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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

Lord Mutthal

Lac puer
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चौथा भाग

मैंने पलट कर देखा। वह अपनी आंखों से इशारा कर मुझे डांस टीम में जाने के लिए बोल रही थी। साथ ही वह अपने अंगूठे से लूजर (Looser) का इशारा भी कर रही थी।

इसके बाद मैंने कुछ भी नहीं सोचा सीधा डांस ग्रुप में चला गया उसके बाद फिर जो डांस किया कि वह सबके होश उड़ा देने वाला डांस था। लोग तो पहले से लड़कियो के डांस देख कर लड़कियों के डांस को ही सबसे बेहतरीन डांस मान कर बैठे थे। लेकिन जब हम लड़कों ने डांस किया तो सब लड़कियों का डांस चीनी कम पानी हो गया था। परफॉर्म खत्म होने के बाद मैंने सभी लोगों को ध्यान से देखा सारे लोग तालियां बजा रहे थे।

" भाई लड़कों में भी दम है " बैठे उन सभी मेहमानों में से किसी एक ने बोला। उनकी बात सुनकर मेहमानों की तालियां और तेजी से बजने लगी।

" क्यों दीपा डार्लिंग मेरा डांस कैसा लगा?" मैंने दीपा के पास जाकर उसके कानों में बोला।

" तुम्हें मेरा नाम कैसे पता हुआ? " दीपा आश्चर्यचकित होकर बोल पड़ी।

" दीपा जी हम भी थोड़ा स्मार्ट है। " मैंने थोड़ा चिढ़ाने वाली स्टाइल में बोला था।

पहले उसने अपनी आंखें चढ़ा ली फिर कुछ पल बाद मुस्कुराकर अपने अंगूठे से लूजर (Looser) का इशारा कर वहां से भाग गयी।

वह जितनी बार मुझे अपने अंगूठे से लूजर बोलती थी उतनी ही बार उससे प्यार और अधिक बढ़ जाता था। क्योंकि उसी वक्त उसके चेहरे पर असली खुशी और सादगी दिखाई देती थी। मैं दीपा को वहां से जाते देख ही रहा था कि मुझे खाने की मेज की तरफ कुछ लोगों की आवाजें सुनाई पड़ी मुड़कर दूसरी तरफ देखा तो कुछ लोग एक साथ झुण्ड बना कर खड़े थे ।मैंने वहां जाकर देखा। तो सुजाता मौसी किसी के ऊपर चिल्ला रही थी।

“अरे कैसे होटल में तुम लोग शादी कर रहे हो? यहां के वेटरों को तो तमीज से बात करना भी नहीं आता है” सुजाता मौसी गुस्से में बोल रही थी।

क्या हुआ मौसी ? ” मैं वहां पहुंचते ही बोला।

“जब मैंने इस बेटर से कॉफी मांगा तो इसने बोला अभी समय लग सकता है और जब मैंने पूछा क्यों ? तो यह बदतमीजी करने लगा ” मौसी अपनी सफाई देती हुई बोली।

बेटर उसी जगह पर अपने गाल को दाहिने हाथ से पकड़कर खड़ा था। मौसी ने इस बेटर को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था। कुछ देर बाद वहां उस होटल का मैनेजर भी आ चुका था और वह अपने वेटर की ओर से माफी मांग रहा था।

वैसे मैं जानता था। बेटर की कोई गलती नहीं होगी बल्कि मौसी जानबूझकर ऐसा ड्रामा कर रही थी। मगर उस वक्त ये पता नहीं था कि आखिर यह सब कर के मौसी क्या साबित करना चाह रही थी ।

“ मौसी ये लोग माफी मांग रहे हैं इन्हें माफ कर दो अगली बार से ऐसा नहीं होगा” मैं मौसी को समझाते हुए बोला ।

“ क्या हुआ दीदी ? ” मेरी मां वहां पहुंचते ही सुजाता मौसी से बोली ।

“ अरे अब क्या पूछ रही हो! पहले पूछ ली होती तो इससे बढ़िया होटल और बहू तुम्हें बताती । मगर तुम लोग, तुम लोग मुझसे कभी पूछते ही कहाँ हो ?”

