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Incest नई जिन्दगी nai zindagi (INCEST)

vbhurke

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Update-16

सुनिल- सारा जमाना हमे पति पत्नी की नजर से देखता है मां, हमारे बीच पीछले कुछ दीनो से जो हो रहा है वो मां बेटा नही करते मां । अब हमारे बीच मां-बेटे के संबध खत्म हो गये है ।
ईस घर मे यहां तू एक औरत है और मै एक मर्द अब हमारे बीच मे सिर्फ कुछ दुरीयां बची है मां वो मीट जाने के बाद हम दोनो का मिलन होगा मां समझ मेरी बात ।

सरला- बेटा मुझे पता है तू मेरे साथ वो गंदा काम करना चाहता है बस इसलिए ये कह रहा है ।

सुनिल- न न ना मां तू गलत समझ रही है मेरी हर धडकन पे तेरा ही नाम लिखा है मां । मै दील से तुझे चाहता हू ।

सरला भी समझ चुकी थी ये तो होना ही था पर सुनिल का मन जानने की आखरी कोशिश कर रही थी।

सरला- पपपर

सुनिल- पर वर कुछ नही मां ,हां करदे मां..... मुझे मेरे बेटे रवी के लिए उसकी नई मां चाहीये मां और वो तूही बनेगी ये मैने ठान ली है, देख उस बेचारे बीन मां के बेटे को मां की जरूरत

है,

उसके लिए हां कर दे मां, बोलना मां बनेगी ना मेरे बच्चे की मां देगी ना उसे सगी मां का प्यार, बोलना मां बोलना

रवी का नाम सुनते ही सरला की ममता भरी नजर दोनो की गहमा-गहमी से दूर शांत सोये हुए रवी पर पडी और उसे देख सरला के अंदर की मां जाग उठी, उसे उसका मातृत्व पुकार-

पुकारके कह रहा था ,

“सरला देख उस नन्ही जान को, दुनिया क्या कहेगी तुझे उसकी पडी है । आज उसे एक मां की जरूरत है, फीकर मत कर मेरे बच्चे तू मेरी कोक से ना जन्मा हुआ हो तो क्या हुआ मै तुझे

सगी मां से भी बढकर प्यार दुलार दुंगी, तेरे लिये मुझे कोई भी पाप करना पडे वो मै करूंगी”

सरला की हां सुनने सुनिल तो पुरा बावला हुए उसकी ओर टकटकी लगाए बैठा था ।

सरला ने सुनिल की ये आस देख ते हुए मन मे एक पत्नी का भाव जगने लगे, उसकी आंखे सुनिल के आंखो की गहराई मे समा कर जैसे कह रही थी “सुनिल बेटा तेरी हर खुशी के लिए मै

कुछ भी कर सकती हूं एक औरत को जिन्दगी मे कई रीश्ते निभाने पडते है अगर मेरे हां करने से तेरे जिन्दगी में खुशियां लौट सकती है तो यही सही, अगर तू मुझे अपनी औरत, अपनी

पत्नी के रूप मे प्यार करना चाहता है देखना चाहता है तो ठीक है बेटा जैसी तेरी मर्जी“ ।

इंतजार खत्म हुआ सरला ने सुनिल के नजरों से नजरे चुराली और शरमाते हुए नजर झुकाई

सुनिल- बता ना मां अब रहा नही जाता, बनेगी ना मेरी बीवी बोलना तेरी हां है ना हमारे नए रीश्ते को

सरलाने सुनिल के हाथ का गुलाब उसने हाथ मे ले लिया

सरला- सुनिल बेटा जरा ये गुलाब मेरे बालों मे लगा दे ना

सुनिल मे तो जैसे बीजली दौड पडी चेहरे पे खुशी की लहरे दौड पडी सरला ने गुलाब स्विकार लिया था उसके लिए ये इशारा काफी था ।

सुनिल- मतलब मतलब मां तेरी हां है, है ना मां

सरला शरमाते हुए

सरला- हां

सुनिल झुम उठा उसने सरला की कमर पे दोनो हाथ डाले उसे उठा लिया और सरला को गोदी मे उठाये नाचने लगा ।

सुनिल- हे हे हे हसिना मान गई रे हे हे हे, आज तो मै दुनिया को चिल्ला-चिल्ला कर कहना चाहता हूं मां, हां मैने प्यार कीया है तुझ से

सरला के जिन्दगी मे कभी कीसी का प्रपोजल स्वीकारने का दीन नही आया था उसने आजतक ये सिर्फ पिक्चरों मे देखा था । पर आज उसे कीसी कुवांरी लडकी सा अनुभव हो रहा था

जिसे उसपे जान छीडकने वाला चाहने वाला प्रेमी जो मिल गया था ।

सरला- अरे बस बस अब निचे उतार मुझे कब तक गोदी मे लेकर नाचेगा मुझे

सुनिल- हां मेरी जान अब तो तुझे रोज गोदी मे लेकर प्यार करूंगा तुझे

सरला- हट बडा रंगीला मरद है तू , कुछ देर पहले मां कह रहा था और अब अचानक जान

सुनिल- हां तो अब हम दोनो प्रेमी जोडा है एक दुसरे के हमराज है अब तू मेरी जान, दीलरूबा, डार्लिंग सब कुछ है । तुझे में दावे के साथ कह सकता हूं तुझे जिंदगी भर मेरे जैसा चाहने वाला नही मिलेगा ।

