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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

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अपडेट 81




मुकेश का लंड अपनी बेटी की चुचियों को देखकर खडा हो चुका था । उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था की आज उसे क्या हो गया है । कंचन के जाने के बाद मुकेश खाना खाने लगा, कंचन अपने पिता के कमरे से निकलकर सीधा अपने कमरे में चलि गयी और बेड पर जाकर लेट गयी ।

अब भी अपने पिता के नंगे लंड के बारे में सोचते हुए कंचन की साँसें बुहत ज़ोर से ऊपर नीचे हो रही थी।
"क्या हुआ दीदी तुम ऐसे हांफ क्यों रही हो?" शीला ने कंचन को हाँफता हुआ देखकर सवाल किया।
"दीदी पूछो मत आज जो हुआ उसके बारे में खवाब में भी नहीं सोच सकती" कंचन ने शीला की तरफ देखकर उसका जवाब देते हुए कहा ।

"ऐसा क्या हो गया दीदी? जल्दी से बताओ ना" शीला ने उत्तेजित होते हुए कंचन से कहा । कंचन ने शीला को सारी बात बता दी की उसने अपने बाप को पूरा नंगा देखा।
"शाली मुझे तो लगता है तुम्हें अपने बाप का लंड भी पसंद आ गया है इसीलिए तो तुम उसे सोचते हुए ऐसे हांफ रही थी" शीला ने कंचन के पास जाकर उसके चूतडों की एक चुटकी लेते हुए कहा ।

"नही शीला तुम भी न मेरे दिमाग में ऐसी कोई बात नही" कंचन ने शीला की बात सुनकर शर्म के मारे अपना कन्धा झुकाते हुए कहा।
"दीदी एक बात तो बताओ तुम्हारे पिता का लंड भी विजय भैया की तरह लम्बा और मोटा है" शीला ने कंचन के क़रीब आते हुए कहा ।

"दीदी तुम नहीं सुधरोगी मैंने गौर से थोडे ही देखा था और वह उस वक्त ढीला था" कंचन ने शीला को अपने आप से दूर करते हुए कहा।
"दीदी जब आपने गौर से नहीं देखा तो आपको कैसे पता चला उसका लंड ढीला था?" शीला ने कंचन को घूरते हुए सवाल किया ।

"शीला दीदी अब बस करो में इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहती" कंचन ने शीला की बात सुनकर अपना मुँह दूसरी तरफ करते हुए कहा।
"दीदी मुझे पता है तुम अपने पिता की बात करते हुए कुछ होता है इसीलिए तुम मुझे मना कर रही हो" शीला ने कंचन को पीछे से अपनी बाहों में लेते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

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"पिन्की दीदी तुमने कभी वह देखा है" कोमल ने बेड पर बैठी हुयी पिंकी को देखते हुए कहा।
"दीदी आप किस चीज़ की बात कर रही हो" पिंकी ने कोमल की तरफ जो सोफ़े पर बैठकर अपने मोबाइल पर कुछ देख रही थी को देखते हुए कहा ।

"वही दीदी जो हर लड़का जवान होते ही शौक़ से देखता है" कोमल ने सोफ़े से उठते हुए कहा।
"दीदी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है आप क्या कह रही है" पिंकी ने कोमल की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी आप मेरी मोबाइल को देखने के बाद सब समझ जाएँगी" कोमल ने पिंकी के पास बेड पर चढते हुए कहा और अपना मोबाइल पिंकी की आँखों के सामने कर दिया ।

"दीदी इस में तो गन्दी फिल्म चल रही है आपको इसे देखते हुए शर्म नहीं आती" पिंकी ने जल्दी से अपने हाथों से कोमल की मोबाइल को अपने आँखों से हटाते हुए कहा।
"दीदी हम अब छोटी नहीं रहीं हम जवान हो चुकी है" कोमल ने पिंकी को समझाते हुए कहा ।

"दीदी वह ठीक है मगर हम लड़कियां हैं । ऐसी गन्दी चीज़ें हम नहीं देख सकती" पिंकी ने कोमल को समझाते हुए कहा।
"अरे दीदी तुम किस दौर की बात कर रही हो। आजकल तो लड़कियां जवान होते ही अपने बॉयफ्रैंड्स के साथ सेक्स कर लेती है" कोमल ने पिंकी के क़रीब होते हुए कहा ।