सुजाता मौसी यह बोलकर गुस्से से मुंह फुला कर वहां से चली गई । मौसी का यह ड्रामा देखकर वहां पर उपस्थित सभी रिश्तेदार आश्चर्य में थे।

कुछ समय बाद मैं अपने दोस्तों के साथ जयमाला वाली स्टेज के पास बैठा था। तभी उसी वक्त वहां 10-12 वर्ष की लड़की मेरे पास दौड़ी आई।

इनमें से छोटे भैया कौन है ? ” आकर बोली ।

“ मैं हूं।...क्या बात है ?... बोलो?” मैंने जवाब दिया।

“ यह लो आपके लिए दीपा दीदी ने भेजा है” उस बच्ची ने कागज का एक छोटा-सा टुकड़ा देते हुए बोली।
मैंने कागज का वह छोटा-सा टुकड़ा लेते समय इधर उधर देखा। वहां हम दोस्तों के अलावा कोई और नहीं था। मेरे सभी दोस्त उस छोटी सी बच्ची को ध्यान से देखे जा रहे थे आखिर ये लड़की हैं कौन ?

“ ये क्या है? ” मैंने उस कागज के टुकड़े को लेते हुए उस से पहले पूछा।

“ आप खुद ही खोल कर देख लो।” यह बोलकर लड़की वहां से चली गई।

मैं उस कागज के टुकड़े को खोल रहा था । मेरे सभी दोस्तों का ध्यान उसी कागज के टुकड़े पर ही टिका था। उस टुकड़े को खोलते समय मेरी दिल जोरो से धक-धक कर रहा था। उस वक्त मुझे लग रहा था किसी लड़की ने मेरे लिए लव लेटर लिख कर भेजा है। मैंने भगवान को याद कर उस कागज के टुकड़े को खोला।

“ दम है तो दूल्हे के जूते बचा लेना वरना.....”

कागज के टुकड़े में लिखा यह पढ़ कर अपनी नजर आगे की ओर किया। कुछ दूर पर कुछ लड़कियों का झुंड हम लोगों को देखकर खिलखिला कर हंस रहा था। उन लड़कियों में एक दीपा भी थी।

शाम के 6:00 बजने वाले थे। दूल्हा-दुल्हन मंडप में बैठ चुके थे। सभी मेहमान कुर्सी पर बैठे थे। पंडित मंत्रों का जाप कर रहा था और मैं भैया के सीधे थोड़ी दूरी पर बैठा था।

जहां से दीपा अच्छी तरह से दिख रही थी। उस वक्त दीपा ने हरे रंग की लहंगा-चुन्नी पहन रखा था। उस लहंगे –चुन्नी में उसकी सुंदरता उस वक्त पूरी तरह से निखर कर बाहर आई हुई थी।

उसके हसीन चेहरा से अपनी आंखें हटाने का जरा-सा भी दिल नहीं कर रहा था।

मैं जब भी उसे देखकर मुस्कुराता था, बदले में वह भी कभी-कभार थोड़ा मुस्कुरा देती थी।

जूता चुराने की धमकी मुझे अच्छी तरह से याद थी इसीलिए मैंने जूते की देखभाल के लिए अपने दोस्तों को जूते के पास ही बैठा रखा था और मैं इधर दीपा पर नजर रखे हुए था।

मैं जानता था अगर दीपा भैया का जूता छुपाने में कामयाब हो गई तो फिर हम लड़कों की बहुत बेइजती हो जाएगी । खाश कर दीपा तो लूजर (Looser)बोल-बोल कर प्राण ही ले लेगी ।

जब विवाह संपन्न हुआ तब सभी उपस्थित मेहमान-रिश्तेदार ने वर-वधू को चावल की अछत-फूल छीट कर उन्हें आशीर्वाद दिया। उसके बाद जब भैया मंडप से निकलकर अपने जूते पहने ने के लिए अपना जूता खोजा तो जूता वहां पर नहीं था।

मैंने अपने दोस्तों की ओर देखकर पूछा,- “ भाई जूता कहाँ है ? ”



साथ बने रहिए।
Very v fantastic n interesting too.your language style is excellent n mind-blowing too.Thy way of narrating is something like the smell of a beautiful rose-garden n a fragrant Jasmin garden,u know.pl keep on giving us more updates,I am v happy with thy discription,thanks n good wishes on.om
 
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Lazy villain
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तैंतीसवाँ भाग


राहुल भैया के मुंह से देवांशु का नाम सुनकर मैं चौंक गया। मैंने तो इस बारे में अभी तक सोचा ही नहीं था कि वो इतना बड़ा खतरनाक कदम उठा सकता है।

नहीं भैया मुझे नहीं लगता कि इनमें उस देवांशु का हाथ हो सकता है। मैंने राहुल भैया से कहा।

