• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 29 44.6%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 21 32.3%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 15 23.1%

  • Total voters
    65

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
5,854
6,122
173
शाम को सबके जाने के बाद वर्षा, रूबी और अनुराग ड्राइंग रूम में बैठे थे। प्रैम में रूबी क बच्चा लेटा हुआ था। कुछ देर बाद उसने रोना शुरू कर दिया।
रूबी बोल पड़ी - ओह्ह , लगता है बाबू भूखा है। सुबह से इसे बोतल से ही दूध दिया है।
वर्षा - ओह्ह , बात चीत में बच्चों पर ध्यान ही नहीं गया। पीला दे उसे।
दोनों बहने अनुराग के मौजूदगी में ये बात कर रही थी। ये कोई बड़ी बात भी नहीं थी। पर अनुराग के लिए ये उत्तेजित करने वाली बात थी। सुबह से वो भी भूखा था। और उसे पता नहीं था कितने दिनों तक और भूखा रहना पड़ेगा।
रूबी उठी और बच्चे को उठाकर कमरे की ओर चल पड़ी। उसके पीछे पीछे वर्षा का बेटा भी चला गया।
उनके जाते ही अनुराग ने बच्चे सा मुँह बनाया और वर्षा को बोला - भूख तो मुझे भी लगी है।
वर्षा - चुप ही रहिये। अब तो आपको भूखा ही रहना पड़ेगा।
तभी कमरे से वर्षा का बेटा भागते हुए आया और बोला - मम्मा , मुझे भी भूख लगी है। दुद्धू दो न।
वर्षा - लीजिये , ये भी भूखे हैं।
उसका बेटा वहीँ उसके दुप्पट्टे को खींचने लगता है। पर वर्षा उठ कर बोली - चलो।
अनुराग - कहाँ जा रही हो ?
वर्षा - आप भूल गए घर में अब कोई और भी है।
अनुराग मन मसोस कर रह गया। वर्षा अंदर कमरे में चली गई जहाँ रूबी अपने बेटे को दूध पीला रही थी। उसने अपना कुरता एक साइड से उठा रखा था और बच्चे को दूध पीला रही थी।
वर्षा को देखते ही रूबी बोली - इन्हे भी पीना था।
वर्षा - हाँ। बड़े हो गए हैं पर इन्हे भी पीना है।
रूबी - बड़ों को पीने में ज्यादा मजा आता है।
वर्षा चौंक कर बोली - क्या मतलब ?
रूबी - अरे दीदी , इसके पापा को भी ~~~ कह कर रूबी चुप हो गई।
वर्षा हँसते हुए - ओह्ह। तभी तेरे इतने बड़े हो गए हैं। रितेश जी अब काफी कुछ मिस करेंगे।
रूबी - हाँ यार , मेरे कुछ ज्यादा ही बड़े हो गए हैं। हर दम दूध भरा रहता है। बहुत दिक्कत होती है। संभाले नहीं संभाले जाते।
वर्षा - हाँ , दूध से भरे होने पर दिक्कत तो होती है। मुझे तो ब्रा पहनने में भी उलझन होने लगती है।