"मगर दीदी यह ठीक नहीं है" पिंकी ने कोमल की बात सुनकर कहा।
"दीदी कुछ गलत नहीं है हम सिर्फ देख रही हैं कुछ गलत थोड़ी कर रही है" कोमल ने पिंकी को समझाते हुए कहा और उसके सर के नीचे अपनी बाज़ू को रखते हुए अपना मोबाइल फिर से पिंकी के सामने कर दिया ।

पिन्की ने इस बार अपनी नज़र मोबाइल में ही गडा दी और कोमल के साथ एक ब्लू फिल्म का क्लिप देखने लगी । क्लिप में एक लड़के ने लड़की के पूरे कपड़े उतार दिए और उसकी गोरी चुचियों को पकडकर चूसने लगा, पिंकी और कोमल दोनों की साँसें वह क्लिप देखते हुए बुहत ज़ोर से चल रही थी ।
 

Rakesh1999

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वह लड़का अब उस लड़की की चुचियों को छोडकर नीचे जाते हुए उसकी टांगों के बीच बैठ गया । लड़की ने जल्दी से अपनी दोनों टांगों को फ़ैला दिया और लड़का अपनी जीभ निकालकर उसकी गुलाबी चूत को चाटने लगा, लड़के की जीभ अपनी चूत पर पडते ही वह लड़की बुहत ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसक रही थी ।

"दीदी यह लड़का गन्दी जगह पर अपनी जीभ क्यों फिरा रहा है?" पिंकी ने मोबाइल को देखते ही कोमल से कहा।
"पता नहीं दीदी मगर लगता है ऐसा करने से उस लड़की को बुहत ज्यादा मजा आ रहा है" कोमल ने पिंकी के सवाल का जवाब देते हुए कहा ।

कुछ देर तक वह लड़का उस लड़की की चूत को चाटने के बाद सीधा लेट गया । लड़के के लेटते ही उस लड़की ने उसके अंडरवियर को नीचे सरकाते हुए नंगा कर दिया, अंडरवियर के उतरते ही उस लड़के का बुहत ही लम्बा और मोटा लंड नंगा होकर उछलने लगा ।

लडकी ने उस लड़के का लंड अपने हाथ में पकडते हुए अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी । वह लड़की कुछ देर तक उस लड़के के लंड को जीभ से चाटने के अपना मुँह खोलते हुए उसके लंड को जितना हो सकता था अपने मूह में लेकर अंदर बाहर करके चूसने लगी ।

"दीदी यह दोनों बुहत गंदे है" पिंकी की हालत वह सीन देखते हुए बुहत ख़राब हो रही थी। उसे अपनी छूट में बुहत ज़ोर की सिहरन हो रही थी । लड़के ने अचानक अपना लंड उस लड़की के मुँह से निकालकर उसे सीधा लिटा दिया और अपना लंड उस लड़की की चूत पर रगडते हुए एक ही धक्के में पूरा उसकी चूत में घुसा दिया ।

"आहहह दीदी यह इतना बड़ा उस लड़की की चूत में कैसे घुस गया" उस लड़के का पूरा लंड लड़की की चूत में घुसते ही पिंकी ने हैंरान होते हुए कहा।
"दीदी वही तो मैं आपको दिखाना चाहती थी । एक दफ़ा जब मैंने अपनी चूत में अपनी एक ऊँगली घुसाने की कोशिश की थी तो मुझे इतना दर्द हुआ था की मेरी जान ही निकल गयी थी फिर यह लड़की इतना बड़ा लंड कैसे अपनी चूत में ले सकती है" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर जल्दी से अपनी बात बताते हुए कहा ।

लडका कुछ देर तक उस लड़की को तेज़ी के साथ चोदने के बाद ज़ोर हाँफते हुए अपना लंड उसकी चूत से निकालकर उसके चेहरे पर अपना वीर्य गिराने लगा,
"छी दीदी वह लड़का तो उस लड़की के चेहरे पर मूत रहा है" पिंकी ने उस लड़के को झडता हुआ देखकर हैंरान होते हुए बोली।
 

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पिन्की दीदी वह उसका मूत नहीं है यह उस लड़के का वीर्य है जिसे लड़की की चूत में गिराने से बच्चा पैदा होता है" कोमल ने पिंकी को समझाते हुए कहा । क्लिप ख़तम हो चुका था । इसीलिए कोमल ने अपना मोबाइल बेड के खाने में रख दिया और खुद पिंकी के क़रीब होकर सो गयी ।