तुम्हें क्या लगता है मैं ऐसे ही कह रहा हूँ। मैंने बहुत से मामले ऐसे देखे हुए हैं। वो तुमसे चुनाव में हार गया। वो दीपा एकतरफा प्यार करता है, लेकिन दीपा तुमसे प्यार करती है। उसे लगता है कि तुम्हारे कारण ही दीपा उसे प्यार नहीं करती। और ऊपर से तुम दोनों की लड़ाई। इतना काफी है उसे ऐसा खतरनाक कदम उठाने को मजबूर करने के लिए। राहुल भैया ने कहा।

तब तो उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखवानी चाहिए फिर। अर्जुन भैया ने कहा।

लेकिन मैंने न तो लॉरी चालक को देखा है और न ही गाड़ी का नम्बर ही देखा है, फिर कैसे उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखा सकते हैं। मैंने कहा।

देवांशु सही कह रहा है। पुलिस सबसे पहले यही सवाल करेगी कि लॉरी चालक को देखा है तुमने क्या गाड़ी का नम्बर नोट किया है तुमने। राहुल भैया ने कहा।

अभी हम बातचीत कर ही रहे थे कि डॉक्टर एक पुलिस इंस्पेक्टर के साथ वहां आया।

यहीं हैं सर जिनके साथ कल दुर्घटना घटी थी। डॉक्टर ने इंस्पेक्टर से कहा।

अच्छा। क्या नाम है आपका। इंस्पेक्टर ने मुझसे पूछा।

निशांत। मैंने जवाब दिया।

मुझे कल ही डॉक्टर साहब ने बता दिया था, लेकिन कुछ बहुत जरूरी केस के सिलसिले में व्यस्त था। इसलिए कल आना नहीं हुआ, खैर ये बताइये की ये दुर्घटना हुई कैसे। इंस्पेक्टर ने मुझसे पूछा।

मैंने पूरी घटना सिलसिलेवार इंस्पेक्टर को बता दी। पूरी बात सुनने के बाद इंस्पेक्टर ने कहा।

मुझे लगता है ये दुर्घटना जानबूझ कर कराई गई है। क्या तुमने लॉरी चालक या उसका नम्बर देखा था। इंस्पेक्टर ने मुझसे पूछा।

नहीं सर दुर्घटना के बाद में तो बेहोश हो गया था। मैंने इंस्पेक्टर से कहा।

क्या तुम्हारी किसी से दुश्मनी है। या तुमको किसी पर शक है। इंस्पेक्टर ने कहा।

नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं है। मैंने जवाब दिया।

झूठ क्यों बोल रहे हो निशांत। सच क्यों नहीं बता रहे हो। दीपा ने बीच में बोलते हुए कहा।

आप कौन हैं और किस सच की बात कर रही हैं। इंस्पेक्टर ने दीपा से पूछा।

मैं इनकी मंगेतर हूँ। बहुत जल्द हम दोनों शादी करने वाले हैं। मेरे साथ एक लड़का पढ़ता है। नाम है देवांशु। कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में वो भी उम्मीदवार था। मैं उसके साथ चुनाव में प्रचार करती थी, लेकिन उसकी नियत मेरे लिए ठीक नहीं थी। इसलिए निशांत के चुनाव में खड़े होने के बाद मैंने उसका साथ छोड़ दिया और निशांत के लिए प्रचार करने लगी।

चुनाव में वो निशांत से हार गया। जिसकी बौखलाहट में उसने मेरे साथ बदतमीज़ी करने की कोशिश की। तो निशांत की उससे मारपीट हो गई। हो सकता है उसी का बदला लेने के लिए उसने ये दुर्घटना करवाई हो। दीपा ने कहा।

हां ये हो सकता है, लेकिन बिना किसी ठोस आधार के हम किसी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर सकते। अगर इन्होंने लोरी का नम्बर भी देखा होता तो उसकी जानकारी निकालकर कुछ पता किया जा सकता था। इंस्पेक्टर ने कहा।

लेकिन देवांशु के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज कराई जा सकती है ना सर। राहुल भैया ने कहा।

आप रिपोर्ट लिखवा दीजिए। देखते हैं क्या हो सकता है इस बारे में। अच्छा अब हम चलते हैं। अगर कुछ पता लगा तो आपसे संपर्क करेंगे। इतना कहकर इंस्पेक्टर साहब चले गए।

उनके जाने के बाद राहुल भैया और कॉलेज के अन्य विद्यार्थी भी थोड़ी देर बाद अस्पताल से चले गए। अब अस्पताल में दीपा और मेरे घरवाले ही बचे थे।

