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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

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अपडेट 103




"आह्ह्ह्हह ओहहहहह पिता जी" अपने ससुर के लंड का मोटा सुपाडा अपनी चूत पर महसूस करते ही नीलम का पूरा शरीर कांप उठा जिस वजह से उसके मुँह से ज़ोर की सिस्कियाँ निकल गई।
"क्या हुआ बेटी अच्छा नहीं लगे तो मैं इसे हटा दूँ ?" महेश ने अपने लंड का मोटा सुपाडा अपनी बहु की चूत पर धीरे धीरे घिसते हुए उसकी चूत से हटाकर कहा।
"ओहहहहहह नहीं पिता जीईई आप अपनी खवाहिश पूरी कर ले" नीलम को उस वक्त अपने ससुर का लंड जन्नत का मजा दे रहा था । जिस वजह से वह अपने ससुर के लंड के हटते ही अपने चूतडों को ऊपर की तरफ उछालते हुए चिल्लाकर बोली ।

"बेटी सोच लो फिर मत कहना की मैंने कोई ज़बर्दस्ती की तुम्हारे साथ" महेश ने अपनी बहु को यो तडपते देखकर खुश होते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह पिता जीईई आप भी मुझे आपसे कोई शिकायत नही" नीलम ने इस बार अपनी आँखों को खोलकर अपने ससुर को तडपती हुई नज़र से देखते हुए बोली।
"ठीक है बेटी जैसे तुम्हारी मर्जी" महेश ने यह कहते हुए नीलम की चूत के दोनों लबों को अपनी उँगलियों से आपस में से अलग करते हुए अपने लंड का मोटा सुपाडा उसके बीच रख दिया ।

"ओईई आहहहहह पिता जीईईईइ" नीलम अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही ज़ोर से सिसक उठी और उसके चूतड अपने आप महेश के लंड को अंदर लेने के लिए उछल पड़े। मगर महेश के लंड का सुपाडा बुहत मोटा और नीलम की चूत का छेद छोटा होने की वजह से वह अंदर घुस न सका।
"बेटी अगर तुम इजाज़त दो तो मैं इसे थोडा अंदर डालकर तुम्हारी चूत का रस चाखाऊँ। ऐसे तो यह रस चख नहीं पायेगा?" महेश ने अपने लंड से अपनी बहु की चूत में उसके छेद पर हलके धक्के मारते हुए कहा ।

"आह्ह्ह्ह पिता जीईई जैसे आप ठीक समझे" नीलम को उस वक्त इतना मजा आ रहा था की वह अपने ससुर को कुछ करने से रोकने का सोच भी नहीं सकती थी । नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन और अपनी चूत के अंदर चींटियों के काटने का अहसास हो रहा था, उस वक्त उसका दिल कह रहा था की बस उसका ससुर अपना मुसल लंड उसकी चूत में घुसाकर ज़ोर से अंदर बाहर करे ताकी उसके जिस्म की सारी बेक़रारी ख़तम हो सके ।

"ठीक है बेटी लेकिन थोडा बर्दाशत कर लेना इसका सुपाडा ज़रा मोटा है थोड़ी तकलीफ होगी तुम्हें" महेश ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा।
"हाहहह मैं बर्दाशत कर लूँगी आप बिना फिकर जो करना है करे" नीलम ने अपने ससुर से कहा उसका पूरा जिस्म आने वाले पल के बारे में सोचते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था । महेश ने अपने लंड को नीलम की चूत से हटाया और अपने मोटे सुपाडे को अपनी थूक से चिकना करने लगा ।
 

Rakesh1999

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"क्या हुआ पिता जी" नीलम ने अपनी चूत से अपने ससुर के लंड के हटते ही उसकी तरफ देखते हुए कहा।
"बेटी मैं तुमसे बुहत प्यार करता हूँ और तुम्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकता इसीलिए मैं अपने इस मुसल को चिकना कर रहा हूँ ताकी इसके घूसने से तुम्हें कोई तकलीफ न हो" महेश ने अपनी बहु को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसे दिखाते हुए कहा ।

