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अपडेट 79
"ये तुम क्या कर रहे हो भांजे? मुझसे दूर हटो" रेखा ने नरेश के हाथ को अपने पेट से दूर झटकते हुए कहा।
"मामी क्या करुं आपके जिस्म को देखकर कण्ट्रोल ही नहीं होता" नरेश ने अपने लंड को पेण्ट के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा।
"साले फिर जाकर अपनी माँ को चोद न। मेरी मम्मी के पीछे क्यों पड़े हो" इस बार विजय ने अपनी माँ के पीछे आते हुए उसके चूतडों से चिपककर खडा होते हुए कहा ।
"साले उसे तो चोद चूका हूँ मगर अब मुझे मामी के नरम जिस्म को देखना है" नरेश ने विजय के बात सुनकर रेखा के सामने आते हुए उसकी साड़ी का पल्लु उसकी चुचियों से नीचे गिराते हुए कहा।
"तुम दोनों कहीं पागल तो नहीं हो गये हो । जाओ यहाँ से कोई आ गया तो अनर्थ हो जायेगा" रेखा ने चिल्लाते हुए कहा।
"मामी यहाँ पर कोई नहीं आएगा और अगर किसी ने देख भी लिया तो कुछ नहीं होगा" विजय ने इस बार अपने दोनों हाथों से अपनी माँ के नंगे पेट को पकडते हुए कहा ।
"मामी यह साला सही कह रहा है आप घबराओ मत यहाँ कोई नहीं आयेगा" नरेश ने रेखा के ब्लाउज के ऊपर उसकी चुचियों के उभार पर अपना एक हाथ रखते हुए कहा।
"साले कुतों तुम दोनों मिलकर मुझसे ज़बर्दस्ती करना चाहते हो हटो यहाँ से" रेखा ने कहा और अपने हाथ से नरेश के हाथ को पकडते हुए दूर झटक दिया।
"विजय यह साली बुहत नखरे कर रही है समझाओ इसे वरना सच्ची में कहीं हम इसका रेप न कर दें" नरेश ने गुस्से से विजय की तरफ देखते हुए कहा।
"साले चुदवाने से पहले औरत नखरे नहीं करेगी तो क्या हम मरद करेंगे" विजय ने नरेश की बात सुनकर हँसते हुए कहा।
विजय ने इस बार अपनी हाथों को अपनी माँ के पेट से हटाकर उसकी साड़ी को पकडते हुए उसके जिस्म से अलग करने लगा।
"बेटे अपने दोस्त के साथ मिलकर ऐसा मत करो" रेखा ने अपनी साड़ी को अपने हाथ से पकडते हुए कहा।
"अरे मामी आप तो ऐसे नाटक कर रही हो जैसे हमारे सामने पहली बार नंगी हो रही हो" नरेश ने रेखा के दोनों हाथों को पकडते हुए उसकी साड़ी से हटाते हुए कहा।
"ये तुम क्या कर रहे हो भांजे? मुझसे दूर हटो" रेखा ने नरेश के हाथ को अपने पेट से दूर झटकते हुए कहा।
"मामी क्या करुं आपके जिस्म को देखकर कण्ट्रोल ही नहीं होता" नरेश ने अपने लंड को पेण्ट के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा।
"साले फिर जाकर अपनी माँ को चोद न। मेरी मम्मी के पीछे क्यों पड़े हो" इस बार विजय ने अपनी माँ के पीछे आते हुए उसके चूतडों से चिपककर खडा होते हुए कहा ।
"साले उसे तो चोद चूका हूँ मगर अब मुझे मामी के नरम जिस्म को देखना है" नरेश ने विजय के बात सुनकर रेखा के सामने आते हुए उसकी साड़ी का पल्लु उसकी चुचियों से नीचे गिराते हुए कहा।
"तुम दोनों कहीं पागल तो नहीं हो गये हो । जाओ यहाँ से कोई आ गया तो अनर्थ हो जायेगा" रेखा ने चिल्लाते हुए कहा।
"मामी यहाँ पर कोई नहीं आएगा और अगर किसी ने देख भी लिया तो कुछ नहीं होगा" विजय ने इस बार अपने दोनों हाथों से अपनी माँ के नंगे पेट को पकडते हुए कहा ।
"मामी यह साला सही कह रहा है आप घबराओ मत यहाँ कोई नहीं आयेगा" नरेश ने रेखा के ब्लाउज के ऊपर उसकी चुचियों के उभार पर अपना एक हाथ रखते हुए कहा।
"साले कुतों तुम दोनों मिलकर मुझसे ज़बर्दस्ती करना चाहते हो हटो यहाँ से" रेखा ने कहा और अपने हाथ से नरेश के हाथ को पकडते हुए दूर झटक दिया।
"विजय यह साली बुहत नखरे कर रही है समझाओ इसे वरना सच्ची में कहीं हम इसका रेप न कर दें" नरेश ने गुस्से से विजय की तरफ देखते हुए कहा।
"साले चुदवाने से पहले औरत नखरे नहीं करेगी तो क्या हम मरद करेंगे" विजय ने नरेश की बात सुनकर हँसते हुए कहा।
विजय ने इस बार अपनी हाथों को अपनी माँ के पेट से हटाकर उसकी साड़ी को पकडते हुए उसके जिस्म से अलग करने लगा।
"बेटे अपने दोस्त के साथ मिलकर ऐसा मत करो" रेखा ने अपनी साड़ी को अपने हाथ से पकडते हुए कहा।
"अरे मामी आप तो ऐसे नाटक कर रही हो जैसे हमारे सामने पहली बार नंगी हो रही हो" नरेश ने रेखा के दोनों हाथों को पकडते हुए उसकी साड़ी से हटाते हुए कहा।