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Incest परिवार बिना कुछ नहीं।

Killerpanditji(pandit)

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पार्टी में बीयर का भी इंतजाम था जिसका सभी ने इस्तेमाल किया जिस कारण अधिकतर मेहमान स्टेज पर कपल डांस कर रहे थे जहां लाइट धीमी थी और जोड़े एक दूसरे में डूबे हुए थे।
इसी बीच करण काम्या को लेकर स्टेज पर पहुंच जाता है और उसकी बांहों में बांहे डालकर नाचने लगता है जिस जाता सबकी नजर उनकी तरफ उठ गई थी । करण के एक हाथ काम्या के हाथ में था और दूसरा हाथ धीरे धीरे उसकी कमर पर घूम रहा था जिससे उसके बदन में एक चिंगारी सुलग रही थी और वो पूरी तरह से करण से चिपकी हुई थी जिसका असर करण पर भी हो रहा था जिस करण उसका हथियार अपनी औकात पर आता जा रहा था।
करण: सालगिरह मुबारक हो मेरी जान, बहुत सुंदर लग रही हो
काम्या: आपको भी मुबारक हो मेरे सनम, आप भी गजब ढा रहे हो
करण: जी चाहता है कि तुम्हे कहीं एकांत में लेकर चलू और अपने सब अरमान पूरे करू '।
और ऐसा कहते हुए अपने लिंग को उसकी योनि पर जोर से दबा देता है जिससे काम्या की आह निकल जाती हैं और वो और जोर से करण से चिपक जाती हैं ।
तभी उसकी बहन महिका जिसे सब प्यार से माही कहते हैं करण को आवाज लगाती हैं -
माही: भैया रात के १० बजने वाले हैं , सभी मेहमानों को खाना खिलाया जाए
करण: जो हुक्म मेरी प्यारी बहन ।
और फिर सबको खाना परोस दिया जाता है और जल्दी ही सब मेहमान खाना खाकर अपने घर जाने लगते हैं साथ ही साथी उसको एक बार फिर से करण और राम्या को मुबारक बाद देते हैं जिसे दोनों खुशी से स्वीकार करते जाते हैं। एक एक करके घर के सब मेहमान चले जाते है और फिर घर के मेंबर रह जाते हैं बस घर में ।
समर: पापा आज की पार्टी बहुत अच्छी रही, मजा आ गया आज तो '
और ऐसा कहकर अपने पापा के गले लग जाता हैं और करण उस अपने गले लगा लेता हैं ।
और फिर वो अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लेता है और उसके गाल पर किस करके फिर से मुबारक बाद देता हैं , राम्या भी उसे अपने गले लगा लेती हैं जिस कारण उसकी चूचिया उसके सीने में दब जाती हैं जिसका एहसास समर को अपनी सीने में साफ महसूस होता है और वो पीछे हट जाता है ।
दिन भर की भाग दौड़ की वजह से सब बहुत थक गए थे और राम्या और समर दोनों उपर बने अपने रूम में चले जाते हैं और बिस्तर पर पड़ते ही उन्हें नींद अपने आगोश में ले लेती हैं ।
माही: भाभी मैं भी थक गई हूं और अब सोने जाती हूं लेकिन जाने से पहले आपको आज का गिफ्ट देना चाहती हूं और ऐसा केहकर वो अपनी भाभी को अपने साथ अपने रूम में ले जाती हैं और जैसे ही वो रूम का दरवाजा खोलती हैं एक मस्त परफ्यूम की महक उन दोनों का स्वागत करती हैं । पूरा कमरा सुहागरात की तरह से सजाया हुआ था जिसमें बीच में एक गोल बेड पड़ा हुआ था जिस पर व्हाइट रंग की चादर उसकी शोभा बढ़ा रही थी और साथी ही रूम में जलता बाइट बल्ब कमरे की सुन्दरता में चार चांद लगा रहा था।
काम्या खुशी के मारे माही को अपनी बांहों में भर लेती है और उसके गालों पर किस की बरसात कर देती हैं ।
माही मुस्कुराते हुए: भाभी ये किस भैया के लिए बचा कर रखो । मुझसे ज्यादा आज उन्हें इनकी जरूरत है " और ऐसा कहते हुए वो एक आंख मारकर कमरे से बाहर निकल जाती हैं और दूसरे रूम में चली जाती हैं ।
राम्या कमरे के अंदर से करण को कॉल करती है और उसे अपने पास आने को कहती हैं बहुत ही सेक्सी आवाज में जिसे सुनकर करण के बदन में हलचल मच जाती है और वो कमरे की तरफ चल देता है
Nice update
 

Killerpanditji(pandit)

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जैसे ही करण कमरे के अंदर कदम रखता है एक तेज परफ्यूम की गंध उसे महसूस होती है और फिर उसकी नजर कमरे के अंदर बेड पर बैठी काम्या पर पड़ती है जो कि नाइट बल्ब की रोशनी में किसी काम देवी की तरह लग रही थी , ये देखकर करण के होंठो पर मुस्कुराहट आ जाती हैं और काम्या शर्म के मारे अपनी आंखे नीचे झुका लेती हैं , तभी करण उस उसे आवाज लगाता है ,
करण: क्या बात है आज बड़ी शर्म आ रही है मेरी जान को ,
काम्या: हटो जी आप क्या जानो शर्म का मतलब ?
करण तिरछी नजरों से देखते हुए: अब सारी रात ऐसे ही शर्माती रहोगी या मेरे पास भी आओगी मेरी बांहों में ??
और ऐसा कहकर वो अपने दोनो हाथ फैला देता है और काम्या दौड़कर उसकी बांहों में समा जाती हैं और उसके गालों पर किस की बरसात करने लगती हैं तो करण भी अपना एक हाथ उसके सिर के पीछे लाते हुए अपने होंठो को उसके रसभरे होंठो पर जैसे ही झुकाता हैं तो काम्या उस तड़पाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम देती हैं और करण के लिप उसके गालों से टकरा जाती हैं और काम्या की हंसी छूट जाती हैं तो करण भी उसे तड़पाने के लिए जोर से उसके गाल पर काट लेता है जिससे काम्या के मुंह से एक तेज सिसकारी निकल जाती हैं ।
काम्या: थोड़ा प्यार से मेरी जान , कहीं भागी नहीं जा रही हूं '
और ऐसा कहकर वो खुद ही अपने गुलाबी होंठ उसके होंठो और रख देती हैं और एक हाथ को उसकी गर्दन के पीछे लाते हुए उसके बालो में उंगली घुमाने लगती हैं तो करण भी उसके होठों पर टूट पड़ता है और उन्हें चूसने लगता है , कभी उपर वाले को चूसता हैं तो कभी नीचे वाले को,
दोनो के दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं और करण अपनी जीभ को उसके होंठ को खोलते हुए उसके मुंह के अंदर घुसा देता है और उसके मुंह का मुयाईना करने के बाद उसकी जीभ को चूसने लगता है ,काम्या जैसे हवा में उड़ने लगी थी और वो भी उसका साथ देते हुए उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाने लगती हैं जिसका असर सीधे करण के लिंग पर पड़ता है और वो अपनी औकात में आने लगता है ,
किस करते करते ही करण अपना एक हाथ पीछे ले जाकर उसके मोटे कठोर नितम्बो की सहलाने लगता हैं और साथ ही साथ हाथ में भर कर दबाने लगता है।
फिर दोनो के सांस जैसे ही उखड़ने लगती हैं तो दोनो सांस लेने के लिए रुकते हैं और फिर से लिप्स चूसना शुरू कर देते हैं , करण का लिंग पूरी तरह से खड़ा था जिसका एहसास काम्या को अपनी चूत पर हो रहा था और उसकी चूत में गीलापन आ जाता है , और वो किस तोड़कर करण के कानों में कहती है कि बेड पर ले चलो मेरी जान , अब सबर नहीं होता , और करण तुरंत उसके अपनी बांहों में किसी गुड़िया की तरह से उठा लेता है और बेड पर ले जाकर लिटा देता है और खुद उसके उपर लेट जाता है और फिर से उसके लिप्स को चूसने लगता है मानो उनमें से को मीठा रस निकल रहा हो, काम्या भी जोश में आते हुए अपने हाथ उसकी कमर पर के जाकर सहलाने लगती हैं और करण नीचे आते हुए अपने प्यास होंठ उसकी गर्दन पर रखा देता है और चूमने लगता है जिससे काम्या की चूत में गीलापन बढ़ने लगता हैं और करण अच्छी तरह से उसकी गरदन चूसने के बाद उसके बूब्स को हाथो में भरकर जोर दबाने लगता है , जो काम्या के सीने में एक मीठा तेज दर्द होने लगता हैं और उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलनी शुरू हो जाती हैं तभी करण जोश में आते हुए उसके उरोजो को जोर से दबा देता है तो काम्या के मुंह से एक दर्द भारी चींख़ निकल जाती हैं और वो शिकायती लहजे में बोलती हैं थोड़ा प्यार से मेरी जान , मारने के इरादा है क्या ?
तभी करण प्यार में आते हुए उसके होंठ चूम लेता हैं और फिर धीरे से अपने हाथ पीछे ले जाए जाते हुए उसका गाउन निकालने लगता हैं और काम्या दोनो हाथ उपर उठा कर उसकी मदद करती है , गाउन के निकलते ही काम्या सिर्फ काले रंग की ब्रा पेंटी में आ जाती हैं जिसमें उसका शरीर गजब लग रहा था, करण उसे ध्यान से जी भर कर देखता है तो पाता है कि ब्रा उसकी चूचियों पर कितनी टाइट हैं ऐसा लग रहा था मानो उन्हें वहां जबरदस्ती कैद कर दिया गया है और ज्यादा कामुक हो जाने की वजह से उसकी चूत गीली हो गई थी जिसकी एहसास उसके गीली पेंटी को देख कर आराम से हो रहा था , करण जोश में आते हुए उसकी ब्रा पेंटी को बाहर निकाल कर फेंक देता है और अपने भी कपड़े निकाल देता है अब उसके जिस्म भी सिर्फ एक अंडरवियर था जो कि आगे से उठा हुआ था ।
करण काम्या के उपर लेट जाता है और उसकी चूचियों को हाथो में भरकर प्यार से दबाने लगता हैं जिससे जोश में आते हुए काम्या अपनी चूत को उसके भयंकर रूप से खड़े हो चुके लिंग पर दबाने लगती है , करण आगे बढ़ते हुए अपने होंठो को उसकी चूचियों पर रखते हुए उन्हें चूसने लगता है तो काम्या के मुंह से आह निकलने लगती हैं
काम्या: आह आह मेरी जान , खा जाओ आज मेरी चूचियों को " देखो कैसे तड़प रही हैं आपके मुंह में आने के लिए " और ऐसा कहकर अपने सीने को उपर की ओर उभार देती हैं जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से करण के मुंह में जाने लगती है और करण भी पागलों की तरह से उसकी चूचियों को चूसने लगता है और दूसरी को हाथ में भरकर दबाने लगता है तो काम्या से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था और वो नीचे से धक्के मारते हुए अपनी चूत को उसके लंड पर पूरी जोर से मारने हैं ,
तभी करण उसके एक निप्पल को मुंह से निकालते हुए दूसरे को चूसने लगता हैं और काम्या पागलों की तरह से सिसकारी लेते हुए मजा लेने लेती हैं ।
जी भर का उसके निप्पल को चूस लेने के बाद करण नीचे आते हुए अपनी जीभ को उसकी नाभि में घुसाने लगता है जिससे काम्या का बदन कांप जाता है और उसे बहुत ज्यादा गुदगुदी होने लगती हैं और वो इधर उधर मचलने लगती हैं लेकिन करण के भारी भरकम शरीर के नीचे दबे होने के कारण वो शांत हो होने पार मजबूर हो जाती हैं तभी करण नीचे आते हुए ध्यान से उसकी चूत को देखा है जो उत्तेजना के कारण पानी पानी हो चुकी थी और बेहद खूबसूरत लग रही है उसकी टाइट चूत जिसके दोनो गुलाबी लिप्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिनमें से काम रस निकल रहा था इतनी प्यारी चूत के दोनो लिप्स को करण अपने हाथो से खोलता हैं तो एक सेक्सी आवाज के साथ चूत के लिप खुल जाते हैं और करण अपना काबू खोते हुए अपने प्यासे होंठो को उसके चूत पर जोड़ देता है ।।।
Super killer hot update 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 