"दीदी वह क्लिप देखकर तो मुझे वहां पर कुछ हो रहा है" पिंकी ने अपना हाथ सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखते हुए कहा।
"दीदी मेरा भी वही हाल है आप अपने हाथ से मुझे यहाँ सहलाओ। मैं भी वेसे ही आपको सहलाती हूँ" कोमल ने पिंकी का हाथ पकडकर कपड़ों के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखते हुए कहा ।

पिन्की अपने हाथ से कोमल की चूत को उसके कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगी।
"आह्ह्ह्ह दीदी" कोमल ने ज़ोर से सिसकते हुए अपना हाथ पिंकी की चूत पर रख दिया और वह अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगी ।
दोनों की आँखें मज़े से बंद होने लगी और दोनों के हाथ एक दुसरे की चूतों पर बुहत ज़ोर से चलने लगे।

दोनों की साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी और वह दोनों अपने दुसरे हाथों से एक दुसरे की चुचियों को सहला रही थी।
"आह्ह्ह्ह ओहह दीदी ओह्ह्ह्हह्ह्" दोनों के मुँह से एक साथ ज़ोर की सिसकियां निकलने लगी और दोनों की चूतें एक साथ पानी छोडने लगी ।

झडते हुए दोनों की आँखें मज़े से बंद हो चुकी थी । कुछ देर बाद जब पूरी तरह झडने के बाद उन दोनों की आँखें खुली तो वह एक दुसरे को देखकर हंसने लगी और दोनों ने प्यार से एक दुसरे को अपनी बाहों में भर लिया । कोमल ने अपने होंठो को पिंकी के नाज़ुक मासूम होंठो पर रख दिया और उसके होंठो को ज़ोर से चूसने लगी, कोमल की इस हरकत से पिंकी को भी मजा आने लगा और वह भी कोमल के कुँवारे होंठो को चूसने लगी ।
 

Rakesh1999

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दोनों कुछ देर तक एक दुसरे के होंठो को चूसने के बाद एक दुसरे से अलग हो गयी।
"दीदी मेरी पेंटी गीली हो गई है । आपके हाथ लगाने से मैंने पेशाब कर दी है" पिंकी ने कोमल से अलग होते ही अपना हाथ कपड़ों के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखते हुए कहा।
"दीदी यह पेशाब नहीं है" कोमल ने पिंकी की तरफ देखकर मुस्कराते हुए कहा ।

"दीदी फिर यह क्या है?" पिंकी ने कोमल की बात सुनकर हैंरान होते हुए कहा।
"दीदी यह हमारी चूत का पानी है जो औरत के बुहत ज्यादा एक्साइट (उतेजित) होने पर निकलता है" कोमल ने पिंकी की तरफ देखते हुए कहा।
"हाँ दीदी शायद आप सच कह रही हैं क्योंकी जब वहां से यह पानी निकल रहा था तो मुझे इतना ज्यदा मजा आ रहा था की पूछो मत" पिंकी ने कोमल की बात सुनकर उसकी तरफ देखते हुए कहा ।

"पिंकी तुम ज़रा सोचो वहां पर सिर्फ हाथ लगाने से ही हमें इतना ज्यादा मजा आया है । जब वहां पर कोई चीज़ घुसेगी तो कितना मजा आएगा?" कोमल ने पिंकी की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी आपकी बात तो सही है मगर हमारे वहां का छेद तो बुहत छोटा है" पिंकी ने मासूमियत से कोमल की तरफ देखते हुए कहा ।

"हाँ दीदी वही तो परेशानी है" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर मायूस होते हुए कहा।
"कोमल दीदी एक काम करते हैं इस बारे में हम अपनी बड़ी दीदी से पूछ कर देखे" पिंकी ने कोमल की तरफ देखते हुए कहा।
"नही दीदी ऐसा कभी मत करना हम उनसे कुछ नहीं पूछ सकती" कोमल ने पिंकी को मना करते हुए कहा।

"ठीक है दीदी फिर तो हमें बस ऐसे ही मजा लेना पडेगा" पिंकी ने मायूस होते हुए कहा।
"दीदी तुम फिकर मत करो। मैं पता लगा लुँगी बस तुम थोडा इंतज़ार करो" कोमल ने पिंकी को समझाते हुए कहा और दोनों आपस में बातें करने लगी ।

"साले तेरी माँ को चोदकर तो मजा आ गया मगर साली जाने कब अपनी गांड मारने देगी" नरेश ने विजय की तरफ देखते हुए कहा।
"अब क्यों मरा जा रहा है उसने कहा तो था की अभी छोड दो रात को जो करना है कर लेना" विजय ने नरेश को समझाते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