सरला तो शरम से पाणी होने लगी, वो अभी से सुनिल को पति के नजर से देखने लगी

सरला- वो ठीक है पर मेरी एक शर्त है । मै तुझे वो सब अभी से करने नही दूंगी हां
 

vbhurke

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Update-17

सुनिल सरला के बात सुनके तो पागल हो गया उसे यकीन नही हुआ सरला उन संबधो की बातें कर रही थी । मतलब उसे उसके लिए मनाने की जरूरत नही थी । सुनिल की रांते जल्द

सरला रंगीन करने वाली थी उसका सुना बिस्तर अब रोज रात सरला गरम करने वाली थी । अब उसे रात का साथी मिल गया था बस सरला कुछ दीन मांग रही थी ।

सुनिल- अरे उसकी चिंता मत कर तेरी जब मन करेगा हम तभी वो करेंगे पर पिल्ज मुझे ज्यादा दीन मत तडपाना हां मां...

सरला को शरमाये देख सुनिल ने सरला को गोदी से निचे उतारा और उसका गोरा चेहरा हाथों मे भर लिया और उसके थरथराते होटों पे अपने होंट रखे और उसे चुमने लगा

कुछ देर बाद सरला ने फीर अपने होंट हटाये

सरला- बस अब, मुझे खाना बनाना है

सरला रसोई मे खाना बनाने लगी

सुनिल ने रवी को गोद मे लेकर घर मे घुमाने लगा

सुनिल- ओले ओले मेरा बेटा देखो आप को नई मां लाया हूं मै बडी सुंदर है ना, होगी ही, आपके पापा की पसंद है, अब आप को आपकी मां जल्द ही प्याला प्याला दुदु पिलाएंगी है ना

सरला ने शरम के मारे अपना मुंह पल्लू से ढक लिया

सरला- चल बेसरम कुछ भी बोलता है

सुनिल- मां आज मै बहोत खुश हूं अब तो लगता है जिंदगी मै कोई गम ही नही है बोल ना मां तुझे क्या चाहीये

सरला- तू खूश है ना यही मेरे लिए सबकुछ है

सुनिल- वो कुछ नही हम आज जश्न करेंगे मै अभी बाहर से हमारे लिए कुछ लाता हूं

सुनिल कपडे पहनने लगा और बाहर जाने लगा तभी वो मुडा और उसने सरला को फ्लांईंग कीस दी

सरला तो आज कुवांरी लडकी की तरह शरमा रही थी

सुनिल के जाने के बाद सरला गाना गुनगुनाती आईने के पास आती है

और आईने मे खुदको देख कर शरमाती है, दोनो हथेली से चेहरा छुपाती है । और फीर धीरे-धीरे हाथ हटाते अपने आप से कहती है ।

सरला- हाय सरला क्या जादू करदीया है तुने सुनिल पर वो तोपागल हो चुका है तेरे लिए ,सच मे बात है तुझमे, अब तो वो तेरा पति बन गया है हाय मतलब वो तेरे साथ क्या क्या करेगा

पता है ना पगली, जब जमाने ने ही हमे मंजूरी दी हो तो काहे का डर, वो कीतने दीनो बाद ईतना खुश लग रहा है और रवी को भी तो मां की जरूरत है। पर वो दुदु की बात हाय दैया सुनिल का इरादा क्या है । पगला कही का ।

सरला के गालों पर एक सुंदर लाली आ चुकी थी उसने पास की फेर एन लवली लगाई और लिपस्टीक होटों पे हल्की लगाई

सरला- सजना है मुझे सजना के लिए हु म हु ह ह हु उममममहा लगाली होटों की लाली सुनिल को बडी पसंद है थियटर मे तो मेरे होट छोड ही नही रहा था

कुछदेर बाद रवी रोने लगता है सरला उसे गोद मे लेति है

सरला- ओ ओ मेरा बच्चा क्या हुआ भुक लगी है ओ ओ ये ले दुध पी

रवी सरला के चोली पर मुंह फीराने लगता है

सरला- अरे मेरे बच्चा दुध नही है उसमे कीतनी बार समझाउ मेरे सोना

और फीर वो दुध की बोतल रवी के मुह पर लगाती है और रवी बोतल के दुध चुसते शांत हो जाता है ।

दरवाजे पर ठकठक होती है और सुनिल घर आ जाता है ।

सरला को देख कर मुस्कुराता है और उसका हाथ पकड कर खटीये पर बैठ जाता है

सुनिल- आ मां बैठ

सरला बैठ जाती है सुनिल मिठाई का डीब्बा खोलता है और उसमे से बर्फी निकाल कर आधी अपने मुंह मे भर लेता है और सरला को अपने पास खिंचते हुए उसके होटों के पास ले जाता

है और उसे आंखो से खाने का इशारा करता है सरला होटों से होंट भीडाती है और मुंह खोलती है और आधी मिठाई खाने लगती है ।
 
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