Killerpanditji(pandit)

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मोहिका उपर बने कमरे में ले सीढ़ियां छड़कर पहुंचती हैं तो उसकी धड़कने थोड़ी तेज हो जाती हैं और दिन भर काम करने की वजह से उसका गला भी सुख गया था तो वो सीधे किचन की तरफ जाती है और फ्रिज में से बीयर की ठंडी बोतल निकालती हैं और गटागट पी जाती है।
आज वो बहुत खुश थी क्योंकि आज उसके प्यारे भैया की सालगिरह थी और वो अपने भाई की खुशी की लिए कुछ भी कर सकती थी क्योंकि ससुराल वालों ने जिस दिन से उसे वापिस भेज दिया था उस दिन से आज तक भाई ने किसी चीज की कमी नहीं आने दी और हमेशा उसका साथ दिया।भाभी ने भी तो उसे छोटी बहन सा प्यार दिया जिस कारण वो उन दोनों का बहुत सम्मान करती थी।

पता नहीं क्यों उसे लगता था कि उसकी ज़िन्दगी में कुछ कमी हैं क्योंकि वो जवान थी, खूबसूरत थी परियो की तरह और सांचे ढला हुआ जिस्म था उसका जिसे देख कर हर कोई दीवाना हो जाता था , वो चाहती थी कि कोई उसका भी ख्याल रखे , उसे भी प्यार करे लेकिन अपने साथ हुए हादसे से उसका दिल टूट गया था इसलिए वो डरती थी ।

जैसे ही वो बिस्तर पर जाती हैं तो नींद उसकी आंखो से कोसो दूर थी। उसका मन नहीं लग रहा था, दिल में कोई बेचैनी थी आज , रह रह कर उसे वो सीन याद आ रहा था कि भैया कितने प्यार से काम्या को बांहों में लिए नाच रहे थे और काम्या भी कैसे उनसे बेल की तरह से लिपटी हुई थी , जहां तब उसे खुशी हुई थी कि उसकी भाभी की कितना प्यार करने वाला पति मिला है वहीं अब नारी स्वभाव के कारण उसे जलन हो रही थी कि ऐसा पति उसकी किस्मत में क्यों नहीं हैं ।।
ये सब सोच सोच कर उसका मन नहीं लग रहा था और बिस्तर जैसे कांटो की सेज बन गया था ।जिस्म भी टूट रहा था और नींद उसकी आंखो से जैसे गायब हो गई थी । इतना बेबस उसने कभी महसूस नहीं किया था अपने आपको क्योंकि आज उसके उपर उसका कोई जोर नहीं चल रहा था , जिस्म जैसे उसके काबू में नहीं था और एक आग सी लगी हुई थी उसके अंदर आज । उसका भी मन करता था कि कोई उसे भी बांहों में लेे , उसे जी भरकर प्यार करे इतना प्यार करे कि उसके जिस्म की एक एक नस मटका दे और इस कदर बरसे कि उसकी अब तक की सारी प्यास बुझा दे। ये सोचते सोचते उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है और एक हाथ उसके दिल पर चला जाता है तो उसके हाथ में आती हैं उसकी चूचियां जो कि दूध सी गोरी थी , कठोर थी, तने हुए निप्पल जो बैठने का नाम नहीं लेते थे ।
चूची हाथ में आते ही इसके मुंह से आह निकल जाती हैं और और वो उसे हल्का सा दबा देती है, आज पहली बार उसकी चूची दबी भी तो उसके अपने ही हाथ से ये सोचकर उसके जिस्म के रोएं खड़े हो जाते है और वो बहकने लगती हैं और और फिर जोर जोर से चूची को दबाने लगती है ।
जैसे जैसे उसके हाथो का दबाव चूची पर बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे ही मजा बढ़ने के कारण उसका मुंह खुलता जा रहा था । और उसे एहसास हो रहा था कि वो उसका शरीर उसे इस कदर भी मजा दे सकता है । कपड़ों के ऊपर से चूची दबाने में उसे इतना मजा आ रहा है तो बिना कपड़ों के कितना आएगा ये खयाल में आते ही उसने अपने सूट को बाहर निकाल दिया और शीशे के सामने जाकर खड़ी हो गई । अब वो उपर खाली काले रंग की ब्रा पहने हुए थे जो कि उसे और सेक्सी बना रही थी । शीशे में जैसे ही उसकी नजरें खुद की नजरो से टकराती हैं तो मेरे शर्म के उसका चेहरा लाल हो जाता है और उसके नजरें झुक जाती हैं । फिर वो आंख बंद करके अपने हाथ अपनी ब्रा के हुक पर ले जाकर ब्रा खोल देती हैं जिससे उसकी चूचियां उछल कर बाहर आ जाती हैं जैसे उन्हें क़ैद से आजादी मिली हो , सेब की आकर की उसकी दो चूचियां , पूरी तरह से ठोस , रूई की तरह से मुलायम, गोरी इतनी की हाथ लगे तो मैली होने का डर, ये सब देखकर उसे खुद पर अभिमान होने लगता है कि सच में कितनी खूबसूरत हैं ।
फिर वो जोश में आते हुए अपनी दोनो चूचियों को हाथो में भर लेती हैं और उन्हें हल्का हल्का दबाने लगती हैं जिस कारण उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारी निकल पड़ती हैं और वो जोर जोर से अपनी चूची को दबाने लगती हैं । मजा बढ़ जाने की कारण उसकी आंखे लाल हो चुकी थी और गला सूखता जा रहा था , और मजा लेने के लालच में वो अपनी चूची के निप्पल को जो कि उपर की ओर उठाती हैं अपनी जीभ को लंबी निकाल कर उसे चाटने लगती हैं , जैसे ही उसकी जीभ निप्पल से टकराती हैं अत्यधिक मजे के कारण उसके हाथ से चूची छूट जाती हैं तो वो जल्दी से उसे फिर से पकड़कर उपर उठाती हैं और फिर से अपने होंठ उस पर जोड़ देती हैं, अब वो अपनी एक चूची को चूस रही थी और दूसरी को दबा रही थी ।
आज उसके मजे की कोई सीमा नहीं थी , मजा बढ़ जाने की कारण उसकी चूत गीली हो गईं थीं । गीली भी इतनी की उसका रस चूत से निकाल कर जांघो तक आ रहा था । उसकी चूत में एक अजीब सी खुजली मच चुकी थी जो उसके आनंद की दोगुना किए जा रही थी । और मजा लेने के लालच में वो अपने एक हाथ जो कि चूची दबा रहा था उसे नीचे लाती हैं और धीरे धीरे उसे अपनी चूत के उपर रख देती हैं जिस कारण उसके पूरे जिस्म में आग लग जाती हैं और पैर कमजोर पड़ने लगते हैं और वो वहीं फर्श पर लेट जाती हैं और मजे के कारण मुह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगती हैं जिस कारण उसकी चूत से और रस निकालने लगता हैं जो पूरी तरह से उसकी पेंटी को पूरी तरह से गीली करते हुए उसकी जांघो पर बह रहा था ।
जैसे ही उसके हाथ चूत पर लगते हैं उसकी उंगलियां रस से गीली हो जाती हैं और उसका में करता हैं कि वो अपनी चूत में उंगली डाल ले लेकिन उसने आज तक अपनी चूत में उंगली नहीं डाली थी वो चाहती थी कि पहली बार उसकी चूत में लौड़ा ही घुसे । ये बात याद आते ही वो चूत के उपर से उसे उसके छेद को सहलाने लगती हैं जिस कारण उसका जिस्म झटके खाने लगता है और उसका उसका मजा बहुत ज्यादा बढ़ चुका था । वो अपनी चूत के होंठो को अपनी उंगलियों से मसलने लगती लगती है जिस कारण उसका शरीर फर्श पर ही उपर नीचे होने लगता है । अब उसके जिस्म जिस्म पर उसका कोई। काबू नहीं थी । फिर वो अपने निप्पल को मुंह से निकालते हुए पेट के बल फर्श पर लेट जाती हैं और अपनी चिकनी चूत के नीचे अपने हाथ रखकर अपने उंगलियों पर धक्के मारने लगती हैं । आज उसके मजे के कोई सीमा नहीं थी , चूत से निकलता रस उसके हाथ को पूरी तरह से भिगोने के बाद फर्श पर भी गिर रहा था जिससे उसकी जांघें टकरा कर और ज्यादा चिकनी हो रही थी जिससे उसकी धक्के मारने कि स्पीड बढ़ती जा रही थी और साथ ही साथ बढ़ रहा था उसका मजा । तभी उसकी चूत में चीटियां सिर रेंगने लगती हैं और उसके धक्के की स्पीड बहुत तेज हो जाती हैं और फर्श से थप थप की आवाज आ रही थी जो उसे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी जिस करण उसे और ज्यादा मजा आ रहा था

तभी वो जोश में आते हुए बिजली कि गति से धक्के लगाने लगती हैं और नीचे से अपनी उंगली भी चूत पर रगड़ने लगती हैं । उसके मुंह से निकलती हुई कामुक आह आह, उफ्फ सी आई री की आवाजे पूरे कमरे में फैल रही थी । तभी उसकी चूत में एक विस्फोट होता है और वो आनंडितिरेक में जोर से चीखते हुए झड़ जाती हैं । उसके चूत से एक के बाद एक रस के फाव्वारे छूटने लगते हैं और मजे के कारण वो अपनी चूत को हाथ में भर कर भींच लेती हैं जिससे उसकी आंखे बंद हो जाती हैं और वो वहीं फर्श पर निढाल होकर गिर पड़ती है ।
Hot update 🔥🔥🔥
 