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हाँ यार वह तो है मगर रात को हमारी बहनें भी तो है" नरेश ने अपनी चिंता जताते हुए कहा।
"साले कह तो तू सच रहा है मगर तुम चिंता मत करो हम कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे" विजय ने नरेश की बात सुनकर मुस्कराते हुए कहा ।

रेखा किचन का सारा काम करने के बाद वहां से उठते हुए अपने कमरे में जाने लगी । रेखा का पूरा शरीर टूट रहा था। वह अपने बेटे और भांजे से चुदवाने के बाद बुहत ज्यादा थक चुकी थी, रेखा ने अपने कमरे में आते ही अलमारी से कपडे निकाले और बाथरूम में घुस गयी ।

मुकेश ने अपनी पत्नी को बाथरूम में जाता हुआ देखकर कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद किया और अपने कपड़े उतारते हुए सिर्फ एक अंडरवियर में अपनी पत्नी के पास बाथरूम में घुस गया।
"अरे आप क्या हुआ?" रेखा जो बिलकुल नंगी होकर शावर के नीचे नहा रही थी अचानक अपने पति को अंदर दाखिल होता हुआ देखकर हैंरान होते हुए बोली।

"कुछ नहीं आज जाने क्यों मेरा मूड कुछ सेक्सी हो गया है" मुकेश ने अपनी पत्नी को पीछे से अपनी बाहों में भरते हुए कहा।
"अरे नहीं मुझे छोड दो। मैं अभी कुछ नहीं कर सकती। पहले से ही में बुहत थकी हुयी हूँ" रेखा ने अपने पति की बाहों को पकडकर अपने आप से दूर करते हुए कहा ।

"क्या हुआ है आज तुम्हें वैसे तो हर वक्त तैयार रहती हो फिर अभी क्यों नखरे कर रही हो" मुकेश ने रेखा की तरफ हैंरानी से देखते हुए कहा।
"वो कुछ नहीं बस आज ज़रा काम की वजह से थक गयी हूँ" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर मन ही मन में मुस्कराते हुए कहा ।

"देखो तुम मुझसे झूठ नहीं बोल सकती। जल्दी से मुझे सच बताओ वरना मैं तुम्हें नहीं छोड़ने वाला" मुकेश ने अपने अंडरवियर को भी अपने जिस्म से अलग करते हुए कहा।
"क्या बताउं तुम्हें की तुम्हारे बेटे और भांजे ने मिलकर तुम्हारी पत्नी की चूत का बुरा हाल कर दिया है इसी लिए वह आपसे चुदवा नहीं सकती" रेखा ने गुस्से में अपने पति को सब कुछ बताते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

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क्या कहा उन दोनों ने एक साथ और वह भी दिन में" मुकेश का लंड एक्साइटमेंट में ज़ोर के झटके खाने लगा जिसे उसने अपने हाथ से पकडकर सहलाते हुए कहा।
"हाँ एक साथ वह भी दिन में सालों ने बाप का माल समझ रखा है देखा नहीं और अपना लंड खडा करके चोदने लगते हैं। देखो क्या हालत कर दी है उन दोनों ने मेरी चूत की" रेखा ने अपने पति की तरफ सीधी होकर अपनी सूजी हुई चूत को उसे दिखाते हुए बोली ।

"बात तो तुम्हारी ठीक है मादरचोदों ने तुम्हारी चूत का कचूमर बना दिया है क्या उन दोनों के लंड बुहत बड़े है" विजय ने वेसे ही उत्तेजना में अपने लंड को सहलाते हुए अपनी पत्नी के पास जाते हुए कहा।
"हाँ मेरे पतिदेव इसीलिए तो तुम्हारी यह पत्नी उन्हें मना नहीं कर सकती क्योंकी उनके तगडे लन्डों से चुदवाकर जो मजा आता है उसके सामने यह दर्द कुछ भी नही" रेखा ने अपने पति को जवाब देते हुए कहा ।

"रेखा यह बताओ की दोनों में से किसका लंड ज्यादा बड़ा और मोटा है" मुकेश ने नीचे झुककर अपनी पत्नी की चूत को चूमते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह मेरे पतिदेव तुम्हारे बेटे का लंड सबसे मोटा और लम्बा है बिलकुल गधे जैसा" रेखा अपनी चूत पर अपने पति के होंठ लगते ही सिसकते हुए बोली ।

