी। रुपा को देख राजु भी अब अपनी कमीज के बटन खोलने लगा जिससे रुपा ने अब सलवार के साथ साथ अपनी पेन्टी को भी उतारकर जमीन पर ही छोङ दिया।
अब जब तक राजु ने अपनी कमीज को उतारा रुपा ने दुसरी ओर मुँह किये किये ही अपने सुट को भी उतारकर रख दिया और अपनी ब्रा के हुक खोलने लग गयी जिसे देख राजु की आँखे फटी की फटी रह गयी, क्योंकि सुट के उतारते ही वो एकदन नँगी हो गयी थी जिससे उसका गोरा चिकना बदन चाँदनी रात मे एकदम चमक सा उठा था, मानो उसके बदन से ही कोई दुधिया प्रकाश फुट रहा हो... अपनी जीज्जी के गोरे चिकने बदन पर बस एक सफेद रँग की ब्रा ही शेष बची थी और उसे भी वो अब उतारने की कोशिश कर रही थी जिसे देख राजु की साँसे थम सी गयी थी...
ब्रा के हुक के खुलते ही रुपा की चुँचियो पर उसका कसाव ढीला पङ गया था जिससे रुपा ने उसे भी निकालकर बाकी के कपङो पर ही रख दिया और एक हाथ से अपनी चुँचियो को तो दुसरे हाथ से अपनी चुत को छिपाकर धीरे से वो अब राजु की ओर घुम गयी.. राजु ने इससे पहले कभी भी किसी लङकी या औरत को नँगी नही देखा था। रुपा के नँगे बदन को देख वो पहले ही एकदम सुन्न सा हो गया था मगर रुपा के अब उसकी ओर मुँह कर लेने से उसकी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे अटक कर रह गयी...
रुपा के अपनी चुत को हाथ से छिपा लेने पर भी उसकी जाँघो के जोङ पर छोटे छोटे काले बालो का त्रिकोणी उभार सा अलग ही नजर आ रहा था। उसकी चुत पर बहुत घने व बङे बाल नही थे, शायद हफ्ते दस दिन पहले ही अपनी चुत के बालो को साफ किया था इसलिये चुत पर ज्यादा घने व बङे बाल तो नही थे, बस हल्के से ही बाल थे, मगर गोरे चिकने बदन पर काले बाल अलग ही दिखाई पङते है, इसलिये रुपा की गोरी चिकनी जाँघो के बीच छोटे छोटे काले बालो का त्रिकोण सा बना अलग ही नजर आ रहा था।
"त्.तु भी तो निकाल..!" रुपा ने अब देखा की राजु ने अपनी कमीज तो उतार दी थी मगर नीचे वो अभी पजामा पहने हुवे था इसलिये उसने अब हल्का सा उसके पजामे की ओर इशारा करते हुवे कहा।
राजु की पजामे मे उसका लण्ड एकदम तना खङा था जिससे उसे अपना पजामा उतारते रुपा से डर लग रहा था इसलिये वो अब...
"न्.न.नही्..व्.वो्. जीज्जीई..!" करने लगा, जिससे...
"चल जल्दी कर, कोई देख ना ले..! उतार इसे, फिर हमे घर भी चलना है..!" रुपा ने अब फिर से कहा, तो राजु ने घुमकर अपना मुँह दुसरी ओर कर लिया और धीरे से अपने पजामे के नाङे को खोलकर उसे भी उतारकर नीचे रख दिया।
राजु कभी कच्छा तो पहनाता नही था इसलिये पजामे को उतारकर वो अब एकदम नँगा तो हो गया मगर उसका लण्ड अभी एकदम तना हुवा था जिससे उसे अपनी जीज्जी से डर भी लग रहा था और शरम भी आ रही थी इसलिये..
"ब्.बस्स्..च्.चलो्ओ्... अब ज्.जीज्जी..!" राजु ने घबराते हुवे दुसरी ओर मुँह किये किये ही कहा जिससे..
"क्या हुवा..? अब मुँह तो इधर कर..!" ये कहकर रुपा ने जिस हाथ से अपनी चुँचियो को छुपा रखा था उस हाथ से उसके कन्धे को पकङकर उसे अपनी तरफ खीँच लिया जिससे...
"व्.व.वो्.. ज्.ज्ई.जिज्जी्..!" करते हुवे राजु ने भी घुमकर अब अपना मुँह रुपा की ओर कर लिया और दोनो हाथो से अपने खङे लण्ड को छुपाकर खङा हो गया।
रुपा को मालुम था की उसके सामने नँगा होने की वजह से वो शरमा रहा है, खुद उसे भी राजु के साथ ये सब करते जोरो की शरम आ रही थी मगर कैसे भी उसे अब ये टोटका पुरा करना था इसलिये रुपा ने अपने चुँचियो वाले हाथ को तो उपर करके वापस अपनी चुँचियो पर ही रख लिया और...
"अब ये हाथ तो हटा..!" उसने अब जिस हाथ से अपनी चुत को छुपा रखा था उस हाथ से राजु के हाथो को पङकर उसके लण्ड पर से हटाते हुवे कहा जिससे राजु ने भी अपने लण्ड पर से हाथ हटा लिया और डर व शरम के मारे...
"व्.व.वो्.. ज्.ज्ई.जिज्जी..!" करते हुवे वो गर्दन को नीचे झुकाकर खङा हो गया मगर उसके एकदम सीधे तने खङे लण्ड को देख रुपा अब...
"य्.य्.ये्. क्.क्या्आ्..." कहकर बोलते बोलते रह गयी। राजु बङा तो हो गया था मगर इतना बङा हो गया होगा रुपा ने ये कभी सपने मे भी नही सोचा था, ये उसे अब उसके एकदम तने खङे लण्ड को देखकर मालुम हो रहा था...
उसके एकदम खङे लण्ड को देख रुपा भी अब एक बार तो सहम सी गयी थी, क्योंकि राजु का लण्ड उसके पेट के समान्तर एकदम सीधा तना खङा था तो टमाटर के जैसा गोल मटोल उसके लण्ड का सुपङा एकदम फुला हुवा अलग ही नजर आ रहा था। राजु के एकदम तने खङे व कुँवारे लण्ड को देख रुपा को अब अजीब सा ही महसुस हुवा तो साथ ही जोरो की शरम सी भी आई। उसके खङे लण्ड को देख रुपा अब इतना तो समझ गयी थी की वो उसे नँगी देखकर उत्तेजित हुवा है मगर वो ये सोचकर हैरान थी की, अपनी ही बहन को देखकर वो कैसे उत्तेजित हो सकता है..?
लिला का रुपा को राजू के नीचे लाने के खेल का पहला पडाव पार पड गया
बडा ही जबरदस्त अपडेट