No Offence Meant to you...but easy to say....no one is "paid" to write stories here...everyone writes as per their own wish and will...Bro. Hope you are doing well..!!!
Story is really awesome. The way you have wrote this.. its totally full of excitement.
But have to mention one more thing.. the most bad part is... Update!. It is ruining excitement.
So bro.. either you update all the part of story in one shot or close this forum. Genuinely people are waiting for ur next update from long time. So its better, update all rest part in one shot. And go for next story.
Sorry if i being rude. But i just wanted to tell you that dont let us wait for ur next update everytime. So pls..
Fantastic updateवर्षा सच कह रही थी , जब से शेखर ने रूबी को देखा था पागल सा हो गया था। रात घर पहुंचते ही शेखर लता को कमरे में सीधे लेकर जाने लगा। ये देख नैना मन ही मन मुश्कुरा उठी। उसने अपने माँ पापा को कुछ छेड़ने को सोचा। जब शेखर लता को लेकर अंदर जाने लगा तो नैना बोल पड़ी - पापा , मुझे माँ से कुछ बात करनी है।
शेखर - कल कर लेना बेटा। मुझे आज तेरी माँ से जरूरी बात करनी है।
नैना - आपको कौन सी जरूरी बात आन पड़ी अभी।
शेखर - तुझे क्या ऐसा डिसकस करना जरूरी है ?
नैना - मुझे रूबी के बारे में बात करनी थी।
शेखर के मुँह से निकल गया - मुझे भी इसी बारे में बात करनी थी।
नैना हँसते हुए - आइये फिर एक साथ ही बात करते हैं।
शेखर - मुझे कुछ अकेले में बात करनी है।
लता इस खेल से तंग आ गई। उसने कहा - साले बाप बेटी को एक ही बात करनी है वो है बड़े चुके वाली रूबी। अरे यहीं कर ले बात। हमारे बीच पर्दा है ही कितना। आपस में सब नंगे तो हो ही चुके हैं।
नैना उठ कर जाने लगी तो लता ने हाथ पकड़ लिया और कहा - बता तुझे रूबी के बारे में क्या कहना था ?
नैना - पहले पापा से पूछो उन्हें क्या कहना था ?
लता - मुझे पता है, इस हवसी को उसके चुके इतने पसंद आ गए हैं वो इसी बारे में डिसकस करेगा। और तो और मुझे रूबी बनाकर चोदेगा भी। तू बता तुझे क्या कहना था।
नैना हँसते हुए - मुझे भी यही कहना था। आज आप रूबी बनकर चुदोगी और ये आपकी गांड भी मारेंगे। इनकी नजर उसके चुके पर ही नहीं गांड पर भी थी।
लता - एक बार सील खुल गई है तो मार लें मुझे क्या।
नैना - हम्म पर एक साथ दोनों होल नहीं भर पाया। आपकी तमन्ना अधूरी रह गई। वैसे रितेश भी आपको खा जाने वाली नजरों से देख रहे थे।
अब शेखर बोल पड़ा - सही में। दामाद जी की नजर इसी पर थी। इतनी मस्त माल हाथ से निकल रही थी तो नजर अपने साली और सास पर गड़ाए था।
नैना - आपके दामाद अपनी सास पर ही नजर गड़ाए रहते हैं।
शेखर - एक तो साला नजर के अलावा लौड़ा भी गड़ा चूका है।
नैना हंसने लगी। उसने कहा - अब आप लोग अपना खेल खेलो मैं चली। और हाँ शोर काम करना मुझे कल क्लिनिक जाना है। गुड नाइट।
शेखर - गुड नाइट।
ये दोनों भी अपने कमरे की तरफ चल पड़े।
कमरे में घुसते ही शेखर ने लता की साडी सीने से हटा दिया और ब्लॉउज के ऊपर से ही उसके चूचे दबाते हुए बोला - मैंने तुम्हारे चुच्चे भी कम नहीं दबाये हैं पर रूबी के लगता है इतने बड़े कैसे हैं ?
लता ने अपनी साडी के तह को पेटीकोट से निकलते हुए कहा - उसके बचपन से बड़े हैं। बस तुमने पहले गौर नहीं किया।
शेखर - हम्म। दूध भर जाने के बाद तो और भीमस्त लग रहे थे। तुमने कहा था की दोनों गायों का दूध पिलाओगी यहाँ तो आज एक मिलने वाली थी पर उसमे भी खेल हो गया।
लता ने अपने कमर को उसके लौड़े के तरफ धकेलते हुए कहा - अरमान तो मेरे भी मारे गए हैं। आज तुम्हे ताजे दूध की चाय मिलती कहाँ वो भी गई। मेरे साथ तो काण्ड हो ही गया।
शेखर ने अपने पेंट के ज़िप को खोल कर लैंड बाहर निकाल लिया और पेटीकोट के ऊपर से ही गांड में धकेलता हुआ बोला - अगर रितेश भी शामिल हो जाए तो जान तुम्हारे तीनो छेद भर जाते।
लता - बाद अब बहती चूत के साथ काण्ड तो हो ही गया।
शेखर - हम्म तो दामाद से चुदने का मन हो ही गया है।
लता - भाई से चुद गई तो दामाद का क्या ?
शेखर ने पीछे से उसके गर्दन को चूमते हुए कहा - वैसे तुम्हारा भाई भी आज नहीं तो कल दामाद भी बनेगा।
लता - हम्म। बस करो। चलो सोने चलते हैं।
शेखर - अभी तो तुम्हारी गांड में खुजली हो रही थी और अब नींद आने लगी ?
लता - भोसड़ी के बेटीचोद , बोल तो ऐसे रहे हो बिस्तर पर चलते ही सो जाओगे। अब गांड तुम्हारे लौड़े से सटी हुई हो और तुम अपने बीवी को किसी और से चुदने का सपना देख रहे हो तो मैं क्या करूँ ?
शेखर ने लता को बिस्तर पर धकेलते हुए गिरा दिया और उसके पिछवाड़े पर जोरदार थप्पड़ मार कर बोला - चिंता क्यों करती हो रानी , गांड भी मरूंगा।
जोरदार थप्पड़ से लता चीख पड़ी और बोली - हरामजादे मारेगा क्या ? ये रूबी की गांड थोड़े ही है।
लता की आवाज सुन कर नैना उनके कमरे में भाग कर आई। हमेशा की तरह उनका कमरा खुला था। कमरे में लता बिस्तर पर औंधे मुँह गिरी हुई थी और शेखर उसके गांड पर थप्पड़ मार रहा था। लता चीख रही थी।
ये देख नैना ने कहा - आप लोगो से से कहा था न धीरे करिये। इतना चीख पुकार क्यों मचा रहे हैं ?
लता - अपने रंडीबाज बाप से बोल कण्ट्रोल रखे वर्ण इसका हाथ और लौड़ा दोनों तोड़ दूंगी।
नैना - रंडीबाजी आपको सूझ रही है। नाटक बंद करिये।
लता - भाग यहाँ से। जब सब पता है तो क्या लाइव ब्लू फिल्म देखने चली आई या फिर उस दिन की तरह रिकॉर्डिंग करके ब्रॉडकास्ट करेगी।
नैना - आप दोनों न भी।
नैना फिर अपने कमरे में चली गई। शेखर एक क्रीम की बोतल लेकर आया और लता के पेटीकोट को उठा के लाल हु चुके गांड पर लगाने लगा।
लता - उफ्फ्फ , पहले थप्पड़ से मार के लाल किया। अब क्रीम लगा रहे हो फिर क्रीम के बहाने गांड मार लोगे। बहुत जालिम हो तुम।
शेखर - माफ़ कर दो जानू। आज बर्दास्त नहीं हो रहा है।
लता - इस्सस अभी ये हालत है तो सच में अगर रूबी के पिछवाड़े पर हाथ फेरने का मौका मिला तो तुम तो उसकी गांड मारने से पहले लौड़ा कटवा लोगे।
शेखर हँसते हुए - जो मिली नहीं उसकी क्या सोचे। वैसे तुम्हारी छोटी भतीजी कड़क है।
लता - कितनी भी कड़क हो , एक दिन तुम्हारे निचे ला कर ही रहूंगी।
शेखर - एक आते आते तो रह गई।
लता - वो दोनों आएंगी। पर पहले जो निचे है उसकी तो ले लो।
ये सुनकर शेखर ने लता को कुतिया की तरह घुटनो और हाथो के सहारे खड़ा कर दिया और उसकी गांड में अपना लैंड डाल दिया। अब लता को गांड मरवाने की आदत हो चुकी थी तो उसे मजा आने लगा था। उस रात शेखर ने लता की गांड भी मारी और चूत भी।
इधर उन दोनों की चुदाई चल रही थी और उधर वर्षा अपने बाप के पास थी। रूबी ने वर्षा को मैसेज किया उसके बाद दोनों बात करने लगीं।
रूबी ने बतायाकि वर्षा अनुराग के पास है। नैना ने कहा - तू कब जाएगी ?
रूबी - देखते हैं। अभी तो पहले उन्हें सताने का इरादा है।
अनुराग और वर्षा के लिए रात थोड़ी अधूरी थी पर जो मिला दोनों उससे ही खुश थे। जब वर्षा वापस कमरे में आई तो रूबी वास्तव में सो चुकी थी।