"रेखा तुम्हारी बाते सुनकर मेरी हालत ख़राब हो चुकी है अब में क्या करुं?" मुकेश ने सीधे खडा होकर अपनी पत्नी की बड़ी बड़ी चुचियों को मसलते हुए कहा।
"मेरे पतिदेव आप चिंता मत करो मेरे होते हुए आपको किसी बात की चिंता करने की ज़रुरत नही" रेखा अपने पति के हाथों को अपनी चुचियों से दूर करते हुए नीचे झुककर बैठ गई और अपने हाथों से मुकेश के लंड को सहलाने लगी ।

"आहहह रेखा तुम बुहत अच्छी हो" अपने लंड पर अपनी पत्नी के हाथों के पडते ही मुकेश ने सिसकते हुए कहा । रेखा ने कुछ देर तक मुकेश के लंड को अपने हाथों से सहलाने के बाद अपना मुँह खोलते हुए अपने पति का लंड अपने मूह में भर लिया और उसे बुहत ज़ोर से चूसने लगी ।वह बहुत अच्छे से लंड को अपने थूक में भिगोकर चूस रही थी।कुछ ही देर बाद।

"आह्ह्ह्ह रेखा मेरा निकलने वाला है" अचानक मुकेश ने सिसकते हुए कहा।
"हाँ अपना वीर्य मेरे मूह में ही डाल दो" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर उसका लंड अपने मूह से निकालते हुए कहा और फिर से उसके लंड को अपने मुँह में लेकर बुहत ज़ोर से चूसने लगी।
"ओहहहहह आह्ह्ह्हह्ह्ह्" मुकेश के मुँह से ज़ोर की सिस्कियाँ निकलने लगी और उसके लंड से वीर्य निकलकर रेखा के मूह को भरने लगा ।

रेखा अपने पति का सारा पानी गटकने लगी और कुछ ही देर में मुकेश का लंड पूरी तरह झरकर उसके मूह में सिकुड़ गया जिसे रेखा ने अपने मूह से निकाल दिया । उसके बाद दोनों पति पत्नी नहाकर वापस अपने कमरे में आ गये और दोनों आराम करने लगे ।
 

Rakesh1999

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दीदी चलो आज नाना जी से चलकर बाते करते है" पिंकी ने अचानक कोमल से कहा।
"दादा जी से ठीक है जैसे तुम्हारी मर्जी" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर कहा और दोनों अपने कमरे से निकलकर अनिल के कमरे में जाने लगी । पिंकी ने अनिल के कमरे के बाहर आकर जैसे ही दरवाज़े को हाथ लगाया वह अपने आप खुल गया, पिंकी और कोमल दोनों अंदर दाखिल हो गई ।

अंदर दाखिल होते ही दोनों ने देखा के अनिल बेड पर बैठकर एक न्यूज़ पेपर पढ रहा था।
"दादा जी नाना जी" दोनों लड़कियों ने एक साथ अनिल को अचानक से पुकारते हुए कहा।
"कौन" अनिल अचानक उन दोनों के पुकारने से चौकते हुए बोला । अनिल हमेशा की तरह धोती पहने हुए दोनों लड़कियों के पुकारने से बुरी तरह चोंक गया जिस वजह से उसकी धोती आगे से थोडा खुल गयी ।

"हम हैं दादा जी" कोमल ने अपने दादा को चौंकता हुआ देखकर हँसते हुए कहा । मगर अचानक उसकी नज़र अपने दादा की खुली हुई धोती पर पर गई जिसमें से उसका सिकुडा हुआ लंड साफ़ दिख रहा था। कोमल का चेहरा अपने दादा का नंगा लंड देखकर शर्म से लाल हो गया और वह अपने चेहरे को दूसरी तरफ करते हुए सोफ़े पर जा बैठी ।

"नाना जी मैं भी आई हुँ" कोमल के आगे से हटने के बाद पिंकी ने अपने दादा को देखते हुए कहा मगर दुसरे ही पल उसकी भी हालत कोमल की तरह हो गई और अपने नाना का लंड देखकर उसका चेहरा भी शर्म से लाल हो गया । पिंकी ने भी अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया।
"शरारती बच्चों तुम दोनों ने तो मुझे डरा ही दिया मगर तुम दोनों ने अपने चेहरा दूसरी तरफ क्यों कर दिया?" अनिल ने उन दोनों की तरफ देखकर हैंरान होते हुए कहा ।

