• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
27,937
56,311
304
आठवाँ भाग

अरे हां मैं उसी की बात कर रही हूं। मुझे तो उसका रहन-सहन बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है। पता नहीं कैसी लड़की है?"

सुजाता मौसी कटुता भरे स्वर में बोली।

"दीदी आप उसके बारे में गलत सोच रही है।
दीपा बहुत अच्छी लड़की है और आपको पता है ना ! वह अपनी बहू के बहन की दोस्त है ।"

माँ सुजाता मौसी को समझाती हुई बोली।

" हूं...! " मौसी मुंह बनाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा करके बैठ गई।

उस वक्त कमरे में कुछ पल तक भयानक खामोशी पसर गई । सब कुछ खामोश था। कमरे के दरवाजे , टेबल पर रखा गुलदस्ता , दीवार पर टंगी तस्वीरें और अलमारी में सजी मोटी-मोटी किताबें और ये सभी मौसी के खडूस चेहरे को निहार रहें थे।

तभी कमरे का दरवाजे धीरे से खुलने की आवाज आई और उसके साथ ही कमरे में दीपा आते हुए बोली, "

समोसा, गरमा - गरम । मौसी और आंटी आप दोनों जल्द से जल्द हाथ मुंह धो कर आइए मैं समोसा बनाकर ले आई हूं"

" बेटी आप लोग समोसे खा लो । हम दोनों बाद में समोंसे खा लेंगे" मेरी मां दीपा से बोली।

" नहीं आंटी हम सब एक ही साथ समोसे खाएंगे। वैसे भी अगर आप लोग अभी नहीं खाएंगे तब समोसे ठंडे पड़ जाएगे" दीपा बोली

मां कुछ बोलती इससे पहले ही कमरे में मैं और आदिति भाभी आ गए।

" निशांत और आदिती दी देखिए ना मौसी और आंटी समोसे खाने को तैयार नहीं है । हम लोगों ने कितने प्यार से बनाए हैं।" दीपा हम लोगों के कमरे में प्रवेश करते ही बच्चों जैसे बोल पड़ी।

" क्यों माँ जी ! आप क्यों समोसे नहीं खाएंगे ?" आदिती भाभी बोली।

" अरे यह लड़की भी ना ! ..... थोड़े से ही में पूरे घर को सर पर उठा लेती है" मां दीपा को देख कर बोली । हम सभी मुस्कुराने लगे।

कुछ देर बाद हम सभी समोसे और आम के चटनी पर धावा बोल चुके थे। दीपा , अदिति भाभी, सुजाता मौसी , माँ और मै सभी एक साथ बैठ कर समोसे खा रहे थे। सब लोग एक के बाद दूसरा समोसा उठाने में बिल्कुल भी समय नही लगा रहे थे।

"वाह ! वाकई में समोसा बहुत स्वादिष्ट बना है।" मां बोली।

" यह सब दीपा के हाथों का जादू है माँ जी ।'' भाभी दीपा को देखती हुई मुस्कुरा कर बोली।

" नहीं ... नहीं आंटी , यह सब आदिति दी का ही कमाल है।" दीपा बोली ।

" . ना दीपा और ना आदिती भाभी , माँ यह सब मेरे हाथों के कमाल है।" मैंने भाभी की तरफ देख कर मजाक से बोला । सभी लोगों ने मेरी तरफ देखा और सब खिलखिला कर हंस पड़े।

अभी सब लोगों की हंसी भी ना रूकी थी कि सुजाता मौसी बोली, " हूं..यह कोई समोसा है ! लगता है घी में नहीं बल्कि सिर्फ तवे पर घिसकर पका दिया गया है। इससे ज्यादा अच्छा समोसा तो मेरी शिल्पा बनाती है , एकदम से कुरकुरे।"

सुजाता मौसी की यह कड़वाहट भरे शब्द पूरे कमरे में फैल गया और फिर से एक बार पूरा कमरा खामोश हो गया।

दिल तो कई बार किया था कि मौसी को बोल दूं , " मेरे घर में बार-बार ये अपनी शिल्पा को मत लाया करो , वह किसी सम्राट की महारानी बिटिया नहीं है जिसका बार-बार गुणगान करती फिरती हो और वह थोड़े ना कोई जादू की छड़ी है, जो हर काम में परफेक्ट हो।
जब देखो, जहां देखो,शिल्पा - शिल्पा करती रहती हो।''

मगर मैं आज तक मौसी को यह सब नहीं बोल पाया था । मैं उस वक्त कुछ बोलता उससे पहले ही भाभी चुपचाप उस कमरे से निकलकर किचन के तरफ चली गई और साथ ही उसके पीछे -पीछे दीपा भी चली गई।

" देखती हो बहना तुम्हारी बहू गुस्से से कैसे निकली ?

मैंने उसे अभी क्या बोला ? कुछ तो नहीं बोला।" सुजाता मौसी मेरी मां को देख कर बोली।

" अरे ... वो ...।"

" मैं जानती हूं विमला तुम्हें अपनी बहू में कोई दिक्कत नहीं दिखेगी ।

अभी तुम यही बोलोगी कि बहू गुस्से से बाहर नहीं गई थी।" सुजाता मौसी मेरी मां की बातों को बीच में ही काटती हुई बोली ।

शाम के 7:15 बज चुके थे और दीपा अपने घर जाने के लिए दीदी से जिद कर रही थी।

आदिती दी, मैं घर चली जाऊंगी ना ! प्लीज जाने दीजिए घर पर भैया इंतजार कर रहे होंगे।" दीपा बोली।

" दीपा देखो , अंधेरा होने वाला है इतनी शाम को जाना अच्छी बात नहीं है । सुबह चले जाना। " आदिती भाभी बोलीं।

"घर पर भैया परेशान हो रहे होंगे। मेरे घर में उनके लिए कोई खाना बनाने वाली भी तो नहीं है। मुझे घर जाना ही होगा दी ( दीदी)। " दीपा बोली।

'' निशांत इसे अब आप ही समझाओ कि आज रात यहीं रुक जाये | कल सुबह चली जायेगी।" आदिती भाभी मुझे देखते हुए बोली।

" दीपा प्लीज रूक जाओ । सब लोग रूकने को बोल रहे हैं। सुबह यही से साथ कॉलेज चले जाएंगे" में बोला I

मेरे बोलने के कुछ सेकंड बाद ही अर्जुन भैया ऑफिस से वापस आ गए ।

"भाई किसे रोका जा रहा है ? मुझे भी तो कोई रोको।" भैया आते ही मजाकिया लहजे में बोले।

" जीजा जी
नमस्ते।" दीपा अर्जुन भैया से बोली।


साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
27,937
56,311
304
Mausi ki bhi Galti nahi hai, wo to Shilpa ko fit Karna chahti hai per deepa beech me bhanji maar rahi hai.
धन्यवाद आपका सर जी।
शिल्पा के साथ शादी न होने का कोई न कोई कारण तो होगा ही।

हो सकता है कहानी में आगे चलकर हमें वो कारण पता चले।
साथ बने रहिए।
 

DARK WOLFKING

Supreme
15,570
32,016
259
nice update ..samose aur chatni sunkar hi mooh me paani aa jata hai 😁..
mausi to bas chugli karna jaanti hai ..
par uski koi galti bhi najar nahi aati ,,usne usko maa baap marne ke baad paala hai to sujata mausi sochti hogi ki uski shadi achche ghar me ho ..
wo ek maa ki tarah hi soch rahi hai ..


aur ye reality bhi hai ki bachche kitne bhi bure kyu naa ho maa baap chahte hai ki unki shadi achche partner se ho ..
 
Top