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जैसे ही करण के होंठ काम्या की चूत पर पड़ते हैं उसके होंठो से एक मस्ती भरी आह निकल जाती है और मजे से उसकी आंखे बंद हो जाती है। करण उसकी चूत पर उपर से लेकर नीचे तक जीभ घुमा रहा था जिससे काम्या की सिसकियां बढ़ती ही जा रही थी और उसकी चूत से ज्यादा रस निकल रहा था । करण अब उसकी नाजुक और गुलाबी चूत के दाने को जीभ से सहलाने लगता है तो काम्या की मुट्ठियां बिस्तर पर कसा जाती हैं , तभी करण उसकी चूत के होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ अंदर डाल देता है जिससे काम्या का शरीर आपे से बाहर हो जाता है और वो मजा बढ़ जाने के कारण चिल्लाने लगती हैं ,
काम्या: आआ आह उफ़ सी ई खाओ जो मेरी चूत को । बहुत मजा आ रहा है मेरी जान , और अंदर तक चाटो । "
और सिसकियां लेती हुई उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत में अंदर की तरफ घुसाने लगती हैं जिससे करण जोश में आते हुए अंदर तक उसकी चूत को मूह में भरकर चूसने लगता है जिससे मजे के कारण काम्या की आंखे बंद हो जाती है और उसका जिस्म उपर की ओर उछलने लगता है करण के सिर की तरफ ताकि वो और अंदर घुस सके ।
करण उसकी चूत चूसते चूसते अपनी एक उंगली को उसकी चूत के रस से भिगोकर उसकी गान्ड के छेद पर रगड़ने लगता है जिससे काम्या बौखला जाती हैं और वो सीधे अपना हाथ करण के भयंकर रूप से खड़े हो चुके विकराल लंड पर के जाती हैं और उसे अंडरवियर के उपर से ही दबोच लेती हैं और जोर जोर से दबाने लगती हैं । करण का लंड आज कुछ ज्यादा ही टाइट हो रहा था जिस करण उसकी नसे साफ उभर कर दिखाई दे रही थी , वैसे तो काम्या रोज ही उसे अपनी चूत में लेती थी लेकिन ना जाने क्यों आज उसकी लम्बाई मोटाई काम्या के दिल की धड़कने तेज कर रही थी ।
काम्या करण को अपने उपर से धकेलती हैं और और उपर की तरफ आते हुए उसके अंडरवियर को मूह से पकड़ कर बाहर निकालती हैं तो वो फुदकता हुए बाहर आ जाता है जिसे देख कर काम्या के चूत में गीलापन बढ़ जाता है और वो बेसब्री होकर अपने होंठ उस पर झुका देती हैं और चाटने लगती हैं उधर करण भी अपने फिर से अपने मुंह को उसकी चूत पर रख देता है और जोर जोर से उसकी चूत के छेद को चाटने, चूसने , दबाने लगता है । काम्या अपना पूरा मुह खोलते हुए उसके लंड को अंदर भर लेती और चूसने लगती हैं, मजे के करण का लंड और जोर जोर से खड़ा हो जाता है और जिस में आते हुए वो काम्या की चूत को अंदर को खोलकर अंदर तक चूसने लगता है और एक उंगली रस से गीली करके उसकी गान्ड के छेद पर दबा देता है जिससे वो थोड़ी अंदर खुश जाती हैं।
उंगली के अंदर घुसते ही काम्या से बर्दाश्त नहीं होता और उसकी चूत का बांध टूट जाता है और उसकी चूत रस बहाने लगती हैं जिसे करण मस्ती से चाट जाता है और काम्या का पूरा बदन लहरा रहा था स्खलन के कारण।
जैसे ही उसका स्खलन बदन होता है वो फिर से करण के लंड को चूसने लगती हैं । और अपने मुंह को पूरा फैलाते हुए उसके पूरे लंड को अंदर ले लेती हैं और जोर से चूसती हैं तो करण का भी खुद से कंट्रोल खत्म होने लगता है और वो पूरी तेजी के उसके मुंह में गहराई तक धक्के लगाने लगता है जैसे चूत को चोद रहा हो । काम्या उसके लंड को चूसते चूसते अपने हाथ उसके बॉल पर ले जाती हैं और उन्हें सहलाने लगती है जिस कारण करण आपे से बाहर हो जाता है और तूफान कि गति से उसके मुंह में धक्के लगाने शुरू कर देता है और तभी एक आखिरी धक्का पूरी ताकत के साथ लगाते हुए अपने लंड को उसके मुंह की पूरी गहराई में उतर देता है और उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलती हैं और वो काम्या के मुंह में अपने वीर्य की पिचकारी की बरसात करने लगता है । जैसे कि काम्या को वीर्य के एहसास होता है उसकी आंखे चमक पड़ती है और वो अपना मुंह बंद कर लेती हैं ताकि एक बूंद भी बाहर ना जाने पाए। जैसे ही काम्या करण के वीर्य की आखिरी बूंद निचोड़ती हैं वो निढाल होते हुए उसके उपर गिर पड़ता है और काम्या उसे अपनी बांहों में भरकर उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ देती हैं ।


तूफान गुजर जाने के बाद काम्या करण के बालो में हाथ घुमाने लगती हैं और दूसरे हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगती हैं । तभी उसकी नज़र कमरे में रखे जग और गिलास पर पड़ती है और उठकर देखती हैं तो उसमे दूध था जिसमें केसर , शिलाजीत , मिली हुई थी जो करण अक्सर पीता रहता था । काम्या की आंखे खुशी से चमक जाती हैं और वो एक गिलास में दूध लेकर करण के पास जाती हैं और अदा से उसकी और मुस्कुरा कर अपने मदभरे होंठो से छूती हैं और करण के मुंह से लगा देती हैं जिसे करण उसकी आंखो में देखते हुए गटागट पी जाता है और वो फिर से एक गिलास भरती है और दोनों एक दूसरे को पिलाने लगते हैं । फिर काम्या जग और गिलास को साइड में रख देती हैं और करण के उपर आते हुए उसके होठों को चूसने लगती है तो करण भी उसके होंठो को अपने होंठो में भरकर चूसने लगता है । कभी उपर वाले को तो कभी नीचे वाले को।
किस करते करते काम्या अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा देती है और करण उसकी जीभ को चूसने , चाटने लगता है और जोश में आते हुए अपने हाथो में उसकी चूचियों को भर लेता है और हल्का हल्का दबाने लगता है जिससे काम्या तड़प उठती हैं और नीचे आते हुए अपनी जीभ से करण के निप्पल चूसने लगती है जिसके करण उत्तेजना में पागल होने लगता है और वो अपनी पूरी ताकत लगते हुए उसके बूब्स को बहुत जोर से दबा देती हैं जिससे काम्या की तेज आवाज पूरे घर में गूंज जाती हैं और जो अपने कमरे में बेसुध होकर पड़ी माही में कानों में पड़ती है जिसने अभी अभी जीवन का पहला स्खलन महसूस किया था तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और होंठो पर एक मुस्कुराहट तैर जाती हैं और उसके पैर अपने आप नीचे की तरफ बढ़ जाते हैं । बीयर का नशा उस पर पूरी तरह से हावी हो चुका था , उसे नहीं पता था कि क्या कर रही है और क्यों कर रही हैं । जैसे ही वो नीचे आती हैं तो देखती हैं कि काम्या का रूम अंदर से बंद हैं और वो किसी तरह अंदर झांकने का प्रयास करती हैं तो आखिर कार उसे रूम की खिड़की खुली मिल जाती हैं और वो एक स्टूल लाकर उस पर खड़ी हो जाती हैं वो जैसे ही अंदर का दृश्य देखती हैं उसके आंखे फटी की फटी रह जाती हैं ।

करण का , उसके सगे भाई का सांड जैसा लंड हवा में लहरा रहा था जिसकी लंबाई और मोटाई देखकर उसकी हालत खराब हो जाती हैं और उसके हाथ अपने आप अपनी चूचियों पर चले जाते हैं जो की अभी तक नंगी थी । उधर काम्या करण के
लंड को हाथ में लेकर दबाने लगती हैं और करण उसके निप्पल चूसने लगता है जिससे काम्या की सिसकारी बढ़ती है जो माही की चूत को और गीला कर रही थी । करण काम्या के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगता है और और एक उंगली नीचे ले जाकर उसकी चूत में घुसा देता है तो काम्या का सब्र जवाब दे जाता है और वो करण को अपने उपर खींच लेती हैं । करण जैसे ही उसके उपर आया हैं उसका लंड उसकी चूत से टकरा जाता है और दोनो के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल जाती हैं जिसे सुनकर माही का पूरा बदन जलने लगता हैं और उसके शरीर का तापमान बढ़ जाता है, वो अपनी चूची को पूरी ताकत से दबाने लगती हैं ।
काम्या जैसे ही करण के लंड को अपने हाथ से पकड़ हैं उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वो हिम्मत करके उसे अपनी मासूम की चूत के छेद पर लगा देती हैं जो कि रस से पूरा गीली हो चुकी थी। और करण की आंखो में देखते हुए उसे धक्का मारने का इशारा करती हैं , करण धीरे से अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर दबाता हैं और सुपाड़ा चूत के होंठो को फैलाते हुए अंदर घुसने लगता हैं तो काम्या के शरीर में मस्ती और दर्द की एक लहर दौड़ जाती हैं और वो अपनी कमर को ऊपर की और उठाती हैं ताकि लंड और अंदर जा सके । लेकिन जैसे ही उसकी कमरा उपर आती हैं करण लंड को वापिस बाहर खींच लेता है जिससे सुपाड़ा फिर से बाहर आ जाता है ।

