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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
28,009
56,324
304
चौंतीसवाँ भाग


देवांशु की ऊटपटांग बात सुनकर दीपा उसे नजरअंदाज करते हुए बाहर जाने लगी। तभी देवांशु ने कुछ ऐसी बात कह दी कि दीपा के बढ़ते हुए कदम वहीं रुक गए।

तुम्हें क्या लगता है दीपा कि मैं निशांत को ऐसे ही छोड़ दूँगा। इससे भी बुरी हालत करूँगा मैं उसकी। मैं कुछ ऐसा करने वाला हूँ कि तुम्हारे साथ-साथ निशांत भी सारी जिंदगी पछताएगा कि उसने मुझसे पंगा क्यों लिया? देवांशु ने पीछे से कहा।

उसकी बात सुनकर दीपा उसकी तरफ वापस चल दी और उसके पास जाकर खड़ी हो गई।

इसके मतलब मेरा शक सही निकला। निशांत की दुर्घटना के पीछे तुम्हारा ही हाथ है। मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं। दीपा ने कहा।

इतना कहकर दीपा के देवांशु को एक थप्पड़ रसीद कर दिया।
जिसकी गूँज पूरे कॉरिडोर में गूँज गई। देवांशु अपने गाल पर हाथ रखकर मुस्कुराने लगा।

तुम्हें क्या लगता है कि तुम्हारे इस थप्पड़ से मुझे कोई फर्क पड़ेगा। अभी तो मैंने सिर्फ निशांत को थोड़ी सी चोट पहुँचाई है। लेकिन लगता है कि तुम दोनों को अभी तक मेरी बात समझ में नहीं आई है, लगता है इस मामले में मारपीट से कुछ नहीं होने वाला। मुझे कुछ और करना पड़ेगा। देवांशु मुस्कुराते हुए बोला।

क्या? क्या करना चाहते हो तुम? इतना सब करके भी तुम्हारा मन नहीं भरा अभी तक। तुम बहुत कमीने इंसान हो। मुझे तो शर्म आती है खुद से कि मैंने तुम्हें कभी अपना सबसे अच्छा दोस्त माना था। दीपा ने कहा।

मैं जो भी करूँगा वो तुम्हें क्यों बताऊँ। बहुत जल्द तुम्हें खुद ही पता चल जाएगा। तुम दोनो खून के आँसू रोओगे। मेरा मन तभी भरेगा जब मैं तुमसे शादी करूँगा और निशांत कुछ नहीं कर पाएगा। तब जाकर मेरे मन को शांति मिलेगी। मैंने तुमसे सच्चे दिल से प्यार किया था, लेकिन तुमने मेरे प्यार को ठुकराकर निशांत से प्यार किया। अब मैं तुम्हें बताऊँगा कि एक जख्मी प्रेमी क्या कर सकता है अपना प्यार पाने के लिए। देवांशु ने कहा।

तुम इसे प्यार कहते हो। तुम मुझसे प्यार नहीं करते थे देवांशु, तुम बस मेरे जिस्म से प्यार करते थे। अगर तुम सचमुच मुझसे प्यार करते तो कभी मुझसे अभद्रता नहीं करते। जो प्यार करता है वो अपने प्यार की खुशी के लिए उसके साथ खड़ा रहता है न कि तुम्हारी तरह उसकी खुशी उजाड़ना चाहता है। तुम्हें प्यार का मतलब क्या पता। तुम्हें तो सिर्फ लड़कियों के जिस्म से खेलना आता है। दीपा ने कहा।

वो बेवकूफ होते हैं जो अपने प्यार को हासिल नहीं कर पाते, लेकिन मैं बेवकूफ नहीं हूँ और मुझे अच्छी तरह से पता है कि तुम्हें कैसे हासिल करना है। मैं किसी भी कीमत पर तुम्हें निशांत की होने नहीं दूँगा। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी क्यों न करना पड़े। देवांशु ने कहा।

अभी देवांशु और दीपा में बात हो ही रही थी कि वहाँ पर राहुल भैया और विक्रम भैया अपने कुछ दोस्तों के साथ आ गए। किसी ने उन्हें इस बात की खबर दे दी थी कि देवांशु दीपा को रोककर उससे बात कर रहा है।