नीलम ने अपने ससुर के मुसल लंड को देखकर शर्म से अपनी नज़रें झुका ली मगर अपने ससुर का लंड देखकर उसका जिस्म और ज्यादा ही गरम हो गया,
"आआह्ह्ह ईसशःह्ह्ह्ह पिता जीईईई" अचानक नीलम को अपनी चूत पर किस्सी सख्त गीली चीज़ का अहसास हुआ जिसे महसूस करके उसका पूरा जिस्म सिहर उठा।
"बस बेटी हो गया अब मेरे लंड की तरह तुम्हारी चूत भी चिकनी हो गई है" महेश ने अपने हाथ को अपनी बहु की चूत से हटाते हुए कहा जिसे वह अपनी थूक से गीला करके अपनी बहु की चूत को चिकना कर रहा था।।

महेश ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहु की चूत के छेद को पूरी तरह से फ़ैला दिया।
"आआह्ह्ह्ह बहु तुम्हरी चूत का छेद कितना सूंदर है" महेश ने अपनी बहु की चूत के लाल सिरे को देखकर कहा । अपने ससुर की बात सुनकर नीलम के जिस्म में एक झुरझुरी सी फ़ैल गयी और उसकी चूत से पानी की कुछ बूँदे निकलने लगी, महेश ने अपनी बहु को इतना गरम देखकर ज्यादा देर करना ठीक न समझा और अपने लंड को उसके छेद पर रख दिया ।

महेश ने अपनी बहु को दोनों टांगों से पकडकर एक हल्का धक्का मार दिया।
"आह्ह्ह्हह ओहहहह पिता जी" महेश का लंड नीलम की चूत में घूसने की बजाये ऊपर की तरफ खिसक गया जिस वजह से नीलम के मूह से सिसकी निकल गई,
"ओहहहह बेटी तुम्हरा छेद तो बुहत टाइट है। लगता है हरामखोर ने तुम्हें अभी तक ठीक तरीके से चोदा भी नही" महेश ने अपने बेटे को गाली देते हुए कहा और अपना लंड फिर से अपनी बहु की चूत पर सही जगह टीका दिया ।

महेश ने इस बार धक्का मारने की बजाय अपना पूरा वजन अपने लंड पर डाल दिया। दबाव पडते ही महेश के लंड का मोटा सुपाडा नीलम की चुत को फैलाता हुआ उसके अंदर जाकर फँस गया।
"उईई माँ ओह्ह्ह्हह पीछे हटो आआह्ह्ह्हह फट गयी बुहत मोटा है आपका" महेश के लंड का सुपाडा घुसते ही नीलम ज़ोर से चिल्लाते हुए झटपटाने लगी । नीलम को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को फाड़ कर दो हिस्सों में अलग कर दिया गया हो।
 

Rakesh1999

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बस बेटी थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा" महेश अपने लंड का सुपाडा डाले हुए ही अपनी बहु के ऊपर झुक गया और अपने हाथों से उसकी गोरी गोरी चुचियों को सहलाने लगा।
"आजहहह पिता जी आप क्या कर रहे हैं?" नीलम अपने ससुर के हाथ अपनी चुचियों पर लगते ही सब कुछ भूलकर सिसकते हुए बोली।
"ओहहहह बेटी मुझे अपना वादा याद है मगर मैं तुम्हारी तकलीफ कम करने के लिए ही इनसे छेड़ छाड कर रहा हूँ" महेश ने अपनी बहु से कहा और अपना मुँह खोलकर उसकी एक चूचि के गुलाबी दाने को अपने मूह में भर लिया ।

"आहहह पिता जी आप कितने अच्छे है" नीलम अपनी एक चूचि को अपने ससुर के मुँह में महसूस करके ज़ोर से सिसक पड़ी और उसका हाथ अपने आप अपने ससुर के बालों में चला गया। महेश अपनी बहु का साथ पाते ही बुहत ज़ोर से उसकी चूचि को चूसने लगा और वह अपनी बहु की चूचि को चूसते हुए हल्का हल्का काटने भी लगा।
"उईई आआह्ह्ह्ह पिता जी" नीलम भी बड़े ज़ोर से सिसकते हुए मज़े से अपने ससुर से अपनी चूचि चुसवा रही थी । नीलम ने अचानक अपने ससुर को बालों से पकडकर अपनी चूचि को उसके मूह से निकाल दिया।