रूबी - मैं ब्रा ना पह्नु तो लगता है गिर जायेंगे। तुम संभल लेती हो बड़ी बात है। वैसे सुबह तुम्हे देख कर लगा की सिर्फ ब्रा ही नहीं पैंटी पहनने में भी दिक्कत होती है।
वर्षा - ओह्ह वो । यार रात को थोड़ा फ्री होने का मन करता है। सुबह उठकर अब कौन पहने।
रूबी ने आँख दिखाते हुए कहा - तभी पापा के सामने भी वैसे ही रह लेती हो।
वर्षा - अरे यार , पापा हैं। उन्होंने हमें हर हाल में देखा है। भूलो मत। इतना मत सोचो।
रूबी - हम्म।
वर्षा - तू घर में ऐसे रहती है ? अगर रितेश भी डिमांडिंग हैं तो तेरा टाइम तो पहनने उतरने में ही निकल जाता होगा।
रूबी - ही ही ही ही । दिक्कत तो है। कमरे में तो अक्सर टॉपलेस ही रहना पड़ता है। तुम भी तो अपने यहाँ वैसे ही रहती होगी।
वर्षा दुखी होते हुए - कहाँ। तेरे जीजा को कोई शौक ही नहीं है। किसी तरह ये बच्चा गोद में दे दिया है। बस।
रूबी - हाँ कुछ कुछ तो नैना भी कह रही थी। सब ठीक है न ?
वर्षा के आँखों में आंसू आ गए। उसके मुह से सिकियाँ निकलने लगीं।
रूबी - अरे दीदी , ये क्या ? चुप हो जाओ। तुम्हे दुखी करने का मेरा कोई इरादा नहीं था।
वर्षा सिसकते हुए बोली - तेरी कोई गलती नहीं है। मेरी किस्मत ही ख़राब है। कोई क्या कर सकता है।
रूबी के बेटा सो चूका था। उसने उसे बिस्तर पैर लेटा दिया। वर्षा का बेटा उसके गोद से उतर गया और भाग कर ड्राइंग रूम में गया और अनुराग से बोला - नानू , मम्मा रो रही है।
अनुराग भाग कर कमरे में गया। उसने वर्षा को रोते देखा तो बोला - क्या हुआ ?
अनुराग को देख कर दोनों चौंक गईं। दोनों के कपडे तितल बितर थे। दोनों ने अपने कपडे ठीक किये।
वर्षा - कुछ नहीं हुआ। आप क्यों आ गए ?
अनुराग - बेटू ने कहा तुम रो रही हो मैं चला आया। क्यों रो रही हो।
रूबी - कुछ नहीं पापा। बस ऐसे ही दीदी के ससुराल की बात चली तो दीदी दुखी हो गई।
अनुराग समझ गया। उसे गुस्सा आए गया - उसके ससुराल की चर्चा क्यों छेड़ी । उन नालायकों की बात मत करना। मेरी फूल सी सुन्दर बेटी की कदर नहीं है उन्हें। हीरा मिला है उन्हें पर समझ नहीं सकते। मैं कुछ ही दिनों में सब फाइनल करने वाला हूँ। मैं अपनी बेटी को ुखी नहीं देख सकता।
अनुराग के इस रूप और इन बातों को सुन रूबी चौंक गई। उसे अंदाजा नहीं था की अनुराग को ये सब पता होगा। उसे ये तो बिलकुल ही उम्मीद नहीं थी की वो वर्षा को लेकर इतना पोजेसिव होंगे। उसे अनुराग के ऊपर बहुत प्यार आया। उसका मन किया वो जाकर लिपट जाए। पर अभी सही वक़्त नहीं थी।