क्या हो रहा है यहाँ। और देवांशु तुम। क्या कर रहे हो तुम। क्यों परेशान कर रहे हो दीपा को। राहुल भैया ने कहा।

मैं कहाँ परेशान कर रहा हूँ इसे। मैं तो बस दीपा से निशांत का हालचाल पूछ रहा था। मैंने भी उसकी दुर्घटना के बारे में सुना था, इसलिए दीपा से वही पूछ रहा था। देवांशु ने कहा।

नहीं भैया ये और बहुत कुछ कह रहा था। दीपा ने कहा।

अच्छा तुम घर जाओ अभी। सब इंतजार कर रहे होंगे। राहुल भैया ने कहा।

राहुल भैया के कहने के बाद दीपा वहाँ से निकल गई उसके जाने के बाद राहुल भैया ने देवांशु से कहा।

देख देवांशु। हमें शक है। अरे शक क्या पूरा यकीन है कि इस घटना के पीछे तुम्हारा ही हाथ है। इसलिए तुम्हें आखिरी बार कह रहा हूँ। अभी भी समय है सुधर जाओ। हम सब बेमतलब का लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहते। अगर इसके बाद भी तुम नहीं सुधरे और कुछ भी उलटा-सीधा करने की कोशिश भी की। तो इस बार निशांत का तो पता नहीं, लेकिन मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा। ये बात जितनी जल्दी तुम समझ जाओ उतना ही अच्छा होगा तुम्हारे लिए। राहुल भैया ने कहा।

ठीक है जो कर सकते हो कर लेना। वरिष्ठ विद्यार्थी हो तो कुछ भी बोलोगे। मेरी तुमसे कोई अदावत नहीं है। जो भी है वह निशांत के साथ है। फिर तुम अपनी टांग क्यों अड़ा रहे हो मेरे मामले में। मैं तुम्हें आगाह कर रहा हूँ। मेरे मामले से दूर रहना नहीं तो तुम्हारा हाल भी निशांत की तरह ही होगा। देवांशु ने धमकी देते हुए कहा।

देवांशु की बात सुनकर राहुल भैया, विक्रम भैया और उनके दोस्तों को गुस्सा आ गया। राहुल भैया ने आगे बढ़कर देवांशु के दोनों गालों को लाल कर दिया। दोनो में हाथापाई शुरू हो गई। देवांशु के दोस्त जब उसे बचाने के लिए आए तो विक्रम भैया और उनके दोस्तों ने देवांशु के दोस्तों की धुनाई शुरू कर दी।

राहुल भैया ने देवांशु को जमीन पर गिराकर लातों से उसकी सेवा करनी शुरू कर दी। राहुल भैया की देखा-देखी विक्रम भैया ने भी उसके ऊपर अपना पैर साफ करना शुरू कर दिया। देवांशु और उसके दोस्तों को जीभर कर पीटने के बाद राहुल भैया और उनके दोस्तों ने उन्हें छोड़ दिया।

ये तो बस एक ट्रेलर था देवांशु। मैं तुझे आखिरी बार समझा रहा हूँ कि अपनी हरकतों से तुम बाज आ जाओ। नहीं तो इससे भी बुरा हश्र करूँगा तुम्हारा मैं। तुमने निशांत की तरह सबको सीधा-सादा समझ रखा है क्या। मैं सीधे के लिए सीधा और टेढ़े के लिए टेढ़ा हूँ। राहुल भैया ने देवांशु को पीटने के बाद कहा।

इसके बाद राहुल भैया और उनके दोस्त वहाँ से चले गए, लेकिन देवांशु के मन में बदले की भावना ने ज्वलंत रूप ले लिया। वो अब बस सही मौके की तलाश करने लगा। उधर दीपा कॉलेज से घर वापस आ गई और जो भी देवांशु ने उससे कहा था उसने मुझे सब बताया। मैंने शाम को इस बारे में अर्जुन भैया से बात की तो उन्होंने पुलिस के पास जाकर उन्हें सब बताने के लिए कहा। खाना खाकर सब अपने कमरे में जाकर सो गए।