काम्या तड़प जाती है और सिसकी लेते हुए : आह , सी ई क्यों तपडा रहे हो मेरी जान ? घुसा दो ना अंदर ।
करण मजा लेते हुए: थोड़ा प्यार से बोलो मेरी जान !! और ऐसा कहते हुए अपने सुपाड़े को उसकी चूत की दीवारों पर रगड़ने लगता है ।
काम्या जोश में आते हुए : घुसा दो मेरी जान अपनी प्यासी चूत में मेरा लंड।।
और ऐसा कहकर अपनी टांगो को पूरी तरह से फैला देती हैं और फिर उसका मोटा लौड़ा अपनी गीली , प्यासी चूत पर लगा देती हैं।
अब करण का सब्र भी जवाब दे जाता है और वो पूरी ताकत लागाकर अपने लंड का एक तेज धक्का उसकी चूत पर लगाता हैं और नीचे से काम्या भी जोश में आते हुए उपर कमर उपर की और उछालती हैं जिससे एक ही बार में उसका लंड जड़ तक काम्या की चूत में घुस जाता है और काम्या की चूत फटने की वजह से उसकी दर्द भरी चींखं निकाल जाती है
काम्या : यू ई ई मा री । आह फाड़ दिया मेरी चूत को ।
जैसे ही काम्या की आवाज खिड़की पर खड़ी माही के कानों में पड़ती हैं डर के मारे उसके आंखे फैल जाती हैं और उसके भी मुंह से एक तेज सिसकारी निकल जाती हैं जिसे करण सुन लेता है और तभी उसकी नजर माही पर पड़ती हैं जो के अपनी अपने एक निप्पल को चूसने के लिए उठा रही थी जिस करण उसे पता नहीं चलता कि करना उसे देख चुका हैं वो और मस्ती में अपना निप्पल चूसने लगा जाती हैं और दूसरे हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगती हैं ।
करण अपना पूरा लंड काम्या की चूत से बाहर निकालता है और फिर से पूरी ताकत लगाते हुए अंदर घुसा देता है जिससे काम्या की हालत खराब हो जाती हैं, वो बोलती की मेरी जान पहले थोड़ा धीरे धीरे करो ।
करण उसकी बात को मानते हुए अपने लंड को बाहर निकालता है और फिर आधा लंड घुसाते हुए हल्के हल्के धक्के मारने लगता है जिससे काम्या की चूत धीरे धीरे उसके लंड के हिसाब से खुल जाती हैं और वो भी नीचे से अपनी चूतड़ उछालते हुए धक्के लगाने लगती हैं । करण जैसे की काम्या का जोश देखता हैं वो एक बार फिर से पूरा लुनद जड़ तक एक ही धक्के में घुसा देता है जिससे काम्या की सिसकी निकल जाती हैं लेकिन इस बार दर्द कम और मजा ज्यादा था।
काम्या : आह मेरी जान ' सी सी आई ई उफ्फ बहुत मजा आ रहा है, ताकत लगाकर चोदो आज मेरी चूत को ।
और करण जोश में आते हुए उसकी चूत में अंदर तक लंड घुसाने लगता हैं ।
करण: आह मेरी जान। कितनी टाइट हैं तुम्हारी चूत । हर बार लगता है जैसे पहली बार लंड घुसा रहा हूं। ।
करण के धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी और साथ ही बढ़ रही थी काम्या की सिसकियां जो पूरे कमरे में गूंज रही थी और माहौल को और भी सेक्सी बना रही थी जिसका सीधा असर बाहर खड़ी माही की चूत पर हो रहा था और मजे के कारण वो अपना हाथ नीचे अपनी चूत पर ले जाती हैं जिससे रस टपक रहा था। जैसे ही उसकी उंगली चूत की दीवारों से टकराती हैं तो मजे के कारण उसकी आंखे बंद हो जाती हैं ।

करण काम्या की चूत से लंड बाहर निकाल लेता है और उसे घोड़ी बनाकर दूसरी तरफ झुका देती हैं ताकि उसकी नजर खिड़की में खड़ी माही पर ना पड़े। घोड़ी बंटी ही काम्या की चूत पीछे की ओर उभर जाती है और करण एक करारा धक्का उसकी चूत पर मारता है जिससे पूरा फिर से उसकी चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ अन्दर चला जाता है और काम्या आगे को गिरती हैं जिससे करण थम लेता है और अब उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरु कर देता है ।
और मोका मिलते ही नजर उठाकर माही की तरफ देखता हूं जिसकी आंखे मजे के कारण बंद हो गई थी और वो अपना निप्पल चूसते हुए हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी । इस वक़्त वो किसी काम देवी कम नहीं लग रही थी । उसका गोल चेहरा, नाजुक गुलाब जैसे होंठ जो प्यासाकी वजह से सुख चुके थे, सिसकी की वजह से कभी खुल रहे थे कभी बंद हो रहे थे ,बंद हो चुकी आंखे , चूची छत की और मुंह उठाए गोल गोल , पिंक निप्पल , ठोस तने हुए अपनी अकड़ दिखाते हुए मानो करण को चैलेंज दे रहे हो ।
आज पहली बार करण ने अपनी बहन को इस हालत में देखा और वो दिलो जान से उस पर फिदा हो उठा ।
वो जोश में आते हुए अपने लंड को कश कश कर अंदर पेलने लगा जिससे उसका लंड का सुपाड़ा सीधे काम्या की बच्चेदानी पर ठोकर मर रहा था और उसके मुंह से हर धक्के पर सिसकी निकाल रही थी।
करण अपने दोनों हाथ आगे ले जाकर उसकी चूची पकड़ लेता है और उन्हें जोर जोर से दाबने लगता है जिसे काम्या का शरीर लहराने लगता है ।उसकी चूची दबते हुए वो माही की चूची को देख रहा था जिनकी कठोरता के आगे उसे काम्या की चूची फीकी लग रही थी।

फिर वो काम्या को सीधी लिटा देता है और उसकी टांगे मोड़कर उसके कंधो की तरफ उठा देता है। इस पोजीशन में माही उसके लंड को आसानी से काम्या की चूत में घुसते हुए देख सकती थी। करण फिर से अपना लौड़ा उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मर देता है और फिर से पूरा लंड चूत के अंदर ।
काम्या : क्या बात है मेरी जान। आह आह आह उफ्फ सी आई री सखी फाड़ ही डालोगे क्या आज !
करण जोश में आते हुए : आह मेरी जान। बिल्कुल कसा हुए जा रही है बहुत टाइट हैं तुम्हारी चूत। बहुत मजा आ रहा है ।
काम्या : उफ्फ है भगवान । कितना मजा आ रहा है आह । और अंदर करो जोर करो । फाड़ दो आज पूरी तरह ।
अपनी भाभी के मुंह से ऐसी आवाजे सुनकर माही आंखे मस्ती बढ़ जाने के कारण खुल जाती हैं और वो देखती हैं कि कैसे उसके भाई का इतना लंबा चौड़ा लंड उसकी चूत में ज रहा है और इसे दर्द के बजाय मजा आ रहा है । उसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था । लंड पूरी तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।
माही का हाथ अपनी चूत की कोमल पंखुड़ी को जोर से मसलने लगता हैं और उसकी भी सिसकी तेज हो जाती हैं।
तभी करण के धक्के काम्या की चूत कें पूरी तेजी से पड़ने लगती है तो काम्या की सिसकियां बढ़ने लगती है।
काम्या : फॅक मी । आह आह और तेज । जन्नत दिखा दो आज मेरी चूत को , है भगवान , उफ्फ ये कैसा सुख हैं। आह । और तेज मेरी जान अफ आह ।
काम्या का पता नहीं कितनी बार स्खलन हो चुका था लेकिन फिर भी हर मानने को तैयार नहीं थी।
उसकी चूत पूरी गीली थी जिस कारण कमरे में फच फाच की आवाजे गूंज रही थी।
अचानक करण के धक्के पूरी तेज हो जाते हैं और काम्या की चूत की हर नस खुलने लगती हैं । ऐसे ठुकाई आज उसकी पहली बार हो रही थी।
करण के मुंह से आह निकलने लगती हैं और लंड बुलेट ट्रेन की स्पीड से अंदर बाहर हो रहा था ।हर धक्के पर कम्याकी गांड़ बेड से उछल पड़ रही थी। तभी करण अपना पूरा लंड बाहर बाहर निकालता है और पूरी ताकत से अपनी गांड़ को उसकी चूत पर धकेलता हैं और लंड सीधा बच्चेदानी पर टकराता हैं और उसके वीर्य की बौछार होने लगती हैं और काम्या भी सेक्सी लेते हुए एक बार फिर से अपना रस उगल देती हैं और करण उसकी चूचियों गिर पड़ता है ।
आज उनके साथ ही माही की चूत भी अपना रस छोड़ देती हैं और वो अपनी ज़िन्दगी से दूसरे स्खलन का मजा चख लेती हैं जो पहले से कहीं ज्यादा शानदार था।
तूफान गुजर जाने के बाद करण खिड़की की तरफ नजरे बचाकर देखता है तो माही उसे कहीं नजर नहीं आती । और वो काम्या को बांहों में भरकर सो जाता है ।
Super killer hot update
 

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अगले दिन सुबह करण की आवाज घर में स्थित छोटे से मंदिर से आने वाली घंटियों की आवाज से खुलती हैं और साथ ही साथ माही के भजन की मीठी आवाज उनके कानों में गूंजती हैं । वो अपनी बांहों में लेती काम्या को किस करता हैं और:
करण: उठ जाओ मेरी जान। सुबह हो गई है ।
काम्या उसके गाल पर किस करते हुए : हां मेरी जान । माही की पूजा की आवाज भी आ रही हैं

और ऐसा बोलते हुए वो उठ जाती है और अपने नंगे बदन पर कपड़े पहनती हैं और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस जाती हैं ।

समर और राम्या सुबह जल्दी उठकर रोजाना की तरह जॉगिंग पर गए हुए थे। राम्या का गजब का स्टेमिना था आज रनिंग का । वो किसी भी तरह से समर से कमतर नहीं थी। उसके कदम समर के क़दमों से कदम मिलाते हुए भागे चले जा रहे थे मानो दोनो में एक दूसरे को हराने का चैलेंज लगा हो। लेकिन रोज की तरह दोनो एक साथ मंजिल तक जाते है और फिर दोनो वापिस मुड़कर भागने लगते हैं तो राम्या की स्पीड समर के मुकाबले कुछ ज्यादा ही थी । राम्या जैसे ही सामर से आगे निकलती हैं तो समर के होंठो से हंसी छूट जाती हैं ।
समर हांफते हुए: सिस तुझे देखकर लग रहा है जैसे आज मैराथन जीत कर है मानेगी ।
राम्या( और तेज भागते हुए ): मैराथन तो कुछ भी नहीं है बच्चू मेरे लिए । बाए हाथ का खेल हैं ।
समर: हा हा हा बाए हाथ का खेल" और ऐसा कहते हुए वो उसकी हंसी उड़ाने लगता है जिसका असर सीधा राम्या के दिल पर होता है और उसकी स्पीड बिजली की गति से अचानक बढ़ जाती है और और वो समर को पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे निकल जाती है ।
जैसे ही राम्या आगे निकलती हैं वैसे ही भागने के कारण उसकी थिरकती हटाई गान्ड समर के सामने आ जाती है जो उसके भागते हुए कदमों के साथ उपर नीचे हो रही थी । राम्या की गांड़ उसके ट्रैक सूट में बहुत कसी हुई हुई लग रही थी । चूतड़ ट्रैक सूट को फाड़कर बाहर आने को बेताब लग रहे थे मानो उन्हें वहां जबरदस्ती कैद किया गए हो । आज उसके चूतड़ कुछ ज्यादा ही उछल रहे थे जिस कारण ना चाहते हुए समर का ध्यान उसके नितम्बो पर चला जाता है और उसे उस आज पहली बार एहसास होता है कि उसकी बहन की गांड़ कितनी बड़ी और मस्त हैं ।
वो नजरे गड़ाए हुए उसके नितम्बों को घूरता रहता है और साथ ही साथ अपनी भागने कि गति बढ़ा देता है , उसे डर था कि राम्या भागती हुई ज्यादा आगे निकल जाए जिससे उसे उसकी उछालती हुई भारी गांड़ ना दिखनी बंद हो जाए । जैसे जैसे वो राम्या के नजदीक आता गया था राम्या और तेजी से भागने लगती हैं जिससे उसकी चौड़ी गांड़ की थिरकन ज्यादा होने लगती हैं जिसका असर सीधे समर के लिंग पर हो रहा था जो जिसने लोवर के अंदर अपना मुंह उठाना शुरू कर दिया था ।
जैसे ही लिंग खड़ा होने लगता हैं समर को हैरानी होती है उसका लिंग ऐसे कैसे अपनी बहन की। गांड़ देख कर खड़ा हो सकता है । वो अपने दिमाग को झटकता हैं और नजरे दूसरी तरफ करते हुए दौड़ने लगता हैं लेकिन आज राम्या की गांड़ इतनी ज्यादा उछल रही थी कि वो अपने आप पर काबू नहीं रख पा रहा था और वासना से अभिभूत होकर अपनी नजरे फिर से अपनी सगी बहन के मस्त पिछवाड़े पर टिका देता है । जैसे जैसे घर नजदीक आता जा रहा था वैसे वैसे उनके दौड़ने की स्पीड बढ़ती जा रही थी । आज राम्या अपना पूरा दम लगा रही थी जीतने के लिए ।
तभी आवाज पीछे से बहुत तेज स्पीड से आते हुए समर उसके बराबर से निकलता है और ना चाहते हुए भी वो अपने आपको नहीं रोक पाता और भागते हुए एक हाथ राम्या की कामुक गांड़ पर मारते हुए घर के अंदर घुस जाता है मानो उसे चिडा रहा हो कि मैं आज फिर से जीत गया और राम्या उसे हैरानी से देखती रह जाती हैं और उसे बुरा भला कहते हुए घर के अंदर घुस जाती हैं ।


