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महेश ने कुछ देर तक ऐसे ही अपनी बहु की चूत के दाने को चूसने के बाद और नीचे होते हुए अपनी जीभ को अपनी बहु की बहती हुई चूत के छेद पर रख दिया और अपनी बहु की चूत से उत्तेजना के मारे निकलने वाले रस को अपनी जीभ से चाटने लगा । महेश ने कुछ देर तक ऐसे ही अपनी बहु की चूत को चाटने के बाद अपने मुँह को उसकी चूत से हटा दिया और सीधा होकर खड़ा हो गया, नीलम जो उस वक्त मज़े की एक नयी दुनिया की सैर कर रही थी ऐसे अचानक अपने ससुर के उठ जाने से उसकी तरफ सवालिए नज़रों से देखने लगी ।
महेश ने बिना अपनी बहु से कुछ बोले शावर को बंद किया और उसे अपनी बाहों में उठाकर बेड पर जाकर सुला दिया । महेश खुद भी जाकर सीधा बेड पर लेट गया और अपनी बहु को अपने ऊपर आने के लिए कहा। नीलम को शर्म तो बुहत आ रही थी मगर वह उस वक्त इतनी ज्यादा गरम थी की वह अपने ससुर की बात को मानते हुए अपनी दोनों टांगों को फ़ैलाकर अपने ससुर के मुसल लंड को अपनी चूत पर सेट करते हुए अपने वजन के साथ नीचे बैठने लगी ।
नीलम की चूत गीली होने के कारण महेश का लंड सरकता हुआ उसकी चूत में घूसने लगा। नीलम भी धीरे धीरे अपने वजन के साथ नीचे बैठते हुए अपने ससुर के लंड को पूरा अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी। थोड़ी ही देर में नीलम की चूत में उसके ससुर का पूरा लंड घुस चूका था और वह मज़े से अपनी आँखें बंद करते हुए अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी।
"आअअअह बेटी शाबास ऐसे ही" महेश अपनी बहु को उसकी हिलती हुयी चुचियों से पकडकर उसकी तारीफ करते हुए बोला । नीलम और महेश के बीच का यह राउंड 30 मिनट तक चला जिस में नीलम 2 बार झडी एक बार अपने ससुर के लंड की सवारी करते हुए और दूसरी बार उलटी कुतिया की तरह अपने ससुर से चुदवाते हुए ।
दोनों ससुर बहु बुहत बुरी तरह से थक चुके थे और दोनों एक दुसरे से अलग होकर बेड पर लेटकर हांफ रहे थे।
"पिता जी आपने दो बार मेरी चूत में अपना वीर्य गिराया है मुझे तो डर लग रहा है की कहीं मैं आपके बच्चे की माँ न बन जाऊं क्योंकी आपका वीर्य सीधा मेरी बच्चेदानी में गिरा है" नीलम ने परेशान होते हुए कहा।
"अरे तो क्या हुआ बेटी तुम चिंता मत करो वैसे भी मेरे नालायक बेटे ने तो इतने सालों से बच्चा जना नहीं अगर मुझसे तुम्हें बच्चा होता है तो इससे अच्छी क्या बात होगी" महेश ने अपनी बहु को समझाते हुए कहा । अपने ससुर की बात सुनकर नीलम शर्म के मारे कुछ नहीं बोल सकी ।
महेश ने बिना अपनी बहु से कुछ बोले शावर को बंद किया और उसे अपनी बाहों में उठाकर बेड पर जाकर सुला दिया । महेश खुद भी जाकर सीधा बेड पर लेट गया और अपनी बहु को अपने ऊपर आने के लिए कहा। नीलम को शर्म तो बुहत आ रही थी मगर वह उस वक्त इतनी ज्यादा गरम थी की वह अपने ससुर की बात को मानते हुए अपनी दोनों टांगों को फ़ैलाकर अपने ससुर के मुसल लंड को अपनी चूत पर सेट करते हुए अपने वजन के साथ नीचे बैठने लगी ।
नीलम की चूत गीली होने के कारण महेश का लंड सरकता हुआ उसकी चूत में घूसने लगा। नीलम भी धीरे धीरे अपने वजन के साथ नीचे बैठते हुए अपने ससुर के लंड को पूरा अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी। थोड़ी ही देर में नीलम की चूत में उसके ससुर का पूरा लंड घुस चूका था और वह मज़े से अपनी आँखें बंद करते हुए अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी।
"आअअअह बेटी शाबास ऐसे ही" महेश अपनी बहु को उसकी हिलती हुयी चुचियों से पकडकर उसकी तारीफ करते हुए बोला । नीलम और महेश के बीच का यह राउंड 30 मिनट तक चला जिस में नीलम 2 बार झडी एक बार अपने ससुर के लंड की सवारी करते हुए और दूसरी बार उलटी कुतिया की तरह अपने ससुर से चुदवाते हुए ।
दोनों ससुर बहु बुहत बुरी तरह से थक चुके थे और दोनों एक दुसरे से अलग होकर बेड पर लेटकर हांफ रहे थे।
"पिता जी आपने दो बार मेरी चूत में अपना वीर्य गिराया है मुझे तो डर लग रहा है की कहीं मैं आपके बच्चे की माँ न बन जाऊं क्योंकी आपका वीर्य सीधा मेरी बच्चेदानी में गिरा है" नीलम ने परेशान होते हुए कहा।
"अरे तो क्या हुआ बेटी तुम चिंता मत करो वैसे भी मेरे नालायक बेटे ने तो इतने सालों से बच्चा जना नहीं अगर मुझसे तुम्हें बच्चा होता है तो इससे अच्छी क्या बात होगी" महेश ने अपनी बहु को समझाते हुए कहा । अपने ससुर की बात सुनकर नीलम शर्म के मारे कुछ नहीं बोल सकी ।