महेश सवालिए नज़रों से अपनी बहु को देखने लगा नीलम ने उसके मुँह को अपनी दूसरी चूचि पर रख दिया । महेश फिर से पागलोँ की तरह अपनी बहु की दूसरी चूचि पर टूट पड़ा और उसे बडे प्यार से चूसने, चाटने और काटने लगा।
"आह्ह्ह्ह पिता जी ओह्ह्ह्हह आईइ" नीलम के मूह से जाने कितनी ज़ोर से सिस्कियाँ निकल रही थी और वह अब अपने चूतडों को भी हिला रही थी । महेश समझ गया की उसकी बहु का दर्द ख़तम हो गया है इसीलिए वह अपनी बहु की चुचियों को छोड़कर सीधा हो गया ।

महेश ने देखा की उसका लंड उसकी बहु की चूत में बुरी तरह से फँसा हुआ था और उत्तेजना के मारे नीलम की चूत का रस निकल रहा था जिससे उसका आधा लंड भीग चूका था । महेश ने अपनी बहु की टांगों को पकडकर अपने लंड के सुपाडे को धीरे धीरे वहीँ पर थोडा आगे पीछे करने लगा।
"आजहहह पिता जीइइइइ" नीलम अपने ससुर के लंड की रगड महसूस करके मज़े से सिसक उठी । महेश ने ऐसे ही धीरे धीरे अपने लंड को वहां पर आगे पीछे करते हुए एक हल्का धक्का मार दिया ।
 

Rakesh1999

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उईई ई पिता जी" महेश का लंड 4 इंच तक उसकी बहु की चूत में घुस गया जिसकी वजह से नीलम के मुँह से एक हल्की चीख़ निकल गयी । महेश अब फिर से अपने लंड को अपनी बहु की चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"आह्ह्ह्ह पिता जी आपने तो सिर्फ रस चखने का कहा था लेकिन आप तो अब मुझे वह कर रहे है" नीलम ने अपने ससुर के मोटे लंड को अपनी चूत में महसूस करके मज़े से सिसकते हुए कहा ।

"क्या कर रहा हूँ बेटी रस ही तो चख रहा हूँ?" महेश ने अपनी बहु की बात सुनकर उसे तेज़ी के साथ चोदते हुए एक और धक्का मारते हुए कहा।
"ओह उहईई मा आ ओह्ह्ह्हह पिता जी आपका बुहत मोटा है इसशहहह दर्द हो रहा है" महेश के इस धक्के से उसका लंड 6 इंच तक नीलम की चूत को फाडता हुआ घुस चूका था जिसकी वजह से नीलम दर्द के मारे चिल्ला उठी । महेष ने जैसे ही अब अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया नीलम का दर्द थोड़ी देर में ही ख़तम हो गया और उसे इतना मजा आने लगा की वह बुहत ज़ोर से अपने चूतडों को उछाल उछालकर अपने ससुर से चुदवाने लगी, नीलम की चूत को उसके ससुर के लंड ने बुरी तरह से फ़ैला रखा था जिस वजह से हर धक्के के साथ उसकी चूत में इतनी ज़ोर की रगड हो रही थी की मज़े के मारे उसके मूह से सिसक्यां निकल रही थी ।

"आआह्ह्ह्ह पिता जी सच में आप बुहत बड़े बदमाश हैं बहला फुसलाकर आखिर आपने अपनी बहु को चोद ही दिया" महेश के ज़ोरदार धक्कों से चुदते हुए नीलम ने ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"क्यों बेटी मैंने कोई ज़बर्दस्ती तो नहीं की है तुमने खुद ही हर बात अपने मुँह से कही है अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है तो मैं अभी इसे निकाल देता हू" महेश ने 3-4 ज़ोर के धक्के मारते हुए अपना लंड अपनी बहु की चूत से बाहर निकाल लिया ।

"आआह्ह्ह्ह पिता जी आप तो नाराज़ हो गये मैं मज़ाक़ कर रही थी" नीलम जो इस वक्त मज़े की इन्तहा पर पुहंच चुकी थी ऐसे अचानक अपनी चूत से लंड के निकलते ही तडपते हुए बोली।
"नही बेटी अब ऐसे नहीं घुसाउंगा तुम्हें अपनी जुबान से कहना होगा की "पिता जी आप मेरी चूत में अपना लंड घुसाओ" महेश ने अपने लंड को अपनी बहु की चूत के खुले हुए छेद पर घिसते हुए कहा।
"हाहहह पिता जी घुसाओ न अपना" नीलम ने ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"क्या घुसाओ बेटी?" महेश ने अपनी बहु से मज़े लेते हुए कहा।
"ओहहहह पिता जी वह अपना लंड घुसाओ ना" नीलम ने भी अपनी शर्म छोडते हुए कहा।
"क्या बेटी तुम्हें मेरा लंड चाहिए पर कहाँ पर किधर घुसाओ मैं अपना लंड?" महेश ने इस बार अपनी बहु की चूत के दाने पर अपना लंड घिसकर उसे छेडते हुए कहा ।
 