पर इतना सुनकर वर्षा से नहीं रहा गया। वो अनुराग के सीने से लग गई। अनुरागे ने अपने बाँहों में उसे ले लिया। अनुराग का मन उसे चूमने का कर रहा था पर रूबी थी।
रूबी की आँख भी भर आई - सॉरी दीदी। मुझे माफ़ कर दो।
वर्षा ने रूबी को गले लगा लिया और बोली - अरे कुछ नहीं। तू क्यों बोल रही है।
अनुराग - चलो मैं अब सोने जा रहा हूँ। तुम दोनों भी सो जाओ।
अनुराग अपने कमरे में चला गया। उसे आज कोई उम्मीद नहीं थी। वर्षा ने खुद को संभाला और फिर कुछ देर के लिए बैठ गईं। माहौल बदलने के लिए दोनों ने बचपन की बातें शुरू कर दी। कुछ देर बाद दोनों ने कपडे बदल कर नाइटी पहन लिया। अबकी वर्षा ने अपने अंडर गारमेंट्स नहीं उतारे। सोने से पहले वर्षा बोली - मैं पापा को पानी और दूध देकर आती हूँ।
रूबी - मैं दे देती हूँ।
वर्षा - रहने दे। तू कल से दे देना।
रूबी - ठीक है।
वर्षा किचन में गई और एक ग्लास में दूध और एक जग में पानी लिया और अनुराग के कमरे में चल पड़ी।
अनुराग ने वर्षा को देखा तो बोला - तुम ठीक हो न ?
वर्षा - हाँ। आपका दूध और पानी लेकर आई हूँ।
अनुराग ने मुँह बनाते हुए कहा -आज तो बासी दूध पीना पड़ेगा। पता नहीं ये पचेगा भी की नहीं।
वर्षा - अब आपको इसी से काम चलना पड़ेगा। और हाँ और क्या कह रहे थे की मेरे ससुराल वालो से बात करूँगा ?
अनुराग - कुछ नही। उन सैलून को तेरी कोई क़द्र नहीं है। मैं उनको हड़काने वाला हूँ।
वर्षा अनुराग के गले लग गई और बोली - पापा मेरा वहां जाने का मन नहीं है।
अनुराग ने वर्षा को चूम कर कहा - मेरा भेजने का भी मन नहीं है। तू कहे तो तलाक की बात करूँ ?
वर्षा - नैना ? आप मुझे भी रखेंगे ?
अनुराग - नैना ने ही ये कहा है। वो तुझसे बात करेगी।
वर्षा चौंकाते हुए - अच्छा। वो पागल लड़की है।
अनुराग - सुलेखा जैसी है।
वर्षा - हमम। चलिए। इस बारे में बाद में बात करेंगे। आप दूध ले लीजियेगा। मैं चलूँ वार्ना रूबी पता नहीं क्या सोचेगी ?
अनुराग - अरे क्या सोचेगी ? एक बाप बेटी से बात नहीं कर सकता ? क्या मैं उससे बात नहीं कर सकता ?
वर्षा - अच्छा , आप बेटी से बात कर रहे हैं ? आप मेरे बाप नहीं रह गए हैं।
अनुराग चुप हो गया। फिर बोला - रात में आ जाना।
वर्षा - मैं वादा नहीं कर सकती। अगर नींद खुली और रूबी सोइ रही तो आ जाउंगी।
अनुराग - हम्म्म्म
वर्षा अपने कमरे में चली गई।
Anurag ko bhi chain nahin hai.
 
