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महेश अपनी बहु की चूत के छेद को बुहत तेज़ी के साथ अपनी जीभ से चाटने लगा। वह बिलकुल पागल हो चुका था। वह अपनी बहु की चूत को ज़ोर से चाटते हुए यह भी भूल गया था की कहीं वह होश में आ गयी तो क्या होगा । अचानक महेश को महसूस हुआ की नीलम का जिस्म हिल रहा है वह डर के मारे अपनी बहु से अलग हो गया और जल्दी से उसके कपड़ों को ठीक कर दिया ।
महेष अपनी धोती को पहनकर फिर से अपनी बहु को उठाने की कोशिश करने लगा मगर वह वैसे ही पड़ी रही ।महेश का लंड अब भी तना हुआ था वह इतनी देर से अपनी बहु के जिस्म से खेलने के बाद बुहत ज्यादा एक्साइटेड हो गया था, महेश ने अपनी धोती को फिर से उताकर नीचे फ़ेंक दिया और वहां पर खड़े हुए ही अपनी बहु के गालों पर हाथ फेरते हुए अपना लंड हिलाने लगा ।
महेश अपने लंड को तेज़ी के साथ हिलाते हुए अपनी बहु के गालों को सहला रहा था । अचानक महेश अपने हाथ से अपनी बहु के गालों को सहलाते हुए उसके गुलाबी होंठो की तरफ ले जाने लगा, नीलम के होंठो पर अपने हाथ के लगते ही महेश का पूरा जिस्म काँपने लगा और उसका हाथ अपने लंड पर बुहत तेज़ हो गया। महेश की आँखें मज़े से बंद हो चुकी थी और वह बुहत ज़ोर से हाँफते हुए झडने लगा ।
महेश को यह भी पता नहीं था की वह कहाँ पर झड़ रहा है उसके लंड से निकलते हुए वीर्य की बूँदे नीलम के पेट,चुचियों और उसके जिस्म के दुसरे हिस्सों पर गिरने लगा, महेश के लंड से इतना ज्यादा वीर्य निकला था की नीलम का पूरा जिस्म ही उसके वीर्य से भीग चूका था । महेश ने जैसे ही पूरी तरह झडने के बाद अपनी आँखें खोलकर अपनी धोती उठाई उसके होश गायब हो गये क्योंकी उसके सामने उसका बेटा समीर खडा था ।
महेष अपनी धोती को पहनकर फिर से अपनी बहु को उठाने की कोशिश करने लगा मगर वह वैसे ही पड़ी रही ।महेश का लंड अब भी तना हुआ था वह इतनी देर से अपनी बहु के जिस्म से खेलने के बाद बुहत ज्यादा एक्साइटेड हो गया था, महेश ने अपनी धोती को फिर से उताकर नीचे फ़ेंक दिया और वहां पर खड़े हुए ही अपनी बहु के गालों पर हाथ फेरते हुए अपना लंड हिलाने लगा ।
महेश अपने लंड को तेज़ी के साथ हिलाते हुए अपनी बहु के गालों को सहला रहा था । अचानक महेश अपने हाथ से अपनी बहु के गालों को सहलाते हुए उसके गुलाबी होंठो की तरफ ले जाने लगा, नीलम के होंठो पर अपने हाथ के लगते ही महेश का पूरा जिस्म काँपने लगा और उसका हाथ अपने लंड पर बुहत तेज़ हो गया। महेश की आँखें मज़े से बंद हो चुकी थी और वह बुहत ज़ोर से हाँफते हुए झडने लगा ।
महेश को यह भी पता नहीं था की वह कहाँ पर झड़ रहा है उसके लंड से निकलते हुए वीर्य की बूँदे नीलम के पेट,चुचियों और उसके जिस्म के दुसरे हिस्सों पर गिरने लगा, महेश के लंड से इतना ज्यादा वीर्य निकला था की नीलम का पूरा जिस्म ही उसके वीर्य से भीग चूका था । महेश ने जैसे ही पूरी तरह झडने के बाद अपनी आँखें खोलकर अपनी धोती उठाई उसके होश गायब हो गये क्योंकी उसके सामने उसका बेटा समीर खडा था ।