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"पिंकी जल मत थोडी देर मुझे दादा की गोद में बैठने दे" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर उसे आँख मारते हुए कहा और अचानक वह अन बैलेंस होकर गिरने का नाटक करने लगी। अनिल ने कोमल को गिरता हुआ देखकर अपने दोनों हाथों को आगे ले जाकर कोमल को पकड लिया, अनिल के दोनों हाथ सीधा कोमल की दोनों चुचियों नीचे आ गयी। जिस वजह से अनिल के हाथों में कोमल की दोनों नरम चुचियां आ गयी।
"आहहह दादा जी आपने मुझे गिरने से बचा लिया" कोमल ने अपने दादा का हाथ अपनी दोनों चुचियों पर पड़ने से सिसकते हुए कहा । अनिल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे। अपने हाथ में कोमल की नरम चुचियों के आने से उसका लंड बुहत ज़ोर से फनफनाने लगा था ।
कोमल अब सीधा होकर अनिल की गोद में बैठ चुकी थी। मगर इस बार कोमल को बैठने में बुहत ज्यादा तकलीफ हो रही थी क्योंकी उसके दादा का लंड पूरी तरह से जाग चूका था जो बुहत ज़ोर से उछलते हुए उसके चूतडों के बीच चुभ रहा था।
"बेटी अब बुहत हो गया तुम यहाँ आकर बैठ जाओ" अनिल ने कोमल को समझाते हुए कहा ।
"ठीक है दादा जी जैसे आपकी मर्ज़ी " कोमल ने इतना कहा और अपने पूरे वजन के साथ एक बार अपने दादा के लंड को अपने चूतडों के बीच दबाते हुए वहां से उठ गयी।
"आआह्ह्ह्ह बेटी" कोमल के ज़ोर देने की वजह से अनिल के मुँह से चीख़ निकल गयी ।
"क्या हुआ नाना जी" पिंकी जैसे इसी इंतज़ार में थी। कोमल के उठते ही वह जल्दी से अपने नाना की गोद में बैठ गयी।
"आआह्ह्ह कुछ नहीं बेटी वह मुझे पेशाब आ रही है" पिंकी के बैठने से अनिल ने फिर से सिसकते हुए कहा । पिंकी जैसे ही अपने नाना की गोद में बैठी। अपने चूतडों के बीच इतने मोटे और सख्त चीज़ के चुभने से वह हैंरान होते हुए वहां से उठ गयी ।
"बेटी तुम यहाँ बैठो मैं अभी पेशाब करके आता हूँ" अनिल समझ गया था की पिंकी नादान है। इसीलिए वह उसके लंड के चुभने से वहां से उठ गयी। इसीलिए वह भी जल्दी से वहां से उठकर बाथरूम में घुस गया,
"क्या हुआ दीदी तुम तो जल्दी से दादा की गोद से उठ गयी" कोमल ने अनिल के जाते ही पिंकी की तरफ देखते हुए कहा ।
"आहहह दादा जी आपने मुझे गिरने से बचा लिया" कोमल ने अपने दादा का हाथ अपनी दोनों चुचियों पर पड़ने से सिसकते हुए कहा । अनिल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे। अपने हाथ में कोमल की नरम चुचियों के आने से उसका लंड बुहत ज़ोर से फनफनाने लगा था ।
कोमल अब सीधा होकर अनिल की गोद में बैठ चुकी थी। मगर इस बार कोमल को बैठने में बुहत ज्यादा तकलीफ हो रही थी क्योंकी उसके दादा का लंड पूरी तरह से जाग चूका था जो बुहत ज़ोर से उछलते हुए उसके चूतडों के बीच चुभ रहा था।
"बेटी अब बुहत हो गया तुम यहाँ आकर बैठ जाओ" अनिल ने कोमल को समझाते हुए कहा ।
"ठीक है दादा जी जैसे आपकी मर्ज़ी " कोमल ने इतना कहा और अपने पूरे वजन के साथ एक बार अपने दादा के लंड को अपने चूतडों के बीच दबाते हुए वहां से उठ गयी।
"आआह्ह्ह्ह बेटी" कोमल के ज़ोर देने की वजह से अनिल के मुँह से चीख़ निकल गयी ।
"क्या हुआ नाना जी" पिंकी जैसे इसी इंतज़ार में थी। कोमल के उठते ही वह जल्दी से अपने नाना की गोद में बैठ गयी।
"आआह्ह्ह कुछ नहीं बेटी वह मुझे पेशाब आ रही है" पिंकी के बैठने से अनिल ने फिर से सिसकते हुए कहा । पिंकी जैसे ही अपने नाना की गोद में बैठी। अपने चूतडों के बीच इतने मोटे और सख्त चीज़ के चुभने से वह हैंरान होते हुए वहां से उठ गयी ।
"बेटी तुम यहाँ बैठो मैं अभी पेशाब करके आता हूँ" अनिल समझ गया था की पिंकी नादान है। इसीलिए वह उसके लंड के चुभने से वहां से उठ गयी। इसीलिए वह भी जल्दी से वहां से उठकर बाथरूम में घुस गया,
"क्या हुआ दीदी तुम तो जल्दी से दादा की गोद से उठ गयी" कोमल ने अनिल के जाते ही पिंकी की तरफ देखते हुए कहा ।