सुबह उठकर मैं भी कॉलेज जाने के लिए तैयार हो गया। क्योंकि अब मैं अपने आपको स्वस्थ महसूस कर रहा था। माँ ने मुझे रोकते हुए कहा।

कुछ दिन और आराम कर लेता उसके बाद कॉलेज जाता।

नहीं माँ मैं अब एकदम ठीक हूँ। 15 दिन से पढ़ाई का बहुत नुकसान हो गया है। अब मुझे कॉलेज जाना चाहिए। मैंने माँ से कहा।

ठीक है, लेकिन आराम से जाना और हाँ किसी से लड़ाई झगड़ा करने से खुद को बचाना। माँ ने कहा।

ठीक है माँ अब मैं चलता हूँ। और वापसी में दीपा को उसके घर छोड़ता हुआ आऊँगा। मैंने माँ से कहा।

उसके बाद मैं और दीपा थाने चले गए और उसी इंस्पेक्टर से मिले जो अस्पताल में मेरे बयान लेने आया था। उससे मिलने के बाद इंस्पेक्टर ने कहा।

हाँ बताइए कैसे आना हुआ।

सर निशांत के साथ जो दुर्घटना हुई थी उसमें देवांशु का ही हाथ है। और उसने मुझे कल कॉलेज में खुद इस बात को बताया था। और वो मुझे धमकी भी दे रहा था। दीपा ने इंस्पेक्टर से कहा।

देखिए मिस दीपा। अभी उस दुर्घटना के बारे में तो मैं कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि उसको कोई चश्मदीद गवाह नहीं है और आपकी बात मानी नहीं जाएगी। हाँ देवांशु के इकबाले जुर्म के आधार पर उसको गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन वो पुलिस के सामने अपनी बात से मुकर जाएगा। इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। हाँ आप बता रही थी कि उसने कुछ धमकी दी है आपको। इंस्पेक्टर ने कहा।

सर वह कह रहा था कि अगर मैंने उससे शादी नहीं की और निशांत ने मुझसे रिश्ता नहीं तोड़ा तो इस बार वो कोई दुर्घटना नहीं करवाएगा, बल्कि कुछ ऐसा करेगा कि हम दोनो को सारी उम्र रोना पड़ेगा। वो ऐसा बोल रहा था। दीपा ने कहा।

अच्छा। तुम्हारी बात से लग रहा है कि वो तुम्हें लेकर बहुत संजीदा है। एक काम करिए आप दोनो। मेरा नं. लिख लीजिए। जब कभी भी आपको लगे कि वो कुछ ऐसा वैसा करने वाला है तो मुझे फोन कर देना। मैं हर संभव मदद करने की कोशिश करूँगा। इंस्पेक्टर ने कहा।

उसके बाद मैंने और दीपा ने इंस्पेक्टर का फोन नं. लिख लिया और उनसे इजाजत लेकर थाने से बाहर आ गए और अपने कॉलेज की तरफ चल पड़े।


साथ बने रहिए।
 

mashish

BHARAT
8,032
25,909
218
चौंतीसवाँ भाग


देवांशु की ऊटपटांग बात सुनकर दीपा उसे नजरअंदाज करते हुए बाहर जाने लगी। तभी देवांशु ने कुछ ऐसी बात कह दी कि दीपा के बढ़ते हुए कदम वहीं रुक गए।

तुम्हें क्या लगता है दीपा कि मैं निशांत को ऐसे ही छोड़ दूँगा। इससे भी बुरी हालत करूँगा मैं उसकी। मैं कुछ ऐसा करने वाला हूँ कि तुम्हारे साथ-साथ निशांत भी सारी जिंदगी पछताएगा कि उसने मुझसे पंगा क्यों लिया? देवांशु ने पीछे से कहा।

उसकी बात सुनकर दीपा उसकी तरफ वापस चल दी और उसके पास जाकर खड़ी हो गई।

इसके मतलब मेरा शक सही निकला। निशांत की दुर्घटना के पीछे तुम्हारा ही हाथ है। मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं। दीपा ने कहा।