  • Like
Reactions: sunoanuj
162
149
43
ekdom terrific update,
danshu aur fataka kahaani,
superb writings!
 
  • Like
Reactions: sunoanuj

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
5,854
6,122
173
रात दोनों बहने एक ही कमरे में सोईं। काफी देर तक दोनों में बात चीत होती रही। बचपन की बातें, अनुराग के बीमार होने की बातें। बात चीत करते करते रूबी कब सो गई पता ही नहीं चला पर वर्षा को नींद नहीं आ रही थी। उसकी वजह आज उसके पति और ससुराल वालों की बात भी थी। वो सोच रही थी , कि कितनी ख़राब किस्मत है उसकी कि उसका पति उसकी क़द्र नहीं करता है। पर कमी उसमे नहीं थी , कमी उसके पति में थी। उसका लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। या फिर कोई और प्रॉब्लम रही होगी। वो वर्षा के पास फटकता भी नहीं था। घर वालों का दबाव था जिसकी वजह से किसी तरह सम्बन्ध बना कर बच्चा हुआ। उसके बाद तो उसने उसके पास आना ही छोड़ दिया।

वर्षा कि हालत उसके ससुराल में कोई समझता था तो सिर्फ उसकी सास। उन्हें कुछ कुछ अंदाजा तो लग गया था। उन्हें भी अपने बेटे से नाराजगी थी। शायद उनके पति यानी वर्षा के ससुर भी वैसे ही थी । खानदानी दिक्कत थी। उन्होंने वर्षा को जब मायके में खुश देखा तो उन्होंने बुलाने कि जिद्द भी नहीं की। वर्षा ने एक आध बार अलग होने की बात की तो उन्होंने चुप्पी लगा ली थी जो एक तरह से मौन सहमति ही थी। वर्षा के मन में अलग होने के लिए थोड़ा संशय था पर आज जब उसने अपने पिता के मुँह से सुना की वो उसका ख्याल रख सकते है और वापस भेजना नहीं चाहते है तो उसका निश्चय पक्का हो गया। उसे अंदाजा नहीं था अनुराग उसे इतना प्यार करते हैं। अब वो उन्हें छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी।
अनुराग की याद आते ही उसके पेट के नीचे हलचल होने लगी। उससे ज्यादा उसके सीने में भारीपन होने लगा। उसने घूम कर रूबी की तरफ देखा तो वो सो चुकी थी। रूबी का चेहरा उसकी तरफ था। उसका बच्चा दिवार की तरफ था। सोते समय वो उसे दूध पीला रही होगी उस वजह से उसका टी शर्ट एकदम ऊपर तक था और उसके दोनों स्तन बाहर थे। रूबी सोते समय एक लोअर और पैंट पहनती थी।
जबकि वर्षा सामने से चेन वाली नाइटी। अकसर घर में एक छोटी स्लीव्स में रहती थी जो बड़ी मुश्किल से उसके जांघो तक आते थे। ऊपर एक डोरी के सहारे कंधे से टिके रहते थे। इस कपडे में अनुराग और उसे कभी भी कहीं भी सेक्स करने में सहूलियत रहती थी। रूबी के स्तन वर्षा से बड़े थे। उसका पति उसके स्तन पीता था पर यहाँ अनुराग भी वर्षा के स्तनों से खेलता था। अनुराग ही क्या लता भी खेलती थी। पर रूबी का शरीर शुरू से थोड़ा भरा हुआ था। वो बचपन से गोल मटोल थी। पर शादी से पहले उसने वेट लूज़ किया था। अब बच्चा होने के बाद फिर से उसका शरीर भर गया था। उसके गांड और स्तन सबसे ज्यादा भर गए थे। वर्षा के स्तन थोड़े लटक से गए थेपर रूबी में कसाव था। उसके अलावा रूबी की ख़ास बात ये थी की स्तन के ऊपर का घेरा काफी बड़ा था। उस पर से बड़े बड़े निप्पल।