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"आआह्ह्ह्ह पिता जी मेरी चूत में घुसाओ अपना लंड" नीलम से अब बर्दाशत नहीं हो रहा था। वह जल्द से जल्द अपनी चूत में अपने ससुर का मोटा लंड घुसवाना चाहती थी इसीलिए उसने ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"ओहहहह बेटी यह ले मैं अभी तुम्हारी चूत में लंड घुसाता हूँ" महेश का लंड भी अपनी बहु की बातों से ज्यादा से ज़्यादा कठोर होता जा रहा था। जिसे वह अपनी बहु की चूत पर रखकर 2-3 धक्के मारते हुआ बोला।
"आहहह ईह" महेश का लंड फिर से नीलम की चूत में 6 इंच तक अंदर घुस चूका था जिसे महसूस करके उसके मूह से मज़े से सिसक्यां निकल गयी ।

महेश ने अपना लंड तो नीलम की चूत में घुसा दिया मगर वह धक्के नहीं मार रहा था जिस वजह से नीलम बेचेनी में अपने चूतडों को ज़ोर से उछाल रही थी।
"आआह्ह्ह पिता क्या हुआ कीजिये ना" नीलम ने इस बार अपने ससुर को नशीली आँखों से देखते हुए बोली।
"क्या करुं बेटी?" महेश आज अपनी बहु के साथ पूरी मस्ती करने के मूड में था इसीलिए उसने अपनी बहु को देखते हुए कहा।
"पिता जी वह चोदिये न मुझे" नीलम ने उत्तेजना के मारे अपने चूतड़ों को उछालते हुए कहा और शर्म के मारे अपनी नज़रों को अपने ससुर की नज़रों से हटा लिया ।


महेश अपनी बहु की बात सुनकर अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा 5 -7 धक्कों के बाद ही महेश का पूरा लंड जड तक अपनी चूत में महसूस करके नीलम का पूरा जिस्म अकडकर झटके खाने लगा क्योंकी वह झरने वाली थी। महेश ने अपनी बहु को झरने के क़रीब देखकर उसकी टांगों को छोडकर उसके ऊपर झुकते हुए उसकी चूत में ज़ोरदार धक्के मारना शुरू कर दिया।
"आहहहहह पिता जीईई आईईई ओहहहः" अचानक नीलम झडने लगी उसने झडते हुए अपने दोनों टांगों को अपने ससुर की कमर में डाल दिया और अपनी आँखें बंद करके अपने दोनों हाथों से अपने ससुर को बालों से पकडकर उसके होंठो को अपने होंठो पर रख कर बेतहाशा चूमने लगी ।

महेश अपनी बहु के होंठो को ज़ोर से चूसते हुए उसकी छूट में धक्के मार रहा था । नीलम ने झडते हुए मज़े की शिदत से अपने नाखुनों को अपने ससुर की पीठ में गडा दिया और वह झडते हुए अपने चूतडों को ज़ोर से उछाल उछालकर अपने ससुर के लंड को अपनी चूत लेने लगी, महेश ने अपनी बहु के नाखुनों को अपनी पीठ पर महसूस करते ही गुस्से से उसके एक होंठ को काट दिया और बुहत ज़ोर से उसकी चूत को चोदने लगा ।
नीलम की हालत बुहत ख़राब थी उसकी चूत से जाने कितनी देर तक पानी निकलता रहा जिस वजह से उसे अपने ससुर के पूरे लंड घूसने का भी पता नहीं चला । नीलम बस मज़े के आलम में अपने ससुर से लिपटी हुयी उसके होंठो को चूस रही थी और महेश भी बड़े आराम से अपने पूरे लंड से अब उसकी चूत को चोद रहा था, नीलम ने कुछ देर बाद ही अपनी आँखें खोलते हुए अपने ससुर के होंठो से अपने होंठो को हटा दिया और ज़ोर से हाँफने लगी ।
 