सारे परिवार की मुलाकात नाश्ते की टेबल पर होती है जहां सबसे पहले माही सबको पूजा के बाद प्रसाद देती हैं । माही ने आज एक व्हाइट कलर का सूट सलवार पहन रखा था और माथे पर चंदन का तिलक लगा हुआ था जो उसके सुंदर मुखड़े को और सुंदर बना रहा था। जैसे ही करण की नजर माही पर पड़ती है उसे रात ही बात याद आ जाती हैं कि कैसे वो खुद अपने ही निप्पल को चूस रही थी । ये बात याद आते ही उसका ध्यान माही के भारी और उठे हुए बूब्स की तरफ चला जाता है जोकि उसे ढीले कपड़े होने की वजह से सही से नजर नहीं आ रहे थे।
उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये वो रात वाली माही हैं जो अपने भाभी के बेडरूम में अपनी भाभी को चुदते हुए देखकर मस्त हो गई थी।
माही : भैया कहां खो गए प्रसाद लीजिए।
करण चौंकते हुए : न न नहीं । यहीं हूं ,
और दोनो हाथ फैलाते हुए प्रसाद ले लेता है जैसे ही माही समर को प्रसाद देती हैं समर उसे छेड़ते हुए : बुआ इसे ज्यादा प्रसाद देना , बेचारी आज फिर से हार गई।
ये सुनते ही राम्या का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच जाता है और गुस्से से अपनी आंखे निकालते हुए : समर के बच्चे में तुझे देख लूंगी ।
और सभी हसने लगते हैं ।
नाश्ता करते हुए करण बार बार सबकी नजर बचाकर माही की तरफ देख रहा था कि उसकी बहन कितनी खूबसूरत हैं लेकिन प्रकृति ने उसके साथ न्याय नहीं किया हैं ।

नाश्ते के बाद करण अपने ऑफिस चला जाता है और माही ब्यूटी पार्लर ।
समर अपने कॉलेज जाने लगता है और काम्या अपने घर में काम में लग जाती है
Bahut hi sundar posts
 

Killerpanditji(pandit)

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करण ऑफिस पहुंचता हैं और काम में लग जाता है । लेकिन आज उसका मन काम में नहीं लग रहा था । रह रह कर उसे माही की याद आ रही थी , कितनी खूबसूरत हैं वो और उम्र बढ़ने के साथ साथ उसकी खूबसूरती और बढ़ती जा रही थी। रात कितनी तड़प थी उसके अंदर , आखिर वो एक जवान लड़की थी , उसकी भी कुछ भावनाए है, शारीरिक जरूरतें हैं ।
तभी वो निश्चय करता है कि अब ऐसा नहीं होगा , उसकी बहन जवानी की आग में नहीं जलेगी क्योंकि वो जल्दी ही एक अच्छा लड़का देख कर उसकी शादी कर देगा ताकि उसे वो सभी खुशियां नसीब हो सके जो कि हर एक लड़की का सपना होता है । साथ ही साथ एक बहन को सारे सुख देना भी तो एक भाई का परम कर्तव्य होता है और फिर माही का मेरे सिवा हैं ही कौन।
सारे दिन वो इसी उधे़डबुन में लगा रहता है । उधर घर में काम्या अकेली थी और घर के सारे काम देख रही थी । दोपहर के बाद माही लंच करने घर पर आती है क्योंकि ब्यूटी पार्लर घर के पास ही था। माही घर के अंदर घुसती हैं और काम्या को आवाज लगती हैं ,
माही : हेल्लो भाभी कहां हो आप , दिखाई नहीं पड़ रही हो
उसे कोई उत्तर नहीं मिलता हैं तो वो भाभी के घर के अंदर ढूंढ़ती हैं लेकिन उसे वो नहीं मिलती । गर्मी के कारण उसका सारा शरीर पसीने से नम हो गए था इसलिए वो पहले नहाने का फैसला करती हैं और तौलिया लेकर जैसे ही बाथरूम का गेट खोलती हैं तो उसे काम्या नजर आती हैं जो इस वक़्त नंगी थी और अपने बदन को साफ कर रही थी ।
जैसे ही दरवाजा खुलता है तो काम्या डर जाती हैं कि पर नहीं को आ गया है ?
जब वो माही को देखती हैं तो उसे सुकून मिलता है लेकिन आह पहली बार ऐसा हुआ था कि वो माही के सामने नंगी थी । माही ध्यान से पास से उसकी चूचियां देखती हैं जो कि नारियल के आकार की थी और उन पर पिंक रंग के निप्पल अकड़े हुए खड़े थे और नीचे उसकी टांगो के बीच उसकी चूत का उभर साफ दिख रहा था जो की रात हुई दमदार चुदाई के कारण सूज गई थी । काम्या को जैसे ही माही की नजरो का एहसास होता है शर्म से अपने दोनो हाथ अपनी चूचियों पर रख देती हैं और अपना चेहरा छुपा लेती हैं तो माही के होंठो पर मुस्कान आ जाती हैं और वो अपनी भाभी को सॉरी बोलती हैं और दरवाजे को बंद करते हुए फिर से एक नजर काम्या के जिस्म पर डालती हैं और बाहर आ जाती हैं ।

उधर काम्या का शर्म के मारे बुरा हाल था , उसकी नजर अभी तक उपर नहीं उठ पा रही थी । जैसे ही वो गेट बंद होने की आवाज सुनती हैं तो देखती हैं कि माही बाहर जा चुकी हैं तो एक चैन की सांस लेती हैं ।
फिर अपने आपको कोसते हुए की मुझे दरवाजा ध्यान से बंद करना चाहिए था , कहीं माही के जगह कोई और होता तो । वो अच्छे से नहाने के बाद बाहर आती हैं तो उसने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल लपेटा हुआ था । माही बाहर ही उसे मिल जाती हैं जिसके होंठो पर फिर से एक कातिल मुस्कान आ जाती हैं जिसे देख कर काम्या चिड जाती हैं और वो वो माही को मारने के लिए उसकी और तेजी से बढ़ती है, । जैसे ही माही काम्या को अपनी और आते हुए देखते हैं तो वो अपनी जान बचाने के लिए भागती है लेकिन जल्दबाजी में कुर्सी में पैर फस जाने के कारण गिर जाती हैं और फिर से खड़ी होकर भागने कि कोशिश करती हैं लेकिन तब तक काम्या उसके पास पहुंच चुकी थी और वो माही को पकड़ लेती हैं और उसकी पीठ पर हल्के हल्के मुक्के बरसाने लगती हैं ।
काम्या : माही की बच्ची भूत शैतान हो गई है आज कल तू । अभी मजा चखाती हूं तुझे ।
माही हंसते हुए : भाभी मेरी कोई गलती नहीं थी आपको रूम को लॉक करके नहाना चाहिए था ।
काम्या: और और तू जो मुंह उठाए चली आई अंदर , तुझे कम से कम दरवाजा तो नॉक करण चाहिए था ।
माही मासूम सी सूरत बनाकर अपने कान पकड़ते हुए :भाभी गलती हो गई मुझे , अच्छा बाबा माफ कर दो ।
काम्या : गलती का अभी मजा चाखती हूं तुझे " और ऐसा कहते हुए माही को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा देती हैं और खुद उसे दबाने के लिए उसके उपर लेट जाती हैं और उसके गल पकड़ कर खीचने लगती हैं । माही अपने आपको बचाने के लिए उसे अपने ऊपर से हटाने के कोशिश करती है जिस कारण काम्या का तौलिया खुल जाता है और वो एक बार फिर से माही के सामने नंगी हो जाती हैं जिसे देखकर की फिर से जोरदार हंसी छूट जाती हैं और वो ठहाका मारकर हसने लगती हैं । काम्या की हालत फिर से खराब हो जाती हैं और वो गुस्से में आ जाती हैं और माही को सबको लेती हैं ।
काम्या : बच्चू मेरे नंगे होने का मजाक उड़ाती है अभी तेरी अकल ठिकाने लगाती हूं" और ऐसा बोलकर वो माही के सूट पकड़ा कर खिचने लगती हैं और माही अपने आपको बचाने की कोशिश करती हैं लेकिन जीत काम्या की होती है और वो उसका सूट फाड़ देती हैं जिस कारण माही का उपर का हिस्सा नंगा हो जाता है और ब्रा में कैद उसकी चूचियां उछल पड़ी थी जो आकार में को काम्या से कम थी लेकिन टाइट बहुत ज्यादा थी और ब्रा के अंदर से निप्पल अपना मुंह उठाए खड़े महसूस हो रहे थे । माही शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी । आप पहली बार वो किसी के सामने इस हालत में थी । और वो अपने दोनो हाथ अपनी चूचियों पर रख लेती हैं और शर्म के मारे अपनी आंखे बंद कर लेती हैं जिसका पूरा फायदा काम्या उठाती हैं और वो आगे बढ़ते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल देती हैं । जैसे ही माही को कुछ समझ में आता है वो तुरंत अपनी सलवार को थामे की कोशिश करती हैं तो काम्या अपने दोनो हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा खोल देती हैं और खींच कर अलग कर देती हैं जिससे उसके दोनो सफेद कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ जाते हैं । माही बोखलाहट के मारे अपने दोनो हाथ अपनी चूचियों पर रखती हैं तो इसकी सलवार जिसका नाड़ा पहले ही खुल चुका था सरक कर नीचे आती हैं और उसकी काले रंग की पेंटी नजर आ जाती हैं जिसमें उसकी भारी और उभरी हुई गांड़ समाए नहीं समा पा रही थी ।
काम्या जोर जोर से हंसते हुए माही का मजाक उड़ाती है और बोलती हैं कि अब मजा आया कि नहीं ।
माही की हालत ऐसी मानो काटो तो खून नहीं और वो बोखलाहट के मारे अपनी सलवार उपर उठाती है जिससे उसकी चूचियां फिर से नंगी हो जाती हैं जिन्हें देख कर काम्या की फिर से हंसी छूट जाती हैं । माही को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे तो वो चुपचाप शर्म के मारे आंखे बंद कर लेती हैं । काम्या आज पहली बार उसके नंगे जिस्म को ध्यान से देखती हैं तो नारी स्वभाव के कारण उसे जलन होने लगती है। उपर के नीचे तक पूरी कयामत थी माही । गोल चेहरा, झुकी हुई बड़ी बड़ी आंखे, गुलाब की पंखुड़ियों से नाजुक रसीले होंठ जोकि कुदरती ही पिंक रंग के थे मानो उन्हें लिपिस्टिक लगा दी गई हो, लंबी पतली गर्दन, और उठा हुए सीना, जिसके दोनो तरफ सेब के आकार के उसकी दो ठोस चूचियां, एक दम सही साइज़, और उन पर तने हुए पिंक रंग के निप्पल जो किसी के झुकाए भी ना झुके , मानो उन्हें टाइट खड़े रहने का कोई वरदान मिला हो , सपाट पेट बिल्कुल अंदर की तरफ, पतली कटावदार कमर, सुडौल चिकनी जांघें और गांड़ ऐसी मानो जो बड़े ढोल हो , बिल्कुल उठी हुई और बाहर की ओर निकली हुई ।