रूबी की आती जाती साँसों से हिलते स्तनों को देख कर वर्षा का मन किया उसे टच करे पर रूबी के रिएक्शन का अंदाजा नहीं था तो उसने ये विचार छोड़ दिया। फिर उसे अनुराग का ख्याल दोबारा आया और वो धीरे से उठ कड़ी हुई। वो दबे पाँव कमरे से निकली और अनुराग के कमरे की तरफ चल पड़ी।
उधर अनुराग को भी नींद नहीं आ रही थी। वो बिस्तर पर करवटें बदल रहा था। कमरे में आती एक परछाई देखकर अनुराग ने धीरे से कहा - वर्षा ?
वर्षा - श्ससससस। धीरे बोलिये। बड़ी मुश्किल से आई हूँ।
अनुराग फुसफुसाते हुए - रूबी सो गई क्या ?
वर्षा - हाँ।
वर्षा अनुराग के बगल में जैसे ही पहुंची अनुराग ने बेताबी से उसे अपने तरफ खींचा जिससे वो बिस्तर पर गिरते गिरते बची। और उसके मुँह से चीख निकल गई।
चीख सुनते ही रूबी की नींद खुल गई। उसने देखा वरसगा बिस्तर से गायब थी। उसे समझ में आ गया। वो कुछ देर तक लेती लेती सोचती रही क्या करे वो।
उधर वर्षा - क्या कर रहे हो पापा ? आपसे थोड़ा भी सब्र नहीं होता। पता नहीं रूबी जग गई होगी अब तक तो।
अनुराग - क्या करूँ तुझे देख कर बर्दास्त नहीं हुआ।
वर्षा - आप पागल हैं। अभी एक दिन भी नहीं हुआ रूबी को आये हुए और आप इतना बेताब हो गए। आप अपने दिन कैसे काटोगे ?
अनुराग - ऐसे तो मैं दोबारा बीमार पड़ जाऊंगा।
वर्षा - मैं जा रही हूँ। आज रात ऐसे ही काटिये।
वर्षा डर गई थी। वो सच में वापस चली गई। कमरे में पहुंची तो रूबी उठ कर बैठी हुई थी।
रूबी ने वर्षा को देख कर कहा - क्या हुआ ? चीखी क्यों थी ?
वर्षा - अरे यार पानी पीने किचन में गई थी। वहां एक मोटा चूहा था। देख कर डर गई।
रूबी - भगाया की नहीं ? चूहे से तो मुझे भी डर लगता है।
वर्षा - कोशिश तो की। पर कहीं जाकर छुप गया है। सो जा दिन में देखेंगे।
दोनों बहने फिर सो गईं। सुबह एकदम तड़के वर्षा के सीने में दर्द सा उठने लगा। उसके स्तनों में दूध भर चूका था। उसका बेटा तो दूध कम ही पीता था । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने देखा तो रूबी सो रही थी। इस बार रूबी सच में गहरी नींद में थी। वर्षा के सीने में उठता दर्द उसे बेचैन कर रहा था। दूध निकालने या किसी को पिलाने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं था। वो फिर से उठी और अनुराग के कमरे के तरफ चल पड़ी। उसने देखा तो अनुराग ने दरवाजा बंद कर रखा था। शायद उसे रात को गुस्सा आ गया होगा। वर्षा एकदम से रुंआसी हो गई। वो किचन की तरफ चल पड़ी। उसने मज़बूरी में एक भगोना उठाया और चेन खोल कर एक स्तन बाहर निकाल लिया। वो अपने हाथों से अपना दूध निकालने लगी। ऐसा करते करते उसके आँखों में आंसू भी आ गए। उसने काफी समय बाद ऐसा किया था। पंप पहले ही ख़राब हो चूका था। वो सुबकते सुबकते ऐसा कर ही रही थी की तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा। वो डर के पलट गई। देखा तो अनुराग खड़े थे। वर्षा को रोते हुए इस हालत में देख कर उसने वर्षा को गले लगा लिया।
वर्षा धीरे से - आप कैसे जगे ?
अनुराग - मैं सोया ही नहीं था। तुमने जब दरवाजे पर नॉक किया तो मैं गुस्से में था। पर तुम्हारे जाने के बाद दरवाजा खोल कर देखा तो तुम्हे इस हालत में पाया। मुझसे रहा नहीं गया।
वर्षा - आपने दरवाजा बंद क्यों किया ?
अनुराग - गुस्से में था।
वर्षा - अब गुस्सा ख़तम ?
अनुराग ने उसे जोर से बाहों में भींचते हुए कहा - हाँ।
इतने जोर सेदबाने पर उसे फिर से दर्द हुआ। अनुराग - क्या हुआ ?
वर्षा - दर्द से बेहाल हूँ।
अनुराग - चलो मैं निकाल देता हूँ।
वर्षा - अब कमरे में चल कर पी लीजिये।
अनुराग - चलो।