Rakesh1999

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"आहहह पितजी आपने तो हमारी जान ही निकाल दी लेकिन प्लीज आप इसे पूरा मेरी चूत में मत घुसाना वरना मैं मर जाऊँगी" नीलम ने कुछ देर तक हाँफने के बाद अपने ससुर की तरफ देखते हुए कहा।
"बेटी तुम्हें अब कोई चिंता करने की ज़रुरत नहीं मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस चूका है" महेश ने अपनी बहु की चूत में अपने लंड को जड़ तक पेलते हुए कहा।
"क्या कहा पिता जी इतना मोटा और बड़ा लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया" नीलम ने हैंरानी से अपने ससुर के लंड पर हाथ लगाते हुए कहा । नीलम का हाथ सीधे उसके ससुर की गोटियों पर जा लगा क्योंकी लंड तो पूरा उसकी चूत में था ।

"ओहहहह मेरी भोली बहु तुम्हें पता नहीं है की औरत की चूत समुन्दर की तरह विशाल है जो किसी भी चीज़ को अपने अंदर ले सकती है" महेश ने अपने लंड को तेज़ी के साथ अपनी बहु की चूत में अंदर बाहर करते हुए कहा।
"हाहहह पिता जी आपसे चुदवाकर ही मुझे पता चला है की औरत को दुनिया का सब से बड़ा सुख मरद से चुदवाने में मिलता है" नीलम ने फिर से गरम होते हुए अपने चूतड़ो को उछालते हुए बोली।
"सही कहा बेटी यही बात तो मैं तुम्हें समझाना चाहता था" महेश ने अपनी बहु की तरफ देखा और उसकी चूत को बड़ी तेज़ी और ताक़त के साथ चोदने लगा ।

महेश और नीलम की चुदाई अब अपने पूरे जोश पर थी पूरा कमरा थप थप की आवाज़ से गूँज रहा था जो आवाज़ महेश का लंड नीलम की चूत में अंदर बाहर होते हुए हो रही थी । कुछ देर की चुदाई के बाद ही महेश का बदन अकडने लगा और वह ज़ोर से हाँफते हुए अपनी बहु की चूत चोदने लगा।
"पिता जी आप झरने वाले हैं प्लीज अंदर मत झडना" नीलम अपने ससुर के लंड को अचानक अपनी चूत में फूलता हुआ महसूस करके चिल्लाते हुए बोली।
"आह्ह्ह्हह बहु मुझे माफ़ कर देना मगर आज मैं अपना वीर्य तुम्हारी चूत में ही गिराऊंगा" महेश ने अचानक ज़ोर से हाँफते हुए अपना पूरा लंड जड़ तक नीलम की चूत में पेल दिया।

नीलम भी खुद झडने के बिलकुल क़रीब थी वह अचानक अपने ससुर का लंड जड़ तक अपनी चूत में महसूस करके कापं उठी और उसका पूरा जिस्म भी अकडने लगा । अचानक नीलम को अपनी चूत में कुछ गरम चीज़ गिरने का अहसास हुआ अगले ही पल मज़े से नीलम की आँखें भी बंद हो गई और उसने बुहत ज़ोर से अपने ससुर को अपनी बाहों में दबा दिया।
"आजहहहह पिता जी ओहहह ओह्ह्ह्हह्हह्ह्" नीलम की चूत झटके खाते हुए झड रही थी जिसकी वजह से नीलम के मूह से ज़ोर की सिसकियाँ निकल रही थी ।

नीलम को अब भी अपनी चूत में अपने ससुर के लंड से निकलता हुआ गरम वीर्य महसूस हो रहा था । महेश का लंड जैसे ही पूरी तरह झडकर नीलम की चूत से निकला उसकी चूत का छेद बिलकुल खुलकर रह गया और उसकी चूत से बुहत सारा सफेद सफेद पानी निकलकर बेड पर गिरने लगा जो उसका और उसके ससुर का मिला जुला विर्य था, महेश और नीलम अब भी एक दुसरे की बाहों में पड़े ज़ोर से हांफ रहे थे ।
 

Rakesh1999

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अपडेट 104




नीलम ने कुछ देर तक यों ही हाँफने के बाद अपने ससुर को अपने ऊपर से हटा दिया और खुद उठकर बाथरूम में चलि गयी । नीलम बाथरूम में घुसते ही नीचे बैठकर मूतने लगी एक मधुर आवज़ के साथ नीलम की चूत से पेशाब निकलकर नीचे गिरने लगा, नीलम मूतने के बाद पानी से अपनी चूत साफ़ करने लगी तभी उसे महसूस हुआ की कोई उसे देख रहा है नीलम ने चौककर जैसे ही अपना सर ऊपर करके देखा वह शर्म से पानी पानी हो गई ।

