दूधवाला और मेरी पत्नी भाग -11
प्रवीण यार मै बिसात बिछा रहा हूँ आज रमेश को एक बाजी हरा कर रहूँगा , यार तु जा ऊठा कर पहना दे पेटीकोट भाभी है तेरी
रमेश कॉपते कदमो से कोमल की तरफ बढा
वो करीब आ गया
रमेश भाभी आप बहुत खुबसुरत हो
कोमल हाये देवर जी आप बडे बेशर्म है भाभी नंगी खड़ी पेटीकोट उठाने की बात कर रही है देवर को शरारत सूझ रही है
तभी रमेश नीचे बैठा उसने कोमल के दोनों चुतड़ो पर हाथ रख दिये
अनजान मर्द के हाथो का अपने नंगे चुतड़ो पर एहसास ने कोमल को रोया रोयाँ खड़ा कर दिया वो सिहर सी गई शायद उसकी बुर ने भी पानी छोड दिया था
रमेश भईया भाभी के चुतड़ बडे मस्त है
प्रवीण वो तो है ही अरे पकड़े ही है तो फैला कर देख इसकी टाईट गांड का छेद इससे भी जादा मस्त है
तभी रमेश ने दोनो चुतड़ो को फैलाया कसम से रमेश के शरीर पर बिजलीया गिर गई, चुतड़ो के बीच भूरा गांड का छेद वास्तव मे कहर ढा रहा था
रमेश जैसे खो सा गया उस छेद मे, रमेश के लंड ने भी यह दृश्य देख पानी छोड दिया था जिसे उसने अपनी भाभी के पैरो पर गिरा दिया कोमल को यह गर्म पानी का एहसास होते ही समझ गई हो ना हो रमेश ने पानी छोड दिया है जिसकी धार ने उसके पैर भीगा दिये
कोमल छी कितने बेशर्म हो तुम लोग हाये अब छोड़ो मुझे पेटीकोट पकडाओ
रमेश जैसे उसे किसे ने जगा दिया हो उसे होश आया तो उसने पेटीकोट चुतड़ो के उपर कर दिया उसे कोमल ने फिर पहन नहाने बैठ गई
रमेश प्रवीण के सामने शतरंज की बिसात पर बैठ गया था लंड अभी अभी झडा था तो अब वो बैठ चुका था अभी दोनो ने एक दो चाल चली होगी
कोमल सुनो जी मेरी पीठ पर साबुन लगा दो
प्रवीण यार रमेश तुमने बडी गहरी चाल चल दी है मेरी रानी नही बचने वाली या तो तुम्हारा घोडा या हाथी आज मेरी रानी की मार के रहेगे
रमेश रमेश ने अपनी लंड को सहलाते हुये भैया आज यह घोडा आपकी रानी की सवारी करेगा ही
कोमल अरे सुनते हो मेरी पीठ पर साबुन लगा दो तब खेलो
प्रवीण यार चाल तो तेरी गहरी है लगता तो है मेरी रानी अब मारी जायेगी देखता हूँ बच जाये तो अच्छी बात है बस थोड़ा वक्त दे, तब तक तु जरा अपनी भाभी की मदद कर दे
प्रवीण यार मै बिसात बिछा रहा हूँ आज रमेश को एक बाजी हरा कर रहूँगा , यार तु जा ऊठा कर पहना दे पेटीकोट भाभी है तेरी
रमेश कॉपते कदमो से कोमल की तरफ बढा
वो करीब आ गया
रमेश भाभी आप बहुत खुबसुरत हो
कोमल हाये देवर जी आप बडे बेशर्म है भाभी नंगी खड़ी पेटीकोट उठाने की बात कर रही है देवर को शरारत सूझ रही है
तभी रमेश नीचे बैठा उसने कोमल के दोनों चुतड़ो पर हाथ रख दिये
अनजान मर्द के हाथो का अपने नंगे चुतड़ो पर एहसास ने कोमल को रोया रोयाँ खड़ा कर दिया वो सिहर सी गई शायद उसकी बुर ने भी पानी छोड दिया था
रमेश भईया भाभी के चुतड़ बडे मस्त है
प्रवीण वो तो है ही अरे पकड़े ही है तो फैला कर देख इसकी टाईट गांड का छेद इससे भी जादा मस्त है
तभी रमेश ने दोनो चुतड़ो को फैलाया कसम से रमेश के शरीर पर बिजलीया गिर गई, चुतड़ो के बीच भूरा गांड का छेद वास्तव मे कहर ढा रहा था
रमेश जैसे खो सा गया उस छेद मे, रमेश के लंड ने भी यह दृश्य देख पानी छोड दिया था जिसे उसने अपनी भाभी के पैरो पर गिरा दिया कोमल को यह गर्म पानी का एहसास होते ही समझ गई हो ना हो रमेश ने पानी छोड दिया है जिसकी धार ने उसके पैर भीगा दिये
कोमल छी कितने बेशर्म हो तुम लोग हाये अब छोड़ो मुझे पेटीकोट पकडाओ
रमेश जैसे उसे किसे ने जगा दिया हो उसे होश आया तो उसने पेटीकोट चुतड़ो के उपर कर दिया उसे कोमल ने फिर पहन नहाने बैठ गई
रमेश प्रवीण के सामने शतरंज की बिसात पर बैठ गया था लंड अभी अभी झडा था तो अब वो बैठ चुका था अभी दोनो ने एक दो चाल चली होगी
कोमल सुनो जी मेरी पीठ पर साबुन लगा दो
प्रवीण यार रमेश तुमने बडी गहरी चाल चल दी है मेरी रानी नही बचने वाली या तो तुम्हारा घोडा या हाथी आज मेरी रानी की मार के रहेगे
रमेश रमेश ने अपनी लंड को सहलाते हुये भैया आज यह घोडा आपकी रानी की सवारी करेगा ही
कोमल अरे सुनते हो मेरी पीठ पर साबुन लगा दो तब खेलो
प्रवीण यार चाल तो तेरी गहरी है लगता तो है मेरी रानी अब मारी जायेगी देखता हूँ बच जाये तो अच्छी बात है बस थोड़ा वक्त दे, तब तक तु जरा अपनी भाभी की मदद कर दे