इस वक़्त वो काम्या को किसी काम देवी से कम नहीं लग रही थी, काम्या आगे बढ़ती हैं और उसे अपनी बांहों में ले लेती हैं तो शर्म और डर के मारे वो घबराकर तेजी से काम्या के गले लग जाती हैं । जैसे ही दोनो की नंगी चूचियां आपस में टकराती हैं तो दोनो के मुंह से एक मीठी आह निकल जैत हैं और माही उसे और कस के जकड़ लेती है जिस कारण माही की चूचियों को कठोरता का एहसास हुए अपने सीने पर होता हैं और वो उन्हें अपनी चूचियों से दबाने लगती है । माही का तो उत्तेजना के कारण पूरा जिस्म कांप रहा था , काम्या फिर धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ फिराने लगती हैं और उसकी कमर को हल्के हल्के दबाने लगती हैं जिस कारण काम्या की चूत गीली होने लगती हैं ।
तभी वो माही के गालों पर किस करती हैं और उसके चेहरे को पकड़ कर ऊपर उठाती हैं तो माही अपनी नाजुक पलके झुका लेती हैं और काम्या उसके होंठो की तरफ देखते हुए आगे बढ़ती है , जैसे ही काम्या के होंठ माही ले होंठो से टकराते हैं उसका जिस्म रोमांच से भर जाती हैं क्योंकि उसकी जिंदगी का आज पहला किस होने जा रहा था । और वो काम्या से किसी अमरबेल की तरफ लिपट जाती हैं। काम्या प्यार से उसके होंठो को चूमने लगती है , कभी उपर वाले को तो कभी नीचे वाले को। माही भी उसका साथ देते हुए उसके होंठो को चूसने लगती हैं ।
जैसे जैसे किस बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे ही मजा भी बढ़ता जा रहा था। काम्या अपनी जीभ का दबाव उसके होंठो पर बनाती हैं जिससे माही को मुंह खुल जाता है और काम्या अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर घुसा देती हैं जिससे माही के धैर्य का बांध टूट जाता है और वो भी जोश में आते हुए उसके मुंह के अंदर जीभ घुसा देती हैं और दोनो हाथ काम्या के चूतड़ों पर ले जाकर उन्हें दबाने लगती हैं। किस इतना मजेदार होता है आज उसे एहसास हुआ।
फिर काम्या किस तोड़कर थोड़ा नीचे आती है और माही के ठोस चूचियां को अपने हाथो में भर लेती हैं और दबाने लगती हैं जिससे माही की सिसकी की आवाज गूंजने लगती हैं और वो पागलों की तरफ अपनी चूचियों को उसके हाथ पर उभारने लगती हैं । काम्या आगे बढ़ते हुए उसके एक चूची को मुंह में भर लेती हैं और चूसने लगती है ।
माही का बुरा हाल हो गया था मजे के कारण , निप्पल पर जीभ का एहसास ऐसा मजा देता है उसे सपने में भी उम्मीद नहीं थी ।
माही : आह उफ्फ है भगवान , कितना आनंद हैं , और जोर से चूसो , खा जाओ भाभी । उफ्फ मर डालो आज तो मुझे । "
उसकी सिसकियां सुनकर काम्या जोश में आते हुए उसकी चूची को पूरा मुंह में भर कर चूसने लगती हैं जिसका असर सीधे माही की चूत पर होता है और उसकी पेंटी गीली हो गई थी। काम्या अब इसके निप्पल को चूसने लगती हैं जिससे माही के मजे की कोई सीमा नहीं थी , वो तो जैसे स्वर्ग में थी।
तभी काम्या नीचे आते हुए अपनी धीरे धीरे उसकी पेंटी जो कि पूरी गीली हो चुकी थी उसे निकाल देती हैं जिसका माही कोई विरोध नही करती और अपनी टांगे उठा कर उसका सहयोग करती है।
काम्या उसकी जांघ पर फैले उसके चूत रस को जीभ से चाट लेती है जिस कारण काम्या का गला सूख जाता है । और काम्या अगला हमला करते हुए उसकी चूत पर एक जोरदार किस करती हैं और फिर उसकी जांघो पर जीभ फिराने लगती हैं। चूत पर पहली बार हुआ जीभ का एहसास माही को दिन में तारे दिखा गया था। उसका रोम रोम सुलग उठा था, कितना सुखमय था वो एहसास , लेकिन काम्या ने अपने होठ हटा लिए और थे जिससे माही तड़प उठी थी । काम्या उसकी चूत के पास आती चूसते हुए और माही का बदन कांप जाता की अब उसके चूत वो चुसेगी लेकिन काम्या फिर से अपने होठ हटा लेती और जांघ चाटने लगती। माही का सब्र टूट चुका था, उससे अब बर्दाश्त नहीं होता और वो काम्या का सिर पकड़ कर अपनी चूत से चिपका देती हैं। काम्या तो जैसे इसी इंतजार में थी।
चूत पर लिप्स पड़ते ही माही अपनी टांगो को पूरा खोल देती हैं जिससे काम्या आराम से उसकी चूत चूसने लगती है। वो जीभ को पूरी लंबाई में उपर से नीचे घुमा रही थी । माही का जिस्म उछलने लगा था जिसे काम्या बाद मुश्किल से दबा रही थी । पूरे कमरे में माही की मस्त सिसकियां गूंज रही थी।
काम्या: आह आह उफ्फ , मर डाला री आज तो, और चूसो , चाट जाओ पूरी।
काम्या दोनो हाथ से उसकी चूत के होंठो को फैलाती है और एक उंगली चूत के छेद पर जैसे ही रखती है तो माही उसका हाथ पकड़ लेती हैं और बोलती हैं: आह आह नहीं भाभी उंगली मत डालो । आजतक नहीं डाली मैंने । में चाहती हूं कि सबसे पहले लौड़ा ही घुसे मेरी चूत में । "
काम्या उसकी बात मान लेती हैं और फिर से उसकी चूत चूसने लगती हैं । और चूत के लिप्स को खोलती हैं तो उसे काफी ताकत लगानी पड़ती है क्योंकि चूत बहुत टाइट थी। लिप्स पुट की आवाज के साथ खुल जाते हैं और उसकी थोड़ी सी जीभ चूत के अंदर घुस जाती हैं ।
जैसे ही जीभ उसकी चूत कि अनछुई दीवारों को रगड़ती हुई अंदर घुसती है तो दर्द के मारे माही का सारा शरीर अकड़ जाता है और उसका मुंह खुल जाता है और एक दर्द भरी आह उसके मुंह से निकाल जाती हैं। माही की चूत एकदम गरम थी जिस कारण काम्या की जीभ भी जल रही थी । काम्या को लग रहा था जैसे उसने अपनी चूत किसी गरम भट्टी में घुसा दी हो। जैसे ही काम्या उसकी चूत कि दीवारों को चाटना शुरू करती हैं माही उत्तेजना के कारण पागल हो जाती हैं और उसका खुद पर कोई काबू नहीं रहता । काम्या की खुरदरी जीभ उसकी चूत को रगड़ रही थी जिस करण माही मस्ती से उछल पड रही थी। उसकी गान्ड अपने आप काम्या के मुंह पर दबाव बना रही थी और माही मस्ती में आते हुए सिसकती हैं :
माही: उफ्फ , आह आह ,ओह नो , कितना सुखद हैं ये सब, रगड़ रगड़ कर चाटो काम्या मेरी जान। अगर मुझे पता होता इतना मजा आएगा तो में तो कब से चटवा लेती। "
पूरे कमरे में माही की मस्ती भरी सिसकारियां गूंज रही थी । काम्या और जोर से उसकी चूत चाटने लगती हैं , तो माही के मजे की कोई सीमा नही थी। वो जो जी में आए रहा था बडबडा रही थी। मस्ती के कारण फिर से उसकी आंखो बंद हो चुकी थी । माही अपने एक निप्पल को हाथ से पकड़ कर मुंह में भर लेती हैं और चूसने लगती हैं । माही इस वक़्त पूरी तरह से पागल हो चुकी थी और काम्या की जीभ लगातार अपना कमाल दिखा रही थी। माही की चूत में बाढ़ सी आयु हुई थी जिसे काम्या चट करती जा रही थी ।
माही उसके सिर को पकड़ कर अपने चूत पर दबा रही थी और काम्या जोर जोर से उसकी चूत चूस रही थी । माही की गांड़ उपर नीचे उछल रही थी , उसका पूरा जिस्म मस्ती से भर रहा था। तभी उसकी चूत में हलचल शुरू होने लगती हैं तो वो अपनी चूत को जोर जोर से काम्या की जीभ पर पर मारने लगती हैं और तभी उसे लगता लगता हैं कि मजे के कारण उसकी चूत फट जाएगी और वो काम्या के सिर को पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबा देती हैं और मस्ती के कारण उसका मुंह खुल जाता है : उफ्फ हाय मेरी चूत , आह है भगवान में गई "
और उसकी चूत का बांध टूट जाता है और उसका रस चूत काम रस बहा देती हैं जिसे काम्या चूसती जाती हैं ।
आनंदितिरेक में माही की आंखे बंद हों जाती हैं और वो बेड पर पड़ी पड़ी आन्हे भरती हैं । काम्या तो जैसे निहाल हो गई थी इतनी मस्त चूत को चूस कर और मजे के कारण उसका भी पानी निकाल जाता हैं और वो माही के चूचियों पर ढह जाती हैं ।