महेश भी बिलकुल नंगा ही बाथरूम में खड़ा नीलम को घूर रहा था।
"पिता जी आप यहाँ आपको शर्म नहीं आती" नीलम ने शरमाते हुए कहा और उठकर वहां से बाहर जाने लगी,
"अरे बेटी इतनी भी क्या जल्दी है अब तो हम दो जिस्म एक जान बन चुके हैं फिर भी तुम इतना शर्मा रही हो" महेश ने अपनी बहु को कलाई से पकडते हुए कहा और उसे अपने साथ अंदर ले जाते हुए शावर के नीचे खड़ा कर दिया ।

"पिता जी छोड़िये न हमें शर्म आ रही है" नीलम ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा।
"बेटी तुम्हें मेरी कसम चुप होकर खड़ी हो जाओ" महेश ने अपनी बहु को देखते हुए कहा । नीलम कसम का सुनते ही चुप होकर खड़ी हो गई और महेश ने अपनी बहु की कलाई से अपना हाथ हटाया और थोडा दूर होकर मूतने लगा, महेश का लंड बिलकुल सिकुड़े हुआ था उसके लंड से पेशाब की मोटी धार निकलकर फर्श पर गिर रही थी ।

नीलम भी खड़े खड़े चोर नज़रों से अपने ससुर को मूतते हुए देख रही थी। शावर खुला हुआ नहीं था इसीलिए नीलम को वहां खड़े रहने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी । महेश मूतने के बाद अपनी बहु के क़रीब आ गया और शावर को ऑन कर दिया। शावर के खुलते ही दोनों ससुर बहु के जिस्म उसके पानी से भीगने लगा।
"पिता जी यह आप क्या कर रहे है" नीलम ने शावर के ठन्डे पानी को अपने जिस्म पर गिरने से चिल्लाते हुए कहा।
"अरे बेटी कुछ नहीं बस तुम्हारे साथ एक बार नहाने का सपना पूरा कर रहा हूँ" महेश ने अपनी बहू को देखते हुए कहा ।

शावर के पानी से नहाते हुए नीलम का नंगा जिस्म ज्यादा ख़ूबसूरत और हसीन लग रहा था उसके काले घने बाल पूरी तरह भीग चुके थे और शावर का पानी नीलम के सर से होता हुआ उसकी चुचियों को भीगोकर नीचे जाता हुआ उसकी चूत के रास्ते नीचे गिर रहा था।
"वाह बेटी तुम नहाते हुए कितनी खूबसुरत लग रही हो" महेश ने अपनी बहु के चूतडों में हाथ डालकर उसे अपने क़रीब करते हुए कहा।
"पिता जी छोड़िये ना" नीलम ने शर्म से अपना सर नीचे करते हुए कहा। नीलम का सर नीचे होते ही उसे एक झटका लगा क्योंकी उसके ससुर का मुसल लंड फिर से तनने लगा था ।
 

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बेटी एक बात बताओ क्या तुम्हारे पति का लंड भी मेरे जितना ही लम्बा और मोटा है" महेश ने अपनी बहु को अपने लंड की तरफ घूरता हुआ देखकर कहा।
"पिता जी आप भी" नीलम ने फिर से शरमाकर अपनी नज़रों को महेश के लंड से हटा दिया।
"अरे बेटी इसमें शर्माने की क्या बात है तुमने अपने पति का लंड भी देखा है और यह लो इसे भी गौर से देखकर बताओ की दोनों में से किसका लंड ज्यादा लम्बा और मोटा है" महेश ने इस बार अपनी बहु का हाथ पकडकर अपने नंगे लंड पर रखते हुए कहा ।

"पिता जी मुझे नहीं पता" नीलम ने बगैर अपना हाथ वहां से हटाए कहा । अपना हाथ अपने ससुर के नंगे लंड पर पडते नीलम की साँसें बुहत ज़ोर से चलने लगी और उत्तेजना के मारे वह गरम होने लगी थी मगर वह शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थी।
"बेटी अगर तुम्हें यह अच्छा लगता है तो इससे खेलो न क्यों इतना शर्मा रही हो" महेश ने अपनी बहु को गरम देखकर उसके हाथ को पकडकर अपने लंड पर आगे पीछे करते हुए कहा ।