इतना कहकर दीपा के देवांशु को एक थप्पड़ रसीद कर दिया।
जिसकी गूँज पूरे कॉरिडोर में गूँज गई। देवांशु अपने गाल पर हाथ रखकर मुस्कुराने लगा।

तुम्हें क्या लगता है कि तुम्हारे इस थप्पड़ से मुझे कोई फर्क पड़ेगा। अभी तो मैंने सिर्फ निशांत को थोड़ी सी चोट पहुँचाई है। लेकिन लगता है कि तुम दोनों को अभी तक मेरी बात समझ में नहीं आई है, लगता है इस मामले में मारपीट से कुछ नहीं होने वाला। मुझे कुछ और करना पड़ेगा। देवांशु मुस्कुराते हुए बोला।

क्या? क्या करना चाहते हो तुम? इतना सब करके भी तुम्हारा मन नहीं भरा अभी तक। तुम बहुत कमीने इंसान हो। मुझे तो शर्म आती है खुद से कि मैंने तुम्हें कभी अपना सबसे अच्छा दोस्त माना था। दीपा ने कहा।

मैं जो भी करूँगा वो तुम्हें क्यों बताऊँ। बहुत जल्द तुम्हें खुद ही पता चल जाएगा। तुम दोनो खून के आँसू रोओगे। मेरा मन तभी भरेगा जब मैं तुमसे शादी करूँगा और निशांत कुछ नहीं कर पाएगा। तब जाकर मेरे मन को शांति मिलेगी। मैंने तुमसे सच्चे दिल से प्यार किया था, लेकिन तुमने मेरे प्यार को ठुकराकर निशांत से प्यार किया। अब मैं तुम्हें बताऊँगा कि एक जख्मी प्रेमी क्या कर सकता है अपना प्यार पाने के लिए। देवांशु ने कहा।

तुम इसे प्यार कहते हो। तुम मुझसे प्यार नहीं करते थे देवांशु, तुम बस मेरे जिस्म से प्यार करते थे। अगर तुम सचमुच मुझसे प्यार करते तो कभी मुझसे अभद्रता नहीं करते। जो प्यार करता है वो अपने प्यार की खुशी के लिए उसके साथ खड़ा रहता है न कि तुम्हारी तरह उसकी खुशी उजाड़ना चाहता है। तुम्हें प्यार का मतलब क्या पता। तुम्हें तो सिर्फ लड़कियों के जिस्म से खेलना आता है। दीपा ने कहा।

वो बेवकूफ होते हैं जो अपने प्यार को हासिल नहीं कर पाते, लेकिन मैं बेवकूफ नहीं हूँ और मुझे अच्छी तरह से पता है कि तुम्हें कैसे हासिल करना है। मैं किसी भी कीमत पर तुम्हें निशांत की होने नहीं दूँगा। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी क्यों न करना पड़े। देवांशु ने कहा।

अभी देवांशु और दीपा में बात हो ही रही थी कि वहाँ पर राहुल भैया और विक्रम भैया अपने कुछ दोस्तों के साथ आ गए। किसी ने उन्हें इस बात की खबर दे दी थी कि देवांशु दीपा को रोककर उससे बात कर रहा है।

क्या हो रहा है यहाँ। और देवांशु तुम। क्या कर रहे हो तुम। क्यों परेशान कर रहे हो दीपा को। राहुल भैया ने कहा।

मैं कहाँ परेशान कर रहा हूँ इसे। मैं तो बस दीपा से निशांत का हालचाल पूछ रहा था। मैंने भी उसकी दुर्घटना के बारे में सुना था, इसलिए दीपा से वही पूछ रहा था। देवांशु ने कहा।

नहीं भैया ये और बहुत कुछ कह रहा था। दीपा ने कहा।

अच्छा तुम घर जाओ अभी। सब इंतजार कर रहे होंगे। राहुल भैया ने कहा।

राहुल भैया के कहने के बाद दीपा वहाँ से निकल गई उसके जाने के बाद राहुल भैया ने देवांशु से कहा।

