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अपडेट 103
"आह्ह्ह्हह ओहहहहह पिता जी" अपने ससुर के लंड का मोटा सुपाडा अपनी चूत पर महसूस करते ही नीलम का पूरा शरीर कांप उठा जिस वजह से उसके मुँह से ज़ोर की सिस्कियाँ निकल गई।
"क्या हुआ बेटी अच्छा नहीं लगे तो मैं इसे हटा दूँ ?" महेश ने अपने लंड का मोटा सुपाडा अपनी बहु की चूत पर धीरे धीरे घिसते हुए उसकी चूत से हटाकर कहा।
"ओहहहहहह नहीं पिता जीईई आप अपनी खवाहिश पूरी कर ले" नीलम को उस वक्त अपने ससुर का लंड जन्नत का मजा दे रहा था । जिस वजह से वह अपने ससुर के लंड के हटते ही अपने चूतडों को ऊपर की तरफ उछालते हुए चिल्लाकर बोली ।
"बेटी सोच लो फिर मत कहना की मैंने कोई ज़बर्दस्ती की तुम्हारे साथ" महेश ने अपनी बहु को यो तडपते देखकर खुश होते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह पिता जीईई आप भी मुझे आपसे कोई शिकायत नही" नीलम ने इस बार अपनी आँखों को खोलकर अपने ससुर को तडपती हुई नज़र से देखते हुए बोली।
"ठीक है बेटी जैसे तुम्हारी मर्जी" महेश ने यह कहते हुए नीलम की चूत के दोनों लबों को अपनी उँगलियों से आपस में से अलग करते हुए अपने लंड का मोटा सुपाडा उसके बीच रख दिया ।
"ओईई आहहहहह पिता जीईईईइ" नीलम अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही ज़ोर से सिसक उठी और उसके चूतड अपने आप महेश के लंड को अंदर लेने के लिए उछल पड़े। मगर महेश के लंड का सुपाडा बुहत मोटा और नीलम की चूत का छेद छोटा होने की वजह से वह अंदर घुस न सका।
"बेटी अगर तुम इजाज़त दो तो मैं इसे थोडा अंदर डालकर तुम्हारी चूत का रस चाखाऊँ। ऐसे तो यह रस चख नहीं पायेगा?" महेश ने अपने लंड से अपनी बहु की चूत में उसके छेद पर हलके धक्के मारते हुए कहा ।
"आह्ह्ह्ह पिता जीईई जैसे आप ठीक समझे" नीलम को उस वक्त इतना मजा आ रहा था की वह अपने ससुर को कुछ करने से रोकने का सोच भी नहीं सकती थी । नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन और अपनी चूत के अंदर चींटियों के काटने का अहसास हो रहा था, उस वक्त उसका दिल कह रहा था की बस उसका ससुर अपना मुसल लंड उसकी चूत में घुसाकर ज़ोर से अंदर बाहर करे ताकी उसके जिस्म की सारी बेक़रारी ख़तम हो सके ।
"ठीक है बेटी लेकिन थोडा बर्दाशत कर लेना इसका सुपाडा ज़रा मोटा है थोड़ी तकलीफ होगी तुम्हें" महेश ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा।
"हाहहह मैं बर्दाशत कर लूँगी आप बिना फिकर जो करना है करे" नीलम ने अपने ससुर से कहा उसका पूरा जिस्म आने वाले पल के बारे में सोचते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था । महेश ने अपने लंड को नीलम की चूत से हटाया और अपने मोटे सुपाडे को अपनी थूक से चिकना करने लगा ।
"आह्ह्ह्हह ओहहहहह पिता जी" अपने ससुर के लंड का मोटा सुपाडा अपनी चूत पर महसूस करते ही नीलम का पूरा शरीर कांप उठा जिस वजह से उसके मुँह से ज़ोर की सिस्कियाँ निकल गई।
"क्या हुआ बेटी अच्छा नहीं लगे तो मैं इसे हटा दूँ ?" महेश ने अपने लंड का मोटा सुपाडा अपनी बहु की चूत पर धीरे धीरे घिसते हुए उसकी चूत से हटाकर कहा।
"ओहहहहहह नहीं पिता जीईई आप अपनी खवाहिश पूरी कर ले" नीलम को उस वक्त अपने ससुर का लंड जन्नत का मजा दे रहा था । जिस वजह से वह अपने ससुर के लंड के हटते ही अपने चूतडों को ऊपर की तरफ उछालते हुए चिल्लाकर बोली ।
"बेटी सोच लो फिर मत कहना की मैंने कोई ज़बर्दस्ती की तुम्हारे साथ" महेश ने अपनी बहु को यो तडपते देखकर खुश होते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह पिता जीईई आप भी मुझे आपसे कोई शिकायत नही" नीलम ने इस बार अपनी आँखों को खोलकर अपने ससुर को तडपती हुई नज़र से देखते हुए बोली।
"ठीक है बेटी जैसे तुम्हारी मर्जी" महेश ने यह कहते हुए नीलम की चूत के दोनों लबों को अपनी उँगलियों से आपस में से अलग करते हुए अपने लंड का मोटा सुपाडा उसके बीच रख दिया ।
"ओईई आहहहहह पिता जीईईईइ" नीलम अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही ज़ोर से सिसक उठी और उसके चूतड अपने आप महेश के लंड को अंदर लेने के लिए उछल पड़े। मगर महेश के लंड का सुपाडा बुहत मोटा और नीलम की चूत का छेद छोटा होने की वजह से वह अंदर घुस न सका।
"बेटी अगर तुम इजाज़त दो तो मैं इसे थोडा अंदर डालकर तुम्हारी चूत का रस चाखाऊँ। ऐसे तो यह रस चख नहीं पायेगा?" महेश ने अपने लंड से अपनी बहु की चूत में उसके छेद पर हलके धक्के मारते हुए कहा ।
"आह्ह्ह्ह पिता जीईई जैसे आप ठीक समझे" नीलम को उस वक्त इतना मजा आ रहा था की वह अपने ससुर को कुछ करने से रोकने का सोच भी नहीं सकती थी । नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन और अपनी चूत के अंदर चींटियों के काटने का अहसास हो रहा था, उस वक्त उसका दिल कह रहा था की बस उसका ससुर अपना मुसल लंड उसकी चूत में घुसाकर ज़ोर से अंदर बाहर करे ताकी उसके जिस्म की सारी बेक़रारी ख़तम हो सके ।
"ठीक है बेटी लेकिन थोडा बर्दाशत कर लेना इसका सुपाडा ज़रा मोटा है थोड़ी तकलीफ होगी तुम्हें" महेश ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा।
"हाहहह मैं बर्दाशत कर लूँगी आप बिना फिकर जो करना है करे" नीलम ने अपने ससुर से कहा उसका पूरा जिस्म आने वाले पल के बारे में सोचते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था । महेश ने अपने लंड को नीलम की चूत से हटाया और अपने मोटे सुपाडे को अपनी थूक से चिकना करने लगा ।