नीलम को भी अपने ससुर के लंड पर अपना हाथ आगे पीछे करते हुए बुहत मजा आ रहा था इसीलिए वह अब बुहत तेज़ी के साथ अपने ससुर के लंड को आगे पीछे करने लगी । महेश ने अब अपना हाथ नीलम के हाथ से हटा दिया था क्योंकी वह खुद ही उसके लंड को आगे पीछे करने लगी थी, थोड़ी ही देर में महेश का लंड फिर से पूरी तरह गर्म होते हुए लोहे की तरह सख्त होकर झटके खाने लगा । महेश का लंड तनकर इतना बड़ा और मोटा हो गया की नीलम को अब उसे अपने दोनों हाथों से पकडकर आगे पीछे करना पड़ रहा था और अपने ससुर के लंड को आगे पीछे करते हुए वह भी बड़े ज़ोर से हांफ रही थी ।

"हाहहह बेटी अब देखकर बताओ ना" महेश ने सिसकते हुए कहा।
"ओहहहह पिता जी आपका मेरे पति से बड़ा और मोटा है" नीलम ने भी इस बार ज्यादा गरम होते हुए कहा।
"बेटी क्या तुमने कभी अपने पति का लंड अपने मुँह में लिया है" महेश ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा।
"छी छी इसे मुह में। नहीं मुझे तो बुहत गन्दा लगता है" नीलम ने अपने ससुर की बात को सुनकर कहा।
"अरे बेटी जब लिया ही नहीं तो तुम्हें गन्दा कैसे लगा। एक बार चख लिया तो बार बार इसे चाटने का मन करेंगा" महेश ने अपनी बहु की बात को सुनकर कहा ।

"नही पिता जी मैं यह नहीं कर सकती" नीलम ने अपने ससुर के लंड को आगे पीछे करते हुए कहा।
"बेटी तुम्हें मुझपर भरोसा नहीं है मैं कह रहा हूँ तुम्हें बुहत मजा आएगा। चलो मेरी खातिर एक बार इसे चुमकर देखो" महेश ने अपनी बहु को काँधे से पकडकर नीचे झुकाते हुए कहा । नीलम अपने ससुर की बात को टाल न सकी और खुद घुटनों के बल नीचे बैठ गई, नीलम के बैठते ही महेश का भयानक मुसल सीधा उसके मुँह के सामने आ गया ।
 

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नीलम अपने ससुर के लंड को इतना क़रीब से देखकर बुहत ज्यादा गरम हो गई और बगैर कुछ सोचे अपने ससुर के लंड को अपने दोनों हाथों से पकड उसके गुलाबी सुपाडे को बुहत तेज़ी के साथ हर जगह चूमने लगी।
"आअअअह बेटी अपनी जीभ से भी चाटो नाआआ" नीलम के होंठ अपने लंड के सुपाडे पर पडते ही महेश मज़े के मारे ज़ोर से सिसकते हुए बोला। नीलम ने अपने ससुर की बात को सुनकर अपना मुँह महेश के लंड से हटा दिया और एक बार उसके गुलाबी सुपाडे को गौर से देखने के बाद अपनी जीभ को निकालकर अपने ससुर के लंड के गुलाबी सुपाडे पर रख दी ।

नीलम अपनी जीभ को अपने ससुर के गुलाबी सुपाडे पर चारों तरफ घुमाने लगी। शावर से पानी के गिरने की वजह से नीलम को अपने ससुर के लंड पर अपनी जीभ के घुमाने से भी कुछ ख़ास महसूस नहीं हो रहा था इसीलिए वह अब बुहत तेज़ी के साथ अपनी जीभ से अपने ससुर के लंड का सुपाडा चाट रही थी।
"आजहहह शाबास बेटी ऐसे ही ओह्ह्ह्हह अब सुपाडे को अपने मुंह में लो और इसे अपनी जीभ और होंठो बीच लेकर चूसो" महेश ज़ोर से सिसकते हुए अपनी बहु को समझाते हुए बोला ।

नीलम को उस वक़त जैसे होश ही नहीं था वह इस वक्त अपने ससुर की गूलाम बनकर रह चुकी थी जो अपने आका का हर हुक्म मानती जा रही थी । नीलम ने अपनी जीभ को अपने ससुर के लंड से हटाया और अपना मुँह खोलकर उसके लंड का मोटा सुपाडा अपने मुँह में ड़ालने की कोशिश करने लगी मगर महेश के लंड का सुपाडा बुहत ज्यादा मोटा होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पायी।
"आअअअह बेटी अपने मुँह को पूरी तरह से खोलो" महेश ने अपनी बहु को देखते हुए कहा ।

