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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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Max par pahla nasha pahla khumar aana chahiye abhi ke situation se hisab se ...

Baharhaal first day first class and life frist epic incidence... Wonderful... Fboulous expression and good imagination ...

Waise sad end ki story mai prefer nahi karta ... But try to read this one.. Keepyour good work continue....
धन्यवाद आपका सर जी।

आना तो यही गाना चाहिए था, जो आपने बताया तभी तो अपने निशांत भैया ने भी कहा कि इस समय तू प्यार है किसी और का उन्हें शूट नहीं कर रहा है।

कॉलेज के पहले दिन ऐसा न के बराबर होता है , लेकिन ये कहानी है तो इसमें होना ही था।

वैसे कोशिश करूँगी की कहानी का अंत सुखद हो।

साथ बने रहिए।
 

DARK WOLFKING

Supreme
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nice update ..dono ko neend nahi aa rahi aur dono chat kar rahe hai 😁..
ab chhat par jaa rahi hai deepa aur lagta hai koi dekh hi lega unko ..
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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nice update ..dono ko neend nahi aa rahi aur dono chat kar rahe hai 😁..
ab chhat par jaa rahi hai deepa aur lagta hai koi dekh hi lega unko ..
धन्यवाद आपका सर जी।

वो तो अब अगले भाग में पता चलेगा।
साथ बने रहिए।
 
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mashish

BHARAT
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नौवाँ भाग

अच्छा आप हैं! क्यों जी इतनी जल्दी क्यों जाना चाह रही हैं ? थोड़ा मेरे तरफ से भी रुक जाइए।" अर्जुन भैया बोले।

उस दिन भैया की बात से पता चल रहा था कि उस दिन भैया काफी अच्छे मूड में थे।

मैंने दीपा को अपनी आंखों से रुक जाने की इशारा किया। मगर उसने अपनी जुबांन ( जीभ) बाहर निकाल कर आंखों को तिरेरते हुए मुझे चुप रहने का इशारा कर दिया।

ये इशारेबाजी भैया ने देख ली और मुस्कुराने लगे।
" आप दोनों क्या गुटरगू करने में लगे हो?" भैया अपनी टाइ खोलते हुए हम दोनों से बोले।

" कुछ नहीं जीजा जी ! बस सोच रही थी आज अगर घर नहीं गई तो भैया गुस्सा करेंगे। " दीपा ने घबराकर भैया की ओर देखते हुए जवाब दिया।

" रुको मैं तुम्हारे भैया से बात करती हूं" आदिति भाभी इतना बोल कर अपने फोन से नंबर डायल करने लगी दीपा ने रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक फ़ोन उठ चुका था।

" हेल्लो ! मै आदिति बोल रही हूं"

"हां बोलो आदिति" दीपा के भैया आशीष ने कहा।

" भैया मैं दीपा को आज अपने घर रुकने को बोल रही हूं तो वह नहीं मान रही है । और वापस घर जाने की जिद कर रही है। आप बोलिए ना दीपा को कि आज यहीं रुक जाए" अदिति भाभी बोली l


जरा मेरी दीपा से बात कराओ। मैं उसे बोल देता हूं कि तुम रात में वहीं रुक जाओ। वैसे भी वह अनजान के घर थोड़े ना रुक रही है। अरे वह तो तुम्हारे घर में रुक रही है तो मुझे चिंता किस बात की होगी।" दीपा के भैया आशीष ने कहा।

अदिति भाभी ने फोन दीपा को थमा दिया। दीपा अपने भैया से बात करने के बाद मेरे घर पर ही रुक गई।

दीपा का मेरे घर पर रूकने से सब लोग काफी खुश थे । खाश कर मैं l मैं तो उस दिन कुछ ज्यादा ही खुश था।

सभी लोग रात के डिनर करने के बाद अपने-अपने कमरे में सोने चले गये। माँ के बगल के कमरे में दीपा सो रही थी जबकि मैं दूसरी मंजिल के सबसे शानदार कमरे में मैं सो रहा था।