वर्षा और अनुराग दोनों कमरे की तरफ चल पड़े। भगोना और उसमे कप भर का दूध वो भूल चुके थे।
कमरे में पहुँच कर अनुराग ने वर्षा से कहा - अब चीखना मत।
वर्षा - आप कोई हरकत मत करना। चलो चुपचाप बिस्तर पर लेट जाओ।
अनुराग बिस्तर पर लेट गया। वर्षा उसके बगल में उसके तरफ करवट लेकर लेट गई और उसने अपना एक स्तन निकाल कर अनुराग के मुँह में दे दिया और कहा - चुप चाप पी जाओ पापा।
अनुराग - हम्म और फिर अनुराग व्यस्त हो गया।
वर्षा और अनुराग इस कदर लेते हुए थे जैसे लग रहा था अनुराग उसका बच्चा हो और वर्षा उसे दूध पीला रही हो। वर्षा अनुराग के बालों में अपने हाथो फेर रही थी और बीच बीच में उसके माथे को भी चूम लेती।
एक स्तन खली होने के बाद अनुराग ने दूसरा स्तन पीना शुरू कर दिया। वो अपने शरीर को अब वर्षा के शरीर से रगड़ रहा था। उसका लंड अपने विकराल रूप में आ चूका था। दोनों अब उत्तेजित थे। पर वर्षा ने संयम रखा हुआ था। वर्षा होश नहीं खोना चाहती थी। क्योंकि उसे पता था चुदाई के वक़्त उसकी सिसकियाँ निकल ही जाती जिससे रूबी के जागने का पूरा डर था। पर वो अनुराग को रिलैक्स रखें चाहती थी । उसने अनुराग के लुंगी से उसका लंड बाहर निकाल लिया और अपने हाथों से मुठी मारने लगी।
अनुराग ने उसकी तरफ देखा और धीरे से कहा - हाथ से क्यों ?
वर्षा - जो हो रहा है होने दीजिये वर्ण रात वाली हालत हो जाएगी।
अनुराग समझ गया। उसने अपने आपको वर्षा के हवाले कर दिया। वो अब उसके स्तनों से खेल रहा था। वर्षा ने उसे ऐसा करने से मन कर दिया। वर्षा ने अनुराग को सीधा लिटा दिया और कहा - आप मुझे मत छेड़िये वर्ण मेरी सिसकी निकल जाएगी और रूबी फिर से जग जाएगी।
अनुराग - उस समय जग गई थी क्या ?
वर्षा - हाँ। उसने पुछा तो कह दिया किचन में चूहा देख लिया था इस लिए डर के चीख निकल गई।
अनुराग - और अब इस चूहे कप प्यार कर रही हो।
वर्षा - चूहा कहाँ ? ये तो मोटा वाला छुछुंदर से भी बड़ा है। प्यार से काबू करना पड़ता है वर्ण सब तहस नहस कर देगा।
अनुराग - रूबी को भी सीखा दे न इसे काबू करना ।
वर्षा - उसे सब हैंडल करना आता है। बस उसे अपने पापा का हथियार सँभालने का शौख नहीं है । वैसे पापा आपको पता है उसके स्तन बहुत बड़े हैं। मेरे से भी बड़े।
अनुराग - हाँ। तभी तो जीजा भी उसे खा जाने वाले नजरों से देख रहे थे।
वर्षा - हिही , आज तो बुआ की खैर नहीं रही होगी।
अनुराग - उफ़ , खैर तो मेरी भी नहीं है। जरा तेज कर बस होने वाला है।
वर्षा ने हाथों की गति बढ़ा दी। कुछ ही देर में अनुराग के लंड ने एक तेज धार छोड़ दी जो की उसके ऊपर ही गिरी। पर कुछ बुँदे वर्षा के नाइटी पर भी गिरी । वीर्य का स्खलन होते ही वर्षा ने अनुराग को ऍबे सीने से लगा लिया। उसकी चूत ने भी बिना किसी सहारे के धार छोड़ दी थी। शांत होने के बाद वर्षा उठी और बोली - लुंगी बदल लीजयेगा।
वर्षा फिर मुश्कुराते हुए अपने कमरे में जाकर सो गई। रूबी अब भी सो रही थी। वर्षा पूरी तरह से रिलैक्स्ड थी। और अनुराग भी।
पर वर्षा ने सही कहा था। लता के घर में वास्तव में उसकी दशा ख़राब हो चुकी थी। वो अब तक जागी हुई थी क्योंकि शेखर ने सोने नहीं दिया था। उन दोनों की वजह से नैना भी नहीं सोइ थी। पर उनके घर की कहानी अगली बार।
Mast chusai chal rahi hai Baap Beti me.
 
  • Like
Reactions: sunoanuj

Ammijan Khaalajan

New Member
19
9
3
Mast aur lajawab update! ekdom dashing writings!
 

Sheuli Mala

New Member
39
21
8
hot aur kamuk update
 
  • Like
Reactions: sunoanuj

normal_boy

Active Member
1,058
1,606
159
are kya jara sa likh ke chod di... not good
 
  • Like
Reactions: sunoanuj
Top