देख देवांशु। हमें शक है। अरे शक क्या पूरा यकीन है कि इस घटना के पीछे तुम्हारा ही हाथ है। इसलिए तुम्हें आखिरी बार कह रहा हूँ। अभी भी समय है सुधर जाओ। हम सब बेमतलब का लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहते। अगर इसके बाद भी तुम नहीं सुधरे और कुछ भी उलटा-सीधा करने की कोशिश भी की। तो इस बार निशांत का तो पता नहीं, लेकिन मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा। ये बात जितनी जल्दी तुम समझ जाओ उतना ही अच्छा होगा तुम्हारे लिए। राहुल भैया ने कहा।

ठीक है जो कर सकते हो कर लेना। वरिष्ठ विद्यार्थी हो तो कुछ भी बोलोगे। मेरी तुमसे कोई अदावत नहीं है। जो भी है वह निशांत के साथ है। फिर तुम अपनी टांग क्यों अड़ा रहे हो मेरे मामले में। मैं तुम्हें आगाह कर रहा हूँ। मेरे मामले से दूर रहना नहीं तो तुम्हारा हाल भी निशांत की तरह ही होगा। देवांशु ने धमकी देते हुए कहा।

देवांशु की बात सुनकर राहुल भैया, विक्रम भैया और उनके दोस्तों को गुस्सा आ गया। राहुल भैया ने आगे बढ़कर देवांशु के दोनों गालों को लाल कर दिया। दोनो में हाथापाई शुरू हो गई। देवांशु के दोस्त जब उसे बचाने के लिए आए तो विक्रम भैया और उनके दोस्तों ने देवांशु के दोस्तों की धुनाई शुरू कर दी।

राहुल भैया ने देवांशु को जमीन पर गिराकर लातों से उसकी सेवा करनी शुरू कर दी। राहुल भैया की देखा-देखी विक्रम भैया ने भी उसके ऊपर अपना पैर साफ करना शुरू कर दिया। देवांशु और उसके दोस्तों को जीभर कर पीटने के बाद राहुल भैया और उनके दोस्तों ने उन्हें छोड़ दिया।

ये तो बस एक ट्रेलर था देवांशु। मैं तुझे आखिरी बार समझा रहा हूँ कि अपनी हरकतों से तुम बाज आ जाओ। नहीं तो इससे भी बुरा हश्र करूँगा तुम्हारा मैं। तुमने निशांत की तरह सबको सीधा-सादा समझ रखा है क्या। मैं सीधे के लिए सीधा और टेढ़े के लिए टेढ़ा हूँ। राहुल भैया ने देवांशु को पीटने के बाद कहा।

इसके बाद राहुल भैया और उनके दोस्त वहाँ से चले गए, लेकिन देवांशु के मन में बदले की भावना ने ज्वलंत रूप ले लिया। वो अब बस सही मौके की तलाश करने लगा। उधर दीपा कॉलेज से घर वापस आ गई और जो भी देवांशु ने उससे कहा था उसने मुझे सब बताया। मैंने शाम को इस बारे में अर्जुन भैया से बात की तो उन्होंने पुलिस के पास जाकर उन्हें सब बताने के लिए कहा। खाना खाकर सब अपने कमरे में जाकर सो गए।

सुबह उठकर मैं भी कॉलेज जाने के लिए तैयार हो गया। क्योंकि अब मैं अपने आपको स्वस्थ महसूस कर रहा था। माँ ने मुझे रोकते हुए कहा।

कुछ दिन और आराम कर लेता उसके बाद कॉलेज जाता।

नहीं माँ मैं अब एकदम ठीक हूँ। 15 दिन से पढ़ाई का बहुत नुकसान हो गया है। अब मुझे कॉलेज जाना चाहिए। मैंने माँ से कहा।

ठीक है, लेकिन आराम से जाना और हाँ किसी से लड़ाई झगड़ा करने से खुद को बचाना। माँ ने कहा।

ठीक है माँ अब मैं चलता हूँ। और वापसी में दीपा को उसके घर छोड़ता हुआ आऊँगा। मैंने माँ से कहा।