थोड़ी देर के बाद दोनो को होश आता है और नहाकर खाना खाती हैं और माही अपने कमरे में चली जाती है ।और बेड पर लेट जाती हैं । आज उसे एहसास हुआ कि चूत इतना मजा भी से सकती हैं । उफ्फ अगर सिर्फ जीभ घुसने से ही इतना मजा आया हैं तो जब लौड़ा अंदर जाएगा तो वो धन्य हो जाएगी । लौड़ा शब्द ध्यान में आते ही उसे करण का लन्ड याद आ जाता है क्योंकि उसने आज तक सिर्फ एक ही लन्ड देखा था वो भी अपने सगे भाई का। उफ्फ कितना बड़ा और मोटा था वो । कितना भयंकर लग रहा था जैसे कोई अजगर हो , उसे तो यकीन ही नहीं हुआ था कि वो उसकी भाभी की छोटी सी चूत के अंदर घुस गया था पूरा । हाय भाभी कैसे उसे रोज लेती होगी, कितना दर्द होता होगा उन्हें लेकिन वो तो उस दिन खूब मजे से चुदवा रही थी ।
है भागवान , हाय मैं क्या सोच रही हूं , ये सब गलत हैं वो मेरा सगा भाई हैं , मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए ।
और वो सोने की कोशिश करने लगी थी। थोड़ी देर बाद वो गहरी नींद में चली जाती हैं
उधर काम्या की तो जैसे आज लॉटरी निकाल गई थी। उसे रह रह माही की टाइट चूत याद आ रही ही जिसे आज उसने जी भरकर चूसा था । सारा दिन घर के कारण करने के कारण काम्या भी थक चुकी थी और वो भी अपने कमरे में सोने चली जाती हैं।
Mast update bro
 

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शाम को पूरे परिवार की मुलाकात शाम की चाय पर होती हैं । करण चाई पीते हुए : इतनी अच्छी चाई किसने बनाई है ?
माही खुश होते हुए : भैया सिर्फ एक में तो इतनी अच्छी चाय बना सकती हूं इस घर में "।
भाई मेरा इनाम कहां हैं अच्छी चाय बनाने का ?
करण : मिल जाएगा जल्दी है । उसके ही बारे में बात करते हैं ।मैंने आज पूरे दिन बहुत गहन विचार किया और आखिरकार मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि हमे एक अच्छा सा लड़का देख कर माही की शादी कर देनी चाहिए "
इस बात से जहां एक ओर समर, राम्या और काम्या के चेहरे खुशी से खिल जाते है वहीं माही उदास हो जाती हैं और बोलती हैं : मुझे नहीं करनी शादी अब । जो मेरी किस्मत में था हो गया ।
काम्या: लेकिन किस्मत बदल भी तो सकती हैं माही । जरूरी नहीं कि इंसान हादसों के बाद जीना छोड़ दे।"
करण: मेरी बात समझने की कोशिश करो , में को भी कर रहा हूं तुम्हारे अच्छे के लिए कर रहा हूं
माही: में आपकी सब बात मानने के लिए तैयार ही भाई लेकिन शादी नहीं करनी मुझे किसी भ शर्त पर । ये मेरा फाइनल निर्णय हैं "
और इतना बोलने के साथ ही उसकी रुलाई फुट पड़ती हैं और वो अपना चेहरा छुपा कर उपर भाग जाती हैं।
सभी अवाक से उसे देखते रह जाते हैं और वो सब भी उदास हो जाते हैं । माहौल एक दम गंभीर हो चुका था, कोई कुछ नहीं बोल रहा था तभी काम्या पहल करती है: राम्या तुम मेरे साथ किचन में चलो और मेरी हेल्प करो।
समर तुम ये कुछ जरूरी सामान ले कर बाजार से आओ। "
और उसके हाथ में एक लिस्ट थमा देती हैं ।
और फिर करण की और देखते हुए : आप जाइए और माही को मनाए , और जब आप नीचे आए तो वो आपके साथ मुस्कुराती हुई आनी चाहिए । "
करण धीरे धीरे भारी क़दमों से उपर जाता है और पूरी हिम्मत समेट कर माही का डोर नॉक करता है तो अंदर से कोई उत्तर नही आता।
करण: माही प्लीज़ गेट खोल,
माही सिसकते हुए : जाइए आप , मुझे नहीं करनी शादी,
करण: अरे पहले दरवाजा तो खोल, बैठकर आराम से बात करते हैं"
माही: नहीं मुझे कोई बात नहीं करनी आपसे। मैं क्या आप पर बोझ बन गई हूं
और ऐसा बोलकर जोर जोर से रोने लगती हैं ।
करण: अच्छा जो तू कहेंगी वो ही होगा , लेकिन प्लीज़ प्लीज़ गेट तो खोल"
माही: नहीं पहले मेरी कसम खाओ आप ।
करण कुछ दी सोचता हैं और और बोलता हैं ठीक है माही तुम्हारी कसम। जो तुम चाहोगी वो ही होगा लेकिन मेरी प्यारी गुड़िया अब तो दरवाजा खोल।
माही खुश होते हुए दरवाजा खोल देती हैं, करण देखता है कि उसका पूरा चेहरा आंसुओ से भीग गया था और रोने के कारण आंखे लाल हो गई थी।
वो आगे बढ़कर उसे गले लगा लेता और उसकी पीठ थपकने लगता हैं तो माही की रुलाई फुट जाती हैं और वो करण को जोर से अपनी बांहों में भरकर रोने लगती हैं
करण का भी मन भारी हो जाता है और उसकी आंखो में भी आंसू आ जाते हैं लेकिन वो खुद को संभालते हुए : मत रो मेरी बहन, मै तुम्हारी आंखों में आंसू नहीं देख सकता , और उसका आंसुओ से भीगा हुआ चेहरा ऊपर उठाकर उसके आंसू पीने लगता हैं तो माही अपने भाई का प्यार देख कर खुश हो जाती हैं और खुशी के मारे उसको कस कर अपने आप से चिपका लेती हैं और अपने आंसू रोकने लगती हैं

करण उसकी कमर को ऐसे ही सहलाता रखता है, माही के ज्यादा जोर से चिपकने के कारण उसकी बूब्स करण के सीने में गाड़ गए थे और उनके कठोर निप्पल उसे अपने सीने में चुभते हुए महसूस हो रहे थे। उफ्फ कितने बड़े और मस्त हैं उसकी बहन की चूचियां । जैसे ही उसे रात का दृश्य याद आता है तो उसकी आंखो के सामने माही की नंगी चूची आ जाती हैं, जिसका असर सीधे उसके लन्ड पर होता है और वो अपना सिर उठाना शुरू कर देता है ।
वो एक हाथ से धीरे धीरे उसकी कमर सहला रहा था । माही की रुलाई पूरी तरह से रुक चुकी थी । अब कमर पर घूमता उसके भाई का हाथ उसे अच्छा लग रहा था।
माही की नाजुक और चिकनी कमर का एहसास पाकर उसका लन्ड अब बुरी तरह से अकड़ गया था जो अब माही चूत पर अड़ा पड़ा था। जैसे ही करण के लन्ड का एहसास उसे अपनी चूत पर होता है उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं वो शर्म के मारे करण से और जोर से चिपक जाती हैं जिस कारण लन्ड उसकी चूत को अच्छे से रगड़ रहा था। इस कामुक रगड़ से उसके मुंह से आहत निकाल जाती हैं जिसे करण साफ सुनता हैं और वो जोश में आते हुए अपने दोनो हाथ सलवार के उपर से ही उसके उठे हुए भारी चूतड़ों पर के जाता है और उन्हें दबा देता है जिसका सीधा असर माही की चूत पर होता है और उसमें तरंगे उठने लगती हैं ।
तभी करन दोनो हाथो से उसका चेहरा ऊपर उठाता है और पहले उसकी आंखो में देखता है तो और फिर उसके नाजुक सेक्सी लिप्स को देखता है और अपने होंठो पर जीभ फिराने लगता है ।
जैसे ही माही उसकी नजरो का पीछा करती हैं तो उसे एहसास हो जाता है कि उसके भाई की नजरे उसके लिप्स पर हैं तो वो शर्म से पानी पानी हो जाती हैं और वो अपनी जीभ निकाल कर अपने होंठो को गीला करती हैं और अपनी नजरे झुका लेती हैं और उसकी छाती में घुसे बरसाने लगती हैं ।
करण को ग्रीन सिग्नल मिल गया था।
वो बेसब्री से उसका चेहरे उपर करता हैं और अपने प्यासे जलते हुए लिप्स को अपने बहन के नाजुक, कामुक और रसीले होंठो से चिपका देता हैं । जैसे ही माही को अपने होती पर अपने भाई के होंठो का एहसास होता है उसकी सांसे जैसे रुक सी जाती हैं और वो अपनी चूत को बुरी तरह से उसके पूरे तरह से खड़े हुए लन्ड पर रगड़ती हैं और उसके होंठो को चूमती हुई कमरे से बाहर भाग जाती हैं ।
जैसे ही माही बाहर आती हैं अभी हुए हादसे को याद करके उसके होंठो पर स्माइल आ जाती हैं और वो भागते हुए नीचे आ जाती हैं । जैसे ही काम्या उसके होंठो और मुस्कान देखती हैं तो वो भी खुशी के मारे उसे अपने गले लगा लेती हैं ।
उधर जैसे ही माही उसकी बांहों से निकल कर बाहर जाती हैं उसे जैसे होश आता है और सोचता हैं कि ये भगवान है क्या हो गया।
ऐसा नहीं होना चाहिए था वो मेरी सगी बहन हैं ।
तभी उसे अपने खड़े हुए लन्ड का एहसास होता है जो कि पेंट के उपर से साफ नजर आ रहा था और पूरी तरह से अकड़ा हुआ था , उसे हैरानी होती है तभी उसे माही की हरकत याद आती हैं कि कैसे उसने खुद अपनी चूत को उसके लन्ड पर दबाया था और अपने होंठो पर जीभ फिराकर उसे ग्रीन सिग्नल दिया था। उफ्फ कितने गरम थे उसके होंठ , मानो जलते हुए अंगारे हो और साथ ही साथ कितने रसभरे थे। काश मैं अच्छे से चूस पाता।
और ऐसा सोचते हुए उसका लन्ड पेंट में ऐसे उछलता है जिसे उसे फाड़कर बाहर आ जायगा।
करण उसे हाथ से हल्के से दबाता हैं और बोलता हैं कि थोड़ा सब्र किया कर लन्ड महाराज । वो मेरी बहन कि चूत हैं "
लेकिन लन्ड को क्या फर्क पड़ता है चूत होनी चाहिए चाहे वो मा की हो या बहन की उसका काम तो बस चोदना होता है ।
31109
Nice update bro
 

