विजय का लंड अपनी माँ की नंगी गोरी चिकनी टांगों को देखकर झटके मारने लगा । रेखा ने अपना पेटिकोट उतारने के बाद अपने ब्लाउज को खोलते हुए उसे अपने जिस्म से अलग कर दिया और ब्लाउज उतारने के बाद फिर से अपने बेटे की तरफ देखने लगी, रेखा ने देखा उसका बेटा वैसे ही अपनी आँखों के सामने अपने हाथों को रखे हुए था । मगर उसकी पेण्ट की तरफ देखते ही रेखा का जिस्म कम्पने लगा उसके बेटे का लंड पूरी तरह तनकर उसकी पेण्ट में तम्बू बनाये हुए था।
विजय की हालत बिगडती जा रही थी। उसकी माँ अब उसके सामने सिर्फ एक छोटी सी पेंटी और ब्रा में खडी थी, रेखा की बड़ी बड़ी चुचियां उसकी ब्रा में पूरी तरह समा नहीं पा रही थी। जिस वजह से उसकी आधी चुचियां नंगी होकर विजय के आँखों के सामने मण्डरा रही थी ।
नीचे से भी रेखा की वही हालत थी उसके बड़े बड़े चूतडों के बीच उसकी छोटी सी पेंटी फँसी हुयी थी। जिस वजह से रेखा की फूली हुयी चूत आधि नंगी होकर विजय को दिख रही थी । रेखा ने अचानक अपना मूह फेरते हुए दूसरी तरफ कर दिया और अपनी ब्रा को नीचे करते हुए उसके हुक्स को आगे की तरफ़ कर दिया, रेखा ने ब्रा के हुक खोलकर उसे अपने जिस्म से उतारकर नीचे फ़ेंक दिया।
विजय को अपनी माँ की चुचियां तो नहीं दिख रही थी मगर उसका लंड अपनी सगी माँ की चुचियों के नंगे होने के ख़याल से ही उसकी पेण्ट में ज़ोर के झटके खाने लगा, विजय से अब बर्दाशत से बाहर हो गया उसका लंड अब उसकी पेण्ट में अकड़कर दर्द करने लगा था ।
विजय ने अपनी पेण्ट में हाथ ड़ालते हुए कुर्सी से उठकर उसे नीचे करते हुए अपने पेरों में फ़ेंक दिया और अपने अंडरवियर को भी थोडा नीचे सरकाते हुए अपने लंड को नंगा करते हुए वापस कुर्सी पर बैठ गया । रेखा ने अपनी ब्रा को उतारने के बाद अपनी पेंटी में हाथ ड़ालते हुए उसे अपने चूतडों से नीचे सरका दिया।
रेखा ने नीचे झुकते हुए अपनी पेंटी को अपने पैरों में से निकालकर ज़मीन पर फ़ेंक दिया । विजय अपनी माँ के नंगे चूतडों को देख कर पागल होने लगा और रेखा ने जैसे ही नाचे झुककर अपनी पेंटी को अपने पाँव से निकाला उसके चूतड पीछे से निकलकर विजय की आँखों के सामने आ गये। विजय अपनी माँ की फूली हुयी काले बालों वाली चूत को नंगा देखकर अपने लंड को हाथ में लेकर ज़ोर से हिलाने लगा और उसकी साँसें बुहत ज़ोर से चलने लगी ।