"दादा जी आपकी धोती" कोमल ने सिर्फ इतना कहा ।अनिल ने जल्दी से अपनी धोती को ठीक कर दिया और बेड से उठकर सोफ़े पर जाकर बैठ गया।
"आज तुम दोनों को कैसे हमारी याद आयी?" अनिल ने सोफ़े पर बैठते हुए कहा।
"नाना जी मैं जब से आई हूँ आपसे बात ही नहीं हुई। इसीलिए आज आपसे बात करने के लिए हम यहाँ आ गये" पिंकी ने अपने नाना की तरफ देखते हुए कहा ।

"ओहहह मेरी बच्ची तुमने बुहत अच्छा किया। मैं भी तुमसे बात करना चाहता था। इधर आओ तुम दोनों मेरे पास आकर बैठो" अनिल ने पिंकी की तरफ देखकर उन दोनों को प्यार से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा ।अनिल की बात सुनकर पिंकी और कोमल दोनों अनिल के दोनों तरफ आकर बैठ गयी ।
 

Rakesh1999

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अपडेट 83




"नाना जी आपने हमें भुला ही दिया है इसीलिए तो आप आज तक कभी भी हमारे घर नहीं आए" पिंकी ने अपने नाना से शिकायत करते हुए कहा।
"नही बेटी ऐसी कोई बात नहीं इस बार वादा करता हूँ की तुम्हारे जाने के बाद में वहां पर ज़रूर आऊंगा" अनिल ने अपने एक बाज़ू को पिंकी के काँधे पर रखते हुए उसे अपने गले लगाते हुए कहा ।

"दादा जी आप पिंकी को देखकर हमें भूल ही गये" अचानक कोमल ने मुँह बनाते हुए कहा।
"अरे बेटी तुम ऐसा मत कहो। मेरे लिए तुम दोनों एक जैसी हो" अनिल ने अपना दूसरा बाज़ू कोमल के काँधे पर रखकर उसे भी अपने गले से लगाते हुए कहा ।

कोमल ने अपने दादा से चिपकने के बाद अपने मुँह जानबूझकर उनके काँधे के पास रख दिया । अनिल ने जैसे ही कोमल से बात करने के लिए उसकी तरफ देखा वह हकाबका रह गया क्योंकी कोमल की तरफ देखने से उसका चेहरा अनिल के चेहरे से बिलकुल सट गया और दोनों की साँसें एक दुसरे से टकराने लगी ।

"क्या देख रहे हैं दादा जी?" कोमल ने अनिल को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर सवाल किया।
"कुछ नहीं बेटी तुम्हें देखकर एतबार नहीं होता की मेरी छोटी बच्ची जो हमेशा मेरी गोद में आकर बैठती थी वह आज इतनी बड़ी हो गई है" अनिल ने कोमल के सवाल का जवाब देते हुए कहा ।

"दादा जी मैं तो आपकी वही छोटी बच्ची हूँ आप भले मुझे बड़ा समझे" कोमल ने इतना कहा और अनिल के गाल पर एक किस देते हुए उसकी साइड से उठकर उसकी गोद में बैठ गई।
"आह्ह्ह्ह बेटी तुम भी ना" अनिल ने अचानक कोमल को अपनी गोद पर बैठने पर सिसकते हुए कहा क्योंकी कोमल के कोमल चूतड़ सीधा अनिल की धोती के ऊपर से उसके लंड को दबा रहे थे ।

अनिल का लंड जवान गरम मुलायम चूतडो के बीच आते ही अपना फन उठाने की कोशिश करने लगा।
"आहहह दादा जी आपकी गोद में बैठकर मुझे तो बचपन की याद आ गई" कोमल ने महसूस कर लिया की उसके दादा का लंड उसके चूतडों में ज़ोर से उछल रहा है मगर फिर भी उसने वहां से उठने के बजाये अपने चूतडों को जानबूझकर अपने दादा के लंड पर दबाते हुए मजा लेकर कहने लगी ।

अनिल को तो जैसे होश ही नहीं था उसने खवाब में भी नहीं सोचा था की कोमल कभी ऐसे उसके लंड पर आकर बैठेगी।
"कोमल क्या तुम ही नाना की गोद के मज़े लेती रहोगी। उठो मुझे भी नानाजी की गोद में बैठना है" अचानक पिंकी ने कोमल की तरफ देखते हुए कहा ।
 
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