छठवाँ भाग
उस दिन के बाद हम दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था । कॉलेज में जैसे ही ब्रेक मिलता हम दोनों कैंटीन में जाकर बातचीत शुरू कर देते थे ।
कुछ ही दिनों में हम दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ लिए थे । अब हमारी बातें फोन पर भी घंटो घण्टों तक होने लगी थी ।
मैं कई दिनों से यह सोच रहा था यार दीपा को प्रपोज कर दूं लेकिन साला यह अपना फट्टू दिल हिम्मत ही नहीं कर पा रहा था । कई बार तो मैं उसे कॉलेज के गार्डन या रेस्टोरेंट में सिर्फ प्रपोज करने के लिए ही लेकर जाता था । मगर फिर भी प्रपोज करने में नाकामयाब रहता था ।
एक दिन हम रात के 2:00 बजे तक व्हाट्सएप पर मैसेज द्वारा बात-चीत कर रहे थे । उस रात हम दोनों ने बहुत सारी बातें की। इस दौरान मैंने दीपा से कहा।
सुनों न। मुझे तुमसे कुछ कहना है।
हाँ कहो। दीपा ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।
वो मैं कहना चाहता था कि..... तुम कल कॉलेज आ रही हो। मैंने किसी तरह बात बदलते हुए कहा।
बस यही कहना था तुमको। दीपा ने कहा।
मैंने उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दिया बस मैन इनडाइरेक्ट तरीके से उसे अपने प्यार का एहसास करने के लिए एक मैसेज भेज दिया।
कोई तुम्हें बहुत पसंद करता है दीपा। मैंने ये मैसेज भेज दिया। जिसका मतलब दीपा ने बखूबी समझ लिया था कि मैंने अपने प्यार को छुपा लिया है।
मैं डर रहा था कहीं दीपा मेरे प्यार को ठुकरा ना दे ।
वो अक्सर मुझे एक दोस्त की तरह ही देखती थी जिसके कारण मुझे अब और अधिक डर लगने लगा था, कही वो अब दोस्ती ही ना तोड़ दे । मैं 5 मिनट बाद हिम्मत करके अपने मोबाइल का डाटा चालू किया
डाटा ऑन करने के बाद मैंने व्हाट्सएप के नोटिफिकेशन का इंतजार किया मगर अगले 30 सेकंड तक एक भी नोटिफिकेशन नहीं आया । मैं व्हाट्सएप को ओपेन (Open) किया और अपने सेंड मैसेज को देखा । मैसेज पढ़ लिया गया था मैसेज के आगे डबल नीले रंग की दो टीक-मार्क लग चुकी थी ।
प्रपोज करते समय मैं उसके जवाब से डर रहा था और अब उसके जवाब ना आने से मैं डर गया था ।
उसकी रिप्लाई ना आना मैं खुद का रिजेक्शन समझ चुका था । यही कारण था कि मेरे आंखों से आंसू की धार निकल पड़ी थी । आंसू मेरे आंखों से निकल कर गालों से होते हुए तकिए पर गिर रहा था । उसी बीच मैंने दीपा को कई बार कॉल भी किया मगर उसने मेरे फोन का भी कोई उत्तर नही दिया फिर मैंने उसके व्हाट्सएप पर सौ से अधिक बार माफी मांगी । मगर उसने किसी मैसेज का रिप्लाई नहीं किया।
इस तरह से उस रात में बिल्कुल भी नहीं सो पाया था । पूरी रात परेशान रहा और मेरी आँखों से नींद कही खो गयी थी।
जब मैं अगले दिन कॉलेज गया तो वह मुझसे नाराज जैसी दिख रही थी । वह मुझसे दूर-दूर रह रही थी । एक बार जब वह सीढियों से चलकर अपने क्लास रूम की ओर जा रही थी तब मैं उसके हाथ को पकड़ कर कोरिडोर के एक कोने की तरफ ले गया ।
“ दीपा क्या तुम मुझसे सच में नाराज हो ?” मैंने उसके आंखों में झांक कर कहा ।
“ हां ” उसने सिर्फ अपना सर हिला कर जवाब दी।
“ ओके... मुझे माफ कर दो । अगली बार से ऐसी गलती नहीं होगी ।” मैंने लगभग गिड़गिड़ाते हुए कहा।
“मैं माफ क्यों करूं ? तुमने मेरा सपना तोड़ा हैं ।
इतनी आसानी से कैसे माफ कर दूंगी?” उसने मुंह बनाती हुई बोली।
“ सपना .....कैसा सपना?” मैं आश्चर्य चकित होकर बोला।
“मेरा एक सपना था कि जो भी मुझसे प्यार करेगा वह अपने हाथों में गुलाब का फूल लेकर अपने घुटने पर बैठकर मुझे प्रपोज करेगा। मगर तूने तो व्हाट्सएप पर इंडिरेक्टक़ली प्रपोज करके मेरा सपना ही तोड़ दिया।” दीपा इस बार लगभग मुस्कुराती हुई बोली थी।