रात को 11:00 बज रहे थे मगर मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी और उधर दीपा भी अपने कमरे में करवटें बदल रही थी।

सच ही कहा है किसी ने कि अगर प्यार सच्चा हो और महबूब आस-पास ही हो तो ये जुदाई किसी सितम से कम नही है।

हम दोनों अलग-अलग कमरे में जरूर थे मगर हम दोनों व्हाट्सएप वीडियो कॉल से एक दूसरे के पास ही मौजूद थे। लेकिन इसमें वो मज़ा कहाँ जो एक दूसरे से मिल कर बात करने में है।

" यार नींद बिल्कुल ही ना आ रही है। क्या करूँ?" मै बोला।

" अभी सोने का टाइम कहां हुआ है छोटे! " दीपा हंसती हुई बोली।

" दीपा तुम्हें तो हर समय मज़ाक ही सूझता है। हर समय मस्ती के मूड में रहती हो। सच में नींद नहीं आ रही है यार, ऐसा करो तुम भी छ्त पर ही आ जाओ । एक साथ बैठ कर कुछ बातें करते हैं । " मैनें कहा ।

तुम न पागल हो गए हो, तुम्हारा दिमाग खिसक गया
है। अगर मैं वहां आई और इतनी रात को अगर हम दोनो को एक साथ आदिती दी (दीदी) या कोई और देख लेगा तब बवाल हो जायेगा।" दीपा मुझे समझाती हुई बोली।

" अरे तुम भी ना खाम-खा डर रही हो। अब तक तो सारे लोग सो चुके होगे" मैंने कहा ।

नहीं मैं नहीं आऊंगी, मैं ये खतरा मोल नहीं ले सकती।
तुम्हारा क्या है। तुम तो मर्द हो कोई कुछ नहीं कहेगा, लेकिन मेरा सोचो। में तो बदनाम हो जाऊंगी। और अगर ये बात भैया को पता चल गई। तो मैं उन्हें क्या जवाब दूंगी। दीपा ने कहा।

अरे यार। तुम न डरती बहुत हो। अरे यार जब प्यार किया तो डरना क्या। मैं सेखी बघारते हुए बोला।

अच्छा छोटे। अब याद आ रहा है "जब प्यार किया तो डरना क्या" वो दिन भूल गए जब मुझसे प्यार का इज़हार करने में तुम्हारी बोलती बंद हो गई थी और आखिर में मजबूरन मुझे प्यार का इज़हार करना पड़ा था। दीपा ने कहा।

क्या यार दीपा। अब उस बात को लेकर कब तक मुझे छेड़ती रहोगी। अरे कुछ समझा करो उस समय मैं नासमझ बच्चा था। मैं मजाकिया लहजे में बोला।

अरे वाह इतना बड़ा और नासमझ बच्चा पहली बार देख रही हूँ। दीपा ने कहा।

अच्छा अब ये सब बातें छोड़ो और छत पर आ जाओ। वहीं बैठकर बात करते हैं। मैंने कहा।

तुम फिर से ज़िद कर रहे हो। किसी ने देख लिया मुझे आते हुए तो क्या जवाब दूंगी उन्हें। विडीयो कॉल से ही सही है बात तो हो रही है न। मैं कोई रिस्क नहीं ले सकती , कहीं कुछ गड़बड़ हो गया तब।दीपा ने अपना डर जाहिर करते हुए कहा।

" अरे कुछ नहीं होगा मेरी भोली-भाली दीपा। आओ तो सही।" मैने मुस्कुराते हुए बोला।

इस बार मेरी बात सुनकर दीपा भी हंस पड़ी।

" ओके ! ठीक है बाबा । चलो मैं छत पर ही आती हूँ।" यह बोलकर कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।


साथ बने रहिए।
lovely update
 
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