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उधर समर बाजार जाता हैं और काम्या ने हो सामान कि लिस्ट दी थी उसके हिसाब से सारा सामान्य खरीद कर घर की तरफ वापिस लौट पड़ता है , आस उसका भी मन उदास था अपनी बुआ के आंसू देखकर । माही उसे कितना प्यार करती हैं , उसकी हर ख्वाहिश पूरी करती हैं , जब उसे किसी चीज की जरूरत होती है तो वो चुपके से माही को बोलता था और माही उसकी मदद कर देती थी, लेकिन आज जो कुछ हुआ घर पर उससे माही को कितना दुख हुआ इसका अंदाज़ा वो लगा पा रहा था ।
समर सोचता है कि अगर उसकी बुआ शादी नहीं करना चाहती तो कोई बात नहीं लेकिन जब तक वो जिंदा हैं अपनी बुआ का ख्याल रखेगा ताकि वो खुशी से रह सके।
इसी उधेड़बुन में डूबा हुआ वो घर पहुंचता है तो देखता हैं कि खाना बन चुका था वो सभी लोग उसका ही इंतजार कर रहे है । वो जल्दी से फ्रेश होकर आता हैं और डायनिंग टेबल पर बैठ जाता है अपनी प्यारी बुआ के पास जो को अब उससे खुश नजर आ रही थी, उसका मतलब पापा ने उसे मना लिया है ।
सभी खाना शुरू करते हैं और माही की माही उपर नहीं उठ रही थी क्योंकि उसके ठीक सामने करण बैठा हुआ था, अभी उपर रूम में को उनके बीच हुआ था उससे सोच सोच कर उसे शर्म आ रही थी कि उसका भाई क्या सोच रहा होगा उसके बारे में । ये सब सोचकर उसका मन खाने में नहीं लग रहा था।
समर: बुआ देखो ना पनीर की सब्जी कितनी अच्छी बनी हैं आप खाओ इसे भी ," और इतना कहकर वो उसकी प्लेट में सब्जी निकाल देता है ।
माही : नहीं समर , मुझे ज्यादा भूख नहीं हैं ,
काम्या: इसका मतलब करण तुम्हे ठीक से नहीं मना पाए हैं " ।
और काम्या गुस्से से करण की तरफ देखते हुए: क्यों जी आपको जो काम दिया था अच्छे से क्यों पूरा नहीं हुए " मेरी रानी अब तक नाराज क्यों हैं " ।
करण के कुछ बोलने से पहले ही माही बोल पड़ती है : नहीं भाभी, में बिल्कुल खुश हूं , भैया को कुछ मत कहो आप ।
काम्या: देखो कितना प्यार करती हैं अपने भाई से , इनको कोई कुछ भी कहे तो जलन होती है इसे" ।
और काम्या के ऐसे बोलते ही सब खिलखिलाकर हंस पड़ते हैं तभी समर आगे आता है और अपने हाथ में खाने का निवाला बनाता है और बोलता हैं कि अपनी बुआ को मैं खुद अपने हाथ से खाना खिलाऊंगा ।
और ऐसा बोलकर वो निवाला उसके मुंह के पास लेकर जाता है तो माही खुशी के मारे अपने होठ खोलती हैं और निवाला खा लेती हैं , समर जैसे ही दूसरा निवाला बनाता है माही उसे मना करती हैं और बोलती हैं कि मैं खुद खा लूंगी । लेकिन समर नहीं मानता और उसे फिर से खाना खिलाता है ।
समर के बाद बाद काम्या और राम्या भी उसे अपने हाथ से खाना खिलाती है और माही परिवार का इतना प्यार दिल कर उसका दिल भर आता हैं और आंखे नाम हो जाती हैं ।
काम्या : अजी आप भी खाना खिलाओ माही को , आ जाओ"
करण आगे आता है और निवाला बनाकर जैसे ही अपने हाथ उसके मुंह के पास ले जाता हैं तो दोनो की आंखे टकरा जाती हैं और दोनो के होंठो पर एक स्माइल आती हैं और माही अपने प्यार होंठो को खोल देती हैं और जैसे ही करण की उंगलियां उसके लिप्स से टकराती हैं माही के बदन के तार झनझना जाते हैं और वो निवाला अंदर ले लेती हैं और जैसे ही करण अपना हाथ बाहर करता हैं तो माही उसकी हाथ में काट लेती हैं तो करण के होंठो से एक दर्द भरी आह निकल जाती हैं जिस पर सब हसने लगते हैं और करण भी मुस्कुरा पड़ता हैं ।
काम्या: बहुत अच्छा लिया माही , आज इनकी वजह से ही तुम्हारा दिल दिखा और तूने अपना बदला ले ही लिया "।
माही मुस्कुराते हुए: अगर आज के बाद किसी ने मेरी शादी की बात करी तो उसके हाथ में नहीं काटूंगी बल्कि उसे कच्चा चबा जाऊंगी ।
और ऐसा बोलकर अपने दूध से गोरे दांत बाहर निकाल लेती है जैसे सब को डरा रही हो ।
काम्या और राम्या का तो हंसी के मारे बुरा हाल हो चुका था तो समर की भी हालत कुछ जुदा नहीं थी। हान करण बीच बीच में हंस रहा था।
ऐसे ही हंसते हंसते वो सभी खाना कहते हैं । घर के माहौल फिर से खुशनुमा बन चुका था। खाना खाने के बाद राम्या और माही किचन में चली जाती है और करण बाहर घूमने चला जाता है ।
काम्या और समर बाहर बने हॉल में आ जाते हैं और टीवी देखने लगते हैं ।
सामर: मा आज के बाद बुआ को कोई कुछ नहीं कहेगा। देखो आज वो कितना रोई हैं
काम्या : हां बेटे , मुझे भी बहुत दुख हुए उसकी आंखो में आंसू देखकर । लेकिन बेटा तेरे पापा ने भी तो ये बात माही के भले की लिए ही कहीं थी। अब हम दोनों कौन सा हमेशा बैठे रहगे, भगवान ना करे कल कुछ हो गया तो माही की ध्यान को रखेगा ?
समर जल्दी से अपनी मा के होंठो पर उंगली रख देता है : खबरदार जो आज के बाद ऐसे अशुभ शब्द आपकी जुबान पर आए तो" ।
और ऐसा बोलते हुए अपनी मम्मी की बांहों में भर लेता है और उसके चेहरे पर किस करने लगता हैं ।
काम्या भी उसे अपने गले लगा लेती हैं और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगती हैं ।
काम्या: बेटा आज की बात और हैं कल तेरी शादी के बाद तेरी पत्नी को अगर माही का घर में रहना पसंद नहीं आया तो , तब ?
समर कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाता है वहीं दूसरी तरफ माही किचन से आ चुकी थी लेकिन जैसे ही उनकी बाते सुनती है तो वहीं रुक जाती हैं ।
समर काफी गंभीर हो जाता है। और फिर जैसे को फैसला करता है ।
समर: मम्मी मैं आपके सिर पर हाथ रखकर कसम खाता हूं कि ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि मैं शादी ही नहीं करूंगा । "
और ऐसे बोलते हुए अपने हाथ को काम्या के सिर पर रख देता है। काम्या की तो जैसे बोलती बंद हो जाती हैं ।उसका दिल तपड उठता है समर के शब्दों को सुनकर । वहीं दूसरी तरफ जैसे ही गेट के पास खड़ी माही समर के ये शब्द सुनती हैं उस जैसे लकवा मर जाता है और वहीं फर्श पर बैठ जाती हैं , उसके दिमाग में काम करना बंद कर दिया था।
काम्या: नहीं बेटा ऐसे नहीं बोलते, तू अभी बच्चा हैं , अपनी कसम वापिस ले ले ।
समर: मा एक राजपूत अपनी जुबान से पीछे नहीं हटता चाहे उसकी जान ही क्यों ना चली जाए"।
समर ऐसे बोलता हैं जैसे वो अपना आखिरी फैसला सुना चुका हैं । काम्या की तो जैसे आवाज ही नहीं निकल रही थी। बस उसकी आंखों से लगातार आंसू बहे जा रहे थे। समर आगे उसे फिर से अपने गले लगा लेता है और चुप कराने लगता हैं और उसके आंसुओ को अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगता है ।
अपने बेटे का प्यार देखकर के आंसू हल्के पड़ने लगते जाऊं और वो जोर से समर को अपने गले लगा लेती हैं और उसके गालो को चूमती है जैसे उस पर अपना सारा प्यार लूटा देना चाहती हों ।
समर: मा आप एक वादा करो मुझसे की आज के बाद हम इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे और ना ही आप घर में किसी को मेरी कसम के बारे में बताओगे ।
माही बुआ को कभी ये बात पता नहीं लगनी चाहिए वरना उन्हें बहुत दुख होगा । "
काम्या: ठीक है बेटा मैं कभी किसी को नहीं बताउंगी ।
माही जैसे ही ये सब सुनती हैं उसका दिल रों पड़ता है और उसकी आंखों से पानी निकलने लगता हैं , और वो रोते हुए तेजी से अपने उपर बने कमरे में चली जाती हैं और कमरा अंदर से बंद कर लेती हैं ।
माही के आंसू आज रुक ही नहीं रहे थे , है भगवान ये सब क्या हो रहा है मेरी वजह से , आखिर मुझे क्यों सबके दुख का कारण बनाते हो बार बार ! मेरी ज़िन्दगी में खुशी ना हो तो ना सही लेकिन समर की खुशी क्यों मेरी वजह से बर्बाद होगी।
कहां जाऊं मैं, क्या करू , कुछ समझ नहीं आ रहा है ।
और ऐसा बोलते हुए जोर जोर से रोने लगती हैं ।
उधर करण बाजार से वापिस आ गया था और राम्या भी किचन का काम करके वापिस हॉल में आ जाती हैं । जैसे ही राम्या और कारण आते हैं तो समर और काम्या दोनो एक दम नॉर्मल नजर आते हैं जैसे अभी वहां कुछ हुए ही नहीं था।
तभी करण चाई की गुज़ारिश करता हैं और राम्या एक दम से बोलती हैं कि माही बुआ से अच्छी चाई कोई नहीं बनाता ।
करण: लेकिन माही हैं कहां , जा देख राम्या कहीं अपने रूम में तो नहीं हैं , बुलाकर ला उसे।
और इतना सुनते ही राम्या उपर आती हैं और माही के गेट के बाहर आवाज लगाती हैं : बुआ चलिए आपको नीचे पापा बुला रहे हैं , ।
माही जैसे ही ये सुनती हैं वो पूरी हिम्मत करके अपने आंसू को रोकती हैं और अपना चेहरा साफ करती हैं और गेट खोलकर उसके साथ नीचे आ जाती हैं ।
करण उसे देखते हुए ': आइए हमारे घर के मशहूर रसोइया , जो सबसे अच्छी चाई बनाती हैं सबके लिए चाई लेकर आए" ।
ये सुनते ही राम्या जोर जर से हसने लगती हैं और ना चाहते हुए भी समर, काम्या और माही के होंठो पर एक फीकी सी मुस्कान आ जाती हैं ।
माही चाई बनाकर ले आती हैं और सभी साथ में चाई का लुत्फ लेते हैं और फिर सभी सोने ले लिए अपने कमरे में चले जाते हैं ।
माही , समर और राम्या का कमरा उपर था जबकि करण और काम्या नीचे सोते थे।
Nice update
 

Siraj Patel

The name is enough
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Sr. Moderator
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354
Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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