दीपा बेटी। अब तुम जब तक निशांत ठीक नहीं हो जाता तब तक कॉलेज मत जाना। माँ ने कहा।

क्यों माँ। मेरी खातिर दीपा अपनी पढ़ाई का नुकसान क्यों करे। मैंने माँ से कहा।

अगर इस दुर्घटना में देवांशु का हाथ है तो वो अब बेखौफ हो गया होगा। तो वो दोबारा से दीपा से बदतमीज़ी कर सकता है और इस बार तो तू भी वहां नहीं होगा। इसलिए मैं नहीं चाहती कि दीपा को किसी तरह की परेशानी हो। मां ने कहा।

कैसी बात कर रही हैं आप माँ। अब क्या किसी से डर कर हम कॉलेज जाना बंद कर देंगे क्या। इससे तो उसका हौसला और भी बढ़ जाएगा। अर्जुन भैया ने मां को समझाते हुए कहा।

जीजा जी ठीक बोल रहे हैं मां। मुझे कुछ नहीं होगा मैं अपनी हिफाजत खुद कर सकती हूँ। और कॉलेज में राहुल भैया भी तो रहेंगे ही। दीपा ने कहा।

इसके बाद डॉक्टर ने आकर सभी को बाहर जाने के लिए कहा। इसी तरह आज का दिन पूरा बीत गया। शाम को सुजाता मौसी भी मुझसे मिलने के लिए आई। रात में दीपा ज़िद करके अस्पताल में रुक गई। उसके रुकने के कारण अदिति भाभी को भी अस्पताल में रुकना पड़ा, क्योंकि घर वाले दीपा को अकेले अस्पताल में नहीं रहने देना चाहते थे। सभी घर वाले चले गए। अदिति भाभी और दीपा मेरे पास आ गए। पहले हमने खाना खाया उनके बाद हम सोने की तैयारी करने लगे।

दीदी आप इस टेबल(5 फिट लंबा और 1.5 फिट चौड़ा जो अस्पताल में मरीज के कमरे में लेटने के लिए होता है) पर सो जाइये। मैं स्टूल पर बैठती हूँ निशांत के पास। दीपा ने अदिति भाभी से कहा।

दीपा की बात सुनकर अदिति भाभी उसके टेबल पर लेट गई। दीपा मेंरे सिरहाने स्टूल पर बैठ गई। और मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया। हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे। दीपा की आंखे डबडबा गई थी। हम दोनों पता नहीं कितनी देर ऐसे ही एक दूसरे का हाथ थामे बैठे रहे। फिर मुझको नींद आ गई।

दीपा ने मेरे माथे और गाल को चूम लिया और मेरे सीने पर सिर रखकर बैठी रही। सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने दीपा को अपने सिनेपर सिर रखकर सोते हुए पाया। मेरे हिलने से दीपा की नींद खुल गई। थोड़ी देर बाद घरवाले भी आ गए। मैंने ब्रस करके नाश्ता किया और अपनी दवा खा ली।

मैं पूरे 6 दिन अस्पताल में रहा। दीपा रोज़ रात को घरवालों से ज़िद करके मेरे पास रुक जाती। दो दिन तक अदिति भाभी उसके साथ रुकी, उसके बाद दीपा अकेले ही रुकती मेरे पास। इन 6 दिनों में राहुल भैया, विक्रम भैया और मेरे के दोस्त 2 बार मुझसे मिलने आए। सातवें दिन मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अर्जुन भैया मुझे घर ले आए।

मेरे घर आने के बाद दीपा कॉलेज जाने लगी, लेकिन कॉलेज से आने के बाद वो मेरे यहाँ ही रुकती। इस बात से किसी को ऐतराज़ नहीं था। दीपा खूब मन लगाकर मेरी सेवा करती थी। मैं अपने लिए उसका ढेर सारा प्यार देखकर बहुत फक्र महसूस करता था। दीपा कॉलेज जाती तो देवांशु रोज उसे मिलता और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाता। दीपा ने एक दिन मुझे ये बात बताई।

निशांत ये देवांशु रोज मुझे मिलता है और रोज मुस्कुराकर आगे बढ़ जाता है मुझे लगता है कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। मुझे उसके ऊपर यकीन होता जा रहा है कि ये सब उसी ने किया है।

तुम उस पर ज्यादा ध्यान मत दो दीपा। वैसे भी इंस्पेक्टर ने कहा था कि बिना ठोस सबूत के वो कुछ भी नहीं कर सकते। और तुम्हारे बोलने से इनपेक्टर तो विश्वास करेंगे नहीं, इसलिए उसे पूरे तरह नजरअंदाज करो। मैन दीपा से कहा।