नीलम ने भी अपने ससुर की बात मानते हुए अपना मुँह जितना हो सकता था खोल दिया । महेश ने भी मौका देखकर अपनी बहु के सर को पकडकर अपने लंड को एक धक्का मार दिया । जिस वजह से उसके लंड का मोटा सुपाडा नीलम के मुँह को फ़ैलाता हुए अंदर घुस गया । अपने ससुर के लंड का मोटा सुपाडा अपने मूह में जाते ही नीलम की साँसें बंद होने लगी। उसे बुहत तकलीफ होने लगी मगर महेश को उस वक्त कुछ पता ही नहीं था इसीलिए उसने अपनी बहु के सर को पकडकर एक धक्का और मार दिया। जिससे महेश का लंड ४ इंच तक नीलम के मुँह में घुस गया। नीलम की आँखों के सामने अँधेरा छाने लगा उसे लग रहा था की बस आज तो उसकी मौत आ चुकी है वह बुहत ज़ोर झटपटा रही थी ।
 

Rakesh1999

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महेश को तो जैसे कुछ पता ही नहीं था वह अब पागलोँ की तरह अपनी बहु के सर को पकडकर अपने लंड को उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा । नीलम की आँखों से आंसू निकलने लगे जिसे महेश ने देख लिया और उसे अहसास हुआ की उसकी बहु को शायद तकलीफ हो रही है इसीलिए उसने जल्दी से अपने लंड को अपनी बहु के गरम मुँह से निकाल दिया, नीलम अपने ससुर का लंड अपने मुँह से निकलते ही बुहत ज़ोर से खाँसते हुए नीचे थूकने लगी और बुहत तेज़ी के साथ हाँफने लगी ।

"सॉरी बेटी मुझे माफ़ कर दो मुझे पता नहीं था की तुम्हें इतनी तकलीफ हो रही है" महेश ने अपनी बहु के पास जाते हुए कहा।
"पिता जी जाइये मैं आपसे बात नहीं करती भला कोई ऐसे भी करता है" नीलम ने कुछ देर तक हाँफने के बाद अपने ससुर को डाँटते हुए कहा।
"बेटी कहा न मुझसे गलती हो गई माफ़ कर दो ना" महेश ने छोटे बच्चे की तरह अपने कान पकडते हुए कहा।
"पिता जी आप भी" महेश को यो देखकर नीलम की हंसी छूट गयी और वह अपने ससुर के क़रीब आकर उसके गले लग गयी ।

महेश ने अपनी बहु को अपनी बाहों में कसकर दबा दिया और उसके साथ शावर के नीचे आकर खड़ा हो गया । महेश ने शावर के नीचे आते ही अपने होंठो को अपनी बहु के गुलाबी होंठो पर रख दिया और दोनों शावर के पानी के साथ एक दुसरे के होंठो का रस भी चूसने लगे, महेश ने कुछ देर तक अपनी बहु के होंठो का रस चखने के बाद नीचे होते हुए उसकी दोनों चुचियों के कड़े दानों को बारी बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा ।

महेश अपनी बेटी की चुचियों का रस चखने के बाद उसके चिकने गोर पेट को चूमता हुआ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा । नीलम का तो मज़े के मारे बुरा हाल था । उसे आज तक इतना मजा पहले कभी नहीं मिला था क्योंकी वह खुद सेक्स से दूर भागती थी मगर आज उसके ससुर ने तो उसे अपनी दासी बना दिया था, महेश नीचे होते हुए अपनी बहु की चूत के दाने को अपनी जीभ से चाटने लगा ।

"आह्ह पिता जीईईह" नीलम ने मज़े से अपने ससुर के सर को बालों से पकडकर अपनी चूत पर दबा दिया। ।महेश ने अपना मुँह खोलकर अपनी बहु की चूत के दाने को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और अपने हाथ से उसकी चूत के छेद को सहलाने लगा।
"ओहहहहह बापू जी" नीलम का पूरा शरीर अपने पिता की इस हरकत से कापंने लगा उसे खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था इसीलिए उसने अपने दोनों हाथों से अपने ससुर को ज़ोर से पकड रखा था ।
 
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