“क्या...?” मैंने अपना कंधा उचकाते हुए बोला।
मैं कुछ और बोलता उससे पहले ही वह अपने होंठ मेरे होंठ के पास लाकर बोली - " आई लव यू निशांत "
मैं यह सुनकर खुशी से झूम उठा और चिल्लाकर बोला।
आई लव यू टू दीपा।
उसके बाद वह अपने होठ मेरे होठों पर रख दी। वह तो थी मात्र 2 से 3 सेकंड की किस (kiss) , मगर उतने में ही मेरे सारे रोंगटे खड़े हो गए थे।
वह मुझसे दूर खड़ी हुई और बोली- " मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम इतने भी फट्टू हो"
फिर मुस्कुरा कर अपनी क्लास रूम की तरफ चली गयी ।
इसके बाद हम लोग अपने-अपने क्लास रूम में चले गए। उस दिन के बाद हमारा प्यार चरम सीमा पर था। अक्सर कॉलेज में हम लोग साथ-साथ देखे जा सकते थे। जब वह अपने क्लास रूम में होती थी तभी सिर्फ अकेली होती थी वरना कॉलेज के पूरे टाइम हम दोनो साथ में बिताते थे।
कुछ दिन बाद से ही हमारी जोड़ी के चर्चे कॉलेज के ग्रुपों में होने लगा मगर मुझे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता था ।
हम दोनों अपनी ही दुनिया में मस्त रहते थे। एक दिन मैं कॉलेज के ब्रेक टाइम में असाइनमेंट प्रोजेक्ट के लिए ज्योग्राफी टीचर के केविन में गया हुआ था। जिसके कारण दीपा कॉलेज के कैंटीन में अकेली बैठी थी।
मैं अपने असाइनमेंट प्रोजेक्ट से संबंधित बातचीत करने के बाद जब मैं उस टीचर के केबिन से वापस आ रहा था तो कॉरीडोर के पास मुझे 2 -3 लड़को ने रोका।
“ निशांत मुझे तुमसे कुछ बातें करना है ” उन लड़कों में से एक बोला।
उस लड़के की हाइट (Hight) मेरी हाइट से थोड़ी कम थी, मगर वह मुझसे अधिक गोरा था। उसकी दाढ़ी स्टाइल बिल्कुल अमिताभ बच्चन से मिलती थी मगर हेयर स्टाइल मिथुन दा से मिलता था ।
हां बोलो क्या बात करना है ?”मैंने बोला।
“मैं तुम्हें कई दिनों से नोटिस कर रहा हूं। तुम हमारे क्लास की लड़कियों से कुछ ज्यादा ही चिपके चिपके रह रहे हो” उनमें से दूसरा लड़का बोला।
वह तेवर कुछ ज्यादा ही दिखा रहा था, वह अकड़ कर बोला था ।
“ हां .. तो इसमें तुम्हें क्या प्रॉब्लम है?” मैंने कहा।
“दिक्कत नहीं बेटा, बल्कि बहुत दिक्कत है। क्योंकि तुम जिस लड़की से चिपक-चिपक के घूम रहे हो उसे मैं पसंद करता हूं” उसने अपने हाथ को मेरे कंधे पर रखते हुए बोला।
“तब तो दिक्कत मुझे होना चाहिए बेटे,... क्योंकि मैं उससे प्यार करता हूं।” मैंने उसके हाथों को अपने कंधे से हटाते हुए बोला।
“साले वह मेरी क्लास की बंदी है, आज के बाद उसके अगल-बगल भी दिखा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा” एक दूसरे लड़के ने बोला।
“ तुम लोग मेरी दो बाते अच्छी तरह से समझ लो। पहली की तुम लोग तमीज से बात करो और दूसरी कि वह तुम्हारी क्लास की बंदी है ना कि तुम्हारे बाप का जागीर” मैं इस बार अपनी उंगली दिखाते हुए गुस्से में बोला था।
इसके बाद वे लोग कुछ बोलते कि उससे पहले ही वहां पर कुछ लड़कियां आ गई थी जिसके कारण वे लोग वहां से चले गए और मैं कैंटीन की तरफ चला गया।
“ निशांत इतना टाइम कहां लगा दिया? अब तो ब्रेक भी खत्म होने वाला है” दीपा मुझे कैंटीन पहुंचते ही बोली।
“हां थोड़ा अधिक टाइम लग गया” यह बोलता हुआ मैं उसके बगल की कुर्सी पर बैठ गया।
“ ठीक है, मैं कॉफी मंगाती हूं” दीपा शॉप की तरफ देखती हुई बोली।
“नहीं... मत मंगाओ। आज मेरा कॉफी पीने का मूँड़ बिलकुल भी नहीं है।” मैंने बोला।
“क्यों? क्या हुआ?” दीपा बोली।
साथ बने रहिए।