दीपा को ये बात बताए 2 दिन हो चुके थे । एक दिन दीपा कॉलेज गई हुई थी और अपनी क्लास अटेंड करके वापस घर आने के लिए निकली थी कि देवांशु ने उसे कॉरिडोर में रोक लिया।

हाय दीपा। कैसी हो तुम। देवांशु ने कहा।

तुमको इससे मतलब। दीपा ने कहा।

अरे यार दीपा। तुम तो अभी भी गुस्सा ही मुझसे। अरे मैंने सुना है कि निशांत के साथ कोई दुर्घटना घट गई है इसलिए उसका हाल चाल जानना चाहता था तुमसे। देवांशु ने कहा।

क्यों तुम्हें नहीं पता कि उसकी हालत कैसी है। दीपा ने कहा।

लो अब मैं उसके साथ थोड़े ही रहता हूँ जो मुझे उसकी हालत पता होगी। उसके साथ तो दिन रात तुम रहती हो। और पता नहीं क्या क्या करती होगी। देवांशु ने हंसते हुए दीपा से कहा।

अपनी बकवास बन्द कर तू, तेरी जैसी घटिया सोच है तू उसी तरह घटिया सोचता है। तू अपनी तरह समझता है क्या सबको। तू कभी नहीं सुधर सकता। मैं तुझसे बात ही क्यों कर रही हूँ। इतना कहकर दीपा वहां से चल दी।

अभी दीपा कुछ ही कदम आगे बढ़ी थी की देवांशु ने जो बात कही उसे सुनकर दीपा के कदम वहीं पर रुक गए।



साथ बने रहिए।
Let's start review
Police inspector aaya hai milkar report lene but I think si aate hai aise mamlo me ..khair inhe jiske uper shak tha bata Diya aur Deepa me kafi seva ki chhote ka it's really nice ...ha ye bat aapne sahi kaha ki kisi ke dar se jina nhi chhodana chiye ..lagata hai devanshu ab bata hi dega ki usne accident karwaya hai ya kisne karwaya hai... let's see what happens in update.....owsm update
 
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Mahi Maurya

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nice update ..inspector saboot ke bina kuch nahi kar sakta .
ab nishant ghar to aa gaya hai par college nahi jaa sakta .
deepa ne bahut achche se pyar nibhaya hai 😍..uske saath rahi roj ,khayal rakha .

ab devanshu ne aisa kya kaha ki deepa rook gayi .
धन्यवाद आपका सर जी।
देवांशु ने क्या कहा वो अगले भाग में पता चल जाएगा।

साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

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Very v fantastic n interesting too.your language style is excellent n mind-blowing too.Thy way of narrating is something like the smell of a beautiful rose-garden n a fragrant Jasmin garden,u know.pl keep on giving us more updates,I am v happy with thy discription,thanks n good wishes on.om
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सर जी।

आपने जितनी तारीफ कर दी। शायद वो कुछ ज्यादा हो गई है। आपको मेरी कहानी की वर्णन शैली से गुलाब और बेला के फूलों की खुशबू आती है।। ये तो आपका बड़प्पन है जो आपने इतने सधे हुए अंदाज़ में तारीफ की है।।

आगे की कहानी के लिए साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

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as always amazing updated,... need more feelings you know... the story is getting to end point so... jitna ho sake story ko aur bhi marmik aur bhavuk banane ki kosis ki jaye to story puri tarah se complete lagegi.... ye bas ek raay hai mer taraf se...

keep going...
धन्यवाद आपका सर जी।

आपने सही कहा कहानी ज्यादा से ज्यादा 3 भाग में खत्म हो जाएगी, लेकिन अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कहानी का समापन किस प्रकार करूँ। दर्द भरा समापन या खुशनुमा समापन।

देखते हैं क्या कर सकते हैं आगे।

साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

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Police inspector aaya hai milkar report lene but I think si aate hai aise mamlo me ..khair inhe jiske uper shak tha bata Diya aur Deepa me kafi seva ki chhote ka it's really nice ...ha ye bat aapne sahi kaha ki kisi ke dar se jina nhi chhodana chiye ..lagata hai devanshu ab bata hi dega ki usne accident karwaya hai ya kisne karwaya hai... let's see what happens in update.....owsm update
बहुत बहुत धन्यवाद आपका मान्यवर।

देखते हैं आगे क्या होता है।
साथ बने रहिए।
 
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