उसके बाद मैं और दीपा थाने चले गए और उसी इंस्पेक्टर से मिले जो अस्पताल में मेरे बयान लेने आया था। उससे मिलने के बाद इंस्पेक्टर ने कहा।

हाँ बताइए कैसे आना हुआ।

सर निशांत के साथ जो दुर्घटना हुई थी उसमें देवांशु का ही हाथ है। और उसने मुझे कल कॉलेज में खुद इस बात को बताया था। और वो मुझे धमकी भी दे रहा था। दीपा ने इंस्पेक्टर से कहा।

देखिए मिस दीपा। अभी उस दुर्घटना के बारे में तो मैं कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि उसको कोई चश्मदीद गवाह नहीं है और आपकी बात मानी नहीं जाएगी। हाँ देवांशु के इकबाले जुर्म के आधार पर उसको गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन वो पुलिस के सामने अपनी बात से मुकर जाएगा। इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। हाँ आप बता रही थी कि उसने कुछ धमकी दी है आपको। इंस्पेक्टर ने कहा।

सर वह कह रहा था कि अगर मैंने उससे शादी नहीं की और निशांत ने मुझसे रिश्ता नहीं तोड़ा तो इस बार वो कोई दुर्घटना नहीं करवाएगा, बल्कि कुछ ऐसा करेगा कि हम दोनो को सारी उम्र रोना पड़ेगा। वो ऐसा बोल रहा था। दीपा ने कहा।

अच्छा। तुम्हारी बात से लग रहा है कि वो तुम्हें लेकर बहुत संजीदा है। एक काम करिए आप दोनो। मेरा नं. लिख लीजिए। जब कभी भी आपको लगे कि वो कुछ ऐसा वैसा करने वाला है तो मुझे फोन कर देना। मैं हर संभव मदद करने की कोशिश करूँगा। इंस्पेक्टर ने कहा।

उसके बाद मैंने और दीपा ने इंस्पेक्टर का फोन नं. लिख लिया और उनसे इजाजत लेकर थाने से बाहर आ गए और अपने कॉलेज की तरफ चल पड़े।



साथ बने रहिए।
super duper update
 
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DARK WOLFKING

Supreme
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nice update ..deepa ke saamne apna gunaah kabul kar liya devanshu ne ..
rahul bhaiya sabse best hai 😍😍..baat karna ,shak karna chhodke sidha peet diya devanshu ko 🤣🤣..
achchi khabar li us kamine ki .

par uski dhamki ko najarandaaj karna nahi chahiye nishant aur deepa ne ..
inspector ne number to de diya par usko sabut chahiye ,,par agar nishant bhi kuch aisa kare uske saath ki koi saboot na mile to uski akkal thikane aa jayegi ..
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
28,009
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nice update ..deepa ke saamne apna gunaah kabul kar liya devanshu ne ..
rahul bhaiya sabse best hai 😍😍..baat karna ,shak karna chhodke sidha peet diya devanshu ko 🤣🤣..
achchi khabar li us kamine ki .

par uski dhamki ko najarandaaj karna nahi chahiye nishant aur deepa ne ..
inspector ne number to de diya par usko sabut chahiye ,,par agar nishant bhi kuch aisa kare uske saath ki koi saboot na mile to uski akkal thikane aa jayegi ..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सर जी।

बात तो आप बिलकुल ठीक कह रहे हैं सर जी।
निशांत को फिर से कूटना चाहिए देवांशु को।
देखते हैं आगे क्या करता है निशांत।

साथ बने रहिए।
 
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Arv313

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Dono college ki taraf chal pade aur college pahuchate hi unka jordar swagat hua devanshu ke bichaye jaal dwara.
Very nice update
Waiting for the next update.
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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Dono college ki taraf chal pade aur college pahuchate hi unka jordar swagat hua devanshu ke bichaye jaal dwara.
Very nice update
Waiting for the next update.
धन्यवाद आपका मान्यवर।
स्वागत तो होगा दोनों का देवांशु द्वारा, लेकिन कब वो तो समय बताएगा।

